• HOME
  • AWARDS
  • Search
  • Help
Current time: 29-07-2018, 11:46 PM
Hello There, Guest! ( Login — Register )
› XXX STORIES › Hindi Sex Stories v
« Previous 1 2 3 4 5 6 ..... 61 Next »

Desi कमसिन कलियाँ और हरामी लाला

Verify your Membership Click Here

Pages ( 26 ): « Previous 1 2 3 4 5 6 7 8 ..... 26 Next »
Jump to page 
Thread Modes
Desi कमसिन कलियाँ और हरामी लाला
dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#41
15-07-2017, 04:40 PM
Good Going
 •
      Find
Reply


arav1284 Offline
Archer Bee
***
Thread Of The Year 1st Place
Joined: 18 Dec 2016
Reputation: 40


Posts: 2,490
Threads: 19

Likes Got: 544
Likes Given: 94


db Rs: Rs 52.33
#42
17-07-2017, 05:45 PM
''लालाजी........ओ लालाजी......अंदर ही हो क्या.....''

पिंकी की आवाज़ सुनते ही लाला की फट्ट कर हाथ में आ गयी..

अंदर उसकी सहेली नंगी पड़ी थी,
भले ही उसे चोदा नही था उसने पर उसकी हालत देखकर तो यही लग रहा था की अच्छे से चुदाई हुई है उसकी...

ऐसे में उसकी सहेली ने उसे यहां देख लिया तो मुसीबत आ जाएगी, क्योंकि निशि भी उसे बिना बताए ही यहाँ आई थी...

ऐसे में लाला को दोनो को मेनेज करना काफ़ी मुश्किल भरा काम होने वाला था.

***********
अब आगे
***********

पिंकी भी कुछ देर तक तो दुकान के बाहर खड़ी होकर लाला को पुकारती रही पर जब अंदर से कोई जवाब नही आया तो वो भी वापिस घर की तरफ चल दी..ये सोचकर की शायद लाला घर पर नही होगा..

अंदर लाला की साँस में साँस आई जब उसने पिंकी के जाते हुए कदमों की आहट सुनी...
वरना वो अभी तक ये तय ही नही कर पा रहा था की अपनी दुकान का शटर खोले या नही...
खोले तो पिंकी को कैसे समझाएगा की वो शटर बंद करके अंदर क्या कर रहा था...

और इसी बीच अगर निशि अपनी खुमारी से जाग गयी तो उन दोनो का आपस में मिलना तो तय ही था...

ऐसे में निशि का तो कोई डर नही पर पिंकी उसके हाथ से फिसल जानी थी...
क्योंकि एक बार जब दोस्ती के बीच लंड आ जाए तो वो दोस्ती जल्द ही दुश्मनी में बदल जाती है.

और लाला को तो इन दोनों कमसिन लड़कियो को एक ही बिस्तर पर चोदना था...और दोनो को अलग-2 तरीके से पटाकर.

पिंकी के जाने के करीब 5 मिनट बाद जब उसने शटर खोला तो सामने से शबाना आती हुई दिखाई दे गयी..

एक मुसीबत गयी और ये दूसरी आ गयी....
इस साली की चूत में भी खुजली होती रहती है...
हमेशा चूत खुजाती हुई लाला के पास पहुँच जाती है.

शबाना : "लाला जी....आजकल तो आप मेरे यहाँ आना ही भूल गये हो...लगता है उन दोनो करारी छोरियों ने अच्छे से रिझा रखा है आपको आजकल...''

लाला : "अर्रे नही शबाना, ऐसा कैसे हो सकता है.... वो तो ऐसे ही उनके बारे में तुझसे बोल दिया था पिछली बार...मैं क्या इसी काम में लगा रहूँगा...''

शबाना ने आँखे नचाते हुए, अपने मोठे मुम्मों की क्लीवेज़ दिखाते हुए कहा : "रहने दो लालाजी...आप शायद भूल रहे है की मेरी बेटी नाज़िया भी पिंकी और निशि की क्लास में ही पढ़ती है...सब खबर है मुझे...आजकल क्या खिचड़ी बन रही है उनके साथ तुम्हारी...''

लाला समझ गया की वैसे भी उससे छुपाने में कोई फ़ायदा नही है...
लाला की जिंदगी के आधे से ज़्यादा कांड वो जानती थी...
और लाला ने खुद ही पिछली बार उसकी चुदाई करते हुए उन दोनो हिरणियों के बारे में बताया था...

इसलिए इस बार भी उसने वो कबूल कर ही लिया...

वो बोला : "वैसे तो आज तक तो पूरे गाँव में कोई पैदा ही नही हुआ की लाला को रिझा सके...पर फिर भी ऐसी कलियाँ जब बाग में खिलने को तैयार हो तो मेरे जैसा भँवरा आ ही जाता है उनका रस चूसने...''

शबाना ने बड़ी ही बेशर्मी से अपनी चूत को घाघरे के उपर से ही मसला और बोली : "ओ भंवरे, तेरे उस डंक के लिए तो ये फूलों भरी बगिया भी काफ़ी दिनों से तड़प रही है...आज ज़रा इनका भी रस चूस ले...''

एक तो अपने हुस्न से लदी शबाना का मादक जिस्म उपर से उसके बोलने का अंदाज ही ऐसा होता था की लाला का लंड हमेशा खड़ा हो ही जाता था...
और अभी अंदर जो उसने निशि की चूत चाटी थी, उसके बाद तो उसके लंड को एक चुदाई चाहिए ही थी...

इसलिए वो बोला : "चल ठीक है...तू घर पहुँच...मैं कुछ देर में आता हूँ तुझे डंक मारने...''

वो प्यासी आवाज़ में बोली : "नही लाला...घर पर नही...अंदर ही चल ना गोडाउन में....घर पर नाज़िया है...वैसे भी अब मुझसे सब्र नही हो रहा...''

लाला ने झट्ट से अंदर जाती हुई शबाना का हाथ पकड़ा और उसे रोका..

लाला : "अररी, ऐसे कैसे अंदर भागी जा रही है....दूर गाँव से मेरा एक रिश्तेदार आया हुआ है...वो अंदर ही है...ऐसे में घर पर ये सब कांड करना आज संभव नही है...

तू घर जा , नाज़िया को बाहर भेजने का इंतज़ाम कर...मैं बस 5 मिनट में आया...''

बेचारी ने बुरा सा मुँह बना लिया...

लाला की भी जान मे जान आई
वरना अंदर गोडाउन में नंगी पड़ी निशि को देखकर तो वो यही समझती की लाला उसे ही चोद रहा था...

भले ही उससे लाला को कोई ख़तरा नही था
पर जो कांड किया ही नही उसमें अपना नाम आए, लाला ये भी नही चाहता था...
एक बार चोद ले, उसके बाद चाहे पता चल जाए शबाना को, उसे कोई चिंता नही थी..

पर शबाना तो कुछ और भी सोच कर आई थी

वो बोली : "चल ठीक है लाला, मैं घर जाकर नाज़िया को कुछ खिला दूँ और फिर उसे बाहर भेजने का इंतज़ाम करती हूँ ...पर तू जल्दी आना...''

इतना कहकर उसने दुकान पर रखे मैगी के 5 पेकेट उठा लिए...
लाला भी कुछ नही बोला...
उसे पता था की उसकी ज़रूरत ऐसे ही पूरी होती है..

और जाते-2 वो लाला से कह भी गयी : "बाकी का समान लेने मैं नाज़िया को भेज दूँगी दुकान पर शाम को...''

लाला मुस्कुरा कर रह गया...
थोड़े से सामान के बदले ऐसा रसीला माल चोदने को मिले तो किसका मन खुश नही होगा..

शबाना के निकलते ही लाला तुरंत अंदर गया...
वहाँ निशि अपने ऑर्गॅज़म के नशे से बाहर आ चुकी थी...
और उसी चीनी की बोरी पर अंगडाई लेती हुई मुस्कुरा रही थी...
शायद अपने उपर की कैसे लाला के मुँह पर उसने अपनी चूत के फुव्वारे चलाए थे आज...

लाला को देखते ही उसने अपनी बाहें उसकी तरफ फेला दी..

लाला ने भी इस मौके को हाथ से नही जाने दिया और आगे बढ़कर उस नंगी परी को अपने गले से लगाकर एक जोरदार चुंबन जड़ दिया उसके रसीले होंठो पर...

स्मूच करते-2 निशि ने अपना एक हाथ नीचे करके लाला के लंड की तरफ सरका दिया तो लाला ने हंसते हुए उसे अलग किया और बोला : "बस बस मेरी बुलबुल...एक ही दिन में तुझे लाला का लट्ठ अपने अंदर चाहिए...

ऐसा ना हो की तेरे घर वालो को आना पड़े तुझे उठाने के लिए...चूत चुस्वाकार तो बेहोश पड़ी रही इतनी देर तक...चूत मरवाएगी तो कई दिन लग जाएगे तुझे होश में आने में ..''

लाला की बात सुनकर वो भी हंस दी...
पर वो तो यही सोचकर आई थी की आज वो लाला का लंड लेकर रहेगी...

लाला बोला : "देख मेरी जान...ये चुदाई का काम पहली बार बड़ा तकलीफ़ देता है...और इसके लिए चूत को एकदम चिकना और रसीला बनाना पड़ता है...

तूने तो देखा है ना मेरा रामलाल...तेरी इस छोटी सी मुनिया में कैसे जाएगा भला वो...जाएगा तो तू इतना चिल्लाएगी की गाँव इकट्ठा हो जाएगा लाला के घर...इसलिए अभी कुछ दिन तक तो लाला तुझे ट्रैनिंग देगा...तेरी चूत की मांसपेशियों की कसरत करवाएगा..उसके बाद चोदेगा तुझे मेरी रानी...अपने रामलाल से...''

लाला की रसीली बाते सुनकर निशि भी मंत्रमुग्ध सी होकर उसे देखती रही और अंत में बोली : "ओोहो....इतना कुछ करना पड़ता है पहली बार में ...मुझ पगली को तो पता भी नही था...पर आप कहते हो तो ये भी कर लूँगी...बताओ..कब से ट्रैनिंग शुरू होगी..और क्या -2 करना होगा मुझे...''

लाला ने उसके नन्हे अमरूद दबाते हुए कहा : "अब एक ही दिन में तू सारा कोकशास्त्र पढ़ लेगी क्या मेरी बन्नो...आज के लिए इतना ही बहुत है...अब तू घर जा और अपनी दोस्त पिंकी को मत बोलियो की अभी तू यहाँ थी...वो आई थी तुझे ढूँढते हुए...ऐसा ना हो की मामला बिगड़ जाए...''

निशि ने भी हां में सिर हिलाकर सहमति जताई...
जाते-2 लाला ने उसे बादाम के तेल की शीशी पकड़ा दी और बोला : "आज से तू रोज सुबह आधे घंटे तक अपनी चूत की मालिश करियो इस तेल से...ये तेरी चूत की मांसपेशियों को वो मजबूती देगा जिससे लाला के लंड को सहने की ताक़त मिलेगी तुझे...समझी...''

उसने तेल की शीशी ली और अपने कपड़े पहन कर हमेशा की तरह अपनी गांड उछालती हुई सी अपने घर की तरफ चल दी.

और लाला ने शटर डाउन किया और चल दिया वो शबाना के घर की तरफ...

इस वक़्त तो उसे शबाना के मोटे तरबूज और उसकी रसीली चूत ही दिखाई दे रही थी जिसे वो जल्द से जल्द खाना चाहता था.

लाला जब शबाना के घर के बाहर पहुँचा तो उसकी बेटी नाज़िया उसे बाहर ही मिल गयी...
उसके हाथ मे 10 का नोट था, शायद शबाना ने उसे आइस्क्रीम के बहाने बाहर भेज दिया था...

लाला ने आज पहली बार गोर से नाज़िया को देखा...
वो भी अपनी जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी थी...

भले ही देखने में वो अभी भी बच्ची ही थी पर उसकी छाती का उभार तो निशि के अमरूदों को भी मात कर रहा था...

आज तक लाला की नज़रें इसपर कैसे नही पड़ी...
शायद उसकी माँ को चोदने के चक्कर में उसे हमेशा घर से बाहर जाना पड़ता था
इसलिए वो उसकी नज़रों से छुपी रही थी...

लाला को देखकर वो बोली : "लालाजी , अम्मी बोल रही थी की आपकी दुकान से समान लेने आना है मुझे...शाम को आउंगी ..अभी तो आइस्क्रीम लेने जा रही हूँ मैं ...''

इतना कहकर वो भी मस्तमगन भंवरे की तरह उड़ती चली गयी वहां से..

लाला ने अपनी आदतानुसार जाती हुई कमसिन नाज़िया के कूल्हे देखे...
और उन्हे देखकर लाला को ज़रा भी निराशा नही हुई...
उसके दोनो डिपार्टमेंट अच्छे से डेवलप हो रहे थे.

अपनी धोती में नाज़िया के नाम के आए उभार को मसलते हुए वो अंदर चल दिया...

शबाना अपना बिस्तर सही कर रही थी और झुकी होने की वजह से उसकी गांड लाला की तरफ ही थी....

लाला अब इतना उत्तेजित हो चुका था की उसके फेले हुए चूतड़ देखते ही सांड की तरह बौरा गया और आगे बढ़कर उसने अपना खड़ा हुआ लंड उसकी गांड से सटा कर शबाना को उसी अवस्था में दबोच लिया..

''आआआआआआआआआहह लालाजी.......क्या करते हो...दरवाजा तो बंद करने देते....इतनी बेसब्री ही थी तो वहीँ कर लेते ना, गोडाउन में ..''

अब लाला उसे कैसे समझाए की गोडाउन में क्या प्राब्लम थी...

लाला ने उसके घाघरे को धीरे-2 उपर किया और उसकी नंगी गांड उजागर कर दी...

लाला का रामलाल तो वैसे भी धोती में खुल्ले सांड़ जैसा घूमता रहता था

थोड़ा सा किनारा साइड में करके लाला ने अपना कसरती लंड उसकी गांड में पेल दिया और वो आनंद के सागर में डुबकी लगाकर वही बेड पर दोहरी हो गयी..

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... लाला.......क्या कसक है तेरे लंड की......कसम से....आज तक इसका कोई तोड़ नही मिल पाया मुझे....''

लाला ने झटके देते हुए उसकी गांड मारनी शुरू कर दी...
उसकी धोती खुलकर अपने आप नीचे जा गिरी...
कुर्ता भी लाला ने खींचकर निकाल दिया...

अपनी गांड मरवाती शबाना ने भी कसमसाते हुए अपने सारे कपड़े निकाल फेंके और अब वो पूरी नंगी होकर लाला के रामलाल को अपनी गांड में लेकर, अपनी चूत को मसलती हुई किसी घोड़ी की तरह हिनहिनाती हुई अपने बेड पर उछल कूद मचा रही थी...

''आआआआआआआआआहह लाला..........और ज़ोर से मार....अहह.....घुसा दे अपना पूरा लंड मेरी गांड में ......ओह लाला.........चूत में भी डाल ना अपने रामलाल को..........अहह''

उसकी बात मानकर लाला ने अपना लंड निकालकर उसकी चूत में भी पेला...
और वो अपनी गांड का टेंपो आगे पीछे करते हुए फ़चफ़च करके अपनी गांड और चूत दोनो मरवा रही थी..

भले ही इस वक़्त लाला उसकी मार रहा था पर उसकी आँखो के सामने इस वक़्त निशि का नंगा जिस्म ही नाच रहा था....

उसकी वो संकरी सी चूत, जिसे वो कुछ देर पहले तक चूस रहा था, वो उसकी आँखो के सामने थी और उसे यही लग रहा था जैसे वो अपना लंड उसकी चूत में पेल रहा है....
ये एहसास उसे मस्ती के एक नये आयाम पर ले जा रहा था.

लाला और शबाना ये सब कर रहे थे ...
इस बात से अंजान होकर की नाज़िया कब की वापिस आ चुकी है...
और अपनी माँ को घोड़ी बनकर चूत मरवाते देखकर बेचारी आइस्क्रीम खाना भी भूल चुकी है....

उसे ये अंदाज़ा तो था की उसकी माँ और लाला के बीच कुछ चल रहा है...
पर अपनी उम्र के हिसाब से उसने इतना आगे तक का नही सोचा था...

अपनी लाइफ में वो ऐसी बातो से हमेशा से ही दूर रही थी...
यहाँ तक की क्लास में भी जब पिंकी और निशि उसके साथ कुछ गंदी बाते करने की कोशिश करती तो वो वहां से भाग जाया करती थी...

उन दोनो ने ही लाला के मोटे लंड के बारे में उसे बताया था , और वो बात उसने वापिस आकर अपनी माँ से बोल दी थी,

माँ को तो पहले से ही लाला के मोटे लंड के बारे में पता था, इसलिए वो ज़्यादा हैरान ना हुई पर उसने अपनी बेटी को पिंकी और निशि से दूर रहने की हिदायत ज़रूर दे डाली

इन्ही सब बातों की वजह से उसे एक औरत और मर्द के बीच के सम्बन्धो का ज़्यादा ज्ञान नही था...
और उन सभी बातो से अंजान किसी जवान लड़की को जब एकदम से लाइव चुदाई देखने को मिल जाए तो उसकी जिंदगी के सारे समीकरण ही बदल जाते है....

आज तक वो जिन गंदी बातो से बचती फिर रही थी, वो आज उसकी आँखो के सामने ही हो रही थी...

लाला कितने भयानक तरीके से अपने लंड को रामलाल कहता हुआ उसकी माँ की चूत में पेल रहा था...

और उसकी माँ भी किसी रंडी की तरह लाला के हर झटके को कबूल करके मस्ती भरी सिसकारियां मारकर उसे और भी ज़्यादा ज़ोर से चूत मारने को उकसा रही थी...

ये सब देखते-2 उसकी चूत में एकदम से गीलापन सा आ गया...
उसने नीचे देखा तो उसकी आइस्क्रीम पिघल कर उसकी छाती पर गिर गयी थी...
और उसके बूब्स से होती हुई नाभि तक पहुँच गयी थी...

पहले तो उसे लगा की वही आइस्क्रीम उसकी सुसू करने की जगह तक भी पहुँच गयी है

पर जब उसने पायजामी को खोलकर अंदर झाँका तो वहां कुछ अलग ही तरह की आइस्क्रीम मिली ...
गर्म आइस्क्रीम...
जो उसकी चूत से बहकर बाहर निकल रही थी...

उसे देखकर बेचारी डर सी गयी और उल्टे पाँव भागकर दूसरे कमरे में चली गयी...
और अंदर से दरवाजा बंद करके ज़ोर-2 से हांफने लगी...

बेचारी को अभी तक समझ नही आ रहा था की ये बिन मौसम की बरसात कैसे होने लगी उसकी चूत से...

इसी बीच लाला के लंड ने भयानक तरीके से उसकी माँ की चूत में विस्फोट कर दिया...
दोनो की गहरी साँसे और ठंडी सिसकारिया पूरे घर में फैल गयी ...

और उधर.अपने कमरे में सहम कर बैठी नाज़िया को भी ये सब सुनाई दे रहा था...
नाज़िया ने अपने सारे कपडे निकाल फेंके

उसने अपनी उंगली से टाँगो के बीच से निकल रहे रस को टच किया तो उसके पूरे शरीर में तरंगे सी उठने लगी...
एक मीठा सा एहसास उसकी छातियो पर महसूस हुआ..
जैसे उसके गोल मटोल बूब्स को कोई बड़े प्यार से सक्क कर रहा है....
उन्हे होले - 2 दबा रहा है...

और ये सब महसूस करते हुए उसके हाथ कब अपनी चूत के खुल्ले होंठो में घुस गये उसे भी पता नही चला...
और वो अपनी दोनो उंगलियो से अपनी चूत को ज़ोर-2 से मसलने लगी...
और चूत मसलते-2 उसकी बंद आँखो के सामने उसे लाला दिखाई देने लगा...
एकदम नंगा .....

और वो अपने हाथ में अपने लंड को लेकर खड़ा था और नाज़िया की तरफ देखकर बोल रहा था...
'लेगी क्या...बोल...लेगी क्या मेरे रामलाल को...अपनी चूत में ..जैसे तेरी माँ ले रही थी...'

और अचानक ज़ोर-2 से मूठ मारती हुई नाज़िया के मुँह से फुसफुसाते हुए से शब्द निकले...

''हाआँ.....लाला......हाआँ....लूँगी......ज़रूर लूँगी....''

और इतना कहकर वो भी एक जोरदार धमाके के साथ झड़ने लगी....

शरीर काँप उठा उसका जब उसकी चूत से वो नारंगी पानी बाहर निकला तो....
और अपने ही रस में सराबोर सी होकर वो अपने बेड पर पड़ी हुई मुस्कुराती रही...
लाला के बारे में सोचकर.

और ये सोचकर की ये सैक्स इतना भी गन्दा नहीं था, जितना उसे बताया गया था...
________________________
 Read My Other Stories
________________________
Click On Name
LADLA DEVAR (लाड़ला देवर)(completed) || Mera Jeevan (completed)||भाभियों के साथ गाँव में मस्ती(Completed) ||लंड के कारनामें  (completed) ||"दिल अपना प्रीत परायी"(completed) ||कमसिन कलियाँ और हरामी लाला (Running)||
 •
      Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#43
17-07-2017, 06:20 PM
Lovely
 •
      Find
Reply


urc4me Offline
Archer Bee
***
Joined: 17 Feb 2017
Reputation: 40


Posts: 1,555
Threads: 0

Likes Got: 60
Likes Given: 6


db Rs: Rs 20.6
#44
17-07-2017, 06:26 PM
Nazia bhi taiyar hai lala ke liye
 •
      Find
Reply


arav1284 Offline
Archer Bee
***
Thread Of The Year 1st Place
Joined: 18 Dec 2016
Reputation: 40


Posts: 2,490
Threads: 19

Likes Got: 544
Likes Given: 94


db Rs: Rs 52.33
#45
20-07-2017, 11:01 PM
नाज़िया ने अपने नंगे शरीर को शीशे में देखा तो आज वो खुद को ही पहले से ज़्यादा सैक्सी दिखाई दी...
आज तक उसने खुद से अपनी ब्रेस्ट को टच भी नही किया था...
पर आज उनमे जिस तरह की सनसनाहट हो रही थी, उसके बाद नाज़िया के हाथ खुद ब खुद अपने मुम्मो पर आ लगे...

और यही हाल उसकी चूत का भी था, जिसे आज तक उसने कोई इंपॉर्टेन्स नही दी थी
उसी पर हाथ लगाकर आज इतने मज़े लिए थे उसने...

हालाँकि एक-दो बार पहले भी वो मुठ मार चुकी थी
पर आज लाला के बारे में सोचकर जिस अंदाज से उसे मज़े आए थे
वो पहले से बहुत अलग ही थे.

वो गोर से अपने नंगे शरीर के हर एक अंग को देखकर मुस्कुराने लगी...
अब तो वो भी अपनी माँ की ही तरह लाला से खुद को चुदवाना चाहती थी.

कुछ देर बाद लाला वापिस चला गया..
और नाज़िया भी कपड़े पहन कर अपने कमरे से निकल कर बाहर आ गयी...
उसकी माँ को कुछ पता ही नही चल सका की वो अंदर ही थी.

शाम को शबाना ने जब नाज़िया को कहा की वो लाला की दुकान पर जाकर कुछ समान ले आए तो उसके अंग-2 से चिंगारिया सी निकलने लगी...
जैसे आज ही लाला उसे चोद देगा.

इसी बीच जब सोनी वापिस घर पहुँची तो पिंकी को अपने घर पर ही बैठे पाया...
वो निशि की माँ से ही बातें कर रही थी...
और उसका इंतजार.

निशि को देखते ही वो वहां से उठ खड़ी हुई और दोनो निशि के रूम में आ गये उपर..

वहां पहुँचते ही वो पुलिसिया अंदाज में बोलनी शुरू हो गयी : "कहां थी तू...कब से ढूँढ रही हूँ ...लाला की दुकान पर भी गयी थी पर वो बंद थी...कहीं तू उसके साथ ही तो नही गयी थी...'?

निशि मुस्कुराइ और मन में बोली : "थी तो उसके साथ ही पर कहीं और नही, उस दुकान के अंदर ही... और कसम से जानेमन क्या मज़े दिए आज लाला ने...काश तुझे सुना पाती तो तेरी झांटे सुलग कर ब्राउन हो जाती आज...''

पिंकी : "अब ऐसे क्यो मुस्कुरा रही है...बोलती क्यो नही , कहा गांड मरवा रही थी...?

निशि ने उल्टे उसे ही डांटना शुरू कर दिया
"तुझे लाला के सिवा कुछ और सूझता ही नही है ना...जब देखो लाला लाला....अर्रे मुझे और भी तो कुछ काम हो सकता है ना...मैं तो नाज़िया के घर गयी थी, कल साइन्स का प्रेक्टिकल है ना, उसी के बारे में पूछने...समझी..''

पिंकी : "ओोहो ...मैं तो उसके बारे में भूल ही गयी थी....और मुझे लगा की तू लाला के पास......चल छोड़ वो सब...अब ये बता की आगे के बारे में क्या सोचा है...?

निशि : "किस बारे में .. ? ''

पिंकी : "अर्रे वही...लाला के बारे में ..वो तो कल रात यही सोचकर आया था ना की मीनल दीदी है यहाँ पर...और उसके बदले वो तेरे जिस्म से मज़े लेकर चला गया...अब उसे कभी ना कभी तो पता चलेगा ही ना की मीनल दीदी तो अब अपने सैयां के साथ चुदवा रही है...

कही ऐसा ना हो की वो ठरकी लाला आज की रात फिर से यहाँ आ जाए...ऐसा हुआ तो मैं तो कहे देती हूँ ...आज की रात मैं लेटूगी तेरी जगह ...साली सारे मज़े तू ही नही लेती रहेगी हमेशा...''

निशि उसकी बात सुनकर फिर से हंस दी...और बोली : "अच्छा जी...और उसका क्या होगा जो कल रात तूने मुझे कही थी की लाला को मेरे बारे में कुछ पता नही चलेगा, क्योंकि मैं मीनल दीदी जैसी दिखती हूँ ....

तू अगर वहां लेटी तो वो झट्ट से जान जाएगा की तू पिंकी है...तेरा रंग ही इतना गोरा है की बिना चाँद के भी तेरा चेहरा दमकता रहता है...''

ये सुनकर पिंकी मायूस सी हो गयी...
शायद आज पहली बार उसे अपने गोरे रंग पर गुस्सा आ रहा था..

निशि : "और मुझे नही लगता की लाला अब दोबारा यहाँ आएगा...कल रात तो वो इसलिए आया था क्योंकि मीनल दीदी ने उसे बुलाया था...और कल रात जब मैं मीनल बनकर लेटी थी तो दोबारा आने की कोई बात नही हुई थी...ऐसे में लाला फिर से आने का रिस्क नही लेगा...''

पिंकी : "तभी तो मैं कह रही हूँ की बात आगे कैसे बढ़ेगी ...!!

निशि : "वो बात जब बनेगी तब बनेगी..अभी तो कल के साईंस प्रॉजेक्ट के बारे में सोच...''

पिंकी ने अपना मुम्मा ज़ोर से मसला और कांपती हुई आवाज़ में बोली : "यहाँ मेरी ज्योग्राफी बिगड़ी पड़ी है और तुझे साईंस प्रॉजेक्ट की पड़ी है...''

निशि : "अब तुझमे इतनी ही आग लगी हुई है तो तू ही कोई प्लान बना ना...तुझे तो पता है की इन मामलो में मेरा दिमाग़ कुछ ज़्यादा चलता नही है...''

पिंकी :"ओक...एक प्लान तो है मेरे दिमाग में पर उससे पहले हमें लाला को ये बताना होगा की मीनल दीदी अपने गाँव चली गयी है ताकि उस तरफ से हम निश्चिंत हो जाए......''

निशि ने मन में सोचा की ये बात भी वो लाला को बता ही चुकी है...
पर इस वक़्त वो पिंकी की बात को काटना नही चाहती थी
वरना उसे पता चल जाता की वो लाला से मिली थी...

इसलिए उसने हाँ कर दी और कुछ देर बाद दोनो लाला की दुकान की तरफ चल दिए..

जाते-२ पिंकी ने उसे अपना प्लान भी समझा दिया और ये भी की इस बार सिर्फ वही मजे लेगी लाला से , जैसे कल रात निशि ने लिए थे अकेले में.

इसी बीच लाला भी शबाना की चुदाई करके वापिस दुकान पर आ ही चुका था...
और दुकान खोलकर वो अपने थके हुए रामलाल को सहलाता हुआ शबाना और उसकी लोंड़िया के बारे में सोच ही रहा था की दूर से उसे फिर से ये दोनो मोरनियाँ आती दिखाई दे गयी..

लाला का रामलाल उनके एहसास से ही कड़क होने लगा

लाला उसे मसलते हुए बुदबुदाया : "इसे भी चैन नही है...साली अभी चूत चटवा कर गयी है, फिर से आ गयी अपनी सहेली को लेकर...''

और ऐसा नही था की लाला उन्हे देखकर गुस्से में ये सब बोल रहा था....

वो तो उसके बोलने का तरीका ही ऐसा होता है...
वरना लाला तो क्या, कोई भी ऐसी हसीन हिरनियों की जोड़ी को देखकर अपना लंड मसलने लग जाएगा..

दोनो दुकान पर पहुँची और लाला अपनी आदत के अनुसार अपने रामलाल को एक हाथ से मसलता हुआ उनसे बोला : "आओ-आओ...तुम दोनो को देखकर मन अंदर तक खुश हो जाता है...''

लाला का मतलब अपने लंड यानी रामलाल से था , जो उन्हें देखकर खुश हो रहा था.

वो तो निशि को भी देखकर ऐसे बिहेव कर रहा था जैसे आज के दिन पहली बार दिखाई दी हो...

पिंकी अपनी योजना के अनुसार शुरू हो गयी , उसने निशि को इशारा किया और वो 1000 ₹ लाला के हाथ में देते हुए बोली : "लालाजी ..ये रहे आपके इस महीने के ब्याज के पैसे...''

लाला बोला : "अर्रे, पैसे कहाँ भागे जा रहे थे...आ जाते...''

निशि : "नही लालाजी, जो असूल की बात है,वो पहले करनी चाहिए...वो क्या हुआ ना की आज मीनल दीदी अपने मायके चली गयी है, और जाते हुए उन्होने हम दोनो को ये पैसे दिए थे...हमनें सोचा की बेकार में खरचने से अच्छा है की आपके ब्याज के पैसे ही चुका दे...''

दोनो ने बड़ी ही चालाकी से उन पैसो को मीनल दीदी के दिए पैसे बताकर लाला को थमा दिए...
जबकि ये वही बचे हुए पैसो में से थे जो लाला को वापिस करने के बाद बच गये थे दोनो के पास...

वहीँ दूसरी तरफ
मीनल के जाने की खबर सुनकर लाला ने चौंकने का नाटक किया और बोला : "अर्रे...वो कैसे एकदम से चली गयी....अभी कल ही तो.......''

लाला ने जान बूझकर वो बात अधूरी छोड़ दी...
क्योंकि वो जानता था की कल रात की बात इस वक़्त करने से उन दोनो पर क्या बीतेगी..

हुआ भी यही...
दोनो शरमा कर रह गयी.

पर अब मीनल के जाने के बाद पिंकी को अपने लिए भी तो रास्ता सॉफ करना था...
इसलिए वो बोली : "लालाजी , आप अगर बुरा न मानो तो एक बात कहूं ...''

लाला तो उसकी ये बात सुनकर ही समझ गया की वो ज़रूर अपने मज़े की बात करने वाली है...
क्योंकि कल रात को अपनी सहेली को मज़े लेते देखकर अब उसकी चूत भी कुन्मुना रही थी..

लाला : "हाँ ...हाँ ..बोल पिंकी रानी...बेधड़क बोल ...लाला से कुछ भी बोलने और करने के लिए तुम दोनो हमेशा आज़ाद हो...''

साला ...कह तो ऐसे रहा था जैसे सलमान ख़ान है, जिसपर सारी दुनिया मरती है...

पर अपने रामलाल के बल पर, कम से कम, अपने गाँव का तो सलमान ख़ान था ही वो..

पिंकी : "वो क्या है ना लालाजी, कल स्कूल के बाद मुझे पड़ोस के गाँव तक जाना है, वहां से एक किताब लेनी है जो यहाँ किसी के पास नही मिल रही...अगर आपके पास थोड़ा टाइम हो तो क्या आप मुझे...ले चलोगे...''

लाला को एक बार तो उसकी बात का कोई मतलब समझ ही नही आया...

ये बात सही थी की पास के गाँव में जो किताब की दुकान थी वहां से हर तरह की किताबें मिल जाया करती थी...

पर इस काम के लिए वो लाला को अपने साथ क्यों ले जाना चाहती थी...
ये काम तो दोनो सहेलियां मिलकर भी कर सकती थी...

और वहां तक बस भी जाती है और ऑटो भी...
फिर वो लाला के साथ चलने को क्यों कह रही है..!!

और अचानक लाला का दिमाग़ ठनका ...
वो समझ गया की इसके पीछे क्या वजह है..

यही की कल रात निशि ने तो अपने हिस्से के मज़े ले लिए...
और ऐसा करके वो लाला के साथ अकेले में कुछ टाइम बिताना चाह रही थी...
और ऐसे में मज़े लेना तो बनता ही है..

वैसे भी, लाला के पास बुलेट मोटरसाइकिल तो थी ही...

वो बोला : "अरे, इसमे क्या दिक्कत होगी मुझे...चल दूँगा...इसी बहाने मैं भी थोड़ा निकल लूँगा बाहर...काफ़ी दिन हो गये गाँव से बाहर गये हुए....

तू कल स्कूल के बाद मुझे पुलिया पर मिल जाना, वहीं से निकल चलेंगे मेरी मोटर साइकल पर...''

उसने हाँ कहा और मुस्कुराती हुई दोनो सहेलियाँ दुकान से निकल कर अपने घर की तरफ चल दी...

दोनो बहुत खुश थी,अपनी योजना के अनुसार पिंकी अब लाला के साथ कम से कम 3-4 घंटे रह सकती थी...
और ऐसे में वो ठरकी लाला कुछ ना करे, ऐसा तो हो ही नही सकता था..

लाला अपने काम में लग गया...
और कल के बारे में सोचकर अपने प्लान बनाने लगा..

वो अभी कल के बारे में सोच ही रहा था की नाज़िया उसके सामने आकर खड़ी हो गयी..

एक के बाद एक उसके सामने हुस्न की दुकान के मीठे पकवान सज़ा रहा था उपरवाला...
उसे देखकर वो भी खुश हो गया...

नाज़िया अपने साथ ले जाने वाला समान एक पर्ची पर लिखकर लाई थी, जिसे देखकर लाला बोला : "इसमे तो ज़्यादातर समान अंदर ही है, गोडाउन में ...तू अंदर चलकर निकाल ले, कुछ ना मिले तो मुझे बता दियो ...''

अंदर जाने के नाम से ही नाज़िया का दिल धाड़-2 बजने लगा...

वो समझ गयी की लाला खुद ही अपनी तरफ से उस उसके साथ कुछ करना चाहता है...
वैसे सोचकर तो वो भी यही आई थी, इसलिए उसने कुछ नही कहा और चुपचाप अंदर चल दी...

लाला और उसके रामलाल के लिए इससे अच्छा दिन आज तक नही बीता था

आज के दिन वो पहले से ही निशि की कुँवारी चूत चूस चुका था

उसके बाद नाज़िया की माँ यानी शबाना की गांड और चूत भी जमकर बजा चुका था...

बाद में पिंकी ने खुद ही आकर कल का प्रोग्राम सेट कर दिया था...

और अब ये लाला के बगीचे में उजागर हुई नयी कच्ची कली नाज़िया...

ये भी अपने हुस्न के जाम लुटाने उसके पास पहुँच गयी है...
इतनी सारी खुशियां तो लाला ने आज तक महसूस नही की थी...

पर उसे भला क्या प्राब्लम होनी थी...
जब सामने से ये कच्ची कलियाँ खुद ब खुद उसके रामलाल की सेवा लेने पहुँच रही है तो उसका तो ये फ़र्ज़ बन जाता है की हर कली को फूल बनाकर ही छोड़े...

बस फिर क्या था
लाला ने शटर डाउन किया और चल दिया अपने रामलाल को सहलाते हुऐ.. कमसिन नाज़िया के पीछे-2
गोडाउन के अंदर....
________________________
 Read My Other Stories
________________________
Click On Name
LADLA DEVAR (लाड़ला देवर)(completed) || Mera Jeevan (completed)||भाभियों के साथ गाँव में मस्ती(Completed) ||लंड के कारनामें  (completed) ||"दिल अपना प्रीत परायी"(completed) ||कमसिन कलियाँ और हरामी लाला (Running)||
 •
      Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#46
21-07-2017, 03:54 PM
Good Work
 •
      Find
Reply


urc4me Offline
Archer Bee
***
Joined: 17 Feb 2017
Reputation: 40


Posts: 1,555
Threads: 0

Likes Got: 60
Likes Given: 6


db Rs: Rs 20.6
#47
21-07-2017, 04:01 PM
(20-07-2017, 11:01 PM)arav1284 : नाज़िया ने अपने नंगे शरीर को शीशे में देखा तो आज वो खुद को ही पहले से ज़्यादा सैक्सी दिखाई दी...
आज तक उसने खुद से अपनी ब्रेस्ट को टच भी नही किया था...
पर आज उनमे जिस तरह की सनसनाहट हो रही थी, उसके बाद नाज़िया के हाथ खुद ब खुद अपने मुम्मो पर आ लगे...

और यही हाल उसकी चूत का भी था, जिसे आज तक उसने कोई इंपॉर्टेन्स नही दी थी
उसी पर हाथ लगाकर आज इतने मज़े लिए थे उसने...

हालाँकि एक-दो बार पहले भी वो मुठ मार चुकी थी
पर आज लाला के बारे में सोचकर जिस अंदाज से उसे मज़े आए थे
वो पहले से बहुत अलग ही थे.

वो गोर से अपने नंगे शरीर के हर एक अंग को देखकर मुस्कुराने लगी...
अब तो वो भी अपनी माँ की ही तरह लाला से खुद को चुदवाना चाहती थी.

कुछ देर बाद लाला वापिस चला गया..
और नाज़िया भी कपड़े पहन कर अपने कमरे से निकल कर बाहर आ गयी...
उसकी माँ को कुछ पता ही नही चल सका की वो अंदर ही थी.

शाम को शबाना ने जब नाज़िया को कहा की वो लाला की दुकान पर जाकर कुछ समान ले आए तो उसके अंग-2 से चिंगारिया सी निकलने लगी...
जैसे आज ही लाला उसे चोद देगा.

इसी बीच जब सोनी वापिस घर पहुँची तो पिंकी को अपने घर पर ही बैठे पाया...
वो निशि की माँ से ही बातें कर रही थी...
और उसका इंतजार.

निशि को देखते ही वो वहां से उठ खड़ी हुई और दोनो निशि के रूम में आ गये उपर..

वहां पहुँचते ही वो पुलिसिया अंदाज में बोलनी शुरू हो गयी : "कहां थी तू...कब से ढूँढ रही हूँ ...लाला की दुकान पर भी गयी थी पर वो बंद थी...कहीं तू उसके साथ ही तो नही गयी थी...'?

निशि मुस्कुराइ और मन में बोली : "थी तो उसके साथ ही पर कहीं और नही, उस दुकान के अंदर ही... और कसम से जानेमन क्या मज़े दिए आज लाला ने...काश तुझे सुना पाती तो तेरी झांटे सुलग कर ब्राउन हो जाती आज...''

पिंकी : "अब ऐसे क्यो मुस्कुरा रही है...बोलती क्यो नही , कहा गांड मरवा रही थी...?

निशि ने उल्टे उसे ही डांटना शुरू कर दिया
"तुझे लाला के सिवा कुछ और सूझता ही नही है ना...जब देखो लाला लाला....अर्रे मुझे और भी तो कुछ काम हो सकता है ना...मैं तो नाज़िया के घर गयी थी, कल साइन्स का प्रेक्टिकल है ना, उसी के बारे में पूछने...समझी..''

पिंकी : "ओोहो ...मैं तो उसके बारे में भूल ही गयी थी....और मुझे लगा की तू लाला के पास......चल छोड़ वो सब...अब ये बता की आगे के बारे में क्या सोचा है...?

निशि : "किस बारे में .. ? ''

पिंकी : "अर्रे वही...लाला के बारे में ..वो तो कल रात यही सोचकर आया था ना की मीनल दीदी है यहाँ पर...और उसके बदले वो तेरे जिस्म से मज़े लेकर चला गया...अब उसे कभी ना कभी तो पता चलेगा ही ना की मीनल दीदी तो अब अपने सैयां के साथ चुदवा रही है...

कही ऐसा ना हो की वो ठरकी लाला आज की रात फिर से यहाँ आ जाए...ऐसा हुआ तो मैं तो कहे देती हूँ ...आज की रात मैं लेटूगी तेरी जगह ...साली सारे मज़े तू ही नही लेती रहेगी हमेशा...''

निशि उसकी बात सुनकर फिर से हंस दी...और बोली : "अच्छा जी...और उसका क्या होगा जो कल रात तूने मुझे कही थी की लाला को मेरे बारे में कुछ पता नही चलेगा, क्योंकि मैं मीनल दीदी जैसी दिखती हूँ ....

तू अगर वहां लेटी तो वो झट्ट से जान जाएगा की तू पिंकी है...तेरा रंग ही इतना गोरा है की बिना चाँद के भी तेरा चेहरा दमकता रहता है...''

ये सुनकर पिंकी मायूस सी हो गयी...
शायद आज पहली बार उसे अपने गोरे रंग पर गुस्सा आ रहा था..

निशि : "और मुझे नही लगता की लाला अब दोबारा यहाँ आएगा...कल रात तो वो इसलिए आया था क्योंकि मीनल दीदी ने उसे बुलाया था...और कल रात जब मैं मीनल बनकर लेटी थी तो दोबारा आने की कोई बात नही हुई थी...ऐसे में लाला फिर से आने का रिस्क नही लेगा...''

पिंकी : "तभी तो मैं कह रही हूँ की बात आगे कैसे बढ़ेगी ...!!

निशि : "वो बात जब बनेगी तब बनेगी..अभी तो कल के साईंस प्रॉजेक्ट के बारे में सोच...''

पिंकी ने अपना मुम्मा ज़ोर से मसला और कांपती हुई आवाज़ में बोली : "यहाँ मेरी ज्योग्राफी बिगड़ी पड़ी है और तुझे साईंस प्रॉजेक्ट की पड़ी है...''

निशि : "अब तुझमे इतनी ही आग लगी हुई है तो तू ही कोई प्लान बना ना...तुझे तो पता है की इन मामलो में मेरा दिमाग़ कुछ ज़्यादा चलता नही है...''

पिंकी :"ओक...एक प्लान तो है मेरे दिमाग में पर उससे पहले हमें लाला को ये बताना होगा की मीनल दीदी अपने गाँव चली गयी है ताकि उस तरफ से हम निश्चिंत हो जाए......''

निशि ने मन में सोचा की ये बात भी वो लाला को बता ही चुकी है...
पर इस वक़्त वो पिंकी की बात को काटना नही चाहती थी
वरना उसे पता चल जाता की वो लाला से मिली थी...

इसलिए उसने हाँ कर दी और कुछ देर बाद दोनो लाला की दुकान की तरफ चल दिए..

जाते-२ पिंकी ने उसे अपना प्लान भी समझा दिया और ये भी की इस बार सिर्फ वही मजे लेगी लाला से , जैसे कल रात निशि ने लिए थे अकेले में.

इसी बीच लाला भी शबाना की चुदाई करके वापिस दुकान पर आ ही चुका था...
और दुकान खोलकर वो अपने थके हुए रामलाल को सहलाता हुआ शबाना और उसकी लोंड़िया के बारे में सोच ही रहा था की दूर से उसे फिर से ये दोनो मोरनियाँ आती दिखाई दे गयी..

लाला का रामलाल उनके एहसास से ही कड़क होने लगा

लाला उसे मसलते हुए बुदबुदाया : "इसे भी चैन नही है...साली अभी चूत चटवा कर गयी है, फिर से आ गयी अपनी सहेली को लेकर...''

और ऐसा नही था की लाला उन्हे देखकर गुस्से में ये सब बोल रहा था....

वो तो उसके बोलने का तरीका ही ऐसा होता है...
वरना लाला तो क्या, कोई भी ऐसी हसीन हिरनियों की जोड़ी को देखकर अपना लंड मसलने लग जाएगा..

दोनो दुकान पर पहुँची और लाला अपनी आदत के अनुसार अपने रामलाल को एक हाथ से मसलता हुआ उनसे बोला : "आओ-आओ...तुम दोनो को देखकर मन अंदर तक खुश हो जाता है...''

लाला का मतलब अपने लंड यानी रामलाल से था , जो उन्हें देखकर खुश हो रहा था.

वो तो निशि को भी देखकर ऐसे बिहेव कर रहा था जैसे आज के दिन पहली बार दिखाई दी हो...

पिंकी अपनी योजना के अनुसार शुरू हो गयी , उसने निशि को इशारा किया और वो 1000 ₹ लाला के हाथ में देते हुए बोली : "लालाजी ..ये रहे आपके इस महीने के ब्याज के पैसे...''

लाला बोला : "अर्रे, पैसे कहाँ भागे जा रहे थे...आ जाते...''

निशि : "नही लालाजी, जो असूल की बात है,वो पहले करनी चाहिए...वो क्या हुआ ना की आज मीनल दीदी अपने मायके चली गयी है, और जाते हुए उन्होने हम दोनो को ये पैसे दिए थे...हमनें सोचा की बेकार में खरचने से अच्छा है की आपके ब्याज के पैसे ही चुका दे...''

दोनो ने बड़ी ही चालाकी से उन पैसो को मीनल दीदी के दिए पैसे बताकर लाला को थमा दिए...
जबकि ये वही बचे हुए पैसो में से थे जो लाला को वापिस करने के बाद बच गये थे दोनो के पास...

वहीँ दूसरी तरफ
मीनल के जाने की खबर सुनकर लाला ने चौंकने का नाटक किया और बोला : "अर्रे...वो कैसे एकदम से चली गयी....अभी कल ही तो.......''

लाला ने जान बूझकर वो बात अधूरी छोड़ दी...
क्योंकि वो जानता था की कल रात की बात इस वक़्त करने से उन दोनो पर क्या बीतेगी..

हुआ भी यही...
दोनो शरमा कर रह गयी.

पर अब मीनल के जाने के बाद पिंकी को अपने लिए भी तो रास्ता सॉफ करना था...
इसलिए वो बोली : "लालाजी , आप अगर बुरा न मानो तो एक बात कहूं ...''

लाला तो उसकी ये बात सुनकर ही समझ गया की वो ज़रूर अपने मज़े की बात करने वाली है...
क्योंकि कल रात को अपनी सहेली को मज़े लेते देखकर अब उसकी चूत भी कुन्मुना रही थी..

लाला : "हाँ ...हाँ ..बोल पिंकी रानी...बेधड़क बोल ...लाला से कुछ भी बोलने और करने के लिए तुम दोनो हमेशा आज़ाद हो...''

साला ...कह तो ऐसे रहा था जैसे सलमान ख़ान है, जिसपर सारी दुनिया मरती है...

पर अपने रामलाल के बल पर, कम से कम, अपने गाँव का तो सलमान ख़ान था ही वो..

पिंकी : "वो क्या है ना लालाजी, कल स्कूल के बाद मुझे पड़ोस के गाँव तक जाना है, वहां से एक किताब लेनी है जो यहाँ किसी के पास नही मिल रही...अगर आपके पास थोड़ा टाइम हो तो क्या आप मुझे...ले चलोगे...''

लाला को एक बार तो उसकी बात का कोई मतलब समझ ही नही आया...

ये बात सही थी की पास के गाँव में जो किताब की दुकान थी वहां से हर तरह की किताबें मिल जाया करती थी...

पर इस काम के लिए वो लाला को अपने साथ क्यों ले जाना चाहती थी...
ये काम तो दोनो सहेलियां मिलकर भी कर सकती थी...

और वहां तक बस भी जाती है और ऑटो भी...
फिर वो लाला के साथ चलने को क्यों कह रही है..!!

और अचानक लाला का दिमाग़ ठनका ...
वो समझ गया की इसके पीछे क्या वजह है..

यही की कल रात निशि ने तो अपने हिस्से के मज़े ले लिए...
और ऐसा करके वो लाला के साथ अकेले में कुछ टाइम बिताना चाह रही थी...
और ऐसे में मज़े लेना तो बनता ही है..

वैसे भी, लाला के पास बुलेट मोटरसाइकिल तो थी ही...

वो बोला : "अरे, इसमे क्या दिक्कत होगी मुझे...चल दूँगा...इसी बहाने मैं भी थोड़ा निकल लूँगा बाहर...काफ़ी दिन हो गये गाँव से बाहर गये हुए....

तू कल स्कूल के बाद मुझे पुलिया पर मिल जाना, वहीं से निकल चलेंगे मेरी मोटर साइकल पर...''

उसने हाँ कहा और मुस्कुराती हुई दोनो सहेलियाँ दुकान से निकल कर अपने घर की तरफ चल दी...

दोनो बहुत खुश थी,अपनी योजना के अनुसार पिंकी अब लाला के साथ कम से कम 3-4 घंटे रह सकती थी...
और ऐसे में वो ठरकी लाला कुछ ना करे, ऐसा तो हो ही नही सकता था..

लाला अपने काम में लग गया...
और कल के बारे में सोचकर अपने प्लान बनाने लगा..

वो अभी कल के बारे में सोच ही रहा था की नाज़िया उसके सामने आकर खड़ी हो गयी..

एक के बाद एक उसके सामने हुस्न की दुकान के मीठे पकवान सज़ा रहा था उपरवाला...
उसे देखकर वो भी खुश हो गया...

नाज़िया अपने साथ ले जाने वाला समान एक पर्ची पर लिखकर लाई थी, जिसे देखकर लाला बोला : "इसमे तो ज़्यादातर समान अंदर ही है, गोडाउन में ...तू अंदर चलकर निकाल ले, कुछ ना मिले तो मुझे बता दियो ...''

अंदर जाने के नाम से ही नाज़िया का दिल धाड़-2 बजने लगा...

वो समझ गयी की लाला खुद ही अपनी तरफ से उस उसके साथ कुछ करना चाहता है...
वैसे सोचकर तो वो भी यही आई थी, इसलिए उसने कुछ नही कहा और चुपचाप अंदर चल दी...

लाला और उसके रामलाल के लिए इससे अच्छा दिन आज तक नही बीता था

आज के दिन वो पहले से ही निशि की कुँवारी चूत चूस चुका था

उसके बाद नाज़िया की माँ यानी शबाना की गांड और चूत भी जमकर बजा चुका था...

बाद में पिंकी ने खुद ही आकर कल का प्रोग्राम सेट कर दिया था...

और अब ये लाला के बगीचे में उजागर हुई नयी कच्ची कली नाज़िया...

ये भी अपने हुस्न के जाम लुटाने उसके पास पहुँच गयी है...
इतनी सारी खुशियां तो लाला ने आज तक महसूस नही की थी...

पर उसे भला क्या प्राब्लम होनी थी...
जब सामने से ये कच्ची कलियाँ खुद ब खुद उसके रामलाल की सेवा लेने पहुँच रही है तो उसका तो ये फ़र्ज़ बन जाता है की हर कली को फूल बनाकर ही छोड़े...

बस फिर क्या था
लाला ने शटर डाउन किया और चल दिया अपने रामलाल को सहलाते हुऐ.. कमसिन नाज़िया के पीछे-2
गोडाउन के अंदर....
Lala to bhog lagta hi ja raha hai kanhaiya ki tarah
 •
      Find
Reply


arav1284 Offline
Archer Bee
***
Thread Of The Year 1st Place
Joined: 18 Dec 2016
Reputation: 40


Posts: 2,490
Threads: 19

Likes Got: 544
Likes Given: 94


db Rs: Rs 52.33
#48
25-07-2017, 04:41 PM
बस फिर क्या था
लाला ने शटर डाउन किया और चल दिया कमसिन नाज़िया के पीछे-2
गोडउन के अंदर.

***********
अब आगे
***********

अंदर का अंधेरापन देखकर नाज़िया डर सी गयी.... 
उपर से जब उसने शटर डाउन होने की आवाज़ सुनी तो उसके अंदर से यही आवाज़ आई 'नाज़िया की बच्ची ...आज तो तू चुदी..'

पर चुदने के नाम से जो रोमांच अब तक उसके अंदर आ रहा था, उसकी जगह इस वक़्त डर ने ले ली थी...
कहां तो उसने सोचा था की वहां जाकर लाला को रिझाएगी...
ये करेगी...
वो करेगी...
पर जब मौका आया तो उसके हाथ पाँव फूल से गये...
उसकी समझ में ही नही आया की वो क्या करे और क्या नही.

वो खड़ी हुई ये सोच ही रही थी की तभी लाला अंदर आया और ठीक उसके पीछे आकर खड़ा हो गया..

लाला को देखकर बेचारी पत्थर की मूरत बनकर खड़ी रह गयी.

लाला ने उसकी कमर पर हाथ रखा और उसे झंझोड़ते हुए कहा : "क्या हुआ नाज़िया...समान नही लेना क्या...ऐसी बुत्त बनकर क्यों खड़ी है...''

इस वक़्त नाज़िया पर डर पूरी तरह से हावी हो चुका था...

डर, लाला के लंड से चुदने का..

डर, अपनी चूत के फट जाने का... 

और डर , उस दर्द को ना सहन करने की हालत में मर जाने का.

पर अब तो वो खुद ही शिकारी के पिंजरे मे आकर फँस चुकी थी... 
चाहकर भी उसके मुँह से कुछ निकल नही रहा था और ना ही उसके हाथ पाँव हिल डुल रहे थे...

बेचारी अपनी जवानी के पहले एग्ज़ाम में ही फैल सी होती दिख रही थी.

लाला ने जब उसे ज़ोर से हिलाया तो उसकी आँखे बंद होती चली गयी और उसका शरीर ऐंठ सा गया और वो नीचे गिरती चली गयी...

और वो उसने जान बूझकर किया क्योंकि जब उसकी समझ में कुछ और नही आया तो उसे बेहोश होने का नाटक करना ही सही लगा

वो तो अच्छा हुआ की लाला ने उसकी कमर को पकड़ा हुआ था, वरना वो गोडाउन की धूल चाट रही होती..

लाला भी एकदम से घबरा गया... 
उसने गिरती हुई नाज़िया को संभाला और उसे पास ही रखी खाट पर लिटा दिया.. 
लाला ने उसकी साँसे चेक करी और आँखे खोल कर देखा..
वो सही लग रही थी...

लाला समझ गया की ये किस वजह से हो रहा है... 
उसकी उम्र की नाज़ुक कली के सामने उस जैसा हरामी सांड आकर खड़ा हो जाए तो यही अंजाम होगा..

पर उसके हाव भाव को देखकर तो लाला को यही लग रहा था की वो भी मज़े लेने के मूड में आयी है..

इसलिए अभी भी लाला के हरामी दिमाग़ में उसे घर भेजने की बजाए उसके साथ कुछ देर तक मज़े लेने की बात घूम रही थी...
क्योंकि ऐसे हाथ आई चिड़िया को वो ऐसे ही तो उड़कर जाने नही देना चाहता था..

और उसकी आँखे देखकर वो समझ ही चुका था की उसे कुछ नही हुआ है...
आख़िर लाला के पिता गाँव के जाने माने वैद्य रह चुके थे...
उनके साथ रहकर उसने इतना तो सीखा ही था.

वैसे तो ऐसी लौंडियों को लाला अपना लंड सुंघाकर ही खड़ा कर दे..
पर अब जो वो उसके साथ करने वाला था, वो उससे भी थोड़ा बढ़कर ही था..

नाज़िया का छरहरा बदन कमल ककड़ी की तरह उसकी खटिया पर पड़ा था...
लाला ने उसके माथे पर हाथ रखा और धीरे-2 उस हाथ को नीचे लाने लगा...

पहले तो उसके चहेर पर...
फिर गर्दन पर...
और फिर जब लाला के हाथ सरककर उसकी छाती पर आए तो नाज़िया का बदन चरमरा सा उठा...
उत्तेजना के आवेग ने उसपर क़ब्ज़ा करना शुरू कर दिया था..
________________________
 Read My Other Stories
________________________
Click On Name
LADLA DEVAR (लाड़ला देवर)(completed) || Mera Jeevan (completed)||भाभियों के साथ गाँव में मस्ती(Completed) ||लंड के कारनामें  (completed) ||"दिल अपना प्रीत परायी"(completed) ||कमसिन कलियाँ और हरामी लाला (Running)||
 •
      Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#49
25-07-2017, 04:47 PM
Good but ssssssSmall
 •
      Find
Reply


arav1284 Offline
Archer Bee
***
Thread Of The Year 1st Place
Joined: 18 Dec 2016
Reputation: 40


Posts: 2,490
Threads: 19

Likes Got: 544
Likes Given: 94


db Rs: Rs 52.33
#50
25-07-2017, 04:48 PM
लाला ने उसके बब्बू गोशे जैसी छातियों को होले से दबाया...

और फिर उसकी पकड़ उनपर तेज होने लगी...
उसने शायद मोटे कपड़े की ब्रा पहनी हुई थी, जिसकी वजह से उसके निप्पल की टोह नहीं ले पा रहा था लाला....

पर उसका भी इंतज़ाम था लाला के पास...
लाला ने अपना हाथ नीचे किया और उसकी टी शर्ट को पकड़ कर उपर कर दिया...
इतना उपर की उसकी ब्रा उसके सामने उजागर हो गयी..

उस ब्रा में क़ैद उन नन्हे कबूतरों को देखकर लाला के मुँह से एक लार टपक कर उसके पेट पर आ गिरी...

नाज़िया का बदन बुरी तरह से जल रहा था
इसलिए उस लार को भाप बनकर उड़ने में पल भी नही लगा.

नाज़िया की हालत सम्मोहन में बँधी उस इंसान की तरह थी जो फील तो सब कुछ कर रहा था पर कुछ रिएक्ट नही कर पा रहा था...

आज जिंदगी में पहले बार उसकी अम्मी के अलावा किसी और ने उसके यौवन की ये अनमोल धरोहर देखी थी... 

यानी उसके मुम्मे.

लाला तो उनकी कसावट और गोरे रंग को देखकर पागल सा हो गया... 

देखने में भले ही बच्ची थी वो पर शरीर के ख़ास अंगो पर आई इस बेशक़ीमती चर्बी ने आज लाला को भी उसका कायल बना दिया था..

लाला ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे थोड़ा सा हवा में उठा लिया...

नाज़िया का बेजान सा शरीर दोनों हाथ फेलाए उपर उठता चला गया...

एक पल के लिए तो उसे लगा की लाला उसे चूम लेगा..पर ऐसा नही हुआ...

फिर से लाला के हाथ अपनी ब्रा स्ट्रेप पर महसूस हुए...

और इससे पहले की वो कुछ और सोच पाती लाला के अनुभवी हाथ ने एक चुटकी बजाकर उसकी ब्रा के स्ट्रेप्स खोल दिए...
और उसके नन्हे बूब्स उछलकर उपर की तरफ आ गये...

और अपने चेहरे के इतने करीब आई नाज़िया को ऐसे ही नही जाने दे सकता था लाला..

उसने नाज़िया के पिंक होंठो पर अपने खुरदुरे होंठ रख दिए और उनमे से निकल रहा शहद चाट-चाटकार पीने लगा..

हालाँकि नाज़िया को अपनी छाती और चेहरे पर लाला की दाढ़ी के बाल चुभ रहे थे...
पर अपनी लाइफ की पहली किस्स इतनी उत्तेजना भरे माहोल में करने को मिलेगी, उसने ये सोचा भी नही था..

इसलिए वो उसका आनंद लेने में डूब गयी और बिना आँखे खोले, बेहोशी का नाटक कायम रखते हुए वो लाला के रसीले होंठो में अपने नर्म मुलायम होंठ फंसाकर उनका स्वाद लेने लगी...
और देने लगी.

लाला ने पूरा ज़ोर लगाकर उसके होंठो का सारी पानी सोख लिया अपने अंदर...
और जब उसकी प्यास बुझी तो वो नीचे की तरफ चल दिया...

नाज़िया के बदन को खटिया पर टीकाकार उसने उसकी ब्रा को संतरे के छिल्को की तरहा निकाल फेंका...

और नीचे से जब उसकी नारंगिया लाला की हवस भरी नज़रों के सामने उजागर हुई तो उस अंधेरे कमरे में भी उजाला फैल गया..

नाज़िआ के बदन के सारे रोंये खड़े हो चुके थे , हजारों-लाखो की संख्या में उसके बूब्स के चारों तरफ नन्हे-२ दाने दिखाई देने लगे.
________________________
 Read My Other Stories
________________________
Click On Name
LADLA DEVAR (लाड़ला देवर)(completed) || Mera Jeevan (completed)||भाभियों के साथ गाँव में मस्ती(Completed) ||लंड के कारनामें  (completed) ||"दिल अपना प्रीत परायी"(completed) ||कमसिन कलियाँ और हरामी लाला (Running)||
1 user likes this post1 user likes this post  • sarfira69
      Find
Reply


« Next Oldest | Next Newest »
Pages ( 26 ): « Previous 1 2 3 4 5 6 7 8 ..... 26 Next »
Jump to page 


Possibly Related Threads...
Thread Author Replies Views Last Post
Incest  मेरी कमसिन बहन सोनम Rakesh1999 3 14,353 13-01-2018, 06:11 PM
Last Post: dpmangla
Desi  छिनाल माँ और हरामी बेटा jd195195 15 56,433 22-12-2017, 07:57 PM
Last Post: dpmangla
Incest  कमसिन चूत kunal56 12 63,364 17-01-2017, 11:07 PM
Last Post: vishal28
Desi  कमसिन बहन को बनाया चुदासी rajbr1981 10 84,951 30-12-2016, 03:59 AM
Last Post: rajbr1981
Incest  जवानी बड़ी हरामी urpussysucker 11 39,558 13-10-2016, 02:16 PM
Last Post: urpussysucker
Desi  वो कच्ची कलियाँ तोड़ गया rajbr1981 6 23,166 22-05-2016, 08:02 AM
Last Post: rajbr1981
Incest  एक खूबसूरत कमसिन कन्या की जबरदस्त चुदाई kunal56 8 158,034 23-11-2015, 12:56 AM
Last Post: rajbr1981
Desi  कमसिन कली की चुदाई rajbr1981 1 16,088 27-08-2014, 01:35 AM
Last Post: rajbr1981
Incest  हरामी बलमा kunal56 4 22,105 18-06-2014, 03:45 PM
Last Post: kunal56

  • View a Printable Version
  • Subscribe to this thread


Best Indian Adult Forum XXX Desi Nude Pics Desi Hot Glamour Pics

  • Contact Us
  • en.roksbi.ru
  • Return to Top
  • Mobile Version
  • RSS Syndication
Current time: 29-07-2018, 11:46 PM Powered By © 2012-2018
Linear Mode
Threaded Mode


nude indian girlfriends  hot bhabhi hindi sex story  fon.xxx.video.rohene  desi mms scandals videos  niud foto  telugu sex stories ziddu  anjali in tarak mehta  mallyalam sex.com  bigboos pic  hindi sex story exbii  xxx sex tales  best desi sex websites  bangla choti sex stories  mallu desi video  baji ko manaya  lactating porn stories  pukula modda  urdu saxy storys  hijras sex images  malylm xxx  brother sis sex stories  telugu hot sex storys  lesbian sex kahaniya  collage girl stripping  saathiya star plus serial story  sex photos of heroines  hairy armpits stories  dressing room spy video  exbii stories hindi  jetha or anjali sex stories  sexy navel aunties  sexy nri aunties  prono story  baap ka lund  stori urdu  urdu sexystories  sexy teacher kahani  randi mami  nepal fuck  sasur bahu sex story  jabardasti  bahen sex story  doodh ki kahani  lite eroctica  priya rai pornography  hindi sexy kahaniyan  sexy hindi story pdf  desi bhai behan sex stories  hot videos kerala  uncle ka lund  exbii images  blouse back real life aunties  mallu plus.com  சுன்னிய சப்பும் பாட்டி  sexy bellyfolds of desi housewives  hindi marathi sex story  hyderabad scandal  tamil udaluravu kathaigal  gay gand  desi girl porn movies  hema ass  stories hot tamil  incest comic free  thangachi pundai  ma ki sex story  seducing saree  big lun images  cheli puku  telugu aunty sex photos  tamil aunty in blouse  bhaiya ne mujhe choda  sex kajal agarwal  रोमा की चुदाईं प्रेम सेक्स कहानी  nude aerobic dance  hindhi sexy stori  incesr cartoons  girls lost virginity videos  golpo choti bangla  urdu fond sexy story  hindi sex story bhabhi ki chudai  Anchal Bharatduwaj nude picture  asin tamil sex stories