Desi कमसिन कलियाँ और हरामी लाला
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(28-06-2017, 05:09 PM)arav1284 : मीनल ने भी अपना टॉप एक झटके में उतार फेंका
नीचे की पायजामी भी उसने नीचे खिसका दी
पल भर में ही वो नंगी खड़ी थी.
वो अपने मुम्मे और उन पर लगे दाने दबाने लगी, और वो दाने दबाते हुए बुदबुदा भी रही थी : "साला हरामी लाला....भेंन का लौड़ा ...हरामी उल्टा पड़े-2 ही झड़ गया था...इसलिए सीधा नही हुआ.....हाय .....काश मैं होती वहां पर....सारा माल चाट जाती उस लाला का.....अहह
पिंकी और निशि को मर्दो के बारे में इतना डीटेल से नही पता था की वो भी झड़ते है...
और झड़ने के बाद उनके लंड से ढेर सारा मीठा रस निकलता है...
निशि ने ही उत्सुकततावश पूछ लिया : "दीदी....ये झड़ने के बाद क्या होता है....'??
वो अपनी बहन की तरफ पलटी और उसके करीब आकर उसने उसका मुम्मा पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया...
वो चिहुंक उठी...
और फिर अपने दाँये हाथ की एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी....
और ज़ोर-2 से अंदर बाहर करने लगी...
बेचारी निशि पहले से ही झड़ने के कगार पर थी
उपर से अपनी बहन के जादुई हाथो की करामात से वो बुरी तरह से छटपटाने लगी
और एक मिनट में ही उसकी चूत से शुद्ध देसी घी निकल कर बाहर आ गया...
मीनल ने अपनी उंगलियो पर लगे उस माल को चाट लिया और धीरे से फुसफुसाई : "ये होता है झड़ना...
और जब मर्द झड़ता है ना, तो उसके लंड से ढेर सारा रस निकलता है...वो होता है असली माल....जो चूत में जाए तो बच्चा बना दे और मुँह मे जाए तो स्वाद जगा दे....''
उसने बड़ी डीटेल से, डेमो देकर ये बात उन दोनो अल्हड़ लड़कियों को समझा दी...
पिंकी की हालत भी खराब हो रही थी...
उसकी आँखे लाल हो चुकी थी ये सब देखकर और सुनकर...
वो तो यही सोचने मे लगी थी की उसकी वजह से लालाजी के लंड का रस निकल गया था
और वो भी उन्ही के बेड पर...
काश वो देख पाती वो रसीला रस.
पर अभी का सीन देखकर तो उसकी खुद की चूत में से रस निकलने लगा था...
उपर से अपनी सहेली सोनी का ऑर्गॅज़म देखकर और मीनल के सैक्सी हाव भाव देखकर, उसकी रही सही ताक़त भी जवाब दे गयी...
पर इससे पहले की वो या कोई और कुछ कर पाते
बाहर का दरवाजा खड़क गया...
और साथ ही निशि की माँ और भाई की आवाज़ आई
''दरवाजा खोल निशि .....इतनी देर क्यो लगा रही है....मीनल.....निशि ...दरवाजा खोलो....''
निशि बेचारी नंगी ही भागती हुई वापिस बाथरूम के अंदर चली गयी....
पिंकी ने अपना हुलिया ठीक किया और मीनल ने अपने कपडे पहने और बाहर जाकर दरवाजा खोल दिया.
आज उनके आ जाने से कुछ ''ख़ास'' होने से बच गया था.
पर ये सब ज्यादा देर तक बचकर नहीं रहने वाला था, मीनल के इस खेल में आ जाने से पिंकी और निशि की टीम थोड़ी और जानदार हो गयी थी ,
पर उन्हें क्या पता था की लाला कितना हरामी है, एक तो साहूकार और ऊपर से ठरकी भी
उनकी टीम और चुतों का उसने वो हाल करना था की उन्हें भी जीवनभर याद रहने वाला था..
सोनी की माँ और भाई के आने के बाद पिंकी ने भी वहां देर तक रुकना सही नही समझा...
वो बाहर निकल गयी, पर जाने से पहले मीनल ने उसका हाथ पकड़ा और उसके कान में फुसफुसा कर बोली : "मुझे पता है की अभी भी तेरे मन में बहुत कुछ चल रहा है, तू फ़िक्र मत कर, इसका इंतज़ाम मैं जल्द ही करूँगी...''
पिंकी का तो चेहरा ही लाल हो गया ये सुनकर...
यानी अभी कुछ देर पहले जो डेमो मीनल दीदी ने उन्हे दिया था, वो अब खुद करके दिखाएगी...
लाला के साथ.
ये मीनल दीदी तो बड़ी चालू निकली
उनकी आड़ में वो लाला से मज़े लेने के मूड में थी.
पर जो भी था, अपनी चूत मरवाना तो पिंकी और सोनी भी नही चाहते थे अभी...
ऐसे में लाला के लंड की करामात वो मीनल दीदी के साथ देखकर कम से कम कुछ मज़ा तो ले ही सकते है..
और शायद मीनल को ऐसा करते देखने के बाद उनमे भी चुदवाने की हिम्मत आ जाए..
यही सब सोचते-2 वो घर चली गयी...
अगली सुबह मीनल अच्छे से तैयार हुई और सीधा लाला की दुकान पर पहुँच गयी...
लाला ने जब दूर से उसे मटकते हुए अपनी दुकान की तरफ़ आते हुए देखा तो वो कसमसा कर अपने लंड (रामलाल) से बोला : "अरे ...देख तो रामलाल...वो कौन आ रही है....तेरे दिल की रानी..
साली जब से शादी करके गयी है , पहली बार दिखी है...शादी के बाद तो कमाल की लग रही है साली चुदक्कड़ ...
ज़रा देख तो उसके रसीले आमों को ...पहले तो साली चुन्नी में छुपा कर रखती थी.. और अब साली सीना उभार कर दिखा रही है...
लाला के देखते-2 मीनल के मुम्मे पास आते चले गये और बड़े होते गये...
लाला का हाथ अपनी आदतानुसार एक बार फिर से अपनी धोती में घुस गया.
लाला :"अरी आजा मीनल आजा.....आज तो बड़े दिनों के बाद दिखाई दी है...लगता है शादी के बाद तेरा मन अच्छे से लग गया है अपने ससुराल में ...''
मीनल ने एक कातिल सी मुस्कान लाला को दी और बोली : "मन तो लग ही गया है, पर लाला तेरी याद खींच लाई मुझे , इसलिए मिलने चली आई...''
मीनल के इस बेबाक से जवाब को सुनकर लाला को करंट सा लगा...
आज से पहले उसने ऐसी फ्लर्ट भरी बातो को हमेशा से ही इग्नोर किया था...
शायद तब वो कुँवारी थी
और अपने माँ भाई की इज़्ज़त का उसे डर था..
(29-06-2017, 07:00 PM)arav1284 : सड़क वाला रास्ता थोड़ा घूम कर जाता था...
पर गाँव के पास वाली छोटी पहाड़ी से पैदल का रास्ता काफ़ी छोटा था, इसलिए मीनल जल्द ही वहां पहुँच गयी..
वहां पर उसे पिंकी और सोनी पहले से ही मिल गयी, आज पूरी प्लानिंग के हिसाब से वो दोनो पहले ही आ गयी थी...
अपनी मीनल दीदी की ब्लू फिल्म देखने..
मीनल ने उन्हे एक बड़ी सी चट्टान की ओट में छुपने को कहा, और किसी भी हालत में बिना किसी आवाज़ के वहीँ छुपे रहने का निर्देश दिया..
कुछ ही देर में लाला की बुलेट की आवाज़ सुनाई दे गयी उन्हे...
दोनो लड़कियां जल्दी से जाकर छुप गयी और मीनल ने अपने जलवे बिखेरने शुरू कर दिए..
उसने अपनी घाघरा चोली उतारी और उन्हे एक पेड़ के नीच रख दिया...
अंदर उसने कुछ नही पहना हुआ था...
उसका जवानी के रस से भरा शरीर उस जंगल में पूरा नंगा था अब..
वो धीरे-2 चलती हुई झरने के पास पहुँच गयी...
और उपर से गिर रहे ठंडे पानी के नीचे खड़ी होकर नहाने लगी..
ऐसा वो अपने बचपन और जवानी में भी किया करती थी...
अपनी सहेलियो के साथ उस झरने के नीचे नंगी होकर नहाते हुए वो कितनी मस्तियाँ किया करती थी , इस बात को सोचकर ही उसकी चूत गीली होने लगी..
उसे याद आया की यही वो झरना था , जहाँ पहली बार उसने अपनी सहेली बिजली की चूत चूसी थी और तब से वो सिलसिला चलता आ रहा था..
पर आज उसने जो कदम उठाया था
उसके बाद वो इसी झरने में लंड भी चूस लेगी
और फिर उसके बाद
पूरे ज़िल्ले में
एक ही झरने के नीचे
चूत और लंड चूसने का खिताब
उसके नाम हो जाना था..
वो अपने रसीले आमों और नर्म तरबूजों को ठंडे पानी से रगड़ते हुए सिसकारियां मार रही थी..
उस झरने से थोड़ी ही दूर छुपकर बैठी हुई दोनो सहेलियो का तो मीनल को नंगा देखकर बुरा हाल था..
उन्हे तो ऐसा लग रहा था जैसे साक्षात काम की देवी उनके सामने नंगी होकर नहा रही है..
योवन से लदे मीनल के रसीले अंगो को देखकर उन्हे अपने नन्हे मुन्ने बूब्स और छोटी गांड को लेकर आत्मगलानी हो रही थी...
दोनो के मन में बस यही चल रहा था की काश उनके मुम्मे भी मीनल दीदी जैसे हो जाए...
जैसी उनकी गांड बाहर की तरफ निकली हुई है वैसी ही उनकी भी निकल आए..
पर उन नादान लड़कियों को ये नही पता था की ये रसीले अंग रातो रात नही बन गये है...
इसके लिए कितनी मेहनत की है मीनल ने...
अपनी चूत और मुम्मे बिजली से चुस्वा कर उनमे हवा भरवाई थी उसने...
और शादी के बाद, भले ही छोटे लंड से, पर लगभग रोज चुदी थी वो अपने पति से..
और हाल ही में उसने अपने ससुराल के पड़ोस में रहने वाले नंद किशोर को भी फँसा लिया था...
जो एक हट्टा कट्टा 6 फुट का किसान था
उसने जब से उसे पेलना शुरू किया था, उसके योवन में चार चाँद लग गये थे...
इसलिए अब उसका शरीर इतना रसीला बन चूका था
और एक बार जब किसी औरत को बाहर के लंड का चस्का लग जाए तो उसे अपने पति का लंड हमेशा छोटा ही लगता है...
उसके पति का तो था ही छोटा...
इसलिए बाहरी दुनिया के लंड का चस्का लगने के बाद जब मीनल ने लाला के लंड के बारे में सुना और आज उसकी एक झलक देख भी ली तो उसकी चूत उसे अंदर लेने को कुलबुलाने लगी थी...
साथ ही साथ वो अपनी बहन और उसकी सहेली को चुदाई का वो पाठ भी पढ़ाना चाहती थी जो उसे पढ़ाने वाला कोई नही था...
ताकि वो दोनो अपनी जवानियों का अच्छे से मज़ा लूट सके...
सही ढंग से लंड की पहचान करने का तरीका अगर उन्हे पहले से ही बता दिया जाए तो वो पूरी जिंदगी एक ही लंड के पीछे बर्बाद नही करेगी...
और आज वही पहचान करवानी थी मीनल को...
लाला के लंड से..
लाला ने बुलेट खड़ी की और झरने की तरफ चल दिया...
थोड़ी दूर जाते ही उसे पेड़ के नीचे रखे मीनल के वही कपड़े दिख गये जो कुछ देर पहले तक उसने पहन रखे थे...
लाला तो सीसीया कर रह गया..
''ये भेंन की लौड़ी आज मेरी जान लेकर रहेगी....''
और वो अपने रामलाल को मसलता हुआ झरने के पास पहुँच गया..
और वहां जो नज़ारा उसने देखा, उसे देखकर तो वो एक पल के लिए साँस लेना भी भूल गया...
मीनल पूरी नंगी होकर झरने के नीचे खड़ी होकर नहा रही थी...
एकदम बेबाकी से...
जैसे उसे अपने हुस्न को छुपाने की कोई ज़रूरत ही नही हो..
ऐसा बेबाक अंदाज तो उसने आज से पहले किसी भी गाँव की लड़की या औरत का नही देखा था...
मीनल की चिकनी कमर से फिसलता हुआ पानी उसकी गांड की दरार में विलीन हो रहा था...
लाला तो उसे मंत्रमुगध सा होकर देखता रह गया..
पहले तो लाला ने सोचा की वो छुप कर उसे नहाते हुए देखे...
पर फिर उसे ख़याल आया की मीनल ने तो खुद ही उसे वहां आने का न्योता दिया था...
और यहाँ नंगी होकर नहाने का यही मतलब है की वो भी चुदना चाहती है...
इसलिए धोती में खड़े अपने रामलाल को मसलता हुआ वो मीनल के करीब पहुँच गया..
चट्टान के पीछे छुपी पिंकी ने अपनी नन्ही चुचि मसलते हुए सोनी से कहा ''आ गया शिकार....अब तेरा क्या होगा लाला....''
दोनो धीमी आवाज़ में खिलखिला कर हंस दी..
नहाते हुए जब मीनल पलटी तो लाला को अपने बिल्कुल सामने खड़े हुए पाया...
उपर से गिर रहे पानी ने लाला को भी थोड़ा बहुत भिगो दिया था...
पर लाला को देखकर भी मीनल ने अपने नंगे शरीर को छुपाने का कोई प्रयत्न नही किया...
बल्कि उन्हे देखकर वो अपनी गोरी-2 चुचिया दबा दबाकर रगड़ने लगी...
उनपर लगी वो मैल निकालने लगी जो वहां थी ही नही..
मीनल : "अरे लाला....तुम भी आ गये यहाँ पर...तुम्हारी दुकान का क्या होगा...'??'
लाला ने लार टपकाते हुए कहा : "अररी, दुकान गयी भाड़ में ....तेरी बाते सुनकर तो मुझे भी गर्मी लग रही थी...तो सोचा की मैं भी चलकर नहा लू....और तुझे वो क्रीम रोल भी तो देना था, कड़क वाला...''
मीनल ने अपना निचला होंठ दांतो से काटा और बोली : "जो मुँह में लिया था वो तो कड़क ना था...अब कौनसा कड़क क्रीम रोल लेकर आया है लाला...''
लाला : "मैने कहा था ना....असली रोल तो गोडाउन में होता है...और वो देखने से पहले ही तू भाग आई यहां पर...''
मीनल ने अपनी उंगली से अपनी चूत को सहलाया और तड़पकर बोली : "तो दिखा ना लाला...अपने गोडाउन का शटर खोल ..मैं भी तो देखु, कितना कड़क है ये वाला क्रीमरोल ...''
मीनल के कहने भर की देर थी और लाला ने एक झटके से अपनी धोती उतार कर हवा में लहरा दी...
और उसके बाद जो मीनल ने देखा , उसकी तो आँखे फटने को हो गयी...
सामने था लाला का कड़क लंड ....
एकदम 90 डिग्री के कोंन में तना हुआ...
उस पर लगा हुआ जामुनी रंग का सुपाड़ा ही इतना मोटा था की मीनल को डर लगने लगा की जब ये अंदर जाएगा तो उसकी चूत की लकीरे फिर कभी आपस में नहीं मिल पाएगी...
एक परमानेंट गेप बना देगा ये लंड तो उसकी चूत में ...
और यही हाल पिंकी और सोनी का भी हो रहा था....
उन्होने भी पहली बार लंड देखा था और वो भी लाला का...
जो नॉर्मल लंडो के मुक़ाबले काफ़ी लंबा और मोटा था...
उन दोनो की जान भी ये सोचकर सूख गयी की ये लंड उनकी नन्ही चुतों में कैसे फिट होगा..
पिंकी का हाथ तो अपनी चूत की तरफ खिसक गया...
और उसने एक उंगल अंदर घुसेड कर मुठ मारनी शुरू कर दी...
सोनी ने भी लाला के लंड को देखकर अपनी चार उंगलियां एक साथ अपने मुँह में डाली और उसे लाला का लंड समझ कर चूसने लगी...
दोनो ही अपनी खुली आँखो से सपने देखकर लाला के उस लंड का मज़ा लेने लगी..
पर असली मजा तो मीनल ले रही थी
मीनल : "ओफफफ्फ़......लाला....ये क्या है......हे भगवान......ये तो तबाही मचा देगा अंदर जाकर.....''
लाला के लंड को देखकर एक पल भी नही लगा मीनल को पिघलने में ...
उसने अपना एक कांपता हुआ हाथ आगे बढाकर उस लंड को पकड़ लिया...
और ज़ोर से सीसीया उठी
''उम्म्म्मममममममम .... लाला.........अहह.............सच में ...ये है कड़क क्रीम रोल .......''
लाला ने अपना कुर्ता भी उतार फेंका और मीनल से बोला : "तो इंतजार किस बात का कर रही है छोरी ....खा ले अपना ये कड़क क्रीम रोल....तेरे लिए ही लेकर आया हूँ इतनी दूर से....''
लाला की बात सुनकर वो मुस्कुरा दी और झरने के नीचे बैठकर उसने लाला के लंड को चूस लिया...
ठंडे पानी के बीच गर्म लंड को चूसना उसे बहुत आनंदित कर रहा था...
उसने दोनो हाथ से लंड को पकड़ा और उसे धीरे-2 अंदर निगलना शुरू कर दिया...
लाला ने भी उसके सिर पर हाथ रखा और अपनी तरफ से जोरदार झटका मारकर अपना लंड उसके मुँह में पूरा पेल दिया...
''आआआआआआआआआहह लाला......मेरा मुँह फाड़ेगा क्या.....''
बेचारी से लंड पूरा निगला नही गया और उसने वो बाहर निकाल दिया...
वो सोचने लगी की जब ये मुँह में पूरा नही जा रहा तो चूत में कैसे घुसेगा...
पर लाला के लंड ने उसे ऐसा मदहोश कर दिया था की वो उसे दोबारा मुँह में लेकर चूसने लगी..
अब तो ऐसे लग रहा था जैसे कोई भीमकाय जानवर एक हिरनी से लंड चुस्वा रहा है...
लाला का लंड जितना बड़ा था उनका आकार भी उतना ही बड़ा था मीनल के सामने..
लाला तो कब से उसके कड़क कबूतरों को देखकर लार टपका रहा था...
उससे अब और सहन नही हुआ और उसने लंड चूसती मीनल को एक ही झटके में उपर उठाया और अपनी गोद में लेकर उसके मुम्मे को मुँह में लेकर चूसने लगा...
लाला ने बड़ी आसानी से मीनल के यौवन से लदे शरीर को अपनी गोद में उठा रखा था...
जैसे कोई फूल हो...
उसके दोनो मुम्मो को वो अपने नुकीले दांतो से कुतरने में लगा था...
लाला की घनी दादी मूँछे मीनल के मुम्मो पर रगड खाकर उनपर लाल निशान बना रही थी...
पर मीनल को इस वक़्त उनसे कुछ फ़र्क नही पड़ रहा था...
वो तो जंगल में जंगलीपन दिखाती हुई...
ज़ोर-2 से चीखे मारती हुई, अपने योवन कलश से लाला को अमृतपान करवा रही थी..
''आआआआआआआआआहह लाला................सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... ख़ाआ जाओ इन्हे........ बड़े प्यासे है ये भी............
तेरे लंड के बारे में पहले से पता होता ना लाला....तो कब का इसे अपनी चूत में ले चुकी होती.....शादी से पहले ही....स्कूल टाइम से ही......चुदवा लेती तेरे इस मादरचोद लंड से.....''
लाला ने एक जोरदार हुंकार भरते हुए कहा : "आदर से नाम ले इसका....रामलाल नाम है....अदब से पेश आएगी, तभी मज़े देगा ये तेरी चूत को ....समझी.....''
चट्टान की ओट में छुपी दोनो सहेलियो ने जब 'रामलाल' सुना तो एक दूसरे को देखा और फिर दोनो खिलखिला कर हंस दी...
बड़ी मुश्किल से उन्होने अपनी हँसी रोकी और एक दूसरे को देखकर फिर से हँसने लगी...
पिंकी : "रामलाल....और कोई नाम नही मिला लाला को....हे हे....''
सोनी : "अपने लंड का भी भला कोई नाम रखा है.. हे हे , अब तो हमें भी अपनी चुतों का कुछ नाम रखना पड़ेगा ''
हंसते हुए वो मुट्ठ मारना भी भूल गयी...
पर लाला की तरफ देखा तो एक बार फिर से पिंकी का हाथ अपनी चूत की तरफ सरक गया..
सीन ही ऐसा था वहां ...
लाला ने हवा ही हवा में , अपने लंड को मीनल की चूत पर टीकाया और एक जोरदार प्रहार से उसे अंदर घुसा दिया....
पूरे जंगल में मीनल की चीख गूँज गयी....
''आआआआआआआआआआआआआआआआआअहह मररर्ररर गयी रे.......... फाड़ डाली मेरी चूत लाला तूने.....आआआआआआआआआहह''
पिंकी और सोनी का भी ये सीन देखकर बुरा हाल था...
मीनल दीदी की चूत फाड़ दी तो उनकी चुतों का क्या हाल करेगा ये दरिन्दा....
पर उनकी सोच को वही विराम लग गया जब दर्द में तड़पती मीनल ने अगले ही पल अपना रंग बदला और उसी चूतफाड़ लंड पर ऐसे कूदने लगी जैसे बरसो से उसे अपनी चूत में लेती आ रही है...
जो दर्द भरी सिसकारियां वो पहले ले रही थी उनका स्थान अब मस्ती भरी सिसकारियों ने ले लिया था...
अपनी मीनल दीदी का ये गिरगिटी रूप देखकर दोनो एक बार फिर से एक दूसरे को हैरानी भरी नज़रों से देखने लगी...
फिर उन्हे यकीन आया की लड़की की चूत में ही जादू होता है....
वो बड़े से बड़ा लंड अपनी चूत में ले सकती है....
भले ही पहली बार में तकलीफ़ होती है, पर बाद में जो मज़ा मिलता है वो सब तकलीफो को दूर भी कर देता है...
आज का ये ज्ञान सोनी और पिंकी की लाइफ बदल देने वाला था..
उसके बाद तो उन दोनो ने लाला को मीनल के साथ ऐसे-2 करतब करते देखा जो शायद उन्होने सपने में भी नही सोचे होंगे...
लाला कभी उसे घोड़ी बनाकर उसकी चूत पीछे से पेलता, और कभी चिकनी चट्टान पर बैठकर उसे अपने लंड पर बिठा लेता...
कहा जाए तो लाला को जितने भी आसन आते थे, उनका उपयोग करके उसने उस नयी नवेली जवान कसी हुई चूत का वो मुरब्बा बनाया जिसका स्वाद उसके लंड को हमेशा याद रहने वाला था..
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