24-07-2017, 02:26 PM 
		
	
	
	
	【63◆●◆】
मॉम भी अपनी चूत के गर्म रस को मेरे लंड के नाम न्योछावर करके हांफती हुई सी, मेरे होंठो को चूसती रही...और तब तक चूसती रही जब तक उनके शरीर ने ऑर्गॅज़म के झटके देने बंद नही कर दिए...
तभी पीछे से सोनिया दी की आवाज़ आई : "अपने चक्कर में तुम लोग मुझे तो भूल ही गये....''
मैने और मॉम ने जब नज़र घुमाकर सोनिया की तरफ देखा तो दोनो की आँखे फटी रह गयी...
वो पूरी नंगी होकर, एक चेयर पर बैठकर, अपनी चूत में उंगलिया घुसाकर वो सब देख रही थी और अपनी मूठ मार रही थी...उसके चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की बिना चुदे वो मानने वाली नही है...पर मॉम के सामने वो कैसे चुदेगी, ये सबसे बड़ी परेशानी वाली बात थी.
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अब आगे
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अभी कुछ देर पहले तक मॉम के चेहरे पर जो खुशी थी वो एकदम से गायब हो चुकी थी....
उनकी चूत में जब तक लंड जा रहा था तो वो खुश थी
और जब अपनी बेटी की चूत में वही लंड के जाने की बारी आई तो मॉम के चेहरे ने रंग बदल लिए..
मॉम (थोड़ा गुस्से से) : "ये क्या बोल रही हो सोनिया....ये तुम्हारा भाई है...इसके साथ तुम कैसे...?''
सोनिया तो पहले से ही पूरी तैय्यारी के साथ बहस करने के मूड में थी...
वो बोली : "ये मेरा भाई है तो आपका भी तो बेटा है...जब आप इसके साथ सैक्स कर सकती हो तो मैं क्यों नही....? ''
मुझे भी पता था की सोनिया के इस सवाल का कोई जवाब नही होगा मॉम के पास...
फिर भी वो झल्लाई हुई सी आवाज़ में बोली : "वो....वो....मैं कुछ नही जानती...मेरा तो कुछ नही पर तुम्हारी तो अभी शादी होनी है....इसलिए तुम इस दलदल में अभी से मत उतरो...अपनी वर्जिनिटी बचा कर रखो, उपर-2 से थोड़ा बहुत मज़ा जो लेना है वो ले लो...पर नोट....नोट देट ....नो फकिंग...''
सोनिया का चेहरा एकदम से लाल हो उठा...
और मुझे लगा की अब वो एकदम से बोल ही देगी की वो कई दिनों से मुझसे चुदवाती आ रही है....
और यही वक़्त था जब मुझे बीच में कूद कर सारी बात संभालनी थी..
मैं बोला : "ओके मॉम ...जैसा आप कहो....हम उपर-2 से ही मज़े ले लेते है....''
इतना कहकर मैने सोनिया दी को आँख मारकर चुप रहने को कहा और जो प्लानिंग मेरे दिमाग़ में आ चुकी थी, उसके अनुसार ही चलने को कहा...
मॉम मेरी बात सुनकर काफ़ी खुश हुई...
उन्हे लगा की मुझे भी अपनी बहन के कुंवारेपन की चिंता है इसलिए मैं ऐसा बोल रहा हूँ
पर वो नही जानती थी की मेरे दिमाग़ में इस वक़्त क्या चल रहा है...
मैं बिना कोई वक़्त गँवाए सोनिया दी की तरफ बढ़ गया....
और उनके करीब जाते ही वो मुझपर किसी लोमड़ी की तरह झपट पड़ी और मुझे दबोच कर बेड पर लिटा दिया....
और अपना नंगा शरीर मुहसे रगड़ती हुई ज़ोर-2 से मुझे स्मूच करने लगी...
ऐसा लग रहा था जैसे उसपर कोई भूतनी चड गयी है जो मेरा रेप करके ही मानेगी...
मेरी नज़रें मॉम की तरफ भी थी...
जो बड़े ही चिंता भरे चेहरे के साथ हम दोनो के प्यार का खेल देख रही थी...
कुछ ऐसी ही किस्स मॉम ने कुछ देर पहले मेरे साथ भी की थी पर उस वक़्त वो एंजाय कर रही थी...
सच कहा है किसी ने, ये जेलीसी औरत के मूड का सत्यानाश कर देती है...
यही शायद मॉम के साथ भी हो रहा था अभी...
उन्होने शायद मेरे उपर अपना ही हक्क समझ लिया था अभी तो और शायद इसलिए सोनिया दी के बीच में आने से उनका मूड खराब सा लग रहा था...
और शायद उसी जेलीसी में आकर उन्होने चुदाई ना करने की बात कही थी हम दोनो भाई बहन के बीच...
भले ही उनका लॉजिक अपनी जगह सही था पर वो उस काम के लिए मना कर रही थी जो वो खुद कुछ देर पहले तक कर रही थी...
पर मेरे दिमाग़ मे जो चल रहा था उसके बाद तो मॉम ने खुद ही बोलना था की कर लो जो करना है...
सोनिया दी की चूत में जो खुजली हो रही थी उसे दूर करने के लिए वो मेरे मुँह पर आ बैठी और चूत को मेरे मुँह पर बुरी तरह से रगड़ने लगी...
मॉम के लिए तो ये सब शॉक जैसा था और वो ये नही जानती थी की ये घुड़सवारी सोनिया दी पहली बार नही कर रही है...
मेरे मुँह पर चूत रखकर तो उन्होने ना जाने कितनी बार मुझे सुबह नींद से जगाया था...
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