28-06-2017, 05:09 PM
मीनल ने भी अपना टॉप एक झटके में उतार फेंका
नीचे की पायजामी भी उसने नीचे खिसका दी
पल भर में ही वो नंगी खड़ी थी.
वो अपने मुम्मे और उन पर लगे दाने दबाने लगी, और वो दाने दबाते हुए बुदबुदा भी रही थी : "साला हरामी लाला....भेंन का लौड़ा ...हरामी उल्टा पड़े-2 ही झड़ गया था...इसलिए सीधा नही हुआ.....हाय .....काश मैं होती वहां पर....सारा माल चाट जाती उस लाला का.....अहह
पिंकी और निशि को मर्दो के बारे में इतना डीटेल से नही पता था की वो भी झड़ते है...
और झड़ने के बाद उनके लंड से ढेर सारा मीठा रस निकलता है...
निशि ने ही उत्सुकततावश पूछ लिया : "दीदी....ये झड़ने के बाद क्या होता है....'??
वो अपनी बहन की तरफ पलटी और उसके करीब आकर उसने उसका मुम्मा पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया...
वो चिहुंक उठी...
और फिर अपने दाँये हाथ की एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी....
और ज़ोर-2 से अंदर बाहर करने लगी...
बेचारी निशि पहले से ही झड़ने के कगार पर थी
उपर से अपनी बहन के जादुई हाथो की करामात से वो बुरी तरह से छटपटाने लगी
और एक मिनट में ही उसकी चूत से शुद्ध देसी घी निकल कर बाहर आ गया...
मीनल ने अपनी उंगलियो पर लगे उस माल को चाट लिया और धीरे से फुसफुसाई : "ये होता है झड़ना...
और जब मर्द झड़ता है ना, तो उसके लंड से ढेर सारा रस निकलता है...वो होता है असली माल....जो चूत में जाए तो बच्चा बना दे और मुँह मे जाए तो स्वाद जगा दे....''
उसने बड़ी डीटेल से, डेमो देकर ये बात उन दोनो अल्हड़ लड़कियों को समझा दी...
पिंकी की हालत भी खराब हो रही थी...
उसकी आँखे लाल हो चुकी थी ये सब देखकर और सुनकर...
वो तो यही सोचने मे लगी थी की उसकी वजह से लालाजी के लंड का रस निकल गया था
और वो भी उन्ही के बेड पर...
काश वो देख पाती वो रसीला रस.
पर अभी का सीन देखकर तो उसकी खुद की चूत में से रस निकलने लगा था...
उपर से अपनी सहेली सोनी का ऑर्गॅज़म देखकर और मीनल के सैक्सी हाव भाव देखकर, उसकी रही सही ताक़त भी जवाब दे गयी...
पर इससे पहले की वो या कोई और कुछ कर पाते
बाहर का दरवाजा खड़क गया...
और साथ ही निशि की माँ और भाई की आवाज़ आई
''दरवाजा खोल निशि .....इतनी देर क्यो लगा रही है....मीनल.....निशि ...दरवाजा खोलो....''
निशि बेचारी नंगी ही भागती हुई वापिस बाथरूम के अंदर चली गयी....
पिंकी ने अपना हुलिया ठीक किया और मीनल ने अपने कपडे पहने और बाहर जाकर दरवाजा खोल दिया.
आज उनके आ जाने से कुछ ''ख़ास'' होने से बच गया था.
पर ये सब ज्यादा देर तक बचकर नहीं रहने वाला था, मीनल के इस खेल में आ जाने से पिंकी और निशि की टीम थोड़ी और जानदार हो गयी थी ,
पर उन्हें क्या पता था की लाला कितना हरामी है, एक तो साहूकार और ऊपर से ठरकी भी
उनकी टीम और चुतों का उसने वो हाल करना था की उन्हें भी जीवनभर याद रहने वाला था..
सोनी की माँ और भाई के आने के बाद पिंकी ने भी वहां देर तक रुकना सही नही समझा...
वो बाहर निकल गयी, पर जाने से पहले मीनल ने उसका हाथ पकड़ा और उसके कान में फुसफुसा कर बोली : "मुझे पता है की अभी भी तेरे मन में बहुत कुछ चल रहा है, तू फ़िक्र मत कर, इसका इंतज़ाम मैं जल्द ही करूँगी...''
पिंकी का तो चेहरा ही लाल हो गया ये सुनकर...
यानी अभी कुछ देर पहले जो डेमो मीनल दीदी ने उन्हे दिया था, वो अब खुद करके दिखाएगी...
लाला के साथ.
ये मीनल दीदी तो बड़ी चालू निकली
उनकी आड़ में वो लाला से मज़े लेने के मूड में थी.
पर जो भी था, अपनी चूत मरवाना तो पिंकी और सोनी भी नही चाहते थे अभी...
ऐसे में लाला के लंड की करामात वो मीनल दीदी के साथ देखकर कम से कम कुछ मज़ा तो ले ही सकते है..
और शायद मीनल को ऐसा करते देखने के बाद उनमे भी चुदवाने की हिम्मत आ जाए..
यही सब सोचते-2 वो घर चली गयी...
अगली सुबह मीनल अच्छे से तैयार हुई और सीधा लाला की दुकान पर पहुँच गयी...
लाला ने जब दूर से उसे मटकते हुए अपनी दुकान की तरफ़ आते हुए देखा तो वो कसमसा कर अपने लंड (रामलाल) से बोला : "अरे ...देख तो रामलाल...वो कौन आ रही है....तेरे दिल की रानी..
साली जब से शादी करके गयी है , पहली बार दिखी है...शादी के बाद तो कमाल की लग रही है साली चुदक्कड़ ...
ज़रा देख तो उसके रसीले आमों को ...पहले तो साली चुन्नी में छुपा कर रखती थी.. और अब साली सीना उभार कर दिखा रही है...
लाला के देखते-2 मीनल के मुम्मे पास आते चले गये और बड़े होते गये...
लाला का हाथ अपनी आदतानुसार एक बार फिर से अपनी धोती में घुस गया.
लाला :"अरी आजा मीनल आजा.....आज तो बड़े दिनों के बाद दिखाई दी है...लगता है शादी के बाद तेरा मन अच्छे से लग गया है अपने ससुराल में ...''
मीनल ने एक कातिल सी मुस्कान लाला को दी और बोली : "मन तो लग ही गया है, पर लाला तेरी याद खींच लाई मुझे , इसलिए मिलने चली आई...''
मीनल के इस बेबाक से जवाब को सुनकर लाला को करंट सा लगा...
आज से पहले उसने ऐसी फ्लर्ट भरी बातो को हमेशा से ही इग्नोर किया था...
शायद तब वो कुँवारी थी
और अपने माँ भाई की इज़्ज़त का उसे डर था..
नीचे की पायजामी भी उसने नीचे खिसका दी
पल भर में ही वो नंगी खड़ी थी.
वो अपने मुम्मे और उन पर लगे दाने दबाने लगी, और वो दाने दबाते हुए बुदबुदा भी रही थी : "साला हरामी लाला....भेंन का लौड़ा ...हरामी उल्टा पड़े-2 ही झड़ गया था...इसलिए सीधा नही हुआ.....हाय .....काश मैं होती वहां पर....सारा माल चाट जाती उस लाला का.....अहह
पिंकी और निशि को मर्दो के बारे में इतना डीटेल से नही पता था की वो भी झड़ते है...
और झड़ने के बाद उनके लंड से ढेर सारा मीठा रस निकलता है...
निशि ने ही उत्सुकततावश पूछ लिया : "दीदी....ये झड़ने के बाद क्या होता है....'??
वो अपनी बहन की तरफ पलटी और उसके करीब आकर उसने उसका मुम्मा पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया...
वो चिहुंक उठी...
और फिर अपने दाँये हाथ की एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी....
और ज़ोर-2 से अंदर बाहर करने लगी...
बेचारी निशि पहले से ही झड़ने के कगार पर थी
उपर से अपनी बहन के जादुई हाथो की करामात से वो बुरी तरह से छटपटाने लगी
और एक मिनट में ही उसकी चूत से शुद्ध देसी घी निकल कर बाहर आ गया...
मीनल ने अपनी उंगलियो पर लगे उस माल को चाट लिया और धीरे से फुसफुसाई : "ये होता है झड़ना...
और जब मर्द झड़ता है ना, तो उसके लंड से ढेर सारा रस निकलता है...वो होता है असली माल....जो चूत में जाए तो बच्चा बना दे और मुँह मे जाए तो स्वाद जगा दे....''
उसने बड़ी डीटेल से, डेमो देकर ये बात उन दोनो अल्हड़ लड़कियों को समझा दी...
पिंकी की हालत भी खराब हो रही थी...
उसकी आँखे लाल हो चुकी थी ये सब देखकर और सुनकर...
वो तो यही सोचने मे लगी थी की उसकी वजह से लालाजी के लंड का रस निकल गया था
और वो भी उन्ही के बेड पर...
काश वो देख पाती वो रसीला रस.
पर अभी का सीन देखकर तो उसकी खुद की चूत में से रस निकलने लगा था...
उपर से अपनी सहेली सोनी का ऑर्गॅज़म देखकर और मीनल के सैक्सी हाव भाव देखकर, उसकी रही सही ताक़त भी जवाब दे गयी...
पर इससे पहले की वो या कोई और कुछ कर पाते
बाहर का दरवाजा खड़क गया...
और साथ ही निशि की माँ और भाई की आवाज़ आई
''दरवाजा खोल निशि .....इतनी देर क्यो लगा रही है....मीनल.....निशि ...दरवाजा खोलो....''
निशि बेचारी नंगी ही भागती हुई वापिस बाथरूम के अंदर चली गयी....
पिंकी ने अपना हुलिया ठीक किया और मीनल ने अपने कपडे पहने और बाहर जाकर दरवाजा खोल दिया.
आज उनके आ जाने से कुछ ''ख़ास'' होने से बच गया था.
पर ये सब ज्यादा देर तक बचकर नहीं रहने वाला था, मीनल के इस खेल में आ जाने से पिंकी और निशि की टीम थोड़ी और जानदार हो गयी थी ,
पर उन्हें क्या पता था की लाला कितना हरामी है, एक तो साहूकार और ऊपर से ठरकी भी
उनकी टीम और चुतों का उसने वो हाल करना था की उन्हें भी जीवनभर याद रहने वाला था..
सोनी की माँ और भाई के आने के बाद पिंकी ने भी वहां देर तक रुकना सही नही समझा...
वो बाहर निकल गयी, पर जाने से पहले मीनल ने उसका हाथ पकड़ा और उसके कान में फुसफुसा कर बोली : "मुझे पता है की अभी भी तेरे मन में बहुत कुछ चल रहा है, तू फ़िक्र मत कर, इसका इंतज़ाम मैं जल्द ही करूँगी...''
पिंकी का तो चेहरा ही लाल हो गया ये सुनकर...
यानी अभी कुछ देर पहले जो डेमो मीनल दीदी ने उन्हे दिया था, वो अब खुद करके दिखाएगी...
लाला के साथ.
ये मीनल दीदी तो बड़ी चालू निकली
उनकी आड़ में वो लाला से मज़े लेने के मूड में थी.
पर जो भी था, अपनी चूत मरवाना तो पिंकी और सोनी भी नही चाहते थे अभी...
ऐसे में लाला के लंड की करामात वो मीनल दीदी के साथ देखकर कम से कम कुछ मज़ा तो ले ही सकते है..
और शायद मीनल को ऐसा करते देखने के बाद उनमे भी चुदवाने की हिम्मत आ जाए..
यही सब सोचते-2 वो घर चली गयी...
अगली सुबह मीनल अच्छे से तैयार हुई और सीधा लाला की दुकान पर पहुँच गयी...
लाला ने जब दूर से उसे मटकते हुए अपनी दुकान की तरफ़ आते हुए देखा तो वो कसमसा कर अपने लंड (रामलाल) से बोला : "अरे ...देख तो रामलाल...वो कौन आ रही है....तेरे दिल की रानी..
साली जब से शादी करके गयी है , पहली बार दिखी है...शादी के बाद तो कमाल की लग रही है साली चुदक्कड़ ...
ज़रा देख तो उसके रसीले आमों को ...पहले तो साली चुन्नी में छुपा कर रखती थी.. और अब साली सीना उभार कर दिखा रही है...
लाला के देखते-2 मीनल के मुम्मे पास आते चले गये और बड़े होते गये...
लाला का हाथ अपनी आदतानुसार एक बार फिर से अपनी धोती में घुस गया.
लाला :"अरी आजा मीनल आजा.....आज तो बड़े दिनों के बाद दिखाई दी है...लगता है शादी के बाद तेरा मन अच्छे से लग गया है अपने ससुराल में ...''
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