• HOME
  • AWARDS
  • Search
  • Help
Current time: 29-07-2018, 11:44 PM
Hello There, Guest! ( Login — Register )
› XXX STORIES › Hindi Sex Stories v
1 2 3 4 5 6 ..... 61 Next »

Desi छोटी बहन के साथ

Verify your Membership Click Here

Pages ( 15 ): « Previous 1 ..... 5 6 7 8 9 10 11 ..... 15 Next »
Jump to page 
Thread Modes
Desi छोटी बहन के साथ
rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#71
23-03-2017, 01:33 AM
मैंने उनको रंग में देख कर टोक दिया, "अच्छा चाचा, बताईए तो सच-सच, आप भी कोठे पर गये थे कभी"। वो अब अपनी आवाज नींचे करते हुए बोले, "हाँ... चार-पाँच बार... ज्यादा नहीं। तब हमलोग के पास इस सब के लिए फ़ालतू पैसा ही नहीं रहता था। कई दोस्त चन्दा करके जाते थे"। विभा तभी तीन कप चाय ले कर आ गई और उनकी कही बात का अंतिम आधा हिस्सा सुनते हुए बोली, "किस चीज के लिए चन्दा हो रहा है?" सलीम जी को विभा के आने की उम्मीद नहीं थी और वो सकपका गए। मुझे अब उनसे बात करते हुए मजा आ रहा था तो मैंने बात को आगे बढ़ाने के लिए बोला, "चन्दा हो नहीं रहा है... चाचा बता रहे हैं कि अपने टाईम में कैसे वो और उनके दोस्त चन्दा करके कोठे पर जाया करते थे।" सलीम जी की बड़ी बेटी सायरा, विभा के कौलेज में उससे एक साल नीचे थी जबकि छोटी बेटी नूर ग्यारहवीं में पढती थी। सलीम जी का परिवार मुहल्ले में अकेला मुसलमान परिवार था और वो खुब हिलमिल कर रहते थे। जब हम सब चाय पीने लगे तो मैंने कहा, "कितना पैसा लगता था तब कोठे पर तब के टाईम में?" विभा की उपस्थिति से सलीम जी थोडा परेशान थे सो बोले, "छोडो, अब यह सब बात, बहुत पुरानी हो गई"। विभा बोली, "हाँ, चाचा अब तो न कहीं कोठा रहा नहीं, अब तो सब मुहल्ले में होने लगा है...", वो भी अब अखबार में छपी खबर पढ रही थी। मैंने फ़िर कहा, "चाचा, बताईए न ... विभा किसी को कुछ नहीं बताएगी, क्यों विभा...?" विभा भी अब मेरे इशारे को समझ कर बोली, "यह सब बात कहीं किसी को बताया जाता है... हाँ चाचा बताईए न कुछ कोठे के बारे में, हमलोग तो सिर्फ़ कुछ पुरानी फ़िल्मों में ही देखें है यह सब"।


हम दोनों भाई-बहन अब उनसे जिद पर उतर आए थे। सलीम चाचा ने अब हम दोनों पर नजर डाली और बोले, "नहीं, कहीं तुम लोग के मुँह से कुछ निकल गया, विभा को तो सायरा से कौलेज में भी भेंट होता है, अगर कहीं कुछ बोल दी तो...?" विभा अभी एक पतला सा स्लीव-लेस नाईटी पहने थी जो उसके घुटनों तक ही लम्बा था। करीब महिने भर से बाल साफ़ नहीं की थी तो काँख में काले बाल दिख रहे थे। वो अब अपने हाथ ऊपर करके अपने बालों का जुडा बनाने की कोशिश करते हुए और अपने बदन की नुमाईश करते हुए बोली, "अरे चाचा, आप बेफ़िक्र रहिए। सायरा को कुछ भी नहीं कहुँगी, बल्कि किसी को कुछ नहीं कहुँगी"। मैं देख रहा था कि सलीम चाचा की नजर अब विभा की चुचियों पर से सरकते हुए उसके काँख की तरफ़ थी और वो हसरत से मेरी बहन के बदन को घूर रहे थे। विभा मुस्कुराई और बोली, "बताईए न प्लीज..."। जवान लडकी अगर ऐसे बिंदास हो कर अपना प्रदर्शन करे तो कौन मर्द है जो नहीं पिघलेगा..."। सलीम जी शुरु हो गए..., "मेरे कौलेज टाईम की बात है। हमलोग तीन दोस्तों का ग्रुप था और हमलोग पैसे बचा-बचा कर कभी कभार महिने-दो महिने में कोठे पर हो आया करते थे। ऐसे कम पैसे में तब लदकी तो मिलती नहीं थी, सो औरत से काम चला लेते थे।" मैंने कहा, "मतलब आपके जीवन की पहली लडकी चाची ही थी। अपने कोठे के अनुभव के बाद तो आप सुहागरात को उनकी जान निकाल दिये होंगे?" वो विभा को देख अब भी थोडा हिचक रहे थे, पर बोले..."ऐसा नहीं है, बेचारी से निकाह तो हड़बड़ी में हो गया। असल में जुल्का (चाची का नाम है) की बडी बहन के साथ मुझे उनकी अम्मी ने पकड़ लिया। वो अपनी बड़ी बेटी की शादी अरब में नौकरी कर रहे एक इंजीनियर से तय कर दीं थी, पर वो मेरे साथ इश्क करती थी। जब निकाह में तीन दिन बचा तो एक दोपहर वो भाग कर मेरे रूम पर आ गयी और उसके करीब दो घन्टे बाद उनकी अम्मी भी पहुँच गई। बदनामी ना हो सो उसने मुझे जुल्का से निकाह करने को कहा और मैं भी घबड़ाहट में मान गया और इस तरह से हमारा निकाह हुआ। जुल्का मेरे खाला (मौसी) की बेटी है, सो सब बात दब गई। पर जुल्का को पता था यह सब सो उसके साथ हमारे संबंध तो निकाह के करीब सप्ताह भर बाद ही सामान्य हुए, और तुम सुहाग-रात की बात कर रहे हो। अब छोडो यह सब बात..., तुम लोग बच्चे हो, तुम लोगों ज्यादा क्या कहूँ।" उनकी नजरें विभा की गदराई जवानी को घूर रही थी।
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#72
23-03-2017, 02:47 PM
(23-03-2017, 01:33 AM)rajbr1981 :  मैंने उनको रंग में देख कर टोक दिया, "अच्छा चाचा, बताईए तो सच-सच, आप भी कोठे पर गये थे कभी"। वो अब अपनी आवाज नींचे करते हुए बोले, "हाँ... चार-पाँच बार... ज्यादा नहीं। तब हमलोग के पास इस सब के लिए फ़ालतू पैसा ही नहीं रहता था। कई दोस्त चन्दा करके जाते थे"। विभा तभी तीन कप चाय ले कर आ गई और उनकी कही बात का अंतिम आधा हिस्सा सुनते हुए बोली, "किस चीज के लिए चन्दा हो रहा है?" सलीम जी को विभा के आने की उम्मीद नहीं थी और वो सकपका गए। मुझे अब उनसे बात करते हुए मजा आ रहा था तो मैंने बात को आगे बढ़ाने के लिए बोला, "चन्दा हो नहीं रहा है... चाचा बता रहे हैं कि अपने टाईम में कैसे वो और उनके दोस्त चन्दा करके कोठे पर जाया करते थे।" सलीम जी की बड़ी बेटी सायरा, विभा के कौलेज में उससे एक साल नीचे थी जबकि छोटी बेटी नूर ग्यारहवीं में पढती थी। सलीम जी का परिवार मुहल्ले में अकेला मुसलमान परिवार था और वो खुब हिलमिल कर रहते थे। जब हम सब चाय पीने लगे तो मैंने कहा, "कितना पैसा लगता था तब कोठे पर तब के टाईम में?" विभा की उपस्थिति से सलीम जी थोडा परेशान थे सो बोले, "छोडो, अब यह सब बात, बहुत पुरानी हो गई"। विभा बोली, "हाँ, चाचा अब तो न कहीं कोठा रहा नहीं, अब तो सब मुहल्ले में होने लगा है...", वो भी अब अखबार में छपी खबर पढ रही थी। मैंने फ़िर कहा, "चाचा, बताईए न ... विभा किसी को कुछ नहीं बताएगी, क्यों विभा...?" विभा भी अब मेरे इशारे को समझ कर बोली, "यह सब बात कहीं किसी को बताया जाता है... हाँ चाचा बताईए न कुछ कोठे के बारे में, हमलोग तो सिर्फ़ कुछ पुरानी फ़िल्मों में ही देखें है यह सब"।


हम दोनों भाई-बहन अब उनसे जिद पर उतर आए थे। सलीम चाचा ने अब हम दोनों पर नजर डाली और बोले, "नहीं, कहीं तुम लोग के मुँह से कुछ निकल गया, विभा को तो सायरा से कौलेज में भी भेंट होता है, अगर कहीं कुछ बोल दी तो...?" विभा अभी एक पतला सा स्लीव-लेस नाईटी पहने थी जो उसके घुटनों तक ही लम्बा था। करीब महिने भर से बाल साफ़ नहीं की थी तो काँख में काले बाल दिख रहे थे। वो अब अपने हाथ ऊपर करके अपने बालों का जुडा बनाने की कोशिश करते हुए और अपने बदन की नुमाईश करते हुए बोली, "अरे चाचा, आप बेफ़िक्र रहिए। सायरा को कुछ भी नहीं कहुँगी, बल्कि किसी को कुछ नहीं कहुँगी"। मैं देख रहा था कि सलीम चाचा की नजर अब विभा की चुचियों पर से सरकते हुए उसके काँख की तरफ़ थी और वो हसरत से मेरी बहन के बदन को घूर रहे थे। विभा मुस्कुराई और बोली, "बताईए न प्लीज..."। जवान लडकी अगर ऐसे बिंदास हो कर अपना प्रदर्शन करे तो कौन मर्द है जो नहीं पिघलेगा..."। सलीम जी शुरु हो गए..., "मेरे कौलेज टाईम की बात है। हमलोग तीन दोस्तों का ग्रुप था और हमलोग पैसे बचा-बचा कर कभी कभार महिने-दो महिने में कोठे पर हो आया करते थे। ऐसे कम पैसे में तब लदकी तो मिलती नहीं थी, सो औरत से काम चला लेते थे।" मैंने कहा, "मतलब आपके जीवन की पहली लडकी चाची ही थी। अपने कोठे के अनुभव के बाद तो आप सुहागरात को उनकी जान निकाल दिये होंगे?" वो विभा को देख अब भी थोडा हिचक रहे थे, पर बोले..."ऐसा नहीं है, बेचारी से निकाह तो हड़बड़ी में हो गया। असल में जुल्का (चाची का नाम है) की बडी बहन के साथ मुझे उनकी अम्मी ने पकड़ लिया। वो अपनी बड़ी बेटी की शादी अरब में नौकरी कर रहे एक इंजीनियर से तय कर दीं थी, पर वो मेरे साथ इश्क करती थी। जब निकाह में तीन दिन बचा तो एक दोपहर वो भाग कर मेरे रूम पर आ गयी और उसके करीब दो घन्टे बाद उनकी अम्मी भी पहुँच गई। बदनामी ना हो सो उसने मुझे जुल्का से निकाह करने को कहा और मैं भी घबड़ाहट में मान गया और इस तरह से हमारा निकाह हुआ। जुल्का मेरे खाला (मौसी) की बेटी है, सो सब बात दब गई। पर जुल्का को पता था यह सब सो उसके साथ हमारे संबंध तो निकाह के करीब सप्ताह भर बाद ही सामान्य हुए, और तुम सुहाग-रात की बात कर रहे हो। अब छोडो यह सब बात..., तुम लोग बच्चे हो, तुम लोगों ज्यादा क्या कहूँ।" उनकी नजरें विभा की गदराई जवानी को घूर रही थी।
Nice Post
 •
      Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#73
25-03-2017, 12:37 AM
विभा सब समझ रही थी और वो अब उठ कर चाय की प्याली ले कर चली गई और फ़िर हाथ में झाड़ू ले कर बाहर आ गई। विभा अब बरामदे पर झाडू लगाने लगी थी। उसके झुकने से उसकी छाती लगभग पूरी तरह से सलीम चाचा को दिख रहा था। ब्रा तो वो पहनी नहीं थी और वो सब समझ कर अपना बदन उनको दिखा रही थी। जब वो खडा हो कर छत से मकड़ी का जाला साफ़ करने लगी तो मुझे भी लगा कि यह कुछ ज्यादा ही है। धूप निकल आने से उसकी पतली नाईटी लगभग पारदर्शी हो गई थी और धूप की वजह से उसका पूरा बदन ही एक तरह से अब दिख रहा था। सलीम चाचा उसको अब बिचैन की तरह घूर रहे थे और मैंने भी अब विभा को कह दिया, "विभा, यह क्या तुम पतला सा नाईटी पहन कर ऐसे बाहर खड़ी हो, तुमको पता भी है धूप के कारण तुम्हारा सारा बदन दिख रहा है, चलो छाया में आओ पहले"। वो मुझे नाराज देख कर थोडा घबराई और चट से एक तरफ़ हो कर नाईटी को अपनी छाती पर ठीक से पकड़ लिया। फ़िर नीचे बैठ कर वो झाड़ू लगाने लगी। सलीम चाचा भी अब जाने के लिए उठ गए और तभी मैंने विभा को आँख मारी। वो अब अपने नाईटी को समेट कर अपने गोद में रख कर बैठ गई जमीन पर इस तरह से बैठी की जब वो धीरे-धीरे नीचे झुक रही थी उसकी चूत करीब १० सेकेन्ड के लिए मुझे और चाचा को दिख गई। उसकी फ़ाँक और चारों तरफ़ के बाल भी। हमें अपने चूत की तरफ़ देखते हुए वो शर्मा गई और चट से अपनी चूत को सही तरीके से ढक लिया। सलीम चाचा अब बिना देर किए हम दोनों को शाम की चाय का निमंत्रण दे कर लौट गए और हम दोनों एक-दूसरे की तरफ़ देख कर मुस्कुरा दिए। मैं विभा से बोला, "तुम भी न बहुत कुत्ती चीज हो गई हो पिचले कुछ महिने में। बेचारे भले आदमी का जान चली जाएगी ऐसे अगर तुम अपना बदन दो-चार बार और दिखा दी तो।" वो हँस दी और बोली, "भैया, आप जब मुझे पुरी के होटल में बिगाडे तो मेरे साथ बेशर्मी का हद पार कर दिए और अब आपको ही बूरा लग रहा है जब मैं सलीम चाचा को जरा सा एक बार बदन झलका दी। अरे थोडा टेस्ट बदल जाएगा और क्या, अगर सलीम चाचा पट गए तो..."। मैंने भी कहा, "तुम तो अपना टेस्ट बदल लोगी और मेरा क्या?"


अब वो मुझे समझाई, "अरे भैया, सब सोच कर ही तो मैं ऐसे की हूँ। उनके घर में दो-दो मर्द है और तीन-तीन औरत, आपके लिए तो १६ साल की चूत से ले कर ४६ साल की अनुभवी का इंतजाम हो जाएगा अगर इस घर से रिश्ता हो गया तो"। मैंने शक जताया, "सो तो ठीक है, पर अभी तक यह पता नहीं है न कि उन चूत-वालियों के मिजाज में क्या है..., वैसे सलीम चाचा तो फ़ँस गए तुम्हारे जाल में और उनके भतीजे जमाल के साधु होने की तो उम्मीद हीं नहीं है"। विभा के साथ मै अब घर में आ गया था और वो अब अपने नाईटी को उतारते हुए बोली, "सायरा के बारे में तो कोई शक ही नहीं है, वो तो पहले से चालू है जमील के साथ करीब एक साल से घर-वालों से छुप कर। मुझे वो बताई थी एक बार, क्या पता नूर भी जमील के साथ शुरु हो गई हो अब तक। मुस्लिम लडकियाँ तो जरा कम उमर में हीं यह सब समझने लगती हैं और उनके यहाँ तो घर में ही सब रिश्ते तय हो जाते हैं"। मैंने अब विभा के नंगे बदन को अपने बाहों में खींचा, "और हम क्या अपने घर में सही हैं जो मुस्लिमों को दोष दें। तुम्हारा रिश्ता तो मेरे साथ - घर में सैंया, बाहर भैया - वाला है।" वो हँसी और फ़िर नहाने के लिए भाग गई। मैं भी अब अपना टुथ-ब्रश ले कर बेसिन की तरफ़ बढ़ गया। दिन में विभा की तीन सहेलियाँ घर आ गई थीं और घर गुलजार हो गया। शाम करीब पाँच बजे सलीम जी का फ़ोन आ गया और हम उनके घर जाने को तैयार होने लगे। विभा आज एक लो-वेस्ट डेनिम कैप्री पहनी और एक स्लीव-लेस टाईट टी-शर्ट बिना ब्रा जिससे उसके निप्पल झलक रहे थे। वो जब झुक कर अपने हाई हील सैंडल पहन रही थी तो मैंने देखा कि उसने आज कई दिन बाद अपना वो सेक्सी वाला पैन्टी पहना था जिसमें कपडा कम धागा ज्यादा था और उसके झुकने से उसके कमर पर उसकी जी-स्ट्रिंग पैन्टी के डिजाईन का पूरा अंदाजा होने लगा था। मुझे अपनी तरफ़ देखते हुए देख कर वो मुस्कुरा कर बोली, "आज ही तो मौका है, पूरे घर का मूड समझने का। आप तो कुछ मेरे साथ कर नहीं पाईएगा यहाँ भैया तो मुझे हीं सब करना होगा"। मैंने कहा, "ठीक है, पर याद रहे... हम यहाँ भाई-बहन हीं है मुहल्ले में। मुझे बे-ईज्जत मत करना ध्यान रहे।" मुझे आँख मारते हुए वो बोली, "जब चोदते हैं तब मैं बहन नहीं होती हूँ क्या?" और कमरे से बाहर निकल गई और मैं भी पीछे-पीछे चल दिया। पीछे से विभा की गोल-गोल चुतड़ों को देख कर मैं ललच गया, पर अभी इसका टाईम नहीं था...।
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#74
26-03-2017, 09:04 AM
सलीम चाचा ने बहुत गर्मजोशी से हमारा स्वागत किया। वो अब ललचाई नजरों से विभा के टी-शर्ट से झाँकती निप्पल को देख रहे थे पर दिखा ऐसे रहे थे कि वो विभा को नहीं देख रहे हैं। जुल्का चाची ४६ साल की महिला थीं और वो एक सफ़ेद सलवार सूट पहने हुए थी। पाँच फ़ीट दो ईंच लम्बी चाची का फ़ीगर ३६-३२-४० रहा होगा। विभा चाची के पैर छुने के लिए झुकी और पीछे से लो-वेस्ट कैप्री से उसकी सेक्सी पैन्टी की झलक दिखी। चाची यह नजारा नहीं देख पाईं पर बाकी हम सब यह देखे। टी-शर्ट भी काफ़ी ऊपर हो गया था वो विभा की पीठ लगभग आधा नंगा दिखने लगी। विभा उठी और फ़िर अदा से अपने टी-शर्ट को नीचे की। मैंने गैर किया कि चाचा की दोनों बेटियाँ भी विभा के इस अदा को देख कर भौंचक थी। मैं अब उनकी बडी बेटी सायरा को घूरा। मुझे पता था कि यह लौंडिया लंड से खेल चुकी है। सायरा करीब २० साल की भरे बदन की लडकी थी, मेरी बहन स्वीटी की तरह। पाँच फ़ीट दो ईंच, बिल्कुल अपनी मम्मी की कार्बन कौपी, सब अपनी मम्मी से दुबली थी। उसकी फ़ीगर होगी, ३६-२८-३८। बदन थोड़ा भरा हुआ था पर रंग से गजब की गोरी थी। वो पीला प्रिन्ट वाला सलवार-सूट पहने हुए थी। मुझे अपनी तरफ़ देखते हुए देख वो मुझे सलाम की। अब मैंने अपना ध्यान कमरे की सबसे कम उम्र चूत की तरफ़ किया। चुलबुली नूर पतली दुबली १६ साल की लड़की थी। छोटी छातियों वाली नूर को ब्रा पहनने की जरुरत ही नहीं थी। वो अपने मम्मी और दीदी से लम्बी भी थी, करीब पाँच फ़ीट चार ईंच, और रंग भी सायरा से थोडा कम था, पर गोरी थी। वो एक फ़्लोरल प्रिन्ट वाला फ़्रौक पहने थी। उसने भी मुझे सलाम किया और हम सब बैठ गए। मैंने सलीम चाचा से जमील के बारे में पूछा तो वो बोले कि जरा बाजार गया है कुछ सामन लेने, आता ही होगा। चाची चाय बनाने चली गई और सायरा विभा को अपने कमरे में ले गई। नूर भी उन दोनों के पीछे-पीछे चली गई। मैं देख रहा था कि सलीम चाचा की नजर पीछे से मेरी बहन विभा की मटकती चुतड़ों पर गडी हुई थी। मुझे पता था कि बेचारा अब तरस रहे हैं।


गले से थूक गटकते हुए चाचा बोले, "एक बात कहूँ बेटा... बूरा मत मानना... प्लीज"। मैं समझ तो गया पर बोला, "नहीं-नहीं, आप चाचा कहिए, क्या कहना चाहते हैं?" सलीम चाचा धीमी आवाज में बोले, "विभा कितनी बदल गई है..., पहले कैसे शर्मा कर रहती थी और अब पिछले करीब चार-छः महीने से देख रहा हूँ, वो भी जमाने के साथ ढ़ल गई है। लड़की को थोड़ा पर्दा तो करना चाहिए"। मैंने कहा, "कह तो आप ठीक रहे हैं, पर अब कपड़े ही ऐसे-ऐसे आने लगे हैं फ़ैशन में कि क्या किया जाए। प्रभा आई थी तो वो ही ये सब फ़ैशनेबल कपडे लाई थी। बहुत समझाई विभा को कि ऐसे छुईमुई सी न बनी रहे, कल को उसकी शादी किसी ऐसे घर में हो गई जहाँ सब ऐसे हीं हों तो उसको नये घर के माहौल में मिलने में परेशानी होगी। अब हमारे शहर में तो वो ऐसे घुमने जा नहीं सकती तो वो मुझसे पूछी कि क्या आज वो आपके घर आते हुए ये पहन ले। मैंने ही कहा कि ठीक है... चाचा के घर में कैसी शर्म...। वैसे विभा है अच्छी लड़की..., पर क्या कीजिएगा। दुनिया इस तरह बदल गई है कि क्या कहा जाए। प्रभा बता रही थी कि वहाँ औस्टैलिया का महौल ऐसा खुला हुआ है कि कुछ पूछिए मत"। वो अब मेरी हाँ में हाँ मिलाए और बोली, "हाँ, जमाना तेजी से बदल गया है, पर विभा जैसी थी उस हिसाब से वो जमाने से भी ज्यादा तेजी से बदली है, अच्छा है जमाने के लिए"। यह कहते हुए वो मुस्कुराने लगे तो मैंने भी मुस्कुराते हुए कह दिया, "हाँ, देख रहा हूँ चाचा सुबह से आपकी नजर तो उसी पर लगी रहती है अगर वो आस-पास हो तो"। मुझे ऐसे मुस्कुरा कर बात करते देख कर उनको हिमात आया और बोले, "झूठ नहीं बोलुँगा, पर कसम से... सुबह वो जैसे मिली, मेरी तो तब से बोलती बन्द है।" मैंने भी जवाब दिया, "अरे चाचा, वो तो मेरी भी सिट्टि-पिट्टि गुम कर देती है कभी कभी। सोचिए तो जब वो आज ही मुझसे पूछी होगी कि यह सब पहन लूँ चाचा के घर जाने के लिए, तब मेरा क्या हाल हुआ होगा?" सलीम चाचा मुसकुरा कर बोले, "अभी तो फ़िर भी सही है, पर सुबह का सोचो न गुड्डू, वो नाईटी कैसा था और जब धूप में वो रखी थी तब...तुम ठीक टोके थे उसको। वो नाईटी रात में, कम रोशनी में पहन कर सोने के लिए ठीक है, पर ऐसे धूप में तो वो पहनो न पहनो सब बराबर ही था।" मैं भी अब बोला, "हाँ सच में सुबह तो बहुत गंदा लग रहा था जब वो खडी हो कर जाले साफ़ करने लगी थी, और वो थोडा अल्हड़ भी है आप देखे हीं होंगे जब वो जमीन पर बैठ कर झाड़ू लगाने लगी तब कैसे नाईटी समेटी थी। बताईए तो, ऐसे कोई समझदार लड़की अपने बदन का सबसे प्राईवेट अंग को दिखाएगी। हालाँकि वो जल्दी ही समझ गई।" सलीम चाचा बोले, "हाँ, यह तो है... असल में माँ नहीं है न, इसीलिए उसको इस सब का एहसास नहीं है, माँ ही तो लडकी को ऊठने-बैठने का सलीका सीखा देती है टोक-टोक कर। सायरा तो ठीक है पर मेरी नूर को देखोगे तो वो भी ऐसे ही अल्हड है, अब तो बहुत सुधरी है... पर फ़िर भी।" मैंने थोड़ा अफ़सोस से कहा, "हाँ आप बिल्कुल सही बात कह रहे हैं, लडकी को पालने के लिए माँ जरूरी है। अगर आज मम्मी होती तो यह सब परेशानी नहीं होती। असल में विभा कभी लडकों से ज्यादा हिलि-मिलि भी नहीं, नहीं तो लडके हीं उसको घूर-घूर कर सब समझा देते कि क्या कैसे छुपाना है। अब अभी की बात ही देख लीजिए, जब वो मुझसे अपने ड्रेस के बारे में सलाह ले रही थी। वो जो अपने पैन्ट के नीचे पहनी है, उसका क्या मतलब है, और बताई जरा मैं क्या जवाब दूँ, जब छोटी बहन... उस चीज को ऐसे सामने ले कर खड़ी हो जाए कि इसको पहनूँ क्या?" हम दोनों हँसने लगे और वो बोले, "हा हा हा.... सच में तुम्हारी हालत अब मुझे समझ में आ रहा है।" तभी चाची चाय ले कर आ गई और वो चाची की तरफ़ इशारा करके चुप हो गए।
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#75
28-03-2017, 04:33 PM
(26-03-2017, 09:04 AM)rajbr1981 :  सलीम चाचा ने बहुत गर्मजोशी से हमारा स्वागत किया। वो अब ललचाई नजरों से विभा के टी-शर्ट से झाँकती निप्पल को देख रहे थे पर दिखा ऐसे रहे थे कि वो विभा को नहीं देख रहे हैं। जुल्का चाची ४६ साल की महिला थीं और वो एक सफ़ेद सलवार सूट पहने हुए थी। पाँच फ़ीट दो ईंच लम्बी चाची का फ़ीगर ३६-३२-४० रहा होगा। विभा चाची के पैर छुने के लिए झुकी और पीछे से लो-वेस्ट कैप्री से उसकी सेक्सी पैन्टी की झलक दिखी। चाची यह नजारा नहीं देख पाईं पर बाकी हम सब यह देखे। टी-शर्ट भी काफ़ी ऊपर हो गया था वो विभा की पीठ लगभग आधा नंगा दिखने लगी। विभा उठी और फ़िर अदा से अपने टी-शर्ट को नीचे की। मैंने गैर किया कि चाचा की दोनों बेटियाँ भी विभा के इस अदा को देख कर भौंचक थी। मैं अब उनकी बडी बेटी सायरा को घूरा। मुझे पता था कि यह लौंडिया लंड से खेल चुकी है। सायरा करीब २० साल की भरे बदन की लडकी थी, मेरी बहन स्वीटी की तरह। पाँच फ़ीट दो ईंच, बिल्कुल अपनी मम्मी की कार्बन कौपी, सब अपनी मम्मी से दुबली थी। उसकी फ़ीगर होगी, ३६-२८-३८। बदन थोड़ा भरा हुआ था पर रंग से गजब की गोरी थी। वो पीला प्रिन्ट वाला सलवार-सूट पहने हुए थी। मुझे अपनी तरफ़ देखते हुए देख वो मुझे सलाम की। अब मैंने अपना ध्यान कमरे की सबसे कम उम्र चूत की तरफ़ किया। चुलबुली नूर पतली दुबली १६ साल की लड़की थी। छोटी छातियों वाली नूर को ब्रा पहनने की जरुरत ही नहीं थी। वो अपने मम्मी और दीदी से लम्बी भी थी, करीब पाँच फ़ीट चार ईंच, और रंग भी सायरा से थोडा कम था, पर गोरी थी। वो एक फ़्लोरल प्रिन्ट वाला फ़्रौक पहने थी। उसने भी मुझे सलाम किया और हम सब बैठ गए। मैंने सलीम चाचा से जमील के बारे में पूछा तो वो बोले कि जरा बाजार गया है कुछ सामन लेने, आता ही होगा। चाची चाय बनाने चली गई और सायरा विभा को अपने कमरे में ले गई। नूर भी उन दोनों के पीछे-पीछे चली गई। मैं देख रहा था कि सलीम चाचा की नजर पीछे से मेरी बहन विभा की मटकती चुतड़ों पर गडी हुई थी। मुझे पता था कि बेचारा अब तरस रहे हैं।


गले से थूक गटकते हुए चाचा बोले, "एक बात कहूँ बेटा... बूरा मत मानना... प्लीज"। मैं समझ तो गया पर बोला, "नहीं-नहीं, आप चाचा कहिए, क्या कहना चाहते हैं?" सलीम चाचा धीमी आवाज में बोले, "विभा कितनी बदल गई है..., पहले कैसे शर्मा कर रहती थी और अब पिछले करीब चार-छः महीने से देख रहा हूँ, वो भी जमाने के साथ ढ़ल गई है। लड़की को थोड़ा पर्दा तो करना चाहिए"। मैंने कहा, "कह तो आप ठीक रहे हैं, पर अब कपड़े ही ऐसे-ऐसे आने लगे हैं फ़ैशन में कि क्या किया जाए। प्रभा आई थी तो वो ही ये सब फ़ैशनेबल कपडे लाई थी। बहुत समझाई विभा को कि ऐसे छुईमुई सी न बनी रहे, कल को उसकी शादी किसी ऐसे घर में हो गई जहाँ सब ऐसे हीं हों तो उसको नये घर के माहौल में मिलने में परेशानी होगी। अब हमारे शहर में तो वो ऐसे घुमने जा नहीं सकती तो वो मुझसे पूछी कि क्या आज वो आपके घर आते हुए ये पहन ले। मैंने ही कहा कि ठीक है... चाचा के घर में कैसी शर्म...। वैसे विभा है अच्छी लड़की..., पर क्या कीजिएगा। दुनिया इस तरह बदल गई है कि क्या कहा जाए। प्रभा बता रही थी कि वहाँ औस्टैलिया का महौल ऐसा खुला हुआ है कि कुछ पूछिए मत"। वो अब मेरी हाँ में हाँ मिलाए और बोली, "हाँ, जमाना तेजी से बदल गया है, पर विभा जैसी थी उस हिसाब से वो जमाने से भी ज्यादा तेजी से बदली है, अच्छा है जमाने के लिए"। यह कहते हुए वो मुस्कुराने लगे तो मैंने भी मुस्कुराते हुए कह दिया, "हाँ, देख रहा हूँ चाचा सुबह से आपकी नजर तो उसी पर लगी रहती है अगर वो आस-पास हो तो"। मुझे ऐसे मुस्कुरा कर बात करते देख कर उनको हिमात आया और बोले, "झूठ नहीं बोलुँगा, पर कसम से... सुबह वो जैसे मिली, मेरी तो तब से बोलती बन्द है।" मैंने भी जवाब दिया, "अरे चाचा, वो तो मेरी भी सिट्टि-पिट्टि गुम कर देती है कभी कभी। सोचिए तो जब वो आज ही मुझसे पूछी होगी कि यह सब पहन लूँ चाचा के घर जाने के लिए, तब मेरा क्या हाल हुआ होगा?" सलीम चाचा मुसकुरा कर बोले, "अभी तो फ़िर भी सही है, पर सुबह का सोचो न गुड्डू, वो नाईटी कैसा था और जब धूप में वो रखी थी तब...तुम ठीक टोके थे उसको। वो नाईटी रात में, कम रोशनी में पहन कर सोने के लिए ठीक है, पर ऐसे धूप में तो वो पहनो न पहनो सब बराबर ही था।" मैं भी अब बोला, "हाँ सच में सुबह तो बहुत गंदा लग रहा था जब वो खडी हो कर जाले साफ़ करने लगी थी, और वो थोडा अल्हड़ भी है आप देखे हीं होंगे जब वो जमीन पर बैठ कर झाड़ू लगाने लगी तब कैसे नाईटी समेटी थी। बताईए तो, ऐसे कोई समझदार लड़की अपने बदन का सबसे प्राईवेट अंग को दिखाएगी। हालाँकि वो जल्दी ही समझ गई।" सलीम चाचा बोले, "हाँ, यह तो है... असल में माँ नहीं है न, इसीलिए उसको इस सब का एहसास नहीं है, माँ ही तो लडकी को ऊठने-बैठने का सलीका सीखा देती है टोक-टोक कर। सायरा तो ठीक है पर मेरी नूर को देखोगे तो वो भी ऐसे ही अल्हड है, अब तो बहुत सुधरी है... पर फ़िर भी।" मैंने थोड़ा अफ़सोस से कहा, "हाँ आप बिल्कुल सही बात कह रहे हैं, लडकी को पालने के लिए माँ जरूरी है। अगर आज मम्मी होती तो यह सब परेशानी नहीं होती। असल में विभा कभी लडकों से ज्यादा हिलि-मिलि भी नहीं, नहीं तो लडके हीं उसको घूर-घूर कर सब समझा देते कि क्या कैसे छुपाना है। अब अभी की बात ही देख लीजिए, जब वो मुझसे अपने ड्रेस के बारे में सलाह ले रही थी। वो जो अपने पैन्ट के नीचे पहनी है, उसका क्या मतलब है, और बताई जरा मैं क्या जवाब दूँ, जब छोटी बहन... उस चीज को ऐसे सामने ले कर खड़ी हो जाए कि इसको पहनूँ क्या?" हम दोनों हँसने लगे और वो बोले, "हा हा हा.... सच में तुम्हारी हालत अब मुझे समझ में आ रहा है।" तभी चाची चाय ले कर आ गई और वो चाची की तरफ़ इशारा करके चुप हो गए।
Good
 •
      Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#76
29-03-2017, 10:58 AM
चाय पीते हुए हम इधर-ऊधर की बातें करने लगे। चाची प्रभा के बारे में पूछी और मेरे यह बताने पर कि वो विदेश में मजे कर रही है, वो खुश हो कर बोली, "गुड्डू बेटा... तुम न अपने बहनों को बहुत अच्छे से पाला और अपना फ़र्ज अदा किया है।" मैंने भी एकदम से भला बनता हुआ उन्हें धन्यवाद दिया। थोडी देर में चाची खाली कप ले कर भीतर चली गई और तब सलीम चाचा फ़िर मेरी तरफ़ झुक कर धीमी आवाज में बोले, "गुड्डू, पर वो चीज क्या थी, जो दिखा वो तो सिर्फ़ एक धागा जैसा था, एक बार तो लगा कि वो धागा ही है, पर बीच से जो डोरी नीचे गई तब लगा कि यह कोई अंडर्वीयर है लडकी का"। मैं मन ही मन खुश हो रहा था कि अब सलीम चाचा एक अलग लेवेल पर बात करने लगे थे। मैंने उनको जवाब दिया, "हाँ वो एक तरफ़ से पैन्टी ही है पर बहुत पतली सी है"। वो मुझसे और खुल कर बोलने की उम्मीद कर रहे थे सो फ़िर से पूछे, "पर यार तुम तो देखे होगे न उस पैन्टी को, क्या वो ऐसा था कि वो लड़की के अंग को ढँके?" मैंने गौर किया कि वो मुझे जैसे यार बोले थे, वो चाहते थे कि मैं अब उनके साथ बराबरी पर बात करूँ। मैंने अपना दिल थोडा कडा किया और कहा, "क्या ढँकेगा वो किसी लडकी का अंग। बस एक छोटा सा त्रिकोण करीब दो ईंच का है, जालीदार कपड़े का जो अपने तीनों कोनें से डोरी से जुड़ा हुआ है। त्रिकोण के ऊपर की डोरी विभा के कमर में है जो आप देखे हीं, और जो त्रिकोण के तीसरे कोण से जुड़ी डोरी है वो विभा के अंग के नीचे से, उसकी जाँघों के बीच से होते हुए पीछे कमर के साथ की डोरी से जुड़ी हुई है, वो ही नीचे की तरफ़ जाती हुई डोरी आप देखे।" मैं अब इस बात-चीत में विभा का जिक्र भी ले आया था। सलीम चाचा ने अपने गले को थोडा खखार कर साफ़ किया और फ़िर बोले, "अगर दो ईंच ही कपडा है तो वो क्या ढँकेगा विभा जैसी किसी लडकी के प्राईवेट पार्ट को। ऐसे दो ईंच कपडे से तो पाँच साल की लडकी का भी पूरा नहीं ढ़ँकेगा।" मैंने अब उनको बताया कि प्रभा ने ऐसी तीन-तीन पैन्टी का एक-एक सेट भेजी है दो दिन पहले विभा और स्वीटी दोनों के लिए। स्वीटी का तो अभी पैक ही है, वो छुट्टी में आएगी तो अपना खोलेगी। विभा आज पहली बार अपना खोली है। पैकेट के ऊपर फ़ोटो तो देखे थे, पर इतना छोटा होगा का मुझे भी उम्मीद नहीं था"। सलीम चाचा बोले, "चलो गुड्डू, तुम्हारी किस्मत है कि ऐसा ड्रेस भी देखे और किस्मत साथ देगा तो कौन जाने तुम्हारी बीवी भी ऐसे हीं पैन्टी की शौकीन हो जाए। फ़िर तो लड़की के बदन पर भी इसको देखने का मौका मिल जाएगा तुम्हें। हमारी बीवी के जमाने में तो ऐसी चीज के बारे में कोई कल्पना भी नहीं थी। ऐसा तो किसी प्राईवेट रूम में ही किसी लडकी के बदन पर दिखेगा"। मैंने अब मुस्कुराते हुए कहा, "आपको अगर इतना ही देखने का मन है तो अभी विभा को बुला कर कह्ता हूँ कि वो अपना कैप्री खोल कर आपको दिखा दे वो पैन्टी"। वो बेचारे घबड़ा गए और बोले, "नहीं-नहीं ऐसे घर पर नहीं... और फ़िर विभा बच्ची है, पहन ली है... पर ऐसे उसको कैसे कहा जा सकता है...। तुम हो सके तो एक बार कभी विभा से छुपा कर मुझे दिखाना, कैसा है यह पैन्टी"। मैंने हाँ में सर हिला कर उनको इसका आश्वासन दिया और फ़िर बोला, अब जब ऐसा ही फ़ैशन चलने लगा है दुनिया में तो कौन जाने कल को कहीं आपका दामाद हीं आपकी बेटियों को ऐसी ही पैन्टियाँ पहनाए...।" मैंने जब उनकी बेटियों का जिक्र किया तो उनका चेहरा थोड़ा खींचा, तो मैंने आगे कहते हुए बात संभाली, "लड़कियों की किस्मत तो समय के साथ बदलता रहता है। अब देख लीजिए, प्रभा जब ऐसा अपनी बहनों को गिफ़्ट करती है तो वो क्या पहनती होगी। औस्ट्रेलिया में तो समुद्र किनारे सब के बीच में यह पहन कर घुमने के लिए हमारे शहर की लड़की के लिए बहुत हिम्मत की बात है। हालाँकि वो जो भी फ़ोटो भेजी है वहाँ का उसमें वो अपने कमर में एक कपडा लपेटे रहती है, पर फ़िर भी समझा तो जा ही सकता है फ़ोटो में आस-पास के महौल को देख कर।"
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#77
29-03-2017, 04:01 PM
(29-03-2017, 10:58 AM)rajbr1981 :   चाय पीते हुए हम इधर-ऊधर की बातें करने लगे। चाची प्रभा के बारे में पूछी और मेरे यह बताने पर कि वो विदेश में मजे कर रही है, वो खुश हो कर बोली, "गुड्डू बेटा... तुम न अपने बहनों को बहुत अच्छे से पाला और अपना फ़र्ज अदा किया है।" मैंने भी एकदम से भला बनता हुआ उन्हें धन्यवाद दिया। थोडी देर में चाची खाली कप ले कर भीतर चली गई और तब सलीम चाचा फ़िर मेरी तरफ़ झुक कर धीमी आवाज में बोले, "गुड्डू, पर वो चीज क्या थी, जो दिखा वो तो सिर्फ़ एक धागा जैसा था, एक बार तो लगा कि वो धागा ही है, पर बीच से जो डोरी नीचे गई तब लगा कि यह कोई अंडर्वीयर है लडकी का"। मैं मन ही मन खुश हो रहा था कि अब सलीम चाचा एक अलग लेवेल पर बात करने लगे थे। मैंने उनको जवाब दिया, "हाँ वो एक तरफ़ से पैन्टी ही है पर बहुत पतली सी है"। वो मुझसे और खुल कर बोलने की उम्मीद कर रहे थे सो फ़िर से पूछे, "पर यार तुम तो देखे होगे न उस पैन्टी को, क्या वो ऐसा था कि वो लड़की के अंग को ढँके?" मैंने गौर किया कि वो मुझे जैसे यार बोले थे, वो चाहते थे कि मैं अब उनके साथ बराबरी पर बात करूँ। मैंने अपना दिल थोडा कडा किया और कहा, "क्या ढँकेगा वो किसी लडकी का अंग। बस एक छोटा सा त्रिकोण करीब दो ईंच का है, जालीदार कपड़े का जो अपने तीनों कोनें से डोरी से जुड़ा हुआ है। त्रिकोण के ऊपर की डोरी विभा के कमर में है जो आप देखे हीं, और जो त्रिकोण के तीसरे कोण से जुड़ी डोरी है वो विभा के अंग के नीचे से, उसकी जाँघों के बीच से होते हुए पीछे कमर के साथ की डोरी से जुड़ी हुई है, वो ही नीचे की तरफ़ जाती हुई डोरी आप देखे।" मैं अब इस बात-चीत में विभा का जिक्र भी ले आया था। सलीम चाचा ने अपने गले को थोडा खखार कर साफ़ किया और फ़िर बोले, "अगर दो ईंच ही कपडा है तो वो क्या ढँकेगा विभा जैसी किसी लडकी के प्राईवेट पार्ट को। ऐसे दो ईंच कपडे से तो पाँच साल की लडकी का भी पूरा नहीं ढ़ँकेगा।" मैंने अब उनको बताया कि प्रभा ने ऐसी तीन-तीन पैन्टी का एक-एक सेट भेजी है दो दिन पहले विभा और स्वीटी दोनों के लिए। स्वीटी का तो अभी पैक ही है, वो छुट्टी में आएगी तो अपना खोलेगी। विभा आज पहली बार अपना खोली है। पैकेट के ऊपर फ़ोटो तो देखे थे, पर इतना छोटा होगा का मुझे भी उम्मीद नहीं था"। सलीम चाचा बोले, "चलो गुड्डू, तुम्हारी किस्मत है कि ऐसा ड्रेस भी देखे और किस्मत साथ देगा तो कौन जाने तुम्हारी बीवी भी ऐसे हीं पैन्टी की शौकीन हो जाए। फ़िर तो लड़की के बदन पर भी इसको देखने का मौका मिल जाएगा तुम्हें। हमारी बीवी के जमाने में तो ऐसी चीज के बारे में कोई कल्पना भी नहीं थी। ऐसा तो किसी प्राईवेट रूम में ही किसी लडकी के बदन पर दिखेगा"। मैंने अब मुस्कुराते हुए कहा, "आपको अगर इतना ही देखने का मन है तो अभी विभा को बुला कर कह्ता हूँ कि वो अपना कैप्री खोल कर आपको दिखा दे वो पैन्टी"। वो बेचारे घबड़ा गए और बोले, "नहीं-नहीं ऐसे घर पर नहीं... और फ़िर विभा बच्ची है, पहन ली है... पर ऐसे उसको कैसे कहा जा सकता है...। तुम हो सके तो एक बार कभी विभा से छुपा कर मुझे दिखाना, कैसा है यह पैन्टी"। मैंने हाँ में सर हिला कर उनको इसका आश्वासन दिया और फ़िर बोला, अब जब ऐसा ही फ़ैशन चलने लगा है दुनिया में तो कौन जाने कल को कहीं आपका दामाद हीं आपकी बेटियों को ऐसी ही पैन्टियाँ पहनाए...।" मैंने जब उनकी बेटियों का जिक्र किया तो उनका चेहरा थोड़ा खींचा, तो मैंने आगे कहते हुए बात संभाली, "लड़कियों की किस्मत तो समय के साथ बदलता रहता है। अब देख लीजिए, प्रभा जब ऐसा अपनी बहनों को गिफ़्ट करती है तो वो क्या पहनती होगी। औस्ट्रेलिया में तो समुद्र किनारे सब के बीच में यह पहन कर घुमने के लिए हमारे शहर की लड़की के लिए बहुत हिम्मत की बात है। हालाँकि वो जो भी फ़ोटो भेजी है वहाँ का उसमें वो अपने कमर में एक कपडा लपेटे रहती है, पर फ़िर भी समझा तो जा ही सकता है फ़ोटो में आस-पास के महौल को देख कर।"
Good
 •
      Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#78
01-04-2017, 12:48 AM
वो भी अब उत्साह से बोले, "हाँ सो तो हैं, गोरों के लिए तो नंगापन एक फ़ैशन है। हमारे समय में तो कुछ पत्रिका होती थी जिसमें चार-छः नंगी औरतों की फ़ोटो होता था और उसको हम-सब दोस्त लोग मिल बाँट कर देखा करते थे, सबसे छुप कर।" मैंने कहा, अब तो बात पत्रिका से बहुत आगे चली गई है, आराम से ब्लू-फ़िल्म मिल जाता है। भारत में तो कम ही बनता है, पर विदेशी ब्लू-फ़िल्म को देख लीजिए तो ऐसे लगेगा कि सबसे जरुरी काम सिर्फ़ सेक्स है सब के लिए"। वो हँस पड़े, "इसमें क्या शक है, वो तो है ही सबके लिए सबसे जरुरी काम"। मैंने कहा, "इसीलिए मैं अभी कुछ दिन शादी नहीं करना चाहता, और यह काम अलग-अलग लडकियों के साथ करना चाहता हूँ। शादी करने के बाद यह काम ठीक से करने में परेशानी होगी"। वो अब चुटकी लेते हुए बोले, "कितनी के साथ किये हो अभी तक?" मैंने उनको ही आगे रखते हुए कहा, "आप बड़े हैं तो आपसे तो कम ही होगा मेरा स्कोर, आपको तो अब अपनी उम्र का लाभ भी मिलता होगा और जैसा ब्लू-फ़िल्मों मे होता है, विदेशी लड़कियाँ अनुभवी मर्दों से ज्यादा मजे करती हैं।" मेरी बात पर वो थोडा मायूस हो कर बोले, "क्या स्कोर रहेगा मेरा... जमाना हो गया.. आखिरी नई लडकी मिले भी करीब तीन साल होने चला अब तो।" मैंने उनको थोडा हिम्मत देते हुए कहा, "क्यों..., क्या लडकी की कमी हो गई है या आप अब रूचि नहीं ले रहे?" वो बोले, "नहीं, अब की लड़की भी चालाक हो गई है, और हम भी अब बुढे दिखने लगे हैं। अब की मौडर्न लडकियाँ मुझ जैसे पुराने मर्द को क्यों घास डालेगी"। मैंने कहा, "आप लाईन मारते रहिए न... कोई न कोई तो लाईन दे ही देगी। लड़कियों को कई बार आप जैसे अनुभवी मर्द पसन्द आते हैं"। वो अब थोडा उत्साह से बोले, "कहाँ लाईन मारने जाऊँ अब... तुम ही कोई सेट कर दो न... जरा इस चाचा के लिए"। मैंने अब असल बात शुरु कर दिया, "क्या चाचा आप भी... अभी भी घर में तीन जवान लडकी है और आप कह रहे हैं कि कहाँ जाऊँ लाईन मारने"। वो बोले, "श्श्श्श्श्श्श्श्श.... सब घर की ही है... एक तुम्हारी बहन है यह मत भूलो"। मैंने भी कहा, "घर की है, इसीलिए तो बेहतर है, अगर एक बार सेट हो गई तो फ़िर जब मन तब काम हो जाएगा। रही बात मेरे बहन की, तो आप तो मुस्लिम है... बहन में औरत कैसे देखी जाए यह आपको मेरे से बेहतर आता होगा"। वो अब सोचने लगे और फ़िर बोले, "सो तो तुम ठीक कह रहे हो... तो तुम मुझे विभा के साथ छुट लेने दोगे...?", उनकी नजरों में चमक आ गया था। मैंने कहा, "हाँ... क्यों नहीं, और बदले में मुझे भी अपनी बेटियों पर लाईन मारने दीजिए। अब तो दोनों ही जवान हो गई है"। वो अब बोले, "यार, बाप हूँ... किस मुँह से तुम्हें कह दूँ कि तुम मेरी बेटियों पर लाईन मारो..."? मैंने उनको समझाते हुए कहा, "कौन जाने आपको पता ही न हो और आपकी बेटियाँ शुरु हो गई हों कहीं बाहर... तब? अब के समय में लडकियाँ कपडे खोलने में ज्यादा समय नहीं लगाती अगर वो फ़ैसला कर लेती है... और जमाने भर के मर्द लोग तो इसी काम में मदद के लिए सब जगह हैं हीं...। सोच कर देखिए.... जिन लड़कियों को हम चोदे हैं, क्या उन सब के बाप को पता भी होगा कि उनकी बेटियाँ घर के बाहर जा कर हम जैसे लोगों से चुद्वा रहीं हैं"। मैंने अब गन्दे शब्द बोलने शुरु कर दिये थे।


मैंने आगे कहा, "उन लड़कियों के बाप से पूछने पर वो सब तो यही कहेंगे कि उनकी बेटी बिल्कुल शरीफ़ है..., पर हम सच समझ रहे होते हैं, जानते हैं पर उनके बापों को कुछ पता नहीं होता। मेरा ही उदाहरण लीजिए, विभा के बारे में मैं कैसे जान सकता हूँ या फ़िर आप ही कैसे गारंटी कर सकते हैं कि सायरा अभी तक कुँवारी होगी। अब जब स्कूल की लड़कियों को लोग चोदने लगे हैं और वो सब भी जल्दी जवान होने लगी है... तब सायरा और विभा जैसी सेक्सी फ़ीगर वाली लड़की २० साल की उम्र तक कुँवारी बची रहे, मुझे तो बहुत शक है। यही सब सोच कर तो विभा को अब मैंने रोकना-टोकना छोड दिया है। अब जिस उम्र में वो है, अगर सख्ती से मैंने उसको सेक्स से रोका तो भी वो अगर चाहेगी तो मुझसे छुप कर कहीं भी सेक्स कर ही लेगी। स्वीटी को ही देखिए... वो वहाँ सात बजे शाम में अभी अपने होस्टल में है कि किसी लड़के के साथ होटल में... यह कैसे पक्का किया जाए। इसीलिए घर की लडकियों को एक उम्र के बाद थोड़ी आजादी दे दीजिए तो बेहतर है। जवान होने के बाद शरीर तो सेक्स खोजेगा हीं। ऊँगली से ये लडकियाँ आधा-अधुरे तरीके से अपने शरीर की जरुरत पूरी करे और असंटुष्ट रहे उससे तो बेहतर है कि हमारे जानते हुए सप्ताह या महीने में एक-दो बार सही तरीके से अपने शरीर की भूख को पूरा करे। मेरा तो यही मानना है और इसीलिए मैने अपनी बहनों को सेक्स के मामले में कभी नहीं टोका, और जब प्रभा की उम्र हुई तो प्रभात का रिश्ता आ गया। वो दोनों तो शादी से पहले से सेक्स करते थे और यह मेरी जानकारी में था। प्रभात भी मेरा स्कूल का दोस्त था, आप तो जानते हैं। वो ही बताया था जब वो प्रभा के साथ पहली बार सेक्स किया।" वो मेरी बात सुन कर भौंचक थे, "मतलब तुम्हें प्रभा के पहले सेक्स के बारे में पता है?" मैंने आराम से कहा, "हाँ, और मुझे पता है कि उस दिन वो घर पर ही सेक्स की थी, जब घर खाली था"। वो अब बोले, "बात तो तुम एक तरह से ठीक ही कह रहे हो... अपने घर की लड़कियों का तो सच में हमें कुछ पता नहीं होता है और हम यह भूल जाते हैं कि ऐसे ही उन लड़कियों के घरवाले भी अनजान होंगे जिनके साथ हम यह सब कर रहे होते हैं"।
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


arav1284 Offline
Archer Bee
***
Thread Of The Year 1st Place
Joined: 18 Dec 2016
Reputation: 40


Posts: 2,490
Threads: 19

Likes Got: 544
Likes Given: 94


db Rs: Rs 52.33
#79
01-04-2017, 01:11 AM
शानदार कहानी लिखी है भाई..।                            
________________________
 Read My Other Stories
________________________
Click On Name
LADLA DEVAR (लाड़ला देवर)(completed) || Mera Jeevan (completed)||भाभियों के साथ गाँव में मस्ती(Completed) ||लंड के कारनामें  (completed) ||"दिल अपना प्रीत परायी"(completed) ||कमसिन कलियाँ और हरामी लाला (Running)||
 •
      Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#80
01-04-2017, 07:47 PM
(01-04-2017, 01:11 AM)arav1284 : शानदार कहानी लिखी है भाई..।                            

Nice Theory
 •
      Find
Reply


« Next Oldest | Next Newest »
Pages ( 15 ): « Previous 1 ..... 5 6 7 8 9 10 11 ..... 15 Next »
Jump to page 


Possibly Related Threads...
Thread Author Replies Views Last Post
Incest  बहन (PART-1) Incest lover 3 4,582 4 hours ago
Last Post: Pooja das
Incest  बहन (part-3) Incest lover 2 2,596 4 hours ago
Last Post: Pooja das
Incest  मेरी बहन नेहा के नन्गे जिस्म की तस्वीर Incest lover 7 1,200 27-07-2018, 05:16 PM
Last Post: Pooja das
Incest  शालिनी हमबिस्तर बहन Sagarshalini 74 126,302 27-07-2018, 03:25 AM
Last Post: Akashchoopra
Incest  दादी माँ बहन हम सभी चुदाई के बड़े मस्त मज़े लेते है ।। Incest lover 3 3,325 25-07-2018, 03:44 PM
Last Post: Pooja das
Incest  अपनी बहन के मुहं से ऐसी गंदी गंदी बातें सुनकर बड़ा चकित हुआ Incest lover 0 1,623 25-07-2018, 12:32 PM
Last Post: Incest lover
Incest  मेरी कज़िन बहन सोमी खूबसूरत और मस्त है, Incest lover 0 746 25-07-2018, 12:25 PM
Last Post: Incest lover
Incest  अपनी बहन की कुंवारी चूत की सील को तोड़ दिया, Incest lover 0 1,047 25-07-2018, 12:20 PM
Last Post: Incest lover
Incest  मेरी बहन प्रिया मुझे अपनी बड़ी अजीब नज़रों से देखती थी, Incest lover 0 1,009 25-07-2018, 12:13 PM
Last Post: Incest lover
Wife  दोनों पति पत्नी की गांड को साथ में चुदवाया जाए। anita manoj 0 1,465 21-07-2018, 01:45 PM
Last Post: anita manoj

  • View a Printable Version
  • Subscribe to this thread


Best Indian Adult Forum XXX Desi Nude Pics Desi Hot Glamour Pics

  • Contact Us
  • en.roksbi.ru
  • Return to Top
  • Mobile Version
  • RSS Syndication
Current time: 29-07-2018, 11:44 PM Powered By © 2012-2018
Linear Mode
Threaded Mode


indian seduction stories  hindisex kahaniya  boor kahani  urdu dasi stories  tamilseax  hindi porn kahaniya  desi lesbian pics  telugu sex story blogs  nacked bhabhi  desi sex in punjab  sexy storys in hindi  tamil actress sex galleries  mallu xx  sex storys tamil  breastfeed sex story  hot iraqi girls  telugu sex stories forums  xxx kashmir  hairy armpits pictures  barish pantyline pic  free marathi chavat goshti  urdu sex stories online  sexy stories urdu fonts  aunty sex hindi stories  tamil fuckers  hindi desi fucking video  preeti sexy video  www.anjali mehta ko tapu ne condom lagake choda.gay.sexstories.com  tamil thangai story  tamil actress dick rising cock sucking pic  marathi free sex  www.sex thelugu  shakeela nud  voluptuous aunty  indian girl masturbating  behan ka gang bang  dps school kand  shriya sex story  elder sister seduction  aunty doodhwali  sexscean  sex story in tanglish  choot aur lund  tamilsex stories pdf  desidhadhi mod  analfuckvideo  armpit hairy porn  saath nibhana saathiya apna desi tv  gand mara  chut story hindi  hot actress armpit  xxx tamils  sexstories kannada  kama sutra diagrams  saree change  gand chudai kahani  real life aunties hot  telugu sex stories pinni  chut garam  lactating boobs pictures  sexy sotores  nepali erotic story  urdu sex sites  cocksucking photos  ladies undressing pics  gand mar di  padosan ki chu  new telugu sex story  desi aunty dress change  indiansex stories incest  bhai bahan sex  Hindi pornspeeking videoS  bengali porn story  model choti  mallu girls hot pics  hot stories malayalam  my neha nair  www.mallu aunty.com  gay kahaniya  hindi pranay katha  naked pronstars  bangla real golpo  lesbian chudai stories  kushbu pundai  incst comics  glrl xxx  ladki desi