02-11-2017, 01:41 PM
अपडेट ३१
किटी मेम : ओके...तुम बैठो..मैं चेंज करके आती हूँ.
और वो अंदर चली गयी..
उनके जाते ही स्नेहा भागकर मेरी गोद में आकर बैठ गयी और मुझे एक झक्कास वाला किस किया..और बोली : बाद में तो मम्मी के सामने गुड बाय किस कर नहीं पाऊँगी...इसलिए..
मैं भी उसकी इस बात पर मुस्कुरा दिया.
मैंने उसे दस मिनट और पढाया और फिर मैं लगभग सात बजे वापिस आ गया.
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अब आगे
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रात को खाना खाकर मैं ऊपर छत्त पर जाकर टहलने लगा, मुझे सारे दिन की बातें याद आ रही थी, आज अंशिका ने मेरा लंड चूसा और अपनी चूत चुस्वयी..और शाम को स्नेहा के साथ भी कितना मजा आया.. खासकर वो लम्हा जब स्नेहा मेरे सामने नंगी लेटी हुई थी और मैंने उसकी चूत नहीं मारी, सिर्फ अंशिका को दिए वादे की वजह से..
मैंने अंशिका को फोन मिलाया
मैं : हाय...क्या कर रही हो
अंशिका : कुछ ख़ास नहीं, बताया था न की छोटी बहन कनिष्का आई हुई है, बस उसी के साथ बैठी हुई गप्पे मार रही थी..
मैं : अच्छा जी, क्या बातें हो रही हैं दोनों बहनों में.
अंशिका : ये समझ लो की तुम्हारी ही बात कर रहे थे.
मैं : मेरी बात?? तो तुमने उसे मेरे बारे में सब बता दिया..
अंशिका (हँसते हुए) : अरे नहीं, ऐसे ही बात हो रही थी की कोई बॉय फ्रेंड है या नहीं..वो अपनी बता रही थी और मैं अपनी..
मैं : तो क्या उसका भी बॉय फ्रेंड है ?
अंशिका : हाँ है...पर हमारी तरह उनमे कुछ नहीं हुआ है..वही सब बता रही थी वो की कैसे उसका बॉय फ्रेंड हर समय उसे छुने के लिए और चूमने के लिए मिन्नतें करता रहता है..पर कनिष्का उसे मना करती रहती है..उसे इन सब बातों से बड़ा डर लगता है, मैंने ही उसे ये सब ना करने के लिए कहा हुआ है..
मैं : यार, क्यों उसके आशिक को तरसा रही हो अपनी हुकुमत अपनी बहन के ऊपर चलाकर, मजे लेने दो न दोनों को..प्रोब्लम क्या है..
अंशिका : प्रोब्लम ये है की कन्नू अभी नासमझ है, और उसकी उम्र भी कम है, उसे अच्छे बुरे की पहचान नहीं है, कोई उसका फायदा उठा कर निकल जाए, मैं ऐसा हरगिज नहीं चाहती..आई लव माय सिस्टर वैरी मच....और हर कोई तुम्हारी तरह नहीं होता..जो अपनी फ्रेंड का इतना ध्यान रखे..
मैं : अगर कहो तो तुम्हारे साथ-२ मैं उसका भी ध्यान रख लेता हूँ..
अंशिका (थोडा गुस्से में) : मैंने तुम्हे पहले भी कहा है न, मेरी बहन के बारे में गलत मत सोचना..
मैं : यार तुम भी अजीब हो, मान लो उसके फ्रेंड की जगह अगर मैं होता, तब भी क्या तुम अपनी बहन को मुझसे दूर रहने के लिए कहती..
अंशिका : नहीं, क्योंकि मैं तुम्हारा नेचर जानती हूँ, तुम उसका गलत फायेदा नहीं उठाओगे..
मैं : येही तो मैं कह रहा हूँ, मैं उसका गलत फायेदा नहीं उठाऊंगा, सिर्फ दोस्ती और कुछ नहीं..
अंशिका (खीजते हुए) : अब तुम यहाँ मुझे छोड़कर मेरी बहन से फ्रेंडशिप करने की सोच रहे हो क्या ?
मैं समझ गया की बात तो बन सकती है पर अभी अंशिका से ये सब बातें करने का कोई फायदा नहीं है, कही वो भी हाथ से ना निकल जाए..
मैं : अरे यार , तुम तो बुरा मान गयी, ऐसा कुछ नहीं है..चलो छोड़ो इन सब बातों को, ये बताओ की तुम उसे मेरे बारे में क्या कह रही थी..
अंशिका (शर्माते हुए) : यही की बड़ा प्यारा दोस्त है, मिलते भी हैं हम, और कभी-२ किस्स वगेरह भी कर लेते हैं..
मैंने मन ही मन सोचा की सत्यानाश, ये सब बताने की क्या जरुरत थी, वो तो अब मुझे लाईन देगी ही नहीं..चलो कोई बात नहीं..
मैं : और वो क्या बोली...
अंशिका : बोलना क्या है, बस मुस्कुराती रही..और कुछ नहीं..
मैं : और तुमने आज दोपहर वाली बात भी बताई उसे, बोंटे पार्क वाली..
अंशिका : पागल हो गए हो क्या, मैंने उसे सिर्फ ये कहा है की कभी कभार किस्सेस और हग्स करते हैं, और कुछ नहीं...तुम भी कैसी बाते करते हो, मैं उसे अपने बारे में इतनी अन्दर की बातें क्यों बताउंगी भला..