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Incest चुत एक पहेली (Completed)

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Incest चुत एक पहेली (Completed)
honey boy Offline
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#81
02-05-2018, 10:21 PM
अपडेट  ६६

अब तक आपने पढ़ा..

निधि- आ..आह्ह.. बाबूजी.. आह्ह.. मेरा रस निकल रहा है.. उई ज़ोर से करो.. आह्ह.. निकल गया.. आह्ह.. आह..
निधि गाण्ड को उठा कर झड़ने लगी।

सन्नी ने भी स्पीड कम कर दी, वो उसको प्यार से देखने लगा। जब वो शान्त हो गई.. तो सन्नी ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।
सन्नी- तेरी चूत तो कमाल की है.. चल अब जल्दी से घोड़ी बन जा.. थोड़ा सवाद मेरे लण्ड को तेरी गाण्ड का भी चखने दे।
निधि को पता था.. सन्नी ऐसे जल्दबाज़ी क्यों कर रहा है.. ये वक्त और जगह ही ऐसी थी। उसने बिना कुछ कहे सन्नी की बात मान ली और घोड़ी बन गई।

अब आगे..



सन्नी- कसम से अगर तू कुँवारी होती तो तेरे दोनों होल खोलने में बड़ा मज़ा आता। साली क्या ज़बरदस्त गाण्ड है तेरी.. एकदम मलाई की तरह।

सन्नी ने लौड़े को गाण्ड के छेद पर रखा और ‘घप’ से अन्दर पेल दिया। निधि तो सुकून में थी.. उसकी चूत की आग जो मिट गई थी। अब गाण्ड में लौड़ा तो उसके लिए बोनस जैसा था, वो मज़े से गाण्ड मरवा रही थी.. साथ-साथ गाण्ड को पीछे-पीछे धकेल कर सन्नी का मज़ा दुगुना कर रही थी।

सन्नी- आह्ह.. साली.. आह्ह.. तू पक्की चुदक्कड़ है.. आ ले आह्ह.. मेरा पूरा लौड़ा खा गई.. ले मेरा भी रस निकलने वाला है.. आह्ह.. भर दूँगा तेरी गाण्ड को मैं.. आह्ह.. आह्ह..


सन्नी ने निधि की गाण्ड को रस से भर दिया। अब जाकर उसको सुकून आया था, वो बस बेहाल सा होकर उसके पास लेट गया।
निधि भी वैसे की वैसी सन्नी के पास लेट गई, उसकी गाण्ड से वीर्य निकल कर बिस्तर पर गिरने लगा।

उधर भाभी ने भी बिहारी को ठंडा कर दिया था। वो अब वापस बैठ कर बातें करने लगे। उधर अर्जुन को काफ़ी देर बैठाकर होटल वाले ने खाना दिया।
वो बस वापस आ रहा था.. इधर इन सबकी रासलीला भी ख़त्म हो गई थी।

निधि- बाबूजी कपड़े पहन लो.. नहीं तो अर्जुन आ जाएगा और सब गड़बड़ हो जाएगी।
सन्नी- अरे ये साला अर्जुन है कौन.. कब से दिमाग़ में घूम रहा है और कहीं इसी साले ने तो तेरी चूत की शुरुआत नहीं की ना?

यह बात सुनकर निधि के होंठों पर मुस्कान आ गई।
जिसे देख कर सन्नी फ़ौरन समझ गया कि अर्जुन ने ही इसकी सील तोड़ी है।
सन्नी- अबे साली तू भी बहुत बड़ी रंडी है.. अपने भाई से ही चुदवा ली।

निधि- राम-राम.. बाबूजी.. कैसी बात करते हो.. अर्जुन मेरा भाई थोड़े ही है.. वो तो बस गाँव का है।
सन्नी- अच्छा ये बात है.. तभी साला तुम्हारी मदद के लिए यहाँ तक आ गया ताकि आराम से तेरी चुदाई कर सके और सबको लगे बेचारा भला लड़का है.. मदद कर रहा है।
निधि- जी हाँ.. अब आप कपड़े पहन लो वो आ जाएगा.. तो नाराज़ होगा, मैं रात को उससे चुदने वाली थी।
सन्नी- अच्छा ये बात है.. सारी प्लानिंग कर रखी थी। चलो कोई बात नहीं उससे भी चुद लेना.. मेरा तो हो गया.. अब कपड़े पहन ही लेता हूँ।

सन्नी ने कपड़े पहन लिए और वो बस कमरे से निकलने ही वाला था कि अर्जुन ऊपर आ गया।
बिहारी और भाभी बातें कर रहे थे.. अर्जुन को देख कर दोनों चुप हो गए।

अर्जुन- क्या बिहारी जी.. वहाँ तो बहुत समय लगा दिया खाना देने में.. इससे अच्छा तो यहीं से ले आता।
बिहारी- अरे बाबू हम उसको बोला था वक्त लगाने को.. चल अब आजा?

तभी सन्नी कमरे से बाहर निकाला.. उसके साथ निधि भी थी। उनको देख कर अर्जुन के पैरों तले ज़मीन निकल गई.. उसके चेहरे पर गुस्सा आ गया।

बिहारी- अरे इससे मिलो.. ये है सन्नी हमार दोस्त.. ये फ्लैट इन्हीं का है।
अर्जुन- हाँ जानता हूँ.. निधि, तुम अन्दर क्या कर रही थी?
भाभी- अरे कुछ नहीं अर्जुन.. ये साहब को सामान दिखाने गई थी।

अर्जुन ने निधि को गौर से देखा.. उसके बाल बिखरे हुए थे.. गले पर चूमने के निशान थे। वो समझ गया अन्दर क्या हुआ था। इधर सन्नी भी बड़े गौर से अर्जुन को देख रहा था।

सन्नी- मैंने तुम्हें पहले भी कहीं देखा है.. मगर याद नहीं आ रहा.. कहाँ देखा है।
अर्जुन- हाँ आपको कैसे याद आएगा.. आप ठहरे बड़े आदमी।
सन्नी- यार पहेली मत बुझाओ.. बताओ मुझे हम पहले भी कहीं मिले हैं क्या?
अर्जुन- हाँ मिले हैं कहाँ मिले हैं ये सबके सामने बताऊँ या अकेले में?

अर्जुन के तेवर देख कर सन्नी को लगा कि जरुरू दाल में कुछ काला है। उसने बिहारी को वहाँ से भेज दिया और उसको लेकर दूसरे कमरे में चला गया।

अन्दर जाते ही अर्जुन ने बिस्तर की हालत देखी.. तो उसका गुस्सा और बढ़ गया.. वो सन्नी को घूरने लगा।
अर्जुन- छी: शर्म आती है मुझे.. तुम जैसे घटिया आदमी के फ्लैट में मुझे रहना पड़ रहा है।
सन्नी- अबे साले.. क्या बकवास कर रहा है.. कौन है तू.. ये बता पहले?

अर्जुन- मेरा नाम तो तुझे पता होगा मगर मेरे बारे में जानने के लिए तुझे याद दिलाना होगा.. आशा के बारे में.. जिसकी मौत का ज़िम्मेदार तू है.. समझा.. कुत्ता मैं नहीं तू है.. जो प्यार का नाटक करके भोली-भाली लड़कियों की जिंदगी से खेलता है।

आशा का नाम सुनते ही सन्नी के होश उड़ गए। अब उसको पूरी बात याद आ गई कि वो अर्जुन से कब और कहाँ मिला था।
सन्नी- देख अर्जुन.. तुम आशा को कैसे जानते हो.. ये मुझे नहीं पता.. मगर मैंने आशा के साथ कुछ गलत नहीं किया। वो एक हादसा था बस.. और मैंने कोई प्यार का झूठा नाटक नहीं किया था.. समझे..

अर्जुन- हाँ देख रहा हूँ ना.. अभी जो निधि के साथ रंगरेलियाँ मनाईं.. वो भी एक हादसा ही था.. साले बहुत दिनों से मैं ऐसे किसी मौके की तलाश में था.. आज तू मेरा हाथ आया है।
सन्नी- अर्जुन यार बात को समझो.. मैं कसम ख़ाता हूँ.. मैंने कुछ नहीं किया। वो बस एक गलतफहमी थी.. जिसका शिकार आशा हुई। पहले तुम मेरी बात सुनो.. उसके बाद बताना किसकी ग़लती है।

दोस्तो.. आपका दिमाग़ घूम रहा होगा.. ये क्या हो रहा है.. तो चलो सारी उलझन शॉर्ट में निपटा देती हूँ। अब तक वैसे भी कहानी बहुत लंबी हो गई है।

सन्नी का आपको पता ही है.. ये आशा से प्यार करता था। दोनों एक-दूसरे को बेहद चाहते थे.. बस इन्होंने शादी नहीं की थी.. मगर जिस्मानी रिश्ते मजबूती से बना लिए थे। पुनीत की गंदी निगाह आशा पर थी.. मगर वो उसके हाथ नहीं आई.. उसने ज़्यादा ज़ोर इसलिए नहीं दिया कि वो जानता था कि ये सन्नी की गर्लफ्रेण्ड है।

आशा एक मेडिकल स्टूडेंट थी.. पढ़ाई के बाद प्रेक्टिस के लिए गाँव में गई.. इसी अर्जुन के गाँव में.. वहाँ वो सबसे बहुत घुल-मिल गई थी। खास कर अर्जुन और मुनिया से.. अर्जुन उसको अपनी बहन मानने लगा था। वो कभी-कभी शहर जाती.. तो उनके लिए गिफ्ट लेकर आती।

एक दिन वो शहर गई.. मगर सन्नी से उसका कोई कॉन्टेक्ट नहीं हुआ। वो बड़ी बेचैन थी.. क्योंकि उसको पता लग गया था कि वो माँ बनने वाली है। जब सन्नी उसको नहीं मिला.. तो उसने सन्नी के एक दोस्त को अपनी समस्या एक चिठ्ठी में लिखकर दी और कहा कि सन्नी जैसे ही आए उसको ये दे देना.. मेरा वापस जाना बहुत जरूरी है।

उसके बाद वो चली गई और सन्नी का वो पत्र उसके दोस्त पुनीत के हाथ लग गया। यानि वो खत उसमें लिखा था- मैं तुमसे मिलने आई.. और तुम्हारा कोई अता-पता नहीं है.. हमारे प्यार की निशानी मेरे पेट में है.. अब हमें जल्दी शादी कर लेनी चाहिए.. जैसे ही ये खत मिले.. सीधे नीचे लिखे पते पर आ जाना- तुम्हारी आशा..

पुनीत ने इस खत का गलत फायदा उठाया। उसने सन्नी के उस दोस्त को खरीद लिया और उसको ऐसी बातें समझा दीं.. जिससे आशा के चरित्र पर सवाल खड़े हो जाएं।

उसने वैसा ही किया सन्नी को भड़काया कि आशा किसी और से चोरी-छुपे यहाँ मिलने आती है। उसने खुद होटल में दोनों को जाते हुए देखा। उसकी बात सन्नी ने मान भी ली और आशा से कॉन्टेक्ट भी नहीं किया।

अब हाल यह था आशा फ़ोन करती.. तब भी वो फोन रिसीव नहीं करता।
आशा को समझ नहीं आ रहा था कि आख़िर हुआ क्या है, फिर उसने सोचा वो अपने घर वालों को मनाने के बाद ही शायद उससे बात करेगा। यह सोच कर उसने सन्नी को फ़ोन करना बन्द कर दिया।
एक दिन पुनीत ने सन्नी को कहा कि आशा पेट से है.. जिसके साथ वो होटल में जाती थी.. ये उसका बच्चा है.. अब वो इससे इनकार कर रहा है.. तो देखना वो तुम्हारे माथे इसको लगा देगी और उसके बाद वही पत्र शाम को सन्नी तक पहुँचा दिया।

फिर क्या था सन्नी आग-बबूला होकर दूसरे दिन गाँव गया और आशा को ऐसी-ऐसी बातें सुनाईं कि वो हैरान हो गई उसके बच्चे को हरामी की औलाद बताया। उसने आशा की एक ना सुनी और उसको फटकार कर वो गुस्से में वहाँ से निकला।

तभी अर्जुन और मुनिया से टकरा गया उसके बाद आशा ने आत्महत्या कर ली.. तब सन्नी को अहसास हुआ.. अगर वो सही थी तो ये सब हुआ कैसे और उसने छानबीन की तो पुनीत का सारा खेल उसको समझ आया और तभी उसने बदला लेने की ठान ली।
My threads:- Kuch Nahi Tere Bin || लवली फ़ोन सेक्स || Meri Behnen Meri Jindagi || "neha sexy" Ki Sexy Kahaniyan (Pyari Mausi) || ये गलत है (भाई-बहन का प्यार) || बॉलीवुड हीरोइनों की सेक्स स्टोरीज
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03-05-2018, 07:17 PM
अपडेट  ६७

अब तक आपने पढ़ा..

फिर क्या था सन्नी आग-बबूला होकर दूसरे दिन गाँव गया और आशा को ऐसी-ऐसी बातें सुनाईं कि वो हैरान हो गई उसके बच्चे को हरामी की औलाद बताया। उसने आशा की एक ना सुनी और उसको फटकार कर वो गुस्से में वहाँ से निकला। तभी अर्जुन और मुनिया से टकरा गया उसके बाद आशा ने आत्महत्या कर ली.. तब सन्नी को अहसास हुआ.. अगर वो सही थी तो ये सब हुआ कैसे और उसने छानबीन की तो पुनीत का सारा खेल उसको समझ आया और तभी उसने बदला लेने की ठान ली।

अब आगे..



पूरी बात सुनकर अर्जुन का गुस्सा हवा हो गया.. अब उसको सन्नी के साथ हमदर्दी हो गई। उसने भी कसम खाई कि आशा की मौत का बदला लेने में वो सन्नी का साथ देगा।
सन्नी- उस साले को सबक़ सिखाने का पूरा इंतजाम मैंने कर दिया है.. तुम बस मेरा साथ देना।
सन्नी ने पूरा प्लान अर्जुन को बताया तो अर्जुन भी खुश हो गया।

अर्जुन- उस हरामी ने मेरी मुनिया को भी नहीं बख्शा.. उसकी बहन को तो मैं ही चोदूँगा..
सन्नी- अरे चोद लेना.. अभी तो वो हरामी खुद उसको चोद रहा है।
अर्जुन और सन्नी ने प्लान बनाया कि कैसे अर्जुन भी अपने लंबे लौड़े से पायल की चुदाई करेगा.. उसके बाद सन्नी वहाँ से चला गया..

सन्नी के जाने के बाद अर्जुन से भाभी ने बहुत सवाल किए.. मगर उसने टाल दिया और खाने के लिए बैठ गए।

खाना खाने के बाद अर्जुन ने भाभी को अकेले में गुस्सा किया कि तुम यहाँ अपने पति का इलाज करवाने आई हो.. ऐसे निधि को किसी के साथ भी कैसे सुला सकती हो तुम?

भाभी- मैं क्या करूँ.. वो बिहारी ने मेरी एक ना सुनी और वैसे भी निधि कौन सी कुँवारी थी.. तुमने कब के उसकी चूत और गाण्ड दोनों अच्छे से खोल दिए हैं.. अब क्या फ़र्क पड़ता है?
अर्जुन- अच्छा अच्छा.. अब तुम सो जाओ.. मैं निधि के साथ उस कमरे में सो जाता हूँ.. ठीक है ना..
भाभी- सोने वाला तू है नहीं.. ऐसा बोल ना कि तू निधि की चुदाई करेगा।
अर्जुन- हाँ तो तुम्हें क्या दिक्कत है?
भाभी- अरे अभी-अभी तो बेचारी चुदी है.. थक गई होगी.. उसको आराम करने दे.. अगर इतना ही मन है.. तो मैं तैयार हूँ मुझे चोद ले..
अर्जुन- नहीं.. तू सो जा.. मेरा मन निधि को चोदने का ही है.. ठीक है ना..

भाभी ने आगे कुछ नहीं कहा और अर्जुन निधि के पास चला गया, उसने निधि को भी फटकार लगाई कि इतनी क्या आग लगी थी उसकी चूत में.. जो किसी के साथ भी चुदाई के लिए मान गई.. तो निधि ने उसको सारी बात बताई।
अर्जुन- चल ठीक है.. जो हुआ वो हुआ.. अब मेरे लौड़े की आग भी मिटा दे.. कब से परेशान हो रहा हूँ।

निधि मान गई और उसने अर्जुन के साथ मस्ती शुरू कर दी। कुछ देर बाद दोनों नंगे हो गए और चुदाई का खेल शुरू हो गया। रात भर में 3 बार अर्जुन ने निधि को चोदा.. तब जाकर उसको चैन आया और निधि की हालत खराब हो गई।

दोस्तो, पायल और पुनीत के बीच की खिचड़ी पक गई होगी, दोनों कपड़े चेंज करने गए थे, अब उनको भी देख लेते आते हैं।

पायल ने शॉर्ट स्कर्ट और ढीली सी एक टी-शर्ट पहन ली थी।
कुछ देर बाद पुनीत उसके कमरे में आया.. उसने सिर्फ़ बरमूडा पहना था।

पायल- आओ भाई देख लो.. एसी बिल्कुल ठीक काम कर रहा है।
पुनीत- मुझे तो नहीं लगता कि ठीक है.. कमरा तो इतना गर्म हो रहा है।
पायल- नहीं भाई आपको लग रहा है.. बाकी ठीक ही है।

पुनीत बरमूडे के ऊपर से लौड़े को मसलता हुआ बोला- नहीं यार मुझे बहुत गर्मी लग रही है.. कुछ तो गड़बड़ है.. एसी में..
पायल मुस्कुराते हुए पुनीत के पास आई और लौड़े पर हाथ रखते हुए उसने कहा- भाई गड़बड़ एसी में नहीं.. आपकी नियत में है.. आपका ये जम्बूजेट कैसे खड़ा है.. उसकी वजह से आपको गर्मी लग रही है।
पुनीत- क्या करूँ.. मेरी प्यारी बहना.. तेरी जवानी है ही ऐसी.. देख के साला लौड़ा अपने आप खड़ा हो जाता है।
पायल- अच्छा ये बात है.. अपनी ही बहन पर बुरी नज़र रखते हो आप..

पुनीत ने पायल के बाल पकड़ कर खींचे और उसकी गर्दन मोड़ कर एक जोरदार सा किस कर दिया।
पुनीत- अगर बहन तेरी जैसी पटाखा हो.. तो भाई अपने आपको कब तक संभाल पाएगा।
पायल- उफ्फ.. आप तो बहुत गर्म हो गए हो.. अब तो आपको ठंडा करना ही पड़ेगा। वैसे भी मेरी चूत सुबह से आपके लौड़े को याद कर-कर के टप-टप टपक रही है।

पुनीत- ना ना.. मेरी पायल.. मेरा लण्ड तेरी चूत के लिए नहीं.. नर्म-नर्म गाण्ड को याद करके तना हुआ है.. तुमने वादा किया था ना.. आज गाण्ड मरवाओगी मुझसे..
पायल- नहीं भाई.. गाण्ड को रहने दो ना.. बहुत दर्द होगा.. आप चूत से ही काम चला लो।
पुनीत- नहीं मेरी जान.. वादा मत तोड़ो.. मेरी नज़र तेरी गाण्ड से हट नहीं रही है.. बस एक बार इसमें लौड़ा पेल दूँ.. तो मुझे सुकून मिल जाएगा।

पायल- भाई आग तो मेरी चूत में लगी है.. आप गाण्ड मारोगे.. तो मुझे मज़ा कैसे आएगा?
पुनीत- मेरी जान.. तू फिकर क्यों करती है.. तेरी गाण्ड के साथ-साथ तेरी चूत की आग भी मिटा दूँगा। तू बस देखती जा.. आज तेरी ठुकाई करके ऐसा मज़ा दूँगा तुझे.. कि तू याद रखेगी।

पायल आँखों को घूमते हुए मुस्कुरा कर बोली- अच्छा ठीक है भाई मगर ये वक्त ठीक नहीं रहेगा.. रात को करेंगे.. अभी कोई आ गया तो?
पुनीत- मेरी जान टेंशन मत ले.. मैं बस तुम्हें बताने आया हूँ.. सो मत जाना.. मैं थोड़ा बाहर जाकर आता हूँ.. उसके बाद आकर सीधा तेरे पास आ जाऊँगा.. तू बस टाँगें फैला कर तैयार रहना..

पायल- ओह्हो.. क्या बात है.. अब कहाँ जा रहे हो.. आप तो सुबह से तो बाहर ही थे।
पुनीत- मेरी जान.. आकर बता दूँगा.. ठीक है.. अब तू आराम कर ले.. जितना करना है.. उसके बाद तो पूरी रात तुझे चैन नहीं लेने दूँगा।
पायल- ओह्ह.. अच्छा चलो देखते हैं आज ऐसा क्या करोगे आप..

पुनीत मुस्कुराता हुआ वहाँ से निकल गया और पायल बिस्तर पर लेट गई।

वहाँ से निकल कर पुनीत रॉनी के पास गया और उसे कहा- थकान उतारने का एक ही तरीका है.. थोड़ी-थोड़ी बीयर मार आते हैं।
रॉनी भी मान गया और दोनों वहाँ से निकल गए।

दोस्तो, काफ़ी दिनों से टोनी और उसके दोस्तों के बारे में मैंने कुछ नहीं बताया, आज बता देती हूँ।

सन्नी वहाँ से निकल कर सीधा इनके पास आया। ये तो अपने पीने के प्रोग्राम में मस्त थे.. तभी सन्नी वहाँ आ गया।
सन्नी- क्या बात है सालों.. तुम तो शुरू हो गए.. लाओ आज मैं भी तुम्हारे साथ दो पैग लगा देता हूँ।
सभी बैठकर पीने लगे और टोनी जिज्ञासा में पूछने लगा- अब हमें आगे क्या करना है?

सन्नी- करना क्या है.. उस साले पुनीत की बैंड बजानी है.. कल पार्टी में खूब मज़ा करेंगे.. उसके बाद साले कुत्ते को जलील करना है.. उसके लिए ही मैं यहाँ आया हूँ।
टोनी- मुझे पता है भाई.. आप ऐसे तो आने वाले हो नहीं.. कोई तो प्लान लेकर ही आए होगे.. बताओ क्या करना है?

सन्नी- अबे बता दूँगा.. इतनी क्या जल्दी है.. पहले थोड़ा नशा तो होने दे.. वैसे भी अभी अभी एक मस्त माल को चोदकर आ रहा हूँ।
टोनी- ओए होए.. भाई क्या बात है.. आपको कहाँ से मिल जाती है साली मस्त माल.. हमको तो रंडियाँ भी आजकल भाव नहीं देतीं.. वैसे साली पायल के मम्मों को छुआ तो करंट सा आ गया था भाई.. प्लीज़ कल मना मत करना.. साली को डान्स के बहाने मैं थोड़ा तो टच करके मज़ा ले ही लूँगा।
सन्नी- जा साले ले लेना.. मगर ज़्यादा कुछ मत करना।

टोनी- अरे वाह्ह.. जिओ भाई.. मज़ा आ गया.. आपने ‘हाँ’ कह दी.. बस अब बाकी मुझ पर छोड़ दो.. कल साली को छूकर मज़ा लूँगा.. मगर आपने इतनी आसानी से हाँ कह दी.. इसमें कुछ तो बात होगी.. ऐसे आप हाँ कहने वाले नहीं।
सुनील- अरे इसमें क्या बात होगी?
विवेक- टोनी भाई.. आप भी ना बॉस की हर बात को शक से देखते हो।

सन्नी- चुप रहो सालों.. चमचों.. ये टोनी बहुत हरामी है साला.. सब समझ जाता है और सही भी है.. मैंने ऐसे ही नहीं हाँ कही.. ये कल का प्लान है। अब पूरी बात सुनो.. तुम्हें कल क्या करना है।
सन्नी ने पूरा प्लान समझाया तो तीनों की आँखों में चमक आ गई।

टोनी- वाह्ह.. हाँ भाई मुझे लगा ही था कुछ तो गड़बड़ है.. साली रंडी को कल देखना.. कैसे मज़ा देता हूँ और उस कुत्ते को भी सबक़ सिखा देंगे। बस जल्दी से कल की रात आ जाए।

वो सभी पीने के मज़े लेने लगे और पायल के बारे में गंदी बातें करने लगे उधर रॉनी और पुनीत भी एक जगह बीयर पी रहे थे।

रॉनी- भाई कल पार्टी है.. पायल भी साथ होगी, वहाँ का माहौल आपसे छुपा नहीं है.. मैं तो सोच कर टेंशन में आ रहा हूँ.. कल क्या होगा?
पुनीत- अरे कुछ नहीं होगा.. पायल को मैं सब समझा दूँगा। वैसे भी फार्म के गेम से तो ज़्यादा कुछ नहीं होगा ना.. वहाँ जब वो उसके लिए मान गई.. तो यह पार्टी क्या चीज़ है..
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#83
04-05-2018, 09:23 PM
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अब तक आपने पढ़ा..

वो सभी पीने के मज़े लेने लगे और पायल के बारे में गंदी बातें करने लगे उधर रॉनी और पुनीत भी एक जगह बीयर पी रहे थे।
रॉनी- भाई कल पार्टी है.. पायल भी साथ होगी वहाँ का माहौल आपसे छुपा नहीं है.. मैं तो सोच कर टेंशन में आ रहा हूँ.. कल क्या होगा?
पुनीत- अरे कुछ नहीं होगा.. पायल को मैं सब समझा दूँगा। वैसे भी फार्म के गेम से तो ज़्यादा कुछ नहीं होगा ना.. वहाँ जब वो उसके लिए मान गई.. तो ये पार्टी क्या चीज़ है..

अब आगे..



रॉनी- अपने पायल को बता दिया कि वहाँ क्या होगा?
पुनीत- पूरी बात नहीं बताई.. बस आधी-अधूरी बताई है। तुम फिकर मत करो.. वहाँ कुछ नहीं होगा.. जीतना तो मुझे ही है.. तो पहले से क्यों पायल को बता कर गेम को ख़तरे में डालूँ.. हाँ सही है ना?

रॉनी- हाँ सही है भाई.. मगर वहाँ ग़लती से आप हार गए तो क्या होगा.. यह आपने सोचा है?
पुनीत- उस टोनी की माँ की चूत.. वो क्या हराएगा मुझे साला कुत्ता..
रॉनी- हाँ आप जीतोगे.. मगर हार के भी चान्स है. मैं बोल नहीं सकता.. गेम है कुछ भी हो सकता है। अगर हार गए तो क्या होगा.. ये अपने सोचा है क्या?

पुनीत ने बोतल को मुँह से लगाया और बाकी की बीयर एक सांस में पीकर बोला- देख यार.. हारने का तो सवाल ही नहीं उठता.. फिर भी तेरी बात मान ली जाए.. तो साले उस कुत्ते के मुँह पर पैसा फेंक दूँगा.. लेकिन पायल को कुछ नहीं होने दूँगा।
रॉनी- वो मानेगा क्या? कहीं ऐसा ना हो.. जिस ज़ुबान के लिए ये सब हो रहा है.. वही ना रहे?
पुनीत- बस यार मूड खराब मत करो.. जो होगा देखा जाएगा.. चलो अब घर जाकर खाना भी खाना है.. पायल वेट कर रही होगी।

दोनों वहाँ से निकले.. रास्ते में पुनीत ने सर दर्द का बहाना करके गाड़ी मेडिकल स्टोर पर रोकी और उतार कर दवा लेने चला गया। वहाँ से उसने अपने मतलब की कामोत्तेजक दवा ले ली और वापस गाड़ी में आ गया।

इधर पायल को जोरों की भूख लगी हुई थी। वो दोनों का वेट कर रही थी.. तभी वो दोनों आ गए।
पायल- क्या भाई.. कहाँ चले गए थे.. मैं कब से भूखी बैठी हूँ।

पुनीत ने ‘सॉरी’ कहा और बिना कपड़े चेंज किए.. वो खाने के लिए बैठ गए।
काका ने खाने के साथ ‘जूस’ भी दे दिया।
अब वो खाने के साथ बातें करने लगे, जब खाना फिनिश हो गया तो सोने के लिए सब अपने कमरों में चले गए।

पायल को पता था.. पुनीत कभी भी आ जाएगा.. तो उसने जल्दी से एक सेक्सी नाईटी पहन ली और बिस्तर पर चादर डालकर सो गई।

कुछ देर बाद पुनीत ने देखा कि रॉनी बीयर के नशे में मस्त होकर सो गया है.. तो वो भी अपने लौड़े की आग मिटाने पायल के पास चला गया।

पायल को पता लगा कि पुनीत आ गया तो उसने सोने का नाटक शुरू कर दिया पुनीत उसके पास आकर बैठ गया।
पुनीत- पायल.. अरे यार क्या है यह.. मैंने कहा था ना.. फिर भी सो गई.. उठो ना यार.. प्लीज़..
पायल नींद से जागने का नाटक करती हुई बोली- क्या भाई सोने दो ना.. बहुत अच्छी नींद आ रही है.. मेरा पूरा जिस्म अकड़ा हुआ है.. प्लीज़ सोने दो..
पुनीत- अरे मेरी जान.. सोने में क्या रखा है.. तेरा बदन अकड़ रहा है.. यहाँ देख मेरा लौड़ा अकड़ा हुआ है.. प्लीज़ यार उठ ना..

पायल मन ही मन हँस कर मज़ा ले रही थी, उसने दोबारा मना कर दिया और सो गई।

पुनीत- यार पायल.. प्लीज़ ऐसा मत करो.. आज तो मैंने कामोत्तेजक दवा भी ले ली है.. अब चुदाई के बिना पूरी रात मेरी हालत खराब हो जाएगी.. प्लीज़ मान जाओ ना..
गोली का नाम सुनते ही पायल झट से बैठ गई और पुनीत को घूरने लगी।

पायल- ओह्ह.. अच्छा ये बात है.. बिना चुदाई के आपकी हालत खराब हो जाएगी.. और अगर मैंने ‘हाँ’ कर दी तो मेरा क्या होगा.. आपको किसने कहा था दवा लेने के लिए.. जाओ मैं नहीं चुदवाती.. पता नहीं कितनी बार चोदोगे मुझे..
पुनीत- यार प्लीज़.. कुछ हालत खराब नहीं होगी.. तुम मना करोगी तो नहीं करूँगा.. प्लीज़ मान जाओ यार..

वैसे तो पायल पर भी जूस का नशा चढ़ गया था.. मगर वो बस पुनीत के साथ मस्ती कर रही थी।
पायल- हा हा हा.. देखा कैसे उल्लू बनाया हा हा हा मैं तो मजाक कर रही थी भाई.. आपके लौड़े को प्यासा रख कर मैं सो सकती हूँ क्या?

इतना सुनते ही पुनीत खुश हो गया और बिस्तर पर पायल को पटक कर किस करने लगा.. उसके मम्मों दबाने लगा।
पायल- आह्ह.. ऑउच.. भाई.. आराम से आइ.. धीरे दबाओ ना.. दु:खता है।
पुनीत- बस मेरी जान.. आज की बात है.. फिर कुछ नहीं दु:खेगा.. आज तेरी गाण्ड मार लूँ आराम से.. उसके बाद तू चुदाई के लिए एकदम पक्की हो जाएगी… फिर चाहे आगे डालो या पीछे.. तुझे मज़ा ही आएगा।

पायल- मुझे पक्की होकर कौन सा चुदते रहना है।
पुनीत- क्या पता कभी एक से ज़्यादा लोगों से चुदना पड़ जाए.. पक्की रहोगी तो तकलीफ़ कम होगी।
पायल- ये क्या बकवास बात कर रहे हो आप? मैं क्यों चुदूँगी.. किसी से.. आपका मुझे क्या रंडी बनाने का इरादा है क्या?

पुनीत समझ गया अभी इसको बताने से काम बिगड़ जाएगा.. तो उसने बात को टाल दिया।
पुनीत- अरे मजाक कर रहा हूँ मेरी जान.. चल अब बातें बन्द कर.. जल्दी से अपनी मस्त गाण्ड का दीदार करवा दे।
पायल- डायरेक्ट गाण्ड ही मारोगे क्या.. पहले थोड़ी मस्ती तो कर लो..

पुनीत ने कुछ कहा नहीं.. सीधा बिस्तर पर पायल को पटक दिया और उसके होंठ चूसने लगा।
पायल भी मस्ती में आ गई और उसका साथ देने लगी, कुछ ही देर में दोनों चूमते-चूमते एक-दूसरे के कपड़ों को निकालने लगे।
अब दोनों एकदम नंगे हो गए थे।

पुनीत का लण्ड तो लोहे जैसा सख़्त हो गया था, एक तो गोली का असर और दूसरा ऐसी क़ातिल जवानी पास में हो.. तो लौड़ा अपने आप ही अकड़ जाएगा।

पायल- अरे भाई, ये आपके लौड़े को क्या हो गया.. कैसे झटके खा रहा है.. लगता है इसको घुसने की बड़ी जल्दी है।
पुनीत- अरे इसको पता है.. आज मुलायम गाण्ड का मज़ा मिलने वाला है।
पायल- हाँ मिलेगा.. लेकिन उसके पहले मेरे प्यारे होंठ इसको मज़ा देंगे.. फिर ये मेरी चूत की आग मिटाएगा.. उसके बाद लास्ट में गाण्ड का मज़ा मिलेगा.. समझे इतनी आसानी से नहीं..

पुनीत- अरे यार ये क्या बात हुई.. पहले गाण्ड मारने दो ना प्लीज़..
पायल- नो वे.. आपने तो गोली खा रखी है… शुरू में गाण्ड मारोगे तो पता नहीं कितना दर्द होगा.. पहले मुझे ठंडी कर दो.. फिर आराम से मारते रहना।

पुनीत ने ज़्यादा ज़िद नहीं की और मान गया। उसके बाद दोनों चूमा-चाटी में लग गए। दोनों 69 के पोज़ में आ गए और एक-दूसरे के चूत और लण्ड को चूसकर मज़ा लेने लगे।

कुछ देर बाद पायल ने कहा- अब बस बर्दाश्त नहीं होता.. घुसा दो लौड़ा चूत में.. और बुझा दो इसकी प्यास!

पुनीत ने पायल के पैर कंधे पर डाले और लौड़े को चूत पर सैट करके जोरदार झटका मारा.. पूरा लौड़ा एक ही बार में अन्दर चला गया।
सपायल- आआह्ह.. आईईइ.. मर गई रे.. आह्ह.. भाई क्या हो गया है आपको आह्ह..
पुनीत- ये तेरी साली चूत बहुत प्यासी है ना.. इसकी वजह से मैं गाण्ड बाद में मारूँगा। अब देख इसका क्या हाल करता हूँ.. आह्ह.. ले उहह उहह उहह..

पायल- आ आह्ह.. चोदो आह्ह.. मेरे भाई.. मज़ा आ गया.. फक मी फास्ट.. आह्ह.. भाई फाड़ दो मेरी चूत को.. आह्ह.. यू फास्ट ब्रो फास्ट.. आह्ह.. आइ..

पुनीत स्पीड से झटके देने लगा.. पायल से ऐसे तगड़े झटके बर्दास्त नहीं हुए वो झड़ने के करीब आ गई।
पायल- आह्ह.. भाई फास्ट.. मेरी चूत आह्ह.. गई.. गई.. आह्ह.. आइ आइ..
पायल कमर हिलाकर झड़ने लगी उसकी साँसें तेज हो गईं.. मगर पुनीत का अभी बाकी था.. वो ‘घपा-घाप’ लौड़ा पेल रहा था।

पायल- आ आह्ह.. भाई आह्ह.. अब निकाल लो.. आह्ह.. मेरी चूत में आह्ह.. जलन हो रही है.. आह्ह.. उफ्फ.. उफ़फ्फ़..
पुनीत ने झटके से लौड़ा बाहर निकाल लिया.. तो पायल तड़प सी गई..- आह्ह.. आज तो बड़े जोश में हो भाई.. लगता है आज मेरी खैर नहीं..
पुनीत- तेरा तो पता नहीं.. मगर आज तेरी गाण्ड की खैर नहीं है.. बहुत तड़पाती है मुझे.. आज उसको फाड़ के रख दूँगा मैं..
पायल- भाई जोश में होश ना खो देना.. आज फाड़ दोगे.. तो दोबारा नहीं करना क्या आपको?

पुनीत ने पायल के मुँह पर लौड़ा लगा दिया और हाथ से उसके बाल पकड़ कर लौड़ा उसके गालों पर घुमाने लगा।
पायल- उफ्फ.. भाई क्या कर रहे हो.. बाल क्यों पकड़े हो मेरे.. दु:खता है ना..
पुनीत- अरे अभी कहाँ दु:खा है.. जब तेरी गाण्ड मारूँगा.. तब होगा असली दर्द तो.. मेरी जान ले चूस..

पायल- भाई आपके इरादे ठीक नहीं लग रहे.. मुझे तो डर लग रहा है आपसे.. पता नहीं आज मेरी गाण्ड का क्या हाल करोगे..
पुनीत- डर मत मेरी जान.. तेरी गाण्ड इतनी प्यारी है.. इसको तो बड़े प्यार से खोलूँगा.. चल अब देर मत कर बन जा मेरी घोड़ी.. ताकि मेरे लौड़े को भी सुकून आ जाए..
पायल- थैंक्स भाई.. प्लीज़ दर्द मत करना.. आराम से डालना और प्लीज़ ऐसे सूखा मत डालो.. कोई आयिल लगा लो.. ताकि दर्द कम हो.. वो सामने देखो वहाँ से ले लो..
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#84
05-05-2018, 03:52 PM
अपडेट  ६९

अब तक आपने पढ़ा..

पायल- उफ्फ.. भाई क्या कर रहे हो.. बाल क्यों पकड़े हो मेरे.. दु:खता है ना..
पुनीत- अरे अभी कहाँ दु:खा है.. जब तेरी गाण्ड मारूँगा.. तब होगा असली दर्द तो.. मेरी जान ले चूस..
पायल- भाई आपके इरादे ठीक नहीं लग रहे.. मुझे तो डर लग रहा है आपसे.. पता नहीं आज मेरी गाण्ड का क्या हाल करोगे..

पुनीत- डर मत मेरी जान.. तेरी गाण्ड इतनी प्यारी है.. इसको तो बड़े प्यार से खोलूँगा.. चल अब देर मत कर बन जा मेरी घोड़ी.. ताकि मेरे लौड़े को भी सुकून आ जाए..
पायल- थैंक्स भाई.. प्लीज़ दर्द मत करना.. आराम से डालना और प्लीज़ ऐसे सूखा मत डालो.. कोई आयिल लगा लो.. ताकि दर्द कम हो.. वो सामने देखो वहाँ से ले लो..

अब आगे..



पुनीत खड़ा हुआ और आयिल की बोतल ले आया.. तब तक पायल भी दोनों पैर फैला कर ज़बरदस्त घोड़ी बन गई थी.. उसको देख के पुनीत खुश हो गया।
पुनीत- वाह्ह.. मेरी जान क्या पोज़ में आई हो.. पैर भी फैला दिए.. ताकि गाण्ड थोड़ी और खुल जाए.. तू डर मत.. अभी बस थोड़ी देर की बात है.. उसके बाद सारी खोल दूँगा..
इतना कहकर पुनीत बिस्तर पर आ गया और पायल की गाण्ड को सहलाने लगा।

पायल- उफ्फ.. भाई आपका हाथ लगाते ही अजीब सा महसूस हो रहा है।
पुनीत ने आयिल पायल की गाण्ड के छेद पर डाला और उंगली से उसके छेद में लगाने लगा। कुछ आयिल लौड़े की टोपी पर भी लगा लिया ताकि आराम से घुस जाए।

पुनीत उंगली को गाण्ड के अन्दर घुसा कर तेल लगाने लगा.. तो पायल को थोड़ा दर्द हुआ.. मगर वो दाँत भींच कर चुप रही।

पुनीत बड़े प्यार से उंगली थोड़ी अन्दर डालकर गाण्ड में तेल लगा रहा था और पायल बस आने वाले पल के बारे में सोच कर डर रही थी।

पुनीत- मेरी रानी अब तेरी गाण्ड को चिकना बना दिया है.. अब बस लौड़ा पेल रहा हूँ.. थोड़ा सा दर्द बर्दाश्त कर लेना.. उसके बाद मज़े ही मज़े हैं.. तू खुद कहेगी कि रोज गाण्ड मरवाऊँगी.
सपायल- भाई प्लीज़ आराम से डालना.. मैं आपकी बहन हूँ.. ये बात भूलना मत..

पुनीत ने लौड़े को गाण्ड पर टिकाया और प्यार से छेद पर लौड़ा रगड़ने लगा।
पुनीत- अरे जान.. डर मत.. जानता हूँ तू मेरी बहन है.. तुझे दर्द होगा तो मुझे भी तकलीफ़ होगी.. तू बस देखती जा.. बड़े प्यार से करूँगा।

पुनीत ने दोनों हाथों से गाण्ड को फैलाया और टोपे को छेद में फँसा कर हल्का सा झटका मारा.. तो लौड़ा फिसल कर ऊपर निकल गया।
उसने 3 बार कोशिश की.. मगर लौड़ा अन्दर नहीं गया.. तो पुनीत ने एक हाथ से लौड़े को पकड़ा और छेद पर रख कर दबाव बनाया.. अबकी बार लौड़ा गाण्ड में घुस गया और एक दर्द की लहर पायल की गाण्ड में होने लगी।

पायल- ऐइ.. आईईइ.. आह… भाई.. बहुत दर्द हो रहा है.. आह्ह.. आराम से करना.. नहीं मेरी चीख निकल जाएगी और बाहर कोई सुन लेगा.. उई.. माँ आज नहीं बचूँगी..
पुनीत- मेरी जान.. अभी तो टोपी घुसी है.. थोड़ा सा बर्दास्त कर ले.. बस उसके बाद दर्द नहीं होगा।
पायल- आह्ह.. कर तो रही हूँ.. आप बस झटके से मत देना.. धीरे-धीरे अन्दर डालो.. मैं दाँत भींच लेती हूँ.. आह्ह.. आह..

पुनीत हाथ से दबाव बनाता गया। एक इंच और अन्दर गया और वो रुक गया.. फिर दबाया तो और अन्दर गया.. वैसे पुनीत बड़े प्यार से लौड़ा अन्दर पेल रहा था.. मगर पायल की गाण्ड बहुत टाइट थी। उसकी तो जान निकाल रही थी.. वो बस धीरे-धीरे कराह रही थी।
कुछ देर तक पुनीत धीरे-धीरे लौड़े को अन्दर करता रहा। उसका आधा लण्ड अब गाण्ड में जगह बना चुका था। अब वो आधे लण्ड को ही अन्दर-बाहर करने लगा।

पायल- आह्ह.. आइ.. आह्ह.. अब दर्द कम है.. आह्ह.. चोदो आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. भाई सच्ची गाण्ड में मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. उहह..

पुनीत अब स्पीड से लौड़े को अन्दर-बाहर कर रहा था और हर धक्के के साथ लौड़ा थोड़ा और अन्दर घुसा देता। उसका लौड़ा एकदम टाइट जा रहा था.. ये तो आयिल का कमाल था.. नहीं उसका लौड़ा छिल जाता। थोड़ी देर बाद पुनीत ने लौड़ा पूरा बाहर निकाल लिया।

पायल- ऑउच.. क्या हुआ भाई.. निकाल क्यों लिया.. थक गए क्या?
पुनीत- अरे नहीं मेरी जान.. जितना आयल लगाया था.. वो तेरी गाण्ड पी गई.. अब थोड़ा और लगा के डालूँगा..
पायल- उफ्फ.. भाई जल्दी से पेल दो आप मेरी गाण्ड मार रहे हो और मेरी चूत में खुजली शुरू हो गई है।
पुनीत- सबर कर मेरी जान.. आज तेरी सारी खुजली मिटा दूँगा मैं..

इतना कहकर पुनीत ने पूरे लौड़े पर अच्छे से तेल लगाया। उसके बाद पायल की गाण्ड को हाथ से खोलकर उसमे तेल पेल दिया.. ताकि पूरा लौड़ा आराम से अन्दर चला जाए।


तेल की बोतल साइड में रख कर पुनीत ने लौड़ा गाण्ड में घुसा दिया और धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा, पायल मस्ती में गाण्ड पीछे धकेल कर चुदने लगी।
तभी पुनीत ने जोश में ज़ोर का झटका मार दिया और पूरा लौड़ा जड़ तक गाण्ड में समा गया और इसी झटके के साथ पायल बिस्तर पर गिर गई, उसके साथ-साथ पुनीत भी उसके ऊपर गिर गया।

पूरा लौड़ा जब गाण्ड में गया तो पायल के मुँह से ज़ोर की चीख निकल गई.. मगर जल्दी ही उसने बिस्तर में मुँह छुपा कर अपनी चीख को दबा लिया.. उसकी आँखों से आँसू बहने लगे।
पुनीत को भी ये अहसास हो गया कि पायल को कितना दर्द हुआ होगा.. क्योंकि शुरू में तो वो प्यार से लौड़ा घुसा रहा था.. मगर अचानक ही पूरा लौड़ा एक साथ गाण्ड में चला गया तो दर्द होना लाजिमी है।

पुनीत कुछ देर वैसे ही पायल के ऊपर लेटा रहा.. जब उसका दर्द कम हुआ।
पायल- आ आह्ह.. भाई.. मेरी जान निकाल दी आपने.. आह्ह.. अब उठो भी.. पूरा वजन मेरे ऊपर पेल रखा है..
पुनीत अपने हाथों और घुटनों पर ज़ोर देकर थोड़ा ऊपर हुआ और धीरे-धीरे लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा।

पायल- आह्ह.. भाई.. बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज़ अब बस भी करो.. आह्ह.. निकाल लो ना.. आह्ह.. मैं मर जाऊँगी..
पुनीत- अरे अब तो पूरा अन्दर घुस गया.. अब कैसा दर्द.. बस मुझे थोड़े झटके मार कर गाण्ड को खोलने दो.. उसके बाद मज़े ही मज़े..
पायल- आह्ह.. ठीक है.. आह्ह.. जो करना है आह्ह.. जल्दी करो.. मुझे ज़ोर की सूसू आई है.. आह्ह.. जल्दी करो..

पुनीत अब स्पीड से पायल की गाण्ड मारने लगा। वो सिसकारियाँ लेती रही.. कुछ देर बाद लौड़ा ‘पक-पक’ की आवाज़ के साथ स्पीड से अन्दर-बाहर होने लगा।
अब पायल को दर्द भी कम महसूस हो रहा था। वो झटकों के साथ उत्तेजित होने लगी थी.. उसकी चूत टपकना शुरू हो गई थी.. वो जोश में आ गई।

पायल- आ आह्ह.. भाई.. अब दर्द कम है.. आह्ह.. अब ज़ोर से करो.. आह्ह.. जल्दी मेरी चूत की आ..आग भी आपको मिटानी है आह्ह.. फास्ट ब्रो आह्ह.. फास्ट..
पायल को अब मज़ा आने लगा था। वो हाथों पर ज़ोर देकर फिर से घोड़ी बन गई थी और पुनीत अब उसके कूल्हे पकड़ कर ‘दे दनादन..’ लौड़ा पेल रहा था। कुछ देर बाद पुनीत ने पायल की गाण्ड में पिचकारी मारनी शुरू की.. तो गर्म-गर्म वीर्य से उसको बड़ा सुकून मिला।

पायल की गाण्ड को भर कर ‘पक्क’ की आवाज़ के साथ लौड़ा बाहर निकाला और पुनीत बिस्तर पर लेट कर लंबी साँसें लेने लग गया।
पायल की गाण्ड से वीर्य टपक कर बाहर आने लगा.. वो भी पुनीत के बराबर में लेट गई।

पायल- क्या भाई.. आज तो आपने हद ही कर दी.. मेरी जान लेने का इरादा था क्या.. कितनी ज़ोर से लौड़ा घुसाया.. मेरी जान निकाल दी आपने।
पुनीत- अरे यार वो ग़लती से हो गया था.. नहीं मैं तो प्यार से ही कर रहा था। वैसे तेरी गाण्ड बहुत टाइट है.. मज़ा आ गया आज तो..

पायल- आपको तो मज़ा आ गया.. मेरी तो हालत खराब हो गई ना.. अभी भी ऐसा लग रहा है जैसे गाण्ड में लौड़ा घुसा हुआ है.. और दर्द भी बहुत हो रहा है। देखो बिस्तर पर ठीक से गाण्ड टिक भी नहीं रही.. इसी लिए करवट लेकर लेटी हुई हूँ।
पुनीत- हा हा हा.. मेरी प्यारी पायल.. पहली बार में ऐसा होता है.. अब रोज मरवाओगी.. तो आदत पड़ जाएगी.. उसके बाद दर्द नहीं मज़ा मिलेगा।

पायल- अच्छा अच्छा.. ठीक है.. अब जल्दी से उठो.. मेरी चूत में खुजली हो रही है.. इसमें डालो अब अपना मोटा लौड़ा..
पुनीत- थोड़ा रेस्ट लेने दे मेरी जान.. वैसे भी दवाई ली हुई है.. अभी 5 मिनट में लौड़ा खड़ा हो जाएगा। उसके बाद ना कहना कि बस करो मैं थक गई हूँ.. तेरी चूत की प्यास मिटा कर दोबारा गाण्ड मारूँगा तेरी..
पायल- हाँ मार लेना.. मगर रस मेरी चूत में ही डालना.. बड़ा सुकून मिलता है.. जब चूत में गर्म रस अन्दर जाता है।

पुनीत- अब तेरा सूसू नहीं आ रहा क्या.. गाण्ड मारने के वक्त तो बहुत चिल्ला रही थी तू?
पायल- उस वक्त आया था.. अब नहीं आ रहा है।
पुनीत- जाओ कर लो.. नहीं लौड़ा अन्दर जाएगा तो दोबारा बोलोगी.. तब तक मैं थोड़ा रेस्ट कर लूँ।
पायल- हाँ सही कहा आपने.. चुदाई के वक्त फिर से आ गया तो हमारा मज़ा खराब हो जाएगा।
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#85
06-05-2018, 04:20 PM
अपडेट  ७०

अब तक आपने पढ़ा..

पुनीत- थोड़ा रेस्ट लेने दे मेरी जान.. वैसे भी दवाई ली हुई है.. अभी 5 मिनट में लौड़ा खड़ा हो जाएगा। उसके बाद ना कहना कि बस करो मैं थक गई हूँ.. तेरी चूत की प्यास मिटा कर दोबारा गाण्ड मारूँगा तेरी..
पायल- हाँ मार लेना.. मगर रस मेरी चूत में ही डालना.. बड़ा सुकून मिलता है.. जब चूत में गर्म रस अन्दर जाता है।
पुनीत- अब तेरा सूसू नहीं आ रहा क्या.. गाण्ड मारने के वक्त तो बहुत चिल्ला रही थी तू?
पायल- उस वक्त आया था.. अब नहीं आ रहा है।
पुनीत- जाओ कर लो.. नहीं लौड़ा अन्दर जाएगा तो दोबारा बोलोगी.. तब तक मैं थोड़ा रेस्ट कर लूँ।
पायल- हाँ सही कहा आपने.. चुदाई के वक्त फिर से आ गया तो हमारा मज़ा खराब हो जाएगा।

अब आगे..



पायल जब उठी तो उसको गाण्ड में दर्द महसूस हुआ.. वो जब चलने लगी तो उसकी चाल बदल गई दर्द की वजह से.. वो कूल्हे उठा कर चल रही थी। पायल गाण्ड को मटकाती हुई सीधी बाथरूम की तरफ़ चली गई।

पुनीत आराम से लेटा हुआ था तभी उसके दिमाग़ में कोई बात आई और वो उठकर सीधा बाथरूम की तरफ़ भागा और दरवाजे को हाथ लगाया तो वो खुल गया। पायल बस कमोड पर बैठी ही थी कि पुनीत को देख कर खड़ी हो गई और चौंकती हुई बोली- ओह्ह.. गॉड.. ये क्या है भाई मैं तो डर गई.. आपने ऐसे अचानक कितनी ज़ोर से दरवाजा खोला?
पुनीत- अच्छा हुआ तूने सूसू नहीं किया.. मेरा भी सूसू आया है चल दोनों साथ में करेंगे.. मज़ा आएगा..
पायल- हा हा हा भाई.. कुछ भी सूसू साथ में करने में क्या मज़ा?
पुनीत- तू देख तो सही.. मैं क्या करता हूँ.. मज़ा ना आए तो कहना..
पायल- जो करना है जल्दी करो.. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा.. बड़े ज़ोर का सूसू आया है।

पुनीत कमोड पर बैठ गया और पायल को करीब खींच कर अपनी जाँघों पर बिठा कर उसके मम्मों को चूसने लगा। उसका लौड़ा एकदम कड़क हो गया.. तो उसने पायल की चूत पर लौड़ा टिका दिया और हल्का सा अन्दर घुसा दिया।

पायल- आह्ह.. भाई क्या कर रहे हो.. पहले सूसू तो करने दो.. आप बाद में आराम से चोद लेना।
पुनीत- मेरी जान.. मैं चोद नहीं रहा हूँ.. अब तू ज़ोर लगा के सूसू कर.. देख कितना मज़ा आता है..

पायल को बात समझ आ गई.. तो वो मुस्कुराने लगी और पुनीत के गले में हाथ डालकर एक किस कर दिया।

पुनीत- अब सूसू करो.. मैं धीरे-धीरे तुम्हारी चूत में लौड़ा डालूँगा.. बहुत मज़ा आएगा।

पायल ने सूसू करना शुरू कर दिया उसकी चूत से सीटी की आवाज़ निकलने लगी.. उसकी गर्म-गर्म सूसू पुनीत की जाँघों पर लगी.. तो उसको बहुत मज़ा आया और उसी पल पुनीत ने भी सूसू की धार पायल की चूत में मार दी। पायल एकदम से चिहुँक सी गई.. उसको चूत में अजीब सा अहसास होने लगा।

जब दोनों सूसू कर चुके तो एक-दूसरे को देख कर हँसने लगे।

पायल- हा हा हा भाई आपकी सूसू कितना गर्म थी.. मेरी चूत की सिकाई हो गई.. थोड़ा सा गाण्ड में भी कर देते तो मज़ा आ जाता।
पुनीत- तेरी चूत से कौन सी कोल्ड ड्रिंक बाहर आई है.. वो भी गर्म ही थी और तेरी गाण्ड वाली इच्छा भी दोबारा में पूरी कर दूँगा।
पायल- भाई आपकी पूरी जाँघें और पेट सूसू से सन गया है.. पहले नहा लें.. उसके बाद कमरे में जाएँगे.. नहीं तो पूरा बिस्तर खराब हो जाएगा और बदबू भी आएगी..

पुनीत- ठीक है मेरी जान.. लेकिन ऐसा मत कहो कि बदबू आएगी.. ये तो अमृत है.. मेरा तो दिल करता है तेरी चूत से निकला इसका एक-एक कतरा पी जाऊँ।
पायल- छी: छी: कितने गंदे हो आप.. सूसू पीने की बात कर रहे हो..
पुनीत- अरे मजाक कर रहा हूँ मेरी जान.. वैसे भी सूसू पीकर मुझे बीमार नहीं होना.. इसमें एसिड होता है।
पायल- अच्छा अब बातें बंद.. नहाना शुरू.. ठीक है ना भाई।

इतना कहकर पायल खड़ी हो गई और शावर चालू कर दिया, दोनों मस्ती में नहाने लगे।
आधा घंटा मस्ती करने के बाद दोनों की उत्तेजना बढ़ गई और वहीं शावर के नीचे पुनीत ने पायल को दीवार के सहारे घोड़ी बनाया और उसकी चूत में लौड़ा घुसा दिया और स्पीड से चोदने लगा।

पायल- आ आह्ह.. फक मी ब्रो.. आह्ह.. फक मी हार्ड.. आह्ह.. फास्ट ऐइ.. आइ.. आह्ह.. फास्ट ब्रो.. आह्ह.. उई.. मजा आ रहा है..
पायल की बातों से पुनीत को और जोश आ गया, वो उसकी कमर पकड़ कर ज़ोर से चोदने लगा।
दस मिनट में पायल की रसधार बह गई.. मगर पुनीत तो अभी बाकी था.. वो कहाँ रुकने वाला था। वो ‘दे दना दन’ चोदता रहा।

पायल- आ आह्ह.. भाई.. आह्ह.. चूत ही आ आह्ह.. मारते रहोगे क्या.. आ आह्ह.. दर्द होने लगा है.. अब तो गाण्ड भी खुल गई है.. तो उसमें पेल दो न..
पुनीत- हाँ मेरी रानी.. मन तो मेरा भी तेरी गाण्ड मारने का ही है.. मगर मैं तुम्हारे कहने का वेट कर रहा था।
इतना कहकर पुनीत ने लौड़ा चूत से निकाला और ‘ठप’ से पूरा एक साथ गाण्ड में घुसा दिया।

पायल- ऐइ.. मर गई रे.. आह्ह.. भाई आराम से डालो ना.. आह्ह.. आज ही तो गाण्ड की ओपनिंग हुई है.. आह्ह..
पुनीत- क्या करूँ जान.. तुम्हारी टाइट गाण्ड को जल्दी से खोलना चाहता हूँ मैं ताकि फिर तुम्हें तकलीफ़ ना हो।
पुनीत स्पीड से पायल की गाण्ड मारने लगा।

करीब 20 मिनट बाद पायल दोबारा गर्म हो गई.. उसकी चूत फिर से रिसने लगी और पुनीत का लौड़ा भी अब आग उगलने को बेताब था.. तो उसने लौड़ा गाण्ड से निकाल कर चूत में घुसा दिया। जल्दी ही उसका लावा फूट गया.. उसके साथ साथ पायल भी झड़ गई।
पायल- आह्ह.. उफ़फ्फ़.. मज़ा आ गया भाई.. आपके रस से चूत को सुकून मिलता है.. आह्ह.. आज तो मज़ा आ गया।
पुनीत- उफ्फ.. मज़ा तो मुझे आ रहा है तेरी चूत और गाण्ड इतनी टाइट है कि क्या बताऊँ.. आज की पूरी रात तेरी इतनी चुदाई करूँगा कि बस तू याद करेगी।

पायल- हाँ भाई.. जितना चोदना हो.. चोद लो.. कल तो पार्टी है ना.. रात को लेट आएँगे.. तो क्या पता चुदाई कर पाए या नहीं.. सही है ना..
पुनीत- हाँ सही कहा.. चल अब तेरी एक इच्छा और पूरी कर देता हूँ.. बड़े ज़ोर का सूसू आई है.. तेरी गाण्ड में गर्म सूसू करके तुझे मज़ा देता हूँ.. तू भी क्या याद करेगी अपने भाई को.. चल घोड़ी बन जा जल्दी से..

पायल घोड़ी बन गई.. पुनीत का लौड़ा पूरा तो कड़क नहीं था.. मगर उसने दोनों हाथों से पायल की गाण्ड को फैला कर लौड़े का सुपारा गाण्ड में फँसा दिया और ज़ोर लगा कर सूसू करने लगा।
पायल- आह्ह.. भाई.. कितना गर्म है.. मज़ा आ गया आह्ह..

उसके बाद दोनों ने बाथ ली.. और कमरे में चले गए। वहाँ जाकर पायल ने कहा कि उसको भूख लगी है तो पुनीत कुछ फ्रूटस ले आया और दोनों मज़े से बैठ कर खाने लगे।

पुनीत- पायल अब तो तुम पूरी खुल गई हो.. अब तुम्हें चुदाई से कोई डर नहीं है ना..
पायल- हाँ भाई सही कहा आपने.. अब आप जैसे चाहो जब चाहो.. मुझे चोद कर मज़ा ले सकते हो।
पुनीत- पायल फार्म पर जो गेम होगा उसमें अगर मैं हार गया तो?
पायल- नहीं भाई ऐसी बात मत करो.. नहीं मुझे सबके सामने नंगा होना पड़ जाएगा।
पुनीत- पायल मैंने तुमसे एक बात छुपाई है।
पायल- क्या भाई बताओ ना प्लीज़?

पुनीत ने गेम के बारे में सब कुछ पायल को बता दिया.. जिसे सुनकर उसके होश उड़ गए.. वो गुस्से से लाल हो गई।
पायल- आपका दिमाग़ तो खराब नहीं हो गया भाई.. ऐसे कैसे आप ऐसी गेम के लिए मान गए.. नो नो.. मैं आपके साथ वहाँ नहीं जाने वाली ओके..

पायल के गुस्से को देख कर पुनीत थोड़ा डर गया.. मगर उसने बहुत प्यार से पायल को समझाया कि वो किसी हाल में नहीं हारेगा और अगर हर भी गया तो पायल को कुछ होने नहीं देगा.. उसकी बातों से पायल थोड़ी शान्त हुई और उसने ‘हाँ’ कह दी।

पायल- अच्छा भाई आप हार गए तो कैसे मुझे सब से बचाओगे?
पुनीत- पैसे का लालच दूँगा.. अगर नहीं माना तो उसके पैर पकड़ कर गिड़गिड़ाऊँगा.. मगर मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूँगा।

पायल- दिमाग़ खराब है क्या.. आप उस टोनी के सामने गिड़गिड़ाओ… इससे अच्छा तो मैं चुद ही जाऊँगी.. नहीं भाई अब आप डरो मत.. जो होगा देखा जाएगा.. अगर आप हार गए.. तो मैं उन सबको ठंडा कर दूँगी.. बस आप कोई सेक्स पावर की गोली मुझे लाकर दे देना ताकि सबको ठंडा आराम से कर सकूँ.. और मेरा कम से कम पानी निकले।

पुनीत- ये हुई ना बात.. मुझे पता था मेरी बहन इतनी कमजोर नहीं है और वैसे भी तेरी चूत और गाण्ड को मैंने अच्छे से खोल दिया है.. अब उन टुच्चे लोगों से क्या डरना।
पायल- हाँ सही है.. मगर एक प्राब्लम है.. रॉनी भी तो वहीं होगा.. उसके सामने मैं कैसे ये सब कर पाऊँगी भाई?
पुनीत- अरे अब उसको कहाँ बीच में ले आई.. गेम के बारे में उसको सब पता है.. बस हमने जो चुदाई की.. ये बात उसको पता ना लगे.. बाकी तो सब वो जानता ही है।

पायल- अच्छा तो सबके साथ कहीं वो भी मुझे चोद ले.. तो?
पुनीत- पागल जैसी बात मत करो.. तुम उसकी बहन हो.. वो कैसे करेगा?
पायल- बहन तो आपकी भी हूँ.. वो भी सग़ी.. तो आपने कैसे चोद लिया?
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09-05-2018, 04:31 PM
अपडेट  ७१

अब तक आपने पढ़ा..

पुनीत- ये हुई ना बात.. मुझे पता था मेरी बहन इतनी कमजोर नहीं है और वैसे भी तेरी चूत और गाण्ड को मैंने अच्छे से खोल दिया है.. अब उन टुच्चे लोगों से क्या डरना।
पायल- हाँ सही है.. मगर एक प्राब्लम है.. रॉनी भी तो वहीं होगा.. उसके सामने मैं कैसे ये सब कर पाऊँगी भाई?
पुनीत- अरे अब उसको कहाँ बीच में ले आई.. गेम के बारे में उसको सब पता है.. बस हमने जो चुदाई की.. ये बात उसको पता ना लगे.. बाकी तो सब वो जानता ही है।
पायल- अच्छा तो सबके साथ कहीं वो भी मुझे चोद ले.. तो?
पुनीत- पागल जैसी बात मत करो.. तुम उसकी बहन हो.. वो कैसे करेगा?

अब आगे..



पुनीत- मुझे तुमने जलवे दिखाए थे समझी.. उसको कौन से जलवे दिखा रही हो.. जो वो बहनचोद बनेगा।
पायल- वहाँ गेम में कपड़े उतारूँगी तो जलवे दिखेंगे ना?
पुनीत- अगर तुम चुदना चाहो तो चुद लेना.. मुझे कोई एतराज नहीं है.. वैसे भी वो तुम्हारी कुछ ज़्यादा ही केयर करता है.. उसको भी बता दो तुम अब बच्ची नहीं.. एकदम मस्त जवान माल हो गई हो.. हा हा हा हा..

पुनीत पागलों की तरह हँसने लगा.. जिसे देख कर पायल थोड़ी खिसिया गई।

पायल- बस भी करो.. घर में मुझे परेशान करने के लिए एक आप ही बहुत हो.. मुझे दो को फंसाकर अपनी हालत नहीं खराब करवानी।
पुनीत- हा हा हा हा चलो.. वैसे भी रॉनी ऐसा नहीं करेगा.. चलो अब थोड़ी मस्ती करते हैं.. उसके बाद तुम्हारी चुदाई भी तो करनी है..
पायल- भाई लगता है.. बहुत पॉवरफुल गोली ली है आपने.. थक ही नहीं रहे.. कितना चोदोगे आज?
पुनीत- मेरी जान पूरी रात आज तेरे मस्त यौवन का मज़ा लूँगा.. तेरी आज मैं जमकर चुदाई करूँगा।

पायल- अच्छा कर लो.. मगर याद रखना मेरे लिए भी ऐसी दवा ले आना.. क्या पता फार्म पर कितनों से चुदना पड़ जाए.. वैसे ट्रिपल एक्स मूवी में मैंने देखा था.. एक साथ बहुत आदमी एक लड़की को चोदते हैं.. तो उसको बड़ा मज़ा आता है। ऐसा फन मुझे भी मिलेगा.. ये सोचकर मैंने आपको ‘हाँ’ कह दी है।
पुनीत- ये कैसी रण्डियों जैसी बातें कर रही हो.. मैं ऐसा कुछ नहीं होने दूँगा। मैं जीतूँगा देख लेना..
पायल- एक मजाक आपने किया.. एक मैंने कर लिया.. हिसाब बराबर.. वैसे मेरा भी मन नहीं है.. आपके अलावा किसी से चुदवाने का.. समझे मेरे भाई..

उसके बाद दोनों मस्ती करने लगे और गरम हो गए। पुनीत ने दोबारा पायल को खूब चोदा उसकी गाण्ड और चूत मार-मार कर हालत बिगाड़ दी उसकी.. बेचारी 4 बजे तक कर सो पाई और पुनीत वहाँ से चला गया।

सुबह रॉनी जल्दी उठ गया और पुनीत को उठाने गया.. मगर वो नहीं उठा तो रॉनी तैयार होकर अकेला बाहर निकल गया और सन्नी को फ़ोन करके बुला लिया, दोनों एक कॉफी शॉप पर जाकर बैठ गए।

सन्नी- अरे अपना राजा कहाँ हैं और सुनाओ क्या चल रहा है?
रॉनी- तुम्हें अच्छी तरह पता है सब.. उसके बाद भी मुझे क्यों पूछ रहे हो.. वो रात को पीकर मस्त हो गया था.. अब तक सो रहा है।

सन्नी हँसने लगा और दोनों बातें करने लगे। अब इनके बीच की बातें बाद में आप समझ जाओगे.. ओके.. तो चलो टोनी और उसके साथियों के पास चलते हैं शायद हमें वहाँ कुछ मिलेगा।

सुनील- बॉस क्या बात है.. आज बड़े चिकने हुए हो.. कोई खास बात है क्या?
टोनी- अबे साले.. आज पार्टी में जाना है और उस कमसिन कली के जिस्म के एक-एक अंग को छूकर मज़ा लेना है। उफ्फ.. सोच कर ही मेरा लौड़ा ‘टन टना टन टन टन तारा’ करने लगा है।
सुनील- बॉस हमें भी मौका मिलेगा क्या.. उस कच्ची कली को भोगने का.. तब तो हम भी कुछ खुश हों..

टोनी- अबे सालों आज बस छूकर मज़ा लूँगा.. भोगने का अभी सोचो भी मत और तुम कोई ऐसी हरकत ना करना जिससे काम बिगड़ जाए। वहाँ और भी लड़कियाँ होगीं.. उनसे चिपक कर मज़ा लेते रहना.. मगर पायल के पास भी नहीं फटकना समझे..
सुनील- ठीक है बॉस.. वैसे भी वहाँ तो बहुत आइटम आएंगी.. किसी को भी फँसा लेंगे.. इसमें क्या बड़ी बात है..

टोनी- अबे सालों.. वो बड़े लोगों की पार्टी है.. ऐसी कोई हरकत मत करना कि धक्के लग जाए.. फँसाने का ख्याल दिल से निकाल दो। बस जब लड़कियाँ नशे में हों.. तब छू कर मज़ा ले लेना।
सुनील- ठीक है भाई.. जैसा आप कहें.. वैसे उस कुत्ते को जलील करने का याद है ना.. बड़े बॉस ने जो बताया था।
टोनी- ज़्यादा स्मार्ट मत बन.. मुझे मत सिखा.. क्या करना है.. चल जा.. मैंने जो बताया.. पहले वो काम करके आ समझे।

सुनील वहाँ से निकल गया और टोनी अपने दूसरे काम में लग गया।

उधर अर्जुन और निधि देर तक सोते रहे भाभी ने उनको नहीं उठाया.. वो जानती थी रात को बहुत देर तक दोनों मज़े कर रहे थे। वो नहाकार अस्पताल चली गई.
करीब 9 बजे दोनों की आँख खुली.. तो अर्जुन ने मुस्कुरा कर निधि को देखा।

निधि- क्या हुआ ऐसे क्यों देख रहे हो.. बताओ मुझे?
अर्जुन- साली.. तुझे देख कर लगता ही नहीं कि तू कच्ची कली नहीं पक्की चुदक्कड़ बन गई है।
निधि- अच्छा तो मुझे ऐसा बनाया किसने.. तुमने ही ना.. याद है पहली बार कैसे बुद्धू बना कर मेरी चूत फाड़ दी थी आपने।
अर्जुन- साली तुझे जन्नत की मल्लिका बना दिया.. आज देख कैसे मज़े से चुद जाती है तू..
निधि- अच्छा सुबह-सुबह लड़ाई करोगे क्या.. चलो उठो.. भाभी क्या सोचेगी कि हम अब तक सोए हैं।
अर्जुन- अरे क्या भाभी.. वो क्या सोचेगी.. साली रात को खुद उस बिहारी से कैसे चुदवा रही थी।

अर्जुन की बात सुनकर निधि को रात की बात याद आ गई और वो मुस्कुरा दी।
निधि- वो बिहारी कैसे भाभी को चोद रहा था.. सच्ची उसको देख कर ही मेरा तो मन बेचैन हो गया था.. काला सांड जैसा लग रहा था वो..
अर्जुन- साली ज़्यादा उसके सामने मत जाया कर.. कहीं उसका दिल तेरे पर आ गया ना.. तो वो तेरी हालत बिगाड़ देगा।
निधि- अरे तुम्हारे लौड़े से बड़ा थोड़े ही उसका.. जो हालत बिगाड़ देगा।
अर्जुन- मेरे जैसा तो शायद ही किसी का होगा.. मगर तू उस सन्नी से बड़े मज़े से चुदी.. अब क्या बिहारी से चुदने का इरादा है तेरा?
निधि- ना ना.. मैं उस काले से कभी ना चुदूँगी.. मैं तो बस ऐसे ही बता रही थी। तुम तो कह के जाने कहाँ चले गए.. जाओ मैं बात नहीं करती।

अर्जुन ने निधि के बाल पकड़ कर अपने पास खींच लिया।
अर्जुन- साली यहाँ आ तू.. तेरे बड़े पर निकल आए हैं.. देखता हूँ कैसे बात नहीं करोगी.. चल अब तू कपड़े निकाल.. अभी तेरी चुदाई करके तुझे सबक सिखाता हूँ।

निधि- नहीं अर्जुन अभी नहीं.. भाभी उठ गई होगीं.. वो कभी भी अन्दर आ जाएंगी.. तुम्हारा मज़ा खराब होगा।
अर्जुन- अच्छा ये बात है.. तो रुक पहले तेरी भाभी का इलाज करके आता हूँ।

अर्जुन जल्दी से कमरे के बाहर गया और भाभी को ढूँढने लगा। वो जल्दी समझ गया कि भाभी बाहर गई हैं तो वो फ़ौरन अन्दर आ गया और निधि को बिस्तर पर पटक दिया।

निधि- क्या हुआ.. भाभी को क्या बोल कर आए हो तुम?
अर्जुन- भाभी बाहर चली गई हैं अब तुझे बताता हूँ.. तू बहुत बक-बक करने लगी है साली।
इतना कहकर अर्जुन ने निधि के मुँह में अपना लौड़ा घुसा दिया और उसके मुँह को चोदने लगा।

निधि बड़ी मुश्किल से लौड़े को चूस पा रही थी.. क्योंकि इतना बड़ा लौड़ा पूरा उसके गले तक जा फँसा था।


दस मिनट तक अर्जुन बड़ी बेरहमी से निधि के मुँह को चोदता रहा.. उसकी आँखे लाल हो गईं.. और आँसू भी आ गए.. तब कहीं जाकर अर्जुन ने लौड़ा मुँह से बाहर निकाला और फ़ौरन ही निधि को लेटा कर उसकी चूत में घुसा दिया।

निधि ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी और अर्जुन ‘दे घपा घप’ उसको चोदने लगा।
निधि- आ आह्ह.. कुत्ता है तू.. आह्ह.. मेरी जान लेने का इरादा था क्या.. आह्ह.. सांस रुक गई थी मेरी.. आ आह्ह..

अर्जुन उसकी बात सुनकर बस हँस दिया और स्पीड से उसकी चूत को पेलने लगा, करीब 15 मिनट बाद वो उसकी चूत में ही झड़ गया.. तब तक निधि भी झड़ गई थी।

निधि- रात को इतना चोदा है.. फिर भी सुकून नहीं.. सुबह-सुबह भी खड़े हो गए चोदने को.. अब हटो भी.. बड़े जोरों की भूख लगी है.. नहा-धो कर बाहर चलते हैं।
चुदाई के बाद अर्जुन को भी भूख का अहसास हुआ.. तो उसने निधि की बात फ़ौरन मान ली और नहाने चला गया। निधि भी नहाने के लिए दूसरे बाथरूम में चली गई।

कुछ देर बाद वो दोनों अस्पताल चले गए और वहाँ से पास के होटल में नाश्ता करने चले गए। भाभी तो पहले ही नाश्ता कर आई थीं.. तो दोनों को भेज दिया।
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#87
09-05-2018, 04:34 PM
अपडेट  ७२

अब तक आपने पढ़ा..

निधि- रात को इतना चोदा है.. फिर भी सुकून नहीं.. सुबह-सुबह भी खड़े हो गए चोदने को.. अब हटो भी.. बड़े जोरों की भूख लगी है.. नहा-धो कर बाहर चलते हैं।
चुदाई के बाद अर्जुन को भी भूख का अहसास हुआ.. तो उसने निधि की बात फ़ौरन मान ली और नहाने चला गया, निधि भी नहाने के लिए दूसरे बाथरूम में चली गई।
कुछ देर बाद वो दोनों हॉस्पिटल चले गए और वहाँ से पास के होटल में नाश्ता करने चले गए। भाभी तो पहले ही नाश्ता कर आई थीं.. तो दोनों को भेज दिया।

अब आगे..



उधर पुनीत की जब आँख खुली तो बहुत वक्त हो चुका था.. वो उठा और बाथरूम में चला गया.. सारे काम से निपट कर जब वो पायल के कमरे में गया.. तो पायल बेसुध सोई हुई थी, उसके जिस्म पर एक चादर थी.. बाकी अन्दर वो पूरी नंगी थी।
पुनीत- हैलो माय स्वीट सिस.. उठो कितना सोती हो तुम..!!

पुनीत बिस्तर पर बैठ गया और पायल के चेहरे को हाथ से थपथपाने लग गया.. जिससे उसकी नींद टूट गई।
पायल- उहह.. सोने दो ना भाई.. क्यों परेशान कर रहे हो?
पुनीत- अरे कितना सोओगी यार.. चलो उठो जल्दी से..
पायल- उहह भाई.. क्या है सुबह हो गई क्या.. या फिर आपको मस्ती करनी है.. जो मुझे सता रहे हो..
पुनीत- अरे तू सुबह की बात करती है, उठ कर वक्त देख, दोपहर होने को आई है।

पायल आँख को मलते हुए अंगड़ाई लेती हुई बैठ गई.. तो उसकी चादर अलग हो गई और उसके गोल चूचे पुनीत के सामने आ गए।
पुनीत- अरे मेरी प्यारी बहना ऐसे नंगी ही सो गई.. कोई और आ जाता तो तेरी क़ातिल जवानी देख कर तुझपे टूट पड़ता तो क्या करती?
पायल- किसकी इतनी हिम्मत है.. जो ऐसा करे.. वैसे भी आप ही बहुत हो मेरे मज़े लेने के लिए.. चलो हटो मुझे बाथरूम जाना है..
पुनीत- कसम से अभी क्या मस्त लग रही हो.. देखो लौड़ा पैन्ट फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो रहा है.. मन कर रहा है.. अभी तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसा दूँ।

पायल- बस करो.. रात को क्या कम चुदाई की आपने.. जो सुबह-सुबह शुरू हो गए? जाओ नीचे.. मैं रेडी होकर आती हूँ। अकेले नाश्ता मत करने बैठ जाना.. नहीं अच्छा नहीं होगा..
पुनीत- अरे मेरी जान.. ये कैसी बात कर रही हो.. तेरे बिना नाश्ता कैसे कर सकता हूँ। तू ऐसा कर.. जल्दी रेडी हो जा आज यहीं तुझे स्पेशल नाश्ता कराऊँगा मैं.. बस अभी लेकर आता हूँ.. ठीक है ना..
पायल- अच्छा.. ये स्पेशल नाश्ता क्या है.. मुझे भी देखना है.. जाओ मैं बस 20 मिनट में रेडी हो जाऊँगी।

पुनीत नीचे चला गया और काका को नाश्ता रेडी करने को बोल दिया।

उधर सन्नी ने पहले ही काका को फ़ोन पर बता दिया था कि आज जूस में गोली मत मिलाना.. अब उसकी कोई जरूरत नहीं है.. जो होना था हो गया।
पायल जब नहाकर बाहर आई तो उसने बस तौलिया लपेट रखा था, उसके बाल भीगे हुए थे.. जिनसे पानी टपक कर उसकी गर्दन पर आ रहा था, वो एक हुस्न की मलिका लग रही थी।

तभी पुनीत भी नाश्ता लेकर आ गया।
पायल- अरे इतनी जल्दी क्यों ले आए मुझे कपड़े तो पहनने देते।
पुनीत- नहीं, ये स्पेशल नाश्ता बिना कपड़ों के ही किया जाता है।
पायल- ओह्ह.. अच्छा ये बात है.. तो भाई आपने कपड़े क्यों पहन रखे हैं? आपको नाश्ता नहीं करना क्या?

पुनीत- अरे करना क्यों नहीं.. अब मैं भी तो नंगा होने वाला हूँ ना.. पहले दरवाजा तो बंद कर दूँ.. कहीं कोई आ गया तो सारा मामला बिगड़ जाएगा।
पायल- भाई आप सच में नंगे हो रहे हो? मैं समझी मुझसे मजाक कर रहे थे।
पुनीत- अरे मजाक क्यों.. सच में आज स्पेशल तरीके से नाश्ता करेंगे और घर में रॉनी भी नहीं है.. वो कहीं बाहर चला गया। अब किसी के आने का ख़तरा भी नहीं है।

इतना कहकर पुनीत अपने कपड़े निकालने लग गया.. उसको नंगा होता देख पायल ने भी तौलिया निकाल दिया और अपने बाल पोंछने लगी।

अब दोनों नंगे आमने-सामने बैठ गए बीच में नाश्ते की ट्रे रखी हुई थी जिसमें चीज़ ब्रेड और जूस.. कुछ फ्रूट्स थे.. जिसे पायल गौर से देख रही थी।
पायल- इसमें क्या स्पेशल है.. रोज तो यही होता है नाश्ते में?
पुनीत- मेरी भोली पायल नाश्ता वही है.. इसको स्पेशल मैं बनाऊँगा.. उसके बाद एक खास तरीके से खाएँगे.. तब अपने आप समझ जाओगी।
पायल- अच्छा ये बात है.. तो जल्दी करो.. क्या करोगे इस नाश्ते के साथ?

पुनीत अपने लौड़े को सहलाता हुआ मुस्कुराने लग गया।
पायल- भाई प्लीज़ अब चुदाई का मत कह देना.. रात को बहुत कर चुके आप.. अभी सोचना भी मत..
पुनीत- अरे तू इतना डरती क्यों है.. नहीं चोदूँगा.. बस ये तो नाश्ते की तैयारी कर रहा हूँ।
पायल- मैं कुछ समझी नहीं भाई.. आप कैसी तैयारी कर रहे हो?
पुनीत- अगर मुझ पर ट्रस्ट है.. तो तू बस चुपचाप मेरी बात मानती जा.. मज़ा ना आए तो कहना..

पायल- भाई मेरा सब कुछ आपको दे दिया.. अब आप ट्रस्ट की बात करते हो.. लो कर लो.. जो करना है.. मैं आपके सामने हाजिर हूँ।
पुनीत- ये हुई ना बात.. अब देख पहले तेरे साथ थोड़ी मस्ती करूँगा.. उसके बाद तुझे स्पेशल नाश्ता कराऊँगा.. तू भी क्या याद करेगी..
पायल- ठीक है भाई.. आ जाओ आपकी बहन आपके सामने नंगी बैठी है.. जो करना है कर लो..

पुनीत ने पायल को बिस्तर पर लेटा दिया और उसको किस करने लग गया, पायल भी उसका साथ देने लगी.. कुछ देर बाद पुनीत उसके मम्मों को चूसने लग गया तो पायल सिसकारियाँ लेने लग गई।

पायल- आह्ह.. उफ़फ्फ़.. भाई सस्स.. रात को मन पूरा नहीं भरा क्या.. जो सुबह सुबह शुरू हो गए.. आह्ह.. नाश्ता तो करने देते.. पहले ही शुरू हो गए.. आह्ह.. उफ़फ्फ़.. आह.. काटो मत ना..

पुनीत पर कोई असर नहीं हुआ वो बस अपनी मस्ती में लगा रहा। पुनीत धीरे-धीरे पायल को गर्म करता रहा और उसके मम्मों से सीधा उसकी चूत पर पहुँच गया.. जो अब टपकना शुरू हो गई थी, उस में से चूतरस बाहर आने लगा था।
पायल- आह्ह.. भाई.. मेरी चूत में बड़ी हलचल हो रही है.. आह्ह.. प्लीज़ चाट लो ना.. आह्ह.. ससस्स प्लीज़..

पुनीत चूत के आस-पास उंगली फिराता हुआ हँसकर बोला- मेरी जान.. तुम क्या समझी मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ और वो स्पेशल नाश्ता.. बस एक बहाना था।
पायल- आह्ह.. अब जो भी हो.. आपने मेरे अन्दर आग लगा दी है.. अब चोद ही दो तो अच्छा रहेगा।
पुनीत- ना मेरी जान.. ये सब तो नाश्ते को स्पेशल बनाने के लिए किया मैंने.. अब देखो आज तक तुम्हारी चूत का रस मैंने ही पिया है.. उसका टेस्ट आज मैं तुम्हें भी कराऊँगा.. इस अंगूर के साथ हा हा हा हा..

इतना कहकर पुनीत ने ट्रे से कुछ अंगूर उठा लिए और पायल की चूत पर उनको रगड़ने लगा.. चूत का रस अंगूरों पर लग गया.. तब पुनीत ने एक अंगूर खुद खा लिया.. तो दूसरा पायल के मुँह में दे दिया।

पायल- छी: भाई आप कितने गंदे हो.. मेरी चूत का पानी मुझे चखा रहे हो।
पुनीत- अरे दिमाग़ से नहीं दिल से कर.. मज़ा आएगा.. आज का नाश्ता तू कभी नहीं भूलेगी.. बता कैसा है टेस्ट तेरी चूत के पानी का?
पायल- टेस्ट तो अच्छा है.. थोड़ा नमकीन थोड़ा खट्टा.. आपके पानी से कुछ अलग ही टेस्ट है।
पुनीत- हा हा हा आज तू बस नाश्ता करती जा.. तेरी चूत और मेरे लण्ड का माल आज नाश्ते को खास बना देंगे।
पायल- अच्छा ये बात है.. तो आप भी अपना रस चख के देखो.. मज़ा आता है या नहीं आपको?
पुनीत- हाँ मेरी जान.. मैं भी करूँगा.. पहले तेरी चूत का मज़ा तो ले लूँ.. उसके बाद तू मेरे लण्ड के साथ खेल लेना।

पुनीत कभी सेब तो कभी अंगूर पायल की चूत में डालता और उसके बस रस से सराबोर करके दोनों मज़े से उसको खा लेते.. आखिर में एक केला छील कर पायल की चूत में थोड़ा घुसा दिया और उसके बाद पायल और पुनीत ने उसको खा लिया।

अब पायल को भी इस खेल में मज़ा आने लगा था- आह्ह.. भाई.. सच्ची मज़ा आ रहा है ऐसा नाश्ता तो शायद ही किसी ने किया होगा।
पुनीत- अभी पूरा नाश्ता कहाँ हुआ है.. चल अब तू मेरा लौड़ा चूस इसमें से भी मलाई निकाल.. फिर उसको ब्रेड पर लगा के खाएँगे।
पायल- वाउ भाई.. मज़ा आएगा चीज़ के साथ लण्ड रस को मिलकर एक अलग ही टेस्ट आएगा।

पुनीत आराम से बैठ गया.. उसका लौड़ा लोहे जैसा सख़्त हो रहा था, पायल पेट के बल लेट गई और लौड़े को प्यार से चूसने लग गई।
पुनीत- आह्ह.. पायल चूस.. आह्ह.. चूस जल्दी से इसका रस निकाल दे.. आह्ह.. आज मैं भी तो देखूँ.. मेरे लौड़े का रस कैसा है आह्ह.. चूस जानेमन चूस..

पुनीत के लौड़े को अच्छी तरह चूसने के बाद पायल ने उसको हाथ से हिलाने लग गई, लौड़े पर पानी की कुछ बूंदें बाहर आ गईं..
पायल- भाई आपका रस आना शुरू हो गया है.. लो थोड़ा तो आपको टेस्ट करा देती हूँ।


इतना कहकर पायल ने अपनी जीभ की नोक से बूँद को उठाया और पुनीत के मुँह में अपनी जीभ घुसेड़ दी.. तो पुनीत झट से उसकी जीभ को चूसने लगा।
पुनीत- वाह्ह.. मेरी जान क्या आइडिया लगाया है तूने.. मेरे रस का टेस्ट मुझे चखाने का.. अब जल्दी कर असली माल निकाल.. जल्दी से.. ताकि नाश्ता पूरा हो जाए और हमें भी सुकून मिले..
पायल- भाई ऐसे तो वक्त लगेगा और मेरी चूत भी फड़फड़ा रही है.. आप ऐसा करो.. जल्दी से लौड़ा चूत में पेल दो ताकि मेरा पानी भी निकल आए और आपका भी निकलने के करीब आ जाए।

पुनीत- हाँ ये सही रहेगा चल तू जल्दी से घोड़ी बन जा.. ताकि मेरा पानी निकलने को हो तो जल्दी से सारा माल ट्रे में गिरा दूँ और हमारा प्लान कामयाब हो जाए।
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#88
11-05-2018, 06:16 PM (This post was last modified: 11-05-2018, 06:17 PM by honey boy.)
अपडेट  ७३

अब तक आपने पढ़ा..

निधि- रात को इतना चोदा है.. फिर भी सुकून नहीं.. सुबह-सुबह भी खड़े हो गए चोदने को.. अब हटो भी.. बड़े जोरों की भूख लगी है.. नहा-धो कर बाहर चलते हैं।
चुदाई के बाद अर्जुन को भी भूख का अहसास हुआ.. तो उसने निधि की बात फ़ौरन मान ली और नहाने चला गया, निधि भी नहाने के लिए दूसरे बाथरूम में चली गई।
कुछ देर बाद वो दोनों हॉस्पिटल चले गए और वहाँ से पास के होटल में नाश्ता करने चले गए। भाभी तो पहले ही नाश्ता कर आई थीं.. तो दोनों को भेज दिया।

अब आगे..



उधर पुनीत की जब आँख खुली तो बहुत वक्त हो चुका था.. वो उठा और बाथरूम में चला गया.. सारे काम से निपट कर जब वो पायल के कमरे में गया.. तो पायल बेसुध सोई हुई थी, उसके जिस्म पर एक चादर थी.. बाकी अन्दर वो पूरी नंगी थी।
पुनीत- हैलो माय स्वीट सिस.. उठो कितना सोती हो तुम..!!

पुनीत बिस्तर पर बैठ गया और पायल के चेहरे को हाथ से थपथपाने लग गया.. जिससे उसकी नींद टूट गई।
पायल- उहह.. सोने दो ना भाई.. क्यों परेशान कर रहे हो?
पुनीत- अरे कितना सोओगी यार.. चलो उठो जल्दी से..
पायल- उहह भाई.. क्या है सुबह हो गई क्या.. या फिर आपको मस्ती करनी है.. जो मुझे सता रहे हो..
पुनीत- अरे तू सुबह की बात करती है, उठ कर वक्त देख, दोपहर होने को आई है।

पायल आँख को मलते हुए अंगड़ाई लेती हुई बैठ गई.. तो उसकी चादर अलग हो गई और उसके गोल चूचे पुनीत के सामने आ गए।
पुनीत- अरे मेरी प्यारी बहना ऐसे नंगी ही सो गई.. कोई और आ जाता तो तेरी क़ातिल जवानी देख कर तुझपे टूट पड़ता तो क्या करती?
पायल- किसकी इतनी हिम्मत है.. जो ऐसा करे.. वैसे भी आप ही बहुत हो मेरे मज़े लेने के लिए.. चलो हटो मुझे बाथरूम जाना है..
पुनीत- कसम से अभी क्या मस्त लग रही हो.. देखो लौड़ा पैन्ट फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो रहा है.. मन कर रहा है.. अभी तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसा दूँ।

पायल- बस करो.. रात को क्या कम चुदाई की आपने.. जो सुबह-सुबह शुरू हो गए? जाओ नीचे.. मैं रेडी होकर आती हूँ। अकेले नाश्ता मत करने बैठ जाना.. नहीं अच्छा नहीं होगा..
पुनीत- अरे मेरी जान.. ये कैसी बात कर रही हो.. तेरे बिना नाश्ता कैसे कर सकता हूँ। तू ऐसा कर.. जल्दी रेडी हो जा आज यहीं तुझे स्पेशल नाश्ता कराऊँगा मैं.. बस अभी लेकर आता हूँ.. ठीक है ना..
पायल- अच्छा.. ये स्पेशल नाश्ता क्या है.. मुझे भी देखना है.. जाओ मैं बस 20 मिनट में रेडी हो जाऊँगी।

पुनीत नीचे चला गया और काका को नाश्ता रेडी करने को बोल दिया।

उधर सन्नी ने पहले ही काका को फ़ोन पर बता दिया था कि आज जूस में गोली मत मिलाना.. अब उसकी कोई जरूरत नहीं है.. जो होना था हो गया।
पायल जब नहाकर बाहर आई तो उसने बस तौलिया लपेट रखा था, उसके बाल भीगे हुए थे.. जिनसे पानी टपक कर उसकी गर्दन पर आ रहा था, वो एक हुस्न की मलिका लग रही थी।

तभी पुनीत भी नाश्ता लेकर आ गया।
पायल- अरे इतनी जल्दी क्यों ले आए मुझे कपड़े तो पहनने देते।
पुनीत- नहीं, ये स्पेशल नाश्ता बिना कपड़ों के ही किया जाता है।
पायल- ओह्ह.. अच्छा ये बात है.. तो भाई आपने कपड़े क्यों पहन रखे हैं? आपको नाश्ता नहीं करना क्या?

पुनीत- अरे करना क्यों नहीं.. अब मैं भी तो नंगा होने वाला हूँ ना.. पहले दरवाजा तो बंद कर दूँ.. कहीं कोई आ गया तो सारा मामला बिगड़ जाएगा।
पायल- भाई आप सच में नंगे हो रहे हो? मैं समझी मुझसे मजाक कर रहे थे।
पुनीत- अरे मजाक क्यों.. सच में आज स्पेशल तरीके से नाश्ता करेंगे और घर में रॉनी भी नहीं है.. वो कहीं बाहर चला गया। अब किसी के आने का ख़तरा भी नहीं है।

इतना कहकर पुनीत अपने कपड़े निकालने लग गया.. उसको नंगा होता देख पायल ने भी तौलिया निकाल दिया और अपने बाल पोंछने लगी।

अब दोनों नंगे आमने-सामने बैठ गए बीच में नाश्ते की ट्रे रखी हुई थी जिसमें चीज़ ब्रेड और जूस.. कुछ फ्रूट्स थे.. जिसे पायल गौर से देख रही थी।
पायल- इसमें क्या स्पेशल है.. रोज तो यही होता है नाश्ते में?
पुनीत- मेरी भोली पायल नाश्ता वही है.. इसको स्पेशल मैं बनाऊँगा.. उसके बाद एक खास तरीके से खाएँगे.. तब अपने आप समझ जाओगी।
पायल- अच्छा ये बात है.. तो जल्दी करो.. क्या करोगे इस नाश्ते के साथ?

पुनीत अपने लौड़े को सहलाता हुआ मुस्कुराने लग गया।
पायल- भाई प्लीज़ अब चुदाई का मत कह देना.. रात को बहुत कर चुके आप.. अभी सोचना भी मत..
पुनीत- अरे तू इतना डरती क्यों है.. नहीं चोदूँगा.. बस ये तो नाश्ते की तैयारी कर रहा हूँ।
पायल- मैं कुछ समझी नहीं भाई.. आप कैसी तैयारी कर रहे हो?
पुनीत- अगर मुझ पर ट्रस्ट है.. तो तू बस चुपचाप मेरी बात मानती जा.. मज़ा ना आए तो कहना..

पायल- भाई मेरा सब कुछ आपको दे दिया.. अब आप ट्रस्ट की बात करते हो.. लो कर लो.. जो करना है.. मैं आपके सामने हाजिर हूँ।
पुनीत- ये हुई ना बात.. अब देख पहले तेरे साथ थोड़ी मस्ती करूँगा.. उसके बाद तुझे स्पेशल नाश्ता कराऊँगा.. तू भी क्या याद करेगी..
पायल- ठीक है भाई.. आ जाओ आपकी बहन आपके सामने नंगी बैठी है.. जो करना है कर लो..

पुनीत ने पायल को बिस्तर पर लेटा दिया और उसको किस करने लग गया, पायल भी उसका साथ देने लगी.. कुछ देर बाद पुनीत उसके मम्मों को चूसने लग गया तो पायल सिसकारियाँ लेने लग गई।

पायल- आह्ह.. उफ़फ्फ़.. भाई सस्स.. रात को मन पूरा नहीं भरा क्या.. जो सुबह सुबह शुरू हो गए.. आह्ह.. नाश्ता तो करने देते.. पहले ही शुरू हो गए.. आह्ह.. उफ़फ्फ़.. आह.. काटो मत ना..

पुनीत पर कोई असर नहीं हुआ वो बस अपनी मस्ती में लगा रहा। पुनीत धीरे-धीरे पायल को गर्म करता रहा और उसके मम्मों से सीधा उसकी चूत पर पहुँच गया.. जो अब टपकना शुरू हो गई थी, उस में से चूतरस बाहर आने लगा था।
पायल- आह्ह.. भाई.. मेरी चूत में बड़ी हलचल हो रही है.. आह्ह.. प्लीज़ चाट लो ना.. आह्ह.. ससस्स प्लीज़..

पुनीत चूत के आस-पास उंगली फिराता हुआ हँसकर बोला- मेरी जान.. तुम क्या समझी मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ और वो स्पेशल नाश्ता.. बस एक बहाना था।
पायल- आह्ह.. अब जो भी हो.. आपने मेरे अन्दर आग लगा दी है.. अब चोद ही दो तो अच्छा रहेगा।
पुनीत- ना मेरी जान.. ये सब तो नाश्ते को स्पेशल बनाने के लिए किया मैंने.. अब देखो आज तक तुम्हारी चूत का रस मैंने ही पिया है.. उसका टेस्ट आज मैं तुम्हें भी कराऊँगा.. इस अंगूर के साथ हा हा हा हा..

इतना कहकर पुनीत ने ट्रे से कुछ अंगूर उठा लिए और पायल की चूत पर उनको रगड़ने लगा.. चूत का रस अंगूरों पर लग गया.. तब पुनीत ने एक अंगूर खुद खा लिया.. तो दूसरा पायल के मुँह में दे दिया।

पायल- छी: भाई आप कितने गंदे हो.. मेरी चूत का पानी मुझे चखा रहे हो।
पुनीत- अरे दिमाग़ से नहीं दिल से कर.. मज़ा आएगा.. आज का नाश्ता तू कभी नहीं भूलेगी.. बता कैसा है टेस्ट तेरी चूत के पानी का?
पायल- टेस्ट तो अच्छा है.. थोड़ा नमकीन थोड़ा खट्टा.. आपके पानी से कुछ अलग ही टेस्ट है।
पुनीत- हा हा हा आज तू बस नाश्ता करती जा.. तेरी चूत और मेरे लण्ड का माल आज नाश्ते को खास बना देंगे।
पायल- अच्छा ये बात है.. तो आप भी अपना रस चख के देखो.. मज़ा आता है या नहीं आपको?
पुनीत- हाँ मेरी जान.. मैं भी करूँगा.. पहले तेरी चूत का मज़ा तो ले लूँ.. उसके बाद तू मेरे लण्ड के साथ खेल लेना।

पुनीत कभी सेब तो कभी अंगूर पायल की चूत में डालता और उसके बस रस से सराबोर करके दोनों मज़े से उसको खा लेते.. आखिर में एक केला छील कर पायल की चूत में थोड़ा घुसा दिया और उसके बाद पायल और पुनीत ने उसको खा लिया।

अब पायल को भी इस खेल में मज़ा आने लगा था- आह्ह.. भाई.. सच्ची मज़ा आ रहा है ऐसा नाश्ता तो शायद ही किसी ने किया होगा।
पुनीत- अभी पूरा नाश्ता कहाँ हुआ है.. चल अब तू मेरा लौड़ा चूस इसमें से भी मलाई निकाल.. फिर उसको ब्रेड पर लगा के खाएँगे।
पायल- वाउ भाई.. मज़ा आएगा चीज़ के साथ लण्ड रस को मिलकर एक अलग ही टेस्ट आएगा।

पुनीत आराम से बैठ गया.. उसका लौड़ा लोहे जैसा सख़्त हो रहा था, पायल पेट के बल लेट गई और लौड़े को प्यार से चूसने लग गई।
पुनीत- आह्ह.. पायल चूस.. आह्ह.. चूस जल्दी से इसका रस निकाल दे.. आह्ह.. आज मैं भी तो देखूँ.. मेरे लौड़े का रस कैसा है आह्ह.. चूस जानेमन चूस..

पुनीत के लौड़े को अच्छी तरह चूसने के बाद पायल ने उसको हाथ से हिलाने लग गई, लौड़े पर पानी की कुछ बूंदें बाहर आ गईं..
पायल- भाई आपका रस आना शुरू हो गया है.. लो थोड़ा तो आपको टेस्ट करा देती हूँ।


इतना कहकर पायल ने अपनी जीभ की नोक से बूँद को उठाया और पुनीत के मुँह में अपनी जीभ घुसेड़ दी.. तो पुनीत झट से उसकी जीभ को चूसने लगा।
पुनीत- वाह्ह.. मेरी जान क्या आइडिया लगाया है तूने.. मेरे रस का टेस्ट मुझे चखाने का.. अब जल्दी कर असली माल निकाल.. जल्दी से.. ताकि नाश्ता पूरा हो जाए और हमें भी सुकून मिले..
पायल- भाई ऐसे तो वक्त लगेगा और मेरी चूत भी फड़फड़ा रही है.. आप ऐसा करो.. जल्दी से लौड़ा चूत में पेल दो ताकि मेरा पानी भी निकल आए और आपका भी निकलने के करीब आ जाए।

पुनीत- हाँ ये सही रहेगा चल तू जल्दी से घोड़ी बन जा.. ताकि मेरा पानी निकलने को हो तो जल्दी से सारा माल ट्रे में गिरा दूँ और हमारा प्लान कामयाब हो जाए।
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12-05-2018, 12:21 AM
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अब तक आपने पढ़ा..

पुनीत- वाह्ह.. मेरी जान क्या आइडिया लगाया है तूने.. मेरे रस का टेस्ट मुझे चखाने का.. अब जल्दी कर असली माल निकाल.. जल्दी से.. ताकि नाश्ता पूरा हो जाए और हमें भी सुकून मिले..
पायल- भाई ऐसे तो वक्त लगेगा और मेरी चूत भी फड़फड़ा रही है.. आप ऐसा करो.. जल्दी से लौड़ा चूत में पेल दो ताकि मेरा पानी भी निकल आए और आपका भी निकलने के करीब आ जाए।
पुनीत- हाँ यही सही रहेगा, चल तू जल्दी से घोड़ी बन जा.. ताकि मेरा पानी निकलने को हो तो जल्दी से सारा माल ट्रे में गिरा दूँ और हमारा प्लान कामयाब हो जाए।

अब आगे..



पायल पैर फैला कर घोड़ी बन गई और पुनीत ने अपना लौड़ा उसकी चूत में घुसा दिया और स्पीड से उसको चोदने लगा।
पायल- आह्ह.. आइ.. फक मी ब्रो.. आह्ह.. फास्ट उई.. मज़ा आ रहा है आह्ह..
पुनीत- ले मेरी जान आह्ह.. ले.. आज तेरी चूत और मेरे लौड़े का रस मिलकर आह्ह.. तुझे आउहह.. स्पेशल नास्ता आ कराऊँगा आह्ह.. ले ले..

पायल के कूल्हे पकड़ कर पुनीत स्पीड से उसको चोदने लग गया.. दस मिनट बाद पायल झड़ने को रेडी हो गई।
पायल- आ आह्ह.. भाई और तेज.. आह्ह.. मैं गई… आह्ह..
पुनीत ने लौड़ा चूत से बाहर निकाल लिया और पायल की चूत को फैला कर उसके दाने को उंगली से हिलाने लगा।
पायल- आ आह्ह.. गई आ गई आह्ह..

पुनीत ने दूसरे हाथ में एक चम्मच ले ली और जैसे ही पायल का चूतरस बाहर आया.. पुनीत ने चम्मच से सारा रस ट्रे में निकाल लिया.. उसके बाद दोबारा लौड़ा चूत में घुसा कर स्पीड से चोदने लगा। थोड़ी ही देर में उसके लौड़े की नसें फूल गईं.. तो झट से लौड़ा बाहर निकाला और सारा वीर्य ट्रे में गिरा दिया।

पुनीत- आह्ह.. आह.. उफ़फ्फ़.. मज़ा आ गया.. पायल देख.. कितना रस जमा हो गया है.. आआह्ह..
पायल- भाई अब जल्दी से ब्रेड पर मस्का और रस लगाओ ताकि नास्ता पूरा हो जाए हमारा..

पुनीत ने उंगली से दोनों रस को मिलाया और उसके बाद ब्रेड पर लगा कर साथ में मस्का लगा लिया.. दोनों मज़े से खाने लगे। उसके बाद पुनीत ने जूस का गिलास उठाया उसमे लौड़ा डुबो कर पायल को दे दिया।

पायल- भाई बहुत अजीब सा टेस्ट आ रहा है और ये लौड़ा गिलास में क्यों डाला आपने?
पुनीत- अरे कुछ बूंदें बाकी थीं.. तो तेरे जूस में मिला दिया मैंने।
पायल झट से पूरा जूस पी गई।

पायल- भाई सच ही कहा है किसी ने.. दूसरों की नज़र में ये कितना गंदा होगा ना.. मगर सेक्स एक ऐसी हवस है जिसमें जितना गंदा तरीका अपनाओ उतना ही मज़ा आता है।
पुनीत- ओए होए.. मेरी बहना तो बहुत बड़ी-बड़ी बातें करने लगी है.. चल अब रेडी हो ज़ा.. रात की पार्टी के लिए मुझे कुछ शॉपिंग करनी है.. तू भी कुछ ले लेना अपने लिए।
पायल- ठीक है भाई.. आप ये ट्रे ले जाओ.. मैं रेडी होकर आती हूँ।

पुनीत ने कपड़े पहने और वहाँ से निकल गया। उसके कुछ देर बाद पायल भी नीचे आ गई। उसने रेड कॉटन पैन्ट और वाइट शर्ट पहना हुआ था। उसका फिगर पैन्ट में बहुत सेक्सी दिख रहा था। पुनीत भी उसको देख कर मन ही मन सोचने लगा कि पायल को देख कर पता नहीं रास्ते में कितने लौड़े खड़े होंगे।

दोनों घर से कार में निकल गए और एक मॉल में जाकर शॉपिंग करने लगे।
दोस्तो, इनको शॉपिंग करने दो.. तब तक हम थोड़ा पीछे चलते हैं।

अर्जुन और निधि नाश्ता करके आ रहे थे.. तभी सन्नी और बिहारी उसको सामने से आते दिखाई दिए तो अर्जुन ने निधि को हॉस्पिटल भेज दिया और खुद वहीं रुक गया।
जब निधि जा रही थी बिहारी बड़े गौर से उसकी गाण्ड को घूर रहा था।

बिहारी- क्या मस्त गाण्ड है ससुर की नाती की.. तुमने तो मज़ा ले लिया.. आज मैं इसका रसपान करूँगा।
सन्नी- ज़्यादा स्मार्ट ना बनो.. अपनी शक्ल देख.. और उसकी देख.. चुप रहो.. अर्जुन भी सामने खड़ा है।
अर्जुन- अरे क्या बात है बिहारी जी.. आप और सन्नी सुबह-सुबह कैसे?
सन्नी- अरे वो कल जो सामान रखा था ना.. वो लेने आए हैं। तुम ऐसा करो बिहारी के साथ जाओ वो सामान निकालने में मदद करो.. तब तक मैं चाय पीकर आता हूँ।

अर्जुन और बिहारी फ्लैट में चले गए वहाँ 2 लड़के पहले से खड़े थे। अर्जुन ने उनकी मदद की और नीचे गाड़ी में सारे बॉक्स रखवा दिए.. तभी सन्नी भी वहाँ आ गया।
सन्नी- गुड.. सब अच्छे से हो गया ना.. अब बिहारी तुम्हें पता है ना.. ये सब कहाँ पहुँचना है?
बिहारी- हमका बताने की जरूरत नाहीं.. हम अभी सारा काम निपटा कर आ जाऊँगा।
सन्नी- ओके.. तुम जाओ.. मुझे रात की पार्टी के लिए कुछ शॉपिंग करनी है, मैं अब सीधा मॉल जाऊँगा।

बिहारी वहाँ से निकल गया और अर्जुन वहीं खड़ा सन्नी को देखने लगा। उसको लगा शायद सन्नी उसको कुछ कहना चाहता है।

सन्नी- अरे अर्जुन एक काम करो.. तुम मेरे साथ मॉल चलो.. रास्ते में तुम्हें सब बता देता हूँ कि कैसे उस कुत्ते को फँसाना है.. और तुम्हें भी फार्म हाउस पर लाना है।

अर्जुन तो जैसे हुकुम का गुलाम था.. हाँ में सिर हिला कर फ़ौरन गाड़ी में बैठ गया और दोनों वहाँ से मॉल की तरफ़ जाने लगे। रास्ते में सन्नी ने आगे का प्लान अर्जुन को बताया तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई।
सन्नी- तू अच्छी तरह समझ गया ना.. कब क्या करना है?
अर्जुन- अरे आप चिंता ना करो.. प्लान बनाने में तो हम भी किसी से कम नहीं.. बहुत सी लौंडियाँ फसाईं हैं मैंने.. तो ये साला पुनीत क्या है..

सन्नी- वैसे यार तूने गाँव में मज़े तो खूब लिए होंगे.. तेरा हथियार भी बहुत भारी है.. ये निधि कैसे सह गई?
अर्जुन- अरे ये हथियार की वजह से ही लौंडियाँ मिलती हैं.. ये भाभी है ना.. इसने निधि को मुझे तोहफे में दिया है.. पहली बार में साली बेहोश ही हो गई थी.. मैं जब शुरू होता हूँ ना.. अच्छी अच्छी रंडियां भी तौबा करती हैं।

अर्जुन की बात सुनकर सन्नी सोच में पड़ गया कि ये आख़िर क्या बला है।

सन्नी- अच्छा इतना पॉवर है तेरे में.. उस पायल को ऐसे चोदना कि साली तड़पे.. चिल्लाए.. कर पाओगे ऐसा?
अर्जुन- अरे जब भाभी जैसी बड़ी औरत मेरे लौड़े को नहीं सह पाती.. तो वो कली क्या चीज है.. बस एक बार मिल तो जाए मुझे.. आप खुद देख लेना उसका क्या हाल करता हूँ मैं..

दोनों बातें करते हुए मॉल पहुँच गए और सन्नी ने अर्जुन से कहा- अब चुप हो जाओ.. बाकी बातें शॉपिंग के बाद करेंगे।
जैसे ही दोनों अन्दर गए अर्जुन की नज़र पायल पर गई उसकी क़ातिल जवानी देख कर अर्जुन का लौड़ा एकदम से तन कर खड़ा हो गया और उसके मुँह से आह निकल गई।

सन्नी- क्या हुआ तुम्हें?
अर्जुन- अब क्या बताऊँ यार.. वो सामने देख ऐसी हसीन लड़की मैंने जिंदगी में पहली बार देखी है.. मेरा लौड़ा एक झटके से खड़ा हो गया.. काश एक बार ये मिल जाए.. तो सारी जिंदगी इसकी गुलामी कर लूँ।
सन्नी को पायल की पीठ ही दिखाई दी तो वो उसको पहचान नहीं पाया।

सन्नी- अरे अर्जुन आसामान से वापस ज़मीन पर आ जा मेरे दोस्त.. ये बड़े घर की लड़की है.. ये तेरे हाथ आने से रही.. इसको याद करके निधि को चोद लेना तू.. वैसे मानना पड़ेगा पक्का चोदू है तू.. क्या पटाखा आइटम पर नज़र डाली है.. साली का फिगर बहुत क़ातिल है।

सन्नी आगे कुछ और बोलता तब तक पायल इधर घूम गई थी और उसके साइड में पुनीत भी था। उनको देख कर सन्नी ने जल्दी से अर्जुन का हाथ पकड़ा और बाहर की तरफ़ लगभग भागता हुआ ले गया।
अर्जुन- अरे क्या हुआ ऐसे बाहर क्यों ले आए.. उसको ठीक से देख तो लेने देते यार.. मज़ा आ रहा था..
सन्नी- तू देखने की बात करता है.. बहुत जल्द वो तेरे नीचे होगी।
अर्जुन- क्यों मजाक कर रहे हो यार.. अभी तो कहा था वो बड़े घर की लड़की है.. उसका ख्याल दिल से निकाल दो।

सन्नी- हाँ कहा था.. क्योंकि तब मैंने उसको ठीक से देखा नहीं था.. मगर अब अच्छी तरह से देख लिया है। तुझे शायद पता नहीं यही है वो रंडी पायल जिसको तुम्हें तड़पाना है.. समझे? मेरे दोस्त लगता है तूने सच्चे दिल से उसकी चाहत की थी.. तभी ऊपर वाले ने तेरी फ़ौरन सुन ली और ये लड़की पायल निकली।

अर्जुन- भगवान की सौगंध सन्नी, इसको देख कर ही मेरा लौड़ा बेकाबू हो गया.. जिस दिन ये मेरे नीचे आएगी ना.. तुम देख लेना साली को इतना चोदूँगा.. इतना चोदूँगा कि जिंदगी भर मुझे याद करेगी.. मेरा पॉवर इतना है कि कई-कई घंटे भर तक मैं लगातार चोद सकता हूँ और उसके बाद दोबारा भी जल्दी तैयार हो जाता हूँ.. फिर वही एक घंटा निकाल सकता हूँ.. बस एक बार ये मिल जाए आ आह..

सन्नी- अरे बस-बस सबर कर.. तू तो अभी से ऐसे कर रहा है.. अभी उसको चोदने में वक्त है।
अर्जुन- अरे क्या करूँ.. उसकी गाण्ड देख कर मेरा लौड़ा काबू में ही नहीं आ रहा.. अब तो जब तक इसको ठंडा ना कर लूँ.. मुझे सुकून नहीं आएगा।
सन्नी- कितने दिन हो गए इसको ठंडा किए हुए जो ये ऐसे फड़फड़ा रहा है।

अर्जुन- हा हा हा तुम भी ना दिन की बात करते हो.. रात को ही निधि को इतना चोदा है कि क्या बताऊँ.. मैं पूरी रात साली की चुदाई कर रहा था।
सन्नी- ओह्ह.. रियली यार तू इंसान है या जानवर.. बेचारी का पता नहीं क्या हाल किया होगा.. अब तो तेरा जोश और पॉवर देखना ही पड़ेगा। चल शॉपिंग बाद में करेंगे, पहले तुझे ठंडा करवा के लाता हूँ।

सन्नी ने गाड़ी स्टार्ट की और अर्जुन को लेकर चल पड़ा।

सन्नी- कभी विदेशी माल भी खाया है क्या तूने?
अर्जुन- अरे मैं ठहरा गाँव का छोरा.. मुझे तो आज तक देसी ही मिली है.. अपने नसीब में कहाँ विदेशी माल लिखा हुआ है।
सन्नी- ऐसी बात है तो चल आज तुझे अँग्रेज़ी मेम की चूत दिलवाता हूँ.. तू भी क्या याद करेगा.. बस पायल का नाम लेकर उसकी जम के चुदाई कर लेना। मैं भी तो देखूँ कि तुझमें कितना पॉवर है।

अर्जुन- ऐसी बात है तो जल्दी चलो विदेशी मेम का नाम सुनकर लौड़ा और भी जोश में आ गया है। आज तो गोरी-गोरी चूत चाटने को मिलेगी.. आह्ह.. मज़ा आ जाएगा।
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12-05-2018, 02:50 PM (This post was last modified: 12-06-2018, 09:09 PM by honey boy.)
अपडेट  ७५

सन्नी ने गाड़ी स्टार्ट की और अर्जुन को लेकर चल पड़ा।
सन्नी- कभी विदेशी माल भी खाया है क्या तूने?
अर्जुन- अरे मैं ठहरा गाँव का छोरा.. मुझे तो आज तक देसी ही मिली है.. अपने नसीब में कहाँ विदेशी माल लिखा हुआ है।

सन्नी- ऐसी बात है तो चल आज तुझे अँग्रेज़ी मेम की चूत दिलवाता हूँ.. तू भी क्या याद करेगा.. बस पायल का नाम लेकर उसकी जम के चुदाई कर लेना। मैं भी तो देखूँ कि तुझमें कितना पॉवर है।
अर्जुन- ऐसी बात है तो जल्दी चलो विदेशी मेम का नाम सुनकर लौड़ा और भी जोश में आ गया है। आज तो गोरी-गोरी चूत चाटने को मिलेगी.. आह्ह.. मज़ा आ जाएगा।

अब आगे..



थोड़ी देर बाद सन्नी ने गाड़ी एक बड़े से घर के सामने रोक दी और अर्जुन से कहा- तुम यहीं इन्तजार करो, मैं बस 5 मिनट में आता हूँ।
अर्जुन- जाओ दोस्त, मगर जल्दी आना, लौड़ा बहुत टाइट हो रहा है.. अब जल्दी से इसको चूत के दीदार करवा दो।
सन्नी हँसता हुआ उस घर के पास गया और घन्टी बजाने लगा।

थोड़ी देर बाद नौकर ने दरवाजा खोला.. तो सन्नी अन्दर चला गया।
सन्नी जब अन्दर गया.. तो सीढ़ियों से एक अंग्रेज लड़की.. जिसकी उम्र लगभग 25 साल की रही होगी.. अच्छी हाईट और फिगर 36-28-36 का था.. दिखने में बला की खूबसूरत थी।
उसने टाइट टी-शर्ट और लोवर पहना हुआ था.. जिसमें से उसका पूरा फिगर साफ-साफ दिखाई दे रहा था.. उसका नाम एनी था।

आपको एक बात बता दूँ.. एनी एक हाइ प्रोफाइल कॉलगर्ल है.. जो बड़े-बड़े लोगों के साथ सोती है। सन्नी ने ही इसकी सारी सैटिंग करवाई है.. वो खुद भी कई बार इसको चोद चुका है।

एनी- हाय सन्नी.. हाउ आर यू?
सन्नी- एम फाइन.. टुडे यू लुकिंग वेरी हॉट बेबी..

दोस्तो, आगे की इनकी बात में हिन्दी में लिखूँगी.. ताकि अच्छे से सब समझ में आ जाए और कहानी का मज़ा भी वैसे का वैसा ही बना रहे।
वैसे तो एनी को थोड़ी बहुत हिन्दी आती है.. मगर वो हिन्दी में काम से काम ही बात करती है.. हाँ कभी ऐसा आदमी मिल जाए.. जिसको इंग्लिश नहीं आती.. उसके साथ एनी हिन्दी में बात कर लेती है।

एनी- हॉट तो में हूँ ही.. कुछ और बोलो डार्लिंग..
सन्नी- ये सब बातें जाने दे.. तूने एक बार कहा था ना.. यहाँ के मर्दों में पावर कम होता है.. आज तेरे लिए ऐसा मर्द लाया हूँ.. तू भी मुझे क्या याद करेगी।
एनी- ओह्ह रियली.. कहाँ है वो असली मर्द.. ज़रा मैं भी तो देखूँ।

सन्नी ने नौकर से कहा- बाहर जो गाड़ी में आदमी है.. उसको अन्दर बुला कर ले आओ।

नौकर बाहर गया और अर्जुन को लेकर अन्दर आ गया।
उसको देख कर एनी के होंठों पर हल्की सी मुस्कान आ गई।

अर्जुन की निगाह जब एनी पर गई.. तो उसकी तो हालत ही पतली हो गई.. इतनी गोरी और मस्त फिगर वाली लड़की उसने जिंदगी में देखी नहीं थी और ये आज उसको चोदने को मिल रही है, यही सोच कर उसका लौड़ा पैन्ट में झटके खाने लगा था.. वो बस एनी को देखे जा रहा था।

एनी ने एक हाथ से अपने दूध सहलाते हुए सन्नी को आँख से इशारा किया कि उसके पीछे ऊपर आए.. तो सन्नी भी फ़ौरन उसके पीछे एक कमरे में चला गया।

एनी- सन्नी तुम इसको लेकर आए हो.. ये मेरे सामने क्या टिक पाएगा.. इसका पानी तो मैं लण्ड चूस कर ही निकाल दूँगी और इसको देख कर लगता है इसका लण्ड भी छोटा सा होगा।
सन्नी- मेरी जान लड़के को देख कर अंदाज़ा मत लगाओ.. ये वो बला है जो तुम सोच भी नहीं सकती।
एनी- अच्छा ऐसी बात है.. तो बुलाओ उसको.. और तुम भी यही रहना.. कहीं ऐसा ना हो वो आधे रास्ते में ही दम तोड़ दे.. तब तुम मुझे मंज़िल तक लेकर जाओगे.. ओके..

सन्नी- ओके बेबी डन.. अगर उसने तुम्हें अधूरा रखा तो मेरा लौड़ा तैयार है.. मैं तुम्हें ठंडा कर दूँगा.. मगर ऐसी नौबत शायद ही आएगी। मुझे अर्जुन पर पूरा विश्वास है.. वो तुम्हें पूरा मज़ा देगा।
एनी- ओके.. अगर इतना ही उस पर भरोसा है.. तो उसको यहाँ बुला लो।

सन्नी ने अर्जुन को आवाज़ दी कि ऊपर आ जाओ.. तो वो फ़ौरन ऊपर चला आया।

सन्नी- मेरे दोस्त इज़्ज़त का सवाल है.. ये फिरंगिन बोलती है.. इस पप्लू को तो मुँह से ही ठंडा कर दूँगी.. ये कहाँ मुझे ठंडा कर पाएगा।
अर्जुन- अच्छा ऐसी बात है.. तो आज इस साली फिरंगिन की चाल ना बदल दूँ तो मेरा नाम बदल देना।
सन्नी ने एनी को कहा- मैं थोड़ा बाथरूम जाकर आता हूँ.. तब तक तुम दोनों मूड बनाओ।

सन्नी के जाने के बाद एनी ने अर्जुन से ‘हाय हैलो’ किया और उसके पास जाकर उससे हाथ मिलाने लगी.. तो अर्जुन ने उसके हाथ को कस कर दबा दिया।

एनी- ऑउच.. वॉट आर यू डूयिंग?
अर्जुन- ये अँग्रेज़ी तेरे पास ही रख.. मैं देसी छोरा हूँ.. हिन्दी में बोल जो कहना है..
एनी- ओह्ह.. तुमको इंग्लिश नहीं आता है क्या.. ऐसे कोई हाथ पकड़ता है क्या.. मुझको दर्द हो गया।
अर्जुन- दर्द अभी कहाँ हुआ है.. थोड़ी देर रूको उसके बाद होगा..

एनी- ओह्ह.. तुमको क्या लगता है.. मैं कोई कुँवारी लड़की हूँ.. जिसको तुम दर्द से डराता है.. मैंने तुम्हारा जैसा बहुत लड़का लोग को केवल 5 मिनट में ठंडा करके यहाँ से वापस भेज दिया है..
अर्जुन ने एनी को बाँहों में लेते हुए कहा- वो कोई कच्चे लौंडे होंगे.. तेरा पाला आज असली मर्द से पड़ा है।

उसके बाद वो एनी की गर्दन पर किस करने लगा.. उसके मम्मों को हाथों से मसलने लगा।
एनी भी अब समझ गई थी कि बातों से कुछ पता नहीं लगेगा.. तो वो भी अर्जुन का साथ देने लगी और एक जबरदस्त चुम्बन का दौर शुरू हो गया।

बहुत देर तक चुम्बन करने के बाद अर्जुन ने एनी को बिस्तर पर गिरा दिया और उसके कपड़े निकाल दिए। एनी भी जल्द से जल्द नंगी हो जाना चाहती थी ताकि उसके जिस्म को देख कर अर्जुन अपना कंट्रोल खो दे और वो उसको पागल बना कर उसका पानी निकाल दे.. मगर उसकी सोच कहाँ तक पूरी होगी ये तो उसको बाद में पता लगेगा।

सन्नी बाथरूम से वापस आ गया था और एक कोने में कुर्सी डालकर वो दोनों के इस खेल को देखने लग गया।

एनी के जिस्म पर अब एक भी कपड़ा नहीं था। उसका बेदाग गोरा बदन देख कर अर्जुन सच में पागल हो गया। वो बड़े-बड़े खरबूजे जैसे उसके चूचे मक्खन जैसी चिकनी एकदम बड़ा पॉव जैसी फूली हुई चूत देख कर अर्जुन बस पागलों की तरह कभी उसके चूचे चूसता.. तो कभी उसके मखमली होंठों का रस पीता।

एनी भी उसका पूरा साथ दे रही थी।

अर्जुन अब एनी की नाभि पर जीभ घुमाता हुआ उसकी चूत को चाटने लग गया.. तो एनी ने उसको वहाँ से हटा दिया और जल्दी से बैठ गई।
एनी- तुम सारा काम कपड़ों के साथ ही करोगे क्या? तुम्हारा लण्ड कैसा है.. वो भी तो मेरे को दिखाओ..

अर्जुन का लौड़ा तो पहले ही बाहर आने को बेताब था.. एनी के कहते ही अर्जुन ने शर्ट को उतार फेंका और बिस्तर पर खड़ा हो गया।
अर्जुन- लो मेरी जान.. अपने हाथों से ही मेरे लौड़े को आज़ाद करो.. और देख लो कैसा है।

एनी घुटनों के बल बैठ गई और उसने अर्जुन की पैन्ट निकाल दी। अंडरवियर के अन्दर से लौड़े की झलक देख कर एनी समझ गई कि अन्दर जरूर कोई भारी सामान निकलेगा.. तो उसने एक पल की भी देरी ना करते हुए झट से लौड़े को आज़ाद कर दिया।
अर्जुन का लौड़ा फनफनाता हुआ एनी के मुँह के सामने आ गया।

एनी- ओह्ह वाउ.. सो बिग.. मज़ा आ जाएगा.. इतना बड़ा और मोटा लण्ड होगा मैंने सोचा नहीं था.. आह्ह.. इसको तो चूस कर इसका सारा जूस पी जाऊँगी।


अर्जुन के लौड़े को देख कर सन्नी भी हैरान हो गया.. उसके दिमाग़ में बस यही ख्याल आया कि पहली बार निधि ने इसको लिया कैसे होगा।

अर्जुन- पी मेरी रानी.. तुझे किसने रोका है शुरुआत.. तेरे मुँह से ही करूँगा.. उसके बाद तेरी चूत को ठंडा करेगा।

एनी अपनी जीभ अर्जुन के लौड़े के सुपारे पर फिराने लगी.. वो तो इस काम में एक्सपर्ट थी.. धीरे-धीरे वो लौड़े को चूसने लगी, एक हाथ से अर्जुन की गोटियों से खेलने लगी.. और धीरे-धीरे करके उसने पूरा लौड़ा मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह लौड़े को चूसने लगी।

अर्जुन- आह्ह.. चूस.. मेरी फिरंगिन जान.. आह्ह.. तेरे होंठ इतना मज़ा दे रहे हैं तो चूत को चोदने में कितना मज़ा आएगा.. आह्ह.. चूस रानी..
एनी बहुत होशियारी कर रही थी.. उसने लौड़े को होंठों में कस कर दबा लिया और अर्जुन को इशारे से मुँह चोदने को कहा।

अर्जुन भी कहाँ पीछे रहने वाला था.. वो एनी का सर पकड़ कर ‘दे दनादन’ शॉट लगाने लग गया। करीब दस मिनट तक वो एनी का मुँह चोदता रहा।

एनी का मुँह लौड़ा चूसते हुए दुखने लग गया.. तो उसने लौड़ा मुँह से निकाल दिया और लंबी सांस लेने लग गई।

अर्जुन- अबे यार.. निकाल क्यों दिया.. मज़ा आ रहा था.. चल वापस ले.. चूस..
एनी- वेट.. तुम सच में बहुत पावर वाले हो.. कोई दूसरा होता तो इतनी देर में कब का पानी निकल जाता।
अर्जुन- अभी तूने पावर देखा कहाँ है.. चल लेट जा.. तेरी चूत को चाट कर तुझे मज़ा देता हूँ।

एनी ने अपनी दूसरी चाल चली.. उसने चूत चटवाने से मना कर दिया।
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