• HOME
  • AWARDS
  • Search
  • Help
Current time: 29-07-2018, 11:44 PM
Hello There, Guest! ( Login — Register )
› XXX STORIES › Hindi Sex Stories v
1 2 3 4 5 6 ..... 61 Next »

Desi छोटी बहन के साथ

Verify your Membership Click Here

Pages ( 15 ): « Previous 1 ..... 6 7 8 9 10 11 12 ..... 15 Next »
Jump to page 
Thread Modes
Desi छोटी बहन के साथ
rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#81
02-04-2017, 09:56 PM
(01-04-2017, 01:11 AM)arav1284 : शानदार कहानी लिखी है भाई..।                            

(01-04-2017, 07:47 PM)dpmangla : Nice Theory
thanks
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#82
02-04-2017, 09:57 PM

मैंने अब अंतिम कील ठोका, "मान लीजिए कि सायरा को सेक्स की लत हो और वह अब रेगुलर तरीके से किसी से चुदवाती हो तो आप अब क्या कर सकते हैं..., ज्यादा से ज्यादा गुस्सा ही न। पर अगर वो जिद में आ गई और घर से भाग गई तो कौन जाने किस कोठे पर मिलेगी। अभी तो सप्ताह-दस दिन में एक बार वो चुदा रही होगी... पर अगर एक दिन भी कोठे पर चली गई तो वहाँ उसके जैसी लडकी को घन्टा में हिसाब लगा कर लगातार चोदा जाएगा। अब तो मोबाईल से चट वीडियो बन जाता है और लडकी को पता भी नहीं होता। कल्पना कीजिए कि आपको अचानक किसी दिन अपनी बेटी किसी ब्लू-फ़िल्म में दिख जाए तब...? इससे तो बेहतर है कि उनके शरीर की भूख का भी ख्याल रखा जाए और हमें पता हो कि वो कब और किससे चुदा रही हैं। इसीलिए मैं कह रहा था कि आप विभा पर लाईन मारिए और मैं सायरा पर। अगर वो हम लोगों से पट गई तो हमें मजा मिलेगा ही हमें उनके बारे में भी पता रहेगा।

अब तो हमारा रिश्ता ऐसा हो ही गया है कि मैं सायरा के बारे में आपको सब बता सकूँ"। वो अब मुस्कुरा कर बोले, "ठीक है.... बेस्ट औफ़ लक..., पर कोई बदनामी ना हो यह ख्याल रखना। और हाँ... एक बार प्लीज विभा की उस पैन्टी को दिखाना उससे छुपा के। मेरे तो दिमाग में बस यही चल रहा है कि वो विभा के अंग को कितना ढँका होगा..."। मैंने गौर किया कि वो अभी भी ’विभा का अंग’ बोल रहे थे, ’विभा की चूत’ नहीं तो मैंने कहा, "आप ठीक अंदाजा लगाए हैं, वो सिर्फ़ पाँच साल की लडकी का बूर ही ढँक सकती है। विभा जैसी लडकी की चूत तो अब इतना फ़ूली हुई होगी कि वो दोँ ईंच में सिर्फ़ उसकी चूत की फ़ाँक को ढँकी होगी।

अगर अभी विभा का पैन्ट खोल कर देखा जाए तो उसका फ़ूला हुआ चूत और सारा झाँट साफ़ दिखेगा, बशर्ते की वो अपना झाँट साफ़ न की हो"। मैने अपनी बहन के बारे में जैसे बोला, सलीम चाचा सब मुँह बाए सब सुन रहे थे। मैंने अब उनको जाँचते हुए आगे कहा, "मेरे ख्याल से वब त्रिकोणी पैन्टी ज्यादा से ज्यादा नूर की चूत ढँक सकती है, वो अभी बच्ची जैसी ही है और दुबली भी बहुत है। अभी जो उम्र है उसकी उसमें झाँट भी ज्यादा फ़ैली नहीं होगी उसकी चूत पर, ज्यादा बाल चूत के ऊपर की तरफ़ ही होगा अभी। आपको तो पता ही होगा कि १८ के आस-पास से लडकी की झाँट साईड की तफ़ फ़ैलने लगती है और पीछे गाँड़ की छेद के चारों तरफ़ हो जाती है। विभा और सायरा दोनों २० पार हैं तो उनका झाँट अपना पूरा आकार ले लिया होगा पर नूर का अभी भी फ़ैलना बाकी होगा।"



अब सलीम चाचा भी मेरे साथ खुलने लगे और नूर के बारे में बताया, "नूर तो जैसा मैंने बताया था न ... बिल्कुल ही अल्हड है अभी। फ़्रौक या स्कर्ट पहनेगी और उठते-बैठते उसको इसका ख्याल ही नहीं रहेगा। जब तब उसकी जाँघ या पैन्टी दिखते कह्ते रहेगी। जुल्का कितना डाँटती है कि घर पर बाप और भाई भी तो हैं मर्द... उनसे तो पर्दा रखो... पर कुछ फ़ायदा नहीं। अभी तक वो यहाँ रहती तो तुम देखते उसकी हरकत..."। मैंने कहा, "अभी नासमझ है... धीरे-धीरे सब जान जाएगी। कुछ लड़कियाँ जल्दी जवान हो जाती है और कुछ को टाईम लगता है।" हमें आए करीब दो घन्टा हो गया था सो मैंने अब विभा को आवाज लगाई, "विभा, चलो बाबू अब... बहुत समय हो गया।" विभा की जगह नूर की आवाज आई, "बस दो मिनट भैया... दीदी बाथरूम में है"। थोड़ी देर में विभा सलीम चाचा के दोनों बेटियों और उनके भतीजे के साथ कमरे में आई।

जमील भी २४-२५ का जवान लडका था और वो जब हम बातें कर रहे थे तब आया था और फ़िर भीतर जाने के बाद विभा के आकर्षण से बँध कर वहीं फ़ँस गया था। अच्छा ही हुआ... अगर वो हमारे साथ बैठ जाता तो शायद हम दोनों में वैसी बातें नहीं होतीं जो सिर्फ़ मेरे और सलीम चाचा के रहते हुई। सब लडकियाँ चहक रही थीं और हँस रही थीं। सलीम चाचा की नजर फ़िर से विभा की छाती पर टिक गई जहाँ से उसके टाईट टी-शर्ट पर किशमिश के दाने की तरह उसके निप्पल उभरे हुए थे। लो-वेस्ट कैप्री की वजह से विभा के हिलने-डुलने से उसके कसे हुए पेट की गोरी चमडी झलक जाती थी। सलीम चाचा बोले, "अरे बच्चियों... थोडा हमारे साथ भी बैठो न। इतने बुढे हम थोडे ना हो गए है कि हमें अपनी सर्किल से ही बाहर कर दो"। सब हँसते हुए पास की कुर्सियों पर बैठ गए। नूर और सायरा दोनों बहनें सलीम चाचा के अगल-बगल में ही बैठी मेरे बिल्कुल सामने सोफ़े पर। विभा मेरे बगल में बैठ गई जिससे सलीम चाचा के चेहरे पर चमक आ गई। जमील मेरे दूसरी तरफ़ बैठ गया था।


विभा जब मेरे बगल में बैठ रही थी तो मैंने गौर किया कि उसकी पैन्टी गायब थी। मुझे माजरा समझ में नहीं आया। एक बार तो लगा कि क्या विभा अंदर जमील से चुदा ली है। पर मुझे पता था कि विभा को जब चोदो, उसका चेहरा लाल भभूका हो जाता है और करीब आधा-घन्टा लगता है फ़िर चेहरा सामान्य होने में। तो यह सोच कर मैंने विभा की चुदाई वाली बात को दिमाग से हटाया, पर मैं किसी तरह से समझ नहीं पाया कि आखिर उसकी पैन्टी गायब कैसे हो गई। वो बिल्कुल सामन्य तरीके से चाचा से बात कर रही थी। अब मैं भी सामने बैठी सायरा से बात करने लगा। सायरा बहुत ही संयत तरीके से मेरे सवाल का जवाब दे रही थी और हमारे बात-चीत में जमील भी कभी-कभार कुछ बोल देता था। मेरी नजर नूर पर भी थी और मैं उम्मीद कर रहा था कि वो कुछ ऐसा करेगी जिससे मुझे उसके क्रौक के भीतर झाँकने का मौका मिले पर मुहे तब निराशा ही हाथ लगी। करीब आधे-घंटे बाद हम घर वापस आ गए। चाय के बाद चले गप्प और फ़िर पकौड़ों के दौर ने हमारा पेट भर दिया था और अब हमें कुछ खाने की जरुरत महसूस नहीं हो रही थी। घर में घुसते हीं मैंने विभा को अपनी गोदी में उठा कर चुमते हुए कहा, "आज तो बहुत जान-मारूँ टाईप का माल दिख रही हो मेरी जान...।
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#83
03-04-2017, 07:33 PM
(02-04-2017, 09:57 PM)rajbr1981 :
मैंने अब अंतिम कील ठोका, "मान लीजिए कि सायरा को सेक्स की लत हो और वह अब रेगुलर तरीके से किसी से चुदवाती हो तो आप अब क्या कर सकते हैं..., ज्यादा से ज्यादा गुस्सा ही न। पर अगर वो जिद में आ गई और घर से भाग गई तो कौन जाने किस कोठे पर मिलेगी। अभी तो सप्ताह-दस दिन में एक बार वो चुदा रही होगी... पर अगर एक दिन भी कोठे पर चली गई तो वहाँ उसके जैसी लडकी को घन्टा में हिसाब लगा कर लगातार चोदा जाएगा। अब तो मोबाईल से चट वीडियो बन जाता है और लडकी को पता भी नहीं होता। कल्पना कीजिए कि आपको अचानक किसी दिन अपनी बेटी किसी ब्लू-फ़िल्म में दिख जाए तब...? इससे तो बेहतर है कि उनके शरीर की भूख का भी ख्याल रखा जाए और हमें पता हो कि वो कब और किससे चुदा रही हैं। इसीलिए मैं कह रहा था कि आप विभा पर लाईन मारिए और मैं सायरा पर। अगर वो हम लोगों से पट गई तो हमें मजा मिलेगा ही हमें उनके बारे में भी पता रहेगा।

अब तो हमारा रिश्ता ऐसा हो ही गया है कि मैं सायरा के बारे में आपको सब बता सकूँ"। वो अब मुस्कुरा कर बोले, "ठीक है.... बेस्ट औफ़ लक..., पर कोई बदनामी ना हो यह ख्याल रखना। और हाँ... एक बार प्लीज विभा की उस पैन्टी को दिखाना उससे छुपा के। मेरे तो दिमाग में बस यही चल रहा है कि वो विभा के अंग को कितना ढँका होगा..."। मैंने गौर किया कि वो अभी भी ’विभा का अंग’ बोल रहे थे, ’विभा की चूत’ नहीं तो मैंने कहा, "आप ठीक अंदाजा लगाए हैं, वो सिर्फ़ पाँच साल की लडकी का बूर ही ढँक सकती है। विभा जैसी लडकी की चूत तो अब इतना फ़ूली हुई होगी कि वो दोँ ईंच में सिर्फ़ उसकी चूत की फ़ाँक को ढँकी होगी।

अगर अभी विभा का पैन्ट खोल कर देखा जाए तो उसका फ़ूला हुआ चूत और सारा झाँट साफ़ दिखेगा, बशर्ते की वो अपना झाँट साफ़ न की हो"। मैने अपनी बहन के बारे में जैसे बोला, सलीम चाचा सब मुँह बाए सब सुन रहे थे। मैंने अब उनको जाँचते हुए आगे कहा, "मेरे ख्याल से वब त्रिकोणी पैन्टी ज्यादा से ज्यादा नूर की चूत ढँक सकती है, वो अभी बच्ची जैसी ही है और दुबली भी बहुत है। अभी जो उम्र है उसकी उसमें झाँट भी ज्यादा फ़ैली नहीं होगी उसकी चूत पर, ज्यादा बाल चूत के ऊपर की तरफ़ ही होगा अभी। आपको तो पता ही होगा कि १८ के आस-पास से लडकी की झाँट साईड की तफ़ फ़ैलने लगती है और पीछे गाँड़ की छेद के चारों तरफ़ हो जाती है। विभा और सायरा दोनों २० पार हैं तो उनका झाँट अपना पूरा आकार ले लिया होगा पर नूर का अभी भी फ़ैलना बाकी होगा।"



अब सलीम चाचा भी मेरे साथ खुलने लगे और नूर के बारे में बताया, "नूर तो जैसा मैंने बताया था न ... बिल्कुल ही अल्हड है अभी। फ़्रौक या स्कर्ट पहनेगी और उठते-बैठते उसको इसका ख्याल ही नहीं रहेगा। जब तब उसकी जाँघ या पैन्टी दिखते कह्ते रहेगी। जुल्का कितना डाँटती है कि घर पर बाप और भाई भी तो हैं मर्द... उनसे तो पर्दा रखो... पर कुछ फ़ायदा नहीं। अभी तक वो यहाँ रहती तो तुम देखते उसकी हरकत..."। मैंने कहा, "अभी नासमझ है... धीरे-धीरे सब जान जाएगी। कुछ लड़कियाँ जल्दी जवान हो जाती है और कुछ को टाईम लगता है।" हमें आए करीब दो घन्टा हो गया था सो मैंने अब विभा को आवाज लगाई, "विभा, चलो बाबू अब... बहुत समय हो गया।" विभा की जगह नूर की आवाज आई, "बस दो मिनट भैया... दीदी बाथरूम में है"। थोड़ी देर में विभा सलीम चाचा के दोनों बेटियों और उनके भतीजे के साथ कमरे में आई।

जमील भी २४-२५ का जवान लडका था और वो जब हम बातें कर रहे थे तब आया था और फ़िर भीतर जाने के बाद विभा के आकर्षण से बँध कर वहीं फ़ँस गया था। अच्छा ही हुआ... अगर वो हमारे साथ बैठ जाता तो शायद हम दोनों में वैसी बातें नहीं होतीं जो सिर्फ़ मेरे और सलीम चाचा के रहते हुई। सब लडकियाँ चहक रही थीं और हँस रही थीं। सलीम चाचा की नजर फ़िर से विभा की छाती पर टिक गई जहाँ से उसके टाईट टी-शर्ट पर किशमिश के दाने की तरह उसके निप्पल उभरे हुए थे। लो-वेस्ट कैप्री की वजह से विभा के हिलने-डुलने से उसके कसे हुए पेट की गोरी चमडी झलक जाती थी। सलीम चाचा बोले, "अरे बच्चियों... थोडा हमारे साथ भी बैठो न। इतने बुढे हम थोडे ना हो गए है कि हमें अपनी सर्किल से ही बाहर कर दो"। सब हँसते हुए पास की कुर्सियों पर बैठ गए। नूर और सायरा दोनों बहनें सलीम चाचा के अगल-बगल में ही बैठी मेरे बिल्कुल सामने सोफ़े पर। विभा मेरे बगल में बैठ गई जिससे सलीम चाचा के चेहरे पर चमक आ गई। जमील मेरे दूसरी तरफ़ बैठ गया था।


विभा जब मेरे बगल में बैठ रही थी तो मैंने गौर किया कि उसकी पैन्टी गायब थी। मुझे माजरा समझ में नहीं आया। एक बार तो लगा कि क्या विभा अंदर जमील से चुदा ली है। पर मुझे पता था कि विभा को जब चोदो, उसका चेहरा लाल भभूका हो जाता है और करीब आधा-घन्टा लगता है फ़िर चेहरा सामान्य होने में। तो यह सोच कर मैंने विभा की चुदाई वाली बात को दिमाग से हटाया, पर मैं किसी तरह से समझ नहीं पाया कि आखिर उसकी पैन्टी गायब कैसे हो गई। वो बिल्कुल सामन्य तरीके से चाचा से बात कर रही थी। अब मैं भी सामने बैठी सायरा से बात करने लगा। सायरा बहुत ही संयत तरीके से मेरे सवाल का जवाब दे रही थी और हमारे बात-चीत में जमील भी कभी-कभार कुछ बोल देता था। मेरी नजर नूर पर भी थी और मैं उम्मीद कर रहा था कि वो कुछ ऐसा करेगी जिससे मुझे उसके क्रौक के भीतर झाँकने का मौका मिले पर मुहे तब निराशा ही हाथ लगी। करीब आधे-घंटे बाद हम घर वापस आ गए। चाय के बाद चले गप्प और फ़िर पकौड़ों के दौर ने हमारा पेट भर दिया था और अब हमें कुछ खाने की जरुरत महसूस नहीं हो रही थी। घर में घुसते हीं मैंने विभा को अपनी गोदी में उठा कर चुमते हुए कहा, "आज तो बहुत जान-मारूँ टाईप का माल दिख रही हो मेरी जान...।
 

Good
 •
      Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#84
04-04-2017, 12:36 AM
घायल ही की हो या कत्ल भी कर आई...?" वो थोड़ा मुस्कुराते हुए बोली, "जैसा सोच कर गई थी, वैसा ही रहा सब...। आपके लिए रास्ता बना रही हूँ, अभी तो सायरा पर जमील का ही जादू चढा हुआ है, पर जमील लगता है मेरे से फ़ँस जाएगा। फ़िर मैं भैया आपके लिए सायरा को तैयार होने के लिए जमील से दबाब देने को कहुँगी।" मैंने भी उसको बिस्तर पर लिटाते हुए सब बताया कि कैसे सलीम चाचा उस पर फ़िदा हैं... और वो तो अब उस पैन्टी को तुम्हारी चूत पर डाईरेक्ट देखना चाहते हैं। वो तो अगर अपने घर में नहीं हमारे घर होते तो शायद तुम्हें इसके लिए बोल भी देते। पर अपने घर में बीवी-बेटी के रहते हिम्मत नहीं कर सके।" फ़िर मुझे उसके पैन्टी की याद आई तो मैंने पूछा, "अच्छा विभा, तुम्हारी पैन्टी कहाँ गायब हो गई...?" वो मुझे आँख मारी और बताया कि वो पैन्टी वो उन दोनों बहनों को गिफ़्ट कर आई है, "दोनों ऐसे लालची की तरह देख रही थी कि पूछो मत भैया...बेचारी बहनें। मुस्लिम घर में रहने की वजह से कुछ तो पर्दा रहेगा ही"।


मैंने कहा, "अच्छी विभा अब छोड़ो यह सब...चलो उतारो अपना कपडा और मेरे कंधे पर अपना टाँग रखो। आज उपर से तुम्हारा चेहरा देख देखते हुए चोदना है। अभी तुम्हारा चेहरा सामान्य है, जल्दी ही उसको लाल-भभूका करना है।" वो अपना टी-शर्ट खोलते हुए बोली, "आप भी न भैया अजीब हैं। एक मिनट में ऐसा बेचैन हो जाते हैं... अभी मेरा छेद गिला भी नहीं हुआ है ठीक से, थोड़ा टाईम देकर चुम्मा तो लीजिए न पहले"। वो अब अपना कैप्री को उतार रही थी और मैंने देखा कि वो अपने उस मस्त पैन्टी के हिसाब से अपने झाँट को साईड से बिल्कुल साफ़ कर लिया था और अब सिर्फ़ एक पतली सी पट्टी उसकी चूत के फ़ाँक के ऊपर दिख रही थी।

काँख में बाल देख कर यहाँ भी मैं बाल की उम्मीद कर रहा था, पर उसकी यह सजी हुई चूत मेरे लिए एक सुखद दर्शन था। विभा आज पहली बार इस तरह से अपना झाँट बनाई थी, वर्ना इसके पहले तो वो या तो बालों से भरी रहती या फ़िर बिल्कुल सफ़ाचट। मुझे अपनी चूत की तरफ़ देखते हुए देख कर विभा बोली, "लग रही है न सुन्दर...?" मैंने खुश हो कर कहा, "मस्त लग रही है आज यह... लग रहा है कि सन्नी लियोनी मेरे बिस्तर पर आ गई है"। वो अब न्योता दी, "आईए न पास में भैया, चोद लीजिए अपनी सन्नी लियोनी को"।

और मैं उसको बिस्तर पर सही से खींच कर लिटा दिया और फ़िर उसके टाँगों को अपने कंधे पर रख लिया उसकी चूत थोड़ा ऊपर उठ गई और मैं अब उसके बदन पर झुका। विभा बोली, "भैया थोडा थूक लगा लीजिए न, अभी मेरा सही गीला नहीं हुआ होगा, दर्द करेगा जब घुसाईएगा तब।" मैंने मुस्कुराते हुए कहा, "कुछ दर्द-वर्द नहीं होगा, चलो अब मेरे लन्ड को अपने हाथ से सेट करो छेद के मुँह पर..."। वो अपने हाथ से मेरे कड़क लन्ड को पकड कर अपनी खुली हुई चूत के मुँह से सटाई कि मैं बिना देर किए एक जोरदार धक्का लगा दिया। विभा के मुँह से एक तेज चीख निकली, उसे उम्मीद थी कि मैं धीरे-धीरे अंदर घुसाऊँगा, जैसा मैं हमेशा उसको चोदते हुए करता था। मैंने उसके चीख पर बिना ध्यान दिए, अपना लन्ड थोड़ा बाहर खींच कर फ़िर से जोर के धक्के के साथ उसकी चूत में पेल दिया। वो फ़िर से चीखी और इस बार छटपटाने लगी। मेरा लन्ड अपना रास्ता बना कर पूरी तरह से ७ ईंच भीतर घुस गया था। मैंने अब उसको गौर से देखा, विभा की आँख के कोनों से एक-एक बूँद आँसू ढ़लक गया था। मुझे अब महसूस हुआ कि सच में उसकी चूत सही से गीली हो कर चुदाने के लिए तैयार नहीं हुई थी।


मैं अब धीरे-धीरे अपना लन्ड अंदर-बाहर करते हुए उसको चोदने लगा। उसकी चूत अब गीली होने लगी थी और उसको मजा आने लगा था। जब फ़च-फ़च की आवाज आने लगी तो मैंने फ़िर से जोर-जोर से उसकी चुदाई शुरु कर दी। वो भी आह आह आह करके मुझे अपनी आँखों को बन्द करके चुद रही थी। उसका चेहरा अपना रंग बदलने लगा था। मैं उसके चेहरे पर आते-जाते भाव को देखते हुए अब जोर्दार चुदाई करने लगा और फ़िर बिना अपने रफ़्तार को बदल उसकी चूत में झड़ गया। आज दो दिन बाद मैं चोद रहा था सो मेरे लन्ड से खुब सारा माल निकला, जब तक मेरा माल निकलता रहा तब तक मैं उसकी चूत में लन्ड अंदर-बाहर करता रहा।

फ़िर थकान से पस्त हो कर मैं उसके ऊपर से उतर गया और उसके बगल में लेट कर हाँफ़ने लगा। बगल में विभा की साँस भी तेज थी, पर मेरी साँस राजधानी एक्स्प्रेस की रफ़तार से थी तो उसकी एक्स्प्रेस की तरह। वो मुझे ऐसे हाँफ़ते देख कर बोली, "ऐसा लग रहा है जैसे बगल में कोई कुत्ता लेटा हुआ है..."। मैं हाँफ़ते हुए ही बोला, "बोल लो जो बोलना है... तुमको तो आज आराम से टाँग खोल कर लेटे रहना था, कुछ करना तो था नहीं। तुमको क्या पता कि लडकी चोदने के लिए कितना मेहनत करना पडता है।" विभा अब उठी और अपने चूत से बह रहे मेरे माल को अपने हाथ से फ़िर से भीतर ठेलते हुए बोली, "देख लीजिए, आपका बेटा-बेटा सब इसी रस में तैर रहा है"। मैंने कहा, "बेटा नहीं सिर्फ़ बेटी.... जब तुम बेटी पैदा करोगी तब न उसको भी चोद कर मजा लूँगा।" वो अब खड़ी हो गई जिससे उसकी चूत से बह कर सब जमीन पर गिरने लगा। वो बोली, "कितना कमीनापनी कीजिएगा भैया... बहन सब के बाद अब बहन की बेटी पर भी नजर है, छीः छीः... चुल्लू भर पानी में डूब मरिए"।

उसको सामने खडा देख मुझे अब उसकी सुन्दर सी फ़ूली हुई चूत दिखने लगी और मैं आराम से उसको देखते हुए बोला, "अगर मैं इसते अच्छे से लड़की चोदता हूँ तो क्या मेरी इस कला का फ़ायदा मेरी भांजियों को क्यों नहीं उठाना चाहिए?" वो अब मुँह बिचकाते हुए बोली, "कमीना चूतिया..."। इसके बाद मैं भी उठ गया और तौलिए से अपना लन्ड पोंचने लगा। विभा भी अब अपना ती-शर्ट उठा कर उसके अपना चूत साफ़ करने लगी, "भैया, इस तरह से जो आप भीतर निकालने लगे आजकल, कहीं आप सच में मेरे पेट में बेटी तो नहीं डाल दीजिएगा...?" मैंने उसको एक सुई लगवा दी थी जो तीन महीने तक उसको गर्भवती नहीं होने देता। मैंने उसको यह याद दिलाते हुए आश्वस्त किया और बोला, "तुम फ़िक्र मत करो... मेरे मोबाईल में अलार्म सेट है, जब अगले सूई का तारिख आएगा तब अलार्म बज जाएगा"।
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#85
04-04-2017, 05:50 PM
(04-04-2017, 12:36 AM)rajbr1981 : घायल ही की हो या कत्ल भी कर आई...?" वो थोड़ा मुस्कुराते हुए बोली, "जैसा सोच कर गई थी, वैसा ही रहा सब...। आपके लिए रास्ता बना रही हूँ, अभी तो सायरा पर जमील का ही जादू चढा हुआ है, पर जमील लगता है मेरे से फ़ँस जाएगा। फ़िर मैं भैया आपके लिए सायरा को तैयार होने के लिए जमील से दबाब देने को कहुँगी।" मैंने भी उसको बिस्तर पर लिटाते हुए सब बताया कि कैसे सलीम चाचा उस पर फ़िदा हैं... और वो तो अब उस पैन्टी को तुम्हारी चूत पर डाईरेक्ट देखना चाहते हैं। वो तो अगर अपने घर में नहीं हमारे घर होते तो शायद तुम्हें इसके लिए बोल भी देते। पर अपने घर में बीवी-बेटी के रहते हिम्मत नहीं कर सके।" फ़िर मुझे उसके पैन्टी की याद आई तो मैंने पूछा, "अच्छा विभा, तुम्हारी पैन्टी कहाँ गायब हो गई...?" वो मुझे आँख मारी और बताया कि वो पैन्टी वो उन दोनों बहनों को गिफ़्ट कर आई है, "दोनों ऐसे लालची की तरह देख रही थी कि पूछो मत भैया...बेचारी बहनें। मुस्लिम घर में रहने की वजह से कुछ तो पर्दा रहेगा ही"।


मैंने कहा, "अच्छी विभा अब छोड़ो यह सब...चलो उतारो अपना कपडा और मेरे कंधे पर अपना टाँग रखो। आज उपर से तुम्हारा चेहरा देख देखते हुए चोदना है। अभी तुम्हारा चेहरा सामान्य है, जल्दी ही उसको लाल-भभूका करना है।" वो अपना टी-शर्ट खोलते हुए बोली, "आप भी न भैया अजीब हैं। एक मिनट में ऐसा बेचैन हो जाते हैं... अभी मेरा छेद गिला भी नहीं हुआ है ठीक से, थोड़ा टाईम देकर चुम्मा तो लीजिए न पहले"। वो अब अपना कैप्री को उतार रही थी और मैंने देखा कि वो अपने उस मस्त पैन्टी के हिसाब से अपने झाँट को साईड से बिल्कुल साफ़ कर लिया था और अब सिर्फ़ एक पतली सी पट्टी उसकी चूत के फ़ाँक के ऊपर दिख रही थी।

काँख में बाल देख कर यहाँ भी मैं बाल की उम्मीद कर रहा था, पर उसकी यह सजी हुई चूत मेरे लिए एक सुखद दर्शन था। विभा आज पहली बार इस तरह से अपना झाँट बनाई थी, वर्ना इसके पहले तो वो या तो बालों से भरी रहती या फ़िर बिल्कुल सफ़ाचट। मुझे अपनी चूत की तरफ़ देखते हुए देख कर विभा बोली, "लग रही है न सुन्दर...?" मैंने खुश हो कर कहा, "मस्त लग रही है आज यह... लग रहा है कि सन्नी लियोनी मेरे बिस्तर पर आ गई है"। वो अब न्योता दी, "आईए न पास में भैया, चोद लीजिए अपनी सन्नी लियोनी को"।

और मैं उसको बिस्तर पर सही से खींच कर लिटा दिया और फ़िर उसके टाँगों को अपने कंधे पर रख लिया उसकी चूत थोड़ा ऊपर उठ गई और मैं अब उसके बदन पर झुका। विभा बोली, "भैया थोडा थूक लगा लीजिए न, अभी मेरा सही गीला नहीं हुआ होगा, दर्द करेगा जब घुसाईएगा तब।" मैंने मुस्कुराते हुए कहा, "कुछ दर्द-वर्द नहीं होगा, चलो अब मेरे लन्ड को अपने हाथ से सेट करो छेद के मुँह पर..."। वो अपने हाथ से मेरे कड़क लन्ड को पकड कर अपनी खुली हुई चूत के मुँह से सटाई कि मैं बिना देर किए एक जोरदार धक्का लगा दिया। विभा के मुँह से एक तेज चीख निकली, उसे उम्मीद थी कि मैं धीरे-धीरे अंदर घुसाऊँगा, जैसा मैं हमेशा उसको चोदते हुए करता था। मैंने उसके चीख पर बिना ध्यान दिए, अपना लन्ड थोड़ा बाहर खींच कर फ़िर से जोर के धक्के के साथ उसकी चूत में पेल दिया। वो फ़िर से चीखी और इस बार छटपटाने लगी। मेरा लन्ड अपना रास्ता बना कर पूरी तरह से ७ ईंच भीतर घुस गया था। मैंने अब उसको गौर से देखा, विभा की आँख के कोनों से एक-एक बूँद आँसू ढ़लक गया था। मुझे अब महसूस हुआ कि सच में उसकी चूत सही से गीली हो कर चुदाने के लिए तैयार नहीं हुई थी।


मैं अब धीरे-धीरे अपना लन्ड अंदर-बाहर करते हुए उसको चोदने लगा। उसकी चूत अब गीली होने लगी थी और उसको मजा आने लगा था। जब फ़च-फ़च की आवाज आने लगी तो मैंने फ़िर से जोर-जोर से उसकी चुदाई शुरु कर दी। वो भी आह आह आह करके मुझे अपनी आँखों को बन्द करके चुद रही थी। उसका चेहरा अपना रंग बदलने लगा था। मैं उसके चेहरे पर आते-जाते भाव को देखते हुए अब जोर्दार चुदाई करने लगा और फ़िर बिना अपने रफ़्तार को बदल उसकी चूत में झड़ गया। आज दो दिन बाद मैं चोद रहा था सो मेरे लन्ड से खुब सारा माल निकला, जब तक मेरा माल निकलता रहा तब तक मैं उसकी चूत में लन्ड अंदर-बाहर करता रहा।

फ़िर थकान से पस्त हो कर मैं उसके ऊपर से उतर गया और उसके बगल में लेट कर हाँफ़ने लगा। बगल में विभा की साँस भी तेज थी, पर मेरी साँस राजधानी एक्स्प्रेस की रफ़तार से थी तो उसकी एक्स्प्रेस की तरह। वो मुझे ऐसे हाँफ़ते देख कर बोली, "ऐसा लग रहा है जैसे बगल में कोई कुत्ता लेटा हुआ है..."। मैं हाँफ़ते हुए ही बोला, "बोल लो जो बोलना है... तुमको तो आज आराम से टाँग खोल कर लेटे रहना था, कुछ करना तो था नहीं। तुमको क्या पता कि लडकी चोदने के लिए कितना मेहनत करना पडता है।" विभा अब उठी और अपने चूत से बह रहे मेरे माल को अपने हाथ से फ़िर से भीतर ठेलते हुए बोली, "देख लीजिए, आपका बेटा-बेटा सब इसी रस में तैर रहा है"। मैंने कहा, "बेटा नहीं सिर्फ़ बेटी.... जब तुम बेटी पैदा करोगी तब न उसको भी चोद कर मजा लूँगा।" वो अब खड़ी हो गई जिससे उसकी चूत से बह कर सब जमीन पर गिरने लगा। वो बोली, "कितना कमीनापनी कीजिएगा भैया... बहन सब के बाद अब बहन की बेटी पर भी नजर है, छीः छीः... चुल्लू भर पानी में डूब मरिए"।

उसको सामने खडा देख मुझे अब उसकी सुन्दर सी फ़ूली हुई चूत दिखने लगी और मैं आराम से उसको देखते हुए बोला, "अगर मैं इसते अच्छे से लड़की चोदता हूँ तो क्या मेरी इस कला का फ़ायदा मेरी भांजियों को क्यों नहीं उठाना चाहिए?" वो अब मुँह बिचकाते हुए बोली, "कमीना चूतिया..."। इसके बाद मैं भी उठ गया और तौलिए से अपना लन्ड पोंचने लगा। विभा भी अब अपना ती-शर्ट उठा कर उसके अपना चूत साफ़ करने लगी, "भैया, इस तरह से जो आप भीतर निकालने लगे आजकल, कहीं आप सच में मेरे पेट में बेटी तो नहीं डाल दीजिएगा...?" मैंने उसको एक सुई लगवा दी थी जो तीन महीने तक उसको गर्भवती नहीं होने देता। मैंने उसको यह याद दिलाते हुए आश्वस्त किया और बोला, "तुम फ़िक्र मत करो... मेरे मोबाईल में अलार्म सेट है, जब अगले सूई का तारिख आएगा तब अलार्म बज जाएगा"।
 

Great
 •
      Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#86
06-04-2017, 10:16 PM
मैं अब विभा से कहा, "विभा, कभी-कभार गाँड़ भी मरवा लिया करो न प्लीज..."। वो बोली, "नहीं... नहीं बिल्कुल नहीं। आप पता भी है, उसमें कितना दर्द होता है। वो चेद छोता होता है और फ़िर वो इसके लिए बना हुआ भी नहीं है। मुझे याद है जब आपलोग के चक्कर में मैं करवाई तो तीन दिन तक पैखाना करते समय जलन और टीस महसूस होता था।" मैंने आगे कहा, "और जो लदकिया करवाती हैं वो.... विदेश में तो यह कौमन है कि चूत के बाद लड़की की गाँड़ मारी जाए। ब्लू-फ़िल्म में देखती ही हो..."। वो बोली, "ब्लू-फ़िल्म वाली को गाँड मराने का पैसा मिलता है, और यहाँ फ़ोकट में दर्द...। विदेश में तो सब १२-१४ साल से चुदाने लगती है तो चूत २० तक ढ़ीली हो जाती है, मैं तो २० के बाद सेक्स शुरु ही की हूँ, कम-से-कम ८-१० तो उसी छेद को चुदाने दीजिए जो भगवान ने चुदाने के लिए बनाई है। मेरी जानकारी में ३० बाद हीं कोई रेगुलर तौर पर गाँड़ मरवाती है।" मैंने कहा, "पर कभी-कभी टेस्ट बदलने के लिए..."। वो अब चिढ़ गई इस बात से, सो जरा जोर से बोली, "हाँ तो फ़िर रंडी ला कर कर लीजिए न, मुझे तो आप चोदते हीं है... अब गाँड भी मेरा ही मारने के चक्कर में क्यों हैं... प्लीज? अगर कभी मेरा मन हो ही गया तो पक्का आपको ही कहुँगी सबसे पहले।" मैं समझ गया कि वो अपना इरादा नहीं बदलेगी।

ग्यारह बज रहे थे तो हम अब सोने की तैयारी करने लगे। नंगे ही साथ सोने का नियम था, जिस दिन सेक्स ना हो उस दिन भी... तो हमें सिर्फ़ एक मच्छरदानी ही लगाना था और बत्ती बन्द करना था। साथ लेटे हुए मैंने विभा को सलीम चाचा से जो सब बातें हुई उसके बारे में बताया और फ़िर उससे कहा कि वो उनकी बेटियों से क्या सब बात की। मेरी रूचि सायरा में थी। उसका बदन गजब था, और वो खुबसुरत भी थी जैसे आम-तौर पर शिया लड़की होती है। विभा जो बताई वो अब मैं नीचे लिख रहा हूँ।

विभा उन दोनों बहनों के साथ उनके कमरे में गई और इधर-ऊधर की बात करने लगे। थोडी देर बाद नूर तो अपने स्कूल के किसी होमवर्क में बीजी हो गई और तब विभा ने सायरा से जमील की बाद शुरु की।


विभा: और बताओ सायरा, जमील भैया के साथ कैसा चल रहा है?


सायरा: ठीक है सब... मौका कम ही मिलता है, जब पूरा घर खाली हो तभी हो पाता है।


विभा: मतलब... साल में एक बार? (उसने सायरा को छेडा)


सायरा: साल...अभी चार महीने पहले ही तो पहली बार की थी दीदी, आपको बताया तो था कौलेज में।
तब से करीब १०-१२ बार हुआ होगा।


विभा: बताया, पर कौलेज की हडबड़ी में, फ़िर मैं ही भूल गई यह बात।
कैसे शुरु कर दी अचानक, वो तो तुम्हारे घर साल भर से ज्यादा टाईम से हैं।


सायरा: बस हो गया... जब अल्लाह ने चाहा। अब तो यही सोचती हूँ यह उसकी ही मर्जी थी।

विभा: इशारा तुम की या भाई साहब?

सायरा: दोनों कह लीजिए, मन तो मेरा भी अब करने लगा था... उम्र थी ही... बस एक मौका बन गया।

विभा: उस दिन हुआ क्या था, प्लीज जरा खुल कर बताओ न...।
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


dpmangla Offline
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#87
07-04-2017, 06:17 PM
(06-04-2017, 10:16 PM)rajbr1981 : मैं अब विभा से कहा, "विभा, कभी-कभार गाँड़ भी मरवा लिया करो न प्लीज..."। वो बोली, "नहीं... नहीं बिल्कुल नहीं। आप पता भी है, उसमें कितना दर्द होता है। वो चेद छोता होता है और फ़िर वो इसके लिए बना हुआ भी नहीं है। मुझे याद है जब आपलोग के चक्कर में मैं करवाई तो तीन दिन तक पैखाना करते समय जलन और टीस महसूस होता था।" मैंने आगे कहा, "और जो लदकिया करवाती हैं वो.... विदेश में तो यह कौमन है कि चूत के बाद लड़की की गाँड़ मारी जाए। ब्लू-फ़िल्म में देखती ही हो..."। वो बोली, "ब्लू-फ़िल्म वाली को गाँड मराने का पैसा मिलता है, और यहाँ फ़ोकट में दर्द...। विदेश में तो सब १२-१४ साल से चुदाने लगती है तो चूत २० तक ढ़ीली हो जाती है, मैं तो २० के बाद सेक्स शुरु ही की हूँ, कम-से-कम ८-१० तो उसी छेद को चुदाने दीजिए जो भगवान ने चुदाने के लिए बनाई है। मेरी जानकारी में ३० बाद हीं कोई रेगुलर तौर पर गाँड़ मरवाती है।" मैंने कहा, "पर कभी-कभी टेस्ट बदलने के लिए..."। वो अब चिढ़ गई इस बात से, सो जरा जोर से बोली, "हाँ तो फ़िर रंडी ला कर कर लीजिए न, मुझे तो आप चोदते हीं है... अब गाँड भी मेरा ही मारने के चक्कर में क्यों हैं... प्लीज? अगर कभी मेरा मन हो ही गया तो पक्का आपको ही कहुँगी सबसे पहले।" मैं समझ गया कि वो अपना इरादा नहीं बदलेगी।

ग्यारह बज रहे थे तो हम अब सोने की तैयारी करने लगे। नंगे ही साथ सोने का नियम था, जिस दिन सेक्स ना हो उस दिन भी... तो हमें सिर्फ़ एक मच्छरदानी ही लगाना था और बत्ती बन्द करना था। साथ लेटे हुए मैंने विभा को सलीम चाचा से जो सब बातें हुई उसके बारे में बताया और फ़िर उससे कहा कि वो उनकी बेटियों से क्या सब बात की। मेरी रूचि सायरा में थी। उसका बदन गजब था, और वो खुबसुरत भी थी जैसे आम-तौर पर शिया लड़की होती है। विभा जो बताई वो अब मैं नीचे लिख रहा हूँ।

विभा उन दोनों बहनों के साथ उनके कमरे में गई और इधर-ऊधर की बात करने लगे। थोडी देर बाद नूर तो अपने स्कूल के किसी होमवर्क में बीजी हो गई और तब विभा ने सायरा से जमील की बाद शुरु की।


विभा: और बताओ सायरा, जमील भैया के साथ कैसा चल रहा है?


सायरा: ठीक है सब... मौका कम ही मिलता है, जब पूरा घर खाली हो तभी हो पाता है।


विभा: मतलब... साल में एक बार? (उसने सायरा को छेडा)


सायरा: साल...अभी चार महीने पहले ही तो पहली बार की थी दीदी, आपको बताया तो था कौलेज में।
तब से करीब १०-१२ बार हुआ होगा।


विभा: बताया, पर कौलेज की हडबड़ी में, फ़िर मैं ही भूल गई यह बात।
कैसे शुरु कर दी अचानक, वो तो तुम्हारे घर साल भर से ज्यादा टाईम से हैं।


सायरा: बस हो गया... जब अल्लाह ने चाहा। अब तो यही सोचती हूँ यह उसकी ही मर्जी थी।

विभा: इशारा तुम की या भाई साहब?

सायरा: दोनों कह लीजिए, मन तो मेरा भी अब करने लगा था... उम्र थी ही... बस एक मौका बन गया।

विभा: उस दिन हुआ क्या था, प्लीज जरा खुल कर बताओ न...।
 
Good
 •
      Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#88
08-04-2017, 08:46 AM
(28-09-2016, 08:59 AM)deep_ak107 : मज़ा आ गया

(23-03-2017, 02:47 PM)dpmangla : Nice Post

(28-03-2017, 04:33 PM)dpmangla : Good

(29-03-2017, 04:01 PM)dpmangla : Good

(01-04-2017, 01:11 AM)arav1284 : शानदार कहानी लिखी है भाई..।                            

(01-04-2017, 07:47 PM)dpmangla : Nice Theory

(03-04-2017, 07:33 PM)dpmangla : Good

(04-04-2017, 05:50 PM)dpmangla : Great

(07-04-2017, 06:17 PM)dpmangla : Good

शुक्रिया दोस्त, मस्त रहो
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#89
08-04-2017, 09:35 PM
सायरा: घर खाली था जमील भाई भी नहीं थे और मैं नहा कर बाथरूम से आ कर अपने बाल सुखा रही थी। बदन पर एक टौवेल था। मुझे पता नहीं था कि जमील भाई के बास एक डुप्लीकेट चाभी है तो वो कब आए पता हीं नहीं चला। उनको खाना चाहिए था तो वो मुझसे खाना पडोस देने के लिए कहने मेरे कमरे में आए और संयोग देखिए दीदी कि उसी समय मैं अपने टौवेल को कमर पर लपेट ली थी जैसे लडके लपेटते हैं। हालाँकि पहले मैं टौवेल अपने छाती से लपेट कर रखी थी और मैं कभी-कभी ऐसे टौवेल में अपने बाल सुखाती थी, इतना घर में चलता है। छाती पर से तौवेल लपेट कर अम्मी या नूर भी कुछ टाईम नहाने के बाद बिताती रहती हैं। जब जमील भाईजान कमरे में आए तो मैं उपर से पूरी नंगी खडी थी।

मेरी नजर उनपर पडी और मैं हडबडा गई कि क्या करूँ, अपने हाथ अपनी छाती पर रख लिए। जमील भाईजान सामने खड़े हो कर मुझे देख रहे थे और मुझे समझ नहीं आया कि क्या करूँ, क्या बोलूँ। फ़िर जमील भाईजान ने ही कहा कि तौलिया है न उसी को उपर से लपेट लो। मैं -जी- बोल कर हडबड़ाते हुए तौलिए को कमर से खोल कर छाती पर लपेटने लगी पर जल्दी में तौलिया ही हाथ से छूट गया। सोचिए दीदी, जमील भाईजान बस चंद कदम की दूरी पर खडे थे और मैं उनके सामने मादरजात नंगी।


एक हाथ से छाती छूपा रही थी और दूसरे से अपनी लाज। उसीदिन मैंने अपने बाल साफ़ किये थे। वो अब हल्के से सीटी बजाने लगे मैं तो जैसे पत्थर हो गई थी, हिल भी नहीं सकी। कुछ समझ में नहीं आया तो अपना आँख बन्द कर ली। मुझे पता भी नहीं चला कि कब जमील भाईजान मेरे करीब आ गए और फ़िर उन्हों ने मेरे दोनों हाथ को पकड़ कर मेरे बगल में कर दिया। मैं तो जम गई शर्म से जब जमील भाईजान बोले, "बहुत दिलकश बदन है तुम्हारा सायरा..., एक बार मुझे चुमने दोगी" और वो मेरे होठ से अपना होठ सटा दिये। उनका चुम्बन लम्बा होता जा रहा था और साथ में गहरा भी। मेरी साँस भी तेज हो गई।

मेरी तो आँख बन्द ही थी और वो फ़िर अपने हाथ मेरे बदन पर फ़िराने लगे और फ़िर मेरी लाज छूने लगे। मेरे बदन में सुरसुरी हो रही थी और मैं हल्के से काँप रही थी। जब उनका होठ मेरे से अलग हुआ तो मैं आँख खोली वो मेरे कमर को पकड़ कर नीचे बैठ गए और फ़िर मेरे प्राईवेट अंग को चुमने लगे। मैं उनको उपर से ऐसा करते देखते रही पर न जाने क्या हुआ कि रोक नहीं पाई। वो उपर देखे और जब हमारी नजरें मिली तो पूछे - अच्छा लग रहा है न - और मैंने हाँ में सर हिला दिया तो वो खडे हुए और बोले, "फ़िर तुम भी चूमो न हमें, तुम्हें और अच्छा लगेगा। बदन भी और तैयार होगा और तब तुम्हें और ज्यादा मजा आएगा।" इसके बाद वो फ़िर से मुझे चुमने लगे और मेरे हाथों को अपने गले में डाल लिया और मैं भी उन के गले पर अपने हाथ कस कर उनको चुमने लगी। मेरा बदन जैसे बुखार से तपने लगा हो। आँख में भी जलन महसूस कर रही थी।

वो बोले, "मेरे भी कपडे उतार दो न सायरा जान... मेरे बदन से भी थोडा खेलो..., तुम्हें अच्छा लगेगा।" फ़िर वे अलग हट कर अपने टी-शर्ट उतार दिये और फ़िर मेरे छाती से अपने सीने सटा कर हल्के से रगड़ते हुए मेरी लाज को सहलाने लगे और बोले, "मेरा जीन्स खोलो न प्लीज... मुझे अच्छा लगेगा"। मैंने जैसा उन्होंने कहा किया और फ़िर वो खुद अपना कच्छी उतार दिए तब पहली दफ़ा उनका अंग देखा। गोल लाल फ़ुला हुआ...। वो मेरे हाथ को पकड कर अपने अंग पर रख दिये और फ़िर मुझे इशारे से समझाया कि कैसे मुझे उसको हिलाना है। मैं हिला रही थी तब वो अपनी एक ऊँगली से मेरी छेद को सहलाने लगे। मैं अपनी उँगली से उपर-उपर ही सहलाती थी पर वो मेरी फ़ाँक खोल कर भीतर ऊँगली डालने लगे। मेरा तो पानी निकलने लगा था।

फ़िर वो मुझे गोदी में ले कर बिस्तर पर लाए और बोले, "अब कुछ समय के लिए मुझे अपना शौहर समझो और अपने बदन को मुझे सौंप दो। मुझे पता था कि इसका क्या मतलब है, पर यह सब ऐसे होगा यह न सोचा था। बस इतना ही बोल सकी, कुछ होगा तो नहीं, तो वो मुझे दिलासा देते हुए बोली, "तुम घबडाओ नहीं, सब अल्लाह की मर्जी से सही हो जाएगा"। इसके बाद मैंने भी सब अल्लाह पर छोड दिया और नतीजा हुआ कि मुझे अब समझ में आ गया कि इसमें क्या मजा है। सच्ची उस दिन जब करीब दो घन्टे बाद दूसरी बार हुआ तब तो मजा की इंतहा हो गई।
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#90
08-04-2017, 09:36 PM
विभा: अच्छा... फ़िर इतना कम क्यों करती हो? बेचारे तो तरस जाते होंगे।

सायरा: हाँ, तभी तो जब मौका मिलता है हम फ़ायदा उठा लेते हैं।

विभा: मेरे घर आ जाया करो, मेरा घर तो लगभग खाली ही रहता है। मेरे से भी पर्दा है क्या?

सायरा: आपसे क्या पर्दा दीदी... थैंक्यु दी, बोलुँगी जमील भाईजान को। वो तो आपके अहसानों तले दब जाएँगे। बस गुड्डू भैया की चिन्ता है। उनको पता चला तो वो क्या सोंचेंगे...।

विभा: तुम भैया की फ़िक्र छोडो, वो दिन में तो शायद ही घर पे होते है, बस आधा घन्टा के लिए कभी-कभी खाने आ जाएँगे। वैसे तब भी वो फ़ोन कर के पूछ लेते हैं कि मैं घर पर आ गई हूँ या नहीं। तुम कल कौलेज से ही सीधे मेरे साथ यहाँ आ जाना,

फ़िर जमील भाई को बूला लेंगे।

सायरा: थैन्क्यू दीदी, थैन्क्यू वेरी मच...।

विभा: वैसे जमील भाए हैं कहाँ?

सायरा: बाजार गए हैं, अब आ ही जाएँगे...।

विभा: अच्छा है, वो मेरी पैन्टी नहीं देखे जैसे बाकियों ने देखी है। देखो मैं जो पैन्टी पहनी हूँ बहुत ही सेक्सी स्टाईल की है। मैं अभी तुम्हें दे देती हूँ, तुम रात में धो कर डाल दो। सुबह वही पहन लेना। जमील भाईजान का पानी चोदने के पहले ही निकल जाएगा। तुम तो बाल साफ़ ही रखती हो न, नहीं तो साफ़ कर लेना। पैन्टी बहुत छोटी है, साईड से बाल दिखेंगे तो अच्छा नहीं लगेगा। फ़िर बहुत ज्यादा सेक्सी लगोगी इस पैन्टी में।

सायरा: हाँ दीदी, देखी थी जब आप अब्बा के पैर छू रहीं थीं। सच्ची बहुत अजीब है, यहाँ के बाजार की तो पक्का नहीं है, कहाँ से खरीदी हो दीदी?

विभा: प्रभा दी भेजी है, औस्ट्रैलिया से..., मैं बाथरूम में जाकर डाल देती हूँ, तुम देख लेना।

सायरा: जी ठीक है दीदी। वैसे आज ही साफ़ कर लूँगी, करीब दस दिन पहले साफ़ की थी अभी थोड़े दिखने लगे है करीब आधा ईंच के। वैसे मैं हर १५ दिन पर साफ़ करती हूँ।

विभा: फ़िर तो और अच्छा है, मैंने जैसे साईड से साफ़ की है वैसे बनाना, दीदी ही बताई कि इस पैन्टी को इसी स्टाईल में झाँट को बनाने के बाद विदेश में लड़कियाँ पहनती हैं। यहाँ तो नूर है, चलो ना बाथरूम में मैं दिखा भी दुँगी और तुम्हें पन्टी वहीं खोल कर दे भी दूँगी।

सायरा: वैसी कोई बात नहीं है दी, नूर को पता है मेरे और जमील भाईजान के बारे में।

(और सायरा ने जा कर कमरे का दरवाजा बन्द कर लिया)

विभा: ठीक है फ़िर, मुझे कोई परेशानी नहीं है।

(फ़िर विभा खडी हो कर अपनी कैप्री उतार दी और तब सायरा का मुँह विभा की चूत पर चिपकी हुई उस छोटी सी पैन्टी को देख कर खुला का खुला रह गया।)

सायरा: हाय अल्लाह... यह तो गजब की चीज है। सच्ची.... जमील भाईजान तो पागल हो जाएँगे यह देख कर। (फ़िर उसने नूर को पुकारा) नूर.... जरा इधर देख तो, यह क्या चीज है...।

नूर: क्या बाजी... (और वो भी पीचे पलटी और ...) ओह गौड.... यह ऐसी है मैं नहीं सोची थी। मुझे लगा था कि वो इससे बड़ा होगा और लो-वेस्ट ड्रेस की वगज से दिख रहा है।

(वो अब पास आ कर देख रही थी)

सायरा: नूर, दीदी ने उस बहुत अच्छी सलाह दी है कि मैं कल कौलेज से उनके घर चली जाऊँ और जमील भाईजान भी उनके घर पहुँच जाएँ, दिन भर तो दीदी का घर खाली ही रहता है। गुड्डू भैया तो बाहर ही रहते हैं। दीदी बोल रही है कि मैं कल यही पहनूँ जमील भाईजान के लिए। अच्छी रहेगी न...?

नूर: शानदार... भाईजान तो सच में पागल हो जाएँगे बाजी, आपको इसमें देख कर...

विभा: नूर, तो क्या तुम भी जमील भाईसाहब से....?

नूर: नहीं... नहीं दीदी। अभी नहीं और जमील भाईजान से तो कभी नहीं... वो तो बाजी को हीं मुबारक हों

विभा: अच्छा, फ़िर कोई और तय कर लिया क्या? स्कूल का कोई या बाहर का?

नूर: नहीं, अभी कुछ तय नहीं है.... अभी जब यह सब करना हीं नहीं फ़िर तय क्या करना?

विभा: अच्छा.... फ़िर जब मन हो जाता होगा तब?

नूर: ऊँगली से... और क्या जैसे सब करती हैं, कभी-कभी दोस्तों के साथ य फ़िर बीजी हैं न.... कभी-कभी हम दोनों ही। वैसे अब बीजी को असल चीज का चस्का लग गया है, उनका काम ऊँगली से अब नहीं चलता है। अब तो वो मूली या बैंगन लेती हैं।

विभा: अच्छा फ़िर... वो सब्जी सब खा लेते होंगे, य फ़ेंक देती हो?

नूर: मूली तो जमील भाईसाहब को देती है बगैर धोये.... गन्दी हो गई है एकदम से... । बैंगन अगर सही रहा तो धो कर सब्जी में डल जाती है।

विभा: और... चाची को पता होता है क्या बैंगन का सच?

सायरा: दीदी... आप भी क्या लेकर बैठ गईं... यह सब अम्मी तो बताया जा सकता है क्या? अब उतार कर दे दीजिए न, फ़िर दरवाजा भी खोलना है।

विभा: ठीक है, और ध्यान से देख लो कैसे बाल बनाने हैं तुम्हें कि पैन्टी से बाहर एक रेशा भी ना दिखे, तब ही जादू होगा।

(विभा ने पैन्टी उतार कर सायरा को दे दी, और दोनों बहनों के मुँह से एक सिसकी निकल गई)

सायरा: दीदी, आप किसके साथ करती हैं, कभी तो आपको देखी नहीं कौलेज में किसी के साथ?

नूर: हाँ दीदी, बताईए न प्लीज...।

विभा: है एक दोस्त, ऐसे टेस्ट बदलने के लिए दो बार गैर से भी की हूँ। पर अब ज्यादा नहीं बताऊँगी।

और तभी मैंने पुकार लिया तो विभा को पैन्ट पहनने का मौका देने के लिए नूर ने मुझसे बथरूम जाने की बात की थी, और फ़िर वो हमारे पास आ गए थे।

तो इस तरह से विभा ने अपनी पैन्टी सलीम चाचा की बेटी को दे दी थी और सबसे बडी बात कि कल दोपहर में वो माल उस सेक्सी पैन्टी को पहन कर मेरे घर पर आने वाला था। मैंने कहा, "गजब कर दी विभा तुम तो.... थैंक्यू... हाँ एक बात और, कल उसको बोलना इसी बिस्तर पर चुदे... और हाँ, वो पैन्टी उससे ले लेना"। विभा बोली, "चलो अब सो जाओ भैया.... रात बहुत ज्यादा हो गई है। मुझे सब पता है कि कब क्या करना है....। तुम्हें तो सिर्फ़ लन्ड खड़ा करके अपनी बहन की चूत में ठेलना आता है।
कैसा बहिनचोद भाई मिला है मुझे भी..."। हम साथ-साथ हँसने लगे और फ़िर एक दूसरे को पकड कर सोने लगे।
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


« Next Oldest | Next Newest »
Pages ( 15 ): « Previous 1 ..... 6 7 8 9 10 11 12 ..... 15 Next »
Jump to page 


Possibly Related Threads...
Thread Author Replies Views Last Post
Incest  बहन (PART-1) Incest lover 3 4,582 4 hours ago
Last Post: Pooja das
Incest  बहन (part-3) Incest lover 2 2,596 4 hours ago
Last Post: Pooja das
Incest  मेरी बहन नेहा के नन्गे जिस्म की तस्वीर Incest lover 7 1,200 27-07-2018, 05:16 PM
Last Post: Pooja das
Incest  शालिनी हमबिस्तर बहन Sagarshalini 74 126,302 27-07-2018, 03:25 AM
Last Post: Akashchoopra
Incest  दादी माँ बहन हम सभी चुदाई के बड़े मस्त मज़े लेते है ।। Incest lover 3 3,325 25-07-2018, 03:44 PM
Last Post: Pooja das
Incest  अपनी बहन के मुहं से ऐसी गंदी गंदी बातें सुनकर बड़ा चकित हुआ Incest lover 0 1,623 25-07-2018, 12:32 PM
Last Post: Incest lover
Incest  मेरी कज़िन बहन सोमी खूबसूरत और मस्त है, Incest lover 0 746 25-07-2018, 12:25 PM
Last Post: Incest lover
Incest  अपनी बहन की कुंवारी चूत की सील को तोड़ दिया, Incest lover 0 1,047 25-07-2018, 12:20 PM
Last Post: Incest lover
Incest  मेरी बहन प्रिया मुझे अपनी बड़ी अजीब नज़रों से देखती थी, Incest lover 0 1,009 25-07-2018, 12:13 PM
Last Post: Incest lover
Wife  दोनों पति पत्नी की गांड को साथ में चुदवाया जाए। anita manoj 0 1,465 21-07-2018, 01:45 PM
Last Post: anita manoj

  • View a Printable Version
  • Subscribe to this thread


Best Indian Adult Forum XXX Desi Nude Pics Desi Hot Glamour Pics

  • Contact Us
  • en.roksbi.ru
  • Return to Top
  • Mobile Version
  • RSS Syndication
Current time: 29-07-2018, 11:44 PM Powered By © 2012-2018
Linear Mode
Threaded Mode


hindi urdu sex stori  indian hardcores  hotties in saree  desi bhabhis photos  lactating dreams  boor lund  incest cartoons galleries  marathi sambhog goshti  savitha comic  shakeela sexy pic  indian hijra pics  famous mms scandal  indian fedom  daesi mms  indian hijra pictures  didi ka chut  sexy sotoris  telugu porn pics  aunty tamil kathaikal  ixxx stories  randi sexy story  tamil sex videos in saree  indian insects stories  hot telugu aunty sex stories  sex stories marathi language  honeymoon sex galleries  sex stories in hindi script  mula in malayalam  sexy indian aunties in blouse  sexy amma  gandi sex story  amma pundai stories  glamorous aunty  nri desi aunty  dasi sex khaniya  tamil dirty sex storys  marathi hot sex  girls striping naked  hindi sexy stories hindi font  indian sexy storey  sexy story for hindi  bhabhi chudai ke liye tarasi exbii  arabic incest  mallu hot xxx  urdu porn stories  telugu romantic kathalu  indian incect stories  xbii adult  bhabhi ki chudayi  hema malini sex stories  desi booby  sex video mms scandal  hindi sex stories with bhabi  lund aur bur  chut stories  xxx story urdu  madhuri patel porn  tagalog sec stories  shakila hot mallu  nude aunties gallery  punjabi gandi kahani  xxx hindi jokes  nud moms  mami chudai  wife seducing friend  malayalam sex sites  sexi didi  gand chudai kahani  savita bhabhi cricket hindi  family inscet  hindi sex font stories  hooker porn pic  nirvanam tamil  /printthread.php?tid=22253&page=7  meethi gand full sex stories on desibess  saxey veido  incest cartoon strips  amma tamil sex stories  hot anjali mehta  doodhwali aunty  hindi font story sex  nita ambani sex  siblings sex stories  sahebji stories  bollywood nude exbii  kerala hot clips  xxx sex letters  shakeela sex.com  lund or chut  mallu sex metacafe  bhavi ki chudayi  showing panty