Click Here to Verify Your Membership
Poll: आप कैसे कहानी पसंद करते है
This poll is closed.
देवेर भाभी की कहानी
66 Votes, 16.75%
16.75%
जीजा साली की कहानी
44 Votes, 11.17%
11.17%
पारिवारिक सेक्स की कहानी
187 Votes, 47.46%
47.46%
पड़ोसन की कहानी
52 Votes, 13.20%
13.20%
कोई भी हॉट कहानी
45 Votes, 11.42%
11.42%
394 vote(s)
* You voted for this item. [Show Results]

First Post Last Post
Incest मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह

[Image: m1253.gif] HAPPY DIWALI BLAST BEES [Image: m1253.gif]


nice update
(01-11-2013, 11:15 PM)rajbr1981 :

Quote

sorry for this post

Quote

मेरी दूसरी कहानी को पढ़े

Quote

दिवाली की शुभकामना

Quote

दीपावली की शुभकामना

Quote

रेणुका और पूजा की पूजा

भाग ०१

यह सच्ची कहानी उस समय की है जब मैं कानपुर में रहता था, मैं थोड़ा बहुत तंत्र मंत्र के बारे में भी यकीन रखता हूँ। मैं कानपुर में एक कम्पनी में इन्जीनियर था। मैं 29 वर्ष का एक गोरा छः फ़ीट का हृष्ट पुष्ट जवान हूँ। शहर में ही एक कमरा किराए पर लेकर रहता था। मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता था, उसमें सिर्फ तीन लोग थे मिस्टर चौधरी, उनकी पत्नी रेणुका और रेणुका की एक बहन !
चौधरी जी हमारी कम्पनी के बगल वाली एक चूड़ी की कम्पनी में सेल्समैन थे। अक्सर कम्पनी के काम से उन्हें बाहर जाना पड़ता था, चूंकि बगल में रहने के नाते हमारे संबंध अच्छे थे, कभी-कभी उनकी साली को मैथस् भी पढ़ाने के लिए मुझे उनके घर जाना पड़ता था। उनको कोई बच्चा नहीं था जबकि शादी को 4 साल हो गए थे। उस समय चौधरी 29 साल, रेणुका 23 साल, उनकी साली पूजा 18 की थी, चौधरी जी थोड़ा सा साँवले थे किन्तु रेणुका एवं उनकी बहन बहुत सुन्दर थीं, मानों सफेद बर्फ।
एक बार काम के सिलसिले में चौधरी जी बाहर जा रहे थे तो मुझसे बोले- मैं 15 दिन के लिए कम्पनी के काम से बाहर जा रहा हूँ, वैसे तो सारा इन्तजाम कर दिया है फिर भी आप थोड़ा देख लीजिएगा।
मैंने कहा- आप बिल्कुल चिन्ता मत कीजिए, मैं अपने काम से लौट कर भाभी जी का हाल पूछ लिया करूँगा।
मैं प्रायः आफिस से आकर रेणुका से हाल खबर लेने लगा और पूजा को पढ़ाने भी लगा।
एक दिन बात ही बात में मैं पूछने लगा- भाभी, अभी तक आप लोग बच्चे के बारे में क्यों नहीं सोच रहे हैं?
उन्होंने कहा- पहले तो आप मेरा नाम लेकर सम्बोधन करें क्योंकि मैं आपसे छोटी हूँ।
"ठीक है, तो रेणुका बताओ, अभी चौधरी जी कमाते भी हैं फैमिली स्टैंडिंग भी ठीक ही है, तो मेरे ख्याल से आपको अब सही समय है बच्चा करने की।
उन्होंने बताया- ऐसा नहीं है कि हम कोई सावधानी ले रहे हैं, बस भगवान की मर्जी, अभी नहीं हो पा रही है।
मैं- क्यों डाक्टर को नहीं दिखाया?
रेणुका- दिखाया, हर तरह का चेकअप भी करवा लिया। मुझमें कोई कमी नहीं है।
मैं- इसका मतलब चौधरी जी में कमी है?
रेणुका- हाँ, छोड़िए बाद में बात करेंगे।
मैं- नहीं बताइए, मेडिकल सांइस के बारे में मैं काफी जानकारी रखता हूँ ! हो सकता है आपकी मदद कर सकूँ। बिना शर्माए बताइए, समझिए कि आप डाक्टर के पास हैं।
रेणुका- एक्चुअली इनको उत्थान संबन्धी बीमारी है, इनका सहवास शुरू करते ही पतन हो जाता है और डाक्टर के मुताबिक शुक्राणु की कमी है।
मैं- खुल कर एक एक बात बताइए, शायद मैं कोई मदद कर सकूँ।
रेणुका- एक्चुअली इनका........ ल....आप समझ रहे हैं न?
मैं- अरे बताओ आप ! शर्माओ मत ! चलो आपकी समस्या मैं ही खत्म कर देता हूँ, क्या चौधरी जी को शीघ्रपतन की बिमारी है या उनका लण्ड उचित उत्थान के लिए तैयार नहीं रहता या उनका लण्ड आपकी बुर को संतुष्ट नहीं कर पाता क्या बात है अब खुल कर बताइए। मैं जानबूझ कर ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जिससे वो अपनी बात खुल कर कह सके।
रेणुका- हां, इनका वो बहुत छोटा है मेरे हिसाब से 4 इंच जैसा लम्बा और आधा इंच मोटा होगा और जैसे ही मेरे उसके मुख द्वार रखकर अन्दर किया कि बस इनका काम तमाम।
"अभी भी आप शरमा रही हैं, खुल कर नाम लीजिए, शर्म मिट जाएगी, रही बात लण्ड छोटा या बड़ा होने से चुदाई या उसके मजे पर कोई फर्क नहीं पड़ता और बच्चा न होने का यह कोई कारण नहीं है। हां, वीर्य का पतला होना या शुक्राणु की कमी ही कारण हो सकता है। तो क्या अभी तक कभी आप भरपूर चुदाई का आनन्द नहीं उठा पाई?
रेणुका- नहीं ऐसा नहीं है, पहले दो साल तक जम के चो....चो...
"हाँ कहिए, अगर शर्माना ही है तो चर्चा ही बंद करें?"
रेणुका-...चो...चोदा करते थे। फिर मेरी मां का अन्तकाल हो गया, मैंने अपनी बहन को यहाँ रख लिया। चार छः महीने तक उसकी वजह से कुछ नहीं हुआ फिर एक दिन मौका मिला तो ये जल्द ही हार गए, ठीक से कर नहीं पाए। तब से एक न एक बहाना कर टालने लगे। कहते हैं अब तुम्हारी ढीली हो गई इसलिए मेरा मन उचट गया है।
"मुझे लगता है कि वो हस्त मैथुन के शिकार हो गए हैं। तो क्या आपने यह सब किसी को बताया?"
रेणुका- एक दिन मूड बनाया, फिर क्या हुआ कि कहने लगे कि हाथ से करो। मैं हाथ से करने लगी इनका पूरा खड़ा हो गया और ये तरह तरह की आवाज निकालने लगे, जीरो वाट का बल्ब भी जल रहा था अब एक ही कमरा होने के नाते मैं बचा रही थी कि कहीं मेरी बहन न जग जाए।
किन्तु वो जग गई और एकाएक पूछा- क्या हुआ?
उसने जैसे ही इनका लण्ड देखा चुप हो गई तभी इनका एक या दो बूंद वीर्य टपक कर हमारी बहन के गाल पर गिर गया। ये उठ कर बाथरूम चले गये मैं उसके गाल से साफ करने लगी। तब उसने कहा- दीदी, ये जीजू क्या करवा रहे थे आपसे?
मैंने कहा- तुम नहीं समझोगी इसलिए ध्यान मत दो।
उसने कहा- मैं सब समझती हूं। बस यही नहीं समझ में आ रहा है कि वो आपके रहते हाथ से क्यों कर रहे थे?
मैं समझ गई कि यह काफी समझदार हो गई है। फिर मुझे लगा चलो कोई तो है जिससे मैं खुद को शेयर कर लूंगी और उसको सब कुछ बताया।
"फिर?"
रेणुका- अब तो धीरे धीरे ये पूजा से भी खुल गए, मैंने भी ज्यादा विरोध नहीं किया, सोचा यह सब देखने के बाद वो कहीं बाहर कुछ न करे, नहीं तो इज्जत खराब होगी, चलो घर में ही उसे सारी चीजें मिल जाने दो, कम से कम सेक्स से संतुष्ट रहेगी तो पढ़ाई में मन लगा रहेगा। और शायद 18 साल की लड़की की बुर देख कर इनके लण्ड का तनाव वापस आ जाए और ये मुझे भी चोद सकें। "क्या ऐसा हुआ?"

Quote

रेणुका और पूजा की पूजा

भाग ०२

रेणुका- नहीं ! पहले तो धीरे धीरे उससे और मुझसे हाथ से रगड़वाते, एक बार प्रयास किया उसको नंगा किया, मुझसे अपने लण्ड पर वैसलीन लगवाया फिर उसकी बुर पर लण्ड रखकर ठेलने का प्रयास किया वो थोड़ा सा चीखी।
मैंने देखा हल्का सा लाल सुपाड़े का भाग उसकी बुर में घुस रहा था, मैंने कहा- सही जगह है, ठेलो !
पर तभी इनका फव्वारा छूट गया उसके बाद बहुत प्रयास किया, दुबारा इनका खड़ा ही नहीं हुआ।
"फिर कभी प्रयास नहीं किया?"
रेणुका- अभी कल ही वही कोशिश कर रहे थे लेकिन बेकार और इनके घर वाले इतने पुराने विचार के हैं कि मुझे ही बांझ क्या क्या बोलते रहते हैं।
"क्या कभी आपको उनसे नफरत हुई या शादी के पहले या बाद किसी के साथ सेक्स करने का मन किया?"
"नहीं ये हर तरफ से मेरा सपोर्ट करते हैं सेक्स नहीं कर पाते तो क्या ! जब से घर वाले उल्टा बोले हैं, आज तक घर न गए, न मुझे जाने दिया, कहते हैं बच्चा लेकर ही जाऊँगा, चाहे जैसे और मेरा सेक्स संबन्ध शादी के पहले मेरे एक रिश्तेदार से हो गया था, उस समय मैं 18 साल की थी, पढ़ाई की अच्छी व्यवस्था गाँव में न होने के कारण वहाँ पढ़ने गई थी, उनकी उम्र उस समय तरकीबन 40 या 42 साल की थी, उनके अन्दर सेक्स की भूख तगड़ी थी, एक दिन मैं दूसरे कमरे में सो रही थी, कुछ अजीब सी आवाज सुनकर जाग गई, दूसरा कमरा खुला ही था, मैंने झांक कर देखा तो वो बेसब्री से अपनी पत्नी को चोद रहे थे। थोड़ी देर में उनकी पत्नी चिल्लाने लगी- निकालो, मेरा हो गया !
वो बोले- मैं कभी संतुष्ट नहीं हो पाता, अब मैं रोज की तरह तड़पता हुआ ही सो जाऊं?
उनकी पत्नी ने कहा- जो मन में आए, करो ! मुझमें इतना देर तक झेलने की ताकत नहीं है, इतनी ही गर्मी है तो कहीं और शांत कर लो।
उसके बाद मैं सो गयी किन्तु कुछ भी ठीक से देख नहीं पाई, देखने की बड़ी इच्छा थी पर उसके बाद बहुत देर तक जगती कभी कभी डर का बहाना करके उन्हीं के बेड पर साथ में सोती पर पता नहीं क्यों उनका यह खेल बन्द हो गया। बाद में पता चला कि उसी चुदाई के बाद उनके पेट में बच्चा आ गया था, उसी बच्चे की वजह से वो गाँव चली गई, अब मैं और मेरे वो रिश्तेदार न जा सके क्योंकि मेरी पढ़ाई चल रही थी। फिर गाँव से मेरी मम्मी हमारी देखभाल के लिए आ गई, वो मेरी मम्मी से काफी मजाक करते, मुझे अच्छा नहीं लगता, तब मैं मम्मी से कहती तो वो बोलती हमारा रिलेशन ही उनके साथ मजाक का है, इसलिए तुम ध्यान मत दिया करो।
एक दिन रात में कुछ हलचल सा लगा, मैं जग गई, देखा तो मेरी मम्मी मेरे पास नहीं थीं, मैंने बगल के कमरे में धीरे से देखा तो देखा मम्मी उनका लण्ड अपने हाथ से सहला रही थी।
मैं स्तब्ध रह गयी, फिर भी सेक्स देखने की इच्छा से चुपचाप देखने लगी। कमरे में जीरो वाट बल्ब जल रहा था, पता नहीं कैसे उन्होंने मुझे देख लिया और जानबूझ कर ऐसी पोजिशन ले ली कि मैं सब कुछ ठीक से देख सकूं।
मैंने देखा कि उनका लण्ड बड़ा लम्बा लगभग 6 इंच और 2 इंच मोटा था, मम्मी उनके लण्ड को अपने मुख में लेकर आगे पीछे कर रही थीं और वो मम्मी की चूची मुख में लेकर चूस रहे थे और चूतड़ उचका कर लण्ड मम्मी के मुख में ठेल रहे थे। काफी देर बाद वो मम्मी को पूरा नंगा करने लगे और अपने भी सारे कपड़े उतार दिए। अब मैं उनका लण्ड, उसके गोले, उनके घने बाल और मम्मी की बुर, उनके घने बाल साफ देख रही थी।
अब मम्मी उनके लण्ड के नीचे बैठ कर उनके गोले पर जीभ चलाते हुए उनके लण्ड के आगे की चमड़ी हटाकर लाल सुपाड़े को बखूबी चाट रही थीं और वो मम्मी की बुर के बालों में अंगुली फिराते हुए बुर की रानों को सहलाते एक अंगुली मम्मी की बुर में ठेल देते और मम्मी उं की आवाज के साथ थोड़ा सा उछल जाती।
काफी देर यूं ही चलता रहा फिर उन्होन्ने अवस्था बदल ली, अब मम्मी कुत्ते की तरह उनके सामने खड़ी थीं और वो लण्ड मम्मी की बुर में पीछे से सटा रहे थे, मम्मी हल्का सा सीत्कार ले रही थीं, एकाएक उन्होंने तेजी से ठेल दिया मम्मी हल्का सा चीखीं, मैंने देखा पूरा जड़ तक लण्ड मम्मी की बुर में घुस चुका था और उनका हाथ मम्मी की चूचियाँ मसल रहा था, फिर वे चूची को पकड़े रखकर ही लण्ड को वापस खींच कर दुबारा ऐसा झटका दिया कि मम्मी की चीख तेज होने के साथ साथ वो आगे की तरफ लुढ़क गयीं और कहने लगी- जरा धीरे से, आप महान चुदक्कड़ हैं, मैं कल ही जान चुकी हूँ जब कल आपने मुझे 14 बार चोदा। जरा धीरे !
अब मम्मी सीधा लेटी थीं और वो मम्मी के दोनों पैर अपने कंधे पर रख कर लण्ड को बुर में ठेल रहे थे और बोल रहे थे- कल से जो तुम्हारी चुदाई कर रहा हूं, ऐसा लग रहा है कि कल ही हमारी शादी हुई है, अब तक मैं चुदाई के मजे से दूर सा हो गया था तुमसे वो मजा मिला कि क्या बताऊँ !
मम्मी भी कह रही थीं- सही मेरा भी वही है, रेणुका के पापा से वो मजा कभी नहीं मिल पाता था और आपके कल सेक्स के विस्तार को जानने के बाद तो सोचती हूँ कि काश ऐसा ही पति रेणुका को भी मिले।
वो बोले- घबराओ मत, रेणुका को भी मैं चुदाई आनन्द दे दूंगा।
फिर मम्मी की बुर में लण्ड को दे मारा और उसके बाद ताबड़ तोड़ चुदाई शुरू हो गई, थोड़ी देर बाद मम्मी उनके कमर से चिपकती हुई बोली- आह रे मर्द ! गजब चोदा बुर को ! अन्दर तक हिला दिया ! वाह मजा आ गया।
और वो तेज गति से लण्ड को बुर में पेलने लगे, फिर एकाएक लण्ड को बुर से बाहर खींच कर मम्मी के मुख के पास लगा कर पिचकारी मम्मी के मुख में छोड़ दी, मम्मी उसे पी गई और उनके लण्ड पर लगे वीर्य को शहद की तरह चट कर गई।
अब मेरा ध्यान अपने ऊपर गया, पता नहीं कब मेरी अंगुली बुर में घुस कर आगे पीछे हो रही थी और मेरी बुर से भी हल्का चिपचिपा पदार्थ निकाल कर मुझे थोड़ा शांत कर दिया। मैं वो सीन सोचते सोचते सो गई। थोड़ी देर बाद मम्मी उनके कमर से चिपकती हुई बोली- आह रे मर्द ! गजब चोदा बुर को ! अन्दर तक हिला दिया ! वाह मजा आ गया।
और वो तेज गति से लण्ड को बुर में पेलने लगे, फिर एकाएक लण्ड को बुर से बाहर खींच कर मम्मी के मुख के पास लगा कर पिचकारी मम्मी के मुख में छोड़ दी, मम्मी उसे पी गई और उनके लण्ड पर लगे वीर्य को शहद की तरह चट कर गई।

Quote

रेणुका और पूजा की पूजा


भाग ०३

अब मेरा ध्यान अपने ऊपर गया, पता नहीं कब मेरी अंगुली बुर में घुस कर आगे पीछे हो रही थी और मेरी बुर से भी हल्का चिपचिपा पदार्थ निकाल कर मुझे थोड़ा शांत कर दिया। मैं वो सीन सोचते सोचते सो गई।
दूसरे दिन वे मुझे बुला कर बोले- रेणुका, आज मेरे पास सो जाना।
मैंने कहा- नहीं, मैं मम्मी के पास सोती हूं।
तभी मम्मी ने कहा- नहीं रेणुका, कल तुम्हारे पैर से मेरे पेट में लग गया था, मेरा आज पेट दर्द है।
मैं समझ गई कि आज मैं चुदी ही चुदी और मम्मी को कहते हुए सुना कि आराम से, पहली बार है।
मैं उनके पास सो गई, किन्तु नींद कहाँ थी, थोड़ी देर बाद मैंने दबी आँखों से देखा कि वो अपने लण्ड पर काफ़ी मात्रा में वैसलीन लगा रहे हैं।
वैसलीन लगा कर मुझसे बोले- सो गई?
मैं कुछ नहीं बोली, दो तीन बार पूछने के बाद वे समझे कि मैं सो गई और उठ कर धीरे से मेरे सारे कपड़े उतार दिए। मैंने सब जानते हुए भी उनका विरोध नहीं किया। उस समय मेरी बुर पर हल्के बाल उगे थे और चूची टमाटर जैसी थी। मैं भी चुदाई का आनन्द लेना चाहती थी।
वो मेरी चूची को अपने मुख में लेकर चुभलाने लगे, मुझे गजब का मजा आ रहा था। धीरे धीरे वे अपने मुख से मेरे सीने को चूमते हुए मेरी बुर की तरफ बढ़ने लगे, मेरी हल्की रोंएदार बुर को वे चूमते हुए बुर के बीचोंबीच अपनी ठुड्डी रगड़ते हुए बुर के ऊपरी भाग को खूब ध्यान से चूस रहे थे।
मैं खुद को रोक न पाई और मुख से आह सी.. ओह की आवाज निकल गई।
वे बोले- रेणू ! मैंने कहा- हाँ, यह क्या कर रहे हैं? बस, यह सब मुझे नहीं करना है।
उन्होंने मुझे समझाया- देखो, मैं तुम्हें सेक्स का आनन्द देना चाहता हूँ, आज नहीं तो कल किसी न किसी से चुदोगी, तो मुझसे क्यों नहीं?
मैंने कहा- नहीं, मुझे बच्चा हो गया तो?
वे बोले- पागल, वही तो कह रहा हूँ, बाहर किसी से चुदवाओगी तो वो अपने हिसाब से तुम्हें चोद कर तुम्हारी बुर भी बर्बाद कर देगा और बच्चा भी दे देगा तथा ब्लैकमेल भी करेगा, मैं आराम से चोदते हुए तुम्हारी बुर का भी ध्यान रखूंगा और बच्चा भी नहीं होने दूंगा।
"मैं बाहर भी किसी के साथ नहीं करूंगी।"
वे बोले- अब सेक्स का थोड़ा मजा लेकर छोड़ दोगी तो हिस्टीरिया की बिमारी से पीड़ित हो जाओगी, फिर जैसे मैं अपनी पत्नी से सेक्स सुख नहीं पा रहा हूं, वैसे तुम भी अपने पति को सुख नहीं दे पाओगी, यही चाहती हो तो ठीक है, नहीं करूंगा।
मैं काफी समझदार थी, मैं समझ गई कि वो ठीक कह रहे हैं, अगर बाहर कोई सम्बन्ध बनाऊँगी तो ज्यादा दिन छुपा नहीं सकती और बदनाम हो जाऊँगी और ये तो घर की मूली हैं, यहीं मजा लेती रहूँ, कोई जानेगा भी नहीं ! बाहर स्ट्रिक्ट रहूंगी और मम्मी की भी इच्छा है।
मैंने कहा- दर्द होगा ! इतना मोटा लम्बा लण्ड मेरी छोटी सी बुर में कैसे घुसेगा?
वे बोले- तुम चिन्ता मत करो, थोड़ी हिम्मत से काम लेना, शुरू में थोड़ा दर्द होगा और हल्का खून भी आएगा, किन्तु चिन्ता मत करना, उसके बाद धीरे धीरे वो मजा मिलेगा जिसे जीवन भर याद रखोगी।
मैं बोली- इतनी छोटी बुर में कैसे इतना मोटा लण्ड घुसेगा?
वे बोले- देखो, कितनी छोटी बुर से कितना मोटा बच्चा पैदा होता है? एक्चुअली बुर रबड़ की तरह होती है, एक बार लण्ड घुसते समय जब लण्ड अपनी जगह बनाते हुए अन्दर जाता है तो दर्द होता है किन्तु जब बार बार रगड़ने से वो दर्द मजे में बदल जाता है
"एक और बात !"
वे बोले- कहो?
मैंने कहा- अभी मैं 18 साल की हूँ, इससे कोई दिक्कत?
वे बोले- अगर लड़की स्वंय सेक्स के लिए तैयार हो तो वो माहवारी शुरू होने के बाद पूरा सेक्स कर सकती है, इससे शरीर की बढ़त भी अच्छी होती है।
अब मैं तैयार थी।
फिर वो धीरे धीरे अपने हाथ को मेरी चूची के ऊपर से शरीर पर नचाते हुए बुर के हल्के रोंए से बुर तक ले जाते और एक अंगुली धीरे से बुर के छोटे से छेद में सरका देते। मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं चुपचाप आँखें बंद करके अनुभव कर रही थी।
कुछ देर यूं ही करने के बाद बहुत सारा वैसलीन उन्होंने मेरी बुर में लगाई और फिर मेरी कमर को पकड़ कर मुझे उल्टा कर दिया।
मैं घबरा गई, सोचा गांड़ में तो लण्ड नहीं डालेंगे? पर बोली नहीं, सोचा देखती हूँ।
मुझे उलट कर वो धीरे से मेरे ऊपर सवार हुए और मेरी छाटी सी बुर के छेद पर मोटा सा सुपाड़ा लगा कर जोरदार धक्का दिया। मैं चीख पड़ी और उनको वापस धक्का देते हुए कहने लगी- निकालो, बहुत दर्द हो रहा है।
वे बोले- चिन्ता मत करो, सुपाड़ा अन्दर जा चुका है, अभी थोड़ी हिम्मत रखो, असीम आनन्द मिलेगा।
और वैसे ही रूक कर मेरी चूची हल्के हाथ से दबाने लगे। थोड़ी देर में मेरी बुर में थोड़ी गुदगुदाहट हुई, वो समझ गए और फिर एक जोर का झटका दे मारा, अब की बार मैं रो पड़ी और चीखने लगी, शायद मेरी बुर से खून निकलने लगा था।
वे बोले- देखो, अब चिन्ता बिल्कुल मत करो, आधा घुस चुका है, एक बार थोड़ा सा और झेलो, फिर मजा ही मजा !
मैंने भी सोचा कि एक न एक दिन इस दौर से गुजरना ही था तो आज ही सही ! इसके बाद मैं भी चुदाई का आनन्द औरों की तरह मम्मी की तरह ले सकूंगी।
तभी उन्होंने एक और जोर का झटका दे मारा, लगा कि अब मैं मरी।
और जैसे उल्टी होने लगी पर वे अब रूके, नहीं तीन चार बार लण्ड वापस खींचकर दनादन दे मारे हर झटके में मेरी जान हलक पर आ जाती पर आठ दस झटकों के बाद मेरी बुर में हल्की गुदगुदाहट होने लगी।
वे बोले- अब कैसा लग रहा है?
मैंने कहा- हल्की गुदगुदी बुर के अन्दर हो रही है।
वे समझ गये और पोजिशन बदलने लगे। अब अपना पूरा लण्ड बाहर निकाल कर कपड़े से पहले अपने लण्ड पर लगे खून को साफ किया फिर मेरी बुर को अच्छी तरह से साफ किया।
मैंने कहा- जलन हो रही है, रहने दीजिए, कल कर लेंगे।
वे बोले- पागल, अब तो तुम्हें चुदाई का असली मजा मिलने जा रहा है, चलो सीधा लेट जाओ।
मैं सीधा लेट गई, वे मेरी दोनों टांगें उठाकर अपने कंधे पर रखकर लण्ड के लाल सुपाड़े को मेरी बुर के छेद पर रख कर एक जोर का झटका दिया उनका लण्ड सीधा मेरी बुर में समाता चला गया।
मैं चीख पड़ी- आई मां... आह रे बाबा...
किन्तु अबकी दर्द बड़ा मीठा था, एक दो धक्के के बाद ही मेरी बुर पक पक की आवाज करने लगी पर मुझे अजीब सा मजा आने लगा, लग रहा था कि बुर के अन्दर खूब गर्म लाहे का डण्डा अन्दर-बाहर हो रहा हो।अनायास ही मेरे मुख से आवाज निकलने लगी- आह ! आप सही कह रहे थे, इतना मजा आता है चुदवाने में ! मैं नहीं जानती थी, तभी लोग चुदाई के लिए पागल से रहते हैं ! चोदो, खूब चोदो !
मेरी बुर के तरल पदार्थ की वजह से उनका लण्ड फच्च फच्च की आवाज के साथ अन्दर-बाहर हो रहा था, वे बोल रहे थे- देखा लण्ड का छोटी बुर का मिलन ! देखो कितना मजेदार है।
और इसी के साथ उन्होंने गति बढ़ा दी। अब धकाधक धक्के पे धक्के के साथ फुल स्पीड में चुदाई चालू हो गई मेरी। लण्ड को पूरा बाहर खींचकर फिर अन्दर दे मारते, फच की आवाज के साथ पूरा लण्ड भीतर घुस जाता। अब मुझे पूरा मजा आने लगा। थोड़ी ही देर में मुझे लगा कि मेरी बुर से कुछ निकलने वाला है और तभी मैं उनकी कमर जोर से पकड़ कर आं ..स आ उ..स....स....फ करते हुए झड़ गई।
उन्होंने अपना बदन खूब जोर से मेरी बुर पर चिपका दिया, तभी अपना लण्ड निकाल कर मेरी नाभि के ऊपर रख कर अपना लावा उगल दिया जो कि काफी गरम था और निकलने वाला सफेद पदार्थ काफ़ी सारा था।
मैंने हाथ से थोड़ा लेकर चखा, अजीब सा नमकीन स्वाद था, अच्छा नहीं लगा किन्तु उसकी सुगन्ध बड़ी अच्छी थी।
उसके बाद कई बार उनसे चुदी, कई बार उनके लण्ड का रसपान भी किया लेकिन वे हमेशा यह ध्यान रखते कि मेरी बुर ज्यादा खराब न हो और मैं मां न बनूँ।
और यह भी अनुभव हुआ कि उम्रदराज व्यक्ति के साथ चुदाई का मजा ही कुछ और होता है, वो मजा नये लड़के कभी नहीं दे सकते। उसके बाद कई बार उनसे चुदी, कई बार उनके लण्ड का रसपान भी किया लेकिन वे हमेशा यह ध्यान रखते कि मेरी बुर ज्यादा खराब न हो और मैं मां न बनूँ।
और यह भी अनुभव हुआ कि उम्रदराज व्यक्ति के साथ चुदाई का मजा ही कुछ और होता है, वो मजा नये लड़के कभी नहीं दे सकते। "आपको अपनी मम्मी पर कभी गुस्सा नहीं आया?"
"नहीं, क्योंकि उस समय हमारे पापा का देहान्त हुए दो साल हो गए थे, मम्मी भी तो प्यासी होंगी। बल्कि खुशी हुई कि मम्मी ने कहीं बाहर किसी से न चुदवाकर अपने ही रिश्तेदार को चुना और इससे भी खुश थी कि समय रहते मुझे भी कहीं भटकने न देकर एक सफल व्यक्ति से मुझे चुदाई का मजा दिलवाया। उस चुदाई के पहले मैं हमेशा उखड़ी सी रहती थी, पढ़ाई में मन नहीं लगता था पर चुदाई के बाद मैं शांत हो गई स्वास्थ्य ठीक हो गया और पढ़ाई में मन भी लगने लगा।"
"तो अब क्यों नहीं उनसे चुदवाकर बच्चा प्राप्त कर लेतीं?"
"आप ने ध्यान नहीं दिया शायद, तब से अब तक 8 साल गुजर चुके हैं और अब वे 55 के हो चुके हैं और किसी काम के नहीं हैं। मैंने यह सब उन्हें बताया था पर उन्होंने बताया कि अब उनकी सेक्स ताकत खत्म हो चुकी है।"


आगे की कहानी अगले भाग में ........

Quote

Happy diwali

Quote

mast kahani hai

Quote






tamil incent storiessexy photos of indian auntiessexy satorysexbii actress fakedesi couple hidden cammast hindi storymallu sex story pdfbur ki chataiurdu desi sexyoni dwartelugu antys sex storespanty peek pictureskutte ki gandhairy armpit imagesbur ke baalhindiarmpitsexJhatka Laga diya tumne detector partykashmiri naked girlserotic adult breastfeeding storiescharmi armpitstelugu sex storiyaunties clevagewww.dhoodwali.comwww.tamil dirty storys.comnamitha big ass picsgand chut lundguu voredesi sexy aunty photosnri desi auntyxxx kollywoodhot aunty imagespadosan komarathi chavat sambhog katha100000 xxxx anty nudu picshakeela porn imagebengali adult pictureadult sex stories in urduwww radi kale dasi xxx comaunties saree navel photoschoot ki baalindian insect storiesसेक्सी ब्लुएफिल्म विडियोsexy armpit picroommate sex storyurdu ses storieschaddi utar diindian desi exbiimaa beta sexy kahanimausi ke saathnude lady boyscartoon dexkatha sexygreatest pornstar in the worldsavita bhabhi ki anteevasna.commallu picherxxx mujrasurdu sx storiesrape sex kahaniyakaal mans fotosxxxnx storiesmummy ki gaanddasi talesdesi honeymoon pictureschachi ki salwarhindi sex stories pdfbangla sexvstorymalayalam masala forumxxx story hindi metelugu sex chat storiessexstoris hindidesi servant storiesshakeelas sexnew sex stories in malayalamdivya bharkarti hot videodastan sexsebangla sex audioreal life naveldesi dicktamil akka sex kathaiold choti golpoporographic videosvasna sex storydesi hindi kahanidoodhwali hindi sex storysaali kogandi sexi kahanixxx porn mmssexy comicxhindi vulgar storiesurdu sex storeynudewivesbehan ki sexy storydesi hot mujra videostamil akka pundaitamil sex stories english fontgujrati porno