• HOME
  • AWARDS
  • Search
  • Help
Current time: 29-07-2018, 11:44 PM
Hello There, Guest! ( Login — Register )
› XXX STORIES › Hindi Sex Stories v
1 2 3 4 5 6 ..... 61 Next »

Desi छोटी बहन के साथ

Verify your Membership Click Here

Pages ( 15 ): « Previous 1 ..... 9 10 11 12 13 14 15 Next »
Jump to page 
Thread Modes
Desi छोटी बहन के साथ
dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#111
27-04-2017, 04:35 PM
(27-04-2017, 05:41 AM)$$ : Nice update.

Good
 •
      Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#112
27-04-2017, 07:20 PM
(09-04-2017, 06:58 AM)$$ : Wonder ful update. Lovly

(09-04-2017, 07:28 PM)dpmangla : Nice

(10-04-2017, 04:21 PM)dpmangla : Nice

(10-04-2017, 09:47 PM)$$ : Nice Update 4 the story.

(13-04-2017, 01:48 PM)dpmangla : Lovely

(16-04-2017, 04:25 PM)dpmangla : Nice

(18-04-2017, 06:03 PM)dpmangla : Lovely

(20-04-2017, 04:49 PM)dpmangla : Nice One

(22-04-2017, 06:18 PM)dpmangla : Mast

(25-04-2017, 04:56 PM)dpmangla : Good

(27-04-2017, 05:41 AM)$$ : Nice update.

(27-04-2017, 04:35 PM)dpmangla : Good

thanks for visit and read
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#113
30-04-2017, 07:56 PM
जिनको सेक्स करने का मन नहीं होता वो पार्टी का मजा देख कर लेते थे। किसी भी मर्द को सेक्स करने के लिए उसके साथ की लडकी का नाम भी सेक्स करने वाली के रूप में डलवाना जरूरी थी। पिछले सप्ताहान्त में भी प्रभा और प्रभात वहां रहे थे पर वो सिर्फ़ दर्शक की तरह ही वहां रहे थे क्योंकि वो जानते नहीं थे कि क्या सब स्पेशल वहाँ होता है। और्जी पार्टी में दर्शक होने के लिए एक्स्ट्रा १०० डौलर देना होता था, जिसमें ड्रिंक फ़्री मिलता था, पर अगर आप पार्टी में हिस्सा लीजिए तो सिर्फ़ २० डौलर लगता था। इसी तरह का हिसाब स्वैपिंग गेम के लिए भी था, अगर आप हिस्सा ले तो २० डौलर और न लें तो ६० डौलर पर्ति मर्द। इसबार मजा और किफ़ायत को देख कर प्रभा और प्रभात ने इस दोनों स्पेशल इवेन्ट में नाम डलवा लिया था।

वो बहुत खुश लग रही थी और क्लब जाने से पहले वो मेरा आशीर्वाद लेना चाहती थी। प्रभा में एक बात थी कि वो जब भी कुछ नया करती तो मेरा पैर छूकर मुझसे आशीर्वाद जरूर लेती, चाहे वो एक नया कपडा ही क्यों न पहनी हो। मुझे थोडा अजीब तो लगा कि मेरी बहन मुझसे ऐसे काम के लिए आशीर्वाद ले रही है पर अच्छा भी लगा कि उसको मुझ पर भरोसा कितना है। मैंने उसको हमेशा खुश रहने का आशीर्वाद दिया और कहा, "हो सके तो वहाँ कि कुछ फ़ोटो भेजना"। वो बोली, "जरूर भैया, वहाँ दो फ़ोटो वो फ़्री में देते हैं सब को, और अगर आप और फ़ोटो लेना चाहते हैं तो कीमत दे कर ले सकते हैं। इस बार कुछ ज्यादा समझ में आएगा, पिछली बार तो पहली बार था तो ज्यादा पता नहीं चला, अबकि बार वहाँ का फ़ुल मेम्बरशिप ले कर जा रहे हैं तो अब सब पता चल जाएगा"। प्रभात की किस्मत से मुझे इर्ष्या हुई, कि उसको बिल्कुल उसके मन के लायक सेक्सी बीवी मिली है, पता नहीं मेरा क्या होगा। यही सब सोचते हुए मुझे नींद आ गई।

अगली सुबह जब नाज ने आ कर मुझे जगाया तब मेरी नींद खुली। साढ़े पांच बज रहा था और वो गाँव की लडकी आदत के हिसाब से सुबह उठ गई और फ़िर मेरी बात याद करके पूरी इमानदारी से मेरे पास आ गई। मुझे उसकी इमानदारी देख खुशी भी हुई। मैं बोला, "एक मिनट रूको, जरा लैट्रीन करके आ जाता हूँ फ़िर अभी पहले तुम्हारी गाँड ही मारूँगा सुबह-सुबह। लैट्रीन की हो, पेट खाली हो गया है?" वो सर नीचे करके बोली, "हाँ... पर वो छेद तो बहुत छोटा है, बहुत दर्द करेगा..."। मैंने उसको बताया कि मैं दवा लाया हूँ, गाँड को पहले ढ़ीला करूँगा तब भीतर घुसाउँगा..., वैसे भी मैं अगर तुमको छोड भी दूँ तो कब तक बचोगी। आज न कल कोई न कोई मिलेगा ही जो तुम्हारी गांड मारेगा। मेरे पास तो खूब समय है तो मैं आराम से करूँगा, पर जो घन्टे के हिसाब से तेरी लेगा वो तो बिना कुछ सोचे उसी घन्टे मेम ही तुम्हारी चूत और गाँड़ दोनों का मजा लेने के चक्कर में रहेगा। इसलिए आराम से मेरे साथ हर चीज कर के अपना यह दोनों छेद अच्छे से खुलवा लो। मेरा लन्ड भी तगडा है, ज्यातर लोग का ५-६ इंच का होता है मेरा ८ इंच है और लगातार बहनों को चोदते-चोदते खुब मांसल और मोटा भी हो गया है। अगर मेरे लन्ड से तुम कई बार चुद जाओ शुरु में ही तो फ़िर बाकी के लन्डों से परेशानी नहीं होगी"।

वो भी बोली, "जी... आपका तो अलग है। गाँव में इधर-उधर पेशाब करते हुए कई का देखी हूँ, पर वो सब आपके वाले से कमजोर ही लगा। कुछ लोग तो राह चलते अगर मुझे अकेली देखते रास्ते पर तो अपना निकाल कर दिखा कर भद्दी-भद्दी बात बोलते थे। इसी सब को देख कर मैं सोची की दीदी की बात मान कर शहर आ जाऊँ। वो बताई थी कि इस धन्धे में मुझे क्या सब करना होगा, और कैसे लोग मेरे साथ करेंगे"। मैं देख रहा था कि वो बोलते समय अभी तक रंडी नहीं हुई थी और थोडा हिचक के साथ सब बोल रही थी। मैं उसको वहीं बिठा कर बाथरूम चला गया।


करीब सवा छह बजे मैं फ़िर से आया और फ़िर उसको कहा कि वो अब पेट के बल लेट जाए। जब मैं वेसलीन ले कर, कमरे की ट्युब-लाईट जला कर उसके पास बैठा तो वो पूछी, "दीदी जी अभी नहीं उठी हैं क्या?" मैंने कहा, "अब उठ जाएगी, साढ़े छह तक उसके उठने का टाईम है"। फ़िर मैंने उसकी गाँड की छेद को हल्के-हल्के से दबा कर गौर से उसका मुआयना करने लगा। उसकी गोल-गोल प्यारी सी चुतड में बना वह सुन्दर सा छेद मेरे लन्ड को ललचा रहा था। मेरी नजर पीछे से उसकी चूत पर पहली बार पडी। साली की चूत तो बिल्कुल एक बच्ची के चूत की तरह दिख रही थी पीछे से।

वैसे भी वो अभी तक सिर्फ़ दो बार ही लन्ड ली थी अपनी चूत में। मैंने उससे बातें करते हुए उसकी गाँड़ की छेद पर वेसलीन लगाना शुरु किया, "तुम्हें पता है, गाँड़ मराने से लडकी को कभी कब्ज नहीं रहता है। युरोप में तो लड़कियाँ अपने जीवन में पहले गाँड ही मरवाती है, क्योंकि उसमें बच्चा होने का खतरा नहीं है और मर्द लोग को ज्यादा मजा भी आता है। इंग्लैड के स्कूलों में तो सेक्स-शिक्षा की क्लास में यही बताया भी जाता है कि अगर उनकी सेक्स करने की इच्छा हो तो वो मुख-मैथुन या गुदा-मैथुन करके अपने को शान्त कर ले। बस इसमें थोड़ा सफ़ाई की जरूरत होती है, क्योंकि इस तरीके से सेक्स करने में इंफ़ेक्शन का खतरा ज्यादा होता है।" वो थोड़ा परेशान हुई तो मैं बोला, "तुम फ़िक्र मत करो, मैं कंडोम लाया हूँ। कंडोम पहन कर ही करूँगा, और तुम भी समझ लो कभी भी बिना कंडोम के किसी के साथ भी सेक्स मत करना। चाहे कोई कितना भी पैसा दे, बिना कंडोम न तो चूत में डलवाना और न हीं गाँड़ में"। वो सब समझते हुए बोली, "जी"। मैं अब उसकी गाँड में आराम से अपनी एक ऊँगली घुसा कर उस छेद को चौडा करने की कोशिश कर रहा था। कल के मुकाबले आज नाज ज्यादा बेहतर तरीके से सहयोग कर रही थी। रात भर की नींद से वो फ़्रेश हो गई थी, वैसे भी चुदाई के बाद हर लडकी बहुत चैन की नींद सोती है। सब यह बात मानती भी है कि नींद बेहतर हो जाती है सेक्स के बाद। नाज को तो इस तरह की नींद कल पहली बार नसीब हुई थी। मैं करीब एक चम्मच और बेसलीन ले कर उसकी गाँड की छेद के भीतर डालने लगा और फ़िर अपनी दो ऊँगली घुसाने की कोशिश करने लगा। नाज भी अब अपना बदन बिल्कुल ढ़ीला छोड़ कर मेरा साथ दे रही थी। करीब आधे घन्टे के मेहनत के बाद नाज के गाँड का छेद इतना फ़ैल गया कि मैं अपनी दो उँगली उसमें घुसा सकूँ। मैंने उसको यह बात बताई और कहा कि अब मेरा इरादा अपना लन्ड उसकी गाँड में डालने का है। पर वो बोली, "मुझे थोडा लैट्रीन से आने दीजिए, इस तरह पेट दाब कर लेटे रहने से शायद मुझे फ़िर से जाने का मन हो गया है"। मुझे लगा कि यह और अच्छी बात है। मैंने कहा, "ठीक है और खुब अच्छे से जोर लगा कर सारा पैखाना निकाल लेना।"


नाज मेरे कमरे के बाथरूम में गई और विभा कमरे में आई तो देखी की बिस्तर पर मैं नंगा बैठ कर कंडोम के पैकेट से खेल रहा हूँ। उसके चेहरे पर सवाल देख कर मैंने उसको बताया कि नाज अभी लैट्रिन गई है, और मैंने उसकी गाँड़ को ठीक-ठाक खोल लिया है। मेरी बात सुन कर वो हँसी, "सुबह-सुबह न भैया आप भी.... बस सिर्फ़ यही सुझता है आपको"। मैंने कहा, "तुम गाँड मरवाती नहीं हो तो क्या करें...। वैसे भी लडकी चोदने से अच्छा मर्द के लिए और कोई काम है क्या?" तभी नाज वापस आ गई, "गुड-मौर्निंग दीदी..."। विभा ने जवाब दिया, "गुड-मौर्निंग... चलो अब जब तुम लोग फ़्री हो लो तो चाय बनाउँ"। नाज बिना मेरे कहे आराम से बिस्तर पर निहुर कर बोली, "कीजिए सर, बस धीरे-धीरे डालिएगा प्लीज"। मैंने एक बाद फ़िर से थोडा वेसलीन ले कर उसकी गाँड की छेद को दो उँगली से फ़ैला कर चेक किया कि सब ठीक है और फ़िर कहा, "ऐसा करो कि तुम पेट के दोनों तकिया लगा लो जिससे तुम नीचे न दबो जब मैं ऊपर से तुमको दाबूँ। लन्ड को भीतर घुसाने के लिए तो दबाना ही होगा न"। वो अब वैसा ही की और बोली, "ठीक है कीजिए अब..."। वो अब अपने दोनों हथेलियों और घुटनो के बल बिस्तर पर किसी जानवर की तरह तैयार थी अपनी गाँड मरवाने के लिए।

मैंने उसके कमर को सहलाया फ़िर थोडा वेसलीन अपने लन्ड पर चुपडा और फ़िर अपने बायें हाथ से अपने लन्ड को उसकी अधखुली गाँड की छेद से लगा कर दबाना शुरु किया। वेसलीन की वजह से मेरा लन्ड चट से दूसरी तरफ़ फ़िसल गया और तब मैं सावधानी से अपने हाथ से लन्ड को छेद पर स्थिर करते हुए दबाया। मेरे लन्ड का लाल सुपाडा आराम से भीतर घुस गया और तब मैंने उसको कहा, "नाज, मेरा सुपाड़ा पूरा भीतर घुस गया है तुम अब बेफ़िक्र रहो, अब तुम्हारी गाँड मेरा लन्ड ले लेगी। तुम बस गहरी साँस लेते रहना और नीचे मत दब जाना मेरे भार से। थोड़ा सहयोग करो।" विभा बगल में बैठ कर सब देख रही थी। मैंने धीरे-धीरे उसकी गाँड में अपना आधा लन्ड घुसा लिया। नाज को दर्द हो तो रहा था, पर वो अपने दाँतों को भींच कर दर्द बर्दास्त कर रही थी... कभी-कभी अपने पैरों को घुटने के पास से थोड़ा मोड़ देती जिससे उसके पैर के पंजे जो बिस्तर से सटे हुए थे उपर हो जाते और तब वो अपने पन्जों को जोर-जोर से बिस्तर पर पटकती, पर मुँह से एक शब्द भी नहीं निकाल रही थी।
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#114
01-05-2017, 03:58 PM
(30-04-2017, 07:56 PM)rajbr1981 :  जिनको सेक्स करने का मन नहीं होता वो पार्टी का मजा देख कर लेते थे। किसी भी मर्द को सेक्स करने के लिए उसके साथ की लडकी का नाम भी सेक्स करने वाली के रूप में डलवाना जरूरी थी। पिछले सप्ताहान्त में भी प्रभा और प्रभात वहां रहे थे पर वो सिर्फ़ दर्शक की तरह ही वहां रहे थे क्योंकि वो जानते नहीं थे कि क्या सब स्पेशल वहाँ होता है। और्जी पार्टी में दर्शक होने के लिए एक्स्ट्रा १०० डौलर देना होता था, जिसमें ड्रिंक फ़्री मिलता था, पर अगर आप पार्टी में हिस्सा लीजिए तो सिर्फ़ २० डौलर लगता था। इसी तरह का हिसाब स्वैपिंग गेम के लिए भी था, अगर आप हिस्सा ले तो २० डौलर और न लें तो ६० डौलर पर्ति मर्द। इसबार मजा और किफ़ायत को देख कर प्रभा और प्रभात ने इस दोनों स्पेशल इवेन्ट में नाम डलवा लिया था।

वो बहुत खुश लग रही थी और क्लब जाने से पहले वो मेरा आशीर्वाद लेना चाहती थी। प्रभा में एक बात थी कि वो जब भी कुछ नया करती तो मेरा पैर छूकर मुझसे आशीर्वाद जरूर लेती, चाहे वो एक नया कपडा ही क्यों न पहनी हो। मुझे थोडा अजीब तो लगा कि मेरी बहन मुझसे ऐसे काम के लिए आशीर्वाद ले रही है पर अच्छा भी लगा कि उसको मुझ पर भरोसा कितना है। मैंने उसको हमेशा खुश रहने का आशीर्वाद दिया और कहा, "हो सके तो वहाँ कि कुछ फ़ोटो भेजना"। वो बोली, "जरूर भैया, वहाँ दो फ़ोटो वो फ़्री में देते हैं सब को, और अगर आप और फ़ोटो लेना चाहते हैं तो कीमत दे कर ले सकते हैं। इस बार कुछ ज्यादा समझ में आएगा, पिछली बार तो पहली बार था तो ज्यादा पता नहीं चला, अबकि बार वहाँ का फ़ुल मेम्बरशिप ले कर जा रहे हैं तो अब सब पता चल जाएगा"। प्रभात की किस्मत से मुझे इर्ष्या हुई, कि उसको बिल्कुल उसके मन के लायक सेक्सी बीवी मिली है, पता नहीं मेरा क्या होगा। यही सब सोचते हुए मुझे नींद आ गई।

अगली सुबह जब नाज ने आ कर मुझे जगाया तब मेरी नींद खुली। साढ़े पांच बज रहा था और वो गाँव की लडकी आदत के हिसाब से सुबह उठ गई और फ़िर मेरी बात याद करके पूरी इमानदारी से मेरे पास आ गई। मुझे उसकी इमानदारी देख खुशी भी हुई। मैं बोला, "एक मिनट रूको, जरा लैट्रीन करके आ जाता हूँ फ़िर अभी पहले तुम्हारी गाँड ही मारूँगा सुबह-सुबह। लैट्रीन की हो, पेट खाली हो गया है?" वो सर नीचे करके बोली, "हाँ... पर वो छेद तो बहुत छोटा है, बहुत दर्द करेगा..."। मैंने उसको बताया कि मैं दवा लाया हूँ, गाँड को पहले ढ़ीला करूँगा तब भीतर घुसाउँगा..., वैसे भी मैं अगर तुमको छोड भी दूँ तो कब तक बचोगी। आज न कल कोई न कोई मिलेगा ही जो तुम्हारी गांड मारेगा। मेरे पास तो खूब समय है तो मैं आराम से करूँगा, पर जो घन्टे के हिसाब से तेरी लेगा वो तो बिना कुछ सोचे उसी घन्टे मेम ही तुम्हारी चूत और गाँड़ दोनों का मजा लेने के चक्कर में रहेगा। इसलिए आराम से मेरे साथ हर चीज कर के अपना यह दोनों छेद अच्छे से खुलवा लो। मेरा लन्ड भी तगडा है, ज्यातर लोग का ५-६ इंच का होता है मेरा ८ इंच है और लगातार बहनों को चोदते-चोदते खुब मांसल और मोटा भी हो गया है। अगर मेरे लन्ड से तुम कई बार चुद जाओ शुरु में ही तो फ़िर बाकी के लन्डों से परेशानी नहीं होगी"।

वो भी बोली, "जी... आपका तो अलग है। गाँव में इधर-उधर पेशाब करते हुए कई का देखी हूँ, पर वो सब आपके वाले से कमजोर ही लगा। कुछ लोग तो राह चलते अगर मुझे अकेली देखते रास्ते पर तो अपना निकाल कर दिखा कर भद्दी-भद्दी बात बोलते थे। इसी सब को देख कर मैं सोची की दीदी की बात मान कर शहर आ जाऊँ। वो बताई थी कि इस धन्धे में मुझे क्या सब करना होगा, और कैसे लोग मेरे साथ करेंगे"। मैं देख रहा था कि वो बोलते समय अभी तक रंडी नहीं हुई थी और थोडा हिचक के साथ सब बोल रही थी। मैं उसको वहीं बिठा कर बाथरूम चला गया।


करीब सवा छह बजे मैं फ़िर से आया और फ़िर उसको कहा कि वो अब पेट के बल लेट जाए। जब मैं वेसलीन ले कर, कमरे की ट्युब-लाईट जला कर उसके पास बैठा तो वो पूछी, "दीदी जी अभी नहीं उठी हैं क्या?" मैंने कहा, "अब उठ जाएगी, साढ़े छह तक उसके उठने का टाईम है"। फ़िर मैंने उसकी गाँड की छेद को हल्के-हल्के से दबा कर गौर से उसका मुआयना करने लगा। उसकी गोल-गोल प्यारी सी चुतड में बना वह सुन्दर सा छेद मेरे लन्ड को ललचा रहा था। मेरी नजर पीछे से उसकी चूत पर पहली बार पडी। साली की चूत तो बिल्कुल एक बच्ची के चूत की तरह दिख रही थी पीछे से।

वैसे भी वो अभी तक सिर्फ़ दो बार ही लन्ड ली थी अपनी चूत में। मैंने उससे बातें करते हुए उसकी गाँड़ की छेद पर वेसलीन लगाना शुरु किया, "तुम्हें पता है, गाँड़ मराने से लडकी को कभी कब्ज नहीं रहता है। युरोप में तो लड़कियाँ अपने जीवन में पहले गाँड ही मरवाती है, क्योंकि उसमें बच्चा होने का खतरा नहीं है और मर्द लोग को ज्यादा मजा भी आता है। इंग्लैड के स्कूलों में तो सेक्स-शिक्षा की क्लास में यही बताया भी जाता है कि अगर उनकी सेक्स करने की इच्छा हो तो वो मुख-मैथुन या गुदा-मैथुन करके अपने को शान्त कर ले। बस इसमें थोड़ा सफ़ाई की जरूरत होती है, क्योंकि इस तरीके से सेक्स करने में इंफ़ेक्शन का खतरा ज्यादा होता है।" वो थोड़ा परेशान हुई तो मैं बोला, "तुम फ़िक्र मत करो, मैं कंडोम लाया हूँ। कंडोम पहन कर ही करूँगा, और तुम भी समझ लो कभी भी बिना कंडोम के किसी के साथ भी सेक्स मत करना। चाहे कोई कितना भी पैसा दे, बिना कंडोम न तो चूत में डलवाना और न हीं गाँड़ में"। वो सब समझते हुए बोली, "जी"। मैं अब उसकी गाँड में आराम से अपनी एक ऊँगली घुसा कर उस छेद को चौडा करने की कोशिश कर रहा था। कल के मुकाबले आज नाज ज्यादा बेहतर तरीके से सहयोग कर रही थी। रात भर की नींद से वो फ़्रेश हो गई थी, वैसे भी चुदाई के बाद हर लडकी बहुत चैन की नींद सोती है। सब यह बात मानती भी है कि नींद बेहतर हो जाती है सेक्स के बाद। नाज को तो इस तरह की नींद कल पहली बार नसीब हुई थी। मैं करीब एक चम्मच और बेसलीन ले कर उसकी गाँड की छेद के भीतर डालने लगा और फ़िर अपनी दो ऊँगली घुसाने की कोशिश करने लगा। नाज भी अब अपना बदन बिल्कुल ढ़ीला छोड़ कर मेरा साथ दे रही थी। करीब आधे घन्टे के मेहनत के बाद नाज के गाँड का छेद इतना फ़ैल गया कि मैं अपनी दो उँगली उसमें घुसा सकूँ। मैंने उसको यह बात बताई और कहा कि अब मेरा इरादा अपना लन्ड उसकी गाँड में डालने का है। पर वो बोली, "मुझे थोडा लैट्रीन से आने दीजिए, इस तरह पेट दाब कर लेटे रहने से शायद मुझे फ़िर से जाने का मन हो गया है"। मुझे लगा कि यह और अच्छी बात है। मैंने कहा, "ठीक है और खुब अच्छे से जोर लगा कर सारा पैखाना निकाल लेना।"


नाज मेरे कमरे के बाथरूम में गई और विभा कमरे में आई तो देखी की बिस्तर पर मैं नंगा बैठ कर कंडोम के पैकेट से खेल रहा हूँ। उसके चेहरे पर सवाल देख कर मैंने उसको बताया कि नाज अभी लैट्रिन गई है, और मैंने उसकी गाँड़ को ठीक-ठाक खोल लिया है। मेरी बात सुन कर वो हँसी, "सुबह-सुबह न भैया आप भी.... बस सिर्फ़ यही सुझता है आपको"। मैंने कहा, "तुम गाँड मरवाती नहीं हो तो क्या करें...। वैसे भी लडकी चोदने से अच्छा मर्द के लिए और कोई काम है क्या?" तभी नाज वापस आ गई, "गुड-मौर्निंग दीदी..."। विभा ने जवाब दिया, "गुड-मौर्निंग... चलो अब जब तुम लोग फ़्री हो लो तो चाय बनाउँ"। नाज बिना मेरे कहे आराम से बिस्तर पर निहुर कर बोली, "कीजिए सर, बस धीरे-धीरे डालिएगा प्लीज"। मैंने एक बाद फ़िर से थोडा वेसलीन ले कर उसकी गाँड की छेद को दो उँगली से फ़ैला कर चेक किया कि सब ठीक है और फ़िर कहा, "ऐसा करो कि तुम पेट के दोनों तकिया लगा लो जिससे तुम नीचे न दबो जब मैं ऊपर से तुमको दाबूँ। लन्ड को भीतर घुसाने के लिए तो दबाना ही होगा न"। वो अब वैसा ही की और बोली, "ठीक है कीजिए अब..."। वो अब अपने दोनों हथेलियों और घुटनो के बल बिस्तर पर किसी जानवर की तरह तैयार थी अपनी गाँड मरवाने के लिए।

मैंने उसके कमर को सहलाया फ़िर थोडा वेसलीन अपने लन्ड पर चुपडा और फ़िर अपने बायें हाथ से अपने लन्ड को उसकी अधखुली गाँड की छेद से लगा कर दबाना शुरु किया। वेसलीन की वजह से मेरा लन्ड चट से दूसरी तरफ़ फ़िसल गया और तब मैं सावधानी से अपने हाथ से लन्ड को छेद पर स्थिर करते हुए दबाया। मेरे लन्ड का लाल सुपाडा आराम से भीतर घुस गया और तब मैंने उसको कहा, "नाज, मेरा सुपाड़ा पूरा भीतर घुस गया है तुम अब बेफ़िक्र रहो, अब तुम्हारी गाँड मेरा लन्ड ले लेगी। तुम बस गहरी साँस लेते रहना और नीचे मत दब जाना मेरे भार से। थोड़ा सहयोग करो।" विभा बगल में बैठ कर सब देख रही थी। मैंने धीरे-धीरे उसकी गाँड में अपना आधा लन्ड घुसा लिया। नाज को दर्द हो तो रहा था, पर वो अपने दाँतों को भींच कर दर्द बर्दास्त कर रही थी... कभी-कभी अपने पैरों को घुटने के पास से थोड़ा मोड़ देती जिससे उसके पैर के पंजे जो बिस्तर से सटे हुए थे उपर हो जाते और तब वो अपने पन्जों को जोर-जोर से बिस्तर पर पटकती, पर मुँह से एक शब्द भी नहीं निकाल रही थी।

Lovely
 •
      Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#115
03-05-2017, 10:07 PM
उसके इन हाव-भावों से पता चलता रहा था कि कितना दर्द उसको हो रहा है पर अब वो समह रही थी कि उसके लिए यह जरूरी है कि वो जान जाए कि आखिर गाँड मराई का अनुभव कैसा होता है। अब तक मेरा आधा लन्ड भीतर घुस गया था और तब वो एक कराह के साथ पूछी, "सर... हो गया क्या?" मैंने उसको दिलासा देते हुए कहा, "हाँ अब्स अब थोडा सा और भीतर चला जाए तो गाँड मराई चालू कर दुँगा, बस जरा सा और..."। मैंने उसके कमर अच्छे से पकड़ कर उपर से लन्ड दबाते हुए उसकी कमर को उपर की तरफ़ सहारा दिया और अपना लन्ड एक इंच और भीतर घुसा दिया। वो अब अपना सर जोर-जोर से हिलाने लगी थी और अपने पन्जे बिस्तर पर पटकने लगी थी। मैंने अब अपना दबाब रोक दिया और फ़िर अपने लन्ड को पाँच इंच भीतर ही घुसा कर थोडा आराम लेने के लिए रुका, "नाज अब परेशानी नहीं होगी, पूरा पाँच इंच भीतर है तुम्हारी गाँड़ में।


आम आदमी करीब इतना ही घुसा कर तुम्हारी गाँड़ मारेगा।" मेरे दबाव देना बन्द करने से उसको भी थोड़ा राहत महसूस हुआ था... वो बोली, "जी सर, भीतर तो लग रहा है जैसे कोई पेट के निचले हिस्से में फ़ोड़ा हो गया हो, वैसा ही जलन और दर्द हो रहा है और छेद के बाहर का हिस्सा तो ऐसे पडपडा रहा है जैसे उस जगह पर लाल मिर्ची रगड दिया गया है।" मैंने उसको ढ़ाढस बंधाते हुए कहा, "कोई बात नहीं अब अपना लन्ड आगे-पीछे करना शुरु करता हूँ, तुम बहुत अच्छी बच्ची हो.... अब मुझे अपना गाँड़ मारने दो"। वो बोली, "जी सर... मुझे भी तो यह सब जानना ही है अपने शरीर के बारे में कि क्या और कितना बर्दास्त कर सकती हूँ। आज दिन भर में आप जितनी बार और जैसे चाहे कीजिए मेरे साथ, चाहो जो भी दर्द हो सब सह कर देख लेना है।" मैं अब अपने लन्ड को हल्के-हल्के भार खींच कर फ़िर से भीतर घुसाते हुए उसकी गाँड़ मारने लगा। वो भी अब थोड़ा शान्त हो कर मरवा रही थी, अब शायद उसको पता चल गया था कि उसको अब इससे ज्यादा दर्द नहीं बर्दास्त करना होगा। करीब पांच मिनट बाद मैंने उसकी गाँड़ में से अपना लन्ड पूरा बाहर निकाल लिया और तब देखा कि उसकी गाँड़ पूरा लाल भभूका हो कर खुली रह गई और मैं भीतर करीब तीन इंच तक देख रहा था लाल-लाल नली जैसे वो सिर्फ़ खून से बनी हो।


विभा भी उठ कर खड़ा हो गई और पास आ कर देखी कि गाँड़ भीतर में कैसी दिखती है फ़िर सिर्फ़ एक शब्द बोली, "बेचारी... सच में लड़की को बहुत सहना पडता है मर्दों की दुनिया में"। मैं हँस दिया और फ़िर से अपना लन्ड भीतर घुसा दिया। इस बार मुझे भी कम परेशानी हुई और नाज को भी। चार-पांच बार ऐसे ही करने हुए मैंने अपना करीब साथ इंच तक लन्ड भीतर घुसा लिया और चूँकि गाँड़ की पकड मेरे लन्ड पर चूत की पकड से ज्यादा तगड़ी थी तो मेरा लन्ड भी जल्दी खलास होने को आया और मैंने यही बात नाज को बताते हुए अपने लन्ड का मल उसकी गाँड में निकाल दिया और उसके ऊपर से हट गया। जब वो नीचे धम्म से बिस्तर पर गिरी तो उसको याद आया, "ओह सर... आप तो कंडोम पहने ही नहीं..."। सच्ची मैं तो भूल ही गया था... मैंने अपनी भूल स्वीकार की और फ़िर बिस्तर की चादर के एक कोने से अपना लन्ड पोछते हुए साफ़ करने लगा। हम दोनों गहरी-गहरी साँसे ले रहे थे। विभा अब हमें छोड़ कर चली गई और बोली, जल्दी से अपना-अपना धो लीजिए मैं चाय बनाने जा रही हूँ।


मैंने घडी देखा... सात बज रहा था। मैंने नाज को कहा, "जाओ अपना बदन ठीक से साफ़ कर लो, अभी थोडी देर में मेरे पड़ोस के सलीम चाचा आने वाले हैं, अगर उनका मन हुआ तो वो भी तुम्हें चोद सकते है। आज दिन भर लगातार तुम्हें चुदवाना होगा।" और मैं लुंगी लपेट कर बाहर बरामदे में आ गया और कुर्सी पर बैठ कर पेपर पढ़ने लगा। तभी सलीम चाचा आ गए और मैंने वहीं से आवाज दी, "विभा चाचा के लिए भी चाय बना देना... और यहीं ले आना"। मैंने उनसे पूचा, "तब चाचा क्या हाल है?" वो तो जानते ही थे कि मैं घर पर रंडी लाया हूँ, सो धीरे से पूछे, "हाल तो तुमको बतलाना चाहिए, नया खबर तो तुम्हारे घर पर है..."। विभा तीन कप चाय ले कर आ गई थी जब मैं कह रहा था, "अपनी तो पौ-बारह है चाचा... कल शाम को सील तोड़ी, रात को चोदा और फ़िर अभी सुबह में गाँड भी मर ली उसकी"। उनको उम्मीद नहीं थी कि मैं ऐसे बेशर्मी से विभा के सामने यह कह दुँगा। वो भौंचक हो कर कभी मुझे और कभी विभा को देख रहे थे। विभा तो कब से उनको पटाने के चक्कर में थी, वो मेरी बात सुन कर समझ गई कि मैंने उसके सामने ऐसी बात कही ही इस लिए है कि वो अब कुछ ज्यादा खुल जाए सो वो बोली, "चाय लीजिए चाचा, ठंडी हो जाएगी..."। सलीम चाचा अब अपना कप उठाते हुए बोले, "तुम मना नहीं की भैया को इस सब से। घर में ऐसे लड़की ले कर आए तो क्या यह अच्छी बात है"। विभा मुस्कुराते हुए बोली, "अब जब भैया को मन हो गया तो मैं कौन हूँ मना करने वाली। वैसे भी घर के बाहर वो यह सब करें इससे तो अच्छा है कि घर पर करें, बदनामी तो नहीं होगी अगर यह घर की दीवारों के पीछे हो"। अब उससे नजरें चुराते हुए धीरे से बोले, "हाँ, यह भी सही है"।


मैंने अब सलीम चाचा को और छेड़ा, "आप विभा की पैन्टी लाए हैं?" वो सकपका गए और तब विभा मुस्कुराई, "लाइए दीजिए, वो बहुत स्पेशल है मेरे लिए। वैसे भी आपको शायद यह पता नहीं है कि भैया जब आपको पैन्टी दिये थे, तब वह पैन्टी मेरे बदन से नहीं उतरा था"। मैंने आगे कहा, "हाँ, उनको पता है कि सायरा उसी पैन्टी को पहन कर जमील के साथ सेक्स की थी"। विभा अब अपने रंग में आई, "ओह हो... मतलब, बेटी की चूत की गंध ले कर अब तक मस्ती कर रहा था बुढ़्ढ़ा ठरकी"। अब तो उस बेचारे सलीम चाचा की जो हालत थी वो कहा नहीं जा सकता था। मैंने अब उसको इस हालते से उबारते हुए कहा, "अरे चाचा, अब छोड़िए यह सब बात और अगर मन है तो भीतर जा कर एक बार मजा कर लीजिए। मुस्लिम लडकी है, उर्दू में शेर पढ़ते हुए चोदिएगा तो उसको भी शायद मजा आएगा"। सलीम चाचा सिर्फ़ थुक निगलते रह गए। विभा अब उनको बेशर्म बनाने पर तुम गई थी, "पहले मेरी पैन्टी दीजिए, बहुत दिन से मेरा बदन उसको खोज रहा है, उसको पहनने के लिए ही तो कितना सजाना पडा था मुझे अपनी चीज को"। सलीम चाचा अब चुप-चाप अपने कुर्ते की जेब से वो नन्हीं सी पैन्टी निकाल कर टेबुल पर रख दिए और तब विभा उसको उठाई और फ़िर वहीं कुर्सी पर बैठे-बैठे उसको अपने तांगों में फ़ंसा कर खडी हो गई और फ़िर अपना नाईटी उठा कर बहुत आराम से सलीम चाचा को अपना चूत दिखाते हुए पैन्टी ऊपर कर ली। गनीमत था कि वो ऐसा करते हुए मेरी तरफ़ से उनकी तरह ज्यादा घुम गई थी जैसे कि वो मुझसे पर्दा कर रही हो। सलीम चाचा को सामने से मेरी बहन की गोरी चूत जिसपर उसने एक पतली रेखा की तरह अपनी झाँट साफ़ करके बनाई हुई थी, भरपुर देखने का मौका मिला। उनके चेहरे पर पसीना आ गया और तब विभा हँसते हुए वहाँ से खाली कप ले कर भीतर चली गई।
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#116
04-05-2017, 04:57 PM
(03-05-2017, 10:07 PM)rajbr1981 : उसके इन हाव-भावों से पता चलता रहा था कि कितना दर्द उसको हो रहा है पर अब वो समह रही थी कि उसके लिए यह जरूरी है कि वो जान जाए कि आखिर गाँड मराई का अनुभव कैसा होता है। अब तक मेरा आधा लन्ड भीतर घुस गया था और तब वो एक कराह के साथ पूछी, "सर... हो गया क्या?" मैंने उसको दिलासा देते हुए कहा, "हाँ अब्स अब थोडा सा और भीतर चला जाए तो गाँड मराई चालू कर दुँगा, बस जरा सा और..."। मैंने उसके कमर अच्छे से पकड़ कर उपर से लन्ड दबाते हुए उसकी कमर को उपर की तरफ़ सहारा दिया और अपना लन्ड एक इंच और भीतर घुसा दिया। वो अब अपना सर जोर-जोर से हिलाने लगी थी और अपने पन्जे बिस्तर पर पटकने लगी थी। मैंने अब अपना दबाब रोक दिया और फ़िर अपने लन्ड को पाँच इंच भीतर ही घुसा कर थोडा आराम लेने के लिए रुका, "नाज अब परेशानी नहीं होगी, पूरा पाँच इंच भीतर है तुम्हारी गाँड़ में।


आम आदमी करीब इतना ही घुसा कर तुम्हारी गाँड़ मारेगा।" मेरे दबाव देना बन्द करने से उसको भी थोड़ा राहत महसूस हुआ था... वो बोली, "जी सर, भीतर तो लग रहा है जैसे कोई पेट के निचले हिस्से में फ़ोड़ा हो गया हो, वैसा ही जलन और दर्द हो रहा है और छेद के बाहर का हिस्सा तो ऐसे पडपडा रहा है जैसे उस जगह पर लाल मिर्ची रगड दिया गया है।" मैंने उसको ढ़ाढस बंधाते हुए कहा, "कोई बात नहीं अब अपना लन्ड आगे-पीछे करना शुरु करता हूँ, तुम बहुत अच्छी बच्ची हो.... अब मुझे अपना गाँड़ मारने दो"। वो बोली, "जी सर... मुझे भी तो यह सब जानना ही है अपने शरीर के बारे में कि क्या और कितना बर्दास्त कर सकती हूँ। आज दिन भर में आप जितनी बार और जैसे चाहे कीजिए मेरे साथ, चाहो जो भी दर्द हो सब सह कर देख लेना है।" मैं अब अपने लन्ड को हल्के-हल्के भार खींच कर फ़िर से भीतर घुसाते हुए उसकी गाँड़ मारने लगा। वो भी अब थोड़ा शान्त हो कर मरवा रही थी, अब शायद उसको पता चल गया था कि उसको अब इससे ज्यादा दर्द नहीं बर्दास्त करना होगा। करीब पांच मिनट बाद मैंने उसकी गाँड़ में से अपना लन्ड पूरा बाहर निकाल लिया और तब देखा कि उसकी गाँड़ पूरा लाल भभूका हो कर खुली रह गई और मैं भीतर करीब तीन इंच तक देख रहा था लाल-लाल नली जैसे वो सिर्फ़ खून से बनी हो।


विभा भी उठ कर खड़ा हो गई और पास आ कर देखी कि गाँड़ भीतर में कैसी दिखती है फ़िर सिर्फ़ एक शब्द बोली, "बेचारी... सच में लड़की को बहुत सहना पडता है मर्दों की दुनिया में"। मैं हँस दिया और फ़िर से अपना लन्ड भीतर घुसा दिया। इस बार मुझे भी कम परेशानी हुई और नाज को भी। चार-पांच बार ऐसे ही करने हुए मैंने अपना करीब साथ इंच तक लन्ड भीतर घुसा लिया और चूँकि गाँड़ की पकड मेरे लन्ड पर चूत की पकड से ज्यादा तगड़ी थी तो मेरा लन्ड भी जल्दी खलास होने को आया और मैंने यही बात नाज को बताते हुए अपने लन्ड का मल उसकी गाँड में निकाल दिया और उसके ऊपर से हट गया। जब वो नीचे धम्म से बिस्तर पर गिरी तो उसको याद आया, "ओह सर... आप तो कंडोम पहने ही नहीं..."। सच्ची मैं तो भूल ही गया था... मैंने अपनी भूल स्वीकार की और फ़िर बिस्तर की चादर के एक कोने से अपना लन्ड पोछते हुए साफ़ करने लगा। हम दोनों गहरी-गहरी साँसे ले रहे थे। विभा अब हमें छोड़ कर चली गई और बोली, जल्दी से अपना-अपना धो लीजिए मैं चाय बनाने जा रही हूँ।


मैंने घडी देखा... सात बज रहा था। मैंने नाज को कहा, "जाओ अपना बदन ठीक से साफ़ कर लो, अभी थोडी देर में मेरे पड़ोस के सलीम चाचा आने वाले हैं, अगर उनका मन हुआ तो वो भी तुम्हें चोद सकते है। आज दिन भर लगातार तुम्हें चुदवाना होगा।" और मैं लुंगी लपेट कर बाहर बरामदे में आ गया और कुर्सी पर बैठ कर पेपर पढ़ने लगा। तभी सलीम चाचा आ गए और मैंने वहीं से आवाज दी, "विभा चाचा के लिए भी चाय बना देना... और यहीं ले आना"। मैंने उनसे पूचा, "तब चाचा क्या हाल है?" वो तो जानते ही थे कि मैं घर पर रंडी लाया हूँ, सो धीरे से पूछे, "हाल तो तुमको बतलाना चाहिए, नया खबर तो तुम्हारे घर पर है..."। विभा तीन कप चाय ले कर आ गई थी जब मैं कह रहा था, "अपनी तो पौ-बारह है चाचा... कल शाम को सील तोड़ी, रात को चोदा और फ़िर अभी सुबह में गाँड भी मर ली उसकी"। उनको उम्मीद नहीं थी कि मैं ऐसे बेशर्मी से विभा के सामने यह कह दुँगा। वो भौंचक हो कर कभी मुझे और कभी विभा को देख रहे थे। विभा तो कब से उनको पटाने के चक्कर में थी, वो मेरी बात सुन कर समझ गई कि मैंने उसके सामने ऐसी बात कही ही इस लिए है कि वो अब कुछ ज्यादा खुल जाए सो वो बोली, "चाय लीजिए चाचा, ठंडी हो जाएगी..."। सलीम चाचा अब अपना कप उठाते हुए बोले, "तुम मना नहीं की भैया को इस सब से। घर में ऐसे लड़की ले कर आए तो क्या यह अच्छी बात है"। विभा मुस्कुराते हुए बोली, "अब जब भैया को मन हो गया तो मैं कौन हूँ मना करने वाली। वैसे भी घर के बाहर वो यह सब करें इससे तो अच्छा है कि घर पर करें, बदनामी तो नहीं होगी अगर यह घर की दीवारों के पीछे हो"। अब उससे नजरें चुराते हुए धीरे से बोले, "हाँ, यह भी सही है"।


मैंने अब सलीम चाचा को और छेड़ा, "आप विभा की पैन्टी लाए हैं?" वो सकपका गए और तब विभा मुस्कुराई, "लाइए दीजिए, वो बहुत स्पेशल है मेरे लिए। वैसे भी आपको शायद यह पता नहीं है कि भैया जब आपको पैन्टी दिये थे, तब वह पैन्टी मेरे बदन से नहीं उतरा था"। मैंने आगे कहा, "हाँ, उनको पता है कि सायरा उसी पैन्टी को पहन कर जमील के साथ सेक्स की थी"। विभा अब अपने रंग में आई, "ओह हो... मतलब, बेटी की चूत की गंध ले कर अब तक मस्ती कर रहा था बुढ़्ढ़ा ठरकी"। अब तो उस बेचारे सलीम चाचा की जो हालत थी वो कहा नहीं जा सकता था। मैंने अब उसको इस हालते से उबारते हुए कहा, "अरे चाचा, अब छोड़िए यह सब बात और अगर मन है तो भीतर जा कर एक बार मजा कर लीजिए। मुस्लिम लडकी है, उर्दू में शेर पढ़ते हुए चोदिएगा तो उसको भी शायद मजा आएगा"। सलीम चाचा सिर्फ़ थुक निगलते रह गए। विभा अब उनको बेशर्म बनाने पर तुम गई थी, "पहले मेरी पैन्टी दीजिए, बहुत दिन से मेरा बदन उसको खोज रहा है, उसको पहनने के लिए ही तो कितना सजाना पडा था मुझे अपनी चीज को"। सलीम चाचा अब चुप-चाप अपने कुर्ते की जेब से वो नन्हीं सी पैन्टी निकाल कर टेबुल पर रख दिए और तब विभा उसको उठाई और फ़िर वहीं कुर्सी पर बैठे-बैठे उसको अपने तांगों में फ़ंसा कर खडी हो गई और फ़िर अपना नाईटी उठा कर बहुत आराम से सलीम चाचा को अपना चूत दिखाते हुए पैन्टी ऊपर कर ली। गनीमत था कि वो ऐसा करते हुए मेरी तरफ़ से उनकी तरह ज्यादा घुम गई थी जैसे कि वो मुझसे पर्दा कर रही हो। सलीम चाचा को सामने से मेरी बहन की गोरी चूत जिसपर उसने एक पतली रेखा की तरह अपनी झाँट साफ़ करके बनाई हुई थी, भरपुर देखने का मौका मिला। उनके चेहरे पर पसीना आ गया और तब विभा हँसते हुए वहाँ से खाली कप ले कर भीतर चली गई।
 

Superb
 •
      Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#117
08-05-2017, 07:33 PM
सलीम चाचा अब सिर्फ़ मुझे घूर रहे थे, बोले - "विभा से ऐसी उम्मीद नहीं थी। मुझे कभी नहीं लगा कि वो ऐसी लडकी है।" मैंने अब उनको कहा, "छोडिए विभा कि बात... आपको कभी लगा क्या कि आपकी सायरा ऐसे खुल्लम-खुल्ला जमील से चुदवा रही है। अब जब कल मैं खुद घर पर रंडी ले आया, तो विभा से अब क्यों पर्दा करूँ या उसको किस बात के लिए टोक-टाक करूँ। हमारे घर की लडकियाँ भी तो जवान हैं तो उनके भी अपने बदन की जरुरत होगी हीं। उनको उनके हाल पर छोड़िए और आप भीतर जा कर चढ़ जाइए उस रंडी पर। आपकी नूर से जरा सा ही बडी होगी, टंच माल है। कल ही उसकी सील टुटी है... आपको अपना सुहागरात याद आ जाएगा"। मैंने जब उनको लालच दिया तो अपने होठों पर जीभ फ़ेरते हुए वो बोले, "विभा क्या सोचेगी... कहीं वो सायरा को यह सब बता दी तो, या जुल्का जान गई तब?" मैंने कहा, "विभा की फ़िक्र छोडिए, वो तो देखी ही कि मैं उस लडकी से कैसे मस्ती कर रहा हूँ अपने बिस्तर पर। समझेगी कि आप भी उस लडकी से मस्ती कर रहे हैं।

चाची को तो वो कहने से रही। हाँ... सायरा से वो यब बता सकती है, तो क्या हुआ... सायर भी समझ जाएगी। बल्कि शायद खुश भी हो कि अभी भी उसके पापा को जवान लड़कियों में दिल्चस्पी है। बेटी को हमेशा अपने बाप से विशेष लगाव रहता है। वैसे भी अगर वो ब्लैक्मेल की तो आप भी उसको ब्लैक्मेल कर सकते हैं, उसको यह कहाँ पता है कि आप उसके और जमील के बार में जानते हैं। वैसे आप फ़िक्र मत कीजिए, दो-चार मुलाकात के बाद मैं आपकी बेटी को अपनी बिस्तर की रानी बना ही लूँगा। अब चलिए आपका परिचय नाज से करा दूँ"। मैं उनको ले कर घर के भीतर आ गया और विभा मुस्कुरा कर देखी जब मैं उनको अपने कमरे में ले गया। भीतर बिस्तर पर नाज नंगी ही लेटी हुई थी। हमें देख कर सकपकाई, फ़िर समझ गई कि यह वही सलीम चाचा हैं जिनके बारे में मैंने सुबह जिक्र किया था। वो बिस्तर पर ऊथ कर बैठ गई तो मैंने कहा, "नाज... ये सलीम चाचा हैं, इनको खुश कर देना। तुम्को इनके जैसे ही ठरकी ज्यादा मिलेगें यहाँ शहर में"। फ़िर मैंने चाचा की पीठ थपथपाई और फ़िर कमरे से बाहर निकल कर दरवाजा सटा दिया।

इसके बाद मैं किचेन में आया तो विभा मुस्कुरा रही थी। मैंने कहा, "विभा... देखो मैंने तो तुम्हारे लिए इस ठरकी का रास्ता साफ़ कर दिया। अब तो उसको सिर्फ़ बोलना है, वो तुम्हारे पर चढ जाएगा। तुम अब जल्दी से कुछ करो कि मुझे भी सायरा की चूत चोदने को मिले। वो अभी भी कसी हुई होगी, नहीं तो कुछ समय बाद तो जमील उसकी चूत को ढ़ीला कर ही देगा।" विभा अब बोली, "अच्छा क्या अब सायरा को यहाँ बुला कर लाऊँ, बडा मजा आयेगा जब बाप-बेटी का ऐसे आमना-सामना होगा। कौलेज में मैंने उसको बताया था कि चाचा ठरकी है तो वो मान ही नहीं रही थी"। मुझे उसकी बात सुन कर ही मजा आ गया और मैंने चट से हामी भर दी। विभा ने अब फ़ोन उठा लिया और सायरा को आने का निमंत्रण दी, तुम आओ न फ़िर सब समझ जाओगी कि मैं क्यों तुम्हें ऐसे सुबह-सुबह बुला रही हूँ। सायरा करीब दस मिनट के बाद आई। वो एक सफ़ेद सूती सलवार-सूट पहने थी और खुले बालों में शायद वो तब तेल लगा रही थी। वो अभी भी अपने सर की मालिश कर रही थी एक हाथ से। ५ फ़ीट २ इंच की सायरा का बदन बहुत ही मस्त था। उसके बदन पर गदराई हुई जवानी चढ़ी थी। चपटे पेट के साथ चौड़ी कमर गजब का हसीन थी वो। मुझे घर पर देख वो थोडा सकपकाई, तो मैंने मुस्कुरा दिया। विभा ने उसका हाथ पकडा, होठ पर उँगली रख कर चुप रहने का इशारा किया और फ़िर मेरे कमरे की तरफ़ बढ़ चली।


मैंने अब विभा को रोका, "ऐसे एकदम से नहीं... पहले बता तो दो सायरा को, क्या पता वो देखना न चाहे..." और मैं उन दोनों को विभा के कमरे मे ले आया। मैंने कहा, "असल में सायरा बात यह है कि... देखो, तुम्हें शायद बुरा लगे... पर माफ़ करना। मैं कल एक लडकी को घर लाया था, एक कौल-गर्ल है। विभा को तो यह सब पता है कि मैं कभी-कभी यह कर लेता हूँ... तुम समझ सकती हो, पर सलीम चाचा बेचारे अपने उम्र, घर-परिवार और शर्म की वजह से घुटते रहते हैं तो मैंने आज उनको भी न्योता दे दिया कि जब लडकी की पेमेन्ट दो दिन की है तो वो भी एक बार कर लें, क्या हर्ज है"। सायरा का मुँह मेरी यह बात सुन कर खुला का खुला रह गया। मैंने आगे कहा, "देखो अब से उनको पता चला है कि तुम और जमील आपस मे बहुत पहले से यह सब करते हो, वो बहुत तनाव में हैं। मैंने तो विभा को कहा कि चाचा का टेंशन दूर करने के लिए अगर वो एक बार उनको अपने साथ सुला ले तो...., पर संयोग ऐसा हुआ कि यह लडकी मुझे मिल गई और मैंने चाचा को उसी के साथ भे दिया है।

विभा तो रात को जब मैं उसके साथ था तो मुझे सब करते देखी, कह रही थी कि दूसरे को करते देखने का मजा लेगी और फ़िर अभी वही बोली कि तुम शायद अपने पापा को ठीक से नहीं समझती हो, तो वो तुम्हें यह दिखाना चाहती थी। असल में चाचा को मन तो बहुत रहता है सेक्स करने का पर तुम्हारी मम्मी अब ठंडी हो गई है। अब समझ लो कि चाचा यह जानते हुए भी कि उस पैन्टी में तुम्हारे चूत की गंध है, वो पिछले एक सप्ताह से उस पैन्टी को अपनी जेब में ले कर घुम रहे हैं।" मैंने एकदम साफ़ शब्दों में सब बात कह दी। अब अगर तुम समझो तो चाचा का ठरकीपना कम हो सकता है, महिने-दो महिने में चाचा के साथ भी कुछ समय बिता लो, बेचारा नहीं तो हिस्टीरिया का मरीज बन जाएँगे"।
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#118
08-05-2017, 07:49 PM
(08-05-2017, 07:33 PM)rajbr1981 :  सलीम चाचा अब सिर्फ़ मुझे घूर रहे थे, बोले - "विभा से ऐसी उम्मीद नहीं थी। मुझे कभी नहीं लगा कि वो ऐसी लडकी है।" मैंने अब उनको कहा, "छोडिए विभा कि बात... आपको कभी लगा क्या कि आपकी सायरा ऐसे खुल्लम-खुल्ला जमील से चुदवा रही है। अब जब कल मैं खुद घर पर रंडी ले आया, तो विभा से अब क्यों पर्दा करूँ या उसको किस बात के लिए टोक-टाक करूँ। हमारे घर की लडकियाँ भी तो जवान हैं तो उनके भी अपने बदन की जरुरत होगी हीं। उनको उनके हाल पर छोड़िए और आप भीतर जा कर चढ़ जाइए उस रंडी पर। आपकी नूर से जरा सा ही बडी होगी, टंच माल है। कल ही उसकी सील टुटी है... आपको अपना सुहागरात याद आ जाएगा"। मैंने जब उनको लालच दिया तो अपने होठों पर जीभ फ़ेरते हुए वो बोले, "विभा क्या सोचेगी... कहीं वो सायरा को यह सब बता दी तो, या जुल्का जान गई तब?" मैंने कहा, "विभा की फ़िक्र छोडिए, वो तो देखी ही कि मैं उस लडकी से कैसे मस्ती कर रहा हूँ अपने बिस्तर पर। समझेगी कि आप भी उस लडकी से मस्ती कर रहे हैं।

चाची को तो वो कहने से रही। हाँ... सायरा से वो यब बता सकती है, तो क्या हुआ... सायर भी समझ जाएगी। बल्कि शायद खुश भी हो कि अभी भी उसके पापा को जवान लड़कियों में दिल्चस्पी है। बेटी को हमेशा अपने बाप से विशेष लगाव रहता है। वैसे भी अगर वो ब्लैक्मेल की तो आप भी उसको ब्लैक्मेल कर सकते हैं, उसको यह कहाँ पता है कि आप उसके और जमील के बार में जानते हैं। वैसे आप फ़िक्र मत कीजिए, दो-चार मुलाकात के बाद मैं आपकी बेटी को अपनी बिस्तर की रानी बना ही लूँगा। अब चलिए आपका परिचय नाज से करा दूँ"। मैं उनको ले कर घर के भीतर आ गया और विभा मुस्कुरा कर देखी जब मैं उनको अपने कमरे में ले गया। भीतर बिस्तर पर नाज नंगी ही लेटी हुई थी। हमें देख कर सकपकाई, फ़िर समझ गई कि यह वही सलीम चाचा हैं जिनके बारे में मैंने सुबह जिक्र किया था। वो बिस्तर पर ऊथ कर बैठ गई तो मैंने कहा, "नाज... ये सलीम चाचा हैं, इनको खुश कर देना। तुम्को इनके जैसे ही ठरकी ज्यादा मिलेगें यहाँ शहर में"। फ़िर मैंने चाचा की पीठ थपथपाई और फ़िर कमरे से बाहर निकल कर दरवाजा सटा दिया।

इसके बाद मैं किचेन में आया तो विभा मुस्कुरा रही थी। मैंने कहा, "विभा... देखो मैंने तो तुम्हारे लिए इस ठरकी का रास्ता साफ़ कर दिया। अब तो उसको सिर्फ़ बोलना है, वो तुम्हारे पर चढ जाएगा। तुम अब जल्दी से कुछ करो कि मुझे भी सायरा की चूत चोदने को मिले। वो अभी भी कसी हुई होगी, नहीं तो कुछ समय बाद तो जमील उसकी चूत को ढ़ीला कर ही देगा।" विभा अब बोली, "अच्छा क्या अब सायरा को यहाँ बुला कर लाऊँ, बडा मजा आयेगा जब बाप-बेटी का ऐसे आमना-सामना होगा। कौलेज में मैंने उसको बताया था कि चाचा ठरकी है तो वो मान ही नहीं रही थी"। मुझे उसकी बात सुन कर ही मजा आ गया और मैंने चट से हामी भर दी। विभा ने अब फ़ोन उठा लिया और सायरा को आने का निमंत्रण दी, तुम आओ न फ़िर सब समझ जाओगी कि मैं क्यों तुम्हें ऐसे सुबह-सुबह बुला रही हूँ। सायरा करीब दस मिनट के बाद आई। वो एक सफ़ेद सूती सलवार-सूट पहने थी और खुले बालों में शायद वो तब तेल लगा रही थी। वो अभी भी अपने सर की मालिश कर रही थी एक हाथ से। ५ फ़ीट २ इंच की सायरा का बदन बहुत ही मस्त था। उसके बदन पर गदराई हुई जवानी चढ़ी थी। चपटे पेट के साथ चौड़ी कमर गजब का हसीन थी वो। मुझे घर पर देख वो थोडा सकपकाई, तो मैंने मुस्कुरा दिया। विभा ने उसका हाथ पकडा, होठ पर उँगली रख कर चुप रहने का इशारा किया और फ़िर मेरे कमरे की तरफ़ बढ़ चली।


मैंने अब विभा को रोका, "ऐसे एकदम से नहीं... पहले बता तो दो सायरा को, क्या पता वो देखना न चाहे..." और मैं उन दोनों को विभा के कमरे मे ले आया। मैंने कहा, "असल में सायरा बात यह है कि... देखो, तुम्हें शायद बुरा लगे... पर माफ़ करना। मैं कल एक लडकी को घर लाया था, एक कौल-गर्ल है। विभा को तो यह सब पता है कि मैं कभी-कभी यह कर लेता हूँ... तुम समझ सकती हो, पर सलीम चाचा बेचारे अपने उम्र, घर-परिवार और शर्म की वजह से घुटते रहते हैं तो मैंने आज उनको भी न्योता दे दिया कि जब लडकी की पेमेन्ट दो दिन की है तो वो भी एक बार कर लें, क्या हर्ज है"। सायरा का मुँह मेरी यह बात सुन कर खुला का खुला रह गया। मैंने आगे कहा, "देखो अब से उनको पता चला है कि तुम और जमील आपस मे बहुत पहले से यह सब करते हो, वो बहुत तनाव में हैं। मैंने तो विभा को कहा कि चाचा का टेंशन दूर करने के लिए अगर वो एक बार उनको अपने साथ सुला ले तो...., पर संयोग ऐसा हुआ कि यह लडकी मुझे मिल गई और मैंने चाचा को उसी के साथ भे दिया है।

विभा तो रात को जब मैं उसके साथ था तो मुझे सब करते देखी, कह रही थी कि दूसरे को करते देखने का मजा लेगी और फ़िर अभी वही बोली कि तुम शायद अपने पापा को ठीक से नहीं समझती हो, तो वो तुम्हें यह दिखाना चाहती थी। असल में चाचा को मन तो बहुत रहता है सेक्स करने का पर तुम्हारी मम्मी अब ठंडी हो गई है। अब समझ लो कि चाचा यह जानते हुए भी कि उस पैन्टी में तुम्हारे चूत की गंध है, वो पिछले एक सप्ताह से उस पैन्टी को अपनी जेब में ले कर घुम रहे हैं।" मैंने एकदम साफ़ शब्दों में सब बात कह दी। अब अगर तुम समझो तो चाचा का ठरकीपना कम हो सकता है, महिने-दो महिने में चाचा के साथ भी कुछ समय बिता लो, बेचारा नहीं तो हिस्टीरिया का मरीज बन जाएँगे"।

Good
 •
      Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#119
09-06-2017, 01:09 AM
(01-05-2017, 03:58 PM)dpmangla : Lovely

(04-05-2017, 04:57 PM)dpmangla : Superb

(08-05-2017, 07:49 PM)dpmangla : Good
Thankyou Thankyou Thankyou Thankyou Thankyou
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


sarfira69 Offline
New Bee
*
Joined: 25 Jun 2017
Reputation: 0


Posts: 69
Threads: 1

Likes Got: 38
Likes Given: 277


db Rs: Rs 5.87
#120
07-07-2017, 09:38 AM
अगली अपडेट कब तक डाल रहे हो इतनी इंतजार मत करवाया करो
 •
      Find
Reply


« Next Oldest | Next Newest »
Pages ( 15 ): « Previous 1 ..... 9 10 11 12 13 14 15 Next »
Jump to page 


Possibly Related Threads...
Thread Author Replies Views Last Post
Incest  बहन (PART-1) Incest lover 3 4,582 4 hours ago
Last Post: Pooja das
Incest  बहन (part-3) Incest lover 2 2,596 4 hours ago
Last Post: Pooja das
Incest  मेरी बहन नेहा के नन्गे जिस्म की तस्वीर Incest lover 7 1,200 27-07-2018, 05:16 PM
Last Post: Pooja das
Incest  शालिनी हमबिस्तर बहन Sagarshalini 74 126,302 27-07-2018, 03:25 AM
Last Post: Akashchoopra
Incest  दादी माँ बहन हम सभी चुदाई के बड़े मस्त मज़े लेते है ।। Incest lover 3 3,325 25-07-2018, 03:44 PM
Last Post: Pooja das
Incest  अपनी बहन के मुहं से ऐसी गंदी गंदी बातें सुनकर बड़ा चकित हुआ Incest lover 0 1,623 25-07-2018, 12:32 PM
Last Post: Incest lover
Incest  मेरी कज़िन बहन सोमी खूबसूरत और मस्त है, Incest lover 0 746 25-07-2018, 12:25 PM
Last Post: Incest lover
Incest  अपनी बहन की कुंवारी चूत की सील को तोड़ दिया, Incest lover 0 1,047 25-07-2018, 12:20 PM
Last Post: Incest lover
Incest  मेरी बहन प्रिया मुझे अपनी बड़ी अजीब नज़रों से देखती थी, Incest lover 0 1,009 25-07-2018, 12:13 PM
Last Post: Incest lover
Wife  दोनों पति पत्नी की गांड को साथ में चुदवाया जाए। anita manoj 0 1,465 21-07-2018, 01:45 PM
Last Post: anita manoj

  • View a Printable Version
  • Subscribe to this thread


Best Indian Adult Forum XXX Desi Nude Pics Desi Hot Glamour Pics

  • Contact Us
  • en.roksbi.ru
  • Return to Top
  • Mobile Version
  • RSS Syndication
Current time: 29-07-2018, 11:44 PM Powered By © 2012-2018
Linear Mode
Threaded Mode


hindi sex stories with chachi  xxx mallu hot  xxx bangali  hidden camera indian aunty  moti gand images  dijainar pajeb navele  maan ki chut  tamil sex kathakal  desi choot and boobs  adult desi forums  tamil hot aunty sexy photos  gayab movie hot scene  bengali sexy aunties  telugu aunty sex stories in english  apni video hot  vasna ki kahani  ma ka bur  tamil sex story in tanglish  hairy armpit lovers  bangla chat golpo  tamil stories 4v  hii re zalim dhere kar part 40  saman ghili  erotic comics in hindi  tamil dirtystories  adult sex stories telugu  milky bobbs  akka sex stores  actress shakila  tamil videos.illlll  sallu pics  desi navel  malayalam sax vidos  amma gudda dengudu  desi erotica stories  delhi dps mms video  tamanna sex stories  bangla sex stories in bangla font  bangla sex stores  sex bomb desi  nangi ladki ki kahani  அப்பா மகள் தினம் ஓழ்  sex stories in telugu  hindi sex stories bhai bahan  penelope black diamond pictures  sexy aunty clevage  cocksucking pic  suhag raat pic  urdu sex stories in urdu writing  desi xxc  kerala sex free video  desi pornfilm  desi breast feeding  cuckold husband pictures  babita sex  gif exbii  tamil insest story  groupsexpics  dd boobs pictures  sleeping pills sex stories  indian insect story  indian sexy bhabis  exbii actress hot  hindi font story  desi urdu hot stories  bollywood sex fake  hottest sex stories in telugu  vidya balan ki chut  malayalam story read  sexydesibangla.com  tamil xxxn videos  shakeela hot big boobs  malayalam xxx clips  exbii new aunties  xxx story in hindi fonts  bhabhi padosan