Click Here to Verify Your Membership
Poll: आप कैसे कहानी पसंद करते है
This poll is closed.
देवेर भाभी की कहानी
66 Votes, 16.75%
16.75%
जीजा साली की कहानी
44 Votes, 11.17%
11.17%
पारिवारिक सेक्स की कहानी
187 Votes, 47.46%
47.46%
पड़ोसन की कहानी
52 Votes, 13.20%
13.20%
कोई भी हॉट कहानी
45 Votes, 11.42%
11.42%
394 vote(s)
* You voted for this item. [Show Results]

First Post Last Post
Incest मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह

भाभी ने की हर ख्वाहिश पूरी

दोस्तों, कुछ रिश्ते ऐसे होते है, जो होने नहीं चाहिए, पर बस हो जाते है, जैसे की साली जीजा, भाभी देवर... और ये सब हो जाते है क्योकि हमारे दिमाग में पहले से ही ये सब खयाल आ जाते है, चाहे कहानिया पढ़ पढ़ कर, चाहे पोर्न विडियो देख देख कर....मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है।

यह कहानी सच्ची घटना पर आधारित है... अब आते है कहानी के पात्र पर

मुख्य पात्र
मैं: मेरा नाम दोस्तों समीर है, २८ साल का, मैं देखने में इतना भी बुरा नहीं हूँ, और हां मेरा कोई सिक्स पैक नहीं है, पर हा लड़कियो के पास से गुज़रु और उनका ध्यान ना जाये, ऐसा शायद ही होता होगा, उतना तो मेंटेन कर के रख्खा है... एक साधारण देखाव का मैं, अपना हथियार काफी बड़ा रखता हूँ। १०" लंबा और ३" गोलाई...

भाभी: मेरी भाभी का नाम कीर्ति... मेरे भाई मुझसे ६ साल बड़े है। भाभी और भैया के बीच का आयु अंतर भी ६ साल होने की वजह से, मैं और भाभी हमउम्र है। क्या कहूँ भाभी के बारे मैं? भैया की शादी ५ साल पहले हुई थी, तब मैं जावानी में कदम रख चूका था, और लडकियो का गोरा कलर और अंग उपांग स्वाभाविक से मुझे अपनी और आकर्षित करते थे, वैसा ही भाभी के साथ हुआ था। पहला रिएक्शन था की भैया की तो लॉटरी लग गई.... ५'६" की हाइट, बिलकुल मेरी हाइट जैसी... एक परफेक्ट फिगर जो होना चाहिए वही था। तब तो नही पता क्या साइज़ था पर आज कुल मिला के ३६-२४-३६ का परफेक्ट फिगर बना रख्खा है। हमेशा साडी पहनती है, पहले नही, पर अब घर में जितना डीप हो सके उतना डीप गले वाला ब्लाऊज़ पहनती है, साडी वैसे ही ट्रांसपैरंट होती है... बहोत सारी लिंगरी भी खरीद की हुई है, कुछ तो मैंने ही दिलवाई है। अपने जिस्म पर उसे बहुत गुरुर है, और होना ही चाहिए उसे... क्योकि कई लोग उसे पाने की ख्वाहिश रखते है, और कई लोगो के साथ वो हमबिस्तर बनके उसकी प्यास बुजा चुकी है.. भाभी की परोपकारी भावना ही यह कहानी का मुख्य कारण बना है... पुरष का बिस्तर, पुरुष की इच्छा अनुसार गरम करना औरत का सबसे बड़ा कर्तव्य होता है ... ऐसी भाभी की सोच है...

घर में ऐसे कपडे? हा तो मैं एक बात बताना भूल गया, मेरे माँ बाप बहोत पहले ही एक आकस्मिक घटना के शिकार हो कर कार एक्सिडेंट में भगवान् को प्यारे हो गए है...

कहानी में मेरे दोस्त भी आएंगे, क्यों आएंगे वो धीरे धीरे बताता जाऊंगा.... और नाम भी उसी टाइम धीरे धीरे बताऊंगा...

Go to Index Page

Quote

आप पर पढ़ रहे रहे भाभी ने की हर ख्वाहिश पूरी

भैया की जब शादी हुई थी, तब माँ बाप ज़िंदा थे। और सिर्फ १ साल में ही हादसा हुआ और चल बसे। घर में भाई के ऑफिस जाने बाद, में भी कॉलेज चला जाता था। घर में भाभी अकेली ही रहती थी। पसंद आये ना आये पर यही होता था। भैया को ऑफिस जाना पड़ता था, सब जिम्मेदारी उनके ऊपर थी, और मैं तो ठीक कभी जाता था कॉलेज तो कभी नहीं। कॉलेज के दिन तो यही होता है ना....?

पर माँ बाप के जाने का सदमा मुझे इस कदर लगा था के, मैं कॉलेज की परीक्षा में फ़ैल हुआ। भैया कभी गुस्सा नहीं करते मुज पर, और उस दिन भी नही किया, मुझे पास बिठा कर शांति से समजाया के संसार का यही नियम है। तुम्हे धक्का जरूर लगा है, मुझे भी लगा है, पर हमारे माँ बाप तभी सुखी होंगे जब हम कामयाब होके बताएँगे....

बात भी सही थी उनकी... पर मेरा एक ही कन्सर्न था के भाई तो फिर भी ठीक है, रात को अपनी फ्रस्ट्रेशन निकाल देते होंगे, भाभी भी पूरा दिन भैया के लिए अपने आपको संवारती थी, और रात को भाई की बाहों में टूट के बिखर जाती थी। मैं भाई का बिस्तर गरम होते कई बार देख चूका था। शायद चस्का लग गया था मुझे, भैया और भाभी की चुदाई देखने का। भाभी को नंगा देखने की तलब ऐसे खत्म होगी ये नही पता था मुझे। हर रोज़ भाई भाभी आगोश में लिपटे एक दूसरे को सुख देने में नही पर एक दूसरे से सुख लेने में लगे होते दीखते थे। भाई का चहेरा सुबह और खिल जाता था।

कई बार ये सवाल ध्यान में आता है, की कोई गुज़र जाए तो चुदाई करनी चाहिए या नहीं? मैं कहता हु के हा, मन हो रहा है तो कर ही लेनी चाहिए तो ही आपका दिमाग शांत रहेगा और लड़ने की ताकत मिलती रहेगी...

तो यही बात थी जो मुझे खटक रही थी की, अब मेरा कौन... मुझे कई बार खयाल आता था के मैं रंडी बाजार चला जाउ। और अपनी वासना को शांत कर दूँ। पर ये इतना आसान नही होता। तो बस मैं शांत होने लगा, और शांत, और शांत... भैया ने मुझे छूट दे दी थी की अगर एक साल ड्रॉप लेना चाहते तो ले सकते हो और घूमने जाना चाहते तो वो भी कर सकते हो... मानसिक सपोर्ट भैया और भाभी दोनों दे रहे थे... पर शायद मुझे शारीरिक सपोर्ट चाहिए था....

भैया वैसे सब समजते थे, क्योकि वो शादीशुदा थे....

एक दिन की बात है, मैं कॉलेज नहीं गया था, और भाभी मुझसे बाते कर रही थी अचानक मुझसे पूछा
कीर्ति: भैया आपके कोई फ्रेंड्स नहीं है क्या जहा आप अपने दिल की बाते शेयर कर सको? (वो मुझे रिश्ते के कारन भैया बुलाती थी)
मैं: हा है तो सही भाभी पर सब मतलबी होते है, कुछ कुछ लोग सही भी है, जो मेरी केर करते है, पर ठीक है, मैं दुरिया बनाता हूँ।
कीर्ति: ऐसा क्यों भला? जब तक जानोगे परखोगे नहीं तब तक कैसे पता चलेगा?
मैं: हम्म बात तो सही है आपकी.. ठीक है मैं कोशिश करूँगा।

यही वार्तालाप मेरे हसीन पलो को दस्तक देंगी ये पता नहीं था... मैं अपने दोस्तों से मिलने लगा... सब के साथ मस्ती मारने लगा... अच्छा लगा और में नेक्स्ट परीक्षा में पास भी हुआ !!!!! में मन से खुश रहने लगा था... दोस्तों के साथ बात करता तो पता चला के सब कोई न कोई लड़की पे मरता है कैसी फेंटेसी लेके बेठे है, एक अजीब रोमांच देता था, पर वासना को और भड़का रहा था... मिलके अब हम सिर्फ ५ फ्रेंड्स है.... केविन, सचिन, राजू, कुमार और मैं...

केविन के पापा बहुत बड़े बिजनसमैन थे, सचिन के पापा किराने की दुकान थी, राजू के और कुमार के पापा मजदुर थे तो लॉन लेकर पढ़ते थे... पर हमारे बिच पैसा नही था, बस विश्वास और प्यार था... उसीके कारन दोस्ती इतनी गहरी हुई थी...

इक बार हम पांच जन बैठे थे और शांति से मोबाईल में देख रहे थे के, वासना से अँधा मैं बोल पड़ा...
मैं: मैंने अपने भाई भाभी की चुदाई देखी है...
थोडा सन्नाटा जरूर हुआ पर...
केविन: भाई ठीक है पर ये क्या बोल दिया तूने?
मैं: नहीं पता शायद मैं अपनी भाभी को....
केविन: (बात काटते हुए) प्यार करने लगा है?
मैं: शायद हा....
केविन: क्या वो जानती है?
मैं: नहीं... क्योकि अभी तक मैं ज़िंदा जो हूँ...
राजू: पर ये गलत है...
मैं: पर क्या करू? पोर्न देखो भाभी देवर, वार्ता पढ़ो भाभी देवर... सब जगह भाभी देवर... और ये एक ही तो औरत है तो मेरे सब से करीब है...

सब शांति से सुन रहे थे मैं बोले जा रहा था...

मैं: सुबह उठो... एक चाँद सा चहेरा नज़र आता है... घर में पायल की आवाज़ खन खन करती रहती है... पसीने से लथबथ जब उसकी कमर दिखती है तो होश खो बैठता हूँ। पूरा दिन काम करके आराम करे तो जब सोती है तो बाहे और तड़पाती है... उसके छाती के उभार... और ब्लाउज़ के हुक पर आते प्रेशर कुछ अलग सा रोमांच पैदा करती है... कपडे धोती है तो भीना बदन मेरे अंदर आग लगा देता है... रात को भैया की बाहो में देखता हूँ, कितनी शिद्धत से अपने आपको भैया को समर्पित कर के अपने बदन पे गुमान करना... बड़ी बड़ी चुचिया को इस कदर भैया को हवाले करना के जैसे एक बच्चा खिलवाड़ करता हो और दर्द का पता भैया को पता नहीं होने देना... भैया के लिए अलग अलग आवाज़ करके और उत्साहित करना.... लंड मुँह में इतना अंदर लेना के मानो भैया के पास लंड हे ही नही... एक मर्द को कैसे खुश करना है... ये कीर्ति भाभी अच्छी तरह से जानती है... भैया घर में दाखिल होते ही अगर ब्लाउज़ के अंदर हाथ न डाले तो उसे भी चैन नहीं पड़ता....

मैं ये भावना में बह कर कुछ भी बोले जा रहा था क्योकि वो मेरे दोस्त थे... और वो सब चुपचाप मुझे सुने जा रहे थे....
   

Go to Index Page

1 user likes this post  • dpmangla
Quote

Nice Start

Quote

मैं कुछ अलग ही दुनिया में खोया हुआ था उस वक़्त... मैं किसके बारे में क्या बोल रहा था कुछ ख़याल नही था.... और तो ठीक किसी और के सामने? ये वो ख़याल थे जो मेरे दिमाग में घूम रहे थे, जो हर रोज़ हिलाके बहार निकलता था... आज मुह से बोल बन के बहार निकल रहे थे.... मैं आगे बोले जा रहा था और कोई भी मुझे रोक नहीं रहा था... क्योकि सब कोई अपनी पेंट की ताकत नाप रहे थे...

मैं: जब भैया उनपे चढ़ते है... तो अपनी बाहें फैलाकर उनका स्वागत ऐसे करती है जाने वो उनको खुद में समां लेंगे... कोई भी भूखा शिकारी भेड़िया बन जाए वैसे ही उस पर टूट सकता है.... डोगी स्टाइल हो, या अमेजॉन स्टाइल हो... या फिर मिशनरी पोज़िशन हो... वो भैया का स्वागत इस कदर करती है... जैसे भैया महसूस करता है.. की सिर्फ वही उनका मालिक है। एक लडके को और चाहिए भी क्या...? आखिर उस मल्लिका का शहज़ाद ए मालिक वो अकेला ही तो है... पूर्ण स्त्री है वो....

अब अचानक मेरा ध्यान टुटा... मुझे ख़याल आया के ये मैं क्या बोल गया... सब मुझे देख रहे थे... सब के मुह पर वासना के कीड़े थे... वहिषी बन चुके है... कुसूर मेरा है... मैं ही अपनी भाभी को सरेआम नंगा कर रहा हूँ...

राजू: उहू... उहू... भाई... कहा हो आप? क्या हो गया आपको?
मैं: एम्म्म... कुछ नहीं... अरे चलो ना बाहर जाते है...

और हम सब एक साथ बाहर निकल गए...

उस दिन हमने एक दूसरे के साथ कुछ कम ही बाते की... पर मैंने अपना दिमाग सब के दिमाग मैं फिट कर दिया था... चारो लोग मेरी मरजी की राह देख रहे थे ताकि वह भी मुझे साथ दे सके अपने खयालो में... वहा एक प्यारा सा कबूतर (मेरी भाभी) इन सब चीज़ों से अनजान भैया के निचे आके संसार का सबसे हसीन सुख देने में लगी थी....

मेरी भाभी को घूरने की हिम्मत बढ़ती जा रही थी... मैं घूरे जाता था... उनकी आँखे बयां करती थी के उसे पसंद नही आता है... पर मैं अपने आपको कंट्रोल कर ही नहीं पाता था.... मैंने फिर एक बार हिम्मत जुटा कर अपने दोस्तों के बिच बात निकाली....

मैं: दोस्तों... उस दिन मैं कुछ भावना मैं बह गया था। पर मुझसे रहा नहीं गया, कोई मेरी हेल्प कर सकता है क्या?
कुमार: कहना क्या चाहते हो?
मैं: मैं भाभी को चोदना चाहता हूँ...
(सब एक दूसरे को तके हुए थे, क्या बोलते?)
मैं: मैं भाभी को बस पाना चाहता हूँ, और मसलना चाहता हूँ
केविन: तू जनता भी है तू क्या बोल रहा है?
मैं: हा...
सचिन: पर ये होगा कैसे...?
केविन: क्या भड़वे क्या बके जा रहे हो तुम लोग... ये मुमकिन नहीं है...
मैं: पर मुझे बनाना है...
केविन: तो तूने कुछ सोचा है... जो हमसे तू छुपा रहा है...
मैं: हा कुछ चल तो रहा है....

थोडा पीछे जाते है... मैं भाभी को तके जा रहा था... और भाभी ने मुझे ३-४ बार ऐसे ही पकड़ा...
भाभी: क्या देख रहे हो...
मैं: कुछ नहीं बस ऐसे ही... आप थक जाते होंगे दिनभर नहीं?
भाभी: तो?
मैं: बस ऐसे ही...
भाभी: थोडा पढाई पर भी ध्यान दो...
मैं: देंगे... धीमे धीमे...
भाभी: कुछ अलग दिखने लगे हो... भैया... आपके भैया को बोलना न पड़े ध्यान रखना...
मैं: अरे भाभी... बता दीजिएगा... क्या फरक पड़ता है...

उस रात भैया जब भाभी को अपने निचे ला कर घबाघब पेल रहे थे, भाभी शायद उसके वीर्य निकलने की राह देख रहे थे शायद... हमारे दोनो भाइयो के कमरे में अंतर नहीं था... बाल्कनी से आप भैया भाभी की सम्भोग रस का आनंद ले सकते थे... आवाज नहीं सुनाई दे सकती थी... पर उस दिन मैंने उनके रूम में मैंने एक पुराना फोन रखा था जिसमे सब रेकॉर्ड हो जाए... दूसरे दिन तक वो चालू रहा २२ घंटे तक पर मैं सिर्फ काम की बाते आपको सुनाऊँगा....

भैया भाभी रूम में गए रात को....

भाभी: आह... एक मिनिट...
भाई: रहा नही जाता... मेरी रांड....
भाभी: हा मेरे मालिक आप ही का है... पर आज तैयार होउ के बस ऐसे ही?
भाई: नंगी ही तो होना है.. मैंने बोला है न की.. जब मैं अंदर आ जाऊ तब अगर तैयार हो चुकी है तो ठीक है, मैं इंतज़ार बरदास्त नहीं कर सकता...
भाभी: तो फिर... आउच... धीमे... आप ही की हूँ....
भाई: खा जाऊंगा आज तो...
भाभी: बस... आह... उम्म्म्म्म... आउच... हर रोज़... आह... बोलते हो... और... आह... उम्म्म्म्म... एक छोटा सा लव बाइट भी तो नहीं देते...
भाई: पण तुम्हे पसंद नही है ना इसलिए....
भाभी: पर तुम्हे तो है... आज मैंने आपके लिए कोई तयारी नहीं की... आज सजा के दौर पर एक लवबाइट दे देना...
भाई: कहा दूँ?
भाभी: जहा मर्जी करे आपकी... आ.....उ....च.... अरे बूब्स पर नही... आह.... उई माँ....काट दिया....सच में?
भाई: हा मिलेगी सजा जरूर....
भाभी: आप खुश है ना?
भाई: हा...
भाभी: दीजिये कोई बात नहीं...

फिर आवाज़ नहीं आई तकरीबन ३० मिनिट तक, पर आह आह आउच और प्यार भरी अलग अलग आवाज़े आती रही... पलंग की किचुड़ किचुड़ आवाज़ भाभी की घिसाई का प्रमाण देती रही... जो मैं कल रात को देख चूका था वो आज मैं सुन रहा था.... और वासना शांत हुई...

भाभी: आज क्या हुआ था आपको?
भाई: बस मज़ा आ गया...
भाभी: खुश है ना आप?
भाई: हा, बहोत खुश हूँ...
भाभी: एक बात बोलुं?
भाई: हा बोलो
भाभी: मुझे एक बात खटक रही है...
भाई: क्यों क्या हुआ?
भाभी: मैं कुछ बुरा नहीं चाहती पर.... भैया... लगता है की भैया मुझे अच्छी नज़रो से नहीं देखते...
भाई: क्या बकवास कर रही हो?
भाभी: देखो आप गुस्सा मत हो पर ऐसा मुझे लगता है...

भैया काफी देर तक चुप रहे... और बोले...

भैया: तुम क्या चाहती हो..?
भाभी: मैं कुछ चाहती नहीं हूँ बस आपके ध्यान में लाना आवश्यक था तो बोल दिया...
भैया: इग्नोर करो... या फिर तुम खुद बात करो... मैं बिच में पडूंगा तो भी तेरा ही नाम आएगा... और गन्दा लगेगा... अगर तुम बात करोगी तो मेरे डर के कारण अगर ये हो भी रहा है तो नहीं होगा... क्या कहती हो...
भाभी: मुझे वैसे शर्म तो आएगी पर ये बात मुझे ठीक भी लग रही है...

ये जानकारी आप लोगो के लिए जरुरी थी जाननी... इसी की बलबूते पर मैं ये मेरे फ्रेंड्स को बता रहा था की काफी कुछ होने के चांसिस है...

मैंने ये बाते मेंरे दोस्तों को भी बताई... कोई बोलना नही चाह रहा था पर सबके मनमे भाभी के लिए लड्डू फुट ने लगे थे....

Go to Index Page

Quote

आप पर पढ़ रहे रहे भाभी ने की हर ख्वाहिश पूरी

आगे....

मेरे दोस्तों के लिए तो जो मैं बोल रहा था वो सपना लग रहा था... सब बोले के आल ध बेस्ट....

मेरा मेरे भाभी को घूरना चालू रहा... खास करके बूब्स और गांड... इतनी इठलाती थी वो की बस मुझे जानबूझकर देखने की कोशिश करनी नही पड़ती थी... मेरी आँखे टिक जाती थी ऐसे ही...

एक दिन भाभी: समीर तुम मुझे यु घूरना बंध करोगे?
मैं: क्यों? क्या हुआ?
भाभी: मुझे शर्म आती है और ये सही भी नहीं है... मुझे आपके भैया से बात करनी पड़ेगी...
मैं: कर दो... ज्यादा से ज्यादा ज़ग़ड़ा होगा और क्या?
भाभी: क्यों कर रहे हो ऐसा?
मैं: भाभी... प्यार करने लगा हूँ आप से...
भाभी: (एकदम गुस्सा होकर) क्या घटिया बोल रहे हो... समज नहीं आता की क्या बोल रहे हो?
मैं: (भाभी का ये स्वरुप देखकर मैं डर तो ज़रूर गया और भैया का ख्याल आने पर थोड़ी फ़टी तो पड़ी थी मेरी पर) जाओ मैं आपसे बात नहीं करता...
(ये था उल्टा चोर कौतवल को डांटे)
भाभी: ले भला... क्यों? गलती आप कर रहे हो और....
मैं: और नहीं तो क्या... दिन भर मेरे साथ ही रहती हो मेरी पास ही रहती हो.. मेरी कोई गर्ल फ्रेंड भी नहीं है... तो फिर आपसे प्यार युही हो गया... क्या करू.. हम हमउम्र भी है... मैं तो आखिर जवान हूँ... जो करना है करो... मुझे नहीं पता क्या गलत है और क्या नहीं...

ये में सच में अपने दिल की बात बोल रहा था... मैं सच में इमोशनल हो गया और रो ही पड़ा.... मैं फ़साना जरूर चाहता था... पर... इमोशनल हो चूका था....

भाभी: देखो समीर भैया ऐसे नही रो आप... मैं पानी लाती हूँ...
मैं: भाभी मुझे पानी नहीं प्यार की जरूरत है...
भाभी: क्या मतलब? (गुस्सा आश्चर्य दोनों भाव साथ थे इसमें)
मैं: मतलब कुछ नहीं भाभी मैं बस प्यार चाहता हूँ, क्या मैं आपको प्यार नहीं कर सकता? क्या गलत है? (मेरा रोना चालू ही था)
भाभी: पर... पर ये गलत है... प्यार हम भी आपसे करते है, पर आपकी भावनाए कुछ अलग बयां कर रही है... जो मुमकिन नहीं है...
मैं: भाभी... क्यों गलत है एक कारन बताओ...
भाभी: (मक्कमता से बोली) गलत है मतलब गलत है... और आइन्दा मुझसे बात मत करना...

मैं फिर चला गया वहा से... पर अब मेरा काम था के भाभी भैया को अपडेट क्या देते है? हररोज़ मैं रेकॉर्डिंग् लगाता था और सुनता था, मेरा भाभी को ज़ाखना चालू था... भाभी इग्नोर करती थी... एक दिन एक रेकॉर्डिंग् में जब भैया भाभी का सम्भोग खत्म हुआ भैया ने भाभी को सामने से पूछा

भैया: समीर से कुछ बात हुई क्या उस बारे में?
भाभी: (थोडा हिचकिचाके बोली) नही.. हा एक बार हुई थी, वो बस ऐसे ही खो जाता है सोच विचार में वो क्या करता है उसे नही पता... इमोशनल है न...
भैया: ह्म्म्म तुम खामखा डर रही थी... ऐसे तू है ही मस्त माल किसीके भी पेंट का घण्टा बजवा सकती हो

ऐसा कह कर दोनों हसने लगे और उस दिन भाभी ने भैया को शायद और एक बार अपना शरीर सोपा, जिसके शायद भैया ने बहोत मज़े लुटे होंगे...

मैंने भाभी को बुलाना बंध कर दिया था... मैं नज़रे चुरा रहा था। मैं बाते भी नहीं कर रहा था... मानो जैसे मैं उससे नफरत करता हूँ। भाभी को यह बरदास्त नही हो रहा था.... एक दिन....

भाभी: क्या है समीर भाई, क्यों इतना गुस्सा है आप हमसे?
मैं: कुछ भी तो नहीं...
भाभी: तो क्यों नहीं बोलते?
मैं: बोलता हूँ तो आप गुस्सा हो जाते हो, नही बोलता तो भी प्रॉब्लम?
भाभी: पर आप जो बोल रहे हो वो गलत है, वही बोलो न जो सही है?
मैं: मुझे जो सही लगा है वही बोला है
भाभी: क्यों सब कॉंप्लिकेशन्स खड़ी कर रहे आप?
मैं: क्या कर रहा हु? क्या हुआ आपको अब? इसीलिए तो दूर रहता हु.. आप क्यों कॉंप्लिकेशन्स करना चाहती है...
भाभी: समीर भाई...
मैं: मैं आपसे नजदीक रहूँगा तो बिना प्यार किये नहीं रह पाउँगा। आप मुझसे दूर ही रहे...
भाभी: बैठ के बात करे?
मैं: हा बोलिए...
भाभी: देखो समीर भाई ये गलत है... दुनिया भी क्या सोचेगी?
मैं: अरे मैं कुछ करने को थोड़ी बोल रहा हूँ? प्यार करता हूँ वो बता रहा हु!
भाभी: पहेली बात ये सब सिर्फ प्यार तक नहीं रह सकता, वो आगे बात बढ़ ही जाती है... और दूसरी बात ये सब को पता चले तो पता भी है क्या हो सकता है?
मैं: (उसीकी बातो पर मैंने पकड़ा) भाभी, सुनो मेरी बात, ज़माने को बताने जायेगा कौन?
भाभी: आपके भैया को मैं धोखा नहीं दे सकती...
मैं: आप बहोत आगे की सोच रही है भाभी। इतना तो मैंने भी नहीं सोचा। एक गर्लफ्रेंड नहीं बन सकती?
भाभी: (थोडा सोचकर) सिर्फ गर्लफ्रेंड तक ही हा समीर, और कोई उम्मीद मत रखना।
मैं: अरे भाभी उम्मीद पे तो दुनिया कायम है... पर मंज़ूर?
भाभी: हा पर एक शर्त पर... ये बात की किसीको भी भनक नही लगनी चाहिए, और हमारे बिच ये आप आज से, अभी से बंध ओके?
मैं: तो क्या नाम से बुलाऊ?
भाभी: हा पर सिर्फ अकेले हो तब ही!
मैं: तो तुम भाई या भैया नहीं ओके?
भाभी: ओके डील!
मैं: एक हग तो देती जाओ हमारे नए रिश्ते पर...
भाभी: नही। क्या मजाक कर रहे हो?
मैं: क्यों? गर्लफ्रेंड है तू मेरी, अगर गर्लफ्रेंड की तरह नही रह सकती तो फिर जो चल रहा था चलने दो...
भाभी: तू बाज़ नहीं आएगा ठीक है चल आजा....

ये था मेरे और मेरी प्यारी भाभी के बिच का पहला जिस्मानी टच... आज तक सिर्फ हाथ मिले थे... आज उसका जिस्म मेरे जिस्म को छूने जा रहा था... बस यही एक सोच थी के साले किस मादरचोद ने कपडे बनाये थे... आहाहा क्या बयां करू और कैसे करू? ब्लाउज़ के पीछे का भाग, माने पीठ वाला भाग... जहा मैं ब्रा के हुक छु सकता था। मेरा हाथ जैसे ब्लाउज़ के निचे हिस्से के कमर तक पहोचा के भाभी ने रोक दिया....

भाभी: समीर...
मैं: थैंक्स... ये कुछ अलग ही आनंद था.. भैया काफी लकी है...
भाभी: (शर्मा गई) वेलकम...

उस दिन के बाद मैं भाभी से एकदम गर्लफ्रेंड की तरह बिहेव करता था। यहा वहा छु लेता था। कंधे पर हाथ रख के थोडा दबा लेता था। कभी गले मिल के उनके बूब्स को मेरी छाती मैं भीच देता था। भाभी कुछ नही बोलती थी तो मैं पूरी छूट ले लेता था... एक दिन...

मैं: कीर्ति तेरी साइज़ क्या होगी?
कीर्ति: क्या साइज़?
मैं: अब ज्यादा बन मत, जल्दी बता चल...
कीर्ति: यह कुछ ज्यादा नहीं हो रहा बच्चू?
मैं: नहीं मैं अपनी गर्लफ्रेंड को ब्रा पेंटी का सेट गिफ्ट करना चाहता हु, पहेली बार है इसीलिए पूछ रहा हूँ... बाद में नहीं पूछूँगा।
कीर्ति: नहीं
मैं: अरे बोलना...
कीर्ति: बोला ना नहीं मतलब नहीं

मैं उठा और उनके रूम में जाने लगा...

कीर्ति: अरे अरे कहा जा रहे हो...
मैं: ब्रा पेंटी लेने साइज़ चेक करने...
कीर्ति: तो तुम नहीं जाओगे? रुको वही रुक जाओ मैं कहती हूँ!
मैं: मैं सुन रहा हूँ...
कीर्ति: ३४-२४-३४

(सोचो ये पिछले सालो मैं कमर के अलावा दोनों दो दो इंच बढ़ चुके है)

मैं: थेंक्स...
कीर्ति: क्या गिफ्ट कर रहे हो?
मैं: ऑनलाइन शॉपिंग कर रहा हूँ। कल तक घर आ जायेगा। भैया खुश ना होवे तो मैं अपना नाम बदल दूंगा...

कीर्ति ने थोड़ी सी स्माइल थी और शर्मा के हंस दी...

अब भाभी को मैंने क्या सरप्राइज़ दिया वो फ़ोटो भेजता हु जो वेबसाइट से ली है


Go to Index Page

1 user likes this post  • dpmangla
Quote

Lovely Post

Quote

आप पर पढ़ रहे रहे भाभी ने की हर ख्वाहिश पूरी

आगे...

अगले दिन भाभी को यह सरप्राइज़ मिला... और भाभी का रिएक्शन...

भाभी: ओ हीरो ये क्या है?
मैं: मज़े करो और कराओ और क्या...
भाभी: इसमें सिर्फ रस्सियां है... क्या है ये...?
मैं: मैं पहनाऊँ?
भाभी: शट अप...
मैं: कीर्ति एक काम करता हूँ मैं तुजे एक फ़ोटो भेजता हूँ तो पता चलेगा...
भाभी: ठीक है... तेरा भाई पूछेगा तो क्या बताउंगी?
मैं: बोल देना के मैंने दिए थे...
भाभी: तेरा भाई जान से मार देगा...
मैं: बोल देना आज आप के लिए एक नई डिश पेश करती हूँ...

उत्साह उत्साह में कुछ् ज्यादा ही बोल गया... भाभी ने नॉट किया और बोले...

भाभी: एक मिनिट तुजे क्यों इतनी सारी खबर है?
मैं: (मैंने बात को अच्छे से संभाला) क्यों ऐसा नहीं होता क्या? ऐसा तो होना ही चाहिए... एक मिनिट इस का मतलब आप के बिच ये होता है...
भाभी: धत्त... तुम भी ना...
मैं: (तब तक मैंने उनको मेसेज भेज दिया था की ये लिंगरी का करना क्या है) मेसेज चेक कर लेना...
भाभी: ठीक है...

भाभी अपने रूम में चली गई.... और मेसेज चेक किया और रिप्लाय आया।

भाभी: हाय दय्या। इसमें क्या पहनू?
मैं: मदद कर दू?
भाभी: शट अप। फिर वही बात?
मैं: इसमें पहनने जैसा है क्या? इसे सिर्फ लगाना बोलते है।
भाभी: वही तो... तुम तो जितना सोचे थे उससे भी ख़राब हो.. ऐसा ही सब करते हो क्या? फ़ैल का कारन अब पता चला...
मैं: चिल मार और ये सोच के भैया को खुश कैसे करना है...
भाभी: वो तुम मुज पे छोड़ दो...मैं एक्सपर्ट हु...
मैं: वाह वाह... वो तो होना ही चाहिए... एक औरत अगर एक मर्द को अगर खुश नहीं कर सकती तो वो औरत नहीं है...
भाभी: हा... अब बस ओके?
मैं: मैं कुछ् गलत लिखा क्या?
भाभी: हम भले ही फ्रेंड्स है पर एक रिश्ता भी है, छूट दी है तो इस नहीं है की कुछ भी करो...
मैं: भाभी चैट पर तो आप थोडा खुलके बात करो... चलो बोलो मैं क्या कुछ गलत बोला?
भाभी: ह्म्म्म ठीक है... हा तुम सच बोले, ज़माना कुछ भी बोले, पर औरत की इज़्ज़त तब तक ही है जब तक वो एक पुरुष के निचे दबी हुई है...
मैं: वाह.... ये हुई ना बात... मेरी भी यही सोच है...
भाभी: ह्म्म्म, एक पुरुष की तो होगी ही ना...
मैं: पर तब ही तो आपकी इतनी इज़्ज़त मिलती है... भैया भी इतनी इज़्ज़त करते है आपकी? यह सच नहीं?
भाभी: हा सच ही तो है...
मैं: ओके तो आज फिर एक बार तू भाई के निचे दब जाना और अच्छा सम्मान ले लेना, और हा कल रिव्यू ज़रूर देना...
भाभी: बदमाश... मैं तो हर रोज़ तेरे भाई निचे दब ही जाती हूँ ओके?
मैं: हा तो तुजसे शादी करने की एक वजह यह भी तो होगी की तू उसके निचे आये...
भाभी: मेरी भी तो सोच है?
मैं: अच्छा सच सच खुला बोल क्या कहना चाहती है? तू खुश नहीं है क्या?
भाभी: खुश तो मैं हूँ। मेरी सोच भी यही है... के कोई भी औरत हो... चाहे कितनी भी आगे निकल क्यों ना जाये... पर घर पे राज करना है तो कमरे मैं गुलाम बनके ही रहना चाहिये... कही घुटने अगर ना टिकाने हो तो रात को घुटने टेकने ही चाहिए... कहीं न झुकने वाली औरत को रात को पति जिस तरह झुकाए जुक जाना चाहिए... मर्द का पेट और पेंट अगर औरत ख्याल करती है तो मर्द लट्टू हो ही जाता है और उंगलियों पर नाचता ही है...
मैं: बस बस मेरे पेंट का ख्याल करने वाला कोई नहीं है.. शांत...
भाभी: क्यों बोल रहा था ना के चैट पर छुट लेनी है...
मैं: ओके पर बाद मैं मुकर मत जाना...
भाभी: डील
मैं: ठीक है... तो तेरे को पसन्द क्या सबसे ज्यादा? निचे सोना? घुटने पर बैठना या जुक जाना?
भाभी: ☺ जो भी तेरा भाई जब भी बोले
मैं: एक परफेक्ट औरत
भाभी: जरूर से..

भैया तब ही आ गए... और भाभी उनकी सेवा में लग गए... मैं अब रेकॉर्डिंग् नहीं करता था और आज कुछ नया था तो पूरा कमरा बंध था तो कुछ दिखाई नहीं दिया... दूसरे दिन

मैं: भाभी बहोत चमक रही हो...
भाभी: (हँसके) मेसेज में बात करेंगे...

ये तो पता चल गया था के भाभी अब मुझसे कंफरटेबल तो होती थी पर मेसेज में... ताकि नज़रे मिलाने न पड़े... खैर आगे...

भाभी: हाई...
मैं: हा तो जवाब दो...बहोत चमक रही हो...
भाभी: बर्तन घिस घिस कर ही उजले होते है...
मैं: हा हा हा हा क्या आप बर्तन हो?
भाभी: हा हा हा.. पर क्या बोलुं इससे आगे?
मैं: ठीक है... कैसा लगा भैया को?
भाभी: बहोत अच्छा। पागल हो गए थे कल... पूरी रात वही पहनाये रख्खे...
मैं: हा तो पहनने के लिए तो थे...
भाभी: हा... ओके तुम नहीं समजोगे...
मैं: मममम ओके ओके भाई ने सोने नही दिया था हम? क्या किस्मत है सके की...
भाभी: अच्छा सुन कल के लिए थेंक्स.. और तेरे भैया कह रहे थे के मुझे ऑनलाइन और शॉपिंग करनी चाहिये...
मैं: ह्म्म्म्म तो सीधा सीधा बोलो ना के आर्डर कर दूँ? मेरी चीज़ों को इस्तेमाल करके आप भैया को खुश करते है, और भैया आपको इस्तेमाल करके आपको खुश करते है... मेरा क्या?
भाभी: बच्चू तेरी भी शादी होगी टेंशन मत ले... और हा... इस्तमाल मतलब?
मैं: मतलब आप यूज़्ड हो...
भाभी: तो मैं क्या पुरानी हु?
मैं: अरे ओये... तू बुलवा मत मुझसे...
भाभी: बोल मुझे सुनना है...
मैं: ठीक है तेरी मर्जी... तू सील पैक नही है.. तू यूज़्ड है... औरत जितनी यूज़्ड बार बार होती है उतनी ही दमक बढ़ती जाती है... जितना ज्यादा यूज़्ड होती है उतनी ही और निखरती है... पोर्नस्टार देखे है ना?
भाभी: ह्म्म्म तो तू मुझे ये नज़र से भी देखता है?
मैं: हा। पर हम इससे आगे नहीं बढ़ेंगे बातचीत में जैसा तय हुआ था...

अब मैं यह चाहता था के नियम वो तोड़े...

भाभी: ठीक ही है...
मैं: मुझे सोच समज कर कोई गिफ्ट दे देना... मेहनताना है... मैं कल एक और लिंगरी ऑर्डर करूँगा तू बैठना मेरे साथ वही मेरा इनाम है...
भाभी: ओके डील....

दूसरे दिन भैया के जाने के बाद...

मैं: चल आजा... आज एक और चीज़ दिखाता हु जो देख कर भैया और खुश हो जाएंगे
भाभी: आई पांच मिनिट में

और अब हम साथ बैठ कर सर्च कर रहे थे... मेरा पेंट तो वैसे ही बड़ा होते जा रहा था लैपटॉप गोदी में होने की वजह से ऊपर निचे हो रहा था पर हम दोनों ने इग्नोर किया और एक मस्त लिंगरी फाइनल की जो पहले भाभी तैयार नही थी पर फिर मान गई... वो में पोस्ट करता हूँ

Go to Index Page

1 user likes this post  • dpmangla
Quote

Nice n Erotic

Quote






aunties in exbiidesi girl undressbdsm rape storyhindi sex story balatkarwifey fuckingbabita iyertop mms scandalsuper hot auntyddd boobs picstamil sex pdf storieshyderabadi sex storiesreal sex ki kahanidesi bhabhi comictamil antharangam storyaunty kathalu in telugucouplesfuckinggujarati sex storipinoy iyutan storiesindian aunty changingmastrubating gifindian sari sexwife fucks stranger storiesbollywood actress hairy armpitxxx sexy malayalambaji ny meri phuddi k hair saaf kiyaxxx desi garlshindi heroins sexhindhi sex storisexy story hindi fontfunny incest storiesexbii fakessuhagrat sex storyhookers nude picsrape comic pornurdu sexstorieshema malini nipplemallu sexy galleryexbii auntiestelugu full sex storiessexy stories in gujarati fontsindian errotic storiesshobha bhabhitelugu hot kathalu latestdesi hotiesaunties storydesi aunties blogsindian incect storiesandhra girl hotमुस्लिम माँ और छोटे बेतेकी चुदाईma ki sex storyhot indian aunties in blouseसनी लिऑन सेक्सीफोटोsexy anupamasouth aunties picsexbii bollywood fakesfree srx storiesindian masala aunties picturestamil sex stories savithaneha big boobsurdu sexy storeycomic stories of savita bhabhimama bhanji sex storyindian models navelaunty salludesibeesचुदाई घर भर कीsex stories in teluguhairy armpits gallerymote mammeread free xxx comicskahani boor kichennai college girl sexsexy jokas hindihindi fount sexy storyxxx bp filmsgndi picssexy desi aunties pictureshindi serial tarak mehta ka ulta chasmaurdu saxy kahanianannanai okka soitha thakgachihindi marathi sex storyhot telugu storyneha tarak mehtarani mukherjee fakestamil aunty sareesexy neha auntybizarre sex recordsdesi sex stories hindi fontsex stories in hindi 2013hot desi actressesnagraj ke baadpariver se suk nai sex storysauda sexsexy photos of desi auntiescharmi thunder thighstarak anjalitamil aunties pictureschuto ka rajaexbii hot indian