सुनलो मिली अगर तुम ने उनसे कुछ बोला तो मैं भी ये सब बता ढुंग" अपने गुस्से में मैं इतना सब बोल गया लेकिन शायद ये मेरे लिए अच्छा ही हुआ क्योंकि मिली अब एकदम शांत हो गई थी और कुछ सोचने लगी थी।।।।।।।।।।।।।।
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अब आगे
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मैं गुस्से में बोल तो गया लेकिन मिली सोच में डूब गई थी और शांत थी मैंने अपनी तरफ से बात शुरू करनि चाही लेकिन हर बार मुँह से कुछ निकल ही नहीं पाया।
"ता तुम्हारी ये हालत मेरी वजह से हुई है?" लगभग ५ मिनिट बाद मिली बोली।
"जाने दे ना यार मुझे जो अच्छा लगता है वो मुझे करने दे और तुझे जो अच्छा लगता है तू कर टैंशन क्यों लेती है और मैंने कोन सा रीना से ज़िंदगी भर बँधा रहना है" मैंने बात को तालते हुए कहा।
"मेने जो पुचा है ये उसका जवाब नहीं है। अब सच-सच बोल की क्या मैं ही तेरी इस हालत की वजह हु" लेकिन शायद मिली अब मानने वाली नहीं थी।
"देख मिली मैं ये नहीं कहता की तू मेरी इस हालत की वजह है लेकिन हम दिनों के बिच दो बार जो भी हुआ उसी की वजह से मेरे अन्दर सेक्स की आग भड़क गई है। मैं किसी भी तरह सेक्स करना चाहता हु और रीना मुझे इसके लिए एकदम सही लगी तो मैंने उससे दोस्ती कर ली तू अपने आप को दोष मत दे" मैं उसे समझते हुआ बोला।
मेरी बात सुन कर मिली कुछ देर शांत सी सोचती रही फिर थोड़ी देर बाद उठि और बड़ा लाइट ऑन करके मेरे पास मेरे बेड पर आकार बैठते हुए बोली "क्य जनता है तू सेक्स के बारे में"।
उसके इस सवाल से मैं थोड़ा हैरान हो गया मुझे समझ ही नहीं आया की मैं उसे क्या जवाब दु।
"बतना राजू क्या जनता है तू सेक्स जे बारे मे" मिली ने फिर पुछा।
"क्य जनता हु मतलब तूने देखा नहीं मैं नेट पर सेक्स स्टोरीज पढता हु उसमे तो सब लिखा होता है और जो उसमे लिखा है वही मैं जनता हु" मैंने जवाब दिया।
"तुने कभी ब्लू फिल्म देखि है" मिली ने फिर पुछा।
"हाँ अभी कुछ दिनों पहले ही एक दोस्त के मोबाइल में देखि थी लेकिन पूरी नहीं देख पया था" मैं बोला।
"कहा तक देखि थि, मेरा मतलब जहाँ तक तूने देखि थी वहां तक लड़का लड़की क्या क्या कर चुके थे"।
"वो दोनों नंगे थे और एक दूसरे को चुम चाट रहे थे फिर वो दोनों बेड पर ६९ की पोजीशन में हो गए थे लेकिन इसके आगे मैं नहीं देख पाया" पता नहीं मैं मिली से इतना कैसे बोल गया।
मुझे शर्म भी आरही थी लेकिन उससे ज्यादा मुझे अपनी सगी बहन से ऐसी बातेे करने में रोमांच का अनुभव हो रहा था मेरे सारे शरीर के रोये खड़े हो गए थे और लंड भी तन्ने लगा था।
शायद मिली से मेरी ये हालत छिपि हुई नहीं थी, इसलिए वो मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली "पुरी ब्लू फिल्म देखनी है तुझे अभी के अभी?"
मिली की बात सुनकर मैं हैरानी में पद गया की ये अभी के अभी मुझे ब्लू फिल्म कहाँ से दिखा देगी और उससे ज्यादा हैरानी इस बात की थी की क्या वो लड़की होकर भी ब्लू फिल्म देख चुकी है।
"बताना राजू देखेगा ब्लू फिल्म" मिली नशीली आवाज में बोली।
एक तो सेक्स का बुखार मुझ पर वैसे ही चढ़ा हुआ था उस पर मिली जैसी पटाखा लड़की जिसे मैं नंगी देख चूका था और थोड़ा बहुत उसके बदन से खेल भी चूका था के मुँह से निकलती मदक आवाज की वजह से मुझसे रुका नहीं गया और मेरे गैले से फँसी फँसी आवाज में 'हाँ' निकल ही गया।
मेरी हाँ सुनते ही मिली उठि और मेरा लैपटॉप उसका मोबाइल और एक यू एस बी कनेक्टर ले आई और मोबाइल को लैपटॉप से कनेक्ट कर के बेड पर रखते हुए मेरे साइड में बैठ गई ।
"मोबिले में मजा नहीं आएगा तुझे इसलिए लैपटॉप में देखते है" कहते हुए उसने लैपटॉप में मोबाइल का ब्लू फिल्म वाला फोल्डर खोल लिया और एक ब्लू फिल्म शुरू कर दी।
मेरा दिमाग जैसे हवा में उड़ जारहा था आज तक मुझे ऐसी अनुभुति नहीं हुई थी। आज मैं अपनी जवान सेक्सी बहन के साथ बैठ कर ब्लू फिल्म देख रहा था। फिल्म शुरू हो गई थी। जिसमे एक लड़का और लड़की सेक्स करने की तैयारी कर रहे थे। दोनों ही नंगे थे और अभी एक दूसरे को लिप किस्स कर रहे थे। थोड़ी देर बाद में लंड और चुत की चुसाई भी शुरू हो गई थी। तभी मिली ने फिल्म रोक दी और मुझसे बोली "देख राजू मैं तेरी बहन होन के बाद भी तेरे साथ ब्लू फिल्म देख रही हु तो सिर्फ इसलिए की तू रीना जैसी लड़की का साथ छोड़ दे।"
"लेकिन सिर्फ ब्लू फिल्म देखने से ही मेरा कुछ नहीं होगा मुझे सेक्स करना है, इसीलिए तो मैं रीना को पटा रहा हु" मैंने अपनी परेशानी बताइ।
मेरी बात सुनकर मिली ने थोड़ी देर सोचा और बोली "राजु मैं तेरी बहन हु इसलिए मैं तेरे साथ सेक्स तो नहीं कर सकती लेकिन नंगी होकर अभी फिल्म में जो होरहा था वो करके तुझे शांत जरूर कर सकती हु बोल तब तू रीना का साथ छोड़ देगा।"
अब मैं सोच में पद गया था मिली का इशारा ओरल सेक्स की तरफ था वैसे भी मिली के सामने रीना कुछ भी नहीं थी और जब मिली आज ओरल करने को तैयार है तो आगे भी कुछ करने को तैयार हो ही जाएगी ये सौदा मुझे फायदे का लगा।
"ठीक है मिली जब तक तू मुझे संतुष्ट करते रहेगी मैं रीना की तरफ देखूँगा भी नहीं समझ ले मैंने आज और अभी से ही उसका साथ छोड़ दिया" में बोला।
"ये हुई न बात" मिली के चेहरे पर ख़ुशी साफ़ झलक रही थी।।।।।।।।।।।
"ठीक है मिली जब तक तू मुझे संतुष्ट करते रहेगी मैं रीना की तरफ देखूँगा भी नहीं समझ ले मैंने आज और अभी से ही उसका साथ छोड़ दिया" में बोला।
"ये हुई न बात" मिली के चेहरे पर ख़ुशी साफ़ झलक रही थी।।।।।।।।।।।
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अब आगे
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मेरी बात सुनकर मिली का चेहरा खिल गया था अब उसने झट से फिल्म दोबारा चला दी फिल्म में अब चुदाई शुरू हो चुकी थी। लेकिन मेरा ध्यान कहीं और था मैं अभी भी यही सोच रहा था की मिली के मोबाइल में ये फिल्म कैसे आगई कहीं उसका कोई बॉय फ्रेंड तो नहीं है। क्या वो पहले भी चुदाई तो नहीं कर चुकी तभी मिली की नजर मुझ पर पड़ी मुझे सोच में डुबे देख उसने एक बार फिर फिल्म रोक दी और बोली "क्य सोच रहा है राज।"
"तेरे पास ये फिल्म कहाँ से आइ" मैं बोला।
"ये फिल्म तो पिछले दो साल से मेरे पास है स्कूल में मेरी सहेली के मोबाइल से ली थि" मिली बोली
"तो क्या तुम इतने दिनों से ऐसी फिल्मे देख रही हो और तुम्हारी सहेलिया भी देखती है ऐसी फिल्म" मैं बोला।
"हाँ हम सभी सहेलिया ये फिल्म देखती है और इसमें गलत क्या है हम भी तो आखिर इंसान है हमारी भी इच्छा होती है ये सब करने की" मिली ने जवाब दिया।
"तो क्या तुम भी किसी के साथ ये सब कर चुकी हो" मैं लैपटॉप की तरफ इशारा करते हुए बोला।
"नही मैंने आज तक कभी भी सेक्स नहीं किया है मैं एकदम वर्जिन हु अभी तक लेकिन अपनी ऊँगली का इस्तेमाल बहुत बार किया है।"
"उंगली का इस्तेमाल? मैं कुछ संझा नाहि" मैं बोला और सच में उस वक्त तक नहीं जनता था।
"तु भी ना निरा बुद्धू है ये देख" कह कर उसने फिल्म शुरू कर दी जिसमे लड़के का लुंड लड़की की चुत में सटासट अन्दर बहार हो रहा था और बोली "जैसे लड़की की उसमे लड़के का वो पम्पिंग कर रहा है ना मैं उसी तरह अपनी उस में अपनी ऊँगली अन्दर बहार कर के काम चला लेती हु।"
मिली की बात सुनकर एक बार फिरसे मेरा मौसम बन्ने लगा था और अब मैं नार्मल भी हो गया था मेरे मन्न में शरारत वाला कीड़ा कुलबुलाने लगा था "तु ये क्या बोल रही है 'वो' 'उसमे' ये मुझे कुछ समझ नहीं आरहा है जरा खुल कर बोल ना।"
मिली समझ गई की मैं उसके मुह से क्या कहलवाना चाहता हु और वैसे भी हम दोनों अभी तक बहुत खुल चुके थे आपस में और आगे भी बहुत कुछ करने वाले थे शायद इसीलिए मिली ने बगैर झिझक के बोल दिया "में अपनी चुत में लंड की जगह अपनी ऊँगली चला कर ही काम निकल लेती हु, यही सुन्ना चाहता था ना तु।"
मिली की बात सुनकर मेरे लंड में और भी ज्यादा तनाव आगया था और मेरा ध्यान एक बार फिर फिल्म की तरफ चला गया जहाँ धुआँधार चुदाई चल रही थी मिली भी मेरे साथ फिल्म देखने लागी।।।।
फिल्म में लड़का चुदाई करते हुए लड़की के बूब्स को जोर जोर से दबा रहा था। उसे देख कर मेरे भी हाथो में खुजली होने लगी थी मिली मेरे साइड में ही बैठि थी मैंने धीरे से अपना हाथ उसके गैल में डाल दिया और कपड़ो के ऊपर से ही उसके बुबु को धीरे धीरे मसलने लगा लेकिन मिली ने कोई विरोध नहीं किया। शायद उसकी भी यही मर्जी थी वो भी फिल्म देख कर गरम हो चुकी थी अब मेरे हाथ उसके मांसल बूब्स को अच्छी तरह निचोड रहे थे और मेरा लंड मेरे लोअर को फाड़ कर बहार आने को हो रहा था। मैंने अपने एक हाथ से उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया। मिली ने फिल्म से नजरे नहीं हटाई और मेरे लंड को मसलने लगी कुछ देर ऐसे ही चलता रहा लेकिन कपड़ो के ऊपर से करने में मुझे मजा नहीं आरहा था। तो मैंने अपना हाथ मिली के टॉप के अन्दर डाल दिया और उसकी ब्रा के अन्दर हाथ घुसेड कर उसके बूब्स दबाते हुए फिल्म देखने लगा शायद मिली को भी नंगे लंड से ही खेलना था, इसलिए उसने भी मेरे लोअर में हाथ डाल दिया अब मेरा लम्बा मोटा औजार उसके हाथ में था। जिसे वो पूरी ताकत से मसल रही थी और खिच रही थी लगभग ५ मिनट तक यही सब चलते रहा की तभी वो फिल्म ख़तम हो गई मिली ने तुरंत दूसरी फिल्म लगा दी।
आब मुझसे रहा नहीं जारहा था मेरा लुंड दर्द करने लगा था तो मैं बोला "बस मिली अब बहुत हो गया मेरा लुंड दर्द कर रहा है इसे शांत कर दे।"
मेरी बात सुनकर मिली मुस्कुराते हुए बोली "थिक है निकाल उसे बहार।"
"ऐसे नहीं ऐसे मजा नहीं आएगा एक काम करते है दोनों ही नंगे हो जाते है तब ज्यादा मजा आएगा" मैं बोला।
मिकी भी शायद यही चाहती थी कुछ ही पलो बाद हम दोनों नंगे हो चुके थे और बेड से निचे एक दूसरे के सामने खड़े थे।
आब मैं मिली की तरफ ही देख रहा था क्योंकि कहा से शुरू करू मुझे समझ नहीं आरहा था मिली मेरी परेशानी समझ गई और उसने आगे बढ़ कर मेरा सर पकड़ते हुए अपने होठ मेरे होठो से जोड दिए अब मिली के बूब्स मेरे सीने पर दब रहे थे, और मेरा लंड उसकी चुत के पास रगड खा रहा था और मेरे हाथ उसके मांसल गुदाज भारी नितम्बो को मसल रहे थे।।।।।।।।।।
आब मैं मिली की तरफ ही देख रहा था क्योंकि कहा से शुरू करू मुझे समझ नहीं आरहा था मिली मेरी परेशानी समझ गई और उसने आगे बढ़ कर मेरा सर पकड़ते हुए अपने होठ मेरे होठो से जोड दिए अब मिली के बूब्स मेरे सीने पर दब रहे थे, और मेरा लंड उसकी चुत के पास रगड खा रहा था और मेरे हाथ उसके मांसल गुदाज भारी नितम्बो को मसल रहे थे।।।।।।।।।।
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अब आगे
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मेरे हाथ मिली के भरी नितम्बो को सहला रहे थे और मेरा लंड लगातार उसकी कुँअरि चिकनि चुत पर रगड खा रहा था। मिली भी पूरी मस्ती में मेरे होठ चूस रही थी और उसकी गोल-गोल सॉफ्ट लेकिन थोड़ी सी सख्त चूचिया मेरी छाती में गड़े जारही थी। मेरे लंड की चुभन शायद उसे भी अपनी चुत पर महसूस हो रही थी इसलिए वो भी अपनी कमर मटका मटका कर अपनी चुत को मेरे लंड पर ठेले जा रही थी।
मै सचमुच स्वर्ग का सा आनंद ले रहा था। ऐसा मजा आज तक मुझे नहीं मिला था मैं भी अपनी मस्ती में सराबोर हो चूका था अब मेरा एक हाथ मिली के कूल्हे पर था और दूसरा उसकी एक चूचि को मसल रहा था मैं दिवानो की तरह मिली के होठो को सहयोग करते हुए लिप् किस्स का पूरा मजा ले रहा था की तभी मेरा हाथ जो मिली के भरी कुल्हो से खेल रहा था वो उसकी गण्ड की दरार पर चला गया मिली का शरीर हल्का सा कँपा लेकिन फिर नार्मल हो गया अब मैं अपने उस हाथ की उंगलिया मिली की गण्ड की दरार में ऊपर से निचे ताज घुमने लगा अब मिली और भी जोश में आगई थी और मेरे सर के बलो को जोर जोर से खीचते हुए मेरे मुँह में अपनी जीभ चला रही थी।
अचानक ही मेरी एक ऊँगली मिली के गांड के छेद से टकराई और मिली का सारा बदन कंप उठा 'उउम्महहह' की एक मादक सिसकारी उसके मुँह से निकली लेकिन मेरे मुँह के ढक्कन की वजह से वहीँ घुट कर रह गई अब मैंने उसके बूब्स दबाना छोड़ कर अपना एक हाथ उसकी कमर पर कस दिया और अपनी ऊँगली उसकी गांड के छेद पर सहलाने लगा मेरी इस हरकत से मिली सिहर उठि और अपने बदन को हिलाने लगी जिससे अब मेरा लुंड उसकी चुत पर और भी ज्यादा चुभन लगा उसकी चुत की गर्मी और गिला पन मैं अपने लंड पर साफ़ महसूस कर रहा था। अभी ऐसा करते हुए दो मिनट भी नहीं हुए होंगे की मिली का शरीर अकडने लगा उसने मेरे होठ चूसना बंद कर दिया और अपने शरीर का सारा बोझ मुझ पर डालते हुए पीछे की तरफ धनुष की तरह टेढ़ी हो गई जिससे उसकी चुत बिलकुल मेरे लुंड से सत गई। अब मैं अपने लंड पर उसकी चुत से झरता हुआ पानी अछे से मेहसुस कर रहा था शायद मिली झाड़ गई थी।
मिली की चुत इतने पास पा कर मेरे सबर ने भी जवाब दे दिया और मैंने वापस उसे अपने साइन पर झुकाते हुए उसके दोनों कुल्हो को निचे से पकड़ा और थोड़े से घुटने मोड़ते हुए एक धक्का लगा दिया
'ओह्ह्ह्ह।।। माआ।।।।।उफ़्फ़्फ़्फ़।।।मर गईइइइ' एक दर्दीली चीख़ मिली के मुँह से निकली लेकिन रूम का दरवाजा बंद होने के कारन बहार तक नहीं जा पाइ
मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे लुंड के सुपडे का कुछ हिस्सा किसी भट्टी जैसी जगह में घुस गया हो।
मुझे पता ही नहीं चला की कब मेरे लंड का कुछ हिस्सा मिली की चुत में घुस गया था। मिली तो उस झटके से हिल ही गई थी वो मुझसे अलग होने के लिए छटपटाने लगी थी। मैं भी उसकी चीख से कुछ घबरा गया था इसलिए मैंने भी उसे छोड़ देने में ही अपनी भलाई समझी और अपने शरीर को पीछे खीचते हुए मिली से अलग हो गया।
मेरे अलग होते ही मिली बेड पर गिर कर गहरी गहरी सांस लेने लगी तभी मेरी नजर उसकी चुत पर पड़ी लेकिन मुझे उसकी चुत पहले जैसी ही लगी शायद मेरा लंड उसकी सील नहीं तोड़ पया था इसलिए वहां खून भी नहीं दीख रहा था। मैं भी मिली के पास जाकर बैठ गया और उसके सर को सहलाने लगा कुछ देर बाद मिली ने ऑंखे खोलि और मुझे देख कर कहा "मेने तुझसे कहा था ना की हम सेक्स नहीं करेंगे फिर भी तूने मुझे चोदने की कोशिश की।"
"सॉरी यार पता नहीं कैसे ये सब हो गया जबकि मुझे तो पता भी नहीं है की चुत का मुँह कहा होता है जहा से चुदाई की जाती है।" मैंने मायूस स्वर में जवाब दिया।
आब हम दोनों ही खुले शब्दो में बाते कर रहे थे।
"तुने तो मेरी सील तोड़ने में कसर ही नहीं छोड़ी थी यदि हम लेट कर ये सब कर रहे होते तो शायद अभी तक तेरा लंड मेरी चुत फाड़ चूका होता।" कहते हुए मिली ने मेरा लंड पकड़ लिया।
"लेकिन तू चीख़ी क्यों थि" मैंने पूछ।
"जाब भी कोई लड़की पहली बार चुद्वाती है तो सील टुटने के कारन उसे दर्द होता ही है। वो तो अच्छा हुआ की तेरा धक्का इतना तेज नहीं था वरना मेरी चीख़ इतनी तेज होती की सारा मोहल्ला जग जाता क्योंकि उस वक्त मैं चुदाई के लिए तैयार नहीं थि।" मिली मेरे लंड की मूठ मरती हुई बोलि।
मैन एक बार फिर आनंद के सगर में डुबने उतरने लगा था। अब मैं मिली से और भी ज्यादा खुल जाना चाहता था इसलिए मैं बोला "मिली मैं एक बार तेरी चुत को अछे से देखना चाहता हु प्ल्ज़ देखने देना।"
"अब तो हम लगभग रोज ही ये सब करेंगे इसलिए तुझे भी पता होना चाहिए की चुत कैसी होती है इसलिए मैं तुझे मना नहीं करुँगी देखले जो भी देखना चाहता है।" कहते हुए मिली ने मेरा लंड छोड़ दिया और अपनी टंगे अछे से फैला ली।
कब मैं भी उठ कर उसकी टैंगो के बिच में आगया था मिली की चुत मेरी आँखों के सामने थी।
गोरी चिकनि बल रहित कुवारी चुत जिसके होठ कभी कभार कंपकपा रहे थे क्या नजारा था मुझसे रहा नहीं गया और मेरा एक हाथ उस जन्नत के दरवाजे जैसी चुत पर चला गया मिली एक बार फिर सिहर उठि।
कुछ देर मैं उसकी चुत पर ऐसे ही हाथ फेरते रहा फिर मेरी एक ऊँगली मिली की चुत की फैंको के बिच तैरने लगी थी मिली के मुहसे एक बार फिर सिसकारियां निकलने लगी थी उसकी चुत फिर गिली होने लगी थी।
अब मैं उठ कर मिली के बाजू में लेट गया और उसकी चुत को अपने एक हाथ में भर कर भीचते हुए उसके होठो को चुस्ने लगा मिली ने मस्ती में आँखे बंद कर ली थी और मेरे लंड के साथ खेलने लगी थी।
अब मैंने उसकी चुत को अपनी मुट्ठी से आज़ाद कर के अपनी एक ऊँगली उस में अन्दर बहार करनि शुरू कर दिया था। मेरी हरकतो से मिली का बदन झटके पर झटके खा रहा था। थोड़ी ही देर में मिली एक बार फिर झाड़ गई थी और इधर मेरे लंड का बुरा हाल हो चूका था। अब मैं भी शांत हो जाना चाहता था इसलिए मैंने मिली को इशारे से अपने लंड की तरफ देखने को कहा वो मेरे इशारा समझते हुए मुस्कुराई और उठ कर मुझे चित लेता दिया और खुद मेरे लंड के पास बैठ गई और मेरे लंड के सुपडे पर अपनी जीभ चलने लगी।
अपनी बहन की जीभ का स्पर्श अपने लंड पर होते ही मेरा खून दोगुनी रफ़्तार से दौड़ने लगा था। मेरे आनंद की कोई सीमा नहीं थी। मिली मुझे आज मेरे जीवन की सबसे नयाब चीज दे रही थी। कुछ ही देर में मिली ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया था और उसे चुस्ने लगी थी। उसके मुँह की गर्मी से मेरा लुंड लगातार फुले जारहा था वैसे भी मिली को मेरा लंड पूरी तरह मुँह में भरने में परेशानी हो रही थी।
तोडे ही समय बाद मुझे लगा की मैं झड़ने वाला हु मैंने मिली को बताया तो उसने मेरे लुंड को मुँह से निकाल दिया और अपने हाथ से ही जोर जोर से मेरी मूठ मरने लगी।
१०-१२ झटको के बाद ही मेरा लंड अपना लावा उगलने लगा था जो मिली के हाथ पर गिर रहा था। जब मेरा लंड पूरी तरह शांत हो गया तो मिली ने उसे छोड़ा और बोली "छीि।।। गंदे मेरा हाथ ख़राब कर दिया।" और उठ कर बाथरूम जाने लगी मैं उसकी मटकती गांड देखता रहा।
मिली के बाद मैं भी बाथरूम से होकर आचुका था तब तक मिली अपने कपडे पहन कर बेड पर लेट गई थी
"चल मिली दोनों एक ही बेड पर सोते है" मैं बोला
"नही भाई आज के लिए इतना ही काफी है दो बार झड़ने के कारन मैं बहुत थक गई हु और वैसे भी मुझे तुझ पर भरोसा नहीं है कही सोते में ही तूने मेरी इज्जत लूट ली तो, और वैसे भी तू चुदाई करने के लिए मरा जा रहा है इसलिए अब तू भी अपने बेड पर लंड पकड़ कर सो जा ज्यादा इच्छा हो तो वही मूठ मार लेना" मिली हस्ते हुए बोलि।
मै अपना सा मुँह लेकर रह गया मुझे पता था की एक बार वो जो बोल देती है वही करती है इसलिए उसे फाॅर्स काना ठीक नहीं था वरना वो बिदक भी सकती थी।
"थिक है लेकिन कल तो ये प्रोग्राम फिर होगा ना?" मैंने पुछा।
"कल की कल से देखेंगे अभी तू लाइट ऑफ कर और सो जा" उसने जवाब दिया और अपनी आँखे बंद कर ली।
मैन भी थके हुए कदमो से आगे बढ़ कर लाइट बंद करके सो गया।।।।।।।।।।।
मै अपना सा मुँह लेकर रह गया मुझे पता था की एक बार वो जो बोल देती है वही करती है इसलिए उसे फाॅर्स काना ठीक नहीं था वरना वो बिदक भी सकती थी।
"थिक है लेकिन कल तो ये प्रोग्राम फिर होगा ना?" मैंने पुछा।
"कल की कल से देखेंगे अभी तू लाइट ऑफ कर और सो जा" उसने जवाब दिया और अपनी आँखे बंद कर ली।
मैन भी थके हुए कदमो से आगे बढ़ कर लाइट बंद करके सो गया।।।।।।।।।।।
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अब आगे
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अगले दिन मैं और मिली साथ ही कॉलेज गए वहां जानबूझ कर मैं खाली टाइम में मिली के साथ ही रहा और रीना से मिलने की कोशिश भी नहीं की हलाकि रीना ने मुझे कई बार फ़ोन किया मिलने के लिए लेकिन हर बार मेंर उसे बहाना बना कर ताल दिया। मिली मुझमे आये इस बद्लाव से बहुत खुश थी।
उस रात भी हमने ओरल किया और एक दूसरे को संतुष्ट किया अब लगभग १५ दिन हो चुके थे इस दौरान ७-८ बार हम लोग ऊपर ऊपर से सेक्स कर चुके थे लेकिन मिली इससे आगे बढ़ने को तैयार नहीं थी जबकि उसकी मस्त गांड और चुत को इतने पास से देख कर भी भोग नहीं पाने की खीझ मेरे मन्न में बढ़ती जारही थी। इन दिनों में मैं लगभग हर बार ही उसकी चुत में ऊँगली किया करता था एक दो बार तो मैंने उसकी गांड में भी ऊँगली कर दी थी जिससे मिली मुझसे थोड़ा नाराज भी हुई की ये गन्दी जगह है यहाँ ऐसा नहीं करना चाहिए लेकिन मैंने उसे मन लिया।
किस्मत से एक दिन मुझे ब्लू फिल्म की एक ऐसी सीडी मिल गई जिसमे सिर्फ अनल सेक्स ही था। मैंने वो सीडी मिली को दिखने के लिए घर ले ली थी। अभी शम के ५ बजे थे और मम्मी पापा भी घर पर आगये थे मिली भी घर पर ही थी मैंने वो सीडी अपने रूम में बेड पर गढ्डे के निचे छुपा दी की रात में मिली को दिखाउंगा।
आखीर रात भी हो गई और हम सभी खाना खानेे के बाद अपने अपने रूम में आ चुके थे। मिली की हरकतो से ऐसा नहीं लग रहा था की आज वो कुछ करने के मूड में है वो चेंज कर के सीधे अपने बेड पर लेट गई और सोने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था। मैंने लैपटॉप उठाया सीडी निकली और मिली के बेड पर उसके साइड में बैठ कर सीडी लैपटॉप में लगा दी।
मिली मेरी सारी हरकतो को बड़ी ख़ामोशी से देख रही थी लेकिन वो ज्यादा देर खामोश नहीं रह पाई और बोली "तु इतनी रात को ये सब क्या कर रहा है राजू, क्या दिखाना चाहता है तू मुझे।"
"एक नई ब्लू फिल्म है वो ही दिखाना चाहता हु।" मैं लैपटॉप में सीडी ओपन करते हुए बोला।
"आज मेरा मन्न नहीं है राजू रहने दे।" वो बोली।
"ठीक है हम कुछ करेंगे थोड़ी ही बस देखना ही तो है।" मैं बोला।
"जाब कुछ करना ही नहीं है तो देखने से क्या मतलब।" वो फिर बोली।
"तु ज्यादा सवाल मत कर बस देख ले इसे एक बार नई चीज है इसमे।" मैं बोला।
शायद नई चीज के बारे में सुनकर मिली की भी उत्सुक्ता जग गई थी इसलिए अब उसने मन नहीं किया और चुपचाप लैपटॉप को देखने लगी फिल्म शुरू हो गई थी अपने उसी पुराने तरीके चूमा चाती से। लग भाग १५ मिनट तक यही चलता रहा तो मिली के सब्र ने जवाब दे दिया। "क्य नया है इसमें बेकार ही टाइम ख़राब कर रहा है।" वो झल्लाते हुए बॉली।
"बस दो मिनट रुक अभी आता है नया नजरा।" मैं बोला और फिल्म को फॉरवर्ड कर दिया।
आब फिल्म एकदम सही जगह पर आगई थी। उसमे लड़की घोड़ी बनी हुई थी और लड़का उसकी गांड के छेद पर थूक लगा रहा था मैंने मुस्कुराते हुए मिली की तरफ देखा।
"क्या है ऐसे क्या देख रहा है ये तो हर ब्लू फिल्म में होता है इसमें नया क्या है।" वो एक बार फिर झल्लाई।
"जैसा इस ब्लू फिल्म में हो रहा है सबमे वैसा नहीं होता मैडम शायद तूने ध्यान से देखा नहीं की लड़का कहाँ थूक लगा रहा है।" मैं बोला
आब मिली ने ध्यान से देखा लड़के का निषाना देख कर उसकी आँख फेल गई "ये... यई... ये तो गांड में थूक लगा रहा है।"
"याही तो नया है इसमे।" मैं बोला।
अब मिली बड़े ध्यान से फिल्म देख रही थी। अब फिल्म में लड़के ने अपना लुंड लड़की की गांड में घुसाना शुरू कर दिया था। बड़ी ही आसानी से उसका पूरा लुंड लड़की की गांड में सामा चूका था और वो जोर जोर से लड़की की गांड मरने लगा था। ये सब देख कर मिली की आँख लगातार फ़ैलती ही जा रही थी। शायद उसे अब तक नहीं पता था की लड़कियो की गांड भी मरी जाती थी। लगभग १० मिनट में वो शॉट ख़तम हुआ तो मैंने फिल्म बंद की और मिली से बोला। "बोल नया था ना।"
"मुझे यकीं नहीं होता की लड़कियों की गांड भी मरी जाती है।" वो सदमे की सी हालत में बॉली।
"अब जो भी हुआ तूने अपनी आँखों से देखा है यकीं तो करना ही पडेगा।" मैं उसकी हालत का मजा लेते हुए बोला।
"जारूरी नहीं की ये सच ही हो कोई ट्रिक भी हो सकती है।" वो ज़िद्द में बोली।
"तु सच में ज़िद्दी है देख मिली गे लड़के भी तो एक दूसरे की गांड मारते है तो इसमें क्या गलत है की लड़कियो की गांड मारी जाती है।" मैंने उसे समझाया।
"लेकिन वो गन्दी जगह है वहां पर ये सब करना कैसे इन लोगो को अच्छा लगता होगा।" वो अब नार्मल होते हुए बॉली।
"कोइ जगह गन्दी नहीं होती भगवन ने लड़की का हर छेद चोदने के लिए ही बनाया है वरना चुत भी तो गन्दी जगह ही होती है जहाँ से तुम लोग पेशाब करती हो और एम सी भी तो तुम्हे वहीँ से आती है।" मैं बोला।
मेरी बात सुनकर मिली चुप हो गई शायद मेरी बात उसे सही लगी थी।
आब मैं अपनी आगे की चाल चलना चाहता था लेकिन अभी मिली का मूड ठीक नहीं था इसलिए मैंने ज्यादा बात करने की कोशिश नहीं की मेरी चल4 तभी सफल हो सकती थी जब वो सेक्स के मूड में होती। मैं अब किसी भी तरह उसकी गांड मारना चाहता था। इसलिए मैंने और एक दिन इंतज़ार करने की सोचि और सब सामान अपनी जगह रख कर बेड पर लेट गया।
फिल्म देखने के बाद शायद मिली की भी नींद उड़ गई थी। वो एकटक छत को घूरे जारही थी मिली को ऐसे देखते देखते पता नहीं कब मुझे नींद ने आ घेरा और मैं सो गया।।।।।।।।।।