20-08-2016, 01:41 PM
मैं देवर की सेवा मे ( PART 2nd )
मैंने रॉकी का मुँह पकड़ कर अपने मम्मों की तरफ़ किया तो वो सूँघ कर धीरे-धीरे से अपनी जुबान मेरे मम्मों के ऊपरी हिस्से पर रगड़ने लगा। ‘आअहहह’ क्या एहसास था उसकी जुबान का। वो ब्रा के बीच भी अपना मुँह डालने की कोशिश करता मगर ब्रा टाईट होने के कारण उसका मुँह अंदर नहीं जा पाता था। मगर उसकी जुबान थोड़ी सी मेंरे मुम्मो को छू जाती तो मेरे तन बदन में और भी बिजली दौड़ जाती।अब मैंने अपनी ब्रा के हुक पीछे सो खोल दिये और फ़िर ब्रा को भी उतार दिया। रॉकी अब इन खुले कबूतरों को देख कर और भी तेजी से निप्पल पर अपनी जुबान चलाने लगा। वो अपने लौड़े को बड़े अंदाज़ से हिला रहा था। मैं उसकी पीठ पर हाथ घुमाने लगी और फ़िर अपना हाथ उसके लंड कि तरफ़ ले गयी। जब मैंने रॉकी का लंड हाथ में पकड़ा तो शायद वो परेशान हो गया और जल्दी से अपना हाथ बढ़ा कर मेरे हाथ की तरफ़ लपका। मैंने उसका लंड छोड़ दिया मगर मुझे उसके लंड की जगह वाला हिस्सा काफी सख्त लगा। रॉकी फ़िर से मेरे निप्पल को चाटने लगा। अब मैंने अपनी पजामी (सलवार) जो मेरी टाँगों से चिपकी हुई थी, उसका नाड़ा खोलना शुरू किया तो रॉकी पहले से ही मेरी पजामी को सूँघने लगा। मैंने अपने चूतड़ उठा कर अपनी पजामी को नीचे किया और फ़िर अपने सैंडल पहने पैरों से निकाल कर अलग कर दिया। मेरी पैंटी पर चूत वाली जगह पर मेरी चूत का रस लगा हुआ था। रॉकी इसे तेजी से सूँघने लगा और फ़िर मैं खड़ी हो गयी और मैंने अपनी पैंटी भी उतार फेंकी। अब मैं बिल्कुल नंगी थी और बस पैरों में काले रंग के ऊँची पेन्सिल हील के सैंडल पहने हुए थे। मेरी चिकनी चूत को देख कर रॉकी मेरी टाँगों में मुँह घुसाने लगा और मेरी जाँघों पर अपनी जुबान से चाटने लगा। एक तो पहले से ही शराब का नशा था और रॉकी की हरकतों से तो मैं और ज्यादा मदहोश हुई जा रही थी। मैं बेड के किनारे पर बैठ गयी और अपनी टाँगें फैला दी। रॉकी के सामने मेरी चूत के होंठ खुल गये जिसमें रॉकी ने जल्दी से अपनी जुबान का एक तगड़ा वार किया और मैं सर से पाँव तक उछल पड़ी। मुझे इतना मज़ा तो किसी और मर्द से चूत चटवा कर भी नहीं आया था जितना मज़ा जवान होता देवर रॉकी मेरी चूत चाट कर दे रहा था। जब रॉकी अपनी जुबान को मेरी चूत पर ऊपर नीचे करता और उसकी जुबान मेरी चूत के दाने से टकराती जिसके कारण मैं भी अपनी चूत को मसलने लगी और मेरी चूत में से मेरे चूत-रस की एक तेज धार निकल कर रॉकी की जुबान पर गिरी। रॉकी को तो जैसे मलाई मिल गयी हो। वो और भी तेजी से चूत को चाटने लगा और अपनी जुबान को चूत के अंदर तक घुसेड़ने की कोशिश करने लगा। मैंने देखा रॉकी का लंड भी खड़ा था और पैंट मे से ही बाहर आने को हो रहा था और मुझसे भी अब और सब्र नहीं हो रहा था। और मैनें फटाफट से रॉकी के सारे कपड़े उतार ड़ाले और उस को पूरा नंगा कर दिया हे भगवान क्या लौड़ा था रॉकी का मेरे पति से दोगुना और मेरे बाँस के लौड़े की लम्बाई के बराबर पर मोटाई बाँस के लौड़े से ज्यादा थी और मेरे देवर रॉकी का लौड़ा थोड़ा नोकीला किस्म का था और रॉकी के लौड़े की स्कीन भी नही फटी थी इस का मतलब रॉकी का लौड़ा अभी कुवाँरा था और रॉकी को बैड़ पर गिरी कर मैं जल्दी से रॉकी के लौड़े को मुहँ मे लेकर चुसने लगी और कोई 2 मिनट के बाद रॉकी के लौड़े ने अपना गढ़ा और गर्म वीर्य मेरे मुहँ मे छोड़ दिया जिसे मैंने बड़े चाव से पी लिया तभी मैंने रॉकी से बोला तेरा तो जल्दी छुट गया तो रॉकी बोला सौरी भाभी किसी औरत ने पहली बार मेरा लौड़ा चुसा है और मैं पहली बार किसी औरत के साथ नंगा हुँ तो मैं बोली कोई बात नही आज से तु मुझको अपनी गर्लफ्रंड़ समझ या अपनी बीवी या अपनी राण्ड़ मेरे तीनो छेद (मुहँ,चूत,गाण्ड़) तेरे से चुदने के लिये हमेशा तैयार हैं और फिर वो तो मेरी साइड में से होकर मेरी चूत को ही चाटने की कोशिश कर रहा था। मैं कुत्तिया की तरह चल कर घूम गयी और अपनी चूत पीछे से उसके सामने कर दी। वो फ़िर से मेरी चूत को चाटने लगा। अब रॉकी मेरे पालतू कुत्ते की तरह था और उसने पहले कभी किसी को नहीं चोदा था और चुदाई का उसे कोई तजुर्बा नहीं था। काफी देर के बाद भी जब वो मेरे ऊपर नहीं चढ़ा तो मैं अपनी गाँड के बल पर बैठ गयी और मैंने उसके दोनों अगले पाँव पकड़े और उनको अपनी कमर के साथ लपेट लिया और फ़िर से आगे की ओर झुक गयी। इससे उस की कमर मेरी गोद में आ गई और मैं आगे से और नीचे झुक गयी मैं उसका लंड अपने मुहँ में लेकर चुसने लगी। जिससे अब रॉकी को भी ये अच्छा लगा और वो भी अपनी कमर हिला-हिला कर अपना लंड मेरे मुहँ में ठोकने लगा और अपने अगले पैरों से मेरी कमर को कस के पकड़ लिया। मैं ने अपने एक हाथ से रॉकी का लंड अपनी उंगलियों में हल्का सा पकड़ लिया। उसके लंड धीरे धीरे सख्त होता महसूस हो रहा था। मेरी उंगलियों के स्पर्श से रॉकी को शायद ऐसा लगा कि उसका लंड मेरी चूत में घुस गया है तो वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा और अपने अगले पाँव से मुझे अपनी ओर खींचने लगा। इतने तेज झटकों से मेरे हाथ से भी लंड इधर उधर हो रहा था और ठीक से मुहँ में नहीं जा रहा था।
मैंने रॉकी का मुँह पकड़ कर अपने मम्मों की तरफ़ किया तो वो सूँघ कर धीरे-धीरे से अपनी जुबान मेरे मम्मों के ऊपरी हिस्से पर रगड़ने लगा। ‘आअहहह’ क्या एहसास था उसकी जुबान का। वो ब्रा के बीच भी अपना मुँह डालने की कोशिश करता मगर ब्रा टाईट होने के कारण उसका मुँह अंदर नहीं जा पाता था। मगर उसकी जुबान थोड़ी सी मेंरे मुम्मो को छू जाती तो मेरे तन बदन में और भी बिजली दौड़ जाती।अब मैंने अपनी ब्रा के हुक पीछे सो खोल दिये और फ़िर ब्रा को भी उतार दिया। रॉकी अब इन खुले कबूतरों को देख कर और भी तेजी से निप्पल पर अपनी जुबान चलाने लगा। वो अपने लौड़े को बड़े अंदाज़ से हिला रहा था। मैं उसकी पीठ पर हाथ घुमाने लगी और फ़िर अपना हाथ उसके लंड कि तरफ़ ले गयी। जब मैंने रॉकी का लंड हाथ में पकड़ा तो शायद वो परेशान हो गया और जल्दी से अपना हाथ बढ़ा कर मेरे हाथ की तरफ़ लपका। मैंने उसका लंड छोड़ दिया मगर मुझे उसके लंड की जगह वाला हिस्सा काफी सख्त लगा। रॉकी फ़िर से मेरे निप्पल को चाटने लगा। अब मैंने अपनी पजामी (सलवार) जो मेरी टाँगों से चिपकी हुई थी, उसका नाड़ा खोलना शुरू किया तो रॉकी पहले से ही मेरी पजामी को सूँघने लगा। मैंने अपने चूतड़ उठा कर अपनी पजामी को नीचे किया और फ़िर अपने सैंडल पहने पैरों से निकाल कर अलग कर दिया। मेरी पैंटी पर चूत वाली जगह पर मेरी चूत का रस लगा हुआ था। रॉकी इसे तेजी से सूँघने लगा और फ़िर मैं खड़ी हो गयी और मैंने अपनी पैंटी भी उतार फेंकी। अब मैं बिल्कुल नंगी थी और बस पैरों में काले रंग के ऊँची पेन्सिल हील के सैंडल पहने हुए थे। मेरी चिकनी चूत को देख कर रॉकी मेरी टाँगों में मुँह घुसाने लगा और मेरी जाँघों पर अपनी जुबान से चाटने लगा। एक तो पहले से ही शराब का नशा था और रॉकी की हरकतों से तो मैं और ज्यादा मदहोश हुई जा रही थी। मैं बेड के किनारे पर बैठ गयी और अपनी टाँगें फैला दी। रॉकी के सामने मेरी चूत के होंठ खुल गये जिसमें रॉकी ने जल्दी से अपनी जुबान का एक तगड़ा वार किया और मैं सर से पाँव तक उछल पड़ी। मुझे इतना मज़ा तो किसी और मर्द से चूत चटवा कर भी नहीं आया था जितना मज़ा जवान होता देवर रॉकी मेरी चूत चाट कर दे रहा था। जब रॉकी अपनी जुबान को मेरी चूत पर ऊपर नीचे करता और उसकी जुबान मेरी चूत के दाने से टकराती जिसके कारण मैं भी अपनी चूत को मसलने लगी और मेरी चूत में से मेरे चूत-रस की एक तेज धार निकल कर रॉकी की जुबान पर गिरी। रॉकी को तो जैसे मलाई मिल गयी हो। वो और भी तेजी से चूत को चाटने लगा और अपनी जुबान को चूत के अंदर तक घुसेड़ने की कोशिश करने लगा। मैंने देखा रॉकी का लंड भी खड़ा था और पैंट मे से ही बाहर आने को हो रहा था और मुझसे भी अब और सब्र नहीं हो रहा था। और मैनें फटाफट से रॉकी के सारे कपड़े उतार ड़ाले और उस को पूरा नंगा कर दिया हे भगवान क्या लौड़ा था रॉकी का मेरे पति से दोगुना और मेरे बाँस के लौड़े की लम्बाई के बराबर पर मोटाई बाँस के लौड़े से ज्यादा थी और मेरे देवर रॉकी का लौड़ा थोड़ा नोकीला किस्म का था और रॉकी के लौड़े की स्कीन भी नही फटी थी इस का मतलब रॉकी का लौड़ा अभी कुवाँरा था और रॉकी को बैड़ पर गिरी कर मैं जल्दी से रॉकी के लौड़े को मुहँ मे लेकर चुसने लगी और कोई 2 मिनट के बाद रॉकी के लौड़े ने अपना गढ़ा और गर्म वीर्य मेरे मुहँ मे छोड़ दिया जिसे मैंने बड़े चाव से पी लिया तभी मैंने रॉकी से बोला तेरा तो जल्दी छुट गया तो रॉकी बोला सौरी भाभी किसी औरत ने पहली बार मेरा लौड़ा चुसा है और मैं पहली बार किसी औरत के साथ नंगा हुँ तो मैं बोली कोई बात नही आज से तु मुझको अपनी गर्लफ्रंड़ समझ या अपनी बीवी या अपनी राण्ड़ मेरे तीनो छेद (मुहँ,चूत,गाण्ड़) तेरे से चुदने के लिये हमेशा तैयार हैं और फिर वो तो मेरी साइड में से होकर मेरी चूत को ही चाटने की कोशिश कर रहा था। मैं कुत्तिया की तरह चल कर घूम गयी और अपनी चूत पीछे से उसके सामने कर दी। वो फ़िर से मेरी चूत को चाटने लगा। अब रॉकी मेरे पालतू कुत्ते की तरह था और उसने पहले कभी किसी को नहीं चोदा था और चुदाई का उसे कोई तजुर्बा नहीं था। काफी देर के बाद भी जब वो मेरे ऊपर नहीं चढ़ा तो मैं अपनी गाँड के बल पर बैठ गयी और मैंने उसके दोनों अगले पाँव पकड़े और उनको अपनी कमर के साथ लपेट लिया और फ़िर से आगे की ओर झुक गयी। इससे उस की कमर मेरी गोद में आ गई और मैं आगे से और नीचे झुक गयी मैं उसका लंड अपने मुहँ में लेकर चुसने लगी। जिससे अब रॉकी को भी ये अच्छा लगा और वो भी अपनी कमर हिला-हिला कर अपना लंड मेरे मुहँ में ठोकने लगा और अपने अगले पैरों से मेरी कमर को कस के पकड़ लिया। मैं ने अपने एक हाथ से रॉकी का लंड अपनी उंगलियों में हल्का सा पकड़ लिया। उसके लंड धीरे धीरे सख्त होता महसूस हो रहा था। मेरी उंगलियों के स्पर्श से रॉकी को शायद ऐसा लगा कि उसका लंड मेरी चूत में घुस गया है तो वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा और अपने अगले पाँव से मुझे अपनी ओर खींचने लगा। इतने तेज झटकों से मेरे हाथ से भी लंड इधर उधर हो रहा था और ठीक से मुहँ में नहीं जा रहा था।