• HOME
  • AWARDS
  • Search
  • Help
Current time: 29-07-2018, 11:45 PM
Hello There, Guest! ( Login — Register )
› XXX STORIES › Hindi Sex Stories v
« Previous 1 2 3 4 5 6 ..... 61 Next »

Desi कमसिन कलियाँ और हरामी लाला

Verify your Membership Click Here

Pages ( 26 ): 1 2 3 4 5 6 ..... 26 Next »
Jump to page 
Thread Modes
Desi कमसिन कलियाँ और हरामी लाला
arav1284 Offline
Archer Bee
***
Thread Of The Year 1st Place
Joined: 18 Dec 2016
Reputation: 40


Posts: 2,490
Threads: 19

Likes Got: 544
Likes Given: 94


db Rs: Rs 52.33
#1
21-06-2017, 10:24 PM (This post was last modified: 29-07-2017, 10:34 PM by arav1284.)
                           


इस कहानी के मूल लेखक मेरे पसंदीदा लेखकों में से एक है...अशोक  भाई
उम्मीद है  
कहानी आप सभी को जरूर पसंद आयेगी ।
________________________
 Read My Other Stories
________________________
Click On Name
LADLA DEVAR (लाड़ला देवर)(completed) || Mera Jeevan (completed)||भाभियों के साथ गाँव में मस्ती(Completed) ||लंड के कारनामें  (completed) ||"दिल अपना प्रीत परायी"(completed) ||कमसिन कलियाँ और हरामी लाला (Running)||
 •
      Find
Reply


arav1284 Offline
Archer Bee
***
Thread Of The Year 1st Place
Joined: 18 Dec 2016
Reputation: 40


Posts: 2,490
Threads: 19

Likes Got: 544
Likes Given: 94


db Rs: Rs 52.33
#2
21-06-2017, 10:30 PM (This post was last modified: 22-01-2018, 02:21 PM by arav1284.)

पिंकी और निशि,
राजस्थान में एक गाँव के सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 2 अल्हड़, जवान लड़कियाँ ।



बचपन की सहेलियाँ , जो आपस में पड़ोसी भी है.

वो दोनो लगभग भागती हुई सी लाला जी की दुकान पर पहुँची..

पिंकी : ''लाला जी, लालाजी , 2 कोल्ड ड्रिंक दे दो और 1 बिस्कुट का पैकेट , पैसे पापा शाम को देंगे...''

लाला जी ने नज़र भर कर दोनो को देखा
उनके सामने पैदा हुई ये फूलों की कलियाँ पूरी तरह से पक चुकी थी
उन दोनो ने छोटी-2 स्कर्ट के साथ - साथ कसी हुई टी शर्ट पहनी हुई थी..जिसके नीचे ब्रा भी नही थी..

उनके उठते-गिरते सीने को देखकर
और उनकी बिना ब्रा की छातियो के पीछे से झाँक रहे नुकीले गुलाबी निप्पल्स को देखकर
उन्होने अपने सूखे होंठो पर जीभ फेरी..



''अरे, जो लेना है ले लो पिंकी, पैसे कौनसा भागे जा रहे है...जा , अंदर से निकाल ले कैम्पा ..''

उन्होने दुकान के पिछले हिस्से में बने एक दूसरे कमरे में रखे फ्रिज की तरफ इशारा किया..

दोनो मुस्कुराती हुई अंदर चल दी

इस बात से अंजान की उस बूढ़े लाला की भूखी नज़रें उनके थिरक रहे नितंबो को देखकर, उनकी तुलना एक दूसरे से कर रहीं है
पर उनमे भरी जवानी की चर्बी को वो सही से तोल भी नही पाए थे की उनके दिल की धड़कन रोक देने वाला दृश्य उनकी आँखो के सामने आ गया..

पिंकी ने जब झुककर फ्रीज में से बॉटल निकाली तो उसकी नन्ही सी स्कर्ट उपर खींच गयी, और उसकी बिना चड्डी की गांड लाला जी के सामने प्रकट हो गयी...



कोई और होता तो वहीं का वहीं मर जाता
पर लाला जी ने बचपन से ही बादाम खाए थे
उनकी वजह से उनका स्ट्रॉंग दिल फ़ेल होने से बच गया..
पर साँस लेना भूल गये बेचारे ...
फटी आँखो से उन नंगे कुल्हो को देखकर उनका हाथ अपनी घोती में घुस गया...
और अपने खड़े हो चुके लंड की कसावट को महसूस करके उनके शरीर का रोँया-2 खड़ा हो गया..लंड से निकल रहा प्रीकम उनके हाथ पर आ लगा

उन्होने झट्ट से सामने पड़े मर्तबान से 2 क्रीम रोल निकाले और उसे अपनी धोती में घुसा कर अपने लंड पर रगड़ लिया
उसपर लगी क्रीम लाला जी के लंड पर चिपक गयी और लाला जी के लंड का पानी क्रीम रोल पर..

जब दोनो बाहर आई तो लाला जी ने बिस्कुट के पैकेट के साथ वो क्रीम रोल भी उन्हे थमा दिए

और बोले : "ये लो , ये स्पेशल तुम दोनो के लिए है...मेरी तरफ से ''

दोनो उसे देखते ही खुश हो गयी, ये उनका फेवरेट जो था, उन्होने तुरंत वो अपने हाथ में लिया और उस रोल
को मुँह में ले लिया...

लाला जी का तो बुरा हाल हो गया

जिस अंदाज से दोनो ने उसे मुँह में लिया था
उन्हे ऐसा लग रहा था जैसे वो उनका लंड चूस रही है...



लालाजी के लंड का प्रीकम उन्होंने अपनी जीभ से समेट कर निगल लिया
उन्हे तो कुछ पता भी नही चला पर उन दोनो को अपने लंड का पानी चाटते देखकर लाला जी का मन आज कुछ करने को मचल उठा.. .

दोनो उन्हे थेंक्यु लालाजी बोलकर हिरनियों की तरह उछलती हुई बाहर निकल गयी..

लालाजी की नज़रें एक बार फिर से उनके कूल्हों पर चिपक कर रह गयी...
और हाथ अपने लंड को एक बार फिर से रगड़ने लगा..

वो फुसफुसाए 'साली....रंडिया....बिना ब्रा और कच्छी के घूम रही है....इन्हे तो चावल की बोरी पर लिटाकर रगड़ देने को मन करता है...सालियों ने सुबह -2 लंड खड़ा करवा दिया...अब तो कुछ करना ही पड़ेगा...''

इतना कहकर उन्होने जल्दी से दूकान का शटर डाउन किया और दुकान के सामने वाली गली में घुस गये
वहां रहने वाली शबाना को वो काफ़ी सालो से चोदते आ रहे थे...
वो लालाजी से चुदाई करवाती और उसके बदले अपने घर का राशन उनकी दुकान से उठा लाती थी..

लालाजी की दुकान से निकलते ही पिंकी और निशि ज़ोर-2 से हँसने लगी...

पिंकी : "देखा, मैं ना कहती थी की वो ठरकी लाला आज फिर से क्रीम रोल देगा...चल अब जल्दी से शर्त के 10 रूपए निकाल''

निशि ने हंसते हुए 10 का नोट निकाल कर उसके हाथ पर रख दिया और बोली : "हाँ ...हाँ ..ये ले अपने 10 रूपए ...मुझे तो वैसे भी इसके बदले क्रीम रोल मिल गया है...''

और एक बार फिर से दोनो ठहाका लगाकर हँसने लगी..

निशि : "वैसे तेरी डेयरिंग तो माननी पड़ेगी पिंकी, आज तूने जो कहा, वो करके दिखा दिया, बिना कच्छी के तेरे नंगे चूतड़ देखकर उस लाला का बुरा हाल हो रहा था...तूने देखा ना, कैसे वो फटी आँखो से तेरे और मेरे सीने को घूर रहा था...जैसे खा ही जाएगा हमारे चुच्चो को...''

पिंकी : "और तू भी तो कम नही है री..पहले तो कितने नाटक कर रही थी की बिना ब्रा के नही जाएगी, तेरे दाने काफ़ी बड़े है, दूर से दिखते है...पर बाद में तू सबसे ज़्यादा सीना निकाल कर वही दाने दिखा रही थी...साली एक नंबर की घस्ति बनेगी तू बड़ी होकर...''

इतना कहकर वो दोनो फिर से हँसने लगी...
लालाजी को तरसाकर उनसे चीज़े ऐंठने का ये सिलसिला काफ़ी दिनों से चल रहा था
और दिन ब दिन ये और भी रोचक और उत्तेजक होता जा रहा था..

दूसरी तरफ, लालाजी जब शबाना के घर पहुँचे तो वो अपनी बेटी को नाश्ता करवा रही थी...
लालाजी को इतनी सुबह आए देखकर वो भी हैरान रह गयी पर अंदर से काफ़ी खुश भी हुई...
आज लालजी बिना कहे ही आए थे, यानी उन्हे चुदाई की तलब बड़े ज़ोर से लगी थी..
उसके घर का राशन भी ख़त्म हो चुका था,
उन्हे खुश करके वो शाम को दुकान से समान भी ला सकती थी..

उसने लालाजी को बिठाया और अपनी बेटी को बाहर खेलने भेज दिया..

दरवाजा बंद करते ही लालाजी ने अपनी धोती उतार फेंकी..
अंदर वो कभी कुछ नही पहनते थे...

52 साल की उम्र के बावजूद उनका लंड किसी जवान आदमी के लंड समान अकड़ कर खड़ा था...

शबाना : "या अल्ला, आज इसे क्या हो गया है...लगता है लालाजी ने आज फिर से कच्ची जवानी देख ली है...''

वो लालाजी की रग-2 जानती थी..

लालाजी के पास कुछ कहने-सुनने का समय नही था
उन्होने शबाना की कमीज़ उतारी और उसकी सलवार भी नोच कर फेंक दी..
बाकी कपड़े भी पलक झपकते ही उतर गये...

अब वो उनके सामने नंगी थी...



पर उसे नंगा देखकर भी उनके लंड में वो तनाव नही आ रहा था जो पिंकी की गांड की एक झलक देखकर आ गया था..

लालाजी उसके रसीले बदन को देखे जा रहे थे और शबाना ने अपनी चूत में उंगली घुसाकर अपना रस उन्हे दिखाया और बोली : "अब आ भी जाओ लालाजी , देखो ना, मेरी मुनिया आपको देखकर कितना पनिया रही है....जल्दी से अपना ये लौड़ा मेरे अंदर घुसा कर इसकी प्यास बुझा दो लाला....आओ ना...''

उस रसीली औरत ने अपनी रस में डूबी उंगली हिला कर जब लालाजी को अपनी तरफ बुलाया तो वो उसकी तरफ खींचते चले गये..
एक पल के लिए उनके जहन से पिंकी और निशि का चेहरा उतर गया..

वो अपना कड़क लंड मसलते हुए आगे लाए और शबाना की चूत पर रखकर उसपर झुकते चले गये...

लालाजी का वजन काफ़ी था
उनके भारी शरीर और मोटे लंड के नीचे दबकर उस बेचारी शबाना की चीख निकल गयी...

''आआआआआआआआआआआआअहह लालाजी ,....... मार डाला आपने तो........ ऐसा लग रहा है जैसे कोई सांड चोद रहा है मुझे..... अहह......चूत फाड़ोगे क्या मेरी आज ....''



लालाजी भी चिल्लाए : "भेंन की लौड़ी .....तेरी चूत में ना जाने कितने लंड घुस चुके है, फिर भी तेरी चूत इतनी कसी हुई है.....साली.......कौनसा तेल लगती है इसपर...''

शबाना : "आआआआआअहह....आपकी ही दुकान का तेल है लालाजी ....आज सुबह ही ख़त्म हुआ है...शाम को फिर से लेने आउंगी ....''

उसने चुदाई करवाते-2 ही अपने काम की बात भी कर ली..

लालाजी भी जानते थे की वो कितनी हरामी टाइप की औरत है
पर चुदाई करवाते हुए वो जिस तरह खुल कर मस्ती करती थी
उसी बात के लिए लालाजी उसके कायल थे...
________________________
 Read My Other Stories
________________________
Click On Name
LADLA DEVAR (लाड़ला देवर)(completed) || Mera Jeevan (completed)||भाभियों के साथ गाँव में मस्ती(Completed) ||लंड के कारनामें  (completed) ||"दिल अपना प्रीत परायी"(completed) ||कमसिन कलियाँ और हरामी लाला (Running)||
 •
      Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#3
22-06-2017, 04:51 AM
नए सूत्र के लिए बधाईयाँ...
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


urc4me Offline
Archer Bee
***
Joined: 17 Feb 2017
Reputation: 40


Posts: 1,555
Threads: 0

Likes Got: 60
Likes Given: 6


db Rs: Rs 20.6
#4
22-06-2017, 11:38 AM
Shuraat achchhi hai.
 •
      Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#5
22-06-2017, 01:14 PM
(22-06-2017, 11:38 AM)urc4me : Shuraat achchhi hai.

Lovely Start Bro, But Before starting a New Thread, You should have completed ur other old Stories Like_ Mrri Behena aur Bhabhi, etc, as per ur own statement
 •
      Find
Reply


arav1284 Offline
Archer Bee
***
Thread Of The Year 1st Place
Joined: 18 Dec 2016
Reputation: 40


Posts: 2,490
Threads: 19

Likes Got: 544
Likes Given: 94


db Rs: Rs 52.33
#6
22-06-2017, 06:42 PM
धन्यवाद उत्साह बढा़ने के लिए..
________________________
 Read My Other Stories
________________________
Click On Name
LADLA DEVAR (लाड़ला देवर)(completed) || Mera Jeevan (completed)||भाभियों के साथ गाँव में मस्ती(Completed) ||लंड के कारनामें  (completed) ||"दिल अपना प्रीत परायी"(completed) ||कमसिन कलियाँ और हरामी लाला (Running)||
 •
      Find
Reply


arav1284 Offline
Archer Bee
***
Thread Of The Year 1st Place
Joined: 18 Dec 2016
Reputation: 40


Posts: 2,490
Threads: 19

Likes Got: 544
Likes Given: 94


db Rs: Rs 52.33
#7
22-06-2017, 07:00 PM (This post was last modified: 22-01-2018, 02:23 PM by arav1284.)
               
लालाजी ने अपने लंड के पिस्टन से उसकी चूत को किसी मशीन की तरह चोदना जारी रखा..

शबाना : "आआआआआहह लालाजी ...आज तो कसम से आपके बूड़े शरीर में जैसे कोई ताक़त आ गयी है....किस कली को देख आए आज....अहह''

लालाजी बुदबुदाए : "वो है ना साली....दोनो रंडिया...अपने मोहल्ले की....पिंकी और निशि ....साली बिना ब्रा पेंटी के घूमती है आजकल ......साली हरामजादियाँ .....आज तो कसम से उन्हे दुकान पर ही ठोकने का मन कर रहा था....''

शबाना हँसी और बोली : "उन दोनो ने तो पुरे मोहल्ले की नींद उड़ा रखी है लालाजी .... उफफफफ्फ़....उन्हे देखकर मुझे अपनी जवानी के यही दिन याद आ गये...... अहह.....

मैने तो इस उम्र में खेत में नंगी खड़ी होकर अपनी चूत मरवाई थी और वो भी 4 लौड़ो से.....और कसम से लालाजी, आज भी वैसी ही फीलिंग आ रही है जैसे एक साथ 4 लंड चोद रहे है मुझे....''

लालाजी को वो अपनी जवानी के किस्से सुना रही थी और लालाजी एक बार फिर से पिंकी और निशि के ख़यालो में डूबकर उसकी चूत का बाजा बजाने लगे...

और जल्द ही, पिंकी और निशि के नाम का ढेर सारा रसीला प्रसाद उन्होने शबाना की चूत में उड़ेल दिया...

उसके बाद लालाजी ने अपने कपड़े पहने और बिना कुछ कहे बाहर निकल गये...

दुकान खोलकर वो फिर से अपने काम में लग गये पर उनका मन नही लग रहा था...

अब उन्हे किसी भी हालत में उन दोनो को अपनी बॉटल में उतारना था और उसके लिए वो कुछ भी करने को तैयार थे.

लालाजी का साहूकारी का भी काम था और गाँव के लोग अक्सर उनसे ऊँचे रेट पर पैसे ले जाते थे...

वैसे तो लालाजी का रोब ही इतना था की बिना कहे ही हर कोई उनकी दुकान पर आकर सूद के पैसे हर महीने दे जाता था, पर फिर भी कई बार उन्हे अपना लट्ठ लेकर निकलना ही पड़ता था वसूली करने ...

उनका रोबीला अंदाज ही काफ़ी होता था गाँव के लोगो के लिए, इसलिए जब वो उगाही करने जाते तो पैसे निकलवा कर ही वापिस आते...

लालाजी की पत्नी को मरे 5 साल से ज़्यादा हो चुके थे...
उनकी एक बेटी थी जो साथ के गाँव में ब्याही हुई थी...
शादी के बाद उसने भी एक फूल जैसी बच्ची को जन्म दिया था और वो भी अब 18 की हो चली थी और अक्सर अपने नाना से मिलने, अपनी माँ के साथ उनके घर आया करती थी..

पर जब से लालाजी की बीबी का देहांत हुआ था, उसके बाद से उनकी सैक्स लाइफ में बहुत बदलाव आए थे...
पहले तो उनकी सैक्स लाइफ नीरस थी...
2-4 महीने में कभी कभार उनकी बीबी राज़ी होती तो उसकी मार लेते थे...

पर बीबी के जाने के बाद उनके चंचल मन ने अंगडाइयाँ लेनी शुरू कर दी...

शबाना के साथ भी उनके संबंध उसी दौरान हुए थे...
वो अक्सर उनकी दुकान से सामान उधार ले जाती और पैसे लौटाने के नाम पर अपनी ग़रीबी की दुहाई देती...

ऐसे ही एक दिन जब लालाजी उसके घर गये और पैसे का तक़ाज़ा किया तो उसने अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया और लाला जी के कदमो मे बैठ गयी...

बस एक वो दिन था और एक आज का दिन है, ऐसा शायद ही कोई हफ़्ता निकलता होगा जब लालाजी का लंड उसकी चूत में जाकर अपनी वसूली नहीं करता था .. बदले में वो अपने घर का राशन बिना किसी रोक टोक के उठा लाती..

पर एक ही औरत को चोदते -2 अब लालजी का मन ऊब सा चुका था...
उनके सामने जब गाँव की कसी हुई जवानियां, अपने मादक शरीर को लेकर निकलती तो उनके लंड का बुरा हाल हो जाता था... और ये बुरा हाल ख़ासकर पिंकी की कच्ची अम्बियों को देखकर होता था...

उन दोनो की कामुक हरकतों ने लालाजी का जीना हराम कर रखा था..

खैर, आज जब लालाजी ने अपना बही ख़ाता खोला तो उन्होने पाया की रामदीन ने जो पैसे उधार लिए थे, उसका सूद नही आया है अब तक...

रामदीन दरअसल पिंकी का पिता था..
बस , फिर क्या था...
लालाजी की आँखो में एक चमक सी आ गयी..

उन्होने झट्ट से अपना लट्ठ उठाया, दुकान का शटर नीचे गिराया और चल दिए पिंकी के घर की तरफ..

वहां पहुँचकर उन्होने दरवाजा खटकाया पर काफ़ी देर तक कोई बाहर ही नही निकला...

एक पल के लिए तो लालजी को लगा की शायद अंदर कोई नही है...
पर तभी उन्हे एक मीठी सी आवाज़ सुनाई दी..

''कौन है....'' ??

लालाजी के कान और लंड एकसाथ खड़े हो गये...
ये पिंकी की आवाज़ थी.

वो अपने रोबीले अंदाज में बोले : "मैं हूँ ...लाला...''

अंदर खड़ी पिंकी का पूरा शरीर काँप सा गया लालाजी की आवाज़ सुनकर...
दरअसल वो उस वक़्त नहा रही थी...

और नहाते हुए वो सुबह वाली बात को याद करके अपनी मुनिया को मसल भी रही थी की कैसे उसने और निशि ने मिलकर लालाजी की हालत खराब कर दी थी...
और अपनी चूत मसलते हुए वो ये भी सोच रही थी की उसकी नंगी गांड को देखकर लालाजी कैसे अपने खड़े लंड को रगड़ रहे होंगे...

पर अचानक दरवाजा कूटने की आवाज़ ने उसकी तंद्रा भंग कर दी थी..

काफ़ी देर तक दरवाजा पीटने की आवाज़ सुनकर वो नंगी ही भागती हुई बाहर निकल आई थी क्योंकि उसके अलावा घर पर इस वक़्त कोई नही था..

उसके पिताजी खेतो में थे और माँ उन्हे खाना देने गयी हुई थी..

पिंकी के शरारती दिमाग़ में एक और शरारत ने जन्म ले लिया था अब तक..

पिंकी बड़े सैक्सी अंदाज में बोली : "नमस्ते लालाजी ...कहिए...कैसे आना हुआ...''

लालाजी ने इधर उधर देखा, आस पास देखने वाला कोई नही था...

वो बोले : "अर्रे, दरवाजा बंद करके भला कोई नमस्ते करता है...दरवाजा खोल एक मिनट.... बड़ी देर से खड़का रहा हूँ, तेरे पिताजी से जरुरी काम है ''

पिंकी : "ओह्ह ...लालाजी ...माफ़ करना...पर..मैं नहा रही थी...दरवाजे की आवाज़ सुनकर ऐसे ही भागती आ गयी...नंगी खड़ी हूँ , इसलिए दरवाजा नही खोल रही...एक मिनट रूको..मैं कुछ पहन लेती हूँ ...''

उफफफफ्फ़.....
एक तो घर में अकेली...
उपर से नहा धोकर नंगी खड़ी है....
हाय ....
इसकी इसी अदाओं पर तो लालाजी का लंड उसका दीवाना है...

उसने ये सब दरवाजे के इतने करीब आकर, अपनी रसीली आवाज़ में कही थी की दरवाजे के दूसरी तरफ खड़े लालाजी का लंड उनकी धोती में खड़ा होकर दरवाजे की कुण्डी से जा टकराया...

लालाजी दम साधे उसके दरवाजा खोलने का इंतजार करने लगे..

एक मिनट में जब दरवाजा खुला तो पिंकी को देखकर उनकी साँसे तेज हो गयी....

वो जल्दबाज़ी में एक टॉवल लपेट कर बाहर आ गयी थी...
उसने सिर्फ टॉवल पहना हुआ था और कुछ भी नही...
और उपर से उसके गीले शरीर से पानी बूंदे सरकती हुई उसके मुम्मों के बीच जा रही थी..

लालाजी का दिल धाड़-2 करने लगा..वो उनके सामने ऐसे खड़ी थी जैसे ये पहनावा उसके लिए आम सी बात है, पर अंदर से वो ही जानती थी की उसका क्या हाल हो रहा है ..

पिंकी : "हांजी लालाजी ,आइए ना अंदर...बैठिये ...''

लालाजी अंदर आ गये और बरामदे में पड़ी खाट पर जाकर बैठ गये...

उनकी नज़रें पिंकी के बदन से ही चिपकी हुई थी...
आज वो सही तरह से उसके शरीर की बनावट को देख पा रहे थे...

पिंकी की कमर में एक कटाव पैदा हो चुका था जो उसके रसीले कुल्हो की चौड़ाई दर्शाते हुए नीचे तक फैलता हुआ दिख रहा था...

ब्रा तो वो पहले भी नही पहनती थी इसलिए उसकी गोलाइयों का उन्हे अच्छे से अंदाज़ा था...
करीब 32 का साइज़ था उसके गुलगुलो का..
और उनपर लगे कंचे जितने मोटे लाल निप्पल....
उफफफ्फ़..
उनकी नोक को तो लालजी ने कई बार अपनी आँखो के धनुषबाण से भेदा था..

पिंकी : "लालाजी ...पानी.....ओ लालाजी .....पानी लीजिए....''

लालाजी को उनके ख़यालो से, लंड के बाल पकड़ कर बाहर घसीट लाई थी पिंकी, जो उनके सामने पानी का ग्लास लेकर खड़ी थी..

नीचे झुकने की वजह से उस कॉटन के टॉवल पर उसकी जवानी का पूरा बोझ आ पड़ा था...

ऐसा लग रहा था जैसे पानी के गुब्बारे, कपड़े में लपेट कर लटका दिए है किसी ने...
और उनपर लगे मोटे निप्पल उस कपड़े में छेद करके उसकी जवानी का रस बिखेरने तैयार थे...

पर इन सबसे अंजान बन रही पिंकी, भोली सी सूरत बना कर लालाजी के पास ही बैठ गयी और बोली :

"पिताजी तो शाम को ही मिलते है लालाजी , आपको तो पता ही है...और माँ उनके लिए खाना लेकर अभी थोड़ी देर पहले ही निकली है...घंटा भर तो लगेगा उन्हे भी लौटने में ...''

लालाजी को जैसे वो ये बताना चाह रही थी की अगले एक घंटे तक वो अकेली ही है घर पर ...

लालाजी ने उसके गोरे बदन को अपनी शराबी आँखो से चोदते हुए कहा : "अर्रे, मैं ठहरा व्यापारी आदमी, मुझे क्या पता की कब वो घर पर रहेगा और कब खेतो में ...मुझे तो अपने ब्याज से मतबल है...आज ही देखा मैने, 20 दिन उपर हो चुके है और ससुरे ने ब्याज ही ना दिया...''

लालाजी अपनी आवाज़ में थोड़ा गुस्सा ले आए थे...
पिंकी ने तो हमेशा से ही उनके मुँह से मिठास भरी बातें सुनी थी...
इसलिए वो भी थोड़ा घबरा सी गयी...

वो बोली : "लालाजी ...इस बार बापू ने नयी मोटर लगवाई है खेतो में, शायद इसलिए पैसो की थोड़ी तंगी सी हो गयी है....''

वैसे तो उसका सफाई देने का कोई मतलब नही था पर लालाजी ताड़ गये की उसे अपनी फैमिली की कितनी चिंता है...

लालाजी : "देख पिंकी, तेरा बापू मोटर लगवाए या मोटर गाड़ी लेकर आए, मेरे पैसे टाइम से ना मिले तो मैं कुछ भी कर सकता हूँ ...''

लालाजी का ये रूप देखकर अब पिंकी को सच में चिंता होने लगी थी...

उसने सुन तो रखा था की लालाजी ऐसे लोगो से किस तरह का बर्ताव करते है पर ये नही सोचा था की उसके बापू के साथ भी ऐसा हो सकता है...

उसने लालाजी के पाँव पकड़ लिए : "नही लालजी...आप ऐसा ना बोलो...मेरा बापू जल्दी ही कुछ कर देगा...आप ऐसा ना बोलो...थोड़े दिन की मोहलत दोगे तो वो आपके सूद के पैसे दे देंगे..''

लालाजी ने उसकी बाहें पकड़ कर उपर उठा लिया....
उस नन्ही परी की आँखो में आँसू आ रहे थे..

लाला : "अर्रे...तू तो रोने लगी...अर्रे ना....ऐसा ना कर.....मैं इतना भी बुरा ना हूँ जितना तू सोचन लाग री है''

बात करते-2 लालाजी ने उसे अपने बदन से सटा सा लिया...

उसके जिस्म से निकल रही साबुन की भीनी -2 खुश्बू लालाजी को पागल बना रही थी...

पानी की बूंदे अभी तक उसके शरीर से चू रही थी...
लालाजी की धोती में खड़ा छोटा पहलवान एक बार फिर से हरकत में आया और उसने अपने सामने खड़ी पिंकी को झटका मारकर अपने अस्तित्व का एहसास भी करवा दिया..

एक पल के लिए तो पिंकी भी घबरा गयी की ये क्या था जो उसके पेट से आ टकराया...

उसने नज़रें नीचे की तो लालाजी की धोती में से झाँक रहे उनके मोटे लंड पर उसकी नज़र पड़ी, जो बड़ी चालाकी से अपना चेहरा बाहर निकाल कर पिंकी के बदन को टच कर रहा था...

वो तो एकदम से डर गयी...
आज से पहले उसने लंड का सिर्फ़ नाम ही सुना था
कभी देखा नही था...
ये तो ऐसे लग रहा था जैसे कोई काली घीस हो...उसकी कलाई कितना मोटा था और लगभग उतना ही लम्बा

उसने घबराकर लालाजी को धक्का दिया और दूर जाकर खड़ी हो गयी...

लालाजी ने भी अपने पालतू जानवर को वापिस उसके पिजरे में धकेल दिया और हंसते हुए चारपाई पर वापिस बैठ गये...

उन्हे तो पता भी नही चला की पिंकी ने उनका जंगली चूहा देख लिया है..

लालाजी : "चल, तेरी बात मानकर मैं कुछ दिन और रुक जाता हूँ ...इसी बात पर एक चाय तो पीला दे....''

पिंकी बेचारी सहमी हुई सी अंदर गयी और चाय बनाने लगी...
उसके जहन में रह-रहकर लालाजी के लंड की शक्ल उभर रही थी...

उसने तो सोचा था की गोरा-चिट्टा , सुंदर सा लंड होता होगा...
जिसे सहलाने में , दबाने में , चूसने में मज़ा मिलता है
इसलिए लड़किया उसकी दीवानी होती है....
उसे क्या पता था की वो निगोडा ऐसा कालू निकलेगा..

जैसे-तैसे उसने चाय बनाई और लालाजी को देने पहुँच गयी..

लालाजी की नज़रें उसके अंग-2 को भेदने में लगी थी, ये बात तो उसे भी अच्छे से पता थी

पर उसे भी तो उन्हे अपना शरीर दिखाकर सताने में मज़ा आता था...

खैर, चाय पीकर लालाजी चले गये...
और उसने आवाज़ देकर अपनी सहेली सोनी को अपने घर बुला लिया..

और उसे लालाजी के घर आने के बाद से लेकर जाने तक का पूरा किस्सा विस्तार से सुनाया..
________________________
 Read My Other Stories
________________________
Click On Name
LADLA DEVAR (लाड़ला देवर)(completed) || Mera Jeevan (completed)||भाभियों के साथ गाँव में मस्ती(Completed) ||लंड के कारनामें  (completed) ||"दिल अपना प्रीत परायी"(completed) ||कमसिन कलियाँ और हरामी लाला (Running)||
 •
      Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#8
22-06-2017, 07:34 PM
(22-06-2017, 07:00 PM)arav1284 : [color="darkorchid"]
लालाजी ने अपने लंड के पिस्टन से उसकी चूत को किसी मशीन की तरह चोदना जारी रखा..

शबाना : "आआआआआहह लालाजी ...आज तो कसम से आपके बूड़े शरीर में जैसे कोई ताक़त आ गयी है....किस कली को देख आए आज....अहह''

लालाजी बुदबुदाए : "वो है ना साली....दोनो रंडिया...अपने मोहल्ले की....पिंकी और निशि ....साली बिना ब्रा पेंटी के घूमती है आजकल ......साली हरामजादियाँ .....आज तो कसम से उन्हे दुकान पर ही ठोकने का मन कर रहा था....''

शबाना हँसी और बोली : "उन दोनो ने तो पुरे मोहल्ले की नींद उड़ा रखी है लालाजी .... उफफफफ्फ़....उन्हे देखकर मुझे अपनी जवानी के यही दिन याद आ गये...... अहह.....

मैने तो इस उम्र में खेत में नंगी खड़ी होकर अपनी चूत मरवाई थी और वो भी 4 लौड़ो से.....और कसम से लालाजी, आज भी वैसी ही फीलिंग आ रही है जैसे एक साथ 4 लंड चोद रहे है मुझे....''

लालाजी को वो अपनी जवानी के किस्से सुना रही थी और लालाजी एक बार फिर से पिंकी और निशि के ख़यालो में डूबकर उसकी चूत का बाजा बजाने लगे...

और जल्द ही, पिंकी और निशि के नाम का ढेर सारा रसीला प्रसाद उन्होने शबाना की चूत में उड़ेल दिया...

उसके बाद लालाजी ने अपने कपड़े पहने और बिना कुछ कहे बाहर निकल गये...

दुकान खोलकर वो फिर से अपने काम में लग गये पर उनका मन नही लग रहा था...

अब उन्हे किसी भी हालत में उन दोनो को अपनी बॉटल में उतारना था और उसके लिए वो कुछ भी करने को तैयार थे.

लालाजी का साहूकारी का भी काम था और गाँव के लोग अक्सर उनसे ऊँचे रेट पर पैसे ले जाते थे...

वैसे तो लालाजी का रोब ही इतना था की बिना कहे ही हर कोई उनकी दुकान पर आकर सूद के पैसे हर महीने दे जाता था, पर फिर भी कई बार उन्हे अपना लट्ठ लेकर निकलना ही पड़ता था वसूली करने ...

उनका रोबीला अंदाज ही काफ़ी होता था गाँव के लोगो के लिए, इसलिए जब वो उगाही करने जाते तो पैसे निकलवा कर ही वापिस आते...

लालाजी की पत्नी को मरे 5 साल से ज़्यादा हो चुके थे...
उनकी एक बेटी थी जो साथ के गाँव में ब्याही हुई थी...
शादी के बाद उसने भी एक फूल जैसी बच्ची को जन्म दिया था और वो भी अब 18 की हो चली थी और अक्सर अपने नाना से मिलने, अपनी माँ के साथ उनके घर आया करती थी..

पर जब से लालाजी की बीबी का देहांत हुआ था, उसके बाद से उनकी सैक्स लाइफ में बहुत बदलाव आए थे...
पहले तो उनकी सैक्स लाइफ नीरस थी...
2-4 महीने में कभी कभार उनकी बीबी राज़ी होती तो उसकी मार लेते थे...

पर बीबी के जाने के बाद उनके चंचल मन ने अंगडाइयाँ लेनी शुरू कर दी...

शबाना के साथ भी उनके संबंध उसी दौरान हुए थे...
वो अक्सर उनकी दुकान से सामान उधार ले जाती और पैसे लौटाने के नाम पर अपनी ग़रीबी की दुहाई देती...

ऐसे ही एक दिन जब लालाजी उसके घर गये और पैसे का तक़ाज़ा किया तो उसने अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया और लाला जी के कदमो मे बैठ गयी...

बस एक वो दिन था और एक आज का दिन है, ऐसा शायद ही कोई हफ़्ता निकलता होगा जब लालाजी का लंड उसकी चूत में जाकर अपनी वसूली नहीं करता था .. बदले में वो अपने घर का राशन बिना किसी रोक टोक के उठा लाती..

पर एक ही औरत को चोदते -2 अब लालजी का मन ऊब सा चुका था...
उनके सामने जब गाँव की कसी हुई जवानियां, अपने मादक शरीर को लेकर निकलती तो उनके लंड का बुरा हाल हो जाता था... और ये बुरा हाल ख़ासकर पिंकी की कच्ची अम्बियों को देखकर होता था...

उन दोनो की कामुक हरकतों ने लालाजी का जीना हराम कर रखा था..

खैर, आज जब लालाजी ने अपना बही ख़ाता खोला तो उन्होने पाया की रामदीन ने जो पैसे उधार लिए थे, उसका सूद नही आया है अब तक...

रामदीन दरअसल पिंकी का पिता था..
बस , फिर क्या था...
लालाजी की आँखो में एक चमक सी आ गयी..

उन्होने झट्ट से अपना लट्ठ उठाया, दुकान का शटर नीचे गिराया और चल दिए पिंकी के घर की तरफ..

वहां पहुँचकर उन्होने दरवाजा खटकाया पर काफ़ी देर तक कोई बाहर ही नही निकला...

एक पल के लिए तो लालजी को लगा की शायद अंदर कोई नही है...
पर तभी उन्हे एक मीठी सी आवाज़ सुनाई दी..

''कौन है....'' ??

लालाजी के कान और लंड एकसाथ खड़े हो गये...
ये पिंकी की आवाज़ थी.

वो अपने रोबीले अंदाज में बोले : "मैं हूँ ...लाला...''

अंदर खड़ी पिंकी का पूरा शरीर काँप सा गया लालाजी की आवाज़ सुनकर...
दरअसल वो उस वक़्त नहा रही थी...

और नहाते हुए वो सुबह वाली बात को याद करके अपनी मुनिया को मसल भी रही थी की कैसे उसने और निशि ने मिलकर लालाजी की हालत खराब कर दी थी...
और अपनी चूत मसलते हुए वो ये भी सोच रही थी की उसकी नंगी गांड को देखकर लालाजी कैसे अपने खड़े लंड को रगड़ रहे होंगे...

पर अचानक दरवाजा कूटने की आवाज़ ने उसकी तंद्रा भंग कर दी थी..

काफ़ी देर तक दरवाजा पीटने की आवाज़ सुनकर वो नंगी ही भागती हुई बाहर निकल आई थी क्योंकि उसके अलावा घर पर इस वक़्त कोई नही था..

उसके पिताजी खेतो में थे और माँ उन्हे खाना देने गयी हुई थी..

पिंकी के शरारती दिमाग़ में एक और शरारत ने जन्म ले लिया था अब तक..

पिंकी बड़े सैक्सी अंदाज में बोली : "नमस्ते लालाजी ...कहिए...कैसे आना हुआ...''

लालाजी ने इधर उधर देखा, आस पास देखने वाला कोई नही था...

वो बोले : "अर्रे, दरवाजा बंद करके भला कोई नमस्ते करता है...दरवाजा खोल एक मिनट.... बड़ी देर से खड़का रहा हूँ, तेरे पिताजी से जरुरी काम है ''

पिंकी : "ओह्ह ...लालाजी ...माफ़ करना...पर..मैं नहा रही थी...दरवाजे की आवाज़ सुनकर ऐसे ही भागती आ गयी...नंगी खड़ी हूँ , इसलिए दरवाजा नही खोल रही...एक मिनट रूको..मैं कुछ पहन लेती हूँ ...''

उफफफफ्फ़.....
एक तो घर में अकेली...
उपर से नहा धोकर नंगी खड़ी है....
हाय ....
इसकी इसी अदाओं पर तो लालाजी का लंड उसका दीवाना है...

उसने ये सब दरवाजे के इतने करीब आकर, अपनी रसीली आवाज़ में कही थी की दरवाजे के दूसरी तरफ खड़े लालाजी का लंड उनकी धोती में खड़ा होकर दरवाजे की कुण्डी से जा टकराया...

लालाजी दम साधे उसके दरवाजा खोलने का इंतजार करने लगे..

एक मिनट में जब दरवाजा खुला तो पिंकी को देखकर उनकी साँसे तेज हो गयी....

वो जल्दबाज़ी में एक टॉवल लपेट कर बाहर आ गयी थी...
उसने सिर्फ टॉवल पहना हुआ था और कुछ भी नही...
और उपर से उसके गीले शरीर से पानी बूंदे सरकती हुई उसके मुम्मों के बीच जा रही थी..

लालाजी का दिल धाड़-2 करने लगा..वो उनके सामने ऐसे खड़ी थी जैसे ये पहनावा उसके लिए आम सी बात है, पर अंदर से वो ही जानती थी की उसका क्या हाल हो रहा है ..

पिंकी : "हांजी लालाजी ,आइए ना अंदर...बैठिये ...''

लालाजी अंदर आ गये और बरामदे में पड़ी खाट पर जाकर बैठ गये...

उनकी नज़रें पिंकी के बदन से ही चिपकी हुई थी...
आज वो सही तरह से उसके शरीर की बनावट को देख पा रहे थे...

पिंकी की कमर में एक कटाव पैदा हो चुका था जो उसके रसीले कुल्हो की चौड़ाई दर्शाते हुए नीचे तक फैलता हुआ दिख रहा था...

ब्रा तो वो पहले भी नही पहनती थी इसलिए उसकी गोलाइयों का उन्हे अच्छे से अंदाज़ा था...
करीब 32 का साइज़ था उसके गुलगुलो का..
और उनपर लगे कंचे जितने मोटे लाल निप्पल....
उफफफ्फ़..
उनकी नोक को तो लालजी ने कई बार अपनी आँखो के धनुषबाण से भेदा था..

पिंकी : "लालाजी ...पानी.....ओ लालाजी .....पानी लीजिए....''

लालाजी को उनके ख़यालो से, लंड के बाल पकड़ कर बाहर घसीट लाई थी पिंकी, जो उनके सामने पानी का ग्लास लेकर खड़ी थी..

नीचे झुकने की वजह से उस कॉटन के टॉवल पर उसकी जवानी का पूरा बोझ आ पड़ा था...

ऐसा लग रहा था जैसे पानी के गुब्बारे, कपड़े में लपेट कर लटका दिए है किसी ने...
और उनपर लगे मोटे निप्पल उस कपड़े में छेद करके उसकी जवानी का रस बिखेरने तैयार थे...

पर इन सबसे अंजान बन रही पिंकी, भोली सी सूरत बना कर लालाजी के पास ही बैठ गयी और बोली :

"पिताजी तो शाम को ही मिलते है लालाजी , आपको तो पता ही है...और माँ उनके लिए खाना लेकर अभी थोड़ी देर पहले ही निकली है...घंटा भर तो लगेगा उन्हे भी लौटने में ...''

लालाजी को जैसे वो ये बताना चाह रही थी की अगले एक घंटे तक वो अकेली ही है घर पर ...

लालाजी ने उसके गोरे बदन को अपनी शराबी आँखो से चोदते हुए कहा : "अर्रे, मैं ठहरा व्यापारी आदमी, मुझे क्या पता की कब वो घर पर रहेगा और कब खेतो में ...मुझे तो अपने ब्याज से मतबल है...आज ही देखा मैने, 20 दिन उपर हो चुके है और ससुरे ने ब्याज ही ना दिया...''

लालाजी अपनी आवाज़ में थोड़ा गुस्सा ले आए थे...
पिंकी ने तो हमेशा से ही उनके मुँह से मिठास भरी बातें सुनी थी...
इसलिए वो भी थोड़ा घबरा सी गयी...

वो बोली : "लालाजी ...इस बार बापू ने नयी मोटर लगवाई है खेतो में, शायद इसलिए पैसो की थोड़ी तंगी सी हो गयी है....''

वैसे तो उसका सफाई देने का कोई मतलब नही था पर लालाजी ताड़ गये की उसे अपनी फैमिली की कितनी चिंता है...

लालाजी : "देख पिंकी, तेरा बापू मोटर लगवाए या मोटर गाड़ी लेकर आए, मेरे पैसे टाइम से ना मिले तो मैं कुछ भी कर सकता हूँ ...''

लालाजी का ये रूप देखकर अब पिंकी को सच में चिंता होने लगी थी...

उसने सुन तो रखा था की लालाजी ऐसे लोगो से किस तरह का बर्ताव करते है पर ये नही सोचा था की उसके बापू के साथ भी ऐसा हो सकता है...

उसने लालाजी के पाँव पकड़ लिए : "नही लालजी...आप ऐसा ना बोलो...मेरा बापू जल्दी ही कुछ कर देगा...आप ऐसा ना बोलो...थोड़े दिन की मोहलत दोगे तो वो आपके सूद के पैसे दे देंगे..''

लालाजी ने उसकी बाहें पकड़ कर उपर उठा लिया....
उस नन्ही परी की आँखो में आँसू आ रहे थे..

लाला : "अर्रे...तू तो रोने लगी...अर्रे ना....ऐसा ना कर.....मैं इतना भी बुरा ना हूँ जितना तू सोचन लाग री है''

बात करते-2 लालाजी ने उसे अपने बदन से सटा सा लिया...

उसके जिस्म से निकल रही साबुन की भीनी -2 खुश्बू लालाजी को पागल बना रही थी...

पानी की बूंदे अभी तक उसके शरीर से चू रही थी...
लालाजी की धोती में खड़ा छोटा पहलवान एक बार फिर से हरकत में आया और उसने अपने सामने खड़ी पिंकी को झटका मारकर अपने अस्तित्व का एहसास भी करवा दिया..

एक पल के लिए तो पिंकी भी घबरा गयी की ये क्या था जो उसके पेट से आ टकराया...

उसने नज़रें नीचे की तो लालाजी की धोती में से झाँक रहे उनके मोटे लंड पर उसकी नज़र पड़ी, जो बड़ी चालाकी से अपना चेहरा बाहर निकाल कर पिंकी के बदन को टच कर रहा था...

वो तो एकदम से डर गयी...
आज से पहले उसने लंड का सिर्फ़ नाम ही सुना था
कभी देखा नही था...
ये तो ऐसे लग रहा था जैसे कोई काली घीस हो...उसकी कलाई कितना मोटा था और लगभग उतना ही लम्बा

उसने घबराकर लालाजी को धक्का दिया और दूर जाकर खड़ी हो गयी...

लालाजी ने भी अपने पालतू जानवर को वापिस उसके पिजरे में धकेल दिया और हंसते हुए चारपाई पर वापिस बैठ गये...

उन्हे तो पता भी नही चला की पिंकी ने उनका जंगली चूहा देख लिया है..

लालाजी : "चल, तेरी बात मानकर मैं कुछ दिन और रुक जाता हूँ ...इसी बात पर एक चाय तो पीला दे....''

पिंकी बेचारी सहमी हुई सी अंदर गयी और चाय बनाने लगी...
उसके जहन में रह-रहकर लालाजी के लंड की शक्ल उभर रही थी...

उसने तो सोचा था की गोरा-चिट्टा , सुंदर सा लंड होता होगा...
जिसे सहलाने में , दबाने में , चूसने में मज़ा मिलता है
इसलिए लड़किया उसकी दीवानी होती है....
उसे क्या पता था की वो निगोडा ऐसा कालू निकलेगा..

जैसे-तैसे उसने चाय बनाई और लालाजी को देने पहुँच गयी..

लालाजी की नज़रें उसके अंग-2 को भेदने में लगी थी, ये बात तो उसे भी अच्छे से पता थी

पर उसे भी तो उन्हे अपना शरीर दिखाकर सताने में मज़ा आता था...

खैर, चाय पीकर लालाजी चले गये...
और उसने आवाज़ देकर अपनी सहेली सोनी को अपने घर बुला लिया..

और उसे लालाजी के घर आने के बाद से लेकर जाने तक का पूरा किस्सा विस्तार से सुनाया..

[/color]
Good
 •
      Find
Reply


$$ Offline
Soldier Bee
**
Joined: 28 Oct 2016
Reputation: 40


Posts: 489
Threads: 0

Likes Got: 24
Likes Given: 235


db Rs: Rs 9.97
#9
23-06-2017, 01:28 AM
nice yar
 •
      Find
Reply


arav1284 Offline
Archer Bee
***
Thread Of The Year 1st Place
Joined: 18 Dec 2016
Reputation: 40


Posts: 2,490
Threads: 19

Likes Got: 544
Likes Given: 94


db Rs: Rs 52.33
#10
23-06-2017, 04:42 PM
खैर, चाय पीकर लालाजी चले गये...
और उसने आवाज़ देकर अपनी सहेली सोनी को अपने घर बुला लिया..
और उसे लालाजी के घर आने के बाद से लेकर जाने तक का पूरा किस्सा विस्तार से सुनाया..

**********
अब आगे
**********

सोनी : "यार, तू दिन ब दिन बड़ी हरामी होती जा रही है.... पहले तो तू लालाजी को सताती थी अपना बदन दिखाकर और आज तुझमे इतनी हिम्मत आ गयी की उनका हथियार भी देख लिया तूने...''

पिंकी : "अररी, मैने जान बूझकर नही देखा री...वो तो बस....शायद...मुझे ऐसी हालत में देखकर उनका वो काबू में नही रहा...इसलिए बाहर निकल आया...''

उसने शर्माते हुए ये कहा

सोनी : "ओये, रहने दे तू ...तुझे मैं अच्छे से जानती हूँ ....पिछले कुछ दिनों से तू कुछ ज़्यादा ही उड़ने लगी है....यही हाल रहा ना तो जल्द ही चुद भी जाएगी, देख लेना...''

पिंकी : "मुझे चुदने की इतनी भी जल्दी नही है री....और ऐसे लंड से चुदने में तो बिल्कुल भी नही....एकदम काला नाग था लाला का लंड ...सच में सोनी, देखकर ही घिन्न सी आ रही थी...डर भी लग रहा था...''

सोनी : "तो तूने क्या सोचा था, जैसी इंसान की शक्ल होती है, वैसा ही उनका लंड भी होता है....हा हा.... वो तो सबका ही काला होता है पागल... बस ये देखना है की वो कितना लंबा है और कितना मोटा...और चुदाई करने में कितनी देर तक अकड़ कर रहता है....''

पिंकी : "तू तो ऐसे बोल रही है जैसे तूने पी एच डी कर ली है इसमें ...''

सोनी : "यार, तुझे तो पता है ना...आजकल मीनल दीदी आई हुई है घर पर....कल रात मैं उनसे इसी बारे में बाते कर रही थी...और हम दोनो आपस में बहुत खुली हुई है, तुझे भी पता है...इसलिए उन्होने ये सब बातें बड़े विस्तार से बताई मुझे...''

मीनल दरअसल सोनी की बड़ी बहन थी...
जिसकी शादी 2 साल पहले अजमेर में हुई थी....
3-4 महीने में 1 बार वो घर पर आ जाया करती थी..

पिंकी : "हम्म ..... हो सकता है उनकी बात सही हो...पर मुझे नही लगता की मैं कभी ऐसे लंड से चुद पाऊँगी ..''

सोनी : "चुदने की बात तो तू ऐसे कर रही है जैसे तू लालाजी के लंड को अंदर लेने को पहले से ही तैयार थी...और अब उसका रंग देखकर मना कर रही है...''

पिंकी : "तू चाहे जो भी समझ....पर मुझे नही लगता की मैं कभी चुदाई के बारे में पहले जैसा सोच पाऊँगी ...''

बात तो सही थी....
पिछले कुछ दिनों से वो दोनो अक्सर चुदाई की ही बातें किया करती थी...
और लालाजी से पंगे लेने के भी नये-2 तरीके सोचा करती थी..

और ऐसा नही था की गाँव में और लड़के नही थे
वो लालाजी के साथ ही ऐसा इसलिए किया करती थी की ऐसा करने में बदनामी का डर कम था

क्योंकि लालाजी किसी से ज़्यादा बात नही किया करते थे...और उनसे लोग डरते भी थे.

दूसरे लड़को के साथ ऐसी हरकत करने की देर थी की पूरा गाँव उनके पीछे पड़ जाना था..
पर लालाजी के साथ अपने हिसाब से पंगे लेकर वो भी खुश रहती थी और लालाजी को भी उनके हिस्से की खुशी मिल जाती थी.
साथ में फ्री का क्रीमरोल तो था ही.

सोनी ने उसे समझाते हुए कहा : "अच्छा तू मुझे एक बात बता....ये लोग अक्सर छुप कर...अंधेरे में .. और रात में ही सैक्स क्यों करते है...'??'

पिंकी ने उसे गोल आँखे करके देखा और बोली : "पता नही...''

सोनी : "वो इसलिए की लंड के रंग और रूप से उन्हे कोई लेना देना नही होता....वो अंदर जाकर कैसा मज़ा देगा सिर्फ़ यही मायने रखता है...बाकी सबकी अपनी-2 सोच है...''

पिंकी ने सोचा की बात तो सोनी सही कह रही है....
उसके माँ बाप भी तो सभी के सोने के बाद नंगे होकर चुदाई करते थे...
और वो भी बत्ती बुझा कर...

एक-दो बार उसने सोने का बहाना करके , अंधेरे कमरे में उनके नंगे शरीर की हरकत ही देखी थी...
पर उसे देखकर वो सिर्फ़ उनके मज़े को ही महसूस कर पाई थी, उन दोनो के अंगो को नही देख पाई थी..

पिंकी : "हम्म्म ..शायद तू सही कह रही है...''

सोनी : "अच्छा , ज़रा डीटेल में बता ना...कैसा था लालाजी का लंड ...''!!

पिंकी की आँखो में गुलाबीपन उतर आया....
वो शरमाते हुए बोली : "यार....मैं तो इतना डर सी गयी थी की उसे ढंग से देख भी नही पाई....बस ये समझ ले की....इतना मोटा था आगे से....''

उसने अपने अंगूठे और साथ वाली उंगली को मिलाकर एक गोला बनाया और सोनी को दिखाया...

सोनी : "सस्स्स्स्स्स्स्सस्स.... हाय ...... तू कितनी खुशकिस्मत है..... तूने अपनी लाइफ का पहला लंड देख भी लिया....मैं एक बार फिर तुझसे पीछे रह गयी...''

दोनो खिलखिलाकर हंस पड़ी...

और फिर कुछ सोचकर सोनी बोली : "यार, अगर तू बोल रही है की उनका आगे से इतना मोटा था तो सच में उनसे चुदाई करवाने में काफ़ी मज़ा आएगा...''

पिंकी उसके चेहरे को देखकर सोचने लगी की उसकी बात का मतलब क्या है..

सोनी : "मैं तुझे बता रही थी ना मीनल दीदी के बारे में .. उन्होने ही मुझे बताया था... उनके पति यानी मेरे जीजाजी का लंड तो सिर्फ़ इतना मोटा है जितना मेरा अंगूठा...और इतना ही लंबा...बस....इसलिए वो ज़्यादा एंजाय भी नही कर पाती...''

पिंकी खुली आँखो से ऐसे लंड को इमेजीन करने लगी जो अंगूठे जितना मोटा और लंबा हो....
और उसके बारे में सोचकर उसे कुछ ज़्यादा एक्साइटमेंट भी नही हुई...
सोचने में ही ऐसा लग रहा है तो अंदर जाकर भला कौन सा तीर मार लेना है ऐसे लंड ने...

इससे अच्छा तो मोटा लंड ही है....
चूत फांके चीरता हुआ जब वो अंदर जाएगा तो कितना मज़ा मिलेगा...
ये सोचकर ही उसकी चूत में एक कसक सी उठी और गीलेपन का एहसास पिंकी को दे गयी...

''उम्म्म्मममममममम...... अब ऐसी बाते करेगी तो मुझे फिर से कुछ होने लगेगा...''

यही वो शब्द थे जिन्हे सुनने के लिए सोनी इतनी मेहनत कर रही थी...

वो उसके करीब आई और अपनी जीभ से उसके होंठो को चाटते हुए बोली : "तो कौन बोल रहा है साली की सब्र कर... दिखा दे अपनी रसीली चूत एक बार फिर....लालाजी का नाम लेकर...''

सोनी अपनी सहेली की रग-2 से वाकिफ़ थी....
और शायद अंदर से ये भी जानती थी की लालाजी से चुदने के सपने वो कई दिनों से देख रही है....
ऐसे मौके पर एक बार फिर से लालाजी का नाम लेकर उसने फिर से उसकी चूत का रस पीने का प्रोग्राम पक्का कर लिया...



सोनी को भी इस खेल में मज़ा आता था...
और आए भी क्यो नही, भले ही एक लड़की का दूसरी लड़की के साथ ऐसा रिश्ता ग़लत होता है पर जब तक उनकी चूत में किसी का लंड नही जा सकता तब तक अपनी पक्की सहेली की जीभ तो घुस्वा ही सकते है वो दोनो...

और जब से सोनी ने उसकी चूत का रस पिया था, तब से तो वो उसके नशीले रस की दीवानी सी हो चुकी थी...
हालाँकि उसने खुद अपनी चूत का रस भी उंगली डालकर चखा था..
पर उसमे वो नशा नही था जो पिंकी की चूत से निकले रस का था....
जैसे पहली धार की कच्ची शराब हो ....
ठीक वैसा नशा था उसका...

और ये सब बाते करने के पीछे उसका मकसद एक बार फिर से उसकी चूत का रस पीने का था...

सोनी ने जैसे ही पिंकी के होंठो को चाटा
उसके तो कुत्ते फैल हो गये...
वो भी उसके होंठो पर टूट पड़ी...
सोनी ने उसकी टॉवल को खींच कर कागज़ की तरह नीचे फेंक दिया...
अंदर से तो वो पूरी नंगी ही थी..



पिंकी को उसके गुलाबी निप्पल वाले नन्हे अमरूद भी बहुत पसंद थे....
गोरे-2 कच्चे टिकोरों पर चमक रहे लाल कंचे देखकर उसका मन ललचा उठा उन्हे चूसने के लिए...

वो उन्हे काफ़ी देर तक चूसती रही

फिर सोनी ने उसे उसी खाट पर लिटा दिया जिसपर अभी कुछ देर पहले लालाजी बैठे थे...

सोनी ने भी अपने कपडे झटके से उतार फेंके, वो पिंकी के मुकाबले थोड़ी सांवली थी, पर उसका बदन भी काफी कसा हुआ था , वैसे भी लड़कियां नंगी होकर हमेशा ख़ूबसूरत दिखती हैं

और उसकी टांगे अपने कंधे पर लगाकर वो उसकी शहद की दुकान से मिठास बटोरने लगी..

''आआआआहह खा जा इसे........ निकाल ले सारा जूस अंदर का.....अहह...साली आजकल बहुत बहती है ये.....पी जा सारा रस....पी जा...''

सोनी को तो वो रस वैसे ही बहुत पसंद था....
वो अपनी जीभ की स्ट्रॉ लगाकर उसकी चूत का रस सडप -2 करके पीने लगी...

और अंत में जब पिंकी की चूत ने असली घी का त्याग किया तो उसके झड़ते हुए शरीर को महसूस करके वो खटिया भी चरमरा उठी...

और जैसे ही वो शांत हुई की बाहर की कुण्डी खटक गयी...
पिंकी की माँ वापिस आ गयी थी खेतो से...

पिंकी नंगी ही भागती हुई बाथरूम में घुस गयी और सोनी को सब संभालने का कहकर दरवाजा खोलने को कहा..

सोनी ने जब दरवाजा खोला तो उसे अपने घर में देखकर उसने इधर - उधर देखा और बोली : "तू यहाँ क्या कर रही है इस बकत ....और ये पिंकी कहाँ है..??.''

सोनी : "वो मैं उसके साथ खेल रही थी...अब वो नहाने गयी है....बोली जब तक माँ नही आती मैं यहीं रूकूं ...''

पिंकी की माँ :" इसकी जवानी में ना जाने कौनसे उबाल आ रहे है आजकल, दिन में दूसरी बार नहा रही है...और ये देखो, मेरा तौलिया कैसे ज़मीन पर फेंका हुआ है...''

कहते हुए उसने तौलिया उठा कर अंदर रख दिया ....
सोनी भी जानती थी की अब यहाँ से निकल जाने में ही भलाई है...

इसलिए उसकी माँ को ये कहकर की पिंकी को उसी के घर भेज देना, वो वहां से आ गयी..

अब उसे और पिंकी को कुछ ऐसा प्लान बनाना था ताकि ये रोज-2 के छोटे-मोटे मज़े से बढ़कर कुछ आगे निकल सके...

और इसके लिए लालाजी से अच्छा बंदोबस्त कोई और हो ही नही सकता था..
________________________
 Read My Other Stories
________________________
Click On Name
LADLA DEVAR (लाड़ला देवर)(completed) || Mera Jeevan (completed)||भाभियों के साथ गाँव में मस्ती(Completed) ||लंड के कारनामें  (completed) ||"दिल अपना प्रीत परायी"(completed) ||कमसिन कलियाँ और हरामी लाला (Running)||
 •
      Find
Reply


« Next Oldest | Next Newest »
Pages ( 26 ): 1 2 3 4 5 6 ..... 26 Next »
Jump to page 


Possibly Related Threads...
Thread Author Replies Views Last Post
Incest  मेरी कमसिन बहन सोनम Rakesh1999 3 14,353 13-01-2018, 06:11 PM
Last Post: dpmangla
Desi  छिनाल माँ और हरामी बेटा jd195195 15 56,433 22-12-2017, 07:57 PM
Last Post: dpmangla
Incest  कमसिन चूत kunal56 12 63,364 17-01-2017, 11:07 PM
Last Post: vishal28
Desi  कमसिन बहन को बनाया चुदासी rajbr1981 10 84,951 30-12-2016, 03:59 AM
Last Post: rajbr1981
Incest  जवानी बड़ी हरामी urpussysucker 11 39,558 13-10-2016, 02:16 PM
Last Post: urpussysucker
Desi  वो कच्ची कलियाँ तोड़ गया rajbr1981 6 23,166 22-05-2016, 08:02 AM
Last Post: rajbr1981
Incest  एक खूबसूरत कमसिन कन्या की जबरदस्त चुदाई kunal56 8 158,034 23-11-2015, 12:56 AM
Last Post: rajbr1981
Desi  कमसिन कली की चुदाई rajbr1981 1 16,088 27-08-2014, 01:35 AM
Last Post: rajbr1981
Incest  हरामी बलमा kunal56 4 22,105 18-06-2014, 03:45 PM
Last Post: kunal56

  • View a Printable Version
  • Subscribe to this thread


Best Indian Adult Forum XXX Desi Nude Pics Desi Hot Glamour Pics

  • Contact Us
  • en.roksbi.ru
  • Return to Top
  • Mobile Version
  • RSS Syndication
Current time: 29-07-2018, 11:45 PM Powered By © 2012-2018
Linear Mode
Threaded Mode


wife blackmail sex stories  bibirani ki sex Story  hot stori in hindi  kusum aunty  indian hairy armpits girls  neha ki chudai  kannada sex stories pdf  theater sex xxx  tamil erotic story  sexy girl moans  baris sex  hindi sexy storey.com  bollywood actress nip slip pic  hot neha nair  my wife became a slut  tamil fucker  nri porno  nirvanam tamil  topless college girl  desi brother sister sex  hot stories in malayalam  shemale raped me  nanbanin amma sex stories  arab aunties hot  malayalam sex stories in malayalam fond  esi porn  poen desi  hairy armpit indian aunty  adult stories in hindi  bangla full choti golpo  kama sutra real pictures  hairy armpit indian aunty  savita bhabhi salesman  miss pooja nude pics  tollywood nude.com  bangladeshi sex websites  desi chud  akka thambi kamakathaikal  amrutha nude pics at desibees  laxmi sex  kamasutra real photos  dubai big boob  exbii tamil sex  mms clips indian  hot desi scandals  malayalam sex story pdf  exbii desi pics  taiwanese amateur  www.telugu sex kadalu  hot tamilnadu aunties  indian desi aunties pictures  telgu aunty  telugu sex stories in telugu language  hot masterbate  pilla pooku  desi bhabhi ki story  kamsinladkisexstory  tamil dirty storys  xxx bp films  new incent stories  sexy girls hairy armpits  sexi stories urdu  shalini fakes  rani mukherjee porn image  8teen free xxx  Chudakkaraunty  dirty sex kahaniya  urdu writing sexy stories  sex ki devi  desi hot urdu stories  sexy story urdu writing  adult jokes xxx  blackmail sex stories  anjali in taarak mehta ka ooltah chashmah  online tamil sex story  maa ki bur  pyasi bahan  ashakumara  tamil fond sex stories