26-04-2015, 09:33 PM
(This post was last modified: 10-09-2015, 02:19 PM by urpussysucker.)
हास्य शायरी
अर्ज़ किया है:
जिस दिन उनसे दिल लगा बैठे;
तनहा में सुकून कि माँ चुदा बैठे।
वो तो सो गयी, किसी और के बिस्तर पे;
और हम अपनी ही झांटो में आग लगा बैठे।
जिस दिन उनसे दिल लगा बैठे;
तनहा में सुकून कि माँ चुदा बैठे।
वो तो सो गयी, किसी और के बिस्तर पे;
और हम अपनी ही झांटो में आग लगा बैठे।