काम्या :--- हाँ बाबूजी। नींद नहीं आ रही क्या ?
मदनलाल :-- बहु प्लीज पांच मिनिट के लिए आ जाने दो बहुत मन कर रहा है
काम्या :-- बिलकुल नहीं आप पागल हो गए हैं क्या ? कल वो आ रहे हैं। आप को मौका मिला तो आप तो हमारा आज ही कबाड़ा कर देंगे
मदनलाल :-- कसम से कुछ नहीं करेंगे ,प्रॉमिस। मदनलाल घिघियाते हुए बोला
काम्या :-- कुछ करना ही नहीं है तो आना क्यूँ है ,
मदनलाल :-- बस ऐसे ही आपको देखने का मन कर रहा है।
काम्या :-- अभी आधा घंटे पहले डिनर करते समय तक तो देख ही रहे थे।
मदनलाल :-- वो कोई देखना है हमको दूसरी तरह देखना है
काम्या :-- दूसरी तरह मतलब
मदनलाल :--- जैसे उस दिन बाथरूम में देखा था। मदनलाल ने माहौल बनाते हुए बोला
काम्या :-- क्या sss . आप बहुत गंदे हो। गन्दी बात करते हो
मदनलाल :-- बहु प्लीज। बस एक बार देख लेने दो ,दिल को चैन आ जायेगा
काम्या :- कोई चैन नहीं आएगा उल्टा आप कंट्रोल खो देंगे
मदनलाल :-- नहीं नहीं। हम बिलकुल कंट्रोल में रहेंगे। कसम से
काम्या :-- रहने दीजिये हमें सब मालूम है। जब आप पहली बार बाथरूम में ही कंट्रोल नहीं पाये तो अब तो आप हमें परेशान भी करने लगे हैं। अब आप अन कंट्रोल हो जायेंगे और फिर तो हमें
भगवान भी नहीं बचा पायेगा
मदनलाल :-- कैसी बात कर रही हो बहु। हमने कभी आप से जबरदस्ती की है। जब और जहाँ आप रुकने बोली हम तुरंत रुक गए। प्लीज मान जाओ न
काम्या :-- नहीं बाबूजी। आज तो हम कोई रिस्क नहीं ले सकते। sorryyyyyy
मदनलाल :;-- अच्छा बहु एक काम करो हम खिड़की में खड़े रहेंगे वहीँ से दिखा दो। प्लीज बहु बच्चे पर रहम करो
काम्या :---- ओहो हो बच्चे वो भी आप। एक नम्बर के बिगड़े बच्चे हो।
मदनलाल :-- बिगड़े भी हैं तो क्या हुआ। हैं तो आप के ही न। प्लीज बहु प्लीज
मदनलाल की मिन्नतें करने पर काम्या कुछ पसीज गई। थोड़ा तो वो खुद भी परेशान थी इतने दिनों से कोई उसकी जवानी को देख नहीं पा रहा था अतः बोली
काम्या :-- बस दो मिनिट देखने मिलेगा ,वो भी कमरे के बाहर खिड़की से ठीक
मदनलाल :-- ठीक। मंजूर है
काम्या :-- ओके दस मिनिट बाद नीचे आ जाना।
मदनलाल दस मिनिट बाद नीचे पहुंचा और जैसे ही अंदर झाँका उसकी उपर की सांस ऊपर और नीचे की सांस नीचे ही रह गई
अंदर काम्या बिलकुल नंगी बेड में थी। उसके बदन का एक -२ अंग लाइट में चमक रहा था। वो करवट लेकर लेटी हुई थी।करवट में लेटने से वैसे भी स्त्री का कमर बल खा जाती है और नितम्ब और चौड़े दिखने लगते हैं। काम्या के नितम्ब तो वैसे ही भारी भरकम थे बिलकुल गज गामिनी लगती है। मदनलाल एकटक अपलक काम्या की गाण्ड को देखने लगा। बहु की नंगी जवानी को देख मदनलाल पागल हो गया। गाण्ड के बीच की दरार भी जान लेने पर उतारू थी दोनों फांके दो खरबूजों के सामान लग रही थी एकदम चिकनी ,मख्खन के सामान मुलायम पर ठोस। उसने लुंगी
से अपने घोड़ा पछाड़ सांप निकाला और तेज़ी से मुठियाने लगा। मदनलाल के मुख से सिसकारी निकलने लगी। सिसकारी की आवाज़ सुनकर काम्या समझ गई की बाबूजी खिड़की में आ गए हैं
वो कुछ देर ऐसे ही लेटी रही और मदनलाल को अपनी जवानी का जाम दूर से ही पिलाती रही। मदनलाल भी चक्षु चोदन कर रहा था। उसका लण्ड आज फटने को उतारू था। मदनलाल ने सोचा
यहीं खिड़की में खड़े खड़े माल न निकाला तो एक आध नस फट जाएगी और वो जोर -२ से घस्से मारने लगा। काम्या कुछ देर तक ऐसे ही लेटी रही और फिर बड़ी नजाकत के साथ बैठ गई।
बैठने से
उसके मतवाले चुचे भी अपनी झलक दिखलाने लगे। अब बहु को सुन्दर सेक्सी मनमोहनी सूरत भी थोड़ी -२ दिख रही थी। बहु की मांसल जांघे भी कहर ढा रही थी। काम्या की जांघे बेहद सुडोल थी गोल गोल भरी हुई लम्बी लेकिन बहुत ही संतुलित आकर में थी उसकी जांघे इतनी सुन्दर थी कि कोई भी उसे घंटो चाट सकता था। गांड और जांघों का मिलन बिंदु तो बिंदु पतन करा देने लायक था
मदनलाल काम्या की गांड देख कर पूरा बावला हो गया था बहु भी जानबूझ कर पीछे का हिस्सा दिखा रही थी क्योंकि वो अपने ससुर की कमजोरी जानती थी। जब मदनलाल का माल उबाल
मारने लगा तो उसके मुख से अजीब -२ सी आवाज़ आने लगी जिसे सुनकर काम्या समझ गई की बाबूजी का काम होने ही वाला है। उसने स्थिति को शांत करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया और
लाइट ऑफ कर दिया। इधर मदनलाल ने भी खिड़की के पास छटाक भर रबड़ी गिरा दी।
मदनलाल :-- बहु प्लीज पांच मिनिट के लिए आ जाने दो बहुत मन कर रहा है
काम्या :-- बिलकुल नहीं आप पागल हो गए हैं क्या ? कल वो आ रहे हैं। आप को मौका मिला तो आप तो हमारा आज ही कबाड़ा कर देंगे
मदनलाल :-- कसम से कुछ नहीं करेंगे ,प्रॉमिस। मदनलाल घिघियाते हुए बोला
काम्या :-- कुछ करना ही नहीं है तो आना क्यूँ है ,
मदनलाल :-- बस ऐसे ही आपको देखने का मन कर रहा है।
काम्या :-- अभी आधा घंटे पहले डिनर करते समय तक तो देख ही रहे थे।
मदनलाल :-- वो कोई देखना है हमको दूसरी तरह देखना है
काम्या :-- दूसरी तरह मतलब
मदनलाल :--- जैसे उस दिन बाथरूम में देखा था। मदनलाल ने माहौल बनाते हुए बोला
काम्या :-- क्या sss . आप बहुत गंदे हो। गन्दी बात करते हो
मदनलाल :-- बहु प्लीज। बस एक बार देख लेने दो ,दिल को चैन आ जायेगा
काम्या :- कोई चैन नहीं आएगा उल्टा आप कंट्रोल खो देंगे
मदनलाल :-- नहीं नहीं। हम बिलकुल कंट्रोल में रहेंगे। कसम से
काम्या :-- रहने दीजिये हमें सब मालूम है। जब आप पहली बार बाथरूम में ही कंट्रोल नहीं पाये तो अब तो आप हमें परेशान भी करने लगे हैं। अब आप अन कंट्रोल हो जायेंगे और फिर तो हमें
भगवान भी नहीं बचा पायेगा
मदनलाल :-- कैसी बात कर रही हो बहु। हमने कभी आप से जबरदस्ती की है। जब और जहाँ आप रुकने बोली हम तुरंत रुक गए। प्लीज मान जाओ न
काम्या :-- नहीं बाबूजी। आज तो हम कोई रिस्क नहीं ले सकते। sorryyyyyy
मदनलाल :;-- अच्छा बहु एक काम करो हम खिड़की में खड़े रहेंगे वहीँ से दिखा दो। प्लीज बहु बच्चे पर रहम करो
काम्या :---- ओहो हो बच्चे वो भी आप। एक नम्बर के बिगड़े बच्चे हो।
मदनलाल :-- बिगड़े भी हैं तो क्या हुआ। हैं तो आप के ही न। प्लीज बहु प्लीज
मदनलाल की मिन्नतें करने पर काम्या कुछ पसीज गई। थोड़ा तो वो खुद भी परेशान थी इतने दिनों से कोई उसकी जवानी को देख नहीं पा रहा था अतः बोली
काम्या :-- बस दो मिनिट देखने मिलेगा ,वो भी कमरे के बाहर खिड़की से ठीक
मदनलाल :-- ठीक। मंजूर है
काम्या :-- ओके दस मिनिट बाद नीचे आ जाना।
मदनलाल दस मिनिट बाद नीचे पहुंचा और जैसे ही अंदर झाँका उसकी उपर की सांस ऊपर और नीचे की सांस नीचे ही रह गई
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अंदर काम्या बिलकुल नंगी बेड में थी। उसके बदन का एक -२ अंग लाइट में चमक रहा था। वो करवट लेकर लेटी हुई थी।करवट में लेटने से वैसे भी स्त्री का कमर बल खा जाती है और नितम्ब और चौड़े दिखने लगते हैं। काम्या के नितम्ब तो वैसे ही भारी भरकम थे बिलकुल गज गामिनी लगती है। मदनलाल एकटक अपलक काम्या की गाण्ड को देखने लगा। बहु की नंगी जवानी को देख मदनलाल पागल हो गया। गाण्ड के बीच की दरार भी जान लेने पर उतारू थी दोनों फांके दो खरबूजों के सामान लग रही थी एकदम चिकनी ,मख्खन के सामान मुलायम पर ठोस। उसने लुंगी
से अपने घोड़ा पछाड़ सांप निकाला और तेज़ी से मुठियाने लगा। मदनलाल के मुख से सिसकारी निकलने लगी। सिसकारी की आवाज़ सुनकर काम्या समझ गई की बाबूजी खिड़की में आ गए हैं
वो कुछ देर ऐसे ही लेटी रही और मदनलाल को अपनी जवानी का जाम दूर से ही पिलाती रही। मदनलाल भी चक्षु चोदन कर रहा था। उसका लण्ड आज फटने को उतारू था। मदनलाल ने सोचा
यहीं खिड़की में खड़े खड़े माल न निकाला तो एक आध नस फट जाएगी और वो जोर -२ से घस्से मारने लगा। काम्या कुछ देर तक ऐसे ही लेटी रही और फिर बड़ी नजाकत के साथ बैठ गई।
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बैठने से
उसके मतवाले चुचे भी अपनी झलक दिखलाने लगे। अब बहु को सुन्दर सेक्सी मनमोहनी सूरत भी थोड़ी -२ दिख रही थी। बहु की मांसल जांघे भी कहर ढा रही थी। काम्या की जांघे बेहद सुडोल थी गोल गोल भरी हुई लम्बी लेकिन बहुत ही संतुलित आकर में थी उसकी जांघे इतनी सुन्दर थी कि कोई भी उसे घंटो चाट सकता था। गांड और जांघों का मिलन बिंदु तो बिंदु पतन करा देने लायक था
मदनलाल काम्या की गांड देख कर पूरा बावला हो गया था बहु भी जानबूझ कर पीछे का हिस्सा दिखा रही थी क्योंकि वो अपने ससुर की कमजोरी जानती थी। जब मदनलाल का माल उबाल
मारने लगा तो उसके मुख से अजीब -२ सी आवाज़ आने लगी जिसे सुनकर काम्या समझ गई की बाबूजी का काम होने ही वाला है। उसने स्थिति को शांत करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया और
लाइट ऑफ कर दिया। इधर मदनलाल ने भी खिड़की के पास छटाक भर रबड़ी गिरा दी।