• HOME
  • AWARDS
  • Search
  • Help
Current time: 29-07-2018, 11:16 PM
Hello There, Guest! ( Login — Register )
› XXX STORIES › Hindi Sex Stories v
« Previous 1 ..... 5 6 7 8 9 10 11 ..... 61 Next »

Desi मैं खुद हैरान हूँ

Verify your Membership Click Here

Thread Modes
Desi मैं खुद हैरान हूँ
rajbr1981 Online
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#1
13-01-2018, 12:56 AM
------------------------------------------
मैं खुद हैरान हूँ
------------------------------------------
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


rajbr1981 Online
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#2
13-01-2018, 01:03 AM
यह कहानी मेरी नहीं है मुझे पकिस्तान से किसी शख्स ने भेजी है जो उनकी जिन्दगी की एक हकीक़त है और वे इस हकीक़त को मेरे माध्यम से देसिबीस पर जाहिर करना चाहते हैं। अब आप उनकी जुबानी ही उनकी दास्तान को जानिए।

ख़ान साहब ने मुझे नंगा किया हुआ था, मुझसे सेक्स करना चाह रहे थे, मैं सख़्त शर्मिंदा था, कल तक जिस काम से मुझे नफ़रत थी, आज वही मेरे साथ हो रहा था।
मैं जानता था इस तरह के समलिंगी यौन सम्बन्ध सिंध में आम हैं। मेरे साथ इस तरह का यौन सम्बन्ध चाहने वालों की तादाद बहुत बड़ी थी लेकिन मुझे ऐसा सेक्स करने का और ना करवाने का कोई चाहत थी।
मैं एक निहायत ही हसीन-तरीन गोरा-चिट्टा लड़का था। जब मैं स्कूल में था, तब हमारे टीचर ख़ान साहब ने मुझसे सेक्स करना चाहा था। मैं चाहता तो उनको बेइज्जत कर सकता था लेकिन वो मेरे टीचर थे तो मैं कुछ कह न सका।

वो मुझसे उम्र में भी काफी बड़े थे, मैं उनसे मुफ़्त में छुट्टियाँ भी पाता था। पहली बार जब उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया था तो मुझे नहीं मालूम था ये भी वही सब करेंगे जो कि सिंध में आम है।
उन्होंने मुझे नंगा कर दिया और वे खुद भी नंगे हो गए थे। वो मेरे बदन को चूमने लगे। मुझे बहुत ही बुरा लग रहा था, मैं सोच रहा था कि अब मेरा बलात्कार होकर ही रहेगा।
वो मुझे काफ़ी देर तक चूमते रहे, पर उन्होंने मेरी गाण्ड नहीं मारी उल्टे मुझसे कपड़े पहन लेने का फरमान सुना दिया। मैं मन ही मन बहुत खुश था कि जान बची तो लाखों पाए।
तभी मेरी नज़र उनके लंड पर पड़ी। बिल्कुल मुरझाया हुआ था और ऐसा लग रहा था कि लण्ड के नाम पर बस एक गोश्त का छोटा सा टुकड़ा लटक रहा हो। खैर, मैं बहुत खुश था कि जान छूटी।
उन्होंने मेरी जेब में दो रूपए डाल दिए। मैं बहुत खुश था कि चलो इन पैसों से कोई चीज खरीद कर खाऊँगा।

ख़ान साहब इसी तरह अक्सर मुझे बुलाते, चूमते चाटते और पैसे देकर छोड़ देते थे। मैं भी खुश था कि पैसे मिल जाते हैं और गाण्ड भी नहीं मरवानी पड़ी। मुझे तो बहुत बाद में मालूम हुआ कि ऐसे लोगों को नामर्द यानी इंपोटेंट कहते हैं।
ख़ान साहब एक तन्हा शख़्स थे। मुझे नहीं मालूम कि उनका कोई आगे-पीछे वाला था भी या नहीं। बावर्ची और मुलाज़िम उनके घर पर काम करते थे और उनकी शराफ़त की वजह से शोहरत भी बहुत थी।
यह अलग बात है मुझे मालूम था कि वे कितने बड़े मादरचोद इन्सान थे। मैंने कभी किसी से (उनके एहतराम की वजह से) ज़िक्र भी नहीं किया। कह भी देता तो शायद, लोग यक़ीन ना करते और ज़रूरत भी नहीं थी।

उनसे मेरे ताल्लुकात का ये एक सबब था और मैं उनका ख्याल भी रखता था। उनकी बीमारी में, मैंने तीमारदारी की और मैं क्या, हमारे इलाके के सभी लोग उनका ख्याल रखते थे।
उनका हैदराबाद में बड़ी पोस्ट पर तबादला हो गया, मैं फिर भी उनके पास जाता रहा। उन्होंने काफ़ी अरसे से वो गंदी हरकत भी बंद कर दी थी।

दिन गुजरते गए। मैं कॉलेज में चला गया और उनसे कभी-कभार मिलता था। मैं कॉलेज में सेकेंड इयर में था, उन्होंने मुझे एक आदमी के जरिए बुलवाया।
मैं उनके बुलावे पर शाम को उनके दफ्तर गया। वे मुझसे बहुत अदब से मिले और घर चलने को कहा। मैंने सोचा शायद फिर वही चूमा-चाटी करेगा साला..!
पर अब मुझे पैसों की ज़रूरत नहीं थी। मुझे कॉलेज की तरफ से स्कॉलर-शिप मिलती थी और मेरा कोई विशेष खर्चा भी नहीं था। उनका घर भी दफ्तर के अहाते में ही था, हम वहाँ चले गए, उन्होंने दरवाज़ा खटखटाया तो एक ख़ातून ने दरवाज़ा खोला।
मैंने पहली बार उनके घर में ख़ातून देखी थी, बल्कि कभी किसी ख़ातून का नाम भी उनके हवाले से नहीं सुना था।
उन्होंने कहा- ये मेरी बेगम हैं।
मैं खुश हुआ कि उन्होंने शादी कर ली और शायद इसी वजह से उन्होंने मुझे काफ़ी अरसे से बुलाया भी नहीं।

उन्होंने अपनी बेगम फ़रज़ाना से मेरा परिचय कराया।
फ़रज़ाना से कहा- यही असद हैं, मेरे सबसे अज़ीज़-तरीन स्टूडेंट, जिनका ज़िक्र मैंने आपसे किया था।
इसका मतलब था कि उन्होंने अपनी बेगम से मेरे बारे में पहले कभी चर्चा की होगी।
फ़रज़ाना ख़ातून उम्र में मुझ से बड़ी थीं और ख़ान साहब से बहुत ही छोटी थीं। ख़ान साहब से क़द में लंबी और खूब गोरी और बेहद आम सी ख़ातून, उनके चेहरे पर कोई कशिश भी नहीं थी।
काफ़ी देर के बाद ख़ान साहब ने कहा- असद, मुझे और फ़रज़ाना को तुम्हारी मदद की ज़रूरत है।
मैं कुछ नहीं बोला, वो चाय बगैरह पीकर वापिस दफ्तर चले गए, जाते-जाते खान साहब कह गए कि हम दोनों बातें करें, वे कुछ जरूरी काम निबटा कर आते हैं, तब सब मिल कर खाना खायेंगे।
उनके जाने के बाद फ़रज़ाना साहिबा ने मुझे अपना घर दिखाना शुरू कर दिया। सरकारी घर था, मगर बहुत बड़ा था। फ़रज़ाना ने मुझे एक-एक कमरे को दिखाया और उस कमरे में ले गईं जिसमें टीवी था। उस ज़माने में ब्लॅक एंड व्हाइट टीवी भी बहुत ही कम लोगों के घर में होता था।
वो मेरे साथ बैठ गईं। उन्होंने मेरे बारे मैं पूछा और कहा- ख़ान साहब सिर्फ आपको याद करते हैं। उन्होंने आपके बारे में मुझे बताया है कि आप ही उनके सबसे करीब के स्टूडेंट थे।
मैंने मन ही मन सोच मादरचोद ने कहीं मेरे साथ चूमा-चाटी के किस्से तो नहीं सुना दिए। लेकिन फिर सोचा कि ऐसी बातें अपनी बीवी को क्यों बतायेगा!

वो फ़रज़ाना मेरे क़रीब आ गईं और बिल्कुल चिपक कर बैठ गईं।
उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख कर कहा- मैं आपको प्यार कर सकती हूँ?
मैंने उनकी तरफ देखा और घबरा गया कि यह सब क्या हो रहा है।
उन्होंने मेरे जवाब का इंतज़ार भी नहीं किया और मुझे गले लगा कर प्यार करने लगीं। मेरी ज़िंदगी में माँ के अलावा पहली बार किसी ने प्यार किया था और मैं एक शर्मीला लड़का हूँ, मैं घबरा गया था।
उन्होंने मुझे प्यार करते हुए मेरे होंठों चुम्बन लिया। मैं उनके गले लगा हुआ था और वो मुझे बेतहाशा प्यार कर रहीं थीं। लेकिन सिवाय घबराहट के मेरे अन्दर कोई फीलिंग नहीं थी।
अब उनका हाथ मेरे लंड पर था जो बिल्कुल बैठा हुआ था। मैं कुछ नहीं कर रहा था मेरा लण्ड उनके हाथों में था और मेरे होंठों पर उनके होंठ थे। जो कुछ भी हो रहा था सब उनकी मर्जी से हो रहा था।
उन्होंने कहा- आओ मेरे साथ लेट जाओ..!
उन्होंने खुद ही मुझे बिस्तर पर अपने साथ लेटा लिया। वो मुझ से चिपट गईं और अब जाकर मेरे अन्दर कुछ होना शुरू हुआ यानि लंड भी खड़ा होने लगा और सब कुछ अच्छा लगने लगा।
वो मेरे ऊपर आ गईं और खूब चूमने लगीं, जिसके जवाब मैं भी उनको चूमने लगा, मेरा लंड पूरी तरह सख़्त हो चुका था।

उन्होंने अपने कपड़े उतारते हुए कहा- तुम भी अपने कपड़े उतार दो।
हम दोनों नंगे हो गए और फिर से चिपक गए।
मैं कमरे के खुले दरवाज़े की तरफ देख रहा था, जो उन्होंने महसूस कर लिया और कहा- फिकर ना करो ख़ान साहब देर से आऐंगे और घर में हम दोनों के अलावा कोई नहीं है।
हम दोनों एक-दूसरे के साथ चिपके हुए थे और खूब पसंदिगी से चूमा-चाटी कर रहे थे, वो मेरी आँखों में देख रहीं थीं।

उन्होंने कहा- तुम बहुत ही अच्छे और खूबसूरत जवान हो… काश..!
मैं उनकी तरफ़ा देखता रहा और उन्होंने फिर ‘काश’ के बाद कुछ ना कहा।
उन्होंने कहा- मैं खुशनसीब हूँ कि तुमसे ‘करूँगीं’..!
और यह कह कर फिर से मेरे जिस्म के ऊपर आकर जगह-जगह से चूसने लगीं और लंड को हाथों में लेकर सहलाने लगीं और कहा कुछ भी नहीं। मेरे सीने पर जगह-जगह काट रही थीं और बार-बार मेरी आँखों में झाँक रही थीं।

वो फिर मेरे बाजू में लेट गईं और बोलीं- अब आ जाओ।
मैं समझ गया कि उनका मतलब चुदाई से ही था। मैंने आज तक कभी चुदाई नहीं की थी। बस जानता था और पढ़ा था। पहले न कभी ब्लू-फ़िल्म देखी थी और कंप्यूटर तो ईजाद ही नहीं हुआ था।
मैं उनकी टाँगों के दरमियान आ गया। वो यूँ तो मामूली शक्ल-सूरत की थीं लेकिन जिस्म बड़ा गदराया हुआ था।
खूब गोरा और बिल्कुल चिकना और उनके दुद्दू भी नुकीले और भरे हुए और तने हुए थे। लंबे से बाल और लंबी गर्दन, बड़ी-बड़ी आँखें..! बस बाक़ी सब कुछ आम सा था।
मैं उन्हें देख रहा था।
उन्होंने पूछा- क्या यह तुम्हारा पहली बार है?
मैंने कहा- जी।

फिर वो कुछ ना बोलीं। मैं उनके ऊपर था। मेरा लंड खूब सख़्त और लोहे की तरह तना हुआ था।
उन्होंने कहा- परेशान ना हो, ख़ान साहब ने मुझे तुमसे चुदने की इज़ाज़त दे दी है, क्योंकि वो इस क़ाबिल नहीं हैं। उन्होंने मेरी खातिर और अपनी आबरू बचाने के लिए तुम को मुन्तखिब किया है। मेरा यक़ीन करो कि शादी से पहले और बाद में यह मेरा भी पहला ही है और तुम्हारे बाद कोई नहीं होगा!
यह कहते हुए वे उदास हो गईं और मुझे भी वो दिन याद आने लगे। जब खान साहब मुझ से नाकाम सेक्स करते थे।

फ़रज़ाना की उदासी का सबब जाना तो मैं उनके मम्मे चूसने लगा और मेरा लंड अपनी मंज़िल तलाश करने लगा। उनकी चूत कुछ गीली सी महसूस हो रही थी और मेरा लंड उनकी चूत के मुहाने पर था। मेरे जरा से धक्के में मेरा लण्ड उनकी चूत में दाखिल होने लगा। मुझे सेक्स का तजुर्बा तो नहीं था, लेकिन अब सब कुछ खुद ही मालूम होने लगा।
फ़रज़ाना के चेहरे पर अब खुशी और सुकून तो था, उनको कुछ दर्द भी हो रहा था, उनकी एक ‘आह’ सी निकली।

मेरे अगले हमले के लिए वे तैयार तो थीं, पर मैंने हमला कुछ बेदर्दी से किया क्योंकि मुझे चुदाई का कोई कोई अनुभव तो था नहीं।
पूरा लवड़ा उनकी चूत में पेवस्त हो चुका था।
उनके गले से एक चीख निकल गई- आआऐईईईईईईई..!
मैं डर गया। मैंने अपना लण्ड बाहर खींचने की सोची ही थी कि उन्होंने दर्द से तड़फते हुए भी मुझे जकड़ लिया यह कहानी आप देसिबीस डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ।और मुझसे बोलीं- तुम हटना नहीं… यह दर्द कुछ ही धक्कों में चला जाएगा।
फिर मैंने उनके बोबे अपने होंठों से चूसने शुरू किये उनकी चूत ने कुछ राहत महसूस की और एक बार मैंने फिर महसूस किया कि उनकी कमर नीचे से उचक रही है।
मैंने उनकी आँखों में देखा तो वे बोली- अब चोदिए..!

मैंने फिर से धक्के लगाने शुरू कर दिए। कुछ धक्कों के बाद वे बहुत ही मस्ती से मेरे लण्ड को अपनी चूत में ले रहीं थीं। मस्ती का आलम था। मालूम हुआ कि यह वही अमल है जिससे जिस्म और रूह दोनों को सुकून मिलता है और शायद ऐसा मज़ा कह सिर्फ़ महसूस हो सकता है। अल्फाज़ों में बयान नहीं हो सकता।
मुझे नहीं मालूम कि यह मस्ती थी या मज़ा था। लौड़े को अन्दर गरम-गरम महसूस हो रहा था, जो कि और भी लज्जत दे रहा था। लंड को उनकी चूत खूब गीली लग रही थी और पूरे बदन में नशा सा था।
वो मेरे और मैं उनके होंठों को चूस रहे थे और पहली बार उनके चेहरे पर मुस्कुराहट देखी।
लंड को अन्दर-बाहर करने में तेज़ी आ गई थी और अब उनकी भी मस्ती में डूबी हुई आवाजें आ रही थीं, जो कि सिर्फ़ लुत्फ़ ही लुत्फ़ की अलामत थी।

भरा हुआ उनका बदन मेरे नीचे था और दिल चाहता था कि कभी उनसे जुदा ना होऊँ।
चुदाई की रफ़्तार तेज़ होती जा रही थी।यह कहानी आप देसिबीस डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ।यह कहानी आप देसिबीस डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं । उन्होंने भी मुझे पूरी ताक़त से जकड़ा हुआ था और लंड भी अपने गिर्द यही कैफियत महसूस कर रहा था।
चुदाई की इंतेहा हो रही थी और मैंने अपने दोनों हाथों को उनके बाजुओं में से निकाल कर उनके दोनों कंधों को अपनी सीने की तरफ खींचा हुआ था।
मैं अपने लण्ड को रफ़्तार से अन्दर-बाहर कर रहा था।
चुदाई की इस स्थिति में उन्होंने कहा- आह.. कुछ आराम से करो..!
उनकी जुबान से हल्की-हल्की मादक आवाजें आ रहीं थीं। उनकी इस तकलीफ़ को मैं अपनी उन पर फ़तह होने की लज्ज़त में डूब रहा था।
मैंने एक ना सुनी और खूब ज़ोर-ज़ोर से झटके लगाने लगा, जो कि मेरे लंड का फितरी तक़ाज़ा था और मैं सब कुछ भूल कर कि वो मुझसे बड़ी हैं और ख़ान साहब की बेगम हैं, सिर्फ़ और सिर्फ़ लंड का साथ दे रहा था।
मुझे चुदाई इतनी ज्यादा पसन्द आ रही थी कि मेरे लौड़े को लग रहा था कि दाखिल तो हुआ चूत से मगर निकलना चाह रहा है शायद उनके हलक़ से…!

उनकी भी मंज़िल आ चुकी थी। मैं खौफ़नाक झटके लगा रहा था कि जैसे खुद भी उनके अन्दर जाने की कोशिश कर रहा होऊँ। उन्होंने मुझे बहुत ताक़त से जकड़ लिया था कि वो मेरे धक्कों को कुछ हद तक रोक सकें, लेकिन कहाँ वो शहरी ख़ातून और कहाँ मैं देहाती नौजवान, खूब ज़ोर लगा रहा था।
इतना कि मेरी भी आवाज़ निकल रही थी और आख़िर में, मैं जब झड़ा होऊँगा तो शायद वे काफ़ी पहले झड़ चुकी थीं।
उन्होंने मेरे झड़ने पर मुझे चूम लिया और कहा- शुक्रिया असद!
उस वक़्त तक उनके ऊपर लेटे-लेटे उनको चूमता रहा। जब तक कि लंड अपनी मर्ज़ी से बाहर नहीं निकल गया।
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


rajbr1981 Online
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#3
13-01-2018, 01:04 AM
उन्होंने मेरे झड़ने पर मुझे चूम लिया और कहा- थैंक्स असद…!
उस वक़्त तक उनके ऊपर लेटे-लेटे उनको चूमता रहा। जब तक कि लंड अपनी मर्ज़ी से बाहर नहीं निकल गया।
हम दोनों ने अलग-अलग शावर लिया और एक-दूसरे के साथ चिपक कर बैठे रहे। उन्होंने वादा लिया कि मैं उनके यहाँ दिन के वक़्त में आता रहूँ।
काफ़ी देर बाद ख़ान साहब आ गए और वो बिल्कुल नॉर्मल थे।
खाना खाने के बाद मैं जाने लगा तो ख़ान साहब ने कहा- आते रहना।
मैं उनके घर बार-बार गया और जब-जब गया, हम दोनों ने खूब चुदाई की और मुझे उनसे लगाव होने लगा था।

लेकिन यह सिलसिला सिर्फ़ एक-दो महीने रहा और ख़ान साहब का तबादला कराची हो गया। उसके बाद मेरा जाना ज्यादा नहीं हुआ। बस एक दो-बार गया। उनके यहाँ रात गुजारना मुश्किल था। उनके घर रात ने गुजार पाने का एक कारण यह था कि मैं आपने घर वालों से क्या कहता..!

कई बरस गुज़र गए और मैं ग्रेजुएशन के बाद जॉब पर आ गया और कुछ अरसे एक-दो शहरों में गुजार कर कराची शिफ्ट हो गया। मेरे वालिदान ने मेरी बहनों की पसंद से मेरी शादी बहुत ही हसीन लड़की नोशबाह से करवा दी।

उस ज़माने में आपनी पसंद-नापसंद की वजह वालिदान ही तय करते थे। मैंने सिर्फ़ नोशबाह की तस्वीर ही देखी थी। सुहागरात को उनसे सेक्स करते हुए उनको देखा तो मिसेज ख़ान साहब की याद आ गई क्योंकि उनके बाद आज किसी दूसरी के साथ सेक्स कर रहा था।

नोशबाह की और मेरी उम्र में काफ़ी फ़र्क़ था यानि वो मुझसे तक़रीबन 18 साल छोटी थी। मगर इस निकाह से किसी को एतराज़ नहीं था।
नोशबाह के वालिद का इंतकाल हो चुका था और यह शादी उनकी खाला ने तय की थी। जबकि उनकी वालिदा आपने भाई के साथ कनाडा में थीं।

उनकी शादी में भाइयों की फैमिली के साथ आना था, मगर अचानक नोशबाह के नाना की तबीयत खराब हो गई और यही फैसला हुआ कि शादी कर ली जाए, वो लोग बाद में आ जायेंगे।
फ़ोन पर सबसे ही बात होती थी और उनकी वालिदा तो बार-बार मुझ से बात करती थीं और बहुत ही प्यार से बात करती थीं।
यहाँ नोशबाह के मामून और बाक़ी रिश्तेदार शरीक थे। हम दोनों ही खुश थे, बल्कि बहुत ही खुश थे।
कोई दो महीने बाद नोशबाह के नाना और अम्मी बगैरह वगैरह सब ही कराची आ गए और आज वो लोग हमारे घर आने वाले थे। नोशबाह प्रेग्नेंट हो चुकी थीं और सब लोग बहुत खुश थे। नोशबाह आपने मामून की बेटी से बहुत प्यार करती थी और उसकी खूबसूरती की बहुत ही तारीफ करती थी।

सब लोग मेरे घर आए हुए थे और मैं शाम को जल्दी घर पहुँच गया था। घर पहुँचते ही मैंने कपड़े बदले, नोशबाह ने उनसे मिलने के लिए मेरे कपड़े पहले ही निकाल दिए थे। वह बहुत ही ज्यादा खुश थी कि उनकी पूरी फैमिली आ चुकी थी।

वो मेरे हाथों में हाथ डाल कर ड्राइंग-कमरे में दाखिल हुई और वहाँ मौजूद लोगों से मेरा परिचय कराया। वहाँ मेरी बहनों और वालिदा के अलावा कोई 8 लोग थे।
मुझे उनके मामून ने गले लगाया और खूब प्यार कर रहे थे कि अचानक चाय के कप की शीशे के टेबल पर गिरने की आवाज़ आई। सब मुझे देख कर खड़े हुए थे और नोशबाह सब को छोड़ कर एक ख़ातून की तरफ अम्मी कह कर लपकी, जिनके हाथों से कप गिर गया था और वो खुद भी सोफे पर ढेर हो गई थीं। मैं भी उनकी तरफ लपका और उनके क़रीब जा कर उन्हें देखते ही मेरी तो चीख निकलती-निकलती रह गई कि नोशबाह की अम्मी फरजाना ख़ान थीं।

सारी सूरत-ए-हाल मैं समझ गया और खुद को कंट्रोल करने लगा।
नोशबाह ने अम्मी को संभाला और मेरे कमरे में ले जाने लगी, यह कहानी आप देसिबीस डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ।मैं भी मुज़ारत करके उनके साथ ही हो लिया। नोशबाह उन्हें लेटा कर पानी लाने कमरे से बाहर निकल गई। फरजाना ख़ान होश में थीं और उनका रंग पीला हो गया था।
मैंने नोशबाह की गैर-मौजूदगी में सिर्फ़ खौफज़दा होकर पूछा- क्या नोशबाह मेरी बेटी है?
और उन्होंने रोते हुए कहा- जी.. तुम्हारी बेटी है!
मैं यह सुनकर बड़ी मुश्किल से संभला और मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा हार्ट-फेल ना हो जाए। बहुत मुश्किल से खुद पर क़ाबू पाया। नोशबाह ने उन्हें पानी पिलाया और इसी दौरान सब लोग कमरे में आ गए।

सबने पूछा कि क्या हुआ.. और उन्होंने गहरी सांस लेते हुए कहा- कुछ नहीं…
हैरानी में क़ाबू ना पा सकी कि मेरे दामाद ख़ान साहब के सबसे क़रीबी स्टूडेंट थे और मैं कई बार इनसे मिल चुकी हूँ।
यह सुनकर सब बहुत खुश हुए और बच्चों ने तालियाँ भी बजाईं और फिर सब कमरे में ही इधर-उधर बैठ गए और अब सबने ही कहना शुरू कर दिया कि मुझे क्या हुआ।
मैं बदनसीब क्या बोलता कि क्या क़यामत टूट रही है…! मैं पसीना-पसीना हो रहा था और कुछ सूझ ही नहीं रहा था कि क्या सोचूँ क्या करूँ…!
मेरी अम्मी और बहनें भी परेशान थीं कि मुझे क्या हुआ?
मैंने कह दिया- मैं भी ख़ान साहब का सुनकर हैरान हुआ और कुछ नहीं! मुझे मालूम ही नहीं था कि ख़ान साहब का इंतकाल हो चुका है..!
अब सब लोग आपस में बात कर रहे थे कि इस दौर में भी लोग आपने टीचर से इस कदर प्यार करते हैं…! फ़रज़ाना ख़ान भी सन्नाटे में थीं और बदहवाश थीं।

लेकिन क़ुसूर हम दोनों का नहीं था।
सब लोग खाने तक रुके और मैंने नॉर्मल रहने की बहुत कोशिश की, फ़रज़ाना साहिबा की तरह। सब लोग चले गए और मैं चाहता भी था कि सब चले जाएँ। मैं आपने कमरे में आ गया और अब फिर सोच रहा था कि यह क्या हो गया!
काम से फारिग होकर नोशबाह भी आ गई और बैठी ही थी कि मेरी बहन आ गई कि फ़रज़ाना का फ़ोन आ गया। उस ज़माने में मोबाइल फोन नहीं थे। वो मुझसे बात करना चाह रही थीं।
उन्होंने सिर्फ़ इतना कहा- प्लीज़ हो सके तो ख़ान साहब, मेरी और अपनी बेटी की इज़्ज़त रख लेना!
मैंने सिर्फ़ इतना कहा- आप परेशान ना हों..!
और मैं वापस आपने कमरे में आ गया। मैं बिस्तर पर निढाल होकर लेट गया। मैं नोशबाह को देख रहा था और सारी दास्तान सामने घूम रही थी।
नोशबाह ने बिस्तर के सिरहाने इशारा किया और कहा- अम्मी लाई थीं!
वो अपनी, फ़रज़ाना और ख़ान साहब की एक तस्वीर की तरफ इशारा कर रही थी। यह कहानी आप देसिबीस डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ।मैंने देखा और कुछ ना कहा तो उसने कहा- बुरा लगा क्या?
मैंने कहा- नहीं, बहुत ही अच्छी तस्वीर है।

मैं बुरी तरह टूट चुका था और इस कदर कि नोशबाह मेरे साथ चिपक गई और कहने लगी- कुछ हुआ है क्या.. आप तो ऐसे कभी ना थे…!
मैं क्या खाक जवाब देता, बस कुछ नहीं कहा और यूँ ही लेटा रहा।
ज़हन में अजीब ऊहापोह चल रही थी और नोशबाह जो कि अब प्रेग्नेंट हो चुकी थी, उसे नहीं मालूम कि वो अपने बाप की बीवी है। वो शादी के बाद पहली बार इस कदर खुश थी और मुझे उस पर रहम आ रहा था। वो मुझसे चिपटी हुई थी और मेरे होंठों पर चुम्बन कर रही थी।
वो बहुत ही खुश और जज्बाती हो रही थी और कह रही थी- आपको अंदाज नहीं है कि यह जान कर मैं किस कदर खुश हूँ कि आप अब्बू के सब से प्यारे स्टूडेंट थे!
मैं कांप गया था कि अब क्या होगा!
वो मेरे ऊपर लेट गई और मेरे चेहरे को चूमने लगी लेकिन उसकी गर्म हरकतों से भी मेरी बदन में आज कोई गर्मी नहीं हुई और मैं एक बेजान की तरह शान्त लेटा रहा।

नोशबाह खुद ही नंगी हो गई जबकि आम तौर पर मैं उसे नंगा करता था। अब मुझे नंगा कर रही थी और बस पूछे जा रही थी- क्या हुआ?
मुझे नंगा करके और हैरान हो गई कि मेरा लण्ड बुझा हुआ एक गोश्त के लोथड़े की तरह लटका हुआ था। उसने अब तो परेशानी का इज़हार किया कि कुछ तो हुआ है और पूछने लगी- क्या अम्मी ने फोन पर कुछ गलत कह दिया?
यह सुनकर मैं होश में आ गया और कुछ ना कहते हुए उसको लिपटा लिया मेरे जहन में फ़रज़ाना ख़ान के अल्फ़ाज़ गूँज रहे थे कि इज़्ज़त रख लेना!
नोशबाह को लिपटा कर प्यार करने लगा, मगर बेदिली से.. यही ख्याल हावी था कि ये मेरी बेटी है!
नोशबाह हटी और उसने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और मुझे यह भी ख्याल नहीं आया कि शादी के बाद से मेरे इसरार पर भी उसने कभी मेरे लंड को नहीं चूसा था।
वो मेरे ऊपर लेटी हुई थी और उसने मेरे मुँह पर अपनी चूत रख दी, तब मुझे अहसास हुआ कि वो आज खुशी से दीवानी हो रही है।
मेरी आँखों के सामने मेरी बेटी की नंगी चूत थी और मैं यही सोच रहा था कि क्या आलमनाक हादसा है!
फिर उसने मेरे लंड को चूसते हुए वहीं से कहा- क्या हुआ.. आज तो आपकी सब ख्वाहिशें मान रही हूँ!
उसने कुछ देर बाद चूसना छोड़ कर कहा- मैं अम्मी को फोन करती हूँ कि उन्होंने ना जाने क्या कह दिया!यह कहानी आप देसिबीस डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ।
यह सुनकर मैं होश में आ गया और उसकी चूत को चूसने लगा!
मुझे चूसते हुए पाकर उसने भी लंड को फिर से चूसना शुरू कर दिया। मैंने खुद को हालत के सुपुर्द कर दिया और बस एक लम्हे को ख्याल आया कि मैं दुनिया में तन्हा तो नहीं, जो बेटी से चुदाई कर रहा होऊँ और फिर एक नए अहसास में डूब गया कि मैं अपनी बेटी से चुदाई कर रहा हूँ!
मैंने एक अंगडाई ली और एक नई लज़्ज़त और अहसास से बेटी को अपने नीचे लिटा कर उसके ऊपर आ गया।
मेरी बेटी बहुत खुश थी और कहने लगी- आपने तो डरा ही दिया था!
फिर मैंने लंड उसकी चूत में डाल दिया और खूब मस्त होकर उसको चोदा और इतना मस्त होकर चोदा कि वह कहने लगी- आज आप भी बहुत खुश हैं.. मुझे खुश पाकर…
मैं सब भूल कर बेटी को चोद रहा था और मेरा लंड बहुत ही बढ़ा और मोटा है यह कहानी आप देसिबीस डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं । और अक्सर नोशबाह चुदाई के दौरान रुकने का कहती थी मैं उसकी नहीं सुनता था!
मगर आज जब उसने कहा- आहिस्ता-आहिस्ता करो, तकलीफ हो रही है..!
तो मैं रुक गया और आहिस्ता-आहिस्ता चुदाई करने लगा और उसकी पेशानी को बोसा देते हुए कहा- अब तो दर्द नहीं हो रहा!
वो चीखते हुआ बोली- हाय मैं मर जाऊँ.. आज इतना ख्याल कि जैसे बाप, बेटी का करता है!
उसके इन अल्फाज़ों ने क्या किया, मैं बयान नहीं कर सकता…!

मैंने बहुत ही खूब मगर ख्याल करते हुए इस तरह चोदा कि मेरी बेटी को तकलीफ़ ना हो और वह इस कदर खुश थी कि खुद लपक-लपक कर अपने बाप के लौड़े को अपनी चूत में निचोड़ रही थी। आज की चुदाई की लज्जत में अजीब शफाक़त और प्यार था…!
हालत के मुताबिक़ अब मैं कभी बेटी, कभी बीवी जान कर उसके साथ चुदाई करता हूँ। फ़रज़ाना ख़ान ने कभी इस मोज़ू पर बात नहीं की, बस खामोश रहीं और हर बार शुक्रिया करतीं। मेरा नसीब कि मैं नोशबाह के हवाले से अब शौहर, बाप और नाना बन चुका हूँ!
जैसा कि मैंने आप सभी को आरम्भ में ही कहा था कि यह दास्तान मुझे मेरे किसी चाहने वाले ने पकिस्तान से भेजी है और जो भी वाकिया मैंने इधर लिखा है वह सब उसी शख्श के साथ हुए वाकिए का हिस्सा है।
आप सभी के कमेंट्स का इन्तजार रहेगा।


The End
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


virat singh12 Offline
Soldier Bee
**
Joined: 30 Oct 2017
Reputation: 20


Posts: 311
Threads: 5

Likes Got: 26
Likes Given: 7


db Rs: Rs 11.02
#4
13-01-2018, 12:01 PM
Nice one
 •
      Find
Reply


dpmangla Online
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#5
13-01-2018, 05:04 PM
Nice Post
 •
      Find
Reply


Sameer303 Offline
New Bee
*
Joined: 14 Jan 2018
Reputation: 40


Posts: 41
Threads: 2

Likes Got: 2
Likes Given: 20


db Rs: Rs 5.5
#6
14-01-2018, 10:07 AM
jabardast kahani hai bhai  claps claps claps
 •
      Find
Reply


rajbr1981 Online
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#7
14-01-2018, 11:31 AM
(13-01-2018, 12:01 PM)virat singh12 : Nice one

(13-01-2018, 05:04 PM)dpmangla : Nice Post

(14-01-2018, 10:07 AM)Sameer303 : jabardast kahani hai bhai  claps claps claps

thanks
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


arav1284 Offline
Archer Bee
***
Thread Of The Year 1st Place
Joined: 18 Dec 2016
Reputation: 40


Posts: 2,490
Threads: 19

Likes Got: 544
Likes Given: 94


db Rs: Rs 52.33
#8
16-01-2018, 06:42 PM
शानदार कहानी...
________________________
 Read My Other Stories
________________________
Click On Name
LADLA DEVAR (लाड़ला देवर)(completed) || Mera Jeevan (completed)||भाभियों के साथ गाँव में मस्ती(Completed) ||लंड के कारनामें  (completed) ||"दिल अपना प्रीत परायी"(completed) ||कमसिन कलियाँ और हरामी लाला (Running)||
 •
      Find
Reply


« Next Oldest | Next Newest »


Possibly Related Threads...
Thread Author Replies Views Last Post
Group Sex  मैं सब करने के लिए तैयार हूँ।(LONG STORIE) Incest lover 7 7,361 21-07-2018, 01:44 AM
Last Post: The_rockerrr
BDSM  मैं लड़की के हाथ का खिलौना बनना चाहता हूँ. Incest lover 2 1,526 20-07-2018, 03:49 PM
Last Post: anita manoj
Incest  मैं अपनी ज़िंदगी मे पहली बार चूत के दर्शन तो कर लूँ” Incest lover 5 2,351 19-07-2018, 05:05 PM
Last Post: Pooja das
Incest  सच कहूँ मैं माँ बेटी की चुदाई स्टोरी इतनी पढता था की मैं माँ को ही चोदना चाहता था. Incest lover 2 1,667 16-07-2018, 01:43 PM
Last Post: Incest lover
Incest  संध्या आज मैं तुम्हारी अतृप्त वासना की इच्छा पूरी करता हूँ Incest lover 4 2,373 15-07-2018, 06:37 PM
Last Post: Pooja das
Desi  मैं रंडी बन गयी Kamotsuk 3 3,385 12-07-2018, 11:13 PM
Last Post: Kamotsuk
Desi  पति ने अपने दोस्त से चुदवाया मैं चुदती रही rajbr1981 4 15,111 30-11-2017, 06:31 PM
Last Post: dpmangla
Desi  मैं बाप बनने बाला हु मेरी दीदी प्रेग्नेंट है rajbr1981 3 15,431 23-11-2017, 12:50 AM
Last Post: virat singh12
Desi  मेरी नौकरानी खुद चुदी rajbr1981 2 10,831 06-11-2017, 04:45 PM
Last Post: dpmangla
Desi  क्योंकि मैं समलैंगिक हूँ wickdick 2 6,547 31-07-2017, 03:11 PM
Last Post: wickdick

  • View a Printable Version
  • Subscribe to this thread


Best Indian Adult Forum XXX Desi Nude Pics Desi Hot Glamour Pics

  • Contact Us
  • en.roksbi.ru
  • Return to Top
  • Mobile Version
  • RSS Syndication
Current time: 29-07-2018, 11:16 PM Powered By © 2012-2018
Linear Mode
Threaded Mode


hindi sexs  big lun picture  indian aunties back  chut ki stories  maan ki choot  south indian aunties photos  trisha rape  village maid sex  new hindi chudai story  sex girls in hyd  maa aur beta  crossdressing hindi story  hindisex stores  Www. ladki ko chudaya gadyane video com  aunties scandals  boor mein land  bur ki garmi  lund gand me  ahsaas channa hot pics  tollywood aunty  urdo saxy story  wife swapping stories hindi  marati sexy  kajal agarwal fucked  incest stories in urdu  roja sex tape  garam kahani  incest text chat  desi maa story  antarvasna hindi st  tamil aunty pundai pictures  pron desi movies  pronstars pictures  lncest sex videos  bbw teen selfies  miss pooja xxx pic  xxx Indian patlanhi  incest toon comic  maa beta sexy story  angela devi porn  kashmiri naked girls  new bollywood fakes  sarika kamukta  shakeela sexy boobs  urdu sexy storries  incest sex cartoons  indain sexy story  desi xxc  desi hindi sex xxx  Mausi k sath 10 din guzary  nepali sex image  urdu font sexy kahaniyan  indian sex stories in kannada language  sexvediyomalayalam  tamil.sexstories.sex/thread-333.html  thamil sax com  andhra puku  poorna hot sex  desi milk stories  hindi sex pdf story  desy sexy story  desi savita bhabhi stories  desi hot urdu stories  exbii glamour  bur me choda  www.banglasex story.com  hina ki phudi  tulugu xxx  sadhu sex story  sex scandal mms clips  hindi font sexy stories  hot aunty navel  aditi rao sex  8 inch penis pictures  indian blackmail sex  choot aur lund  hot bengali housewife  sexi potos  www.tamil dirty story  tamil sex movis.com  telugu sex stori es