राहुल की मेहनत रंग ला रही थी। गांड के क्षेंद पर और खुद के भी लंड पर लगाया हुआ नारियल का तेल अपना असर दिखा रहा था उसकी चिकनाहट की वजह से लंड का सुपाड़ा छोटे से गांड के छेद में धीरे-धीरे उतरने लगा था। राहुल की मेहनत की वजह से अलका के पसीने छूट जा रहे थे उसे अपनी गांड के छेद में दर्द महसूस होने लगा था अभी तो लंड के सुपाडे का बस एक ही भाग अंदर घुसा था। अभी तो पूरा समुचा लंड अंदर घुसना बाकी था। राहुल अपनी मंजिल को पाने के लिए कार्यरत था। राहुल धीरे धीरे अपनी ताकत लगा रहा था। उसने थोड़ा ओर दम लगाया तो उसके लंड का सुपाड़ा आधा से ज्यादा गांड के ङूरे रन के छेंद में प्रवेश कर गया। लेकिन जैसे ही सुपाड़ा गांड में प्रवेश किया वैसे ही अलका की हालत खराब होने लगी उसके मुख से दर्द से कराह ने की आवाज निकलने लगी।
ओहहहहहहह,,,,,, म्मां,,,,,,,,,, बहुत दर्द कर रहा है रे,,,,,, ऊहहहहहह,,,,,,,,, हरामजादे,,,,,,, निकाल,,,,,, सससससहहहहहहह,,,,,,,,,, ( अलका दर्द से छटपटाते हुए बोली,,,,,, अलका से यह दर्द बिल्कुल भी सहन नहीं हो रहा था। वह दर्द को दबाने के लिए अपने दांतों को भींच ले रही थी। वह कस के बिस्तर पर बिछाई हुई चादर को अपने दोनों हथेलियों में दबोचे हुई थी। उसे इस बात का एहसास तो था ही कि छोटे से छेद में उसके बेटे का मोटा लंड घुस नहीं पाएगा लेकिन वह अपने बेटे की जीद के आगे मजबूर हो चुकी थी। अगर उसे इस दर्द का एहसास पहले ही होता तो वह अपना यह वादा कभी भी नहीं निभाती। हल्का पसीने पसीने हुए जा रही थी। राहुल के माथे पर भी पसीना उभर आया था। उसे भी यह इस तरीके का आनंद लेने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा था।
उसकी मां जिस तरह से दर्द से छटपटा रही थी राहुल का मन एक बार किया कि वह अपने लंड को बाहर निकाल ले लेकिन वह जानता था कि अगर एक बार उसने अपने लंड को वापस खींच लिया तो उसकी मां दुबारा डालने नहीं देगी,,,, और यही सोचकर वह अपने लंड को बाहर खींच नहीं रहा था। उसने तभी अपने दोनों हाथों की सहायता से गांड को पकड़कर थोड़ा सा फैलाया जिससे उसे थोड़ी सी जगह का आभास होने लगा और वह तुरंत उसे छेद पर हल्के से थुक को टपकाया जिससे कि वह स्थान गिला हो जाए। और वैसा हुआ भी उसने हल्के से धक्का लगाया तो लंड थोड़ा सा और गांड मे घुस गया।
अलका अभी भी दर्द से छटपटाए जा रहीे थी।,,,,,,,
ओहहहहह,,,,,,, ऊहहहहहह,,,,,,, हरामजादे कुत्ते तू बहुत बेरहम होता जा रहा है। तुझे मेरी जरा भी परवाह नहीं है मुझे इतना दर्द कर रहा है कि सहन नहीं हो रहा है और तुझे बस मजा लेने की पड़ी है।
( अपनी मां के मुंह से इस तरह की गाली सुनकर राहुल को मजा आने लगा,,, उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी मां उसके लिए इन शब्दों का भी प्रयोग कर सकतीे हैं,,,, फिर भी राहुल को अपने यह बातें यह गालियां बड़ी अच्छी लग रही थी यह सब सुनकर उस का जोस और ज्यादा बढ़ने लगा,,,,, और वह गांडं की दोनों फांखों को पकड़कर बोला।)
ओह मेरी रानी बस थोड़ा सा और थोड़ा सा दर्द और सहन कर ले उसके बाद मजा ही मजा है,,,,,, देखना एक बार पर मेरा पूरा लंड तेरी गांड की गहराई में पहुंच जाएगा फिर देखना कितना मजा आता है। जब मैं तेरी गांड में अपने लंड को अंदर बाहर करता हुआ तेरी गांड मारूंगा तब तू खुद कहेगी की और तेज और तेज,,,,,,, ( अलका को दर्द जरूर हो रहा था । लेकिन अपने बेटे की ऐसी बातें सुनकर उसके आनंद में वृद्धि भी हो रही थी। वह अभी भी दर्द से बेहाल हुए जा रही थी। एक एक पल उसके लिए बिस्तर पर गुजारना बड़ा मुश्किल हुए जा रहा था। राहुल अगले धक्के के लिए पूरी तैयारी कर चुका था। और वह जोर लगाकर अगला धक्का मार ही दिया। इस बार उसने कुछ तेजी से ही धक्का लगाया था क्योंकि इस बार उसका आधे से भी ज्यादा लंड अलका की गांड में घुस चुका था।
अलका तो दर्द से एकदम बिलबिला उठी उसकी आंखों में आंसू आ गए। और ना चाहते हुए भी उसके मुंह से गालियां निकलने लगी।
हरामजादे कुत्ते,,,,,, यह क्या किया तूने,,,,,,,,,ऊहहहह,,,,,,, ऊहहहहहह,,,,,,,, ओहहहहह,,,,, म्मांआआ,,,,,, मर गई रे,,,,,,,,,,,,,, मेरी तो जान ही निकल गई हरामजादे,,,, भोसड़ी के कुत्ते,,,, तेरी मां की चुत में मोटा लंड,,,,,,,,, हरामजादे,,,,,,,, तेरी मां की भोंसड़ी में मोटा लंड जाएं,,,,,,,,,,,,
( अलका को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोल रही थी वह भी इस तरह की गालियां दे रही थी उसके मुंह से आज तक कभी नहीं निकली थी। वह बिल्कुल होश में नहीं थे वह दर्द से छटपटा रही थी। राहुल तो अपनी मां के मुंह से ऐसी गंदी गालियां सुन कर मस्त होने लगा। उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसकी मां उसे ऐसी गालियां दे रही है। वह अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसकी मां को यह नहीं पता चल रहा था कि वह क्या बोल रही है वह अनजाने में अपने आप को ही गालियां दिए जा रही थी। कुछ भी हो राहुल का काम होते जा रहा था और उसे अपनी मां की गालियां सुन कर मजा भी आ रहा था वह कुछ भी बोल नहीं रहा था। उसे मालूम था कि जिस तरह से उसकी मां उसे गालियां दे रही है उससे उनकी मन की भड़ास बाहर आ रही थी जिससे कि उसके दर्द में राहत मिल रही थी।
राहुल आधे से भी ज्यादा लंड अपनी मां की गांड में डाले हुए था और वह उतने ही लंड को अंदर बाहर करते हुए गांड मारना शुरू कर दिया। वाकई में अलका की गांड कुछ ज्यादा ही टाइट थी, राहुल को इसका आभास हो रहा था उसे इस बात का अंदाजा बिल्कुल नहीं था कि उसकी मां की गांड ज्यादा टाइट होगी क्योंकि इससे पहले वीनीत की भाभी की गांड मार चुका था और बड़े ही आराम से उसका लंड वीनीत की भाभी की गांड में अंदर बाहर हो रहा था। उसके विरुद्ध यहां पर तो उसका लंड बड़ी मुश्किल से अंदर बाहर हो रहा था। लेकिन राहुल को विनती भाभी से ज्यादा मजा अपनी मां की गांड मारने में आ रहा था। कुछ देर तक रहा हूं यूं ही गांड मारता रहा। अलका और राहुल दोनों पसीने से तरबतर हो चुके थे। अलका थोड़ा सामान्य होने लगी थी। दर्द से कराह ने की आवाज अब गरम सिस्कारियों में बदलने लगी थी। राहुल को भी यही सही मौका लगा और उसने ईस बार पूरी ताकत के साथ ऐसा धक्का लगाया कि उसका पूरा लंड उसकी मां की गांड की गहराई में घुस गया। इस बार अलका फिर से दर्द से बिलबिला उठी लेकिन इस बार राहुल दर्द की परवाह किए बिना ही अपने लंड को गांड के अंदर बाहर करता रहा, कुछ पल तक अलका फिर से छटपटाती रही, लेकिन जिस तरह से उसका बेटा उसकी गांड में लंड को अंदर बाहर कर रहा था थोड़ी ही देर में वह गरम सिसकारी छोड़ने लगी।
सससससहहहहहहह,,,,,,, आहहहहहहह,,,,,,,, मेरे राजा,,, बहुत मजा आ रहा है और जोर से चोद मुझे,,,,,, और गांड मार मेरी हरामजादे और गांड मार,,,,,, आहहहहहहह,,,,,,, सससससषहहहहहहह,,,,,,, राहुल मेरे राजा,,,,,, आहहहहहहह,,,,,,
( अपनी मां की गरम सिस्कारियों को सुनकर राहुल अपनी मां की गांड मारते हुए बोला।)
देखी ना मेरी रानी मेरी जान मैंने क्या कहा था उसे भी मजा आएगा और तुझे भी मजा आ रहा है,,,,,, कैसा लग रहा है मेरी रानी तुझे अपनी गांड मरवाते हुए,,,,
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अलका तो पहले से ही मस्त हुए जा रही थी इसलिए अपने बेटे के सवाल का जवाब देते हुए बोली।
बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा मैं तुझे बता नहीं सकती कि मुझे गांड मरवाने में कितनी मजा आ रही है अगर मुझे पता होता कि इतनी मजा आती है तो ना जाने कब से तुझे से मरवा लेती।
( राहुल अपनी मां का जवाब सुनकर ओर जोर जोर से धक्के लगाने लगा।)
मेरी रानी कह तो रहा था कि मरवा ले तू ही नहीं मान रही थी। अब मजा आ रहा है ना,,,,,,,,,,( इतना कहने के साथ ही वह और जोर जोर से धक्के मारते हुए बोला।)
ले हरामजादी और ले,,,,, और ले मादरचोद,,,,, ले मेरा पूरा लंड ले अपनी गांड में,,,, भोसड़ी कीे ले,,,,, बहुत ज्यादा प्यासी है,,,,,, तु,,,,,,,, ले और चुद़वा मुझसे,,,,,,,
( राहुल पूरे जोश में आ चुका था वह अपनी मां को गालियां देते हुए चोद रहा था,,,,,, अपने बेटे की कहानी सुनकर अलका कि भी कामाग्नि और ज्यादा धड़कने लगी,,,,,, अलका और ज्यादा चुदवासी होकर के पीछे की तरफ अपनी गांड ठेलने लगी,,,,, राहुल और जोर से धक्के लगाते हुए अपनी मां की गांड मारने लगा दोनों एक दूसरे को गंदी-गंदी गालियां देते हुए चुदाई का मजा ले रहे थे। पूरा कमरा फचर फचर की आवाज से गुज रहा था। दोनों की सांसे तीव्र गति से चल रही थी। पुरा समराथल अलका की गरम सिस्कारियों से गूंज रहा था।
राहुल के धक्के इतनी तेज थे की पूरा पलंग हचमचा जा रहा था,,,,, थोड़ी देर में दोनों का बदन अकड़ने लगा और राहुल ने एक जोरदार प्रहार किया और दोनों भरभराकर झढ़ने लगे।
सुबह के करीब 4:30 बज चुके थे दोनों थक हार कर एक दूसरे की बाहों में बाहें डाल नग्नावस्था में ही नींद की आगोश में चले गए।
सुबह नहा धोकर अलका राहुल और सोनू तीनों तैयार हो चुके थे अलका रसोई घर में रसोई तैयार कर रही थी और राहुल अपने कमरे में बैठ कर नीलू के बारे में सोच रहा था आज ना जाने क्यूं जब से उठा था उसे नीलू का ही ख्याल आ रहा था। वह मन ही मन सोच रहा था कि जो भी हुआ तो हुआ लेकिन नीलू के साथ जो हो रहा है और वह कर रहा है, वह बिल्कुल गलत है। नीलू पहले चाहे जैसी भी थी लेकिन अभी उसे दिलो जान से प्यार करती थी। वह उससे सच्चा प्यार करने लगी थी और राहुल भी तो उससे प्यार करने लगा था। अगर विनीत ये सारे लफड़े ना किया होता तो वह नीलू को कभी भी नहीं छोड़ता,,,,, नीलू के बारे में सोचकर उसे रोना आ रहा था क्योंकि वह भी उसे दिलो जान से प्यार करने लगा था।
अलका रसोई घर में खाना पका रही थी तभी दरवाजे पर दस्तक होने लगी व रसोई घर से बाहर आ करके दरवाजा खोली,,,, दरवाजा खोलते ही वह झेंप गई क्योंकि दरवाजे पर एक सुंदर सी लड़की और एक सुंदर सी औरत खड़ी थी जिन के कपड़े ही बता रहे थे कि वह लोग अच्छे घर पर और खानदानी लोग थे। अलक को समझ में नहीं आया कि आखिर यह लोग कौन है।
तभी दरवाजे पर दस्तक की आवाज को सुनकर राहुल अपने कमरे से बाहर आ गया था नीचे आकर के जब उस ने दरवाजे पर खड़ी नीलू और उसकी मम्मी को देखा तो वह चौंक गया।
नीलू तुम और यहां,,,,,,,, आंटी के साथ
( अपनी आंटी को नमस्ते किया और उंहें अंदर आने को कहा नीलू और उसकी मम्मी दोनों अंदर आ गई। अलका को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था लेकिन उसे इतना पता चल गया था कि राहुल इन दोनों जन को जानता है बाद में राहुल ने हीं अपनी मां को इन दोनों के बारे में बताया। अलका जल्दी से रसोई घर में गई और कुछ बिस्कुट प्लेट में निकाल कर, पानी के दो गिलास लेकर के बाहर आ गई। उन दोनों ने बीस्किट खाकर पानी पिए। राहुल को खुद समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार नीलू और उसकी मम्मी उसके घर क्या करने आई है। राहुल ने नीलू से उसके घर आने का कारण पूछा तो नीलू की मम्मी बीच में बोल पड़ी।
राहुल बेटा नीलू ने हमें सब कुछ बता दि है।
वह तुमसे बेहद प्यार करती है तुम्हारे बिना जी नहीं सकती। इसके पापा तो इसकी शादी दूसरी जगह तय कर चुके थे लेकिन नीलू ने जब मुझे तुम्हारे बारे में बता कर रोने लगे तो मुझसे रहा नहीं गया, और मैं इसके पापा से बात की । और उसके पापा तो नीलू पर जान छिड़कते हैं वह जानते थे कि अगर नीलू कि सादी उसकी मर्जी बिना कहीं और हो गई तो जिंदगी में सुखी नहीं रह सकती और उसके पापा इस को दुखी नहीं देख सकते। इसलिए उन्हें तुम्हारा और उसका रिश्ता मंजूर हो गया।
( राहुल तो भोंचक्का हो करके नीलू की मम्मी की बस बातें ही सुनता रहा,,,,,, नीलू की मम्मी की बातें सुनकर तो उसका दिमाग काम करना बंद कर दिया था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि यह सब क्या हो रहा है।
नीलु की मम्मी की बात सुनकर अलका समझ चुकी थी कि यह सब राहुल और नीलू की सादी की बातें हो रही थी। तभी अलका खेद जताते हुए बोली।
लेकिन बहन जी हम लोगों की हैसियत,,,,,,
( नीलू की मम्मी अलका की बात को बीच में ही काटते हुए बोली।)
बहन जी आप चिंता क्यों करती है आखिर शादी के बाद इतनी सारी प्रॉपर्टी किसकी होगी यही दोनों मिल कर तो संभालेंगे। इसके पापा भी जरूर आते लेकिन उनकी तबीयत कुछ ठीक नहीं थी इसलिए मुझे आना पड़ा। लेकीन ईसके पापा ने यह भी कहे हैं की शादी पढ़ाई पुरी होने के बाद ही होगी।
( सब कुछ साफ हो चुका था नीलू और राहुल की शादी होना तय हो चुका था। राहुल मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और नीलू भी उसे तो मुंह मांगी मुराद मिल गई थी। सब कुछ तय हो चुका था नीलू की मम्मी को भी राहुल अच्छा लग रहा था अभी तक तो राहुल की नजर ठीक से नीलूं की मम्मी पर नहीं फीरी थी।
जब वह ध्यान से नीलू की मम्मी की तरफ गौर किया तो वह उसकी खूबसूरती देखकर दंग रह गया उसने ट्रांसपेरेंट साड़ी पहन रखी थी। जिसने से उनकी लो कट ब्लाउज साफ-साफ नजर आ रही थी और उसमें से झाकती हुई उनकी बड़ी-बड़ी आधे से भी ज्यादा चूचियां। जिस पर नजर पड़ते ही राहुल के लंड में सुरसुराहट होने लगी, वह मन ही मन यही सोचने लगा के नीलू की मम्मी भी बहुत सेक्सी है। दोनों परिवार आपस में मिलकर बहुत खुश नजर आ रहे थे कि तभी हल्का चाय बनाने के लिए रसोई घर की तरफ जाने के लिए उठी ही थी की,,, नीलू उसे रोकते हुए बोली।
आप बैठीए आंटी जी मैं बना कर लाती हूं।
( इतना कहकर वह उठ रही थी कि अलका राहुल को उसके साथ जाकर हाथ बताने के लिए बोली और राहुल की कुर्सी से उठकर नींलु के साथ साथ रसोई घर में चला गया। राहुल बहुत खुश नजर आ रहा था कि तू भी मन-ही-मन मुस्कुरा रही थी दोनों रसोई घर में एक दूसरे की आंखों में देखते हुए खड़े थे। उन दोनों को भी यकीन नहीं हो रहा था कि इतनी आसानी से सब कुछ हो जाएगा,,,,,, राहुल तो नीलू को पत्नी के रुप में पाकर खुशी से फूले नहीं समा रहा था,,,,,,,, दोनों से रहा नहीं दिया और दोनों आपस में गले मिलकर एक दूसरे के होठों पर हाेठो रखकर चुंबन लेने लगे,,,,,, राहुल नीरू के गुलाबी होठों को चूसते हुए मन ही मन अपनी किस्मत को धन्यवाद दे रहा था और सोच रहा था कि सच में होता है जो हो जाने दो,,,,,,,
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