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Romantic महक का जादू

सुबह मेरि जब मेरी आंखे खुली तो मैने पाया ...... रिया मुझे झंजोर कर उठा रही थी ।


मै आंखे मिचमीचा कर देखने लगी ..... मैने देखा ... रिया ब्रश कर रही थी ...... उसने कहा



“महारानी उठो..... पांच बाज गये है ..... जल्दि जल्दि फ्रेश हो जाओ...”




मै: “सोने दे ना ... रिया.... अभि तो बहुत वक्त है... कॉलेज जाने मे ....”




रीया: “मेरी जान .... कॉलेज जाने से पहले हमे मजा भी तो करना है”




मै: “मजा ....कैसा मजा ?”




रिया ने मेरी निप्पल्स को चिकोटी काटी.....




मै: “स्स स्स स्स स्सं हा...... य “



तब जाके मुझे होश आया..... और मेरा ध्यान अपने और उसके नंगेपन पर गया .....



मेरी आंखो के सामने रात का पुरा फ्लॅशबॅक घूम गया ..... मेरी आंखो मे फिर से गुलाबी डोरे तैरने लगे ।



मुझे मुसकूराता देख रीया ने मुझे जोरो से हिलाया और उठा के खडा किया ।



मै उठ के खडी हुयी तो उसने कहा....



“जल्दि से ब्रश कर ले ... उसके बाद हमे और भी तय्यारी करनी है।“



मै फटाफट ब्रश करने लगी ..... तब तक रीया फारीग हो चुकी थी ।



उसने अपनी बॅग खोली और उसमे से कूछ निकलने लगी ... मै तो बेसिन के पास थी .



.. मै कूछ देख नही पायी।



मेरे ब्रश करने के बाद ..... उसने मुझे नजदीक बुलाया और बोली



“महक रानी अब हम ..... और एक तूफानी मजा करेंगे... तु बस मेरी हर बात मानती जा “




मै: “हा मेरी रीया रानी मै तो तेरी गुलाम हू रे... “



ये बोल के मै उसके पास गयी ..... उसके नर्म नाजुक होटो को आपने होटो से चुमने लगी ।

Quote

उसने भी मेरा पुरा सहयोग करते हुये मेरी जीभ को चूसा।


फिर उसने मुझे एक चीज दीखायी ...... वो एक रबड का पाईप था ..



..... जिसके एक सिरे पर एक नोब सी लगी थी ..



..... ठिक वैसे ही जैसे एनिमा के पॉट के पाईप को रहती है ।



उसने बाथरूम का गीजर पाहले से ही चालू किया था .... उसने बाथरूम मे जाके ... पानी चेक किया ... और बाथ मिक्सर को अॅडजस्ट किया ।



फिर मुझे भी बाथरूम मे बुलाया... मै अंदर गयी .... उसने पाईप का एक सिरा
बाथरूम के नल से लगा दिया ...... नल चालू करके थोडा पानी मेरे पार छिडका
... और पुछा ...



”गर्म है क्या बहोत ?”



मै ने बोला “नही तो ... थोडा गूनगुना है”



वो बोली ऐसा ही चाहीये ..... फिर उसने मुझे दीवार पर हाथ टीका कर घोडी बनने को बोला ..



... मै असमंजस से उसे देखती रही .......



उसने कहा “ मेरी जान कूछ ... भी मत पुछाना ..... बस मै बोलू वैसे ही करते जाना .....फिर देख ... तुझे जन्नत का मजा आयेगा “



मै दीवार से हातो को टिका कर घोडी की तरह खडी हो गयी ...



उसने मेरे कुलों पर थोडा थपथपाया ..... एक बार उन को चुमा भी ... और फिर
उसने अपनी उंगलीयो से मेरे गुदा स्थान को थोडा चौडा किया ............



... और अचानक उस रबड पाईप का दूसरा सिरा मेरी गांड के छेद मे घुसा दिया
..... मै थोडा हीनहिनायी... उसने फिर मुझे प्यार से थपकी यादी .....



... अब रिया ने धिरे से नल खोला .... एक हाथ से उसने.... मेरी गांड का पाईप पकड कर रखा था......



हाय राम .... बडी ही अजीब फीलिंग थी वो .... मेरी गांड के अंदर एक प्रेशर
सा बन रहा था .... और धिरे धिरे वो बढता गया .......... अब मुझसे सहन नही
हो रहा था



मेरे एक्सप्रेशन देख रीया समझ गयी ... उसने नल बंद किया ...... पाईप को
मेरी गांड से निकाला और अपने अंगुठे से फिर से गुदा का छेद बंद करके
बोली......



“ चल मेरी जान अब टॉयलेट की सीट पर बैठ जा ....”



मुझे भी बहोत प्रेशर आया था ..... मै जल्दि से टॉयलेट की सीट पर बैठी .... और सारा प्रेशर हल्का किया ....

Quote

थोडी देर बाद रीया ने फिर मुझे उठाया और फिर से पुरी क्रिया दोहरयी .......
उसे ऐसा तीन बार किया ..... मै तो पुरी तरह से निढाल हो गयी थी .....



अब उसने मुझे टांगे पसार के खडा किया .... उसने कोलोन वॉटर की बोटल निकाली
...उसमे से थोडा कोलोन वॉटर मेरी गांड के दरार मे उंडेला और उंगली से
फैलाने लगी...उसने मेरे गांड के छेद मे उंगली डाल कर उसे अच्छे से फैलाया
...... और उसने नीचे झुक के मेरी गुदा के छेद पर अपना नाक टिकया ....



.... और सुंघ के बोली की अब ठिक है .....



रीया ने मेरे को बोला ...की मुझे भी उसके साथ सेम वैसा ही करना है.......
फिर मै ने भी वैसा ही उसके साथ भी किया .....रिया ने मुझे अपनि गुदा का छेद
सुंघवाया.... और पुछा



“कोई बदबू तो नही आ रही न?”




मै: “नही तो .... बडी सेक्सी खूशबू आ रही है ”



वो फिर मुझसे लिपट गयी.... एक जोरदार चुंबन लिया और बताने लगी ... की अब हम
जो मजा करने जा रहे है .... उसके लीये हमारी साफ सफाई बहुत जादा
इम्पॉर्टंट है



खास तौर से पेट और गुदा (गांड) की .....




मै: “क्यो ?”




रिया : “आगर हम ने ठिक से सफाई नाही की तो .... हो सकता है के हमे बदबू की वजह से घिन आये ...”



वो आगे बोली रानि .... चलो जल्दि ..... आब सवाल कर्ण बंद करो ..... आब हमे जन्नत की सैर करनी है....



हम दोनो फिर से बिस्तर पर आ गये....उसने मुझे उलटा लेटने को बोला



मै भी उपर की ओर गांड करके सोई .....



रिया ने मेरी गांड चूमी और उसे चाटने लगी .....



“ हा.....य.... म....म......म...स्स स्सं स्स स्स स्स .... उ....फ्फ .....”



“आ....उ.......च........स्स...स्� ��....स्स.....”



मेरे अंदर जैसे करंट दौडने लगा .....बडी अजीब फिलिंग थी वो ....



रिया ने मेरे पैरो को फैला दइया .....अपनी उंगलीयो से मेरी गांड का छेद बडा
कीया ...अपनि जीभ को कडा करके वो उसमे घुसाने लगी ......मै छटपटाने लगी
..... उसने मुझे थोडी देर कंट्रोल करने बोला ......



आब उसने मेरी गांड के छेद को आपणा मुह चिपका दिया .... और जोरो से चुसने लगी .... जैसे हूं स्ट्रा से कोल्ड ड्रिंक चुसते है .......



अब मेरा कंट्रोल करना मुश्कील था ....... मेरे मुह से अजीब अजीब आवाजे आने लगी...



“रि ...... या .... म .... म ... स्स.... उ .... आ......”



रिया ने एक हाथ से मेरी योने दबा रखी थी......उसने चुसना जारी रखा ......
मेरा शरीर अकडने लगा तो उसने मुझे पालटाया... और मेरी चुट से आपणा मुह
चिपका दिया...



मेरी चुत से फव्वरा छूट गया ...........



“ हा.....य.... म....म......म...स्स स्सं स्स स्स स्स .... उ....फ्फ .....”



“आ....उ.......च........स्स...स्� ��....स्स.....”



मै ने रिया का सर अपनी जंघाओ से दबा रखा था....... रिया बडी देर तक मुझे चुसती रही ...



सब शांत होने के बाद उसने मेरी गले लागते हुये पुछा की मुझे कैसा लगा ....




मै: “बडा मजा आया ......”




रिया: “जन्नत की सैर हो गायी न...... चल मेरी जान अब मुझे भी जन्नत की सैर करा दे “



...............

Quote

“ हा.....य.... म....म......म...स्स स्सं स्स स्स स्स .... उ....फ्फ .....”

“आ....उ.......च........स्स...स्� ��....स्स.....”


मेरे अंदर जैसे करंट दौडने लगा.....बडी अजीब फिलिंग थी वो ....


रिया ने मेरे पैरो को फैला दइया.....अपनी उंगलीयो से मेरी गांड का छेद बडा
कीया ...अपनि जीभ को कडा करके वो उसमे घुसाने लगी ......मै छटपटाने लगी
..... उसने मुझे थोडी देर कंट्रोल करने बोला ......


आब उसने मेरी गांड के छेद को आपणा मुह चिपका दिया .... और जोरो से चुसने लगी .... जैसे हूं स्ट्रा से कोल्ड ड्रिंक चुसते है .......


अब मेरा कंट्रोल करना मुश्कील था ....... मेरे मुह से अजीब अजीब आवाजे आने लगी...


“रि ...... या .... म .... म ... स्स.... उ .... आ......”


रिया ने एक हाथ से मेरी योने दबा रखी थी......उसने चुसना जारी रखा ......
मेरा शरीर अकडने लगा तो उसने मुझे पालटाया... और मेरी चुट से आपणा मुह
चिपका दिया...


मेरी चुत से फव्वरा छूट गया ...........


“ हा.....य.... म....म......म...स्स स्सं स्स स्स स्स .... उ....फ्फ .....”


“आ....उ.......च........स्स...स्� ��....स्स.....”


मै ने रिया का सर अपनी जंघाओ से दबा रखा था....... रिया बडी देर तक मुझे चुसती रही ...


सब शांत होने के बाद उसने मेरी गले लागते हुये पुछा की मुझे कैसा लगा ....


मै: “बडा मजा आया ......”


रिया: “जन्नत की सैर हो गायी न...... चल मेरी जान अब मुझे भी जन्नत की सैर करा दे “

Quote

मै रिया की तरफ देख के मुसकूराई.... और बोली


“हा मेरी जान .... करवाती हू .... लेकीन जरा स्टाईल से “



इतना कह के मैने उसके दोनो हाथ पकडकर उपर की ओर दबा दिये... .



.... और उसके होठो पे टूट पडी



मैने उसके रस भरे होठो को अपने होठो से चूसने लगी।



वो भी मस्ती मे आ गई थी ... उसने भी पुरा सहयोग देना शुरू कीया।



चूसते चूसते मै ने उसके होठो को दातो से काट लिया ।



“स्स... स्सं.... स्स .... उ ....फ्फ ...... स्स स्स स्स “



रिया दर्द से सिसिया ऊठी ।



मेरी ओर शिकायत से देखते हुए बोली



“जरा धिरे से मेरी जान .... ऐसा जंगली की तरह क्यो बीहेव कर रही हो ?”



मै : “ चूप चाप बैठ मेरी रानी .......मै कल की रात भुली नाही हू .... अब तो मै ऐसे ही



जंगली प्यार करूंगी “



इतना कह के मैंने उसके निप्पल चुटकी में भर के उमेठे .



"हा ...य .......स्सस्स्स्स ........आ .... उ..च...." रिया कसमसाई



मैंने उसके उरोजो को आटा गूंधने की तरह मसलना शुरू किया .



रिया छटपटा रही थी ..... मैंने उसके नितिम्बो पर एक चपत लगाई



मैं : "मेरी जान आज तो तुमको ... ये सारा सहना ही पड़ेगा.... ज्यादा नखरे मत दिखा "



एक तरफ मैं उसके स्तनो का जोरदार मर्दन कर रही थी तो दूसरी और उसके रस भरे अधरों को चूस रही थी ,काट रही थी



रिया बेचारी खूब छटपटा रही थी ...



.... उसमे थोडा मिठा सा दर्द भी था और जवानी के खेल का उन्माद भी .



अब मैं थोडा निचे सरकी .... मेरी हाथ उसकी फूल सी योनी को सहलाने लगे.



...... और मेरा मुह उसके छातियो पे था .....



मैंने उसके निप्पलस को चूसा.....चाटा......... रिया पूरी मस्ती में आ गयी थी ..



... की मैंने उसके दाए स्तन को जोरो सो काटा



"अ ....आ.....आ.... म...ह...क.......स्स....स्स्स ्स....स्स्स्स..... हा......य... म........उ ..."



मेरे हाथो ने फिर से अपना काम किया .... उसके कुल्लो पर एक जोरदार तमाचा जड़ दिया ......



उसके वो भरे भरे से कुल्ले उस मार से लाल दिखने लगे



रिया तड़प के रह गयी .... वो बोली



"यार महक ... प्लीज़ .... आराम से कर ना...."



मैं हँसी और फिर से उसके बाए स्तन को काट खाया .....



"आ .... उ... च... स्स स्सस्सस्स स्स्स्स ...... उ..... फ्फ ....."



मैंने रिया की आँखों में देखा .... उसकी आँखे दर्द की वजह से भर आयी थी .....



मैं: "बस इसी तरह सहती जा मेरी रानी ....... कम्प्लेंट की तो ..... फिर मार पड़ेगी ......"



मैंने अपना नोचना खसोटना जारी रखा ... थोडा टाइम और स्तानो से खेलने के बाद मैं अपनी जीभ घुमाते घुमाते उसकी योनी पर पहुंची

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हाय क्या चूत थी उसकी ....

..... पानी आ गया मुह में ......


मैं दीवानों की तरह उस नाजुक सी योनी पर टूट पड़ी .....


कभी उसे चाटती तो कभी उन्ग्लियो से उसका दाना छेड़ती


रिया पर भी मस्ती तारी होने लगी.... वो कमर उचका उचका कर चुसवाने लगी ....


मैंने उसको उल्टा किया .... अब उसकी मजेदार गांड मेरी आंखो के सामने थी .....


अभी अभी मैंने उसे मार मार के लाल किया था .....


मैं जीभ बहार निकल कर उसको चाटने लगी ....


.... फिर अपने दोनों हाथो से उसके दोनों कुल्ले अन्दर की तरफ दबाये उसे मुह में भर लिया और जोरो से काटा


...... रिया तिलमिलाई ...... मैंने उसे ताकत लगाके निचे दबा रखा था ..


... इसलिए बेचारी जादा कुछ न कर पाई और उसने अपने आप को ढीला छोड़ दिया ......


दो तिन बार फिर उसके कुल्लो पर काटने के बाद मैंने उसके पैरो को चौड़ा किया ..


.. दोनों कुल्ले अपने दोनों हथेलियों में भर के उनको उमेठा ताकि गांड की दरार खुल जाए .......


अब मैं अपने आपको रोक नहीं पाई ....


.... मैंने अपनी नाक उस प्यारी सी दरार में घुसा दिया और उसकी महक को सूघने लगी .


कलोन वाटर की भिभी खुशबू .... मुझे दीवाना बना रही थी .........


मैंने अपनी उन्ग्लियो से उसके गुदा द्वार को बड़ा किया और उसमे अपनी जीभ घुसा कर चाटने लगी


मैंने थोडा ऊपर मुह करके बोला


"रिया मेरी जान ....... अपने दोनों हाथो से अपनी चूत अच्छी तरह से बंद कर ले ...... एक बूंद भी निचे गिरनी नहीं चाहिए ...... समझी ."


इतना बोल के मैं फिर अपने काम में जूट गयी .... मैंने अपनी एक ऊँगली उसके
गांड के छेद में घुसाई और साथ साथ मेरी जीभ को भी अन्दर घुसा ने की कोशिस
करने लगी ......


फिर मैंने अपना मुह उस छेद से चिपकाया ....... अपनी जीभ घुमा कर उसे और भी रसीला बनाया ......


और फिर जोर जोर से चूसने लगी ......


दो मिनिट में नतीजा सामने था ...


... रिया झटके देने लगी थी ...... मैं समझ गयी ..


... रिया को पलटा कर उसकी चूत से मुह चिपका दिया ......


रिया ने कस के मेरा मुह अपनी चूत पर दबाया ........ और झड़ने लगी


मैंने भी उस अमृत को तब तक सोखा जब तक रिया ठंडी नहीं पड़ी .....


हम थोड़ी देर तक वैसे ही पड़े रहे .......फिर एक दुसरे को लिपटकर चूमा ......


हम प्यार से एक दुसरे की आंखो मे देख रहे थे .......


फिर रिया ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा ....


" चलो महारानी .... नहा धो के निचे जायेगे ..... और अच्छे बच्चो की तरह कोलेज जायेंगे ...."


फिर हम दोनों साथ साथ नहाये .... उसने मेरे सारे अंगो को साबुन लगाया ....
मैंने भी उसे साबुन लाया .... और एक दुसरे को चुमते चाटते हमने नहाना ख़तम
किया .


फटाफट कपडे पहन के हम निचे जाने लगे ...... की रिया को कुछ याद आया .....


उसने बैग में से एक मैगज़ीन जैसी किताब निकाली .... और बोली


"यह किताब अच्छी तरह से पढना ....... बहोत इम्पोरटेंट है ...... और किसी को दिखाना मत ....."


मैं उत्सुकता से उस किताब को देखने लगी तो रिया ने बोला


"अभी इसे कही छुपा दे ..... रात में पढना ...."


मैंने वो किताब मेरी आलमारी में छुपा दी....


और हम निचे की और चल दिए ......


निचे मामी के साथ जल्दी जल्दी में नाश्ता किया .... और फिर कोलेज की और निकल पड़े .......


मैं सोच रही थी की रिया और मेरी उम्र लगभग एक ही है . लेकिन फिर भी उसे सेक्स के बारे में इतना कुछ कैसे पता ?

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मेरे दिल में बहोत सारे सवाल थे..... लेकिन सूझ नहीं रहा था क्या और कैसे पुछू .

कॉलेज जाते वक्त हम दोनों भी खामोश थी


पहला लेक्चर केमेस्ट्री का था हम दोनों भी काफी बिजी थी .


दुसरे लेक्चर की मैडम छुट्टी पर थी याने हम को ऑफ़ हवर था


मैंने रिया को बोला की..... हम लोग कॉलेज की छत पर जाते है


उसने हामी भरी ..... तो हम दोनों छत पर जा कर एक कोने में बैठ गए.


मैंने रिया से पूछा


"रिया तू इतना सब कुछ कैसे जानती है .... तुझे ये सब किसने सिखाया?"


रिया मुस्कुराई और बोली


"मैं जानती थी की तू ये सवाल मुझे जरूर पूछेगी ..."


मैं : "तो बता न "


फिर रिया ने अपनी कहानी सुनाई



रिया के घर में कुल पांच लोग थे ...रिया के पिताजी, माँ , बड़ी बहन, बड़ा भाई और खुद रिया


रिया की बड़ी बहेन उससे ५ साल बड़ी थी और भाई ३ साल बड़ा .


रिया की दीदी नेहा अभी दुसरे शहर में MBA कर रही है और भाई मुंबई में MBBS कर रहा है


रिया की कहानी वहा से शुरू हुई जब उसकी बहन BBA के फायनल में थी और रिया SSC में उसका भाई एक साल पहले मुंबई गया था .


रिया और उसकी दीदी का कमरा आजू बाजू में ही था


एक दिन जब उनके माँ पिताजी बहार गाव गए थे


घर में सिर्फ रिया और नेहा ही थे रिया जब दोपहर घर लौटी तो उसने नेहा दीदी के कमरे से कुछ आवाजे सुनी......


कुछ धीमी धीमी आवाजे आ रही


“आऊं... उम्म्म्म.. उम्म्म्म... चुउप्प्प.. आउउम्म्म.... अआम्म्म्म... चुउप्प्प... उम्म्म्म... आउउम्म्म....”


मेरी तो कुछ समझ में नहीं आया


मै दीदी के बेडरूम के दरवाजे के पास गयी तो फिर से वो मद्धिम आवाज आयी


“हह... ह्हाआ... ह्हाआं... ह्हाआम्म्म... ह्हाआम्म्म... ह्हाआम्म्म... ओह्ह ओह्ह्ह ओह्ह... “


मै दरवाजा खटखटाने वालि थी ... लेकिन मैंने महसूस किया की ये आवाज तो नेहा दिदी की नहीं है


मैं कान लगा के सुनने लगी ....


“औम्म्म .. हिस्स ... चुय्पुक्क्क .. उउम्म्म अह्ह्ह .. ओह्ह्ह ... आह्छ्ह “


शर्त से ये नेहा दिदी की आवाज नहीं थी ...... मै सुनने की कोशिश करती रही ... मेरे कान दरवाजे पर चिपके थे


थोड़ी देर बाद मुझे नेहा दिदी की हलकी आवाज सुनाई दी


“स्स्स्स्स्स्स्स� �ईईईईई.....आ....आ..ह.....”


जैसे दिदी को दर्द हो रहा हो


लेकिन वो दूसरी आवाज पता नहीं किस लड़की की थी .....


मैंने की होल से अन्दर की ओर झाँका ...... करे में मद्धिम रौशनी थी ....
मुझे नेहा दिदी का बेड दिखाई दिया .... दिदी उस पर पसरी पड़ी थी .... उसकी
नाइटी अस्तव्यस्त हो गयी थी


उसकी गोद में लैपटॉप था ... शायद वो उस पर कुछ देख रही थी .....


नेहा दिदी का एक हाथ उसकी पेंटी में था ... और दुसरे हाथ की उंगलिया मुह में .....


बिच बिच मे नेहा दिदी के मुह से धिमे से आवाजे निकल रही थी


"उम्म्म्म्म ह्म्म्म स्स्स स्स्स"


अन्दर का दृश्य देख कर मै मंत्रमुग्ध् सी खडी थी .... मेरे अन्दर कुछ अन्जानि सी सिहरन दौड़ रही थी ...

Quote

न जाने क्यों ... मैंने दरवाजा खटखटाने का इरादा रद्द कर दिया....और की होल से अन्दर देखती रही......


थोड़ी देर बाद नेहा दिदी के हाथो की हरकते तेज हो गयी .. अब वो एक हाथ से
पेंटी में पेशाब वाली जगह कुछ कर रही थी और दूसरे हाथ से अपनी छातियो को
दबा रही थी .



उसकी ब्रा भी सरक चुकी थी .... मैंने पहली बार नेहा दिदी के स्तनो का दर्शन किया.



दिदी की छातिया बड़ी बड़ी थी...उसके निप्पल्स भूरे थे ..... वो कभी कभार
उनको भी पकड़कर मसल रही थी ... जैसे ही वो अपने निप्पल्स को मसलती उसके मुह
से



“स्स्स्स्स्स्स्स� �ईईईईई.....आ....आ..ह.....” निकलता था .



मै ये दृश्य पहली बार देख रही थी.....मेरा रक्त प्रवाह बढ़ गया .... मेरी
साँसे तेज़ हो गयी ..... मेरी समझ में नहीं आया ..की ऐसा क्यों हो रहा है
...



नेहा दिदी की हरकतों के साथ साथ उसकी आवाजे भी बढती गयी ........



और फिर अचानक नेहा दिदी का शारीर ऐठ गया ..... उसने अपने हाथ से अपने पेशाब
वाली जगह बाबा रही थी .... और वो अपना सर झटकने लगी .......



थोड़ी देर बाद दिदी शांत हुई ...... उसने लैपटॉप को बंद कर के बाजू में रखा ...... उठ के बैठी



और अपने कपडे ठीक करने लगी ......



मैं समझ गयी की अब दिदी बहार आने वाली है .... तो मैं झट से बहार हॉल में गयी ... और जोर से दिदी को आवाज लगाई .



“नेहा दिदी .... मै स्कूल से आ गयी...”



नेहा दिदी ने भी अन्दर से बोला ... की वो फ्रेश होने जा रही है .



थोड़ी देर बाद नेहा दिदी तैयार हो कर हॉल में आयी ... उसने उसकी फेवरेट जींस और टॉप पहना था .




दिदी:“अरे रिया ..... तुम कब आयी “




रिया:”बस अभी अभी आयी हूँ .....”




दिदी: “अच्छा चल तू फ्रेश हो ले ....तब तक मैं बाहर से कुछ खाने को लाती हूँ”



हमारे माँ और पिताजी बहार गाव गए थे इसलिए खाना दिदी ही बनाने वाली थी




रिया: “क्यों दिदी ... तुमने घर पे कुछ नहीं बनाया क्या ?”




दिदी : “ हा रे ..... मेरे सर में हल्का सा दर्द था ... इसलिए कुछ नहीं बना पाई .....आज बहार से कुछ लाती हूँ “




रिया:”सर में बहोत दर्द है क्या? लाओ मैं दबा दू “




दिदी : “अरे अब दर्द नहीं है ... सबेरे था ... अब मै बिलकुल ठीक हूँ”



इतना कह के नेहा दिदी ने मुझे गले लगाया और मेरे गालो पर किस किया.




रिया:”ठीक है दिदी ... तुम जाओ ... मै तब तक फ्रेश होती हूँ “



दिदी बहार गयी मैंने मेन डोर को अंदर से लोक किया.



मै फटाफट दिदी के कमरे में गयी ....मैं उत्सुक थी ....जानने के लिए की दिदी क्या कर रही थी.



मैंने दिदी के कमरे में देखा .... उसकी नाइटी बेड पर पड़ी थी ... दिदी की
पेंटी भी निचे ही पड़ी थी ... मैंने उसे उठा कर देखा .... पेंटी बहोत गीली
थी ....मैंने उठाया तो मेरे हाथो को उसकी चिपचिप लग गयी .... मैंने उसको
वही पर डाल दिया .



फिर मेरी नजर बाजे में पड़े लैपटॉप पर पड़ी ...... मैंने लैपटॉप को खोला तो पाया की वो ऑन ही था ......



वैसे मै कम्पुटर के मामले में घर में सबसे होशियार हूँ .... मैंने उसकी रिसेंट फाइल्स में देखा तो वहा एक विडिओ फाइल दिखाई दी



मैंने उस विडिओ फाइल को डबल क्लिक किया .....



जैसे ही वो विडिओ चालु हुआ .... मेरी आँखे खुली के खुली रह गयी......



उस विडियो में एक आदमजात नंगी लड़की और वैसा ही नंगा आदमी दिखाई दिया

Quote

हाय राम ...... कैसी बेशरम लड़की थी वो ....

फिर उस लड़के ने उस लड़की को लिप किस करना शुरू किया ...उस लड़के के हाथ उस लड़की के नंगे स्तनों को मसल रहे थे ........

उस लड़के की पेशाब वाली चीज लम्बी और मोटी थी .... मैं किसी भी बड़े आदमी की पेशाब वाली चीज़ पहली बार देख रही थी .....

न जाने मुझे क्या हो रहा था ...... मेरा शरीर गर्म होने लगा था .......
मेरी साँसे तेज़ होने लगी ..... मेरी पेशाब वाली जगह में अजीब सी सरसराहट
होने लगी .

विडिओ में उन दोनों की हरकते बढ़ने लगी ...... अब वो लड़का लड़की की छातियो
को चाटने लगा और साथ साथ लड़की की पेशाब वाले छेद में ऊँगली घुसा रहा था .

मेरे निचे की सुरसुरी और बढ़ गयी ...... मेरा हाथ अपने आप मेरी पेशाब वाली जगह को सहलाने लगा......

बड़ी बेचैनी सी लग रही थी ....... वो लड़का निचे झुका और उसने उस लडकी की
पेशाब वाली जगह पे अपना मुह लगा दिया और चाटने लगा ...... वो लड़की अजीब
अजीब आवाजे निकाल रही थी.......

मेरी नीचे वाली सुरसुरी और ज्यादा बढ़ गयी ... मेरा हाथ अब स्कर्ट के निचे
से सरककर पेंटी में चला गया ........ वहा हाथ का स्पर्श होते ही .... मेरे
मुह से “स्सस्सस “ निकला .

मै अपनी दोनों जांघे एक दुसरे पर घिस रही थी ......

फिर खड़ा होकर उस लडके ने उस लडकी के कन्धो पर जोर दिया और उसे निचे बिठाया ...

उसकी वो लम्बी मोटी पेशाब वाली चीज उस लड़की के होठो के सामने झूल रही थी
....लड़की ने अपने दोनों हाथो से उसे पकड़ा और उसे चूमने लगी .....

फिर उसने अपना पूरा मुह खोल के उस लम्बी चीज को मुह में डाला ... और उसे लोलीपॉप की तरह चूसने लगी .......

मैंने मेरे हाथ जो की मेरी पेंटी में था उस पर चिपचिपाहट सी महसूस की .....
मै उसे उन्ग्लियो से कुरेदने लगी ....बड़ा अजीब सा नशा होने लगा था .....
मेरा दूसरा हाथ मेरी छातियो को दबाने लगा .... बड़ा अच्छा लग रहा था ......

अचानक मुझे बहार से होर्न की आवाज आयी .

मैंने घडी देखि .... नेहा दिदी को जा के करीबन आधा घंटा हुआ था......शायद वो आ गयी थी .....

मैंने फटाफट विडिओ बंद किया ..... लैपटॉप को बंद करके उसकी जगह पर रख के दिदी के कमरे से बहार आयी.

मै फटाफट अपने रूम में पहुची और कपडे उतरने लगी... स्कर्ट टॉप तो मैंने
झटके से उतार कर बेड पर फेक दिया .... और बाथरूम में गयी .... मुझे बड़े
जोरो से पेशाब आयी थी ऐसा मुजे लग रहा था ....... जब मैंने अपने पेंटी को
उतरने के लिए हाथ बढ़ाये ....मैंने देखा वो अच्छी खासी गीली हो गयी थी
....... मैंने खीच कर उसे उतारा ... वो काफी चिपचिपी हो गयी थी.

मेरा अंग अंग गर्म हो गया था ..... मैंने अपनी समीज भी उतारी और शावर चालु कर के उसके निचे खड़ी हो गयी .

शावर से गिरता ठंडा पानी बड़ा अच्छा लग रहा था ... मैंने अपनी नागी छातियो
पर हाथ रखा .... मेर छातियो पे छोटे संतरे जैसे उभार बन चुके थे ....
ब्राउन कलर के छोटे छोटे निप्प्ल्स भी उभर रहे थे........

जैसे ही मैंने उनको छुआ ......

“स्स्स्स्स्स्स्स� �ईईईईई.....आ....आ..ह.....” मैं सिसक उठी .

मै मन ही मन अपने और नेहा दिदी के छातियो की कम्पेरिजन करने लगी....हाय दिदी की छतिया कितनी बड़ी और सुन्दर थी .......

दिदी का ख्याल आते ही मै फिर वास्तव में आ गयी ...... मैंने सोचा की दिदी आने ही वाली होगी ...

मै वैसे ही बहार आयी और तौलिये से बदन पोछ कर एक हलका सा टॉप और पजामी पहन
ली .... मै आईने में अपने आपको देख ही रही थी की कॉलबेल बज उठी .......

मैं वही से चिल्लाई ..”आयी.......”

मैंने जाके दरवाजा खोला .... सामने नेहा दिदी हथो मे पिज्जा के बॉक्स थे

दीदी अन्दर आयी .... आते ही वो बोली

“अरे रिया तेरी आँखे कितनी लाल दिख रही है ... क्या हुआ ?”

मैं हडबडा गयी ....बोली

“कुछ नहीं दीदी फ्रेश होते समय शायद साबुन गया आँखों में “

दीदी कुछ नहीं बोली .... शायद मेरा बहाना उसे ठीक लगा

फिर हम दोनों ने पिज्जा खाया

खाते वक्त मैं चुपचाप थी ... दीदी कुछ इधर उधर की बाते कर रही थी..मैं बस हा हूँ कर

रही थी

खाना ख़तम करते ही मैंने नेहा दीदी को बोला की मुझे बहोत थकावट सी लग रही है .... मैं थोडा सो लेती हूँ

उस पर दीदी ने भी कोई प्रतिवाद नहीं किया ..... शायद उसे और भी वीडियोज देखने थे

फिर हम अपने अपने कमरे में गए .......

मैं बेड पर बैठी तो थी पर मन उसी विडिओ पे अटका था .... उस फ्लिम की याद आते ही मेरी टांगो के बिच फिर से सुरसुरी चालू हो गयी

मैंने अपने पजामी का नाडा खोला ..पजामी निचे सरकाई ... निचे पेंटी तो थी
नहीं .... फिर मैं अपनी मुनिया को निहारने लगी ......... उसे अपनी
उन्ग्लियो से छुआ ..... अपने आप ही एक सिसकी मेर मुह से निकल गयी . मै उसे
अपनी उन्ग्लियो से घिसने लगी ..... धीरे धीरे मेरा शरीर गरम होने लगा
....मैंने दूसरा हाथ अपने टॉप के अन्दर सरकाया और अपनी छतिया मसलने लगी

"उम्म्म्म्म ह्म्म्म स्स्स स्स्स"

मेरे मुह से भी सिस्कारिया निकलने लगी .... अब बेचैनी और बढ़ने लगी थी ...
मैंने टॉप को पूरा ऊपर कर दिया ... मेरी पजामी तो न जाने कबसे जमीं चाट रही
थी

उसी मस् मे में मेरी एक ऊँगली मेरी मुनिया के छेद में घुस गयी....

“हा .....य .....स्स्स्सस्स्स्स स्सस्सस्सीईईईई “

बड़ा मजा आया .... मै ऊँगली को धीरे धीरे अन्दर बाहर कर रही थी ... अनजाने में मेरी सिस्कारियो की आवाज बढती गयी ......

मै पूरी मस्ती में थी .... की अचानक सामने से आवाज आयी

“ये क्या कर रही हो रिया ?”

मैंने देखा तो सामने नेहा दीदी ख़ड़ी थी

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मैने हडबडाकर देखा दिदी मेरे पास ही खड़ी थी ....


मै बहोत घबराई थी .....



मेरी समझ में नहीं आ रहा था ....ये कैसे हुआ ....



मै बस उसे देखती ही रही



मेरे हाथ अभी भी वही थे (एक मेरी मुनिया पर और दूसरा मेरी छाती पर )



दिदी एकदम मेरे पास आयी ..... और उसने मेरे कंधे पे हाथ रख कर मुझे झंझोर दिया .....



“ये तुम क्या कर रही हो रिया...?“



फिर मैं एकदम से वास्तव में आ गयी



जल्दी से मैंने अपने हाथ हटाये .... और अपनी हथेलियो मे अपना चेहरा छुपा कर सुबकने लगी


दिदी धीरे से मेरे बाजू में बैठ गयी ... उसने मेरी पीठ पर हाथ रखकर सहलाया ....



“अरे ....पगली .... ये तुम क्या कर रही थी ...... और क्यों कर रही थी “



मै बहोत लज्जित हुयी .....मै कुछ नहीं बोली और सुबकने लगी ....



नेहा दिदी ने मेरी पीठ को और थोडा सहलाया और पुचकारते हुए बोली ....



“ देखो .... मेरी प्यारी गुडिया .... ऐसे रोते नहीं....... चल मुझे बता तो ...ये तू क्या कर रही थी “



“...........”



“रि..या ...... रोना बंद करो...बेटा ... और मुझे बता .... ये तुम्हे किसने सिखाया ?”



मैं और जोर से रोने लगी ...



तब नेहा दिदी ने मुझे अपने सिने से चिपटा लिया .... और धीरे धीरे मेरी पीठ सहलाने लगी


वो कभी सहलाती तो कभी मेरी पीठ पर हलकी हलकी थपकिया देती .......



मै उसके सिने मे अपना मुह घुसा कर रो रही थी ......



थोड़ी देर हम वैसे ही बैठे रहे …मै थोड़ी शांत हुई ..... दिदी ने मेरे बालो में अपनी उंगलिया घुमाई .... और मुझे थपकिया देती बोली



“मेरी प्यारी गुडिया ..... अब मुझे अच्छे से बता .... तुझे ये सब किसने सिखाया?”



मै डरते डरते बोली “किसी ने नहीं दिदी ......“



नेहा दिदी आगे पूछा



“तुम ये सब कब से कर रही हो?”



मै शरमाकर बोली “अभी किया दिदी ......”



उसने सवाल बदल कर फिर पूछा“ इस के पहले कितनी बार तुम ऐसा कर चुकी हो ?”



मै “ सच्ची दिदी ...... आज पहली बार ही ये किया ....”



और मैंने शरमाकर उसकी छाती में मुह छुपा लिया


दिदी ने मेरी ठोड़ी को पकड़कर मेरा मुह ऊपर किया और पूछा ....



“तो ये सब कहा से सिखा तुने...... किसी को ऐसा करते देखा क्या?”



मै सकुचाते हुए बोली “हां दिदी ....”



दिदी: “किसे देखा ...?”



“आपको ......” और मैंने गर्दन नीची कर ली


दीदी हक्कि बक्की सी मुझे देखने लगी ........


उत्तेजना से वो जोर से बोली



“किसे ...... मुझे....”



मै दर के मरे सिहर उठी ... मैंने सोचा की अब वो मुझे खूब डाटेंगी .... शायद मारे भी ......



मैं चुपचाप सुबकने लगी........



फिर वो थोड़ी शांत हुई ....... थोड़ी देर चुप रह कर वो फिर से मेरी पीठ सहलाती हुई बोली



“रिया ....बेटा .... इधर देखो....”



उसने मेरा चेहरा उसकी ओर मोड़ा और धीमी आवाज में फिर से पूछा



“ कब देखा तुमने .....और क्या क्या देखा “



मैं डरते हुए धीरे से बोली



“आज दोपहर में ..... जब तुम वो विडिओ देख रही थी “



ये सुनते ही दीदी की आँखे फ़ैल गयी .......

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