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Romantic महक का जादू

थोड़ी देर बाद वो फिर से कुछ सोचते हुए बोली ....



“लेकिन तुम तो ... स्कूल से......आयी ...... न ...ही....“





फिर मैंने अटक..अटक कर उसे पूरी बात बताई ... की मैंने उसे कैसे देखा .....



दीदी चुपचाप सुनती रही .... फिर उसने मुझे पूछा की मुझे कैसे पता चला की
मैं लैपटॉप पे विडिओ ही देख रहि हूँ........ मैं थोड़ी देर चुप रही ....और
फिर उसे बाद की बात सुनाई की कैसे मैंने वो वीडियो देखा ....



नेहा दीदी चुपचाप मेरी ओर आश्चर्य से देख रही थी ........ मुझे बहोत अनकम्फर्टेबल फील हो रहा था



फिर दीदी ने मुझे धी से गले लगाया .....और बोली





“तू तो बड़ी सयानी हो गयी रे...... रिया .....”





और धीरे धीरे मेरी पीठ सहलाने लगी ....... अब मैं भी थोड़ी नॉर्मल हो गयी
थी ..... मुझे तब पहली बार अहसास हुआ की में टॉप अभी भी पूरा उपर था .....
पजामी निचे.... मै लगभग नंगी ... नेहा दीदी से चिपटी बैठी थी .



अपनी नग्नता का अहसास होने के बाद मैंने अपना टॉप निचे करने की कोशिश की ....



तो नेहा दीदी ने मेरा हाथ बिच मे ही पकड़ा



दीदी : “अब रहने दे ना .... जरा मैं भी तो देखू .... मेरी बहन कितनी और कहा कहा से जवान हुई है “



मैं शर्मा गयी ... और अपनी हथेलियो मे अपना चेहरा छुपाया ........



नेहा दीदी ने मेरे हाथो को दूर किया ... मेरी ठोड़ी पकड़कर....मेरा चेहरा उपर उठाया



और मेरी आँखों में देखने लगी .... मैंने शरमा कर आँखे झुका ली ....



दीदी मेरे करीब आयी उसने दोनों हथेलियों से मेरे चहरे को पकड़ा और नजदीक खीचा



अब दीदी की गर्म साँसे मुझे अपने चहरे पर महसूस हो रही थी ....... मेरी भी साँसे तेज़ हो गयी ...



और दीदी ने अपने नर्म मुलायम होठ मेरे होठो पर रख दिए ...... मेरे अंग अंग में बिजली सी दौड़ पड़ी ......



हाय क्या मस्स्स्सस्त अहसास था ........ नेहा दीदी की वो मदमाती गंध ... आज भी मेरी साँसों में है .......



दीदी धीरे धीरे मेरी होठ चूस रही थी ..... उसके हाथ मेरी छातियो के उभारो पर रेंगने लगे ...



मै सिहर उठी ........



दीदी ने अपनी जीभ मेरी होठो पर फिराई .... मेरे होठ थोड़े खुल गए ........



तो उसने उसकी जीभ को मेरे होठो से अन्दर घुसा दिया...... मेरा मुह और थोडा
खुला अब उसकी जीभ मेरे जीभ से खेलने लगी ....... थोड़ी देर बाद उसने अपनी
जीभ को वापस खीच लिया ......



अब मेरी जीभ भी उसका पीछा करते करते दीदी के मुह में जा पहुंची .......तो दीदी ने उसको चुसना शुरू किया .....



मैं तो जैसे हवा में उड़ने लगी थी ... इधर दीदी के हाथ मेरे संतरो को दबाने लगे थे ......



हाय........स्स्स्सस्स् स्स क्या मजा आ रहा था ........



थोड़ी देर बाद दीदी ने मुझे उस समाधि से बहार निकाला ......उसके होठ मुझसे
दूर हुए ...... मैंने शिकायत भरी नजरो से उसे देखा ....... वो मेरी ओर देख
कर मुस्कुरा रही थी ......





दीदी : “हाय..... मेरी प्यारी रिया तो पूरी जवान हो गयी रे ...”



मैं शरमा गयी ...



दिद ने मेरा टॉप सर से निकाल दिया ...... मेरी बगलो मे हाथ डाल कर खड़ा
किया .... और पैरो से पजामी भी निकाल दी ..... अब मै पूरी तरह से नंगी खड़ी
थी ......





दीदी : “चल मेरी प्यारी बहना ....... मेरी रूम में चलते है .... वहा मै तुम्हे पूरी तरह जवान बनाउंगी “



उसने मेरे पिछे से हाथ डाल कर मेरी छतिया दबाई और मुझे चलाते हुए उसके रूम में ले गयी .



रूम में जाते ही नेहा दीदी ने अपने सारे कपडे उतारे और नंगी हो गई ..... मैं उसकी सुन्दरता देख कर मोहित हो गयी .



दीदी ने फिर मुझे चूमा और बोली



“आज मैं अपनी प्यारी गुडिया को जवानी का पूरा मजा दूंगी ...”



उसने मुझे कस के गले लगाया और पागलो की तरह चूमने लगी.....



मैं तो उत्तेजना से पागल हो गयी .... मैं भी उसे चूमने में साथ देने लगी .......



दीदी ने मुझे पलंग पर लिटा दिया .......और मुझ पे चढ़ गयी.....



वो मेरी छातियो को आटे की तरह गुंध रही थी ..... मेरे से सहा न गया .... मेरे मुह से अजीब आवाजे निकलने लगी ....



“ओ ..ह.ह.ह.ह. दी...दी....... स्सस्सस्सस आ ........ह ....... “



“उफ्फफ्फ्फ़ ........ हा.......य........अ...अ.अ.....आ....� ��



फिर दीदी मुह निचे कर के मेरे छोटे निप्पल को चाटने लगी.......



“स्सस्सस्स अ...अ.अ...आ......ह...”



उसके हाथ मेरी जान्घो पर घूम रहे थे .... उसने मेरी मुनिया पे जैसे ही हाथ रखा.....



मै तड़प उठी



“उफ्फ्फफ्फ्फ़.......स� ��सस्सस्स........स्सस्स� ��्सीईईईई ...... “



दीदी और निचे गयी और उसने मेरी मुनिया को चाटना चालु किया



“ह्हह्हह्हह्हम्म� �्मम्म..........स्स्स.......� �य्य्यय्यय्य्य्य.... .ओ....ह ......”



मैं जोर से चिल्ला रही थी.....



दिदि ने मेरी मुनिया में अपनी जीभ घुसाई .... और उसे अन्दर बहार करने लगी



मै सातवे आसमान में पहुंची ......



मेरी मुनिया सुर सुर करने लगी ..... दीदी ने जीभ की स्पीड बढाई .......

Quote

और मेरे अन्दर का लावा फुटगया ......

“ऊऊऊऊउईईईई ......माआआआआआआ......मर... गयि..... आआआआह्हह्हह्हह्ह


ऊऊऊऊऊओह्हह्हह्हह� �ह...... ऊओह्हह्हह्हह्ह...... आआआआआआह्हह्हह्हह.. .. आआआअह्हह्हह्हह्ह� �


मुझे झटके आने लगे ...... मैंने दीदी के सर को मेरी मुनिया पर दबा दिया......मेरी मुनिया से गरम गरम पानी बहने लगा .....


“आआआआआ ....ह्ह्ह.....स्स्स्स. आ......उ......म्मम्मम”


मैं थोड़ी देर में शांत हुयी ...... मेरी आँखों से सामने तारे नाच रहे थे
....... ऐसा लग रह था की किसी ने मुझे निचोड़ दिया हो .......


बड़ी देर तक मै यूही बेजान पड़ी रही ...... दिदी ने ऊपर आकर मुझे कास के गले लगाया


दिदी: “ आज मेरी प्यारी गुडिया ....... पूरी तरह जवान हो गई ....”


और मुझे चूम लिया


दिदी पूरी तरह से मुझे चपकी थी .... मेरे अंग का हर हिस्सा उसे छु रहा था ... नहीं..... चिपका हुआ था


मै नेहा दिदी के नरम मुलायम शरीर को महसूस कर रही थी ..... बड़ा सुकून मिला मुझे ....


मै : “दिदी ...... क्या मै.......आ....प...की .....छा.......ती......यो.... को छु .......”


दिदी के समझ में आ गया की मै क्या चाहती हु ..... वो हसी और मुझे एक हलकी सी चपत लगते बोली


“अरे पगली .... इसमें पूछने की क्या बात है ...... मै तो तेरी ही हूँ ..... मेरा सब कुछ तेरे लिए तो है “


इतना कहके उसने मेरे हाथ अपनी छातियो पर रख दिए और मुझे समझाया


“रिया डार्लिंग ...... इसे स्तन बोलते है ..... छतिया नहीं ...... इसके दुसरे नाम भी है ......”


मै: “क्या.....”


दिदी ने मेर हाथो को उसके स्तानो पर दबाया और बोली


“इसे उरोज या मुम्मे भी बोलते है ... इंग्लिश में इसे बूब्स बोलते है “


अब मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था ..... मैं हौले हौले दीदी के स्तन दबाने लगी


दिदी हलकी हलकी आहे भर रही थी ......


फिर उसने मुझे अपने पुरे शरीर से वाकिफ करवाया ..... सब पार्ट्स के नाम बताये.....


जैसे की चूत, योनी , फुददी , दाना ......


ये सब पार्ट्स उसने मुझे छूआकर दिखाए ..... मै तो दिदी का हर अंग करीब से छूकर,दबाकर, और कभी कभी चाट कर देख रही थी .....


उसके बाद फिर मस्ती का तूफानी दौर चला ........ इस बार नेहा दिदी की बारी थी ...


वो जैसे जैसे मुझे बताती गयी ..... मै आज्ञाकारी शिष्य की तरह वैसे करती
गयी ....दीद ने जैसे सिखया उसी तरह मैंने उसके होठो को चूमा ....जीभ डालकर
चूसा .....हाय ...... क्या नरम होठ थे दिदी के ...... जैसे गुलाब की
पंखुड़िया ....मैंने उसके स्तानो को भी खूब चूसा ...... निप्पल्स को
चुभलाया ......दिदी पूरी तरह मस्त हो गयी थी मैंने दिदी की बगलों को सुंघा
.... उस भीनी भीनी खुशबू को अपने आप में समां लिया ...


मैंने उसकी चूत को चाटा ......दाने के साथ खूब खेली ......दिदी ....... जब
झड़ने पर आयी तो उसने मेरा मुह अपने जन्घो मे दबाया .......मै उसका यौवन रस
पि गयी ......


बहोत देर तक हम दोनों एकमेक को चूमते चाटते रहे....शाम होने को थी ...... दिदी बोली


“चल छोटी अब जरा भर घूम के आते है .... रात में खूब मस्ती करेंगे .........


और रात के रंगीन सपने देखते देखते मै उठ कर अपने कमरे में चली गयी

Quote

शाम को जब हम दोनों घूमने गए .....



दिदी ने मुझे भोत सी बाते बताई



जैसे की सेक्स क्या होता है ..... कैसे होता है .. सेक्स करने के टाइप्स



हम लोगो ने खाना भी बहार ही खाया ....



सात बजे हम लोग घर आये .....



नेहा दिदी बोली



“चल छोटी ..... अब हम ब्लू फ्लिम देखते है ...”





मैं: “ब्लू फ्लिम ????”





दिदी : “अरे वैसे वाली फ्लिम जो तुने दोपहर में देखि थी .....”



फिर उसने लैपटॉप चालु किया ... और एक फ्लिम चालू की



उस फ्लिम में दोनों लडकिया थी .... दोनों भी गोरी चिट्टी .... और भरी भरी



थी .....





दिदी: “देख रिया .... ये जो दो लडकियों के बिच सेक्स होता है ना ....



उसे लेस्बियन कहते है “



उसने मुझे ये भी समझाया की असल सेक्स तो औरत और मर्द के बिच ही होता है .



बड़ी ही फाडू फ्लिम थी वो.....



मैं तो तूफानी गरम हो गयी थी ...



फिर दिदी और मेरे बिच एक तूफानी सेक्स का दौर चला....



थोडा शांत होने के बाद ... दिदी ने एक और फ्लिम लगाई.... जिसमे एक लड़का और एक लड़की थे .....





दिदी : “अब देख मेरी बहना .... सेक्स का असली मजा....”



बड़ी ही गरम मूवी थी वो .......



देखते देखते नेहा दिदी ने मुझे समझाया ... की लंड क्या होता है .... उसे कैसे चूसते है .... और वो कैसे चूत को फाड़ता है .....



फिर दिदि ने मुझे गांड के बारे में बताया .... गांड चुसना ... गांड मरवाना .... क्या होता है ये सब समझाया.....



मैंने दिदी को पूछा



“दिदी तुम कबसे.... सेक्स... कर रही हो “





दिदी : “मैंने सिर्फ .... लेस्बियन ही किया है अब तक..... किसी लड़के से
अभी तक नहीं चुदवाया...... मेरी एक सहेली ने मुझे ये सब सिखाया ...... हमने
एक साथ खूब मजे किये .... लेकिन पिछले साल उसके पापा के ट्रांसफर हो गया
....तब से मै एकदम अकेली हो गई रे “





मैं: “अब तो मैं हु ना दिदी......”



दिदी मुझ से चिपकते हुए बोली



“हा रे ..... मेरी प्यारी बहाना ..... आज तो तुने मेरी इतने दिनों की प्यास
बुझा दी ..... और मेरा हमेशा के लिए इंतजाम भी हो गया ..... अब मुझे ऊँगली
करने की जरुरत नहीं “



उसने बड़े प्यार से मुझे चूमा .... और हम फिर से फ्लिम् की रासलीला देखने लगे .



वो लड़का उस लड़की को हचक हचक की चोद रहा था .... वो लड़की भी आनंद के मारे चीख रही थी .... अजीब अजीब आवाजे कर रही थी



मैंने दीदी से पूछा





दिदी .... लंड से चुदने में बहोत मजा आता है क्या .....”





दिदी: “ हा रे .....”

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मै: “तुम्हे कैसे मालूम ..... तुम तो अभी तक चुदी नहीं हो ....”


दिदी: “ मेरी सहेली जब चुद रही थी ..... तो मैंने देखा था.... और ऐसे विडिओ भी मैंने कई देखे है ....”



मै: “ तो क्या तुम्हारी कभी इच्छा नहीं हुयी .... लंड से चुदवाने की ....”


इस पर दिदी थोड़ी देर खामोश रह


और फिर बोली .....


“छोटी ....... चुदवाने के बारे में मेरी अपनी फिलोसोफी है ....”



मैं:”जरा खुल के बताओ ना दिदी ......



दीदी की फिलोसोफी


“मै जब भी चुदवाउंगी तो अपनी मर्जी से “


“मै अपने ख़ुशी के लिए चुदवाउंगी .... ना की किसी और के चाहने पर ....चुदाई से मुझे आनंद मिलना चाहिए “


“आजकल के लड़के सिर्फ चुदवाने में इंटरेस्ट रखते है ...... उनसे बच के रहना
चाहिए ..... मै किसी ऐरे गिरे के हाथ का खिलौना नहीं बनना चाहती .....”



“जितना जादा हम चुदवाते है ... उतनी ही चुदवाने की प्यास बढती जाती है .... हमें उस पर कंट्रोल करना चाहिए “


“मैं अपना तन ...उसी को सौपुंगी ... जिसे मै प्यार करुँगी.... और वो जो मुझसे प्यार करेंगा ..”


“बहोत जादा लोगो से मै कभी नहीं चुदवाउंगी ..... याने मुझे चोदने वाले बहोत
कम लोग होंगे .... एक से ज्यादा... लेकिन बहोत ज्यादा नहीं “


बड़ी ही लम्बी स्पीच दे डाली दिदि ने ...... मेरी समझ में कुछ कुछ आया .... लेकिन सब कुछ नहीं .


दिदी बोली


“रिया तू फिकिर मत कर ... तू धीरे धीरे सब समझ जाएँगी “


फिर हम दोनों एकदूसरे को चूमने चाटने लगे ...... फिर से एक प्यार का एक तूफान आया.....


उस तूफान के थमते ही दिदी मुझसे बोली ...


“चल रिया अब सो जा..... अधि रात हो गयी है ....कल स्कूल भी तो जाना है “



मैं: “दीदी ... कल के दिन मैं घर पे ही रूकती हु ना ..... हम खूब मस्ती और करेंगे कल ....”



दीदी: “ नहीं ..... रिया .... स्कूल मिस नहीं करना ..... मस्ती तो हम दोपहर
में भी कर सकते है ..... और फीर मुझे तेरे लिए एक सरप्राइज गिफ्ट भी तो
बनाना है “



मैं:”दिदी बताओ ना ... क्या सरप्राइज है ....”


दिदी ने बताने से मना कर दिया और मुझे जबरदस्ती सुलाया ...


सबेरे मै स्कूल गयी ..... स्कूल में मन ही नहीं लग रहा था ........


स्कूल से वापस आ कर मै दीदी के कमरे में पहुंची..... दिदी कुछ कर रही थी ...


मैंने पिछे से उसे गले लगाया और चूमा ....


दिदी ने मुहे बिठाया और मेरे हाथ में एक कागज का पुलिंदा रख दिया ...


और बोली


“ये है तेरा सरप्राइज गिफ्ट “



मै:”ये क्या है दिदी ,,,”



दिदी : “ये तेर लिए मैंने ख़ास बनाया है .... ये तेर लिए बहोत महत्वपूर्ण जानकारिया ह


(“वो वही नोट्स थे जो आज सबेरे मैंने तुमको दिए थे महक)



दिदी ने बोला की मै वो नोट्स बादमे कभी फुर्सत से पढू ..... और वो बोली


“चल मेरी बन्नो ... मै तेरे कपडे उतार देती हूँ “


और उसने मेरे कपडे उतरने शुरू किये ...... मेरी स्कर्ट टॉप उतरने के बाद वो
मेरे एकदम पास आके सूंघने लगी.... उसने मुझे मेरे दोनों हाथ ऊपर करने बोला
.... जैसे ही मने अपने दोनों हाथ ऊपर किये .... दिदी ने मेरी बगलों में
मुह घुसाया .... आँखे बंद करके सूंघने लगी......


मुझे बहोत अजीब लगा ..... मै बोली ...


“दिदी.... हटो ना ..... मुझे गुदगुदी हो रही है .....और ये तुम क्या कर रही हो ...


देखो ना .... कितना पसीना आया है मुझे .... जरा नहा लू.... बाद में खूब मस्ती करेंगे “



दिदी:”अरी पगली ..... इस पसीने में ही तो मजा है ..... मै तो इस खुशबू की
दीवानी हु रे ...... और नहाने की क्या बात है ..... मै तुझे चाट चाट के
फ्रेश करती हूँ “


और दीदी मुझे पागलो की तरह सूंघने, चाटने लगी ...... दिदी की गरम साँसे
मुझे भी दीवानि कर रही थी ..... फिर मै भी मस्ती में आयी और फिर दो बहनों
का कामुक तूफान चल पड़ा ........


माँ पापा आने तक हमने बहोत ऐश की . मेरी सेक्स की ट्रेनिंग भी दीदी ने चालु रखी.....


माँ पापा आने के बाद भी हम सबसे नज़रे बचाए..... मजा करते रहे .....


अभी इसी साल दिदी एमबीए करने के लिए ... दुसरे शहर गयी........



रिया की कहानी यही समाप्त हुयी ....


रिया ने मेरी ओर देखा और बोली ....


“दिदी के जाने के बाद .... मै तो एकदम अकेली थी ..... लेकिन अब तू आ गई है तो अब फिर से मजे मारेंगे “


मै तो मनो जैसे एक सपने से बहार आयी ....मेढ़ा हाथ मेरी पेंटी में था ...
मैंने महसूस किया की मेरी पेंटी अच्छी खासी गीली हो गयी थी....


मैंने रिया को बताया ... हम दोनों छत पे ही बने बाथरूम गए .....


और उसके बाद निचे चल दिए ....


लेकिन दोस्तों ..... हमें तब पता नहीं था .... लेकिन छत पर हम दोनों के सिवा कोई और भी था .... जिसने हमारी बाते सुनी .......


कौन था वो ........

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रिया और मै निचे आये .... फिर हमें मेथ का लेक्चर था ......


उस के बाद और एक लेक्चर हुआ ..... और फिर छुट्टी हो गयी .....



रिया और मै घर जाने से पहिले थोड़ी गपशप करने लगी




रिया:”महक अब तू जल्दी से एक मोबाईल ले ले यार “




मै:”हा री ..... अब तो लेना ही पड़ेगा .... मैं पापा से बात करती हूँ “




रिया:”अब हम अपने अपने घर चलते है .... तू वो वाले नोट्स अच्छे से पढ़ लेना...”




मैं:”क्यों आज रात को .... तू नहीं आएँगी क्या ?”




रिया:”महक ....जरा समझा कर यार.... ये सब रोज रोज संभव नहीं है..”




मै:” तो मै क्या करुँगी ?”




रिया:”जरा कॉलेज की पढाई कर..... वो नोट्स पढ़ .... और मेरी याद मे ...... ऊँगली कर “



मैंने बड़े दुख से हामी भरी .....



हम दोनों इधर उधर की बाते कर रही थी ..... क्लास पूरी तरह खाली हो गया था ......



हम दोनों अपनी बातो मे मगन थी ... की एक आवाज आयी



“महक ... रिया .....”



हमने चौक कर देखा ..... वो सौम्या थी .



सौम्या हमारे क्लास की सबसे खूबसूरत लड़की थी . लम्बा कद लगभग 5'5", तीखे
नयन-नक्श ,भूरी आंखें, दूध-सी गोरी काया, कमर तक लहराते बाल, भरा भरा बदन.
सौम्या कपडे भी ऐसे पहनती थी की लड़के तो छोडो लडकिया भी पलट पलट कर देखती
थी उसे .



ये सौम्या हमारे क्लास की ही नहीं तो पुरे कॉलेज की खूबसूरत लड़की थी .
सारे लड़के उसके पीछे पड़े रहते थे, लेकिन सौम्या किसी को भी घास नहीं
डालती थी



थोड़ी रिजर्व टाइप की लड़की थी सौम्या .



हमने कभी उसे किसी लड़की से भी घुलते मिलते नहीं देखा था ... अब तक उसने हमसे भी कभी बात नहीं की थी .



उसने हमें पुकारा तो हमें बड़ा आश्चर्य लगा.




मैं: “हाय सौम्या ..... कैसी हो ”




सौम्या: “महक मुझे तुमसे और रिया से कुछ ख़ास बात करनी है “




रिया:”तो आओ ना ..... यही बैठ जाओ .....”




सौम्या : “ नहीं रिया .... ये जगह नहीं .... थोड़ी प्रायवेट बात करनी है .... तुम मेरे साथ मेरे रूम पर चलो “



हमारी समझ मे नहीं आया ... की वहा बात करने मे क्या हर्ज था . लेकिन कॉलेज
के अप्सरा हमसे आज पहली बार बात कर रही थी. उसकी चकाचौंध के सामने हमें कोई
प्रतिवाद नहीं सुझा.....और हम उसके साथ चल दिए .....



हम लोग कॉलेज के बहार आये तो सौम्या ने एक रिक्शा रुका लिया .... और बोली .



“रोयल हॉस्टल चलो ..”



उसने हमें अन्दर बैठने का इशारा किया और खुद भी अन्दर बैठ गयी .



रिक्शा चल पड़ा तो रिया बोली ......



“ हा तो अब बता सौम्या ... क्या बात करनी थी ....”



सौम्या मुस्कुराई और बोली



“ अरे इतनी भी क्या जल्दी है ..... मेरे रूम पे चलते है... और वाही बाते करेंगे ना “



रिया खामोश रही ..... मै भी चुप थी ... हम दोनों सोच रही थी की आखिर इस परी
को क्या बात करनी होगी ..... आज तक तो उसने कभी हमसे बात की ही नहीं थी
... हा देख के मुस्कुराती जरूर थी ..... खैर छोडो .... मालूम पड ही
जायेगा.... ये सोच के हम दोनों भी खामोश ही रही .



पाच मिनिट मे हम होस्टल पहुँच गए ...... रोयल हॉस्टल हमारे शहर का सबसे
महंगा और पोश होस्टल था .... जिसमे सिर्फ बहोत अमिर लोगो के बच्चे रहते थे
.... हमने तो बस सुना था .....आज पहली बार देख रहे थे .....



एक वर्दी धारी दरबान ने गेट खोला ... सौम्या बोली ....



“ये दोनों मेरे साथ है....”



और हम सौम्या के कमरे की ओर चल दिए



सौम्या का कमरा ...... कमरा क्या वो तो एक छोटा मोटा फ्लैट था .... दूसरी
मंजिल पर था .... वहा केवल दो ही फ्लैट थे ..... बजुवाला फ्लैट बंद था ....

Quote

सौम्या ने हमें अन्दर लिया और दरवाजा बंद किया....... हम लोग सोफे पर बैठे


सौम्य ने हमसे पूछा



“क्या पिओगी तुम लोग ..... कुछ ठंडा चलेगा ......”



हम ने हा मे सर हिलाया ....



सौम्या ने बाजूवाले फ्रिज से एक कोल्ड ड्रिंक निकला और ग्लास लाने अन्दर गयी....



हम अचरज से टुकुर टुकुर देखे जा रही थी .... ऐसा भी हॉस्टल होता है ये तो हमने सोच भी ना था ...



सौम्या कोल्ड ड्रिंक के ग्लास लेकर बहार आयी .... हमने देखा ...... वो
कपड़े भी बदल कर आयी थी .... उसने एक गुलाबी रंग की झिनि सी नाईटी पहनी थी
.....



नाईटी इतनी झीनी थी की उसके अंदर से उसकी छोटी सी गुलाबी जालीदार ब्रा और
वैसी ही पेंटी साफ़ साफ़ दिख रही थी ...... और वो नाईटी इतनी शोर्ट थी की
उसकी कोमल जांघे दिख रही थी .....



वो नजारा देखकर हम दोनों पर तो जैसे जादू हो गया ...... हम बस उसे देखते हो जा रही थी .....




सौम्या: “ महक .......री ....या .... ये कोल्ड ड्रिंक तो लो





हमारी तन्द्रा भंग हुयी और हमने ग्लास ले लिए .



कोल्ड ड्रिंक पिते पिते मैंने पूछा



“सौम्या .... तुम अकेली ही रहती हो यहाँ .....”



उसने बताया की उसके पिता बंगाल मे एक रजवाड़े खानदान से थे....... और वो बचपन से ही हॉस्टल मे रहती है ....



हाय .... हमारी सौम्या तो राजकुमारी निकली ..... और लागती भी वो राजकुमारी ही थी .



थोड़ी देर इधर उधर की बाते हुयी ... इस बिच हम सबका परिचय भी हो गया



फिर रिया ने ही बोला



“हा तो सौम्या .... बताओ ना ... क्या बात करनी थी तुम्हे...”



सौम्या हम दोनों की तरफ देख के मुस्कुराई और बोली.....



“मुझे भी अपने ग्रुप मे शामिल कालो ना .... “




रिया:” ग्रुप .... हमारा तो कोई भी ग्रुप नहीं ..... बस हम दोनों ही है “




सौम्या: “रिया ...... मैंने महक और तुम्हारी बाते सुनी है “




मै: “कौन सी बाते ..... सौम्या “




सौम्या:”वही..... छत वाली.....”



उसने तो जैसे हम पर बम ही फोड़ दिया ..... मैं और रिया एक दुसरे को देखने लगी.




सौम्या: “ मेरा वैसा कोई इरादा नहीं था .... तुम्हारी बाते सुनने का .....
लेकिन मै छत पर अकेली बैठी थी ..... तो तुम दोनों भी वही आ गयी.... और बाते
करने लगी ......सुन कर मेरा भी इंटरेस्ट जाग गया “




रिया: “तुमने क्या क्या सुना .....”




सौम्या: “ सब कुछ सुना ...... तेरी और दिदी की बाते .... दिदी की फिलोसोफी सब कुछ “



ये सब सुनके हम दोनों भी सहम गयी ..... समझ नहीं आ रहा था की क्या बोले ... हम खामोशी से बैठ गयी



सौम्या ने चुप्पी तोड़ी और हमसे कहा .....



“प्लीज़ रिया ....महक ..... मुझे भी तुम दोनों मे शामिल कर लो ...मैं
सचमुच बहोत अकेली हु ..... मेरे स्टेटस की वजह से कोई मेरे करीब नहीं आता
.... या कहो मैं किसी के करीब नहीं जाती.....लेकिन तुम दोनों तो मुझे
शुरुवात से अच्छी लगी हो .... मै केवल तुम दोनों को ही स्माइल देती हु
कॉलेज मे “



मैंने सोचा की ये बात तो वो सच कह रही थी ...... वो सिर्फ हमें ही स्माइल दिया करती थी



सौम्या आगे बोली



“रिया तेरी दिदी सच कहती है ...... लडको के बारे मे ...... मैंने भी मेरी
माँ से येही सिखा है .... और इसीलिए मैने किसी भी लड़के से दोस्ती नहीं की
..... प्लीज़ ...तुम दोनों मुझे भी अपने साथ ले लो .... मैं भी मजे करना
चाहती हूँ “




रिया: “ लेकिन सौम्या ..... अगर हम ऐसे ही नए लोगो को शामिल करते गए तो



....हमारा बड़ा ग्रुप हो जायेगा ... और बात और फैलेंगी “




सौम्या: “ नहीं रे हम इसके बाद किसी भी नए मेंबर को नहीं लेंगे “



फिर रिया ने कुछ सोचा और बोली ......

Quote

“सौम्या ..... तू एक राजकुमारी है .... और हम दोनों तेरी तुलना मे मिडिल
क्लास ..... कैसे होगा.... तू तो हम लोगो पे रौब कसेगी .... राज करना
चाहेंगी... तो “



सौम्या : “ नहीं रिया .... मै ऐसा कुछ भी नहीं करुँगी ......उल्टा मै तुम
दोनो से प्रोमिस करती हूँ .... की मै हमेशा तुम दोनों की हर बात मानूगी
..... मै तुम दोनों की गुलाम बन के रहूंगी ....”


सौम्या की आंखो मे आंसू आ गए ........


मैंने उसके पास जाके उसे गले लगाया और उसकी पीठ सहलाने लगी ...


“अरे.... सौम्या ...... हम तीनो दोस्त है .... इसमें गुलामी वाली बात कहा से आ गयी “


सौम्या मुझसे और चिपक गयी और बोली


“प्लीज़ मुझे अपने साथ ले लो ..... मैं प्यार की प्यासी हु .... तुम दो हो मेरी प्यास भुझा सकती हो .....”


मैंने रिया की ओर देखा ...... नजरो हो नजरो मे हमारी बाते हुयी ...... उसने हौले से सहमती मे सर हिलाया .......


एक सुन्दर राजकुमारी ...... अपना गदराया जिस्म लेके मेरे आगोश मे थी ....


मैंने झट से सौम्या के होठो पे होठ रख दिए ....और एक लम्बा .... रसिलासा चुम्मा ले डाला .


हाय ...हाय .... क्या नरम मुलायम होठ थे सौम्या के..... जी चाह रहा था की उनका सारा रस निचोड़ लू .....


रिया भी हमारे पास आ गयी .... अब सौम्या मेरे और रिया के बिच सेंडविच बन गयी


रिया ने पिछे से हाथ डालकर सौम्य के मस्त मुम्मे को मसलना शुरू किया ... साथ साथ वो सौम्या के सुराहीदार गर्दन को चूम रही थी ....


सौम्या आगे से और पिछे से होने वाले इन हमलो से बावली हो गयी


मैंने उसके निचले होठ पे अपनी जुबान फिराई ...... हाय....क्या स्वाद था
सौम्या रानी का ....... और वो उसकी भीनी भीनी खुशबू......हा......य.....


उधर रिया की भी हालत ख़राब होने लगी थी ..... उसने सौम्या की नाइटी को ऊपर कर दिया ....


अब सौम्या की गोरी चिकनि जांघे नंगी हो गयी ..... मेरे हाथ उन पर रेंगने
लगे .... पूझे ऐसा लग रहा था ... की जैसे कोई रेशम की लड़ी मेरे हाथ मे थी
......


मै अपने आप पे कंट्रोल नहीं कर पा रही थी ..... मै तो जैसे सौम्या पर टूट पड़ी....


उधर रिया के साथ भी कुछ ऐसे ही हुआ .... हम तीनो सोफे पर गुत्थम गुत्था हुए थे.......


सौम्या ने बड़ी मुश्किल से कहा .....


“अ ....रे...... जरा आराम से ....... आ... उ...च... ....”


फिर वो जोर से बोली ......


“प्लीज़ रुक जाओ ....... अन्दर जा कर बेडरूम मे अच्छे से करते है ना “


इतना बोल के वो शर्मा गयी....... रिया ने उसे चूम लिया और खड़ी हो गयी .....


बोली “ चलो ... मेरी रानी ... जल्दी चलो ...... “


फिर हम तीनो अन्दर के कमरे मे आये ......


हाय राम .... क्या कमरा था ...... एक बडा सा किंग साइज़ बेड.... बड़ा टीवी .... एसी.....


उस कमरे मे एक मस्त खुशबू फैली थी .....


राया और मै तो देखते ही रह गयी .....


सौम्या बेड पे बैठी ...... और बोली ....


“अब आ भी जाओ ना ..... मेरी रानियों.... बहार तो काफी हल्ला मचाया था ...”


ये सुन कर हम दोनों भी होश मे आयी .... और सौम्या के सामने खड़ी हुयी ....


रिया ने सौम्या को धक्का दिया और बेड पर गिरा दिया...... फिर उसने सौम्या
की नाइटी को पकड़ कर ... ऊपर किया ... और झटके से निकलने की कोशिश की ...


सौम्या ने भी गर्दन उठा के सहयोग किया ....


अब सौम्या सिर्फ जालीदार ब्रा और पेंटी मे थी .....


इतना सुन्दर और गुदाज बदन देख हमारी मुह मे पानी आ गया .....


रिया ने मुझे बोला


“महक तू उपर से ले ..... मैं निचे से लेती हूँ इसको “


और इतना बोल के उसने सौम्या की जालीदार पेंटी पे मुह लगा दिया और चूसने लगी


मै कूदकर बेड पर गयी .... सौम्या के बगलों मे हाथ डालकर उसे पूरा ऊपर खीचा.... और उसके बाजे मे लेट गयी...


मेरे हाथ तो कुबेर का खजाना लगा था .... समझ नहीं आ रहा था ... कहा से शुरू करू......


वो रस भरे गुलाबी गिले होठ या फिर उस जालीदार ब्रा मे कैद वो दो मस्त कबूतर
.... या फिर गोरा चिट्टा ....यौवन से दमकता उसका वो सपाट पेट .....


हाय .....क्या जवानी थी सौम्या की


मैंने उसके होथो पर होठ रखकर उन्हें चुसना चालू किया ... और मेरे हाथ सौम्या के गदराई जवानी को ताड़ रहे थे ....


मैंने उसके होठो को खूब चूसा .... अपनी जीभ उसके रस भरे मुह मे डाली ..... उसकी.... मीठी मीठी जीभ को अपने मुह मे ले कर चूसा .....


रिया भी अपने काम मे मगन थी ..... वो सौम्या की गदराई....भरी भरी जान्घो को चाट रही थी ......


सौम्या तो बस .....


“ स्सस्सस्सस्सस्सस� �सस....हाय ......उ...ई....ई ......


“अ......आ.....ह.....स्सस्सस� ��स “


पूरी मस्ती मे झूम रही थी..... दोहरा मजा मिल रहा था उसे


मैंने बड़ी मुश्किल से उसकी ब्रा के हूक खोले ..... और ....हाय ....


उसके वो दो मस्त कबूतर फडफडा उठे......


मैने जल्दी से उसके भूरे निप्पल को अपने मुह मे लिया ....... और चुभलाने लगी ...


“स्सस्सस्सस्सस्स� �्सस स्सस्सस्सीईईईई” सौम्या सिस् कारने लगी


निचे रिया ने भी उसकी पेंटी निचे खीचकर उतार दी थी ...... वो भी सौम्या की जवान.... अनछुई ..... नाजुक तितली पर टूट पड़ी


जैसे ही रिया के लरजते होठो ने सौम्या की चूत को छुआ .....


सौम्या चीख उठी .....


“अ....आ.....ह......स्स्स्स� �स्स्स्सीईईईईई....म... र.....ग....यी.......”


ये सौम्या का पहला अनुभव था ... लिए शायद वो छूते ही झड गयी थी ....


रिया ने बड़े मजे से चटकारे ले ले कर उसका अमृत पिया ....


सौम्या थोड़ी नॉर्मल होने के बाद रिया बोली ...


“यार ... ये तो बड़ी जल्दी झड गयी ...... चल महक अब हम चेंज करते है तू निचे आ मैं ऊपर आती हूँ “


हम लोग उठ के बैठे .... एकदम रिया के दयां मे आया की घर पर हमारी रह देखि
जा रही होंगी ..... उसने पहले उस के घर फ़ोन लगाया ... और उसकी मम्मी के
बताया की वो उसकी सहेली सौम्या की ताब्यात ख़राब हो गयी है और वो उसके साथ
है ..... शाम तक लौटेंगी ......


वैसा ही फ़ोन उसने मुझे भी करने लगाया .....


अब हम निश्चिंत थे .....फिर रिया ने मुझे बोला ...


“महक रानी .... तेरे और मेरे कपडे तो बाकी है ....”


तब तक सौम्या भी हमारे पास आ गयी


मैंने उस से कहा


“ सौम्या मेरी जान ..... जरा मेरे और रिया रानी के कपडे तो उतार “



रिया: “ सौम्या डार्लिंग..... जरा नजकत् से उतरना

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सौम्या ने शरमाते हुए हम दोनों के कपडे उतारे ....



मेरा टॉप और समीज उतरने के बाद ... सौम्या मेरे उभारो को देखती रही .....



शायद उसके मुह में पानी आ गया था ....



उसने अपना एक हाथ मेरे एक स्तन पर रखा और वो दुसरे को चूसने ही जा रही थी .... की रिया ने उसके नंगे कुल्हो पर एक जोरदार चपत लगाई





रिया : “अभी तेरी बारी नहीं है ..... अभी तो हम दोनों को तेरा रस निचोड़कर पीना है सौम्या जान “



सौम्या इतनी नाजुक थी की रिया की मरने की वजह से उसकी गांड लाल हो गयी थी .



मैंने उसे नजदीक खीचा और उसके होठ चूसते हुए बोली



“फ़िक्र मत कर सौम्या ..... तेरी भी बारी आएगी .... अभी तो तू हमारा पूरा साथ दे “



हम दोनो ने सौम्या को अपने बिच में सुलाया ...



और दोनो ने एक साथ उस पर हमला बोला



जब मैं सौम्य के रस भरे होठ चूस रही थी ... तब रिया उसकी बगलो की खुशबु सूंघने में और चाटने में लगी थी



फिर हमने अपनी जगह बदली .... अब मैं उस खुशबू ला मजा ले रही थी और रिया सौम्य के अधरों का रसपान कर रही थी



फिर मैं रिया की चूत की तरफ बढ़ी .... हाय .....



क्या गुलाबी चूत थी .... एकदम नरम... मुलायम ... फूली हुयी .... उस पर हलके सुनहरी रोएं दिख रहे थे ......



मैंने अपने सिवा सिर्फ दो ही चूत देखि थी .... उनमे सबसे खूबसूरत चूत मेरे सामने थी



इधर रिया सौम्या के मस्त स्तनों का मर्दन करने में जुटी थी .



मैंने हलके हाथो से सौम्या की मुनिया की पंखुड़ीयो को अलग किया और अपनी जीभ
उसमे घुसा दी.....मैंने अपनी जीभ को और कड़ा किया और अन्दर भर करने लगी
.......

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सौम्या पूरी मस्ती में चीख रही थी .....


“अ....आ.....ह......स्स्स्स� �स्स्स्सीईईईईई....म... र.....ग....यी.......”



“अ......आ.....ह.....स्सस्सस� ��स “



“ स्सस्सस्सस्सस्सस� �सस....हाय ......उ...ई....ई ......



मैंने अपनी ऊँगली से उसके दाने को छेड़ा ....




सौम्या:“ऊऊऊउईईईईई� ��ईई स्सस्सस्सस्सस्सस� �सस “



सौम्या का शरीर ऐठने लगा था .... मेरी समझ में आया .....



मैंने सौम्या की चूत के होठ अपने होठो से सिल दिए....



और उस मनमोहिनी बारिश का इंतज़ार करने लगी ...



मुझे जादा इंतज़ार नहीं करना पड़ा......



अगले ही पल सौम्या छमक छमक के बरसी .... मैंने उस के रस को पूरा पि लिया
...... बारिश थमने के बाद ... मैंने उसे चाट चाट कर पूरी तरह साफ़ किया
.......



मैंने मुह उठाया .... रिया ने मुझे बोला



“चल महक अब मुझे पिने दे इस अमृत को ....”



हम दोनों ने अपनी अपनी जगह बदल ली .



अब मैं सौम्या के मस्त उरोजो से खेल रही थी .....



मैंने सौम्या से पूछा



“कैसा लगा मेरी जान ...”



सौम्या भी मस्ती में बोली



“ मैं तो हवा में उड़ रही हु .... “



रिया ने और मैंने थोड़ी देर यु ही सौम्य से थोड़ी रोमांटिक बाते की .... और उसे सहलाते रहे .....



अभी अभी झड़ी थी बेचारी ..... उसे थोडा नॉरमल करना जरुरी था



पाच दस मिनिट के बाद रिया ने मुझे इशारा किया ....



हम दोनों फिर से टूट पड़ी ...



मैंने सौम्या के निप्प्ल्स को उमेठना ... मुम्मे दबाना ... और मुह मेंले कर चूसन चालू किया ....

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तो रिया अपनी जीभ और उंगली से सौम्या की चूत को चोद रही थी ....



इस बार सौम्या थोड़ी देर से झड़ी ..... लेकिन उतनी ही ताकत से झड़ी जैसे पहले झड़ी थी ......



अब फिर से हम दोनों उसके आजू बाजू सो गयी .... और एक दूसरे को चूमने लगी



थोड़ी देर बाद रिया ने सौम्या को इशारा किया ...और उन दोनों ने मेरा सेंडविच बनाया .....



रिया ने सौम्या को सब कुछ बड़ी शिद्दत से सिखाया ... की कैसे स्तनों का मर्दन करना है ... कैसे चुसना है .....



सौम्या धीरे धीरे मेरे मुम्मे दबा रही थी .... और नजाकत से उन्हें चाट रही थी



उसने मेरे एक मुम्मे पर मुह लगाया ..और नीप्पल के साथ अपनी जीभ से हौले हौले खेलने लगी



मेरी निप्पलस कठोर हो गए



रिया बोली ....



“सौम्या डिअर .... जर मेरी तरह भी चुसो ....”



और रिया जंगलियो की तरह मेरे दुसरे मुम्मे पे टूट पड़ी



उसने मेरे कठोर निप्पल को अपने दातो से काटा



“ऊऊऊऊईईईईइमा स्सस्सस्सस्सस्सस� �सस” मै छटपटाने लगी



रिया ने अपने हाथ की एक जोरदार चपत मेरे जान्घो पर लगाई





रिया:”चुप चाप बैठ मेरी जान .....”





मै:”जरा धीरे न रिया.... दुखता है ना ....”





रिया:”क्यों मजा नहीं आता क्या ......सच बता “



मैं मुस्कुराई



रिया फिर चालू हुयी ... उसने मेरे मुम्मे को बेदर्दी से काटा



“ऊऊऊऊईईईईइमा म्मम्ममाआआआआआआआआ� �”



इधर सौम्या भी वैसे ही करने लगी ...



इस धमाचौकड़ी में रिया की बगल मेरे सामने आयी ...



मैं आँखे बंद करके सूंघने लगी ...



रिया हसी ... बोली



“ले मेरी जान .. और मजा ले “



और उसने उसकी काख मेरे नाक के पास की



मैंने अपनी नाक उसमे घुसा दी ... और जी भर के उस खुशबू को सुंघा



बिच बिच में अपनी जीभ से उसे चाट भी रही थी



उसने सौम्या को मेरी बगलों की खुशबू से भी परिचित किया ....



हाय .... सौम्या तो सूंघते ही दीवानी हो गयी ... और अपनी जीभ लम्बी कर कर के चाटने लगी .....

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