01-11-2014, 06:05 PM
यह सर्वमान्य तथ्य है कि ब्रह्माण्ड में सब से आनंददायक कार्य चोदन-क्रिया है. चोदन-क्रिया सर्वसुलभ है. इसका आनन्द अमीर-गरीब सब ले सकते हैं. युवावस्था से वृद्धावस्था तक चुदाई का आनन्द प्राप्त किया जा सकता है. चुदाई करने की इच्छा मर्द और औरत सभी को होती है. बिना चुदे चूत में खुजली होती रहती है और बिना चोदे लंड तडपता रहता है.
पूरे विश्व के लगभग सभी स्त्री-पुरुष नियमित रूप से चोदन-क्रिया में संलिप्त होते हैं - बिना यह सोचे कि इस क्रिया के कितने लाभ हैं और यदि उन्हें इस क्रिया से वंचित कर दिया जाये तो वे क्या-क्या खो देंगे. आइये आज हम चुदाई के लाभ जानने की कोशिश करते हैं.
चुदाई के लाभों को हम तीन भागों में बाँट सकते हैं -
१) शारीरिक लाभ
२) मानसिक लाभ
३) सामाजिक लाभ
अब हम प्रत्येक भाग का विस्तारपूर्वक विश्लेषण करते हैं.
शारीरिक लाभ
१. नियमित चुदाई से स्त्रियों को मासिक धर्म सही समय पर एवं कष्टरहित होता है.
२. नियमित चुदाई से स्त्रियों में गर्भाशय के कैंसर की संभावना कम हो जाती है.
३. नियमित चुदाई से पुरुषों में प्रोस्टेट के कैंसर की सम्भावना कम हो जाती है.
४. यदि स्त्री-पुरुष चुदाई के विभिन्न आसनों एवम मुद्राओं का प्रयोग करे तो उनके पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है.
५. नियमित चुदाई करने से शरीर की वसा (चर्बी) कम होती है अतः मोटापे से होने वाली बीमारियों से बचाव होता है.
६. यदि लंड मोटा ओर लंबा हो तो चूत के अंदर गहरायी तक जा कर उसकी अच्छी तरह से मालिश कर देता है.
७. चूत कसी हुई हो तो उससे लंड की मालिश हो जाती है.
८. चुदाई से स्त्रियों में इस्ट्रोजन हार्मोन का स्राव होता है जो बालों और त्वचा को कांति प्रदान करता है.
९. चुदाई के बाद नींद अच्छी आती है और अगली सुबह व्यक्ति ताज़गी और स्फूर्ति का अनुभव करते हुए उठता है.
मानसिक लाभ
१. अच्छी चुदाई से मानसिक तनाव दूर होता है.
२. नियमित चुदाई करने वालों में मानसिक रोग कम होते है.
३. ओर्गेज़्म (झड़ने) के समय सीरोटोनिन हार्मोन का स्राव होता है जो स्त्री-पुरुष के मन में खुशी की अनुभूति कराता है.
४. भीषण चुदाई से चोदन-सहभागी (sex-partner) के प्रति अपनत्व एवम निकटता की भावना प्रबल होती है.
सामाजिक लाभ
१. अच्छी चुदाई के बाद कुछ समय तक पुरुष की चुदाई के प्रति इच्छा नहीं रहती. अत: नियमित अच्छी चुदाई से पुरुष बलात्कार जैसे घिनोने कुकर्म से विमुख रहता है.
२. चुदाई के समय कुछ खाया पिया नहीं जाता. अतः लंबे फोरप्ले के बाद घमासान चुदाई से देश का खाद्यान बचता है.
३. अधिकतर लोग चोदन-क्रिया के समय सेलफोन ऑफ कर देते हैं. इससे सेलफोन से होने वाले दुष्प्रभावों से मुक्ति मिल जाती है.
४. यदि चुदाई अपने घर में ही की जाए (जो उचित भी है) तो पेट्रोल की बचत होती है.
५. भारत में, विशेषतया ग्रामीण अंचलों में, चुदाई सामान्यतः अंधेरे में होती है जिससे बिजली की बचत होती है
यह विश्लेषण हमें बताता है कि चोदन-क्रिया केवल क्षणिक आनंद प्राप्त करने का माध्यम नहीं है बल्कि इसके लाभ बहुत विस्तृत है. इन लाभों का प्रचार-प्रसार कर के चोदन-क्रिया को और व्यापक बनाना हर नागरिक का कर्तव्य है.
इस लेख पर कोई कॉपीराइट नहीं है अतः आप इसे कहीं भी प्रकाशित-प्रसारित कर सकते हैं. यदि आपकी जानकारी में कुछ और लाभ हों तो आप उन्हें भी इस लेख में जोड़ सकते है.
पढ़ने के लिये धन्यवाद.
पूरे विश्व के लगभग सभी स्त्री-पुरुष नियमित रूप से चोदन-क्रिया में संलिप्त होते हैं - बिना यह सोचे कि इस क्रिया के कितने लाभ हैं और यदि उन्हें इस क्रिया से वंचित कर दिया जाये तो वे क्या-क्या खो देंगे. आइये आज हम चुदाई के लाभ जानने की कोशिश करते हैं.
चुदाई के लाभों को हम तीन भागों में बाँट सकते हैं -
१) शारीरिक लाभ
२) मानसिक लाभ
३) सामाजिक लाभ
अब हम प्रत्येक भाग का विस्तारपूर्वक विश्लेषण करते हैं.
शारीरिक लाभ
१. नियमित चुदाई से स्त्रियों को मासिक धर्म सही समय पर एवं कष्टरहित होता है.
२. नियमित चुदाई से स्त्रियों में गर्भाशय के कैंसर की संभावना कम हो जाती है.
३. नियमित चुदाई से पुरुषों में प्रोस्टेट के कैंसर की सम्भावना कम हो जाती है.
४. यदि स्त्री-पुरुष चुदाई के विभिन्न आसनों एवम मुद्राओं का प्रयोग करे तो उनके पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है.
५. नियमित चुदाई करने से शरीर की वसा (चर्बी) कम होती है अतः मोटापे से होने वाली बीमारियों से बचाव होता है.
६. यदि लंड मोटा ओर लंबा हो तो चूत के अंदर गहरायी तक जा कर उसकी अच्छी तरह से मालिश कर देता है.
७. चूत कसी हुई हो तो उससे लंड की मालिश हो जाती है.
८. चुदाई से स्त्रियों में इस्ट्रोजन हार्मोन का स्राव होता है जो बालों और त्वचा को कांति प्रदान करता है.
९. चुदाई के बाद नींद अच्छी आती है और अगली सुबह व्यक्ति ताज़गी और स्फूर्ति का अनुभव करते हुए उठता है.
मानसिक लाभ
१. अच्छी चुदाई से मानसिक तनाव दूर होता है.
२. नियमित चुदाई करने वालों में मानसिक रोग कम होते है.
३. ओर्गेज़्म (झड़ने) के समय सीरोटोनिन हार्मोन का स्राव होता है जो स्त्री-पुरुष के मन में खुशी की अनुभूति कराता है.
४. भीषण चुदाई से चोदन-सहभागी (sex-partner) के प्रति अपनत्व एवम निकटता की भावना प्रबल होती है.
सामाजिक लाभ
१. अच्छी चुदाई के बाद कुछ समय तक पुरुष की चुदाई के प्रति इच्छा नहीं रहती. अत: नियमित अच्छी चुदाई से पुरुष बलात्कार जैसे घिनोने कुकर्म से विमुख रहता है.
२. चुदाई के समय कुछ खाया पिया नहीं जाता. अतः लंबे फोरप्ले के बाद घमासान चुदाई से देश का खाद्यान बचता है.
३. अधिकतर लोग चोदन-क्रिया के समय सेलफोन ऑफ कर देते हैं. इससे सेलफोन से होने वाले दुष्प्रभावों से मुक्ति मिल जाती है.
४. यदि चुदाई अपने घर में ही की जाए (जो उचित भी है) तो पेट्रोल की बचत होती है.
५. भारत में, विशेषतया ग्रामीण अंचलों में, चुदाई सामान्यतः अंधेरे में होती है जिससे बिजली की बचत होती है
यह विश्लेषण हमें बताता है कि चोदन-क्रिया केवल क्षणिक आनंद प्राप्त करने का माध्यम नहीं है बल्कि इसके लाभ बहुत विस्तृत है. इन लाभों का प्रचार-प्रसार कर के चोदन-क्रिया को और व्यापक बनाना हर नागरिक का कर्तव्य है.
इस लेख पर कोई कॉपीराइट नहीं है अतः आप इसे कहीं भी प्रकाशित-प्रसारित कर सकते हैं. यदि आपकी जानकारी में कुछ और लाभ हों तो आप उन्हें भी इस लेख में जोड़ सकते है.
पढ़ने के लिये धन्यवाद.