05-07-2017, 02:09 PM
मैने आव देखा ना ताव, उस गीली कच्छी को अपने मुँह से लगाकर एक गहरी साँस ले ली...
ऐसा लगा जैसे मैं मॉम की पुस्सी को सूंघ रहा हूँ ...
ऐसा नशा तो आज तक मुझे नही चड़ा था
ऐसा लग रहा था जैसे कोई पुरानी शराब का ढक्कन खोल दिया हो...
एकदम मदहोश कर देने वाली स्मेल थी वो...
उसे सूँघकर तो मैं पूरी रात चुदाई कर सकता हूँ.
पर इस वक़्त तो वो काम सोनिया कर रही थी....
मॉम के बूब्स चूसने के बाद वो धीरे-2 नीचे आई और अपनी जीभ को उसने उनकी नाभि में घुसा दिया...
बेचारी मॉम का पूरा शरीर हवा में उठ सा गया, जैसे कोई जादूगर उनपर अपना कारनामा दिखा रहा हो...
सिर्फ़ उनके पैर और सिर बेड पर लगे थे
बाकी पूरा शरीर तीर की तरह हवा में उठा हुआ खड़ा था..
मेरा तो मन किया की अभी के अभी बाहर निकलु और इस तीर के बीच घुसकर मॉम के इस आसन को तोड़ दूँ,
उनकी चूत में अपना मुँह घुसेड दूँ और एक बार फिर से उस छेद में घुसने की कोशिश करुं जिसमें से मैं निकला हूँ ...
पर अलमारी में खड़ा होकर मैं सिर्फ़ ये सोच ही सकता था, और कुछ नही..
पर सोनिया तो कर सकती थी ना...
उसने धीरे-2 उनकी नाभि को चूसा और फिर अपनी जीभ से उनके नंगे पेट को चाटा और फिर उठकर उनकी टाँगो के बीच में आ गयी और जैसे ही चूत पर मुँह लगाया, उनका हवा में तैर रहा शरीर धड़ाम से बेड पर आ गिरा.
''ओह बैबी......... उम्म्म्ममममममममममममम..... क्यो तडपा रही हो सोनिया....अहह''
सोनिया ने मॉम की चूत से लिसडा हुआ मुँह बाहर निकाला और बोली : "मॉम, आप पूरा दिन हमारे लिए बाहर रहती है, आज आपकी थकान उतारने का मौका मिला है तो मैं ये काम छोड़ने वाली नही हूँ ...''
इतना कहते हुए उसने उनकी चूत में एक बार फिर से अपना मुँह लगाया और चूसने की आवाज़े फिर से आने लगी..
ऐसा लग रहा था जैसे वो बर्फ वाला गोला चूस रही है
उतनी ही तेज आवाज़ के साथ और सड़प -2 के साउंड के साथ.
दोनो इस वक़्त जन्मजात नंगे थे...
मैने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया...
उन्हे इस हालत में देखकर मुझे कुछ-2 नही बल्कि बहुत कुछ हो रहा था..
मॉम को शायद अपनी जवानी के टाइम का कुछ याद आया और उन्होने सोनिया को घूमाकर अपने उपर खींच लिया..
यानी 69 की पोज़िशन में ...
और फिर वो माँ बेटी एक दूसरे की शहद की शीशी से रस निकाल-निकालकर चाटने लगी...
मैने भी लंड हिलाने की स्पीड तेज कर दी..
अब उन दोनो के मुँह से निकलने वाली सिसकारियां भले ही बंद हो चुकी थी पर तेज साँसे और कसमसाहट सब बयान कर रही थी
और जैसे-2 उनकी चुसाई आगे बढ़ रही थी, वैसे-2 पलंग की चरमराहट भी तेज हो रही थी...
दोनो अपनी-2 जीभ से एक दूसरे की चूत को चोदने में लगी थी..
और फिर जैसे एक सैलाब सा आया कमरे में .. और एक साथ 2-2 बाँध टूट गये...
मॉम नीचे थी, उनके चेहरे पर तो जैसे सोनिया दी की चूत से निकला झरना चल पड़ा...
और उनका पूरा चेहरा उस झरने से निकले गाड़े और चिपचिपे पानी से तरबतर हो गया..
मॉम ने अपना मुँह खोला और उस झरने का मीठा पानी पीना शुरू कर दिया...
इस उम्र में आकर ऐसा ताज़ा पानी पीना हर किसी को नसीब नही होता..
और ख़ासकर अपनी खुद की बेटी की चूत का.



