18-10-2017, 04:18 PM
अपडेट १४
नेक्स्ट डे सुबह मैं जल्दी उठ गया और तैयार होकर मैने अंशिका को कॉल करा.
मे: हेलो, गुड मॉर्निंग मेम
अंशिका : ओह हाय , गुड मॉर्निंग, ई एम् इंप्रेस्ड, तुम तो सच मैं जल्दी उठ गये, मुझे यकीन नहीं हो रहा है.
मे: कोई नहीं जब थोड़ी देर मैं तुम्हारे पास आऊंगा तो छूकर यकीन कर लेना.
आंशिका: तुम रेडी हो?
मे: हाँ रेडी हूँ, और तुम?
आंशिका: हाँ बस साडी पहनने लगी थी, तुम्हारी कॉल आ गयी.
मे: इसका मतलब ब्लाउस पेटिकोट मैं हो अभी?
आंशिका: हाँ
मे: हाय यार, क्या मस्त लग रही होगी, ऐसे ही चलो ना.
आंशिका: सुबह सुबह शुरू हो गये.
मे: मैं तो कभी ख़तम ही ना हूँ अगर तू मेरे साथ हो हमेशा.
आंशिका: ये सब छोड़ो, ये बताओ कितनी देर मैं आ रहे हो यहाँ.?
मे: मैं तो रेडी हूँ, तुम बताओ कितनी देर मैं निकलूं?
आंशिका: तुम्हे कितना टाइम लगता है पहुँचने मैं मेरे यहाँ?
मे: 15 मिनट मेक्स .
आंशिका: ठीक है निकल जाओ घर से.
मे: ओके जान, निकल रहा हूँ, और जब मैं आऊं तो पेटीकोट ब्लाउस मैं मत मिलना, वरना मैं फिर बिना चोदे नहीं मानूँगा.
आंशिका: अरे बाबा, ई एम् ऑलमोस्ट रेडी, अब फोन रखो और जल्दी आओ.
मे: ओके मिलता हूँ. बाइ
आंशिका: हाँ बाइ.
थोड़ी देर बाद मैं उसके घर के पास वाले बस स्टॉप पर पहुँच गया और उसे कॉल करके बुला लिया. वो मुझे सामने से दिखी, ब्लेक साडी मैं थी, सबकी नज़र उसी पर थी रोड पर, दूधवाला, हॉकर, बेगर्स, स्कूल चिल्ड्रन्स, सब उसे ही घूर रहे थे, ब्लेक साडी मैं वो बहुत मस्त लग रही थी, ब्राउन कलर की लिपस्टिक, मॅचिंग ब्लाउस, सुबह सुबह लंड टन गया देख कर और उसकी छाती के तो कहने ही क्या. उसने मुझे दूर से देख लिया था पर वो मेरी नज़रों मैं ना देखकर नीचे देख कर चलती हुई मेरे पास आ रही थी, ऐसा आग रहा था की मैं दूल्हा हूँ और वो मेरी दुल्हन .. वो मेरे पास आकर खड़ी हुई और बोली –
आंशिका: ऐसे क्यूँ घूर रहे थे दूर से, शरम नहीं आती.
मे: अच्छा अब घूर भी नहीं सकता, लंड को तुमने पहले ही पिंजरे मैं डाल दिया है.
आंशिका: अछा ये बताओ की मैं कैसी लग रही हूँ.
मे: मोस्ट ब’फूल वुमन , ब्लॅक कलर लुकिंग आसम ओन यु यार. मेरा मन भी काला हो गया तुम्हरे ऐसे देख कर. कितनों की जान लेने का इरादा है आज?
आंशिका: तुम्ही दे देना अपनी जान बस, आई विल बी हेप्पी , तुम भी बहुत स्मार्ट लग रहे हो आज.
मे: थॅंक यु , सब आपका ही कमाल है.
आंशिका: अब आपका मन हो तो चलें?
मे: हाँ क्यूँ नहीं, चलो.
आंशिका: थोड़ी तेज़ चलना बाईक .
मे: जितना चिपक कर बेठोगी उतनी तेज़ चलाऊंगा .
उसने स्माइल पास करी और मेरी बाईक पर पीछे बैठ गयी, वो थोड़े डिस्टेन्स पर बैठी थी शायद घर के पास होने की वजह से, पर मैने भी बाईक को धीरे ही चलाया, थोड़ी आगे जाकर वो मेरे से चिपक गयी, जैसी एक वाइफ अपने हज़्बेंड के साथ जाती है बाईक पर, उसने अपनी ब्रेस्ट मेरी बेक पर लगा दी अच्छी तरह और बोली –
आंशिका: अब सही है मेरे राजा? अब तो कम से कम तेज़ चला लो.
मे: हाँ क्यूँ नहीं मेरी जान.
आंशिका: बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं करते तुम.
मे: जब रिश्वत मैं तुम मिल रही हो तो क्यूँ ना लूँ.
थोड़ी देर मैं हम उसके कॉलेज पहुँच गये. वहाँ मैने पार्किंग मैं बाईक पार्क करी की तभी उसकी सीनियर जो मॅरेज मैं थी उसके साथ वो भी तभी आई थी अपनी कार पार्क कर के उतर रही थी. आंशिका को देख कर वो मुस्कुरई और बोली…….
आंशिका: हाय मेम ,
सीनियर : हाय अनु, सही टाइम पर आ गयी.
आंशिका: हाँ इसकी वजह से (मेरी तरफ इशारा करते हुए बोली)
मैने हेल्मेट पहना हुआ था, तो हू मुझे पहचान नहीं पाई, मैने हेल्मेट उतरा तभी वो बोली
सीनियर: ओक ओक, तुम्हारा कसीन राईट ? शादी मैं भी आया था तुम्हे लेने.
आंशिका: हाँ मेम .
मे: गुड मॉर्निंग मेम .
सीनियर: हाय डियर,
उसने हाथ आगे बड़ा कर मुझसे शेक हॅंड करा, मैं ये एक्सपेक्ट नहीं कर रहा था. वो मुझसे हंसकर बोली.
सीनियर: तो बेचारी आंशिका ने तुम्हे ड्राइवर बना दिया है. चलो आओ उंड़र आओ, फर्स्ट टाइम आए हो ना शायद हुमारे कॉलेज, देखो और बताओ कैसा है हमारा कॉलेज और आज का इवेंट भी. आंशिका आज मत भेज दियो , पूरा इवेंट अटेंड करवाना इससे भी.
आंशिका: नो मेम , आज तो मेरे साथ ही रहेगा ये ड्राइवर, हहहे
वो दोनो इस बात पर हँसने लगी तो मैं भी थोडा सा मुस्कुरा दिया.
उसकी सीनियर ने अपने बच्चो को आवाज़ लगाई जो कार मैं बैठे थे,
सीनियर: स्नेहा, सचिन चलो बाहर आओ, अन्दर चलो
कार का गेट खुला और उसके दोनो बच्चे सामने आए.