भाग ०२
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नौकरानी ने बताया लंड छोटा या बड़ा नही होता
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थोड़ी देर के बाद मेरा गुस्सा कुछ कम हुआ.
मै सोचने लगा - सचमुच मेरे लंड का साइज़ छोटा है. जब मेरी शादी होगी तो मेरी पत्नी क्या सोचेगी.?
ये सोच कर मै परेशान हो गया. अचानक दिल में ख़याल आया कि हो सकता है की मोहिनी को इसे इलाज़ के बारे में कुछ देशी नुस्खा पता हो. मैंने पहले अपने सभी खिडकी को बंद किया और फिर वहीँ से मोहिनी को आवाज लागई. मोहिनी मेरे कमरे में आई.
मैंने मोहिनी से कहा- क्या कर रही है तू अभी?
मोहिनी - कुछ नही बाबा. बस इधर उधर सफाई कर रही थी.
मैंने कहा - वो सब छोड़. देख न मेरा बदन बड़ा दुःख रहा है क्या तू मेरी मालिश कर देगी?.
वो मेरे बगल में मेरे बिस्तर पर बैठ गयी. बोली - हाँ , क्यों नहीं .आप लेट जाओ मै आपकी मालिश कर देती हूँ.
मै कहा - नहीं सिर्फ कंधे को थोडा दबा दो कह कर मैंने शर्ट उतार दिया. .
वो मेरे कंधो की मालिश करने लगी. फिर बोली - ये गंजी भी खोल दो बाबा, अच्छे से तेल लगा कर मालिश कर देती हूँ. मैंने गंजी उतार दिया. और बिस्तर पर लेट गया.मै सिर्फ हाफ पैंट में था. वो मेरे नंगे छाती और पीठ की बेहतरीन तरीके से मालिश कर रही थी. घर में कोई नहीं था और एक औरत मेरे बदन की मालिश कर रही थी. मामला फिट था. लगा अब सही मौका है इसे शीशे में उतारने का.
मै उसकी चूची को घूरने लगा. वो मेरी नजर को पढ़ रही थी लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
मैंने उस से कहा - मोहिनी , तू दिन भर काम करती है. थकती नहीं है क्या?
मोहिनी मेरे छाती पर हाथ फेरती हुई बोली - साहब, थकती तो हूँ , मगर काम तो निपटाना होता है न.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी मालिश रोकते हुए कहा - आज कौन सा काम है तुझे. देखो न घर में कोई है भी नहीं बात चीत करने के लिए . मै बहुत बोर हो रहा हूँ. तू यहाँ बैठ मेरे पास. आज तुझसे ही बात करके मन बहलाऊंगा.
मोहिनी - अच्छा बाबा. जैसा आप कहें.
मैंने - ठीक से बैठ ना ..नहीं तू लेट जा....आराम से.. इसे अपना बिस्तर समझ.
मैंने जब ये कहाँ तो वो धीरे से मेरे बिस्तर पर मेरे बगल में लेट गयी. उसकी बड़ी बड़ी चूची किसी गुम्बद की तरह ऊपर की तरफ ताक रही थी. मेरी नजर कामुक होने लगी. मै उसके ढीले ब्लाउज में से झांकते उसके गोरे गोरे चुचियों पर नजर गडाने लगा. वो भी मेरी नजर को ताड़ गयी थी. उसने जान बुझ पर अपनी साडी का पल्लू नीचे कर दिया और कहा - आज बड़ी गरमी है ना रेमो बाबा.
अब उसकी चुचीयों के गहरी घाट बड़ी आसानी से दिख रहे थे. उसके चूची के घाट के ऊपर में कुछ गुदा हुआ सा था. मुझे लग गया कि ये बहूत ही खुली हुई मस्त औरत है और इस से कुछ गरम बातें की जा सकती है. वैसे भी घर पर कोई और है नहीं.
मैंने उसके साड़ी के पल्लू को उसके बदन से दूर हटाते हुए कहा कहा - हाँ सही कह रही है तू, बड़ी गरमी है.
वो बिना किसी परेशानी के मेरे बदन में सट गयी थी.
फिर मै उसके बदन से थोडा और सटते हुए मैंने अपना एक हाथ उसके पेट पर रखा और कहा - और बता, तेरे घर में कौन कौन है.
उसने बेफिक्री के साथ कहा - मै, मेरा मरद और तीन बच्चे,
मैं उसकी नाभी पर उंगली फेरते हुए कहा - तीन बच्चे? तू लगती तो नहीं तीन बच्चों की माँ.
मोहिनी - साहब 23 साल में ही तीसरी बच्चे की माँ बन गयी थी. अभी तो वो दो साल का भी नहीं हुआ है.
मैंने उसकी नाभि में उंगली डालते हुए पूछा - पहला बच्चा कितने साल में पैदा कर दी थी तुने.
मोहिनी - जब पहला पैदा हुआ था तो मेरी उम्र 19 साल की थी . दुसरे के वकत मै 21 साल की और तीसरे की वक़त 23 साल की थी.
मै उसके नाभि में उंगली डाल रहा था लेकिन उसने किसी प्रकार का कोई प्रतिरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढी और मैंने उसके चूची की घाटी के उपरी हिस्से पर गुदे हुए अक्षर पर अपना हाथ ले गया और उस से पूछा - मोहिनी , ये क्या है?
कहानी आगे जारी है