14-07-2017, 06:24 PM
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पर आज के लिए जितना होना था वो हो चुका था...
इसलिए अपने दोबारा खड़े हो चुके लंड को मैने बड़ी मुश्किल से बिठाकर चुप करवाया...
क्योंकि , अभी तो बहुत कुछ होना बाकी था....
शाम को भी...और रात को भी.
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अब आगे
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नहा धोकर हम दोनो बाहर निकल आए और सोनिया दी मेरे बेड पर आकर मेरे साथ ऐसे ही लेट गयी...नंगी...गीली.
उपर फेन चल रहा था जो हमारे जिस्मों पर पड़ी पानी की बूँदो को सुखा रहा था...
ऐसे एक दूसरे के साथ नंगे लेटकर बहुत मज़ा आ रहा था..
सोनिया ने मेरी छाती पर आ रहे हल्के बालों को अपनी उंगलियो से सहलाते हुए कहा : "भाई...सच में ... जब से ये सब हमारे बीच स्टार्ट हुआ है, उसके बाद लाइफ एक्साईटिड हो गयी है...''
वो मेरी जाँघो के चारो तरफ अपनी चूत को रगड़ कर ये बात बोल रही थी...
यानी वो कहना चाह रही थी की उसकी चूत की खुजली को मैने अच्छे से शांत किया है..
हमारी हालत उस नवविवाहित जोड़े की तरह थी जिसे शादी के बाद रोज चुदाई करने को मिलती है...
रात - दिन दोनो को जब भी मौका मिले वो चुदाई कर लेते है...
ठीक वैसा ही हमारे साथ भी हो रहा था..
फ़र्क सिर्फ़ इतना था की हमारी शादी नही हुई थी...
उपर से हम भाई बहन थे..
पर मज़ा वही मिल रहा था जो उन्हे मिलता होगा.
मैं भी सोच रहा था की मेरी लाइफ ने बहुत कुछ देख लिया है पिछले 1-2 महीने में...
कहां तो मैं अपना हाथ जगन्नाथ करता फिरता था और अब चारो तरफ चूतें ही चूतें बिखरी पड़ी है...
और बाकी लाइन में लगी हुई है....
पर जो भी था, सोनिया के सामने सब फीके थे...
जो प्यार और सैक्स का स्वाद मुझे सोनिया से मिला था वैसा किसी और से मिल ही नही सकता था..
इसलिए अपनी प्यारी बहन को खुश रखना मेरा फ़र्ज था.
पर आजकल तो वो मुझे खुश करने में लगी हुई थी....
पहले तनवी को मेरे लिए तैयार किया और अब मोंम को भी कर रही है..
मोंम का ख्याल आते ही मुझे सोनिया दी की बात याद आ गयी जो उसने चुदाई से पहले कही थी की मुझे सिर्फ़ सोते रहना है, बाकी का काम वो कर लेगी..
मैने उसका मतलब पूछा तो उन्होने मुस्कुराते हुए अपना चेहरा मेरी छाती से उठाया और बड़े प्यार से मुझे देखते हुए, अपनी छातियो को मेरे सीने से रगड़ते हुए बोली : "ट्रस्ट मी ब्रदर...मेरे दिमाग़ में जो प्लान है, अगर सब कुछ वैसा ही चला तो तुम्हे बहुत मज़ा मिलेगा... और जैसा की मैने पहले भी कहा था की तुम सोने की एक्टिंग करते रहना और कुछ भी नही करना...तुम्हारे साथ कुछ भी हो, तुम्हारी वो नकली नींद नही खुलनी चाहिए...समझे..''
मैं समझ तो गया था की वो क्या करना चाहती है
पर डर भी रहा था की मोंम के सामने अगर हमारी चालाकी पकड़ी गयी तो वो हमारा क्या हाल करेगी...
पर सोनिया दी को अपने प्लान पर हद से ज़्यादा भरोसा था, इसलिए मैने भी उनकी हां में हां मिला कर उनका साथ देने का वादा कर दिया.
शाम होने तक हम दोनो ऐसे ही एक दूसरे की बाहो में नंगे लेटे रहे और मोंम के आने से पहले हम दोनो तैयार होकर नीचे आ गये..
मेरे एक दोस्त का लगातार फोन आ रहा था, इसलिए मैं तो उससे मिलने के लिए निकल गया और करीब 2 घंटे बाद ही वापिस लौटा..
तब तक मॉम और डेड घर आ चुके थे...
मॉम ने नाईटी पहनी हुई थी , जिसमे उनका भरंवा शरीर काफ़ी सैक्सी लग रहा था...
सोनिया ने एक छोटी सी निक्कर और टी शर्ट पहनी हुई थी...
पापा अपनी चेयर पर बैठकर पेग बना रहे थे.
मैं भी फ्रेश होकर सोनिया दी के साथ आकर बैठ गया...
सोनिया ने धीमी आवाज़ में बात करके एक बार फिर से अपनी योजना मुझे समझा दी...
मॉम ने सभी के लिए डिन्नर लगा दिया......
पापा ने तो पी रखी थी इसलिए खाना खाते ही वो गहरी नींद मे सो गये..
मैं भी थके होने का बहाना करके अपने रूम में आ गया और ये मैने इसलिए किया क्योंकि ऐसा करने के लिए मुझे सोनिया दी ने ही कहा था.
अब मेरे उपर जाने के बाद सोनिया और मॉम किचन समेटने लगे..
अचानक सोनिया ने मॉम को पीछे से पकड़ कर उन्हे अपनी बाहो में जकड़ लिया.
मॉम : "अर्रे, ये क्या कर रही है पगली...काम करने दे...''
सोनिया ने मॉम की गर्दन पर एक गीली सी पप्पी दे दी...
मॉम की आँखे बंद हो गयी और उनके मुँह से एक सिसकारी निकल गयी
''सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... क्या कर री है..... छोड़ ना.... काम करने दे...''
सोनिया : "आपको प्यार करने का मन कर रहा है....''
इतना कहकर उसने अपने हाथ उपर किए और अपनी मॉम की मोटी ब्रेस्ट को पकड़ कर उन्हें ज़ोर से दबा दिया...