19-06-2017, 02:06 PM
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बाद में दोनो एक बार फिर से बाथरूम में गये और अच्छी तरह से सॉफ होकर ही बाहर आए.
सोनिया का चेहरा अब बहुत चमक रहा था..
पता नही ये चमक उसके भाई के वीर्य को मलने से आई थी या उसकी बातों से.
पर जो भी था, आने वाले समय में दोनो को ऐसे काम करने थे जिसमें ये चमक और भी बढ़ने वाली थी.
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अब आगे
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रात को सोनिया ने तनवी को फोन करके उसे अगले दिन अपने घर पर आने को कहा..
उसे भला क्या प्राब्लम हो सकती थी, उसे तो मौका चाहिए था की किसी भी तरह वो सोनू के घर आए और उसके साथ मज़े ले..
इसलिए अगले दिन, स्कूल के बाद वो सोनू के साथ ही घर आ गयी.
सोनू हमेशा की तरह नहाने घुस गया और वो दोनो सहेलियाँ बैठकर बातें करने लगी.
कुछ देर तक नॉर्मल बातें करने के बाद सोनिया लाइन पर आ गयी
सोनिया : "वैसे जो कुछ भी सोनू तेरे साथ कर रहा है, उसमे तो एंजाय तो खूब कर रही है..''
तनवी (आँख मारते हुए) : "बहुत ज़्यादा... एन्ड मैं बता नही सकती की तेरा भाई कितना जबरदस्त है...''
उसका इशारा शायद सोनू के लंड की तरफ़ था, पर वो खुलकर उसे बोल नही पा रही थी की तेरे भाई का लंड कितना जबरदस्त है..
वैसे भी उसे बोलने का क्या फायदा, तनवी से ज़्यादा तो सोनिया ने उसे फील किया था...
उसे चखा था..
उसका मज़ा लिया था.
सोनिया : "हम्म्म...सही कह रही है तू... पर एक बात है, मैने तेरी इतनी हैल्प की है और तूने मेरे बारे में आज तक कुछ नही सोचा...''
तनवी : "अरे मेरी जान, तू एक बार बोल तो सही, क्या करू मैं तेरे लिए.. कहे तो जान दे दू...''
उसके फिल्मी स्टाइल को देखकर सोनिया हंस दी और बोली : "अर्रे नही, जान नही चाहिए, बस जैसे मज़े तुझे मिल रहे है, वैसे ही तू मुझे दे दे..''
तनवी असमंजस में पड़ गयी और बोली : "मैं कुछ समझी नही...''
सोनिया उसके थोड़ा करीब खिसक आई और अपने हाथ की उंगली को उसके जाँघ पर घुमाना शुरू किया...
फिर धीरे-2 वो उस उंगली को उपर ले जाने लगी...
उसकी कमर से होते हुए वो उसके सपाट पेट तक पहुँची..
वहा उसने अपने नेल को कुछ देर तक घुमाया...
ये सब देखकर तनवी की आँखे फैलती चली गयी...
उसकी साँसे तेज होने लगी...
ऐसी फीलिंग उसे आज तक नही हुई थी..
बदन में एक सुरसुराहट सी हो रही थी..
अजीब सा नशा चड रहा था..
पर वो कुछ कर नही पा रही थी.