भाग ०३
__________________________________________
नौकरानी ने बताया लंड छोटा या बड़ा नही होता
__________________________________________
नौकरानी ने बताया लंड छोटा या बड़ा नही होता
__________________________________________
मोहिनी ने मुस्कुराते हुए कहा- ठीक है. आप पैंट उतारो . मै देखती हूँ आपके लंड को .
मैंने पैंट उतार दिया. अब मै अंडरवियर में था. मेरा लिंग खडा हो गया था .
मैंने कहा- बताओ.
मोहिनी ने कहा - अरे बाबा , पूरा दिखाओ ना. ये अंडरवियर उतारो ना.
मेरा दिल जोर से धड़क रहा था. मैंने आज तक किसी मर्द के सामने अपने लंड को नहीं दिखाया ये तो औरत है. लेकिन फिर भी मन में एक अजीब सा आनंद था कि कोई औरत स्वयं ही मेरे लंड को देखना चाहती है. इसलिए मैंने थोडा हिचकते हुए अपने अंडरवियर को अपने लंड से थोडा नीचे किये. मेरा लंड सामने आ गया.
मोहिनी जमीन पर ठेहुने के बल बैठ गयी और अपना मुह मेरे लंड के सीध में लेते आई. मेरे लंड को वो गौर से देख रही थी . उसने मेरे अंडरवियर को पकड़ा और जमीन तक लेते आई. मैंने पैर उठा कर अंडरवियर को पुरी तरह खोल दिया. अब मै कमर के नीचे बिलकूल नंगा था. अचानक मोहिनी ने मेरे लंड को पकड़ा और उसे सहलाने लगी. मेरा लंड तनतना गया .
मैंने कहा- ये क्यों कर रही हो?
मोहिनी ने कहा- देख रही हूँ कि कितना बड़ा होता है.
मुझे काफी आनंद आ रहा था. मेरे सामने रात वाली ब्लू फिल्म का सीन दौड़ने लगा.
मैंने कहा - बोल ना? कैसा है मेरा लंड?
मोहिनी - बढ़िया है बाबा. एकदम परफेक्ट.
मैंने कहा - अब बता , तेरे मरद से बड़ा है कि छोटा..?
मोहिनी - बिलकूल बराबर है.
मैंने कहा- मोहिनी, आज तक मैंने किसी औरत का चूत नहीं देखा है तू अपनी चूत मुझे दिखा ना. मै सिर्फ देखूँगा. कुछ करूंगा नहीं.
मोहिनी ने कहा- ठीक है. इसमें कौन सी बड़ी बात है.
कह कर वो खडी हुई और एक झटके में अपनी साडी खोल दी. उसने पेटीकोट नही पहनी थी. उसने पेंटी पहन रखी थी. उसने खुद ही अपनी पेंटी को थोड़ी नीचे कर दी . मै उसके चूत को एकटक निहार रहा था. चिकना चूत था उसका. चौड़ा और फुला हुआ.
मैंने कहा- ये पेंटी पूरा खोल ना.
उसने अपनी पेंटी पूरी तरह से खोल दी. अब वो सिर्फ ब्लाउज में थी. इधर मेरा लंड तनतना रहा था.
मैंने झट से कहा- मोहिनी मै तेरे चूत को छूना चाहता हूँ.
वो बोली - छु लो ना. इसमें कौन सी बड़ी बात है?
मै उसके चूत को सहलाने लगा. बिलकूल ही कोमल पत्ते की तरह बुर था . उसने भी मेरा लंड पकड़ लिया. अब मै कुछ भी करने के लिया आज़ाद था. मैंने एक हाथ उसके चूची पर रखा और सहलाने लगा. अगले मिनट में ही मैंने उसके चूची को भी नंगा कर दिया. अब वो मेरे सामने बिलकूल नंगी खड़ी थी और मेरा लंड सहला रही थी.
मैंने कहा - मोहिनी, तेरी चूत एकदम इतनी चिकनी कैसी है? क्या रोज़ शेविंग करती हो?
मोहिनी - मेरा मर्द है ना. वो हर सप्ताह मेरी चूत अपनी रेजर से साफ़ कर देता है.
ये सुनते ही मेरा लिंग इतना बड़ा हो गया था कि मैंने कभी कल्पना भी नही की थी कि मेरा लंड इतना बड़ा हो सकता है.
मैंने कहा - हाय, इतनी चिकनी चूत देख मुझे इसे चूसने का मन कर रहा है.
मोहिनी - तो चुसो ना साहब इसे.
मैंने मोहिनी को अपने बिस्तर पर लिटा दिया और उसके चूत पर अपनी जीभ घुसा कर उसे चाटने लगा. मोहिनी 3 बच्चों की माँ हो कर भी किसी कुवारी लड़की से कम नहीं थी. उसका बुर और चूची में काफी कडापन था. थोड़ी देर में उसके चूत ने मस्त पानी निकाला. मै उसके पानी को चाटने के बाद धीरे धीरे मै ऊपर की तरफ बढ़ा और उसकी चूची को मुह में ले कर चूसने लगा.
मेरा लंड तनतना रहा था. मोहिनी ने मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी.
वो बोली - रेमो बाबा, एक काम करो. तुम अपना लंड मेरे चूत में डालो. तब पता चलेगा कि तुम्हारा लंड का साइज़ सही है कि नहीं.
मैंने कहा - तू मुझसे चुदवायेगी?
वो बोली - हाँ, क्यों नहीं. जरा देखूं तो सही. बाबा का हथियार सही है या नहीं?
मै मन ही मन काफी खुश हो गया. मैंने अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा और मोहिनी के बुर में घुसा दिया. जब मेरा लंड मोहिनी के बुर में अन्दर जा रहा था तो मुझे काफी मज़ा आया. मैंने काफी अन्दर तक अपना लंड घुसा दिया. लेकिन वो कराहने लगी.
वो बोली - बस बाबा, अब और अन्दर नहीं जाएगा. बहुत बड़ा है तेरा लंड. अब यही से चोदो.
कहानी आगे जारी है