रिया और मै निचे आये .... फिर हमें मेथ का लेक्चर था ......
उस के बाद और एक लेक्चर हुआ ..... और फिर छुट्टी हो गयी .....
रिया और मै घर जाने से पहिले थोड़ी गपशप करने लगी
रिया:”महक अब तू जल्दी से एक मोबाईल ले ले यार “
मै:”हा री ..... अब तो लेना ही पड़ेगा .... मैं पापा से बात करती हूँ “
रिया:”अब हम अपने अपने घर चलते है .... तू वो वाले नोट्स अच्छे से पढ़ लेना...”
मैं:”क्यों आज रात को .... तू नहीं आएँगी क्या ?”
रिया:”महक ....जरा समझा कर यार.... ये सब रोज रोज संभव नहीं है..”
मै:” तो मै क्या करुँगी ?”
रिया:”जरा कॉलेज की पढाई कर..... वो नोट्स पढ़ .... और मेरी याद मे ...... ऊँगली कर “
मैंने बड़े दुख से हामी भरी .....
हम दोनों इधर उधर की बाते कर रही थी ..... क्लास पूरी तरह खाली हो गया था ......
हम दोनों अपनी बातो मे मगन थी ... की एक आवाज आयी
“महक ... रिया .....”
हमने चौक कर देखा ..... वो सौम्या थी .
सौम्या हमारे क्लास की सबसे खूबसूरत लड़की थी . लम्बा कद लगभग 5'5", तीखे
नयन-नक्श ,भूरी आंखें, दूध-सी गोरी काया, कमर तक लहराते बाल, भरा भरा बदन.
सौम्या कपडे भी ऐसे पहनती थी की लड़के तो छोडो लडकिया भी पलट पलट कर देखती
थी उसे .
ये सौम्या हमारे क्लास की ही नहीं तो पुरे कॉलेज की खूबसूरत लड़की थी .
सारे लड़के उसके पीछे पड़े रहते थे, लेकिन सौम्या किसी को भी घास नहीं
डालती थी
थोड़ी रिजर्व टाइप की लड़की थी सौम्या .
हमने कभी उसे किसी लड़की से भी घुलते मिलते नहीं देखा था ... अब तक उसने हमसे भी कभी बात नहीं की थी .
उसने हमें पुकारा तो हमें बड़ा आश्चर्य लगा.
मैं: “हाय सौम्या ..... कैसी हो ”
सौम्या: “महक मुझे तुमसे और रिया से कुछ ख़ास बात करनी है “
रिया:”तो आओ ना ..... यही बैठ जाओ .....”
सौम्या : “ नहीं रिया .... ये जगह नहीं .... थोड़ी प्रायवेट बात करनी है .... तुम मेरे साथ मेरे रूम पर चलो “
हमारी समझ मे नहीं आया ... की वहा बात करने मे क्या हर्ज था . लेकिन कॉलेज
के अप्सरा हमसे आज पहली बार बात कर रही थी. उसकी चकाचौंध के सामने हमें कोई
प्रतिवाद नहीं सुझा.....और हम उसके साथ चल दिए .....
हम लोग कॉलेज के बहार आये तो सौम्या ने एक रिक्शा रुका लिया .... और बोली .
“रोयल हॉस्टल चलो ..”
उसने हमें अन्दर बैठने का इशारा किया और खुद भी अन्दर बैठ गयी .
रिक्शा चल पड़ा तो रिया बोली ......
“ हा तो अब बता सौम्या ... क्या बात करनी थी ....”
सौम्या मुस्कुराई और बोली
“ अरे इतनी भी क्या जल्दी है ..... मेरे रूम पे चलते है... और वाही बाते करेंगे ना “
रिया खामोश रही ..... मै भी चुप थी ... हम दोनों सोच रही थी की आखिर इस परी
को क्या बात करनी होगी ..... आज तक तो उसने कभी हमसे बात की ही नहीं थी
... हा देख के मुस्कुराती जरूर थी ..... खैर छोडो .... मालूम पड ही
जायेगा.... ये सोच के हम दोनों भी खामोश ही रही .
पाच मिनिट मे हम होस्टल पहुँच गए ...... रोयल हॉस्टल हमारे शहर का सबसे
महंगा और पोश होस्टल था .... जिसमे सिर्फ बहोत अमिर लोगो के बच्चे रहते थे
.... हमने तो बस सुना था .....आज पहली बार देख रहे थे .....
एक वर्दी धारी दरबान ने गेट खोला ... सौम्या बोली ....
“ये दोनों मेरे साथ है....”
और हम सौम्या के कमरे की ओर चल दिए
सौम्या का कमरा ...... कमरा क्या वो तो एक छोटा मोटा फ्लैट था .... दूसरी
मंजिल पर था .... वहा केवल दो ही फ्लैट थे ..... बजुवाला फ्लैट बंद था ....