रात को ८ बजे के करीब रिया का फ़ोन आया .......
रिया :” महक ... मैंने सोच लिया.....”
मैं: “क्या ...सोचा “
रिया:”अरे .... भूल गई क्या..... सौम्या के यहाँ रोज मिलने का बहाना सोचा “
मै:”बोलना .... क्या बहाना सोच हैतुने “
रिया:”हम कलसे केमिस्ट्री की प्राइवेट कोचिंग लगायेंगे “
मैं:”किसलिए .... मुझे कोई जरूरत नहीं है इसकी ...”
रिया: “ आरी बुद्धू .....ये बहाना है ....”
मैं: “ओह..... अब समझी “
रिया का बहाना ये था की सौम्यायहाँ उसके पिता द्वारा नियुक्त एक मास्टर
हमें केमेस्ट्री पढायेगे .... और हमें कोई फी नहीं देनी होगी ......
हमारा कॉलेज रोज ७.३० से ११.३० होता था .... कभी कभार १२.३० भी होते थे
हमने हमारे काल्पनिक क्लास का टाइम १ बजे से से तीन बजे तक बताना था.
याने हमें रोज कम से कम तीन चार घंटे मिलने वाले थे मस्ती के लिए ....
और साथ मे रिया ने हिदायत दी की मुझे सौम्या के बारे में घरपे ढेर सारी
बाते करनी है .... घरवालो को ये अहसास होना चाहिए की हमारी एक राजकुमारी से
जान पहचान है....घरवालो को थोडा इम्प्रेस करना है .....
जाते जाते उसने मुझे मोबाइल फ़ोन लेने की फिर से याद दिलाई
मैंने पहले अपने पापा को फोन लगाया और उनसे मोबाईल लेने की जिद की ....उनको
बड़े प्यार से समझाया की मोबाईल मेरे लिए बहोत जरुरी है .....
पापा जल्दी ही मान गए .... बोले की वो में मामा को बताएँगे की मुझे एक मोबाईल ले कर दे ....
फिर मै मामी के पास गयी .... बातो बातो में मैंने उसे अपनी केमेस्ट्री की
क्लास के बारे में बताया...... और सौम्या के बारे में भी .....
मामी को कुछ जादा नहीं समझा ... शायद वो काम में जादा मसरूफ थी.... उसने बोला
“ठीक है बेटा ... मुझे ये पढाई की बाते जादा पता नहीं है ... तेरे मामा से ही बात कर लेना “
रात में खाना खाते वक्त मैंने मामा जी से दोनों बाते कर ली .... मामा ने ख़ुशी कुशी दोनों बाते मान ली ... आखिर लाडली जो थी मामा की
मामाजी बोले की वो कल मुझे नयामोबाईल लाके देंगे और क्लास के बारे में वो
बोलेबेटा फ्री में पढने की कोई जरुरत नहीं ... हम लोग फीस दे देंगे
फिर मैंने उनको सौम्या के बारे में बताया .... उसके राज घराने के बारे में
बताया और उनको बोला की शायद हमारा फी देना उसको बुरा लगेगा ..... फिर भी
अगर वो चाहते है तो मै सौम्या से बात करुँगी
मामा को ये बात भी जच गयी.....
मेरा मन तो खुशी से नाच रहा था....
मने देर रात तक ने हा दीदी के नोट्स पढ़े ..... नेहा दीदी ने बहुत विस्तार से
वो नोट्स बनाये थे .... मुझे उसमे स्त्री के शरीर के बारे में और पुरुष के शरीर के बारे में पूरी जानकारी मिली
सेक्स के विभिन्न केलो के बार में उसमे लिखा था .... मुठ मरना , ऊँगली करना
जीभ से चोदना .... लंड चुसना... चूत, गांड चुसना , बगल के बाल औरउस झूश्बू के बारे में भी लिखाथा ...
मै पूरा तो नहीं पढ़ पाई.....मैंने बाकि अगले दिन के लिए छोड़ दिया ....और कल आने वाली मस्ती के सपने देखते देखते सो गयी
अगले दिन सुबह .... मै जल्दी उठी और ममी से टिफिन तैयार करवाया.... उन्हें बता भी दिया की मुझे आने में ३ या ४ भी बज सकते है .....
मुझे तो कॉलेज पोहचने की जल्दी पड़ी थी , काश मेरे पंख होते तो मै उड़ के कॉलेज जाती....
कॉलेज में आज हम् तीनो , मैं , रिया और सौम्या एक ही बेंच पर बैठी ... वो भी आखरी वाली
मैंने फुसफुसाते रिया को बताने की कोशिश की तो .. उसने मुझे चुप कराया और धीरे से बोली
“अगला पीरियड बंक करते है.... और छत पे बाते करेंगे “
मैं मन मार के चूप हो गई
जैसे तैसे वो पीरियड ख़तम हुवा.