फिर दीदी ने उठ कर अपने कपड़े पहने और एक बार फिर मुझे किस करके अपने रूम में चलि गई और मैं भी अपना लोअर पहन कर बेड पर लेत गया।।।।।।।।।।।।।।।
********
अब आगे
********
इस तरह दीदी की गांड मारने की जो शुरुआत हुई तो उसके बाद लगभग मैं दो महीनो तक दीदी की गांड मरता रहा लेकिन अभी तक दीदी ने मुझे अपनी चूत चोदने का मौका नहीं दिया था जब भी मैं उनकी चूत चोदने को कहता वो कोई ना कोई बहाना बना देती।
अगले महीने मेरे बर्थडे पर दीदी ने मुझे प्यारा परफ्यूम गिफ्ट किया और हम लोग मेरा बर्थडे सेलिब्रेट करते रहे।
पता ही नहीं चला की कब रात के १२ बज गए तो सभी अपने अपने रूम में सोने के लिए चले गए मैं और दीदी सोने के लिए ऊपर अपने रूम में आने लगे तो राखी दीदी के साथ सोने के लिए साथ आने लगी तो दीदी ने उसे मन कर दिया की आज मैं थाकि हुई हु तुम कल मेरे साथ सोना।
मैने सोचा की दीदी आज थाकि है तो आज शायद कुछ नहीं होगा खैर कोई बात नहीं वैसे भी हम रोज रात ही सेक्स करते थे तो एक रात नहीं भी करते तो फरक नहीं पड़ने वाला था।
उपर आकर जब मैं दीदी को गुड नाईट कह कर अपने रूम में जाने लगा तो दीदी ने मुझे अजीब नजरो से देखा।
"उधर कहाँ जा रहे हो? चलो मेरे रूम में आओ" दीदी बोली और अपने रूम की तरफ बढ़ गयी।
मैन भी दीदी के पीछे उनके रूम में आगया और बेड पर बैठ गया जबकि दीदी बाथरूम में चलि गई और कुछ देर बाद जब वापस आयी तो बहुत सेक्सी मूड में थी क्योंकि वो बहुत सेक्सी स्टाइल से चल रही थी और बहुत सेक्सी नजरो से मुझे देख रही थी और उसने ड्रेस भी बहुत सेक्सी पहन राखी थी।
मैं दीदी का इशारा समझ गया और दरवाजा बंद करके भाग कर दीदी के पास आया और उसे बेड पर पटक कर किस्स करने लगा।
"नही आज तुम कुछ नहीं करोगे जो करना है मैं करुँगी, ओर अभी तुम अपनी आँखे बंद करो" दीदी मुझे अपने ऊपर से हट' ते हुए बोली।
"ओके" मैं बोला और मैंने अपनी आँखे बंद कर ली।
दीदी ने पास पड़ा उसका दुपट्टा उठाय और मेरी आँखों पर बांध दिया फिर मेरे सारे कपड़े उतर दिए मैं दीदी के सामने नंगा पड़ा था और रूम की लाइट भी ऑन थी फिर दीदी ने अपने भी कपड़े उतार दिए और मुझे माथे पर किस्स किया और फिर वो नहीं रुकि और मेरे सारे बदन पर किस्स करने लगी सिर्फ लंड पर किस्स नहीं किया और फिर दीदी ने अपना एक बूब मेरे मुँह में दाल दिया।
"भैया मेरे बूब को किस्स करो इनको बरी बरी मुँह में लो और खुब चुसो और चोटो मेरे निप्पल्स को भी चुसो और अपने दाँतो से कटो, आज जरा भी रहम नहीं करना इनके साथ उफ़ भैया आह्ह्ह्हह....." दीदी बोली तो मैं भी वैसा ही करने लगा।
मैं दीदी का बूब सक्क करने लगा और दीदी बरी बरी अपने बूब्स मेरे मुँह में चेंज करने लगी मुझे बहुत मजा आरहा था।
"भैया जानते हो मैं चुदाई से पहले हर वक्त तुम्हे क्यों कहति थी की बस करो मुझे जाने दो भाई असल में जब मैं बहुत गरम हो जाती थी तब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता था और डायरेक्ट कहने में शर्म आती थी की भाई मुझे चोदो और मुझे पाता था की तुम मुझे चोदे बिना मानोगे नहीं इसीलिए मैं ऐसा कहति थि" दीदी बोली।
और इधर मैं दीदी की बाते सुनते हुए उसके बूब्स के साथ लगा हुआ था।
"और भाई जब मैं कहति थी की भाई आराम से चोदो मुझे दर्द हो रहा है धीरे करो तो मैं ऐसा इसलिए कहति थी की मेरे ऐसा करने से तुम उल्टा जोर से चोदना शुरू कर दोगे और मुझे दर्द में देख कर तुम्हे बहुत मजा आएगा और वो दर्द मुझे भी बहुत मजा देता था इसीलिए मैं बिना चिल्लाये मजे से चुद्वाती थि" दीदी ने आगे बताया।
दीदी अपने बूब्स को मेरे मुँह में जोर से दबा दबा कर चुस्वा रही थी मुझे बहुत मजा आरहा था दीदी की सेक्सी बाते सुनने में और बूब्स चाटने मे।
"भैया तुम रोज कहते थे की तुम्हे मेरी चूत में लंड डालना है और मैं मना कर देती थी वो मैं इसलिए करती थी क्योंकि मैंने सोच रखा था की तुम्हारे बर्थडे वाले दिन तुम्हे ये प्यारा सा सेक्सी गिफ्ट दूंगी जो आज तुम्हारे लिए हाजिर है और हाँ भाई आज के बाद तुम मुझे एक बार नहीं बल्कि हर रात ३ बार चोड़ोगे, भाई सिर्फ मैं ही जानती हु की आज तक तुम्हारा लंड चूत में ना लेकर मैंने कैसे बर्दाश्त किया है" दीदी की बात जारी रही।
दीदी की बात सुनकर मैं बहुत खुश हो गया पहले तो मुझे आज रात लग रहा था की कुछ नहीं होगा जबकि यहाँ रोंदोस मुझे अपनी चूत चोदने दे रही थी जो मैं कब से चोदना चाहता था।
"लेकिन दीदी ३ बार क्यों चोदना है रोज....." मैंने पुछा
"भैया मेरे पास ३ होल है और तुम डेली इन तीनो को अपने लंड से चोदोगे" कहते हुए दीदी नीचे हुई और मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और उसे पागलो की तरह सक्क करने लगी।
मुझे बहुत मजा आने लगा था क्योंकि दीदी के दन्त भी नहीं लग रहे थे और वो बहुत अच्छे से लंड चूस रही थी
"दीदी आप तो लंड चुस्ने में बहुत एक्सपर्ट लग रही हो कहाँ से सिखा आपने ये" मैंने मजे से पूछा।
"भैया जब से मैंने तुमसे सेक्स करना शुरू किया तब से मेरा दिल करता था की मैं तुम्हारा लंड मुँह में लू लेकिन मुझे पाता नहीं था की ये कैसे करते है इसलिए मैं रोज रात अपनी ऊँगली चुस कर प्रैक्टिस करती थी और आज मैं पूरी तरह एक्सपर्ट हो गई हु और अपने प्यारे भाई का लंड चूस कर उसे मजा दे रही हु, भैया आज तुम्हे पाता चलेगा की मैं तुमसे कितना प्यार करती हु" दीदी बोली।
"दीदी सच आप बहुत अछि हो और मुझसे बहुत प्यार करती हो, दीदी अब आप मेरे झड़ने तक मेरा लंड चुसो मैं आज सारी रात आपको चोदना चाहता हु और आपके सभी होल्स में अपना माल गिरना चाहता हु ऊफ्फ दीदी जोर से मेरा लंड पूरा अपने मुँह को बहुत मजा आरहा है, हाँ दीदी यस यस ऐसे ही ओह्ह दीदी प्ल्ज़ थोड़ा इधर हो जाओ मैं आपका बूब डबना चाहता हु दीदी आपको पाता नहीं है की मैं आपके बूब्स का कितना दिवाना हु अहहहह दीदी कितने सॉफ्ट और बड़े बड़े है आपके बूब्स उफ़ दीदी और जोर से चुसो मेरा बस निकलने ही वाला है" मैं दीदी का सर अपने लंड पर दबाते हुए बोला।
और दीदी जोर जोर से मेरे लंड चुस्ने लगी जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने दीदी का सर पकड़ कर दो चार धक्के जोर के लगाये और मेरा लंड दीदी के मुँह में ही फट पड़ा और दीदी का मुँह मेरे माल से भर गया दीदी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी वो मेरे माल की एक एक बून्द पि गै।।।।।।।।।।।।
27-11-2017, 01:16 PM (This post was last modified: 27-11-2017, 01:17 PM by honey boy.)
अपडेट १२
(Last Update)
और दीदी जोर जोर से मेरे लंड चुस्ने लगी जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने दीदी का सर पकड़ कर दो चार धक्के जोर के लगाये और मेरा लंड दीदी के मुँह में ही फट पड़ा और दीदी का मुँह मेरे माल से भर गया दीदी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी वो मेरे माल की एक एक बून्द पि गै।।।।।।।।।।।।
********
अब आगे
********
फिर दीदी उठी और अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी वववओऊववव क्या स्मेल थी दीदी की चूत की।
"ले भैया आज चाट मेरी चूत को और जब अच्छे से गीली हो जाये तब इसमें अपना लंड घुसा कर जबरदस्त चुदाई करना इसकी" दीदी बोली।
ओर फिर दीदी मेरे सीने पर दोनों तरफ पेर दाल कर बैठ गई उसकी चूत मेरे मुँह से लगी हुई थी और मैं उसे चाटे जारहा था और अपनी जीभ भी चूत की लाइन पर घुमा रहा था।
मेरे मुँह की गर्मी और मेरी जीभ की हरकतो को दीदी की चूत सहन नहीं कर पायी और दीदी मेरे मुँह में ही झड़ गई उसका पूरा नमकिन पानी मैं पि गया।
झदने के बाद दीदी जैसे ही होश में आयी वो मेरे ऊपर से हैट कर साइड में दोनों टंगे फैला कर लेत गई।
"चल मेरे भाई अब तोड़ दे मेरी सील और कर ले अपने मन की पूरी। ये तेरे लिए मेरी तरफ से बर्थडे गिफ्ट है" दीदी बोली।
मेरी आँखों के सामने बहुत ही दिलकश नजारा था दीदी की गुलाबी चिकनी बिना बालो वाली रस बहति चूत मुझे अपनी तरफ बुला रही थी।
ओर फिर मैंने भी देर नहीं की और दीदी की टैंगो के बिच आगया।
"दीदी पहली बार है दर्द होगा" मैं बोला।
"तु टेंशन मत ले मैं सहन कर लुंग" दीदी बोली।
दीदी की बात सुनकर मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर लगाया और धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा लेकिन दीदी की चूत बहुत टाइट थी तो लंड अंदर जा ही नहीं रहा था।
"भाई ऐसे नहीं होगा एक जोर का धक्का लगा वरना मुझे दर्द भी होगा और हम कुछ कर भी नहीं पाएँगे" दीदी बोली और पास पड़ा कपडा अपने मुँह में भर लिया।
मैं भी परेशान हो गया था तो मैंने एक जोर का धक्का लगाया जिससे मेरा १/४ लंड दीदी की चूत में घुस गया और दीदी की एक चीख निकल गई जो मुँह में कपडा होने के कारन वहीँ घुट कर रह गई।
लेकिन मेरा लंड जैसे किसी दिवार से तकरा रहा था जो उसे अंदर नहीं जाने दे रही थी तो मैंने लंड वापस खिंच कर एक और जोरदार धक्का लगाया जिससे मेरा लंड दीदी की सील को तोड़ते हुए आधा अंदर घुस गया।
लेकिन इतने में ही दीदी की हालत ख़राब हो गई थी वो अपने हाथ पेर झटाक रही थी और लगातार गुणं गुणं की आवजे उसके मुँह से निकाल रही थी उसकी आँखों से आँसुओ की धार बह रही थी लेकिन उसने मुझे हटाने की कोशिश नहीं की थी।
मैने भी सोचा की बार बार दीदी को दर्द नहीं देना है इसलिए एक के बाद एक धक्के लगा कर पूरा लंड दीदी की चूत में भर दिया।
मेरी इस हरकत से दीदी तडपते हुए बेहोश हो गई और मैं बहुत डर गया लेकिन फिर भी मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकला और दीदी के बूब्स चुसते हुए उसके गालो को थपथपाने लगा थोड़ी देर बाद ही दीदी कसमसाई और धीरे धीरे होश में आगई तो मैंने उसके मुँह से कपडा निकाल दिया।
"दीदी बहुत दर्द हुआ ना आपको, सॉरी दीदी लेकिन ऐसा मैंने इसलिए किया क्योंकि मैं नहीं चाहता था की आपको बार बार दर्द हो और देखो ना अब मेरा पूरा लंड आपकी चूत में है" मैं बड़े प्यार से बोला।
"भैया दर्द तो बहुत हुआ लेकिन मैं जानती थी की ऐसा होगा ही इसीलिए तो मैंने मुँह में कपडा दाल लिया था लेकिन फिर भी मुझे तुमसे इतनी बेरहमी की उम्मीद नहीं थि, खैर जो हुआ सो हुआ अच्छा हुआ की तुम्हारा पूरा लंड एक बार में ही अंदर चला गया अब थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहो जब मैं बोलू तब धक्के लगाना" दीदी कराहते हुए बोली।
मै भी अब थोड़ा रिलैक्स हो गया और वापस दीदी के होठो को किस्स करते हुए उसके बूब्स के साथ खेलने लगा दीदी भी थोड़ी देर बाद किसिंग में मेरा साथ देने लगी थी।
कोई १० मिनट बाद दीदी की चूत गीली होने लगी थी और अब दीदी भी अपनी कमर हिलने लगी थी जो मेरे लिए इशारा था की अब मैं आगे बढ़ सकता हु।
तो मैंने भी अब धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया दीदी की चूत बहुत टाइट थी तो मेरा लंड बिलकुल रगड़ते हुए इन आउट हो रहा था और अब उसमें जलन भी हो रही थी लेकिन जैसे जैसे दीदी की चूत पानी छोड़ रही थी वैसे वैसे ही दीदी की चूत को गिरफ्त ढीली पड़ती जारही थी।
तोड़ि ही देर में दीदी भी कमर उठा उठा कर मेरे धक्को का जवाब देने लगी तो मेरे धक्को की स्पीड बढ़ने लगी और थोड़ी देर बाद ही पूरी स्पीड में दीदी को चोदने लगा।
ऐसे लग रहा था जैसे रूम में भुचाल आगया हो दोनों ही तरफ से सेम स्पीड में शॉट लग रहे थे और कोई १० मिनट की चुदाई के बाद ही मैं दीदी की चूत में झड़ गया मेरे लंड से निकलती बौछारो को दीदी की चूत बर्दाश्त नहीं कर पायी और वो भी झड़ने लगी दीदी ने मुझे कास कर पकड़ लिया और मेरे सर पर हाथ फेर्ने लगी।
कोई १५ मिनट तक हम वैसे ही पड़े रहे और फिर दीदी उठ कर बाथरूम चलि गई और इधर मैं सोच रहा था की मैं कितना लकी हु जो दो महीनो के अंदर ही मैंने दीदी के तीनो होल में लंड दाल दिया था।
उसके बाद उस रात हमने तिन बार और चुदाई की और फिर तो जैसे ये रोज का ही खेल हो गया था जब तक की दीदी की शादी नहीं हो गई लेकिन उसके बाद भी हम चुदाई का कोई भी मौका नहीं छोड़ते थे।।।।।।।।।।
(27-11-2017, 03:46 PM)dpmangla : Lovely Post
Nice Small Story
Doosri, Dono Beheno ka Bhi Band Baja Sakte They
(27-11-2017, 04:32 PM)urc4me : Bahut jaldi samapt kar di.
(27-11-2017, 05:00 PM)rahul01311 : nice story
Thank you dosto kahani ke aakhir tak sath dene ke liye. Kal ek nai kahani start karunga "Pyari mausi" is kahani ko bhi utna hi pyaar dena... Wo bhi short story hi hogi.