Incest Meri Jawan Bahu (Part 02)
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(02-05-2017, 02:21 PM)studboyripzy :Lovely, but 25/11/16 ke baad yeh Pehla update haiदूसरे दिन सुबह मदनलाल और शांति बैठ के चाय पे रहे थे। सुनील ऑफिस के काम से निकल चूका था। चाय पीते -२ मदनलाल की आँखों के सामने मोरनी बनी बहु का बदन घूम रहा था। तभी
मदनलाल ने देखा कि बहु ढेर सारा गेंहू लिए किचन के बाहर आकर बैठ गई और गेंहू बीनने लगी। मदनलाल समझ गया की अब बहु यहाँ कम से कम दो घण्टे तो बैठेगी। उसे लिंग दर्शन समारोह
आयोजित करने के लिए ये शानदार मौका लगा। सुनील जा चूका था और शांति भी पूजा करने जाने ही वाली थी। मदनलाल ने फटाफट चाय पी और अपने रूम में जा पहुंचा। रूम में उसने 100 mg
की मैनफोर्स निगल ली। आधे घण्टे के अंदर गोली को अपना काम कर देना था। कुछ देर बाद शांति भी पूजन कक्ष में चली गई। मदनलाल हॉल से बैठे -२ बहु को देख रहा था। हालांकि काम्या ने कपडे
पहने हुए थे पर मदनलाल की आँखों के सामने बहु का नंगा बदन ही घूम रहा था। मोरनी बनी बहु की गाण्ड उसकी आँखों के सामने से हट ही नहीं रही थी। पेट में गोली और सामने eye tonic दोनों
का असर इतना तेज़ हुआ कि लुंगी के अंदर कोबरा ने फन फैला दिया और बिना बीन के ही झूमने लगा। मदनलाल उठा टॉवल लिया और बाथरूम में घुस गया। जल्दी -२ नहाके चड्डी उतारी और
बहु को याद कर -२ के मुठ मारने लगा ताकि उसका मूसल अपने विकराल रूप में आ जाये। जब लण्ड महाराज अपने पूर्ण रूप में खिल उठे तो उसने टॉवल इस तरह लपेटा की हल्का सा झटका लगते ही टॉवल गिर जाए। आज न वो बनियान लाया था न दुसरी चड्डी। जैसे ही मदनलाल ने दरवाज़ा खोला आवाज़ सुनकर काम्या ने उस तरफ देखा ,ससुर को केवल टॉवल में अर्ध नग्न देख कर उसने शरम से अपना सिर झुका लिया और गेहूं बीनने लगी। मदनलाल नपे तुले कदमों से उसकी ओर बढ़ने लगा ,बहु क़ा सिर झुका हुआ था इसलिए उसे अपना खेल खेलने का सही मौका मिल रहा था,जैसे ही वो बहु के करीब पहुंचा उसने धीरे से टॉवल की गाँठ को खोल दिया और अगले ही पल टॉवल जमीन पर गिर पड़ा। जमीन पर कुछ गिरता देख बहु ने नजर उठाई और जो देखा तो देखते ही उसे सांप सूंघ गया। उसके चेहरे से मात्र दो फ़ीट दुरी पर मदनलाल नंग धडंग खड़ा था और काम्या की आँख के सामने ससुर का विकराल लण्ड इधर उधर डोल रहा था। लगभग साढ़े सात इंच
लम्बे और काम्या की कलाई के बराबर मोटे मूसल को देख काम्या स्तब्ध रह गई। वो पलकें बंद करना ही भूल गई और एकटक बाबूजी के उस खतरनाक हथियार को देखती रह गई। उसने कल्पना में भी नहीं सोचा था कि मर्द का लण्ड इतना बड़ा हो सकता है। उसकी साँसे थम सी गई थी और शरीर जड़वत हो गया था। मदनलाल ने बहु के मुख को देखा तो उसे उसमे भय और आश्चर्य के मिले
जुले भाव दिखाई दिए। आश्चर्य लण्ड के आकार प्रकार का था तो भय उसके काम का। काम्या देख रही थी सामने बड़ा सा गुलाबी सुपाड़ा ,उसके पीछे लम्बा सा शाफ़्ट जिस के ऊपर नसों का जाल। मदनलाल ने देखा की धीरे -२ बहु के चेहरे से भय का भाव कम होता जा रहा है और भय की जगह उत्सुकता ने ले ली है। वो बड़े गौर से बाबूजी के मर्दाने अंग को देखे जा रही थी उसकी आँखों में
अब गुलाबीपन उतर आया था। फिलहाल वो दीन दुनिया से बेखबर इस नए अजूबे को देख रही थी। इस परिवर्तन से मदनलाल खुश था क्योंकि ये उसके मिशन की कामयाबी के लिए ठीक था वो चुपचाप खड़ा रहा और टॉवल उठाने की कोई कोशिश नहीं कर रहा था। लगभग दो मिनट बीत चुके थे मगर काम्या अभी भी बाबूजी के कोबरा को देखने में मगन थी तभी पूजन कक्ष से घण्टी की आवाज़ आने लगी जिससे काम्या की तन्द्रा टूटी और वो बुरी तरह लज्जित हो गई। उसने हड़बड़ा कर सूपा वहीँ रखा और दौड़ कर अपने कमरे में भाग गई। मदनलाल भागती हुई बहु की गाण्ड की थिरकन को देखते हुए टॉवल लपेटने लगा और मन ही मन बुदबुदाया "" बहु तेरी इस गाण्ड ने ही तो हमें तेरा दीवाना बना दिया है ,इसकी सील तो हम ही तोड़ेंगे। ""
काम्या रूम में पहुँच कर हांफने लगी ,उसके पूरे शरीर में पसीना आ गया था। वो बिस्तर में बैठ कर सोचने लगी कि ""हे भगवान,क्या सचमुच इतना बड़ा होता है। मतलब पिंकी अपने पति के बारे में जो बोल रही थी वो सब सच था "" दरअसल काम्या को कॉलेज के समय उसकी सहेलियों ने एक दो बार मोबाइल में पोर्न क्लिप दिखा दी थी लेकिन वो यही सोचती थी कि मर्द का वो अंग इतना बड़ा नहीं होता। फिल्म में सब ट्रिक फोटोग्राफी का कमाल होता है। लेकिन इतने बड़े ही लण्ड की बात पिंकी ने अपने पति के बारे में बताया था। उस समय काम्या ने यही सोचा था की स्त्रियों को अपने पति की मर्दानगी को बड़ा चढ़ा कर बताने की आदत होती है ,फिर पिंकी तो वैसे भी डिफाल्टर थी। जब काम्या की शादी हुई और उसने सुनील के चुन्नू मुन्नू को देखा तो उसे पूरा विशवास हो गया था कि पिंकी अपने पति के साइज बारे में गप्प मार रही थी। लेकिन आज बाबूजी के खतरनाक औजार को देख उसकी पुरानी सारी धारणा ही बदल गई। उसने अपनी आँखों से केवल ढाई फ़ीट की दुरी से लगभग दो मिनिट तक बाबूजी के कोबरा को फुफकारते हुए देखा था इसलिए संदेह की कोई गुंजाइस ही नहीं थी। "" बाप रे कितना खतरनाक दिख रहा था लेकिन फिर भी उसे देखने को कितना मन कर रहा था "" काम्या ने मन ही मन कहा। फिर उसने सोचा कि बाबूजी का टॉवल गिरा तो उन्होंने उठाया क्यों नहीं , कितनी देर तक हमारे सामने झुलाते रहे लगता है जानबूझ कर हमें दिखा रहे थे। हाय राम कितने बेशरम हो गए हैं बाबूजी अपनी बहु को ही अपना दिखा रहे थे अगर इनको मौका मिले तो ये तो हमें रगड़ डाले। एक बार फिर बाबूजी का सामान उसकी आँखों के सामने आ गया। काम्या ने सोचा बाप रे इतना बड़ा वहां जाता कैसे होगा और कितना दर्द होता होगा। उसे याद आया कि पिंकी भी कह रही थी कि सुहागरात के दिन उसे कितनी तकलीफ हुई थी और वो पिन्की की बताई बातों को याद करने लगी।
पिन्की की शादी काम्या से पहले हो गई थी शादी के बाद पहली बार वो मायके आई तो काम्या ने उसे घेर लिया और शादी के बाद के कार्यक्रम बारे में कुरेद कुरेद कर पूछने लगी हालांकि वो जानती थी कि पिन्की पहले से ही चलता पुर्जा है ,लैब में पटेल सिर का लंड चूसते तो काम्या ने खुद देखा था। पिन्की भी खुल कर बताने लगी कि उसके पति का बहुत बड़ा और मोटा है। पिंकी ने कहा "" काम्या तेरे को क्या बताऊँ ,उनका इतना मोटा है कि मेरे जैसी चली चलाई लड़की भी दूसरे दिन लंगड़ा कर चल रही थी। रात में उन्होंने तीन बार मेरा बाजा बजाया ,वो तो सुबह हो गई थी नहीं तो पता नहीं और कितनी कुटाई करते।"" सुबह मैं लड़खड़ा कर चल रही थी तो रिश्ते की ननद और भौजियां टौन्ट मार रही थी। एक ननद बोली "" अरे यार भैया तो बड़े जालिम हैं पहले ही दिन इतनी बुरी तरह कचर दिया,पहले -२ दिन तो गाड़ी कम स्पीड पर चलानी थी "" तभी दूसरी ननद बोली ""नहीं यार भाभी बड़ी किस्मत वाली हैं जो इतना गबरू जवान मिला है अब तो सारी जिंदगी मजे ही मजे हैंखूब उछाल -२ के निगलेगी ""पिन्की ने काम्या को बताया कि उसे इतना बड़ा लण्ड एडजस्ट करने में पंद्रह दिन लग गए थे तब जाके उसकी चाल सुधरी। काम्या ने सोचा बाबूजी का भी इतना बड़ा है कि किसी को भी एडजस्ट करने में महीनों लग जायेंगे।
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