19-06-2016, 04:40 PM
दुखी आशिक की शायरी:...
दुखी आशिक की शायरी:
गरीबी का आलम कुछ इस तरह है मेरे यार
दोस्त भी गांडू हैं फिर भी हम गांड को तरसते हैं
गरीबी का आलम कुछ इस तरह है मेरे यार
दोस्त भी गांडू हैं फिर भी हम गांड को तरसते हैं