Click Here to Verify Your Membership
First Post Last Post
Desi मजबूर (एक औरत की दास्तान)

रुखसाना सुनील की बात सुन कर रूम में चली गयी और हाथ से हिलाने वाला पंखा लेकर बाहर आ गयी और सुनील के पास जाकर बोली, “आप खाना खा लीजिये... मैं हवा कर देती हूँ...!”

 
सुनील: “अरे नहीं-नहीं... मैं खा लुँगा आप क्यों तकलीफ़ कर रही हैं!”
 
रुखसाना: “इसमें तकलीफ़ की क्या बात है... आप खाना खा लीजिये!”
 
सुनील चारपाई पर बैठ कर खाना खाने लगा और रुखसाना सुनील के करीब चारपाई के बगल में दीवार के सहारे खड़ी होकर खुद को और सुनील को पंखे से हवा करने लगी। “अरे आप खड़ी क्यों हैं... बैठिये ना!” सुनील ने उसे यूँ खड़ा हुआ देख कर कहा।
 
“नहीं कोई बात नहीं... मैं ठीक हूँ...!” रुखसाना ने अपने सर को झुकाये हुए कहा।
 
सुनील: “नहीं रुखसाना जी! ऐसे अच्छा नहीं लगता मुझे कि मैं आराम से खाना खाऊँ और आप खड़ी होकर मुझे पंखे से हवा दें... मुझे अच्छा नहीं लगता... आप बैठिये ना!” अंजाने में ही उसने रुखसाना का नाम बोल दिया था पर उसे जल्दी ही एहसास हो गया। “सॉरी मैंने आप का नाम लेकर बुलाया... वो जल्दबाजी में बोल गया!”
 
रुखसाना: “कोई बात नहीं...!”
 
सुनील: “अच्छा ठीक है... अगर आपको ऐतराज़ ना हो तो आज से मैं आपको भाभी कहुँगा क्योंकि मैं फ़ारूक साहब को भाई बुलाता हूँ... अगर आपको बुरा ना लगे।“
 
रुखसाना: “जी मुझे क्यों बुरा लगेगा!”
 
सुनील: “अच्छा भाभी जी... अब ज़रा आप बैठने की तकलीफ़ करेंगी!”
 
सुनील की बात सुन कर रुखसाना को हंसी आ गयी और फिर सामने चारपाई पे पैर नीचे लटका कर बैठ गयी और पंखा हिलाने लगी। सुनील फिर बोला, “भाभी जी एक और गुज़ारिश है आपसे... प्लीज़ आप भी मुझे ‘आप-आप’ कह कर ना बुलायें... उम्र में मैं बहुत छोटा हूँ आपसे... मुझे नाम से बुलायें प्लीज़!”
 
“ठीक है सुनील अब चुपचाप खाना खाओ तुम!” रुखसाना हंसते हुए बोली। उसे सुनील का हंसमुख मिजाज़ बहोत अच्छा लगा।

3 users like this post  • ShakirAli, me2work4u, saira
Quote

सुनील खाना खाते हुए बार-बार रुखसाना को चोर नज़रों से देख रहा था। एमर्जेंसी लाइट की रोशनी में रुखसाना का हुस्न भी दमक रहा था। बड़ी- बड़ी भूरे रंग की आँखें... तीखे नयन नक्श... गुलाब जैसे रसीले होंठ... लंबे खुले हुए बाल... सुराही दार गर्दन... रुखसाना का हुस्न किसी हूर से कम नहीं था।

 
रुखसाना ने गौर किया कि सुनील की नज़र बार-बार या तो ऊँची हील वाली चप्पल में उसके गोरे-गोरे पैरों पर या फिर उसकी चूचियों पर रुक जाती। गहरे नीले रंग की कमीज़ में रुखसाना की गोरे रंग की चूचियाँ गजब ढा रही थी... बड़ी-बड़ी और गोल-गोल गुदाज चूचियाँ। इसका एहसास रुखसाना को तब हुआ जब उसने सुनील की पतली ट्रैक पैंट में तने हुए लंड की हल चल को देखा। खैर सुनील ने जैसे तैसे खाना खाया और हाथ धोने के लिये बाथरूम में चला गया। इतने में लाइट भी आ गयी थी। जब वो बाथरूम में गया तो रुखसाना ने बर्तन उठाये और नीचे आ गयी। नीचे आकर उसने बर्तन किचन में रखे और अपने बेड पर आकर लेट गयी, “ओहहहह आज ना जाने मुझे क्या हो रहा है....?” अजीब सी बेचैनी महसूस हो रही थी उसे। बेड पर लेटे हुए उसने जैसे ही अपनी आँखें बंद की तो सुनील का चिकना चेहरा और उसकी चौड़ी छाती और मजबूत बाइसेप्स उसकी आँखों के सामने आ गये। पेट के निचले हिस्से में कुछ अजीब सा महसूस होने लगा था... रह-रह कर इक्कीस साल के नौजवान सुनील की तस्वीर आँखों के सामने से घूम जाती।
 
रुखसाना पेट के बल लेटी हुई अपनी टाँगों के बीच में अपना हाथ चूत पर दबा कर अपने से पंद्रह साल छोटे लड़के का तसव्वुर कर कर रही थी... किस तरह सुनील उसकी चूचियों को निहार रहा था... कैसे उसकी ऊँची हील की चप्पल में उसके गोरे-गोरे पैरों को देखते हुए सुनील का लंड ट्रैक पैंट में उछल रहा था। रुखसाना का हाथ अब उसकी सलवार में दाखिल हुआ ही था कि तभी वो ख्वाबों की दुनिया से बाहर आयी जब सानिया रूम में अंदर दाखिल होते हुए बोली... “अम्मी क्या हुआ खाना नहीं खाना क्या?”
 
रुखसाना एक दम से बेड पर उठ कर बैठ गयी और अपनी साँसें संभालते हुए अपने बिखरे हुए बालों को ठीक करने लगी। सानिया उसके पास आकर बेड पर बैठ गयी और उसके माथे पर हाथ लगा कर देखते हुए बोली, “अम्मी आप ठीक तो हो ना?”
 
रुखसाना: “हाँ... हाँ ठीक हूँ... मुझे क्या हुआ है?”
 
सानिया: “आपका जिस्म बहोत गरम है... और ऊपर से आपका चेहरा भी एक दम लाल है!”
 
रुखसाना: “नहीं कुछ नहीं हुआ... वो शायद गरमी के वजह से है... तू चल मैं खाना लगाती हूँ!”

4 users like this post  • pappu49, ShakirAli, me2work4u, saira
Quote

Nice One

Quote

Nice one

Quote

Nice one
Keep updating

Quote

वहुत अच्छा लिखा है

Quote

Nice post .
Keep update

Quote

Waiting for the update

Quote

फिर रुखसाना और सानिया ने मिल कर खाना खाया और किचन संभालने लगी। तभी फ़ारूक भी आ गया। जब रुखसाना ने उससे खाने का पूछा तो उसने कहा कि वो बाहर से ही खाना खा कर आया है। फ़ारूक शराब के नशे में एक दम धुत्त बेड पर जाकर लेट गया और बेड पर लेटते ही सो गया। रुखसाना ने भी अपना काम खतम किया और वो लेट गयी। करवटें बदलते हुए कब उसे नींद आयी उसे पता ही नहीं चला। सुबह- सुबह फ़ारूक ने ऊपर जाकर सुनील के रूम का दरवाजा खटकटाया। सुनील ने दरवाजा खोला तो फ़ारूक सुनील को देखते हुए बोला “अरे यार सुनील... मुझे माफ़ कर दो... कल तुम्हारा यहाँ पहला दिन था... और मेरी वजह से...”

सुनील: “अरे फ़ारूक भाई कोई बात नहीं... अब जबकि मैं आपके घर में रह रहा हूँ तो मुझे बेगाना ना समझें..!”
 
फ़ारूक: “अच्छा तुम तैयार होकर आ जाओ... आज नाश्ता नीचे मेरे साथ करना!”
 
सुनील: “अच्छा ठीक है मैं तैयार होकर आता हूँ!”
 
फ़ारूक नीचे आ गया और रुखसाना को जल्दी नाश्ता तैयार करने को कहा। थोड़ी देर बाद सुनील तैयार होकर नीचे आ गया। रुखसाना ने नाश्ता टेबल पर रखते हुए सुनील के जानिब देखा तो उसने रुखसाना को सलाम कहा। रुखसाना ने भी मुस्कुरा कर उसे जवाब दिया और नाश्ता रख कर फिर से किचन में आ गयी। नाश्ते के बाद सुनील और फ़ारूक स्टेशन पर चले गये।
 
इसी तरह दो हफ़्ते गुज़र गये। फ़ारूक और सुनील हर रोज़ नाश्ता करने के बाद साथ-साथ स्टेशन जाते। फिर शाम को छः-सात बजे के करीब कभी दोनों साथ में वापस आते और कभी सुनील अकेला ही वापस आता। फ़ारूक जब सुनील के साथ वापस आता तो भी थोड़ी देर बाद फिर शराब पीने कहीं चला जाता और देर रात नशे की हालत में लौटता। सुनील ज्यादातर शाम को ऊपर अपने कमरे में या छत पे ही गुज़ारता था। रुखसाना उसे ऊपर ही खाना दे आती थी। सुनील की खुशमिजाज़ी और अच्छे रवैये से रुखसाना के दिल में उसके लिये उल्फ़त पैदा होने लगी थी। उसे सुनील से बात करना अच्छा लगता था लेकिन उसे थोड़ा-बहोत मौका तब ही मिलता था जब वो उसे खाना देने ऊपर जाती थी। सुनील खाने की या उसकी तारीफ़ करता तो उसे बहोत अच्छा लगता था। रुखसाना ने नोट किया था कि सुनील भी कईं दफ़ा उसे चोर नज़रों से निहारता था लेकिन रुखसाना को बुरा नहीं लगता था क्योंकि सुनील ने कभी कोई ओछी हर्कत या बात नहीं की थी। उसे तो बल्कि खुशी होती थी कि कोई उसे तारीफ़-अमेज़ नज़रों से देखता है।
 
एक दिन शाम के छः बजे डोर-बेल बजी तो रुखसाना ने सोचा कि सुनील और फ़ारूख आ गये हैं। उसने सानिया को आवाज़ लगा कर कहा कि, “तुम्हारे अब्बू आ गये है, जाकर डोर खोल दो!”
 
सानिया बाहर दरवाजा खोलने चली गयी। सानिया ने उस दिन गुलाबी रंग का सलवार कमीज़ पहना हुआ था जो उसके गोरे रंग पर क़हर ढा रहा था। गरमी होने की वजह से वो अभी थोड़ी देर पहले ही नहा कर आयी थी। उसके बाल भी खुले हुए थे और बला की क़यामत लग रही थी सानिया उस दिन। रुखसाना को अचानक महसूस हुआ कि जब सुनील देखेगा तो उसके दिल पर भी सानिया का हुस्न जरूर क़हर बरपायेगा।

2 users like this post  • ShakirAli, saira
Quote

सानिया दरवाजा खोलने चली गयी। रुखसाना बेडरूम में बैठी सब्जी काट रही थी और आँखें कमरे के दरवाजे के बाहर लगी हुई थी। तभी उसे बाहर से सुनील की हल्की सी आवाज़ सुनायी दी। वो शायद सानिया को कुछ कह रहा था। रुखसाना को पता नहीं क्यों सानिया का इतनी देर तक सुनील के साथ बातें करना खलने लगा। वो उठ कर बाहर जाने ही वाली थी कि सुनील बेडरूम के सामने से गुजरा और ऊपर चला गया। उसके पीछे सानिया भी आ गयी और सीधे रुखसाना के बेडरूम में चली आयी।

इससे पहले कि रुख्सना सानिया से कुछ पूछ पाती वो खुद ही बोल पड़ी, “अम्मी आज रात अब्बू घर नहीं आयेंगे... वो सुनील बोल रहा था कि आज उनकी नाइट ड्यूटी है...!” सानिया सब्जी काटने में रुखसाना की मदद करने लगी। रुखसाना सोच में पड़ गयी कि आखिर उसे हो क्या गया है... सुनील तो शायद इसलिये सानिया से बात कर रहा था कि आज फ़ारूक घर पर नहीं आयेगा... यही बताना होगा उसे... पर उसे क्या हुआ था को वो इस कदर बेचैन हो उठी... अगर वैसे भी सानिया और सुनील आपस में कुछ बात कर भी लेते है तो इसमें हर्ज ही क्या है... वो दोनों तो हम उम्र हैं… कुंवारे हैं और वो एक शादीशुदा औरत है उम्र में भी उन दोनों से चौदह-पंद्रह साल बड़ी।
 
रुखसाना को सानिया और सुनील का बात करना इस लिये भी अच्छा नहीं लगा था कि जब से सुनील उनके यहाँ रहने आया था तब से सानिया के तेवर बदले-बदले लग रहे थे... कहाँ तो हर रोज़ सानिया को ढंग से कपड़े पहनने और सजने संवरने के लिये जोर देना पड़ता था और कहाँ वो इन दिनों नहा-धो कर बिना कहे शाम को कॉलेज से लौट कर तैयार होती और आइने के सामने बैठ कर अच्छे से मेक-अप तक करने लगी थी। इन दो हफ़्तों में उसका पहनावा भी बदल गया था। यही सब महसूस करके रुखसाना को सानिया के ऊपर शक सा होने लगा।
 
फिर रुखसाना ने सोचा कि अगर सानिया सुनील को पसंद करती भी है तो उसमें सानिया की क्या गल्ती है... सुनील था ही इतना हैंडसम और चार्मिंग लड़का कि जो भी लड़की उसे देखे उस पर फ़िदा हो जाये। रुखसाना खुद भी तो इस उम्र में सुनील पे फ़िदा सी हो गयी थी और अपने कपड़ों और मेक-अप पे पहले से ज्यादा तवज्जो देने लगी थी। रुखसाना उठी और सानिया को सब्जी काट कर किचन में रखने के लिये कहा। फिर आईने के सामने एक दफ़ा  अपने खुले बाल संवारे और थोड़ा मेक-अप दुरुस्त किया। रुखसाना घर के अंदर भी ज्यादातर ऊँची हील वाली चप्पल पहने रहती थी लेकिन अब मेक-अप दुरुस्त करके उसने अलमारी में से और भी ज्यादा ऊँची पेंसिल हील वाली सैंडल निकाल कर पहन ली क्योंकि इन दो हफ़्तों में सुनील की नज़रों से रुखसाना को उसकी पसंद का अंदाज़ा हो गया था। सुनील की नज़र अक्सर हील वाली चप्पलों में रुखसाना के पैरों पे अटक जाया करती थी। सैंडलों के बकल बंद करके वो एक गिलास में ठंडा पानी लेकर ऊपर चली गयी। सोचा कि सुनील को प्यास लगी होगी तो गरमी में उसे फ़्रिज का ठंडा पानी दे आये लेकिन इसमें उसका खुद का मकसद भी छुपा था।  जैसे ही रुखसाना सुनील के कमरे के दरवाजे पर पहुँची तो सुनील अचानक से बाहर आ गया। उसके जिस्म पर सिर्फ़ एक तौलिया था... जो उसने कमर पर लपेट रखा था। शायद वो नहाने के लिये बाथरूम में जा रहा था।

2 users like this post  • ShakirAli, saira
Quote






bollywood fake sex videosdesi non veg jokesbade bade mummegirl loosing her virginity videossexy desi pornsdoodhwali bhabhiarpita aunty videohindi wife swapping storiesindain sexy vedeomarathi chavat katha jaunyareal desi bhabi chut and sexcstorysexy girls exbiisex story tamil pdfanimated telugu sex storiesdesi sex story pdflatest sexy urdu storieschachi ka doodh piyapure desi auntiesdesi marathi sex kathatamil stories in tamil fontdost ki mummy ki chudaiindian mms scandel videostamil sex stories krithikashemail imagessali k sathexbii hidden camerawife exchange sex storiesindiyan sex storiimcest comicsgand me lodahairy underarm picmallu story malayalamwatch desi girl sexbengali honeymoon sexactress shakeela hotjetson porn comichot mallu photosbangla choti recentdoodhwali storybollywood fake wallpapersaunty blouse photostamil swx comdesi mastchoot and lunddesi sex in urduhindi sex kahaniyaheroines nude stillsnew tamilsex storymaa er gudurdu sex storebhai bahan ki sex storyurdu front sexy storiesandar dalohindi sexy sotrieshindi sex maaactress sex exbiitelugu sex story with auntyhindi adult sex comicsbhabhi chudai sex storiestamil amma kamakathaikalmallu sex stories in malayalambro sis storyhindi sexstroiesxxx dancessexi potos.comsexstoreismalayalamindainsex storieslun phudi maiindians xxx picnaked big boosandhra sex auntyhindi font sex stories pdftamilnadu aunties photosvelamma cartoon storiestamil dirty stories in tamil fontpakistan auntytelugu hot boothu kathalupics of lunsex கதை பல ஆண்கள் ஒரு பெண்னை 18 வயது பயங்கரமான blackmail கதைlund ki diwanichut lund chudaibanglish chotisex stories in telugu lipijazmin indian porn starsexgroup new marathi katha