• HOME
  • AWARDS
  • Search
  • Help
Current time: 29-07-2018, 11:50 PM
Hello There, Guest! ( Login — Register )
› XXX STORIES › Hindi Sex Stories v
« Previous 1 2 3 4 5 6 7 8 61 Next »

Incest चुत एक पहेली (Completed)

Verify your Membership Click Here

Pages ( 12 ): « Previous 1 ..... 5 6 7 8 9 10 11 12 Next »
Jump to page 
Thread Modes
Incest चुत एक पहेली (Completed)
honey boy Offline
Verified Member Male
****
Verified MemberBest Avatar
Joined: 09 Apr 2016
Reputation: 52


Posts: 13,080
Threads: 151

Likes Got: 6,385
Likes Given: 1,867


db Rs: Rs 240.75
#71
25-04-2018, 12:36 AM
अपडेट  ५८

अब तक आपने पढ़ा..

अनुराधा- अच्छा अच्छा.. जाने दो.. आज मैं अपनी सहेली के यहाँ जा रही हूँ। वहाँ उन्होंने हवन रखवाया है.. तो रात को देर तक चलेगा। अभी मैं निकल जाऊँगी.. तो कल सुबह ही वापस आऊँगी। तब तक गुड्डी का ख्याल रखना और हाँ.. ऐसा कोई काम ना करना.. जिससे तुम्हारे बड़े पापा नाराज़ हो जाएँ.. बाहर जाना मगर ‘रात’ को जल्दी आ जाना.. समझ गए..

अनुराधा ने ‘रात’ पर कुछ ज़्यादा ज़ोर देकर कहा था.. क्योंकि वो जानती थी अक्सर ये रात को देर से आते हैं और आज घर में कोई नहीं रहेगा.. तो इनको घूमने का मौका मिल जाएगा.. इसलिए उसने ‘रात’ पर इतना ज़ोर दिया।

अब आगे..



रॉनी- अरे आप बेफिक्र रहो.. हम बाहर जाएँगे ही नहीं.. तो ऐसा कुछ होगा भी नहीं.. वैसे पुनीत और गुड्डी कहाँ हैं। अब तक उठे नहीं क्या?
अनुराधा- अरे कहाँ उठे हैं.. गुड्डी के कमरे का एसी कल वो ले गया था.. वापस लाया नहीं.. तो बेचारी को पुनीत के कमरे में सोना पड़ा। अब देखो कितना वक्त हो गया.. दोनों घोड़े बेच कर सोए हुए हैं।
रॉनी- आपने जगाया नहीं क्या उनको?
अनुराधा- अब जा ही रही थी कि तुम आ गए और मैं तुमसे बातें करने यहाँ रुक गई।
रॉनी- अच्छा मैं उठा देता हूँ.. आप रहने दो।
अनुराधा- हाँ.. ये सही रहेगा। तब तक मैं दूसरे काम देख लेती हूँ।

रॉनी सीधा ऊपर गया और कमरे पर ज़ोर से दो बार नॉक की।

अन्दर का नजारा तो आपको पता ही है, दोनों रात को लंबी चुदाई करके नंगे ही चिपक कर सो गए थे। रॉनी के दरवाजा पीटने से पायल की आँख खुल गई..
उस वक़्त पुनीत लगभग पूरा उसके चिपका हुआ था, उसका हाथ पायल के मम्मों पर और टाँगें उसकी जाँघों से लिपटी हुई थीं।


पायल- भाई.. भाई.. उठो.. सुबह हो गई देखो बाहर रॉनी आवाज़ दे रहा है।
पुनीत- उनहह.. सोने दो ना यार.. कितनी अच्छी नींद आ रही है.. जाओ तुम जाकर दरवाजा खोल दो..
पायल- ओ भाई.. हम किस हालत में हैं ये तो देखो पहले..

पायल की बात सुनकर पुनीत को जैसे झटका सा लगा.. वो फ़ौरन उठ बैठा- ओह्ह शिट.. हम ऐसे ही सो गए.. त..त..तुम ऐसा करो.. ये चादर अपने ऊपर डाल कर सो जाओ.. मैं रॉनी को देखता हूँ.. ओके..!
पायल- ओके.. मगर आप कपड़े पहन कर जाना.. कहीं ऐसे ही दरवाजा मत खोल देना।

पुनीत थोड़ा अजीब सी नजरों से पायल को देखता है। फिर जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगता है। साथ ही साथ वो रॉनी को आवाज़ भी देता हैं दो मिनट सबर तो कर.. सारी नींद खराब कर दी.. आ रहा हूँ ना..

पायल को पुनीत की इस हरकत पर बहुत प्यार आया.. वो मुस्कुराती हुई चादर लेकर सो गई। पुनीत ने पायल की नाईटी को देखा.. तो जल्दी से चादर उठा कर अन्दर ही छुपा दिया। उसके बाद दरवाजा खोला तो रॉनी सीधा अन्दर आ गया।

पुनीत- अरे अरे रुक तो.. कहाँ घुसा आ रहा है.. सुबह-सुबह सारी नींद की ऐसी तैसी कर दी।
रॉनी- अरे भाई सुबह कहाँ.. वक्त देखो पहले.. और ये गुड्डी भी देखो.. कैसे घोड़े बेच कर सो रही है। मैंने कितनी ज़ोर से दरवाजा पीटा.. तब भी नहीं उठी। अब मुझे ही इसे उठाना पड़ेगा।

रॉनी जब पायल की तरफ़ जाने लगा पुनीत के पैरों तले ज़मीन निकल गई। उधर पायल भी डर गई.. उसको पता था रॉनी चादर को पकड़ कर खींचने वाला है।

पुनीत- अरे रॉनी क्यों उसकी नींद खराब कर रहा है। रात को बेचारी की तबियत खराब थी। बड़ी मुश्किल से सोई थी। अब उसको उठा मत.. सोने दे..
रॉनी- अरे क्या हुआ हमारी पायल को, यार डॉक्टर के पास ले जाएँ?
पुनीत- अरे अब सोने दे.. जब उठ जाएगी तब दिखा आएँगे.. चल अब तू यहाँ से निकल.. मैं रेडी होकर नीचे आता हूँ। यहाँ बातें करेंगे तो पायल की नींद खराब होगी।
रॉनी- हाँ.. ये ठीक कहा आपने.. अच्छा मैं नीचे जाता हूँ.. जल्दी रेडी होकर आप भी आ जाओ।

रॉनी के जाने के बाद दोनों की जान में जान आई, पायल ने चादर से मुँह बाहर निकाला और मुस्कुराती हुई पुनीत को देखने लगी।
पुनीत- ऐसे क्या देख रही हो.. अब उठो जल्दी से फ्रेश हो जाओ, उसका कुछ पता नहीं.. दोबारा भी आ सकता है।
पायल- मैंने कुछ नहीं पहना है.. आपके सामने कैसे उठ जाऊँ.. पहले आप फ्रेश हो जाओ, उसके बाद मेरे कमरे से मेरे कपड़े लाकर दो.. तब मैं उठूँगी.. समझे..
पुनीत- ओ हो.. अब कैसी शर्म.. रात को तो जलवे दिखा रही थी.. अब क्या हो गया.. जो मेरे सामने नंगी आने में शर्म आ रही है।
पायल- चुप करो भाई… आप कुछ भी बोल देते हो! रात की बात और थी.. वो एक नशा था.. अब उतर गया..
पुनीत- तुमने कौन सी ब्राण्डी पी हुई थी जो नशे में थी.. अब वो नशा उतर गया?

पायल- ओह.. अब ज़िद मत करो.. जाओ आप पहले फ्रेश हो जाओ और वैसे भी आपने रॉनी को कहा है कि मेरी तबियत ठीक नहीं है… तो मैं आराम से बाद में फ्रेश हो जाऊँगी। वैसे भी सच में मेरा सारा जिस्म दर्द कर रहा है.. मुझे हल्का सा बुखार भी है..
पुनीत- अरे ऐसा होता है.. पहली बार चुदी हो ना.. अब नास्ता करने के बाद में दवा दिलवा दूँगा.. सब ठीक हो जाएगा। ओके… मैं फ्रेश हो जाता हूँ।

पुनीत के जाने के बाद पायल ने नाईटी को देखा तो मुस्कुराते हुए उसे चूम लिया। उसके बाद नाईटी पहन कर वो वापस सो गई।
पुनीत जब बाहर आया तो उसने पायल को कहा- अब जाओ.. फ्रेश हो जाओ..

पायल- भाई मेरे कपड़े यहाँ नहीं हैं.. आप ऐसा करो.. नीचे देखो कोई ऊपर तो नहीं आ रहा ना… मैं जल्दी से अपने कमरे में चली जाऊँगी।

पुनीत को यह बात ठीक लगी.. तो उसने कमरे से निकल कर देखा कि नीचे कोई नहीं था। उसने पायल को इशारा किया कि जल्दी से निकल जाए।

पायल बिस्तर से उतरी और स्पीड से जाने लगी.. तो उसकी चूत में दर्द की लहर दौड़ गई.. उसके मुँह से ‘आहह..’ निकल गई।

पुनीत- आराम से मेरी जान.. अब तुम कुँवारी कली नहीं हो.. जो फुदकती हुई चलो.. रात को तुम्हारी सील टूटी है.. चूत में सूजन भी है.. आज का दिन तो आराम से चलो.. कल से भागती फिरना पहले की तरह हा हा हा हा..
पायल- आप बहुत बदमाश हो गए हो भाई.. जाओ मैं आपसे बात नहीं करती।
पायल मुँह फुला कर वहाँ से निकल गई और सीधे अपने कमरे में चली गई।

पुनीत सीधा नीचे गया.. जहाँ रॉनी पहले से बैठा हुआ चाय की चुस्कियाँ ले रहा था।
पुनीत- हाय रॉनी.. आज बड़ी जल्दी रेडी हो गए.. कहीं जाना है क्या?
रॉनी- जाना तो है.. मगर अब सोच रहा हूँ.. ना जाऊँ..
पुनीत- अरे कहाँ जाना था.. जो अब नहीं जा रहा.. ठीक से बता ना..
रॉनी- अरे वो हमारे शर्मा जी हैं ना.. उनके यहाँ जाना था। रात को उनका फ़ोन आया था.. बड़े पापा के कुछ पेपर हैं उनके पास.. वही लेकर आना था, मगर अब मूड नहीं कर रहा जाने का.. सोच रहा हूँ.. लंच के बाद ही जाऊँगा।

पुनीत- जैसी तेरी मर्ज़ी.. मगर पापा का कोई फ़ोन तो नहीं आया ना.. ऐसा ना हो कोई जरूरी काम के पेपर हों..
रॉनी- अरे नहीं नहीं.. ऐसा कुछ नहीं है.. उन्होंने कहा था सुबह 10 बजे तक ना आ पाओ.. तो लंच के बाद ही आना। वो निकल जाएँगे.. अब जाकर कोई फायदा भी नहीं है।
पुनीत- अच्छा ठीक है.. मगर याद से ले आना.. नहीं तो पापा हम दोनों को सुना देंगे।
रॉनी- डोंट वरी भाई.. ले आऊँगा.. अच्छा पायल को उठाया क्या आपने.. देखो तो सही.. उसको क्या हुआ है.. कहीं कोई गड़बड़ हो गई तो हमारी शामत आ जाएगी। आंटी को पता है रात को हम साथ थे और देर से आए थे.. समझे..

पुनीत- अरे कुछ नहीं.. थोड़ा सा बुखार है.. मैंने उठा दिया, अभी आती होगी बस..
रॉनी- वैसे रात को भी पायल की तबियत ठीक नहीं थी.. कुछ अजीब सी घबराहट सी हो रही थी उसको..
पुनीत- अरे कभी बाहर घूमती तो है नहीं.. तो कल थोड़ा अजीब लगा उसको.. अब रोज फ़िरेगी.. तो आदत हो जाएगी।
रॉनी- वो तो ठीक है.. मगर भाई बड़े पापा को अगर इन सब बातों का पता चल गया.. तो क्या होगा?
पुनीत- तू डरा मत यार.. उनको कैसे पता चलेगा.. चल अब चुप बैठ.. कोई सुन लेगा तो गड़बड़ होगी।

रॉनी ने हँस कर बात ख़त्म कर दी। दोनों दूसरी बातें करने लगे।

उधर पायल बाथरूम में गर्म पानी से चूत की सिकाई के बाद नहाकर बाहर निकली.. उसकी चाल में थोड़ा फरक था.. यानि देखने वाला समझ सकता था कि कुछ ना कुछ गड़बड़ तो जरूर है।

पायल- ओ माय गॉड.. मेरे पैर ठीक से ज़मीन पर नहीं टिक रहे.. कहीं किसी को पता ना लग जाए कि रात को क्या हुआ था.. अब क्या करूँ.. क्या करूँ?!

पायल सोच में डूबी थी.. तभी उसको आइडिया आया। उसने जल्दी से एक टी-शर्ट और बरमूडा पहना.. बाथरूम के पास जाकर ज़मीन पर पैर पकड़ कर बैठ गई और ज़ोर से चिल्लाई!
रॉनी- यह तो पायल की आवाज़ है.. क्या हुआ उसको.. चलो भाई?
My threads:- Kuch Nahi Tere Bin || लवली फ़ोन सेक्स || Meri Behnen Meri Jindagi || "neha sexy" Ki Sexy Kahaniyan (Pyari Mausi) || ये गलत है (भाई-बहन का प्यार) || बॉलीवुड हीरोइनों की सेक्स स्टोरीज
 •
      Website Find
Reply


honey boy Offline
Verified Member Male
****
Verified MemberBest Avatar
Joined: 09 Apr 2016
Reputation: 52


Posts: 13,080
Threads: 151

Likes Got: 6,385
Likes Given: 1,867


db Rs: Rs 240.75
#72
25-04-2018, 09:28 PM (This post was last modified: 27-04-2018, 10:23 AM by honey boy.)
अपडेट  ५९

अब तक आपने पढ़ा..

उधर पायल बाथरूम में गर्म पानी से चूत की सिकाई के बाद नहाकर बाहर निकली.. उसकी चाल में थोड़ा फरक था.. यानि देखने वाला समझ सकता था कि कुछ ना कुछ गड़बड़ तो जरूर है।
पायल- ओ माय गॉड.. मेरे पैर ठीक से ज़मीन पर नहीं टिक रहे.. कहीं किसी को पता ना लग जाए कि रात को क्या हुआ था.. अब क्या करूँ.. क्या करूँ..
पायल सोच में डूबी थी.. तभी उसको आइडिया आया, उसने जल्दी से एक टी-शर्ट और बरमूडा पहना.. बाथरूम के पास जाकर ज़मीन पर पैर पकड़ कर बैठ गई और ज़ोर से चिल्लाई।
रॉनी- ये तो पायल की आवाज़ है.. क्या हुआ उसको.. चलो भाई..

अब आगे..



दोनों लगभग भागते हुए उसके कमरे में पहुँचे.. तब तक पायल झूटमूट के आँसू निकाल चुकी थी।

रॉनी- क्या हुआ पायल.. ऐसे क्यों बैठी हो.. और चिल्लाई क्यों? सब ठीक तो है ना?
पायल- व्व..वो भाई.. मैं फिसल गई.. आह्ह.. मेरा पैर बहुत दर्द कर रहा है.. उफ मॉम.. लगता है.. मोच आ गई है आह्ह..
पुनीत- अरे तुम्हारी तबियत ठीक नहीं थी तो बिस्तर पर आराम करती.. अब देखो डबल प्राब्लम हो गई ना..
रॉनी- भाई आप कैसी बातें कर रहे हो.. पायल तकलीफ़ में है और आप उसे डांट रहे हो। चलो इसे सहारा देकर बिस्तर तक ले जाने में मेरी हेल्प करो और जल्दी से डॉक्टर को फ़ोन लगाओ आप..

पुनीत ने आगे कुछ नहीं कहा और पायल को बिस्तर पर लेटा दिया। उसके बाद वो रॉनी की ओर देख कर बोला- नीचे से डायरी लेकर आओ.. उसमें डॉक्टर का नंबर है।
रॉनी- ओके मैं अभी लाता हूँ.. तब तक आप पायल का ख्याल रखो।
रॉनी जल्दी से वहाँ से निकल गया।

पुनीत- अरे क्या पायल.. ऐसे-कैसे फिसल गई.. हम तो तुम्हारे बीमार होने का नाटक कर रहे थे और तुम सच में बिस्तर पर आ गई?
पायल- अपने जैसा बुद्धू समझा है क्या आपने मुझे… ये भी एक नाटक ही है भाई.. हा हा हा..
पुनीत- अरे लेकिन क्यों यार.. ये कोई तरीका है मजाक करने का?
पायल- धीरे बोलो भाई.. कोई सुन लेगा.. मेरे पैर रात को आपने घुमा दिए.. अब ऐसे चलती.. तो किसी को भी शक हो जाता.. इसलिए गिरने का नाटक किया। अब कैसे भी चलूँ.. कोई दिक्कत नहीं है..
पुनीत- वाह.. पायल.. मान गया तुम वाकयी में मेरी बहन हो.. क्या दिमाग़ लगाया तुमने..

वो दोनों बातें कर रहे थे.. तभी वहाँ रॉनी आ गया।

रॉनी- ये लो भाई.. मैं यहाँ परेशान हूँ और आप दोनों गप्पें लड़ा रहे हो.. मैंने डॉक्टर को फ़ोन कर दिया है.. वो कुछ देर में आ जाएगा।
पुनीत- तुमने बहुत अच्छा किया जो डॉक्टर को यहीं बुला लिया। इस हालत में पायल को ले जाते तो इसे चलने में ज़्यादा तकलीफ़ होती।
रॉनी- हाँ मुझे पता है.. पैर की मोच बड़ी तकलीफ़ देती है। एक बार मेरे साथ भी ऐसा हुआ था.. नहाकर निकल रहा था कि पाँव फिसल गया.. बहुत दर्द हुआ था।
पुनीत- हाँ याद है.. कैसे बच्चों की तरह तू रोने लगा था..
रॉनी- तो क्या हँसता.. उस वक्त?
पायल- भाई जिसको लगती है दर्द का अहसास उसी को होता है..

रॉनी- बिल्कुल सही कहा तुमने पायल.. भाई तो उस वक्त बस मजाक बना रहे थे मेरा..
पायल- अब आप दोनों झगड़ा मत करो.. एक तो मेरे पैर में बहुत दर्द है.. ऊपर से आप बहस करने लगे।
रॉनी- अच्छा बाबा सॉरी.. अब नहीं करेंगे.. वैसे मुझे देखने तो दो ज़्यादा चोट तो नहीं आई ना..
पायल- अरे भाई क्या देखोगे.. कोई चोट नहीं आई है.. बस पैर मुड़ गया था मेरा.. अब डॉक्टर ही बताएगा कि असल में हुआ क्या है.. कोई मोच है या बस पैर मुड़ने से दर्द हुआ है।

रॉनी- ये भी सही बात है.. अच्छा ये बताओ मैं जब आया तो भाई आप पायल को क्या ‘दिमाग़ लगाया’ बोल रहे थे?
पुनीत- कब कहा मैंने.. ऐसा नहीं.. मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा..
पायल- अरे कहा था ना.. इतनी जल्दी भूल गए.. वो दरअसल जब मैं फिसली तो मेरा सर दीवार से टकराने वाला था। मैंने जल्दी से दरवाजा पकड़ लिया.. इसी बात पर आपने कहा था कि अच्छा दिमाग़ लगाया और तभी रॉनी भाई आ गए तो शायद आप भूल गए।

रॉनी के अचानक हमले से पुनीत घबरा गया.. मगर पायल ने बात को संभाल दिया।

रॉनी- ओह अच्छा ये बात थी.. थैंक गॉड.. तुम्हें ज़्यादा चोट नहीं आई.. नहीं तो बड़े पापा बहुत गुस्सा होते।
पुनीत- भाई पापा तक ये बात जानी भी नहीं चाहिए।
रॉनी- टेंशन नॉट.. बड़े पापा को कुछ पता नहीं चलेगा.. इसी लिए मैंने अपने फैमिली डॉक्टर को नहीं बल्कि दूसरे डॉक्टर को बुलाया है।
पुनीत- वाह.. यार तुम तो बड़े समझदार हो।

पुनीत आगे कुछ बोलता.. तभी काका अपने साथ डॉक्टर को ले आया और वो पायल के पैर की जाँच करने लगा।

डॉक्टर- डरने वाली कोई बात नहीं है बस मांस-पेशियों में थोड़ा खिंचाव आ गया है.. अक्सर उल्टी साइड पैर मुड़ने से ऐसा होता है.. मैं दर्द की दवा और ट्यूब लिख देता हूँ.. शाम तक आराम मिल जाएगा।
डॉक्टर के जाने के बाद रॉनी और पुनीत ने सोचा कि वो दवा ले आएं.. तब तक पायल रेस्ट कर लेगी।

रॉनी- पायल तुम रेस्ट करो.. हम दवा लेकर आ जाते हैं।
पायल- ओके भाई.. मगर जल्दी आ जाना मैं अकेले बोर हो जाऊँगी।

दोनों के जाने के बाद काका ने पूछा- बिटिया तुम्हारा नाश्ता और जूस यहीं ले आऊँ.?
तो पायल ने मना कर दिया कि अभी मूड नहीं है।स
काका के जाने के बाद पायल कमरे में टहलने लगी ताकि उसकी चाल ठीक हो जाए और किसी को पता ना लगे।

पायल के सर से सारा नशा उतर चुका था, अब उसके अन्दर की बहन जाग गई थी, चलते-चलते अचानक वो रुक गई.. और बिस्तर पर बैठ कर सोचने लगी कि ये उसने क्या कर दिया? अपने ही भाई के साथ उसने सेक्स किया।
ये सब सोच कर उसकी आँखों में आँसू आ गए, वो काफ़ी देर तक वहाँ बैठी रोती रही।
उसके बाद उसने फैसला किया कि जो हुआ वो गलत हुआ.. अब बस इस बात को यहीं ख़त्म कर देगी.. और आगे से ऐसी कोई हरकत नहीं करेगी।

यही सोचते हुए वो काफ़ी देर बैठी रही.. उसके बाद उसने काका को आवाज़ देकर ऊपर बुलाया और नाश्ते के लिए उनसे कहा कि ले आए।

काका- अभी लो बिटिया.. मैंने तो आपको पहले ही कहा था। अब बस 5 मिनट में नाश्ता बना देता हूँ।

काका ने जल्दी से नाश्ता तैयार किया और पायल का स्पेशल जूस भी उसको दे दिया। वो कहाँ जानती थी कि अभी कुछ देर पहले जो वो सोच रही थी कि अब ऐसा नहीं करेगी। ये जूस पीते ही उसकी सारी सोच धरी की धरी रह जाएगी और वो वासना के जाल में दोबारा फँस जाएगी।

उधर रॉनी और पुनीत मेडिकल स्टोर से कुछ दूर थे कि तभी सन्नी वहाँ सामने से आ गया।

सन्नी- अरे क्या बात है.. सुबह-सुबह मेरे दोनों शेर कहाँ शिकार पर जा रहे हैं।
पुनीत- अरे कहीं नहीं यार.. सुबह-सुबह गड़बड़ हो गई। पायल फिसल कर गिर गई.. उसके पाँव में चोट आई है।
सन्नी- अरे बाप रे, तो तुम दोनों यहाँ क्या कर रहे हो.. किसी डॉक्टर के पास लेके जाओ उसको यार..
रॉनी- अरे पूरी बात सुने बिना बोले जा रहे हो.. उसे कुछ नहीं हुआ.. बस मामूली सी चोट है.. डॉक्टर को घर बुलाया था कुछ दवा लिखी है.. वही लेने आए हैं हम।
सन्नी- ओह.. ऐसा क्या.. मैं कुछ और ही समझ बैठा.. चलो थैंक गॉड.. पायल को कुछ नहीं हुआ।

पुनीत- हाँ यार.. वैसे तुम इतनी सुबह कहाँ जा रहे हो?
सन्नी- अरे कहीं नहीं.. एक प्लॉट के लिए पापा ने मैसेज किया था.. वही देखने जा रहा हूँ। अब तुम मिल गए तो चलो ना यार साथ चलते हैं.. मैं अकेला बोर हो जाता।
रॉनी- अरे क्या साथ चलूँ.. वहाँ पायल बेचारी दवाई के लिए वेट कर रही है और हम तेरे साथ चलें..
पुनीत- अरे रॉनी ऐसा कर.. तू चला जा सन्नी के साथ.. मैं दवा ले जाता हूँ।
सन्नी- हाँ ये सही रहेगा, दोनों काम साथ हो जाएँगे, उसके बाद आते वक्त मैं भी पायल से मिल लूँगा।

रॉनी को बात समझ आ गई.. तो वो सन्नी के साथ चला गया और पुनीत अकेला आगे बढ़ गया।

पायल ने नाश्ता ख़त्म किया और अपने बिस्तर पर टेक लगा कर बैठ गई। वो कुछ सोच रही थी कि तभी पुनीत वहाँ आ गया।
पुनीत- अरे क्या बात है मेरी बहना.. किस सोच में डूबी हुई हो?
पायल- कुछ नहीं भाई.. पता नहीं आजकल मुझे क्या हो रहा है। कुछ अजीब सी बेचैनी मन में रहती है। दिमाग़ कहाँ से कहाँ चला जाता है। देखो ना.. हमने क्या कर दिया? ये पाप हमसे कैसे हो गया.. मेरी तो कुछ समझ नहीं आ रहा.. मैं इतनी गंदी हरकतें कैसे करने लगी हूँ.. छी:.. और आपने भी मेरा साथ दिया।

पुनीत- हैलो.. ये क्या बोल रही हो.. जो हुआ वो तुम चाहती थीं.. मैंने तो बहुत मना किया.. मगर तुम कहाँ मानी.. अब जो हो गया.. उसको भूल जाओ और ये अचानक तुम कैसी बातें करने लगी हो। मैं गया.. तब तक तो बिल्कुल ठीक थी।
पायल- पता नहीं भाई.. मैं बहुत बड़ी उलझन में हूँ.. कभी तो ऐसा लगता है कि बस आप ही मेरे सब कुछ हो.. आपसे लिपट कर खूब प्यार करूँ.. कभी लगता है.. कि यह गलत है।


पुनीत- अरे मेरी जान.. ऐसा कुछ नहीं है.. तुम वासना की आग में जल रही थीं.. तो मैंने तुम्हारी प्यास मिटाने की कोशिश की है.. मगर लगता है रात की चुदाई काफ़ी नहीं है.. तुमको दोबारा ठंडी करना होगा.. तभी तुम्हारा दिमाग़ ठिकाने पर आएगा।
पायल- चुप रहो भाई.. ऐसी बातें मत करो.. मुझे अजीब सा महसूस हो रहा है।
My threads:- Kuch Nahi Tere Bin || लवली फ़ोन सेक्स || Meri Behnen Meri Jindagi || "neha sexy" Ki Sexy Kahaniyan (Pyari Mausi) || ये गलत है (भाई-बहन का प्यार) || बॉलीवुड हीरोइनों की सेक्स स्टोरीज
 •
      Website Find
Reply


honey boy Offline
Verified Member Male
****
Verified MemberBest Avatar
Joined: 09 Apr 2016
Reputation: 52


Posts: 13,080
Threads: 151

Likes Got: 6,385
Likes Given: 1,867


db Rs: Rs 240.75
#73
26-04-2018, 11:17 PM (This post was last modified: 27-04-2018, 10:25 AM by honey boy.)
अपडेट  ६०

अब तक आपने पढ़ा..

पायल- पता नहीं भाई.. मैं बहुत बड़ी उलझन में हूँ.. कभी तो ऐसा लगता है कि बस आप ही मेरे सब कुछ हो.. आपसे लिपट कर खूब प्यार करूँ.. कभी लगता है.. कि ये गलत है।
पुनीत- अरे मेरी जान.. ऐसा कुछ नहीं है.. तुम वासना की आग में जल रही थीं.. तो मैंने तुम्हारी प्यास मिटाने की कोशिश की है.. मगर लगता है रात की चुदाई काफ़ी नहीं है.. तुमको दोबारा ठंडी करना होगा.. तभी तुम्हारा दिमाग़ ठिकाने पर आएगा।
पायल- चुप रहो भाई.. ऐसी बातें मत करो.. मुझे अजीब सा महसूस हो रहा है।

अब आगे..



पुनीत- अच्छा अच्छा.. नहीं करता.. ये लो ये गोली खा लो.. इससे दर्द कम होगा और ये क्रीम चूत पर अच्छे से लगा लेना.. सूजन ठीक हो जाएगी।
पायल- छी:.. भाई आप कितने गंदे हो.. कैसी बातें कर रहे हो.. सीधे नाम ले रहे हो.. मुझे तो बहुत अजीब सा लग रहा है।

पुनीत हैरान हो गया कि ये पायल को अब क्या हो गया.. रात को तो कुछ और ही जलवे दिखा रही थी.. अब अचानक सती सावित्री कैसे बन गई?
पुनीत- सॉरी पायल.. मगर तुम्हें तकलीफ़ थी.. तो ये ले आया और हाँ ये गोली भी ले लेना.. रात को हमने जो किया उससे कहीं कोई गड़बड़ ना हो जाए। जैसे पेट में बच्चा वगैरह.. तुम समझ रही हो ना..
पायल- हाँ समझ रही हूँ और वैसे रॉनी भी साथ गया था.. उसके सामने ये सब कैसे लिया आपने?
पुनीत- वो सन्नी के साथ किसी काम से गया है। अब पैर में मोच का तो बहाना था.. तो उस दवा के बजाए मैं ये सब ले आया।
पायल- ओके ठीक है भाई.. अब आप यहाँ से जाओ.. प्लीज़ मुझे कुछ देर अकेला रहना है।

पुनीत बिना कुछ बोले वहाँ से चला गया, उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था कि पायल अचानक बदल कैसे गई, रात को तो उसका मूड कुछ और ही था और अब कुछ और?
पुनीत अपने कमरे में जाकर मोबाइल पर टाइमपास करने लगा।

पुनीत के जाने के बाद पायल ने दवा ली और बाथरूम में जाकर अपनी चूत पर अच्छे से क्रीम भी लगाई।
पायल पर दोबारा से गोली का असर शुरू हो गया था, वो अपने कमरे में आई और बिस्तर पर बैठ गई। उसको रात की चुदाई याद आने लगी.. उसका जिस्म वो सोच कर उत्तेजित होने लगा।

पायल- ओह गॉड.. यह क्या हो रहा है.. अभी मैंने सोचा था.. जो हुआ वो सब अब दोबारा नहीं करूँगी.. मगर मेरा जिस्म मेरे दिमाग़ का साथ नहीं दे रहा.. नहीं नहीं.. यह भाई और बहन की चुदाई का खेल अच्छा है.. इसमें कोई बुराई नहीं है। पूजा ने भी तो अपने भाई के साथ किया था और ना जाने कितने लोग करते होंगे। अब मैंने कर लिया तो कौन सा गुनाह हो गया। नहीं.. मैंने पुनीत को नाराज़ किया है.. अब जाकर उसको मनाती हूँ।

पायल कमरे से निकली और सीधी पुनीत के कमरे में चली गई।
उस वक़्त वो मोबाइल में बिज़ी था.. तो पायल ने उसको पीछे से जाकर पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर एक चुम्बन कर दिया।


पुनीत- अरे पायल छोड़ो मुझे.. तुम यहाँ क्यों आई हो?
पायल- सॉरी भाई.. मैंने आपसे ठीक से बात नहीं की। वो दरअसल मेरा दिमाग़ खराब था उस वक्त..
पुनीत- अच्छा अब ठिकाने आ गया क्या.. खुद ही मुझे बहनचोद बना दिया और खुद ही ज्ञान देने लगी थीं।
पायल- भाई प्लीज़ ‘सॉरी’ कहा ना मैंने.. अब ऐसा नहीं कहूँगी.. आप तो मेरी जान हो आई लव यू भाई..
पुनीत- आई लव यू टू मेरी जानेमन.. रात की मस्त चुदाई के बाद सुबह तक तुम ठीक थीं.. अचानक क्या हो गया था?

पायल- पता नहीं भाई.. मेरे दिमाग़ में अचानक बात आई कि हमने गलत किया मगर अब लगता है.. सब सही था। अभी भी मेरी चूत फड़फड़ा रही है।
पुनीत- क्या बात है मेरी जान.. सुबह-सुबह चुदाई का मूड बना लिया.. मगर ये वक़्त और जगह सही नहीं है.. कोई भी आ सकता है। अब तुम मेरी वाइफ तो हो नहीं.. जो किसी भी वक्त तुम्हें चोद सकूँ।
पायल- ओह भाई.. तो रोका किसने है.. बना लो ना मुझे अपनी वाइफ..
पुनीत- मेरी जान रात का इन्तजार करो.. आज तो पहले तेरी मस्त गाण्ड मारूँगा मैं.. बड़ा मन मचल रहा है मेरा.. तेरी गाण्ड मारने को..

पायल- अच्छा भाई मार लेना.. अभी प्लीज़ कुछ करो ना.. मुझे बड़ी बेचैनी हो रही है।
पुनीत- अरे कोई आ गया तो मुसीबत हो जाएगी.. ऐसा करो बाथरूम में जाकर उंगली से काम चलाओ अभी.. रात को सुकून से तुम्हारी चुदाई करूँगा।

पायल ने बहुत ज़िद की.. मगर पुनीत जानता था कि इस वक्त चुदाई करना मुश्किल होगा। फिर भी उसने हिम्मत करके पायल को किस किया और बाथरूम तक छोड़ आया।
पायल भी समझ गई कि पुनीत नहीं मानेगा.. तो उसने अपने आप को उंगली से शान्त किया। उसकी बेचैनी तो ख़त्म हो गई.. मगर नशा नहीं उतरा। उसको अभी भी यही लग रहा था कि जब तक लौड़ा अन्दर नहीं जाएगा.. उसको चैन नहीं मिलेगा।

पायल अब थोड़ी ठंडी हो गई थी और वो पुनीत को कहीं बाहर चलने को कह रही थी.. तभी रॉनी भी आ गया।
उसने पूछा- अब पैर का दर्द कैसा है?
तो पायल ने कहा- दवा से ठीक हो गया।
तीनों ने बाहर जाने का प्लान बना लिया और सब रेडी होने अपने-अपने कमरों में चले गए।

उधर अर्जुन और निधि बैठे हुए बातें कर रहे थे.. भाभी थकी हुई थीं तो उनको नींद आ गई थी।
निधि- अर्जुन मेरे भैया ठीक तो हो जाएँगे ना?
अर्जुन- अरे होंगे क्यों नहीं.. इतने बड़े अस्पताल में ऐसे ही लेकर आए है क्या हम?
निधि- भगवान जल्दी मेरे भाई को अच्छा करे।
अर्जुन- अरे फिकर मत कर.. सब अच्छा ही होगा। तू भी थोड़ा आराम कर ले.. रात से सोई नहीं.. तुझे भी नींद आ रही होगी।
निधि- तुम भी तो जागे हो हमारे साथ.. तुम भी सो जाओ.. वो दोपहर तक भाई के पास जाने भी नहीं देंगे।
अर्जुन- बिस्तर पर तो भाभी सोई हैं.. ऐसा करते हैं हम दूसरे कमरे में जाकर सो जाते हैं..
निधि- हाँ ये सही रहेगा.. ऐसे तो यहाँ नींद आएगी भी नहीं।

दोनों दूसरे कमरे में चले गए और बिस्तर पर लेट गए। निधि ने करवट ली और सोने की कोशिश करने लगी। अर्जुन का ध्यान निधि की गाण्ड पर गया.. तो वो सरक कर उसके पीछे चिपक गया।

निधि- क्या करते हो.. सोने दो ना..
अर्जुन- मेरी रानी तुझे यहाँ सोने के लिए साथ लाया हूँ क्या.. आज तक उस खटिया पर ही तेरी ठुकाई की है। आज अच्छा मौका मिला है.. ऐसा नर्म बिस्तर और तेरी मुलायम गाण्ड देख कर मेरा लंड उछलने लगा है। चल जल्दी से कपड़े निकाल.. मुझे तेरी गाण्ड मारनी है। उसके बाद सो जाना।
निधि- क्या अर्जुन… ये कोई समय है गाण्ड मारने का.. भाभी जाग गई तो?
अर्जुन- अरे भाभी उठ जाएगी तो उसकी भी गाण्ड मार दूँगा। चल देर ना कर मेरी थकान लौड़े को ठंडा करके ही उतरेगी।

निधि ने सलवार निकाल दी.. मगर अर्जुन को लगा ऐसे मज़ा नहीं आएगा। उसने निधि को प्यार से पूरी नंगी कर दिया।
निधि- क्या अर्जुन पूरे कपड़े क्यों निकाले.. तुमको तो बस गाण्ड मारनी थी ना.. ऐसे ही मार लेते?
अर्जुन- अरे मेरी बुलबुल.. चूत मारो या गाण्ड… पहले चूचे चूसने में मज़ा आता है.. लौड़े को पूरा गर्म करके ही चुदाई होती है।
निधि- अच्छा.. तो मैं भी लौड़ा चूस के मज़ा लूँगी। मुझे उसमें मज़ा आता है और हाँ तुम मेरी फुद्दी भी चाटना.. ठीक है ना..!
अर्जुन- अरे मेरी बुलबुल.. ये भी कोई कहने की बात है क्या.. तेरी फुद्दी को तो चाट कर ठंडा कर दूँगा और तेरे मुलायम होंठों के रस से ही तो लौड़ा चिकना होगा और आराम से तेरी गाण्ड में जाएगा।

इतना कहकर अर्जुन निधि के अनारों को चूसने लगता है, अपने हाथ से उसकी चूत को रगड़ने लगता है।
निधि- आह्ह.. अर्जुन ससस्स.. तुम भी कपड़े निकालो ना.. मुझे मेरा प्यारा गन्ना चाहिए.. आह्ह.. धीरे दबाओ ना.. आह्ह.. दुख़ता है..
अर्जुन- अरे क्या नखरे करती है.. कितनी बार तेरे चूचे दबा चुका हूँ.. चूत और गाण्ड को ढीला कर चुका हूँ.. अब भी नाटक करती है.।
निधि- तेरा गन्ना भी तो देख कितना बड़ा है.. जब भी मुँह में जाता है.. सांस गले में अटक जाती है।
अर्जुन- हाँ ये तो है लौड़ा तो बड़ा ही है.. मेरा मगर तेरी भी हिम्मत की दाद देता हूँ.. साली दोनों तरफ़ से पूरा मज़ा देती है तू.. पहले तो चिल्ला-चिल्ला कर कान के पर्दे खराब कर दिए थे तूने.. अब तू मस्त मज़ा देती है।
निधि- अब बातें ही करते रहोगे या मेरा गन्ना मुझे दोगे..

अर्जुन ने कपड़े निकाल दिए और निधि का हाथ पकड़ कर लौड़े पर रख दिया।
अर्जुन- ये ले.. अब तू ज़्यादा बात मत करना.. जल्दी से इसे चूस कर चिकना बना दे ताकि तेरी गाण्ड में आराम से चला जाए।
निधि- मैं कहाँ बात कर पाऊँगी.. अब ये जो मेरे मुँह को बन्द कर देगा। चलो सीधे लेट जाओ.. हम उस तरह करेंगे जैसे पहले किया था। तुम मेरी फुद्दी चाटना और में तुम्हारा गन्ना चुसूंगी।

अर्जुन समझ गया कि यह क्या चाहती है.. वो सीधा लेट गया। उसके पेट पर उल्टी साइड निधि भी लेट गई। अब उसकी फूली हुई चूत अर्जुन के मुँह के पास थी और उसने घप से अर्जुन का लौड़ा मुँह में ले लिया था।

दोनों की चुसाई का प्रोग्राम शुरू हो गया और कोई 15 मिनट तक ये चलता रहा।
अर्जुन जीभ की नोक से चूत को चोद रहा था.. जिसे निधि ज़्यादा देर बर्दाश्त ना कर सकी और उसके मुँह में झड़ गई।
अर्जुन उसका सारा चूतरस गटक गया और चूत को चाट-चाट कर एकदम साफ कर दिया।
My threads:- Kuch Nahi Tere Bin || लवली फ़ोन सेक्स || Meri Behnen Meri Jindagi || "neha sexy" Ki Sexy Kahaniyan (Pyari Mausi) || ये गलत है (भाई-बहन का प्यार) || बॉलीवुड हीरोइनों की सेक्स स्टोरीज
 •
      Website Find
Reply


honey boy Offline
Verified Member Male
****
Verified MemberBest Avatar
Joined: 09 Apr 2016
Reputation: 52


Posts: 13,080
Threads: 151

Likes Got: 6,385
Likes Given: 1,867


db Rs: Rs 240.75
#74
27-04-2018, 09:48 PM
अपडेट  ६१

अब तक आपने पढ़ा..

अर्जुन समझ गया कि यह क्या चाहती है.. वो सीधा लेट गया, उसके पेट पर उल्टी साइड निधि भी लेट गई, अब उसकी फूली हुई चूत अर्जुन के मुँह के पास थी और उसने घप से अर्जुन का लौड़ा मुँह में ले लिया था।
दोनों की चुसाई का प्रोग्राम शुरू हो गया और कोई 15 मिनट तक ये चलता रहा।
अर्जुन जीभ की नोक से चूत को चोद रहा था.. जिसे निधि ज़्यादा देर बर्दाश्त ना कर सकी और उसके मुँह में झड़ गई। अर्जुन उसका सारा चूतरस गटक गया और चूत को चाट-चाट कर एकदम साफ कर दिया।

अब आगे..



अर्जुन- बस मेरी बुलबुल.. अब हट भी जा.. तेरी चूत का लावा तो मैं पी गया। अब मेरे लौड़े को भी तेरी गुफा में जाने का रास्ता दे दे..
निधि ऊपर से उठते हुए बोली- तुम फुद्दी को चूत क्यों कहते हो.. मैंने कितनी बार तुम्हारे मुँह से यह सुना है?
अर्जुन- मेरी जान इसका असल नाम यही है.. शहर के लोग इसको चूत ही कहते हैं यह बोलने में भी अच्छा लगता है। अब ये सवाल बाद में पूछना.. जल्दी से घोड़ी बन जा.. मुझे तेरी गाण्ड मारनी है। मेरा लौड़ा तो तूने चूस कर लोहे जैसा बना दिया है.. अब तरसा मत..

निधि को पता था कि अर्जुन अब पूरा गर्म हो गया है, अब उसको ज़्यादा तड़पाना ठीक नहीं है.. नहीं तो वो उसको झटके दे दे कर तड़पा देगा, वो चुपचाप घोड़ी बन गई।
अर्जुन ने गाण्ड के छेद पर लौड़े को रखा और धीरे से धक्का दिया, उसका सुपारा अन्दर चला गया।
निधि- आह.. धीरे से डालो ना.. दुख़ता है आई..

अर्जुन- अबे चुप साली.. कितनी बार तो गाण्ड मरवा चुकी है.. अब काहे का दुख़ता है..
निधि- अरे तेरा लौड़ा कोई छोटा सा है क्या.. जो नहीं दु:खेगा.. जब भी अन्दर जाता है.. दर्द होता है। वैसे भी कितने दिन हो गए तुझे गाण्ड में घुसाए.. अब दु:खेगा ही ना..
अर्जुन- अच्छा.. अच्छा.. अब ठीक से सीधी हो जा… एक बार दु:खेगा बाद में नहीं.. अब मैं पूरा घुसा देता हूँ।

अर्जुन ने एक जोरदार धक्का मारा.. तो पूरा लौड़ा गाण्ड की गहराई में समाता चला गया।
निधि- आह आह.. अर्जुन.. तू तो पूरा घोड़ा है रे.. आह्ह.. कितना लंबा लौड़ा है तेरा.. जान ही निकाल देता है।
अर्जुन- अब पूरा घुस गया ना.. चल मजबूती से टिकी रह.. अब तेरी सवारी करता हूँ.. ठका ठक.. ठका ठक..

इतना कहकर अर्जुन स्पीड से निधि की गाण्ड मारने लगा, उसकी पॉवर तो आपको पता ही है, निधि को सांस भी नहीं लेने दे रहा था.. घपाघप लौड़ा अन्दर-बाहर कर रहा था।
निधि- आहह आह्ह.. आईईइ.. मर गई रे माँ.. आह्ह.. जल्दी से चोद ले.. आह्ह.. निकाल दे पानी.. आह्ह.. आह्ह.. ऐइ..

लगभग 20 मिनट तक अर्जुन गाण्ड को चोदता रहा, निधि बेचारी थक कर चूर हो गई थी, उसके झटके थे भी पॉवरफुल.. वो छोटी सी जान कहाँ सह पाती, आख़िर निधि पेट के बल लेट गई और लौड़ा गाण्ड से निकल गया।
अर्जुन- अबे साली पसर क्यों गई.. थोड़ी देर और करने देती.. पानी आने ही वाला था मेरा..
निधि- ना अर्जुन.. मेरी कमर दु:खने लगी है.. रात की नींद भी है.. तू मेरे मुँह को चोद ले.. वैसे भी तेरा रस पिए बहुत दिन हो गए हैं..
अर्जुन- अच्छा ये बात है.. तो ले मेरी रानी.. सीधी लेट जा.. आज तेरे मुँह को ही चोद कर पूरा मज़ा लूँगा।

निधि सीधी लेट गई और अर्जुन उस पर सवार हो गया, उसके मुँह को चोदने लगा, बीच-बीच में वो रुक जाता.. तो निधि उसके सुपारे को होंठ दबा कर चूसती.. उसकी गोटियों पर जीभ घुमाती।
ऐसे ही 15 मिनट और निकल गए। अब अर्जुन की नसें फूलने लगी थीं.. वो स्पीड से निधि के मुँह को चोदने लगा और आख़िरकार उसने अपना सारा रस उसके मुँह में भर दिया।

निधि ने सारा माल पी लिया.. अपनी जीभ से लंड को साफ किया।
अर्जुन- आह.. अब मज़ा आया.. रात की सारी थकान उतर गई.. अब आएगी सुकून की नींद.. चल कपड़े पहन ले.. नहीं तो तेरी जवानी को देख कर मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो जाएगा।
निधि- बस बस.. पहली बार में ही तू जान निकाल देता है.. दूसरी बार तो तेरा पानी निकलने का नाम ही नहीं लेता। तू भी कपड़े पहन ले और मुझसे दूर होकर सोना.. नहीं तो तेरा क्या भरोसा.. फिर से तेरे जी में आ गया.. तो.. मेरी चूत का कबाड़ा हो जाएगा।
अर्जुन- हा हा हा.. साली मज़ा भी लेती है और डरती भी है.. चल अब नहीं करूँगा.. सो जा.. नहीं तो तेरी भाभी आ जाएगी और उसकी भी चुदाई मुझे करनी पड़ेगी।

दोनों अब सुकून की नींद सो गए थे।
अब यहाँ से वापस पायल के पास चलते हैं, अब तक वो रेडी हो गई होगी।

पुनीत और रॉनी रेडी होकर पायल के कमरे के बाहर खड़े नॉक कर रहे थे.. मगर अन्दर से कोई जबाव नहीं आ रहा था।
रॉनी- अरे यार ये पायल को अब क्या हो गया.. लगता है सो गई है..
पुनीत- अरे नहीं रे.. ये लड़कियों के हमेशा नखरे होते हैं रेडी होने में कुछ ज्यादा ही वक्त लगाती हैं।
रॉनी- ओ मेरी प्यारी बहना.. अब आ भी जा.. कितना वक्त लगावगी यार..

पायल ने दरवाजा खोला.. तो दोनों उसको देखते ही रह गए।
पायल ने ब्लैक शॉर्ट्स पहना हुआ था जिसमें से उसकी मोटी जांघें खुली हुई थीं.. उस पर स्लीवलैस लाल टी-शर्ट.. ऊपर से ब्लैक जैकेट.. वो भी स्लीबलैस ही था, उसमें पायल कयामत लग रही थी।

पुनीत- वाउ यार.. पायल तुम बहुत अच्छी लग रही हो..
रॉनी- सच में पायल.. तुम बहुत अच्छी लग रही हो। अब बोलो तुम्हें कहाँ जाना है।
पायल- कहीं भी भाई.. बस घूमने का मज़ा आना चाहिए।
रॉनी- ठीक है.. आज हम ऐसी जगह जाएँगे.. जहाँ खूब मस्ती करेंगे.. एयरलिफ्ट में आसमान की सैर करेंगे।
पायल- ओह.. वाउ.. आप फनपार्क की बात कर रहे हो.. वहाँ तो बहुत मज़ा आएगा।

तीनों घर से निकल गए और फनपार्क में चले गए। वहाँ बहुत से लड़कों की नज़र पायल पर टिकी हुई थीं.. हर कोई उसकी गाण्ड को देख कर अपना लौड़ा सहला रहा था। मगर ये कोई मामूली लड़की तो थी नहीं.. जो कोई इसको छू कर मज़ा ले लेता। इसके साथ इसके दोनों भाई जो मौजूद थे। हाँ ये अलग बात है कि पुनीत खुद मस्ती मजाक में उसको छू कर मज़ा ले रहा था।

अब यहा इनको मज़ा करने दो। यहाँ कुछ खास है भी नहीं.. आपको सीधे शाम का सीन दिखा देती हूँ।

दोपहर को अर्जुन और निधि सुकून की नींद में थे। उनको भाभी ने उठाया और तीनों फ्रेश होकर बाहर लंच करने गए, उसके बाद हॉस्पिटल में चले गए और शाम तक वहीं रहे।

नर्स- चलो अब यहाँ मत रहो.. आप लोगों को समझ क्यों नहीं आता.. आपका मरीज आईसीसीयू में है.. उससे आप मिल तो सकते नहीं.. तो यहाँ बैठने से क्या फायदा.. हम हैं ना देखभाल के लिए.. अब आप सब जाओ सुबह कोई एक आ जाना.. डॉक्टर से मिल लेना। अब जाओ समझे..
अर्जुन- ठीक है.. हम वो सामने की बिल्डिंग में ही हैं.. अगर कोई बात हो तो बता देना.. हम आ जाएँगे।
नर्स- अच्छा अच्छा.. अब जाओ यहाँ से..

वो तीनों वापस फ्लैट में आ गए।
निधि बाथरूम चली गई..
तब भाभी ने अर्जुन से कहा- वो आदमी आएगा तो निधि यहीं रहेगी उसके सामने.. कैसे कुछ हो पाएगा..
अर्जुन- तुम उसकी फिकर मत करो.. मैं उसको समझा दूँगा, वो दूसरे कमरे में सो जाएगी।
भाभी- अच्छा ठीक है.. मगर तुमको पक्का पता है कि वो आदमी मेरे साथ चुदाई के लिए ही आएगा।
अर्जुन- अरे कितनी बार बताऊँ उसका इशारा यही था। अब आप बार-बार एक ही बात मत पूछो।

भाभी कुछ कहतीं.. तभी वहाँ बिहारी आ गया, उसको देख कर दोनों एकदम से चुप हो गए।
बिहारी- का हाल है… कोना जरूरी बतिया हो रही थी का?
अर्जुन- अरे नहीं नहीं बिहारी जी.. आइए ना.. हम तो बस ऐसे ही बात कर रहे थे कि आप बहुत अच्छे इंसान हो..
बिहारी- अच्छा बोल कर हमको गाली ना दो.. हम कोई अच्छा नहीं हूँ.. तुमको काम याद है ना.. कुछ देर बाद जाना है हमार आदमी के साथ..
अर्जुन- अरे हाँ.. बिहारी जी.. याद है और मैंने भाभी को भी समझा दिया है। आप यहीं रहना इनके साथ.. इनको संभाल लेना..

बिहारी होंठों पर जीभ घुमाने लगा, वो कुछ कहना चाहता था.. तभी निधि वहाँ आ गई।
बिहारी- ई कौन वा.. सुबह तो नहीं देखा हम इसको?
भाभी- यह मेरी ननद है.. सुबह अपने भाई के पास थी अस्पताल में..
बिहारी सवालिया नजरों से अर्जुन की तरफ़ देखता है कि अब क्या होगा?
अर्जुन- बिहारी जी आपसे एक बात करनी है.. आप मेरे साथ बाहर आएँगे..

बिहारी बाहर चला जाता है। उसके पीछे अर्जुन भी चला जाता है।
अर्जुन- देखिए बिहारी जी.. मैं जानता हूँ अपने हमें ये जगह क्यों दी है। मैं निधि को समझा दूँगा.. वो दूसरे कमरे में सो जाएगी। आप आराम से अपना काम कर लेना।
बिहारी- तोहार को देख कर ही हम समझ गया था.. तू बड़ा समझदार है। ये छोकरी बीच में तो नहीं आएगी ना.. अच्छी तरह समझा देना..

अर्जुन ने बिहारी को भरोसा दिलाया कि निधि नहीं आएगी और उसको कुछ पता भी नहीं लगेगा- आप आराम से अपना काम कर लेना।
बिहारी- ये हुई ना बात.. अभी हम चलता हूँ.. एक घंटा बाद हमार आदमी तोहार को लेने आएगा.. उसके साथ चले जाना पीछे से मैं तोहार भाभी का अच्छे से ख्याल रख लूँगा।
My threads:- Kuch Nahi Tere Bin || लवली फ़ोन सेक्स || Meri Behnen Meri Jindagi || "neha sexy" Ki Sexy Kahaniyan (Pyari Mausi) || ये गलत है (भाई-बहन का प्यार) || बॉलीवुड हीरोइनों की सेक्स स्टोरीज
 •
      Website Find
Reply


honey boy Offline
Verified Member Male
****
Verified MemberBest Avatar
Joined: 09 Apr 2016
Reputation: 52


Posts: 13,080
Threads: 151

Likes Got: 6,385
Likes Given: 1,867


db Rs: Rs 240.75
#75
28-04-2018, 08:47 PM
अपडेट  ६२

अब तक आपने पढ़ा..

अर्जुन- देखिए बिहारी जी.. मैं जानता हूँ अपने हमें ये जगह क्यों दी है। मैं निधि को समझा दूँगा.. वो दूसरे कमरे में सो जाएगी। आप आराम से अपना काम कर लेना।
बिहारी- तोहार को देख कर ही हम समझ गया था.. तू बड़ा समझदार है। ये छोकरी बीच में तो नहीं आएगी ना.. अच्छी तरह समझा देना..
अर्जुन ने बिहारी को भरोसा दिलाया कि निधि नहीं आएगी और उसको कुछ पता भी नहीं लगेगा। आप आराम से अपना काम कर लेना।
बिहारी- ये हुई ना बात.. अभी हम चलता हूँ.. एक घंटा बाद हमार आदमी तोहार को लेने आएगा.. उसके साथ चले जाना, पीछे से मैं तोहार भाभी का अच्छे से ख्याल रख लूँगा।

अब आगे..



बिहारी के जाने के बाद अर्जुन वापस अन्दर गया.. तब तक भाभी निधि को बता चुकी थीं कि इस भले आदमी ने ही हमको यहाँ रहने दिया है।

अर्जुन- निधि तुम उस कमरे में जाओ मुझे भाभी से कुछ जरूरी बात करनी है।
निधि- अरे मेरे सामने कह दो ना..
अर्जुन- तुम्हें भी बता दूँगा.. अब जाओ भी यहाँ से..
निधि मुँह फुला कर दूसरे कमरे में चली गई।

अर्जुन- भाभी अभी बिहारी से मेरी बात हो गई है.. उसको खुश कर देना बस और निधि को मैं समझा दूँगा। वो कमरे में रहेगी! ठीक है ना?
भाभी- अब तुम कहते हो तो ठीक है, मगर निधि को क्या कहोगे?
अर्जुन- वो सब तुम मेरे पर छोड़ दो.. मैं उसको समझा दूँगा।
भाभी को समझा कर अर्जुन निधि के पास गया.. वो गुस्से में थी।

अर्जुन- अरे मेरी बुलबुल.. ऐसे गुस्सा क्यों हो गई.. मैं बताता हूँ ना…
निधि- नहीं मुझे पता है.. अब कुछ और ही बात बताओगे.. अगर बतानी होती तो वहीं बता देते।
अर्जुन- अरे मेरी जान तुम कुछ नहीं समझती.. तेरी भाभी से तेरे सामने ये बात नहीं कर सकता था।
निधि- ऐसी क्या बात है बताओ मुझे..

अर्जुन ने उसको बिहारी की पूरी बात बताई और ये भी समझा दिया.. उसकी भाभी नहीं चाहती कि उसको ये पता लगे इसलिए उनकी चुदाई के वक्त तू यहीं रहना.. बाहर मत जाना.. नहीं वो काला सांड तेरी भी ठुकाई कर देगा। अभी तो उसकी नज़र में तू छोटी बच्ची है.. मगर उसने तेरे पर गौर कर लिया ना.. तो देख लेना.. फिर तुझे उसका काला लौड़ा चूसना पड़ सकता है।
निधि- छी:.. ना बाबा मैं ना चुसूंगी उसका लौड़ा..
अर्जुन- हाँ तो बस.. जब तक मैं आकर आवाज़ ना दूँ.. तू यहाँ से बाहर ना जाना.. समझी ना..

निधि- हाँ समझ गई.. मगर मुझे भाभी की चुदाई देखनी है।
अर्जुन- अरे पागल हो गई क्या.. कैसे देखेगी.. अगर बिहारी की नज़र पड़ गई तेरे पर.. तो जानती है.. क्या होगा?
निधि- वो चिंता तू ना कर.. मैं ये दरवाजे की चाभी का छेद है ना.. इसमें से देख लूँगी..
अर्जुन- अच्छा देख लेना.. और ज़्यादा गर्म हो जाओ.. तो उंगली ना करना.. मैं रात को बड़े प्यार से तेरी चूत की गर्मी निकाल दूँगा।
निधि- ओये होये.. मेरा अर्जुन कैसे निकालेगा.. भाभी भी तो यही होगीं..
अर्जुन- भाभी के सोने के बाद तेरी चुदाई करूँगा मेरी बुलबुल.. और वैसे भी वो काला सांड आज भाभी को चोदकर थका देगा.. जल्दी सो जाएगी वो.. समझी..

अर्जुन बाहर आया और भाभी को समझा दिया कि निधि बाहर नहीं आएगी, अब तुम खुलकर बिहारी के साथ चुदाई करना। उसको खुश कर देना ताकि जब तक यहाँ रहे.. वो हमें कुछ ना कहे।
भाभी- अर्जुन तुम कहते हो तो ठीक है.. मगर यह तो बता सुबह तूने निधि की चुदाई की है क्या?
अर्जुन- हाँ की है ना.. उसकी गाण्ड मारी है.. क्यों क्या हुआ?
भाभी- तुम दोनों को उस कमरे में सोया देख कर मैं समझ गई थी। तू पक्का हरामी है.. चोदे बिना थोड़े ही माना होगा। बेचारी थकी हुई थी और थका दिया उसको..

अर्जुन- अभी कहाँ थकाया है.. रात को देखना.. मैं उसकी चूत का भुर्ता कैसे बनाता हूँ।
भाभी- उसको ही चोदता रहेगा क्या.. मुझे भी तो तेरे लौड़े की आदत है.. मेरे बारे में ज़रा भी नहीं सोचा..
अर्जुन- अरे भाभी.. मेरी जान.. आज तो बिहारी तेरी ठुकाई करेगा। फिर कहाँ तुम्हारे अन्दर मेरे लंबे लौड़े से चुदवाने की ताक़त रहेगी।
भाभी- उसको देख कर लगता तो नहीं.. कि वो मेरी प्यास बुझा पाएगा और पता नहीं उसका कितना बड़ा होगा.. कहीं लुल्ली निकली.. तो मुझे कहाँ मज़ा आएगा।
अर्जुन- अरे नहीं.. उसका जिस्म देख कर लगता है हथियार भी भारी होगा।

भाभी- देख अर्जुन.. अगर उसने मुझे संतुष्ट ना किया.. तो रात को तू मेरे साथ ही सोएगा, निधि को चुपचाप सोने को बोल देना।
अर्जुन- अरे उसको क्यों सोने को बोलूँ? मेरे लौड़े में इतना पॉवर है कि दोनों की ठुकाई एक साथ कर सकता हूँ।
भाभी- नहीं नहीं अर्जुन.. तू जानता है मैं निधि के सामने चुदाई नहीं कर सकती।
अर्जुन- तुम दोनों की अजीब बात है.. दोनों को पता है कि मैं दोनों की चुदाई करता हूँ.. फिर भी सामने चुदवाने से ना कहती हो.. वो भी यही कहती है..
भाभी- देख अर्जुन हमारे बीच ये परदा जो है.. इसको रहने दे.. यही हम सब के लिए सही होगा।

अर्जुन ने ज़्यादा ज़िद नहीं की और भाभी से बातें करता रहा।
करीब 40 मिनट बाद बिहारी का एक आदमी आ गया और अर्जुन उसके साथ वहाँ से चला गया। जाने से पहले वो दोबारा निधि के पास गया और उसको बता गया कि अब थोड़ी देर बाद खेल शुरू होगा, वो बाहर बिल्कुल ना निकले।

अर्जुन के जाने के बाद भाभी बाथरूम में चली गई। उसको पता था बिहारी कभी भी आ सकता है.. इसलिए जो करना है अभी कर ले। उसके बाद तो चुदाई का खेल शुरू हो जाएगा, उसको कहाँ वो काला सांड कहीं जाने देगा।

अर्जुन के जाने के 20 मिनट बाद बिहारी वहाँ आ गया और बिस्तर पर बैठ गया, उसके हाथ में दारू की बोतल थी।
भाभी- आइए मालिक.. बोलिए मैं आपकी क्या सेवा करूँ?
बिहारी- अरे सेवा तो हम करूँगा तोहार, तनिक दो गिलास तो लाओ जानेमन.. पहले कुछ गला गीला कर लें..
भाभी- यहाँ कहाँ गिलास हैं.. पूरा घर खाली पड़ा है?
बिहारी- अरे रसोई में जाओ.. वो दराज में हम रखा हूँ गिलास.. वो प्लास्टिक वाला है न.. वही ले आओ..

भाभी कुछ नहीं बोली और रसोई में चली गई। वहाँ प्लास्टिक के कुछ गिलास रखे हुए थे.. वो एक ले आई।
बिहारी- अरे मेरी जान.. एक काहे ले आई तुम नहीं पिओगी का?
भाभी- नहीं में नहीं पीती.. आप पी लो..

बिहारी ने भाभी को खींच कर अपने पास बैठा लिया और कहा- तुम अपने हाथों से पिलाओ मुझे..

काफ़ी देर तक भाभी उसको शराब पिलाती रही.. और वो शराब के साथ साथ भाभी के मम्मों को दबाता रहा। उसकी चूत को सहलाता रहा। भाभी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी। वो भी उसके लौड़े को टटोल कर देखने लगी कि कितना बड़ा है। इसी तरह शराब का दौर ख़त्म हो गया और बिहारी ने भाभी को नंगा करना शुरू कर दिया।

भाभी पहले तो थोड़ी शरमाई.. मगर नंगी होने के बाद खुलकर बिहारी का साथ देने लगी।
उधर निधि आराम से सारा खेल देख रही थी।

भाभी- मुझे तो नंगा कर दिया। अब अपने भी कपड़े निकालो.. मुझे भी तो अपना लंड दिखाओ.. कैसा है?
बिहारी- कपड़े के ऊपर से अंदाज़ा नहीं ना लगाया तुमने.. तो ले खोल के दिखा देता हूँ तेरे को..

बिहारी नंगा हो गया उसका 8″ का काला लंड देख कर भाभी के मुँह में पानी आ गया.. क्योंकि वो काफ़ी मोटा था और भाभी जानती थी कि ये चूत में जाएगा तो मज़ा खूब आएगा।

बिहारी- ये लो रानी देख लो ये है हमार लौड़ा.. अब तनिक तोहार चूचियां हमको चूसने दो.. बड़ा मान बेचैन है हमार..
भाभी बिस्तर पर लेट गई और इशारे से बिहारी को अपने पास बुलाया। बिहारी ने भाभी को बाँहों में ले लिया और उसके निप्पल चूसने लगा।

काफ़ी देर तक बिहारी कभी होंठ चूसता.. कभी उसके मम्मों का मज़ा लेता.. वो एकदम गर्म हो गया और भाभी की चूत भी फुदकने लगी थी, अब कहाँ बर्दाश्त होने वाला था, बिहारी ने अपना मोटा लंड चूत पर रखा और जोरदार झटका मारा, एक ही बार में 8″ का लौड़ा चूत में घुसा दिया।

भाभी- आईई.. मर गई रे.. आराम से डालते.. आह्ह.. आपका लौड़ा बहुत मोटा है आह्ह.. मेरी जान निकाल दी..
बिहारी- हमार तरीका ऐसन ही है.. एक ही बार में पूरा लौड़ा ठोक कर घुसेड़ देते हैं। अब तोहार को काहे का दर्द हो रहा है.. तुम तो हमका बहुत लौड़े खाई हुई लगती हो..


भाभी कुछ नहीं बोली और बस मुस्कुरा दी। बिहारी के मुँह से शराब की बदबू आ रही थी.. मगर भाभी को इसकी आदत थी। उसका पति भी तो शराबी ही था।
अब चुदाई का खेल शुरू हो गया, बिहारी कस-कस के शॉट लगा रहा था और भाभी गाण्ड उठा-उठा कर उसका साथ दे रही थीं।

अन्दर निधि ये सब देख कर गर्म हो रही थी। उसकी चूत में पानी आने लगा था वो अपने हाथ से चूत को दबा कर बैठी थी।

भाभी की चूत को ठंडा करने के बाद बिहारी ने अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया और उसको घोड़ी बना कर फिर से चोदने लगा।
भाभी- आह्ह.. छोड़ो.. आह्ह.. तुम्हारा इतना मोटा लंड लेने में मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. ज़ोर से करो आह्ह…

भाभी की ‘आहें’ बिहारी को और जोश दिलाने लगीं, वो उसकी कमर को पकड़ कर स्पीड से चोदने लगा।
भाभी दोबारा उत्तेजित हो गई थीं.. वो भी गाण्ड को पीछे करके झटके देने लगी।

करीब 20 मिनट बाद दोनों एक साथ झड़ गए, बिहारी का पूरा माल भाभी की चूत में भर गया, अब दोनों शान्त होकर लेट गए थे।
My threads:- Kuch Nahi Tere Bin || लवली फ़ोन सेक्स || Meri Behnen Meri Jindagi || "neha sexy" Ki Sexy Kahaniyan (Pyari Mausi) || ये गलत है (भाई-बहन का प्यार) || बॉलीवुड हीरोइनों की सेक्स स्टोरीज
 •
      Website Find
Reply


honey boy Offline
Verified Member Male
****
Verified MemberBest Avatar
Joined: 09 Apr 2016
Reputation: 52


Posts: 13,080
Threads: 151

Likes Got: 6,385
Likes Given: 1,867


db Rs: Rs 240.75
#76
29-04-2018, 01:49 PM
अपडेट  ६३

अब तक आपने पढ़ा..

भाभी की चूत को ठंडा करने के बाद बिहारी ने अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया और उसको घोड़ी बना कर फिर से चोदने लगा।
भाभी- आह्ह.. छोड़ो.. आह्ह.. तुम्हारा इतना मोटा लंड लेने में मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. ज़ोर से करो आह्ह…
भाभी की ‘आहें’ बिहारी को और जोश दिलाने लगीं। वो उसकी कमर को पकड़ कर स्पीड से चोदने लगा। भाभी दोबारा उत्तेजित हो गई थीं.. वो भी गाण्ड को पीछे करके झटके देने लगी।
करीब 20 मिनट बाद दोनों एक साथ झड़ गए। बिहारी का पूरा माल भाभी की चूत में भर गया। अब दोनों शान्त होकर लेट गए थे।

अब आगे..



बिहारी- बहुत मजेदार चूत है तोहार.. मज़ा आ गया… हम तुमको घोड़ी बनाया ओ वक्त गाण्ड पर गौर किया.. तोहार गाण्ड भी गजब है.. इसको ठोकने में भी दुगुना मज़ा आएगा.. साली इस बार हम गाण्ड ही मारूँगा।
भाभी- उफ.. तुम्हारे जैसा हट्टा-कट्टा मर्द बोले.. तो ना कहने का सवाल ही नहीं होता। मेरी चूत की आग तो मिट गई है अबकी बार गाण्ड की खुजली भी मिटा देना।

दोनों काफ़ी देर तक बातें करते रहे, इस दौरान बिहारी कभी भाभी के होंठ चूमता.. तो कभी उसके मम्मों का मज़ा लेता रहा।


अन्दर निधि बहुत ज़्यादा गर्म हो गई थी उसका बड़ा मन किया कि उंगली डालकर अपनी आग शान्त कर ले.. मगर फिर उसने सोचा कि ये आग और भड़कने देती हूँ.. ताकि रात को अर्जुन से चुदाई का मज़ा आ जाए।
निधि ने बड़ी मुश्किल से अपने आपको कंट्रोल किया। उसको एक आइडिया आया वो अन्दर के बाथरूम में गई.. और पेशाब करने बैठ गई ताकि उसकी तड़प कुछ तो कम हो जाए।

उधर अर्जुन को वो आदमी एक गाड़ी में किसी सुनसान जगह ले गया… जहाँ पहले से एक गाड़ी खड़ी हुई थी। उसमें से कुछ लकड़ी के बॉक्स अर्जुन और इस आदमी ने अपनी गाड़ी में रखे और वापस घर की तरफ़ चल दिए।

इधर बिहारी का लौड़ा अब दोबारा खड़ा होने लगा था।
बिहारी- हमार आदमी के साथ तोहार अर्जुन आता ही होगा। जल्दी से तोहार नर्म होंठ में हमार लौड़ा ले लो.. ताकि ये पूरा खड़ा हो जाए और हम तोहार गाण्ड का सवाद भी चख लें..

भाभी अब पूरी मस्ती में आ गई थीं। ऐसे तो उसका मन वो काला लंड चूसने का नहीं था मगर उसकी ऐसी मस्त चुदाई करने वाला लौड़ा अब उसको पसंद आ गया था, उसने जल्दी से लौड़े को चूसना शुरू कर दिया और बिहारी मज़े में आँख बन्द करके लेट गया।

कुछ ही देर में उसका लौड़ा एकदम लोहे जैसा सख़्त हो गया.. तो बिहारी ने भाभी को घोड़ी बनाया और ‘घप’ से लौड़ा उसकी गाण्ड में घुसा दिया।
वो बस सिसक कर रह गई।

करीब 20 मिनट तक बिहारी एक सांस उसको चोदता रहा। उसको पता था अर्जुन किसी भी पल आ सकता है इसलिए वो जल्दी अपना माल निकाल देना चाहता था और उसने ऐसा ही किया, अपनी उतेजना बढ़ा कर वो भाभी की गाण्ड में झड़ गया।

पानी निकलने के बाद बिहारी ने जल्दी से कपड़े पहने और भाभी को कहा- तुम भी कपड़े पहन लो.. वो बस आते ही होंगे।
साथ-साथ ये भी कह दिया कि अगली बार फ़ुर्सत में आएगा.. तो भाभी के साथ पूरी रात मज़ा करेगा।

भाभी ने भी कपड़े पहन लिए और दोनों बातें करने लगे।
लगभग 5 मिनट बाद अर्जुन उस आदमी के साथ वहाँ लकड़ी के बॉक्स लेकर आ गया।
भाभी- अरे आ गए तुम.. ये सामान किसका है.. इसमें क्या है?

बिहारी- हमने बताया था ना.. ये हमार कुछ जरूरी सामान है.. इसको छेड़ना भी मत.. उस कमरे में आराम से रख दो। हम कल आकर ले जाऊँगा इसको..

निधि ने भाभी की गाण्ड मराई भी देख ली थी। अब वो बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गई थी। उसकी आँखें एकदम लाल सुर्ख हो गई थीं। अर्जुन के आने के बाद वो बिस्तर पर जाकर बैठ गई। उसको पता था अब ये सामान इस कमरे में लेकर आएँगे, उसने सारी बात सुन ली थी।

जैसे ही अर्जुन और वो आदमी उस कमरे में सामान लेकर आए.. उनके पीछे बिहारी भी अन्दर आ गया और सामान को एक कोने में रखवाने लगा।
तभी बिहारी की नज़र निधि पर गई, उसने बड़े गौर से उसको देखा और मुस्कुरा के वहाँ से निकल गया।

कुछ देर वो अर्जुन को समझाता रहा कि इस सामान को छेड़ना मत.. कल वो आकर इसे ले जाएगा और अपने आदमी के साथ वहाँ से निकल गया।

उन लोगों के जाते ही निधि भी बाहर आ गई और भाभी के पास बैठ गई। वो ऐसे बर्ताव कर रही थी कि जैसे अर्जुन के आने के बाद अभी नींद से जागी हो।
भाभी- अरे निधि तू सो गई थी क्या?
निधि- हाँ भाभी आँख लग गई थी। जब अर्जुन कमरे में आया तो आँख खुल गई। ये आदमी बहुत अच्छा है अपना सामान भी कोने में रखा.. ताकि हमको कोई परेशानी ना हो।

भाभी- हाँ सही कहा तूने.. अच्छा अर्जुन अब मेरी बाहर जाने की हिम्मत नहीं है। थोड़ा बुखार सा लग रहा है.. तुम खाना यहीं ले आओ ना.. बहुत जोरों की भूख लगी है।
अर्जुन- अरे हाँ क्यों नहीं भाभी.. आप कब से ‘मेहनत’ जो कर रही हो।

अर्जुन ने यह बात भाभी की तरफ़ आँख मारते हुए कही थी।
निधि- कैसी मेहनत भाभी..?
भाभी- अरे कुछ नहीं.. इसकी तो आदत है.. कुछ भी बोल देता है..

निधि मन ही मन मुस्कुराई कि आप कितना भी बहाना बनाओ.. मैंने सब देख लिया है कि कैसे बिहारी ने आपको उलट-पुलट करके चोदा है। अब भूख तो लगेगी ही।
अर्जुन भी मुस्कुराता हुआ वहाँ से बाहर निकल गया।

निधि कुछ कहना चाहती थी.. मगर उसको पता था इस वक्त अर्जुन उसकी वासना नहीं मिटा पाएगा.. क्योंकि भाभी को खाना खिलाने के बाद ही कुछ हो पाएगा। तो वो अपने मन की बात मन में लेकर वहीं बैठी रही।

दोस्तो, अर्जुन वापस आए.. तब तक पायल के पास चलते हैं। अब तक तो उनका घूमना-फिरना हो गया होगा।

वहाँ उन लोगों ने बहुत मस्ती की.. पायल को थोड़ी घबराहट हुई तो रॉनी ने उसको नींबू पानी पिला दिया.. जिससे उसका नशा उतर गया। दरअसल उस दवा की काट यही है। अब इत्तफाक से ही सही.. मगर पायल का नशा उतर गया था। वो ज़्यादा खुल कर मज़े लेने लगी थी।
वहाँ चाट खाना.. डांसिंग कार में बैठना.. सब कुछ एंजाय किया उसने और शाम को थक हार कर वो तीनों घर आ गए..

काका ने बताया कि अनुराधा जी दो दिन तक घर नहीं आएंगी। कोई बहुत बड़े बाबाजी आए हैं.. तो त्यागी जी के घर सत्संग में रहेगीं। वहीं सबके खाने-पीने और रहने का बंदोबस्त किया है।

पुनीत ने यह सुनकर मन ही मन कहा कि पायल अब घर में बड़ा कोई नहीं है, अब मैं तेरी गाण्ड को बड़े आराम से मारूँगा। मैं बहुत चोदूंगा तेरे को.. आह्ह.. मज़ा आ जाएगा..

रॉनी- काका मैं बहुत थक गया हूँ प्लीज़ मुझे परेशान मत करना.. रात को खाने के लिए अगर मैं ना आऊँ तो बुलाना मत… मैं अपने आप आ जाऊँगा। अभी थोड़ा सोना चाहता हूँ मैं.. सर भी दर्द कर रहा है।
काका- आप कहो तो कोई दवा ले आऊँ.. आपके लिए बेटा जी?
रॉनी- अरे नहीं नहीं काका.. सुबह से घूमना-फिरना कुछ ज्यादा हो गया ना.. तो थकान सी हो गई है। आराम करूँगा तो अपने आप ठीक हो जाऊँगा।

काका- बेटा वो एसी वाला भी आया था.. लगाकर चला गया है। उसने कहा है कि कल उसकी माँ बीमार हो गई थी.. इसलिए नहीं आ पाया.. उसने माफी भी माँगी है।
पुनीत- तभी मैं सोचूँ कि वो ऐसा तो नहीं कर सकता.. कुछ ना कुछ बात तो जरूर हुई होगी। चलो अब अच्छा है.. पायल तुम आज रात आराम से अपने कमरे में सो पाओगी।

पायल- हाँ भाई.. सही कहा आपने आज अकेली सुकून से सोऊँगी और आप भी मेरी वजह से परेशान नहीं होंगे।
पुनीत- अरे मुझे क्या परेशानी हुई है.. तुम भी कैसी बात करती हो। चलो तुम जाकर चेंज कर लो.. मैं भी चेंज करके थोड़ी देर में तुम्हारे कमरे में आता हूँ।
पायल- क्यों.. आप मेरे कमरे में क्यों आ रहे हो?
पुनीत- अरे एसी चैक करने आऊँगा ना.. बराबर काम कर रहा है या नहीं..
पायल मुस्कुराती हुई बोली- अब चैक क्या करना.. उसने ठीक किया है तभी लगा कर गया है.. हाँ.. आपको देखना है तो आ जाना.. मुझे आपके आने से कोई दिक्कत नहीं है..

इतना कहकर पायल अपने कमरे में चली गई और पुनीत अपने कमरे में घुस गया।
My threads:- Kuch Nahi Tere Bin || लवली फ़ोन सेक्स || Meri Behnen Meri Jindagi || "neha sexy" Ki Sexy Kahaniyan (Pyari Mausi) || ये गलत है (भाई-बहन का प्यार) || बॉलीवुड हीरोइनों की सेक्स स्टोरीज
 •
      Website Find
Reply


honey boy Offline
Verified Member Male
****
Verified MemberBest Avatar
Joined: 09 Apr 2016
Reputation: 52


Posts: 13,080
Threads: 151

Likes Got: 6,385
Likes Given: 1,867


db Rs: Rs 240.75
#77
29-04-2018, 02:06 PM (This post was last modified: 01-05-2018, 01:44 PM by honey boy.)
अपडेट  ६४

अब तक आपने पढ़ा..

काका- बेटा वो ए सी वाला भी आया था.. लगाकर चला गया है। उसने कहा है कि कल उसकी माँ बीमार हो गई थी.. इसलिए नहीं आ पाया.. उसने माफी भी माँगी है।
पुनीत- तभी मैं सोचूँ कि वो ऐसा तो नहीं कर सकता.. कुछ ना कुछ बात तो जरूर हुई होगी। चलो अब अच्छा है.. पायल तुम आज रात आराम से अपने कमरे में सो पाओगी।

पायल- हाँ भाई.. सही कहा आपने आज अकेली सुकून से सोऊँगी और आप भी मेरी वजह से परेशान नहीं होंगे।
पुनीत- अरे मुझे क्या परेशानी हुई है.. तुम भी कैसी बात करती हो? चलो तुम जाकर चेंज कर लो.. मैं भी चेंज करके थोड़ी देर में तुम्हारे कमरे में आता हूँ।
पायल- क्यों.. आप मेरे कमरे में क्यों आ रहे हो?
पुनीत- अरे एसी चैक करने आऊँगा ना.. बराबर काम कर रहा है या नहीं..

पायल मुस्कुराती हुई बोली- अब चैक क्या करना.. उसने ठीक किया है तभी लगा कर गया है.. हाँ.. आपको देखना है तो आ जाना.. मुझे आपके आने से कोई दिक्कत नहीं है..
इतना कहकर पायल अपने कमरे में चली गई और पुनीत अपने कमरे में घुस गया।



अब आगे..



पायल और पुनीत अब चेंज करने चले गए हैं तो यहाँ से वापस आपको बिहारी के पास लेकर चलती हूँ.. वहाँ एक नया ट्विस्ट आपका इन्तजार कर रहा है या यूँ कहो कि एक पुराना राज खुलने वाला है।

भाभी की मस्त चुदाई करने के बाद बिहारी बहुत खुश हो गया था.. उसने सन्नी को फ़ोन किया और बता दिया कि सारा माल यहाँ रख दिया है।
तो सन्नी ने कहा- तुम वहीं रूको.. मैं कुछ देर में वहीं आता हूँ।
बिहारी वहीं बिल्डिंग के नीचे खड़ा होकर सन्नी का इन्तजार करने लगा.. उसका आदमी वहाँ से चला गया था।

अर्जुन नीचे आया तो उसने बिहारी को वहाँ देखा.. तो उसके पास चला गया।
अर्जुन- क्या हुआ बिहारी जी.. यहाँ क्यों खड़े हो गए.. आपका भाभी से मन नहीं भरा क्या?
बिहारी- अरे हम तो हमार काम से हियाँ खड़ा हूँ.. मगर सच कहूँ तोहार भौजी एकदम मल्लिका सेरावत जैसन वा.. मज़ा आ गया साली को चोदने में.. उसकी चूत और गाण्ड ऐसी कसी हुई है.. कि बस चोदते रहो.. चोदते रहो.. मन ही नहीं भरता.. कभी भी..

अर्जुन- अच्छा इतनी पसन्द आ गई आपको.. तो कल फिर आ जाना.. किसने रोका है.. बस हमारे भाई जी ठीक हो जाएं.. तब तक हमें यहाँ रहने देना और कुछ मदद कर सको.. तो आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
बिहारी- अरे तुम चिंता काहे करता है.. हम हूँ ना.. जब तक चाहो.. यहाँ रहो और हम कल आऊँगा ना.. तो कुछ माल भी दे दूँगा.. तुम लोग आराम से खाओ-पियो.. मज़ा करो।
अर्जुन- बहुत मेहरबानी जी आपकी..

बिहारी- अभी कहाँ जा रहे हो तुम..?
अर्जुन- यहाँ खाना बनाने का तो कुछ है नहीं.. तो बाहर से ही लाते हैं बस वो सामने वाले होटल से खाना लाने जा रहा हूँ।
बिहारी- अरे उस साला छोड़ के पास काहे खाना लाते हो.. वो हरामी यहाँ हॉस्पिटल में आए लोगों को लूटने बैठा है.. तुम ऐसा करो.. वो सामने की गली से जाओ.. सीधे जाकर बाएँ मुड़ जाना.. उसके बाद दो बिल्डिंग के आगे एक मस्त होटल है.. वहाँ से खाना ले आओ और हाँ उसको पैसा मत देना.. बस कह देना बिहारी ने भेजा है.. जो पसन्द आए ले आना..
अर्जुन- जी बहुत अच्छा.. मैं कह दूँगा उसको.. अच्छा अब मैं जाता हूँ।

अर्जुन खुश होकर वहाँ से चला गया। अब खाना भी फ्री में मिलने वाला है और कल कुछ पैसे भी मिल जाएँगे.. तो मज़ा ही मज़ा है।
अर्जुन के जाते ही सन्नी वहाँ आ गया उसने दूर से उसको बिहारी से बात करते हुए देखा था, अब सन्नी को उसकी जाते हुए की पीठ दिखाई दी।

बिहारी- अरे आओ सन्नी महाराज.. अब तो आपको कोई शिकायत नहीं है ना.. आपका माल सही सलामत रख दिया हूँ।
सन्नी- क्या बात है.. आज बड़े खुश दिखाई दे रहे हो.. और वो लड़का कौन था.. जिससे बातें कर रहे थे।
बिहारी- अरे अब तुमो का बताऊँ भाई.. आज तो रात होने के पहले ही मूड बन गया.. साली क्या मस्त माल थी.. चोदने में मज़ा आ गया।
सन्नी- अरे ये कोई वक्त है चुदाई का.. कौन मिल गई तुझे इतनी जल्दी?
बिहारी- अरे वो लड़का गया है ना.. उसकी भाभी को चोदा है.. अब अपने फ्लैट में है.. तो कभी भी चोद लो.. क्या फ़र्क पड़ता है।
सन्नी- अपने फ्लैट में.. कहाँ?

बिहारी ने शुरू से अब तक की सारी बात सन्नी को बताई तो सन्नी गुस्सा हो गया कि यहाँ हमारा माल रखने के लिए ये जगह मैडम ने दी है तुम यहाँ अय्याशी कर रहे हो।

बिहारी- अरे इतना भड़कता काहे हो.. उन लोगन को हमार माल के बारे में कुछ पता नहीं है.. बेचारे वो तो बीमार के साथ आए हैं।
सन्नी- हाँ ठीक है.. ठीक है.. तेरा नसीब अच्छा है.. तुझे कहीं ना कहीं से जुगाड़ मिल ही जाता है.. वैसे ये भाभी में क्या रखा है.. कोई कच्ची कली हो.. तो बात भी बने..
बिहारी- अरे मौके पर जो मिले.. वही अच्छा होता है.. वैसे उनके साथ एक कच्ची कली भी है.. मगर छोटी है.. नहीं तो उसका भी काम तमाम कर देता मैं.. वैसे उसकी आँखों में मैंने एक नशा देखा है.. जरूर ससुर की नातिन ने मुझे उसकी भाभी को चोदते हुए देख लिया होगा.. कल ट्राइ करूँगा साली को.. आजमा के देखूँगा..

सन्नी- क्या बात करता है.. कली है.. और चुदाई भी देखी है.. तो जरूर अभी तक गर्म होगी.. चल ऊपर जाकर उस कली को छूकर देखते हैं कितनी गर्मी है उसके अन्दर.. वैसे भी बहुत दिन से कोई अच्छा माल नहीं मिला..
बिहारी- अरे इसमें सोचने जैसी का बात है.. चलो अभी दिखा देते हैं।

वो दोनों फ्लैट में ऊपर चले गए.. भाभी तो थकी हुई थीं.. तो निधि ने ही दरवाजा खोला.. जिसे देख कर सन्नी के मुँह में पानी आ गया।
निधि बिहारी को देख कर एक तरफ़ हट गई.. वो दोनों अन्दर चले आए।
भाभी आराम से लेटी हुई थीं.. उनको देख कर जल्दी से बैठ गईं।

बिहारी- अरे लेटो.. लेटो.. कोई बात नहीं है.. ये हमारा दोस्त है.. जो सामान हम इहाँ रखा हूँ ना.. ये बस उको देखने आए हैं आप काहे तकलीफ़ करती हो.. आ बछिया.. तोहार कमरे में जो हम सामान रखवाया हूँ ना.. वो साहेब को दिखा लाओ.. जाओ..।

बिहारी ने ये बात सन्नी की तरफ़ आँख मारते हुए कही थी। सन्नी भी समझ गया कि बिहारी उसको निधि के साथ अकेला क्यों भेज रहा है.. ताकि वो चैक कर सके कि लोहा अभी भी गर्म है या नहीं.. अगर है तो हथौड़ा मार देना चाहिए।
निधि- आइए बाबूजी.. मैं दिखा देती हूँ आपको.. वो अन्दर कोने में पड़ा है आपका सब सामान..

निधि आगे-आगे और सन्नी उसके पीछे उसकी गाण्ड को घूरता हुआ कमरे में चला गया।

बिहारी- का हाल है आपका.. मज़ा आया कि नहीं चुदाई में?
भाभी- क्या बात करते हो आप.. ऐसा मज़ा आया कि मैं बता नहीं सकती..

बिहारी इधर-उधर की बातों में भाभी को उलझाए हुए था.. उधर कमरे में जाकर सन्नी ने निधि को फंसाने के लिए अपना जाल फेंका।
निधि- ये रहा आपका सब सामान।
सन्नी- हाँ वो तो ठीक है.. मुझे तुमसे कुछ पूछना है.. सही-सही जवाब दोगी ना?
निधि- हाँ बाबूजी.. पूछो क्या पूछना है.. मैं सब सही ही बताऊँगी।

सन्नी- ये जो बाहर मेरा दोस्त बैठा है ना.. ये थोड़ा रंगीन मिज़ाज का है। ये आज कब से यहाँ है और क्या-क्या किया इसने यहाँ?

निधि ने सन्नी को शाम की बात बताई कि कैसे ये आया और अर्जुन को अपने आदमी के साथ भेजा.. उसके बाद से ये यहीं है.. भाभी से बातें कर रहा था।
सन्नी- ये अर्जुन नाम कहीं सुना हुआ सा लगता है.. चल जाने दो। ये जब भाभी के पास था.. तुम यहाँ क्या कर रही थी?
निधि- मैं तो यहाँ सो रही थी।

सन्नी- देखो सच-सच बताओ ये मेरा दोस्त ठीक आदमी नहीं है.. अकेली औरत देख कर इसके मन में गंदे विचार आते हैं। इसने जरूर कुछ ना कुछ तो किया ही होगा।
सन्नी ये बात बोलते वक्त निधि को घूर रहा था और उसकी हालत देखकर वो समझ गया कि इससे बात उगलवाना आसान है.. क्योंकि निधि थोड़ी घबरा गई थी।
निधि- न..नहीं.. तो.. ऐसा तो उसने कुछ नहीं किया.. वो बस बैठ कर भाभी से बातें कर रहा था।
सन्नी- तुम झूठ मत बोलो.. तुम सोई नहीं थी.. मुझे पता है तुमने जरूर कुछ देखा है.. सच बता दो.. नहीं कल से यहाँ रहने नहीं दूँगा।

निधि घबरा गई कि इसको जरूर पता लग गया है.. कि यहाँ क्या हुआ था। अब बात छुपा कर कोई फायदा नहीं है।
निधि- आ..आप उनको मेरा नाम ना बताना.. मैं आपको सब बता देती हूँ।

सन्नी तो यही चाहता था.. चिड़िया जाल में फँस गई थी। उसने बड़े प्यार से निधि को विश्वास दिलाया कि वो बस पूछ रहा है.. किसी को कुछ नहीं बताएगा।

निधि- व्व..वो आपके दोस्त मेरी भाभी के साथ कर रहे थे.. मैंने चाबी के छेद से सब देख लिया था। मैं डर गई थी तो चुपचाप सो गई।
सन्नी- अच्छा क्या कर रहे थे दोनों.. मुझे खुलकर बता.?

अब निधि एक अनजान आदमी के सामने कैसे सब साफ-साफ बता देती कि उसकी भाभी को वो चोद रहा था और वो देखकर मज़ा ले रही थी।
निधि- व्व..वो मुझे शर्म आती है.. सब बताने में.. बस वो बिना कपड़ों के एक-दूसरे से चिपके हुए थे। मैंने इतना ही देखा और सो गई..
सन्नी- अच्छा शर्म आती है.. और तुमने कुछ नहीं देखा.. ये बातें किसी और को बताना.. तुमने दोनों की चुदाई बड़े आराम से देखी है और शायद मज़ा भी लिया है।
निधि- नहीं नहीं.. बाबूजी ये गलत है.. मैंने कुछ नहीं देखा और ये चुदाई क्या होती है.. मुझे इसके बारे में कुछ पता नहीं है।

निधि एकदम अनजान बनने की नाकाम कोशिश कर रही थी.. मगर सन्नी जैसे चालाक आदमी से वो जीत थोड़े ही सकती थी। वो ठहरा एक नंबर का कमीना आदमी.. उसकी आँखों में वासना साफ दिखाई दे रही थी।
निधि की बात सुनकर उसने निधि का हाथ पकड़ा सीधे उसके मम्मों पर हाथ रख दिया।
My threads:- Kuch Nahi Tere Bin || लवली फ़ोन सेक्स || Meri Behnen Meri Jindagi || "neha sexy" Ki Sexy Kahaniyan (Pyari Mausi) || ये गलत है (भाई-बहन का प्यार) || बॉलीवुड हीरोइनों की सेक्स स्टोरीज
 •
      Website Find
Reply


rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#78
30-04-2018, 10:17 PM
Thanks for the update .........
[Image: 52.gif]
 •
      Website Find
Reply


honey boy Offline
Verified Member Male
****
Verified MemberBest Avatar
Joined: 09 Apr 2016
Reputation: 52


Posts: 13,080
Threads: 151

Likes Got: 6,385
Likes Given: 1,867


db Rs: Rs 240.75
#79
01-05-2018, 01:43 PM
(30-04-2018, 10:17 PM)rajbr1981 : Thanks for the update .........

Thankyou keep supporting....
My threads:- Kuch Nahi Tere Bin || लवली फ़ोन सेक्स || Meri Behnen Meri Jindagi || "neha sexy" Ki Sexy Kahaniyan (Pyari Mausi) || ये गलत है (भाई-बहन का प्यार) || बॉलीवुड हीरोइनों की सेक्स स्टोरीज
 •
      Website Find
Reply


honey boy Offline
Verified Member Male
****
Verified MemberBest Avatar
Joined: 09 Apr 2016
Reputation: 52


Posts: 13,080
Threads: 151

Likes Got: 6,385
Likes Given: 1,867


db Rs: Rs 240.75
#80
01-05-2018, 01:47 PM
अपडेट  ६५

अब तक आपने पढ़ा..

सन्नी- अच्छा.. तुम्हें शर्म आती है.. और तुमने कुछ नहीं देखा.. ये बातें किसी और को बताना.. तुमने दोनों की चुदाई बड़े आराम से देखी है और शायद मज़ा भी लिया है।
निधि- नहीं नहीं.. बाबूजी ये गलत है.. मैंने कुछ नहीं देखा और ये चुदाई क्या होती है.. मुझे इसके बारे में कुछ पता नहीं है।

निधि एकदम अनजान बनने की नाकाम कोशिश कर रही थी.. मगर सन्नी जैसे चालाक आदमी से वो जीत थोड़े ही सकती थी। वो ठहरा एक नंबर का कमीना आदमी.. उसकी आँखों में वासना साफ दिखाई दे रही थी। निधि की बात सुनकर उसने निधि का हाथ पकड़ा सीधे उसके मम्मों पर हाथ रख दिया।

अब आगे..



सन्नी- अच्छा अगर तुम कुछ नहीं जानती.. तो तुम्हारी धड़कन इतनी तेज कैसे चल रही है।
निधि- बाबूजी आप ये क्या कर रहे हो.. अपना हाथ हटाओ यहाँ से.. मुझे अजीब सा लग रहा है।
सन्नी- ओ लड़की.. अब ज़्यादा नाटक मत कर.. सही-सही बता दे.. नहीं अभी का अभी धक्के मार कर यहाँ से निकाल दूँगा सबको..

सन्नी का गुस्सा देख कर निधि डर गई और तोते की तरह एक ही बार में सारी दास्तान उसको सुना दी।
सन्नी- वाह.. ये हुई ना बात.. अच्छा तुझे वो सब देख कर मज़ा आया ना..
निधि ने शर्माते हुए ‘हाँ’ में सर हिला दिया.. तो सन्नी का हौसला और ज़्यादा बढ़ गया।
सन्नी- अच्छा.. मेरे पास बैठ सिर्फ़ देखकर ही मज़ा लेगी क्या.. कभी खुद भी करके देख.. दुगुना मज़ा मिलेगा तुझे..

निधि ने शर्माते हुए कहा- मुझे ये मज़ा बहुत अच्छा लगता है.. मैंने बहुत बार मज़ा लिया है..
सन्नी- अरे तेरी की.. साली दिखने में तो तू छोटी सी बच्ची लगती है.. और लण्ड खा चुकी है.. तब तो ठीक है.. मैं तो सोच रहा था मेरा लौड़ा तू कैसे ले पाएगी। चल आज नए लौड़े का सवाद चख कर देख.. कितना मज़ा मिलेगा तुझे..

निधि- कैसी बात करते हो बाबूजी.. भाभी बाहर हैं और कुछ देर में अर्जुन भी आता ही होगा।
सन्नी- अरे भाभी तो चुदवा कर मज़ा ले चुकी है.. उसकी परवाह तू मत कर.. और अर्जुन का बंदोबस्त भी मैं कर दूँगा। वो इतनी जल्दी आने वाला नहीं है।

इतना कहने के साथ ही सन्नी ने निधि को अपनी बाँहों में भर लिया और उसके नर्म होंठों को चूसने लगा।
निधि तो पहले से ही फुल गर्म थी.. वो सन्नी का विरोध कैसे करती। उसने अपने आपको ढीला छोड़ दिया और सन्नी का साथ देने लगी।

उधर बाहर भाभी को अहसास हुआ कि निधि सामान दिखाने गई थी.. कितनी देर हो गई.. अब तक आई क्यों नहीं.. तो उसने बिहारी से कहा- आपके दोस्त को गए बहुत देर हो गई है।
बिहारी- आप काहे चिंता करती हैं हमार दोस्त अच्छे से सब सामान देख रहा होगा.. हम बैठा हूँ ना यहाँ आपके पास.. हमसे बतियाय लो।

भाभी को शक हुआ कि कहीं वो निधि के साथ कुछ कर ना ले.. मगर फिर उसने सोचा वो कौन सी कुँवारी है.. अगर करता है तो करे.. उसको तो बिहारी ने सुकून दे ही दिया है।

दो मिनट के लंबे किस के बाद सन्नी अलग हुआ और निधि को बिस्तर पर उठा कर पटक दिया।
निधि- बाबूजी आप तो बहुत बेसबरे हो.. पहले भाभी और अर्जुन को तो देख लो..
सन्नी- तू बस दो मिनट रुक.. मैं अभी उनका इंतजाम करके आता हूँ।

सन्नी बाहर गया तो भाभी बस उसको देखने लगी और बिहारी जल्दी से उठकर सन्नी के पास गया। सन्नी ने बिहारी को समझा दिया कि उसको क्या करना है।

बिहारी के चेहरे पर चमक आ गई.. उसने कहा- तुम मज़ा करो बाकी मैं संभाल लूँगा।
सन्नी वापस अन्दर चला गया और बिहारी भाभी के पास आकर बैठ गया।
भाभी- क्या हुआ बिहारी जी.. क्या कहा आपके दोस्त ने आपसे?

बिहारी- तनिक सब्र तो करो मेरी जान.. बता दूँगा पहले एक फुनवा तो कर लूँ.. नहीं तो तोहार लाड़ला देवर वहाँ से खाना लेकर निकल जाएगा।

बिहारी ने एक फ़ोन किया और कहा- एक लड़का खाना लेने आएगा.. उसके नाम से उसको आराम से बैठा के रखना.. कम से कम आधा घंटा बाद ही उसको उसकी पसन्द का खाना देना.. समझ गए?

भाभी- यह अपने क्या किया.. अर्जुन को क्यों रोक दिया वहाँ?
बिहारी- इतनी भी भोली ना बनो मेरी जान.. हमार दोस्त का दिल तोहार ननदिया पर आ गया है। अब ऊ उसको चुदाई का खेल सिखाएगा।
भाभी- ये क्या बोल रहे हो आप.. वो अभी छोटी है.. भगवान के लिए ऐसा मत करो.. कहीं कुछ हो गया तो?

बिहारी हँसने लगा और भाभी के बाल पकड़ कर ज़ोर से खींच दिए।
बिहारी- अरे मेरी जान.. ऊ कोई नया खिलाड़ी नहीं है.. जो कछु हो जाएगा.. ऊ तो बहुत बड़ा खिलाड़ी है चूतों का.. अब ज़्यादा नाटक मत कर.. वो अन्दर मज़ा ले.. तब तक मेरा लौड़ा चूस कर मज़ा दे हमको.. ले चूस हमार लवड़ा..

भाभी ने थोड़ी देर ज़िद बहस की.. उसके बाद मान गई।
वैसे भी उसके मन में ये बात आई कि अर्जुन का लौड़ा जब निधि खा गई.. तो यह शहरी छोकरा उसका क्या बिगाड़ देगा। बस यही सोचकर वो बिहारी के लण्ड को चूसने लगी।

उधर सन्नी वापस अन्दर गया.. तो निधि बिस्तर पर बैठी हुई उसका इन्तजार कर रही थी, वो पहले ही गर्म थी और कुछ उसको सन्नी ने गर्म कर दिया था।

निधि- क्या हुआ बाबूजी.. कहाँ गए थे आप.. और भाभी कहाँ है?
सन्नी- अरे मेरी रानी.. सब ठीक हो गया। तेरा वो अर्जुन अब देरी से आएगा और तेरी भाभी तो शुरू हो गई बिहारी के साथ.. अब बस में तेरी चूत का मज़ा लूँगा। उफ़फ्फ़ साली तेरी चूत के बारे में सोच कर ही मेरा लौड़ा फनफ़ना गया।

निधि के गाल शर्म से लाल हो गए थे। वो मुस्कुराने लगी.. तो सन्नी उसके पास गया और उसको चूमने लगा।
कुछ ही देर में उसने निधि को नंगी कर दिया और उसके कच्चे अनारों को चूसने लगा। उसको निधि के मम्मों चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था।
फिर उसने निधि की चूत को देखा.. तो देखता रह गया। बिना बालों की फूली हुई चूत.. उसके सामने थी। वो बस बैठाहाशा उसको चाटने लगा।


निधि- आह्ह.. उफ़फ्फ़.. बाबूजी.. मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. ज़ोर से चाटो.. आह्ह.. आज ये बहुत तड़प रही है.. आह्ह.. इसको ठंडा कर दो आह्ह.. उफ़फ्फ़..
सन्नी- मेरी जान.. तेरे में तो बहुत गर्मी है.. आज कस के शॉट लगाऊँगा.. तो सारी गर्मी निकाल दूँगा तेरी मैं.. बाद में ना कहना दु:खता है.. निकाल लो..

निधि- मैंने जिस लौड़े से शुरुआत की है ना.. उससे बड़ा तो होगा नहीं आपका लौड़ा.. तो मुझे डर किस बात का?
सन्नी- मेरा लौड़ा देखेगी.. तो अपने यार का लौड़ा भूल जाएगी। लड़कियाँ देख कर डर जाती हैं समझी?
निधि- अच्छा ऐसी बात है.. तो दिखाओ..

सन्नी ने पैन्ट निकाल दी.. साथ में अंडरवियर भी हटा दी। उसका 8″ का लौड़ा फुंफकारता हुआ बाहर आ गया।
निधि- वाह.. बाबूजी.. ये तो बहुत अच्छा है.. मज़ा आ जाएगा.. मगर एक बात कहूँ.. मेरे वाले से छोटा है..

यह बात सुनकर सन्नी हैरान हो गया.. इत्ती सी छोकरी.. उसके लौड़े को छोटा बता रही है.. इसने किसका लौड़ा ले लिया.. जो उससे भी बड़ा होगा..
निधि- क्या सोचने लगे बाबूजी.. अपने लौड़े को मुझे चूसने नहीं दोगे क्या?
सन्नी- साली.. तू दिखती छोटी है.. मगर चुदक्कड़ बहुत बड़ी है.. पता नहीं किसने तेरी चूत को खोला होगा। साला जरूर कोई दमदार बंदा ही होगा.. जिसका मेरे से भी बड़ा है..

निधि बस मुस्कुरा के रह गई और जल्दी से सन्नी के लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी।
सन्नी- आह्ह.. साली.. मज़ा आ गया.. चूस और.. ले अन्दर.. आज तेरी चूत को इसका स्वाद भी चखा दूँगा.. आह्ह.. पहले तू इसका स्वाद ले ले..

निधि मज़े से लौड़े को चूसे जा रही थी और सन्नी उसके मुँह में झटके दे रहा था।
कुछ देर बाद सन्नी ने लौड़ा उसके मुँह से निकाल लिया और उसको नीचे लेटा कर उसके पैर मोड़ दिए।

सन्नी- वाहह.. मेरी जान बहुत मस्त चूसती है तू लौड़ा.. अब मेरी बारी है तेरी चूत को ठंडी करने की.. अब तेरी चूत में लौड़ा जाएगा.. तभी मज़ा डबल होगा।
इतना कहकर सन्नी ने लौड़े को चूत पर रखा और एक ज़ोर का धक्का मार दिया पूरा 8″ का लौड़ा सरसराता हुआ चूत में समा गया।

निधि- आइई.. रे.. मर गई रे.. बाबूजी.. एक साथ ही घुसा दिया.. आह्ह.. आराम से करते ना.. आह्ह..
सन्नी- क्यों साली.. तू तो इससे भी बड़ा लौड़ा खा चुकी है.. तो दर्द कैसा?
निधि- ऐसे एक साथ घुसाओगे तो दर्द होगा ही ना.. अब नहीं हो रहा.. चोदो आह्ह.. जल्दी-जल्दी से मुझे चोदो.. मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है।
सन्नी- अभी ले मेरी जान.. हावड़ा मेल अब तैयार है चलने के लिए..

इतना कहकर सन्नी स्पीड से निधि की ठुकाई करने लग गया, वो 10 मिनट तक उसकी ज़बरदस्त चुदाई करता रहा।
निधि- आ..आह्ह.. बाबूजी.. आह्ह.. मेरा रस निकल रहा है.. उई ज़ोर से करो.. आह्ह.. निकल गया.. आह्ह.. आह..
निधि गाण्ड को उठा कर झड़ने लगी।

सन्नी ने भी स्पीड कम कर दी, वो उसको प्यार से देखने लगा।
जब वो शान्त हो गई.. तो सन्नी ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।
सन्नी- तेरी चूत तो कमाल की है.. चल अब जल्दी से घोड़ी बन जा.. थोड़ा सवाद मेरे लण्ड को तेरी गाण्ड का भी चखने दे।

निधि को पता था.. सन्नी ऐसे जल्दबाज़ी क्यों कर रहा है.. ये वक्त और जगह ही ऐसी थी। उसने बिना कुछ कहे सन्नी की बात मान ली और घोड़ी बन गई।
My threads:- Kuch Nahi Tere Bin || लवली फ़ोन सेक्स || Meri Behnen Meri Jindagi || "neha sexy" Ki Sexy Kahaniyan (Pyari Mausi) || ये गलत है (भाई-बहन का प्यार) || बॉलीवुड हीरोइनों की सेक्स स्टोरीज
 •
      Website Find
Reply


« Next Oldest | Next Newest »
Pages ( 12 ): « Previous 1 ..... 5 6 7 8 9 10 11 12 Next »
Jump to page 


Possibly Related Threads...
Thread Author Replies Views Last Post
Wife  वो सेक्स की इतनी भूखी थी कि उसकी चुत में जैसे चुदाने की आग लगी थी. anita manoj 3 1,522 21-07-2018, 05:00 PM
Last Post: Incest lover
Incest  "neha sexy" Ki Sexy Kahaniyan (Pyari Mausi Completed) honey boy 373 429,256 16-07-2018, 11:17 PM
Last Post: rajbr1981
Romantic  Main Aur Mera Gaon (Completed) princeoflove 285 248,843 02-07-2018, 01:15 AM
Last Post: Butt gee
Romantic  Friend’s Bajji (Completed) Story Maker 15 25,204 28-06-2018, 03:19 PM
Last Post: dpmangla
Romantic  Rudra "The Magical boy" (Completed) honey boy 314 184,839 08-06-2018, 02:25 AM
Last Post: Nadan Dill
Romantic  Kuch Nahi Tere Bin (Completed) honey boy 664 153,859 06-06-2018, 08:50 PM
Last Post: honey boy
Romantic  The Sex Game (Adultery) Completed honey boy 262 81,294 19-05-2018, 01:07 AM
Last Post: honey boy
Incest  भाभियों के साथ गाँव में मस्ती (Completed) arav1284 52 201,227 15-05-2018, 11:25 PM
Last Post: arav1284
Incest  LADLA DEVAR ( लाड़ला देवर )(completed) arav1284 1,163 1,241,595 25-04-2018, 02:01 PM
Last Post: arav1284
All In One  Anjaan Rahen ~ A Passionate Love (Completed by Nain11Ster) Story Maker 44 28,166 19-04-2018, 06:32 PM
Last Post: dpmangla

  • View a Printable Version
  • Subscribe to this thread


Best Indian Adult Forum XXX Desi Nude Pics Desi Hot Glamour Pics

  • Contact Us
  • en.roksbi.ru
  • Return to Top
  • Mobile Version
  • RSS Syndication
Current time: 29-07-2018, 11:50 PM Powered By © 2012-2018
Linear Mode
Threaded Mode


marathi sexstories  chavat katha in marathi language  sakshi tanwar ass  free indian mms scandals  taarak mehta anjali  kumari sex  real marathi sex story  pornstar bunny de la cruz  watch desi fucking videos  hind sex stori  desi sex erotic stories  tamil masala sex stories  desipron videos  mami ka blouse  english urdu sex stories  telegu sex stories  urdo six story  mother seducing son stories  types of pussies images  www.madras sex.com  Pronstargujrati  hindi stories hindi font  sex story in gujarati language  bengali sex story in bengali font  shakela nude  xxx shek  urdu sex stories in urdu fount  aunties navels  nepali chikne katha  sex kya  sexy comice  mallu picher  sex stores telugu  bibi sex.com  incest story brother sister  nita ambani sex  xxx hairy armpits  new marathi chavat katha  desi mom blog  babita in tarak mehta  tamilnadu sex picture  desi adult pics  desimakichut  thelugu xxx  hindi exbii  ramya krishnan fakes  www.bluefilm.com video  tamil aunty hot images  hindi sexhistory pati or bahin wife  milkman xxx  incest comics mom  desi milk stories  chachi ke saath  malayalam aunties hot pics  hindi sexy stories antervasna  drawn incest galleries  desi latest mms scandals  undress pic  sali stories  tamil aunty hairy armpit  hindi desi sexi stories  bangla sexi vidio lipiwww  indian aunty in exbii  angela porn pics  chachi ko choda  tamilsexstories aunty  sakila sexy  xxx urdu stories  aunties armpit  sexstories in telugu language  desi hindi chudai kahaniya  exbii storie  phudi li  girls strip series with face images (sexy girl 200  lund ki pyaasi  desi auntys boobs  tamil masala story  sex urdu store  tamil akka sex kathaigal  aunty sex telugu story  saree stripping pics  exbii hairy armpits  sex with amma  girls strip series with face images (sexy girl 200  shemale incest comics  www.hindi sex khaniya  mast boob  www.sexi stori.com  sexy stories in marthi  telugu sex stories uncle tho  fantastic big boobs  Kaankh chatna hindi sex Xossip