25-10-2017, 12:19 PM
अपडेट २०
अब तो मैं कल का इन्तजार कर रहा था, कल उसने मुझे अपने घर पर दोबारा बुलाया है, और फिर किटी मेम के घर जाना और वापिस आना, यानि इस सबमे कुछ तो मौका मिलेगा ही, क्या पता चूत मारने को भी मिल जाए और मेरी जेब में पड़े हुए कंडोम की बारी भी आ जाए...मैं फिर से अपने ख्याली पुलाव बनाने लगा.
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रात को अंशिका का फ़ोन आया
अंशिका : हाय..क्या कर रहे हो.
मैं : मुठ मार रहा हूँ
अंशिका (गुस्से में) : तुम फिर शुरू हो गए..मैंने कहा था न की ये काम सिर्फ मेरे साथ करना, या सिर्फ मेरे सामने
मैं : यार, तुम्हारे सामने जो किया था उसे ही याद करके मेरा लंड तो अब पूरा दिन खड़ा रहता है, वो तुम्हारे फ़ोन ने सब गड़बड़ कर दिया
अंशिका : जो होता है अच्छे के लिए ही होता है
मैं : अच्छा सच बताना, उस दिन मैं अगर तुम्हे चोदने की जिद्द करता तो क्या तुम मुझे अपनी चूत मारने देती ?
अंशिका :ओहो...तुम्हारी सुई उसी दिन पर अटकी पड़ी है..मैंने तुमसे कल भी कहा था की सही समय और जगह मिलते ही मैं तुम्हे खुश कर दूंगी. और वो दिन और समय सही नहीं था
मैं : पर मैंने जो तुम्हारी आँखों में देखा था और जैसा तुम बीहेव कर रही थी मुझे लगा शायद तुम पूरी तैयार थी चुदने के लिए
अंशिका : तुम अपने ताने बुनते रहा करो..अच्छा सुनो, कल मैं क्या पहनू बर्थडे पार्टी में ?
मैं : कुछ नहीं..
अंशिका :बताओ न..प्लीस..तुम जानते हो जब से तुम मिले हो, मैंने तुमसे पूछे बिना कुछ नहीं पहना है बाहर ..
मैं ये सुनकर खुश हो गया, बात तो सही कह रही थी वो, हमेशा मुझसे पूछती है और वोही पहनती भी है.
मैं : अच्छा, तुम्हारे पास कोई वेस्टर्न ड्रेस है क्या
अंशिका :है तो पर मेरी ब्रेस्ट काफी हेवी है न, इसलिए मैं वेस्टर्न ड्रेस अवोइड करती हूँ..वैसे मेरे पास टी शर्ट और जींस है, और दो शर्ट भी हैं..
मैं : वंडरफुल ..तो एक काम करो, तुम शर्ट और जींस पहनो, साथ में हाई हील्स के सेंडिल ..
अंशिका : ये कोई ऑफिस पार्टी नहीं है, जिसमे इतने फोर्मल से होकर जाओ..प्लीस कुछ और बोलो न..
मैं : नहीं..मैंने जो कह दिया, वर्ना तुम्हारी मर्जी.
अंशिका :तुम न हमेशा अपनी जिद्द मनवाते हो..ठीक है..मेरे पास दो शर्ट हैं, सफ़ेद और दूसरी प्रिंट वाली..कोनसी पहनू,
मैं :सफ़ेद पहनो, ब्लेक जींस के ऊपर और नीचे व्हाईट सेंडल
अंशिका : ओके बॉस....और कुछ
मैं : और नीचे, ब्लेक ब्रा..
अंशिका : पागल हो क्या, व्हाईट शर्ट के नीचे ब्लेक कलर की ब्रा साफ़ दिखेगी.
मैं :हाँ, तभी कह रहा हूँ..सेक्सी भी तो लगोगी न..
अंशिका :मेरी मम्मी नहीं पहनने देगी, ऐसे कपडे.
मैं : तुम ऊपर जेकेट पहन लेना, बाद में उतार देना वहां जाकर.
अंशिका :उस्ताद हो तुम पुरे..ठीक है..जैसा आप कहो.
मैं : अच्छा , अब इस पप्पू का क्या करूँ, ये तो कब से खड़ा है तुम्हारे नाम की मुठ मारने के लिए.
अंशिका :उसे कहो की कल तक का वेट करे, मैं उसे संभाल लुंगी.
मैं :पक्का..
अंशिका :हाँ, बाबा हाँ..पक्का., अच्छा अब तुम सो जाओ, मुझे भी नींद आ रही है, पुच..बाय..
मैं : पुच..पुच...बाय जान...
और फिर मैं सो गया.
अगले दिन, हमेशा की तरह उसने सुबह मेसेज किया, दोपहर को लंच के समय बात की और शाम को सात बजे घर आने को कहा.
मैं, सफ़ेद शर्ट और ब्लेक जींस पहन कर उसके घर गया, मैंने जान बुझकर उसके जैसे कपडे पहने थे.
मैंने बेल बजायी और उसकी नौकरानी ने दरवाजा खोला , मैं अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गया.
उसकी माँ अन्दर से आई, मैंने उठकर उनके पाँव छुए ..वो खुश हो गयी मेरे संस्कार देखकर, और नौकरानी को चाय बनाने को कहा
मम्मी : वो ऊपर तैयार हो रही है, अच्छा किया बेटा जो तुम अंशिका के साथ जा रहे हो, वर्ना मैं तो इसे रात को बाहर भेजने में हमेशा डरती रहती हूँ, पता नहीं कैसे जायेगी और वापिस आएगी, जब इसने कहा की किटी मेडम ने तुम्हे भी बुलाया है और तुम इसे लेकर और वापिस छोड़कर जाओगे तो मुझे थोड़ी राहत मिली..
मैंने मन ही मन सोचा , अरे आंटी, आप फिकर मत करो, मेरे साथ ही रहेगी ये, इसकी और इसके शरीर की पूरी रक्षा करूँगा मैं..
मैं :अरे आंटी, आप तो मुझे शर्मिंदा कर रहे हैं, मुझे भी मेम की चिंता रहती है, आप फिकर मत करो.
उसके बाद वो मेरे घर के बारे में, कोन -२ है, क्या करते है, वगेरह-२ पूछने लगी, जैसे मुझे अपना जंवाई बनाएगी...
मैंने चाय पी, और तब तक ऊपर से अंशिका भी आ गयी, यार...क्या माल लग रही थी साली. ब्लेक जींस के ऊपर क्रीम कलर की जेकेट, नीचे उसकी शर्ट के कोलोर भी दिख रहे थे. उसने मेरे कपडे देखे और मुस्कुरा दी, पर कुछ न बोली, मैंने भी आँखों ही आँखों में उसकी तारीफ की