आज तनवी बहुत खुश थी..जो वो चाहती थी, वो उसे मिल चुका था.
जाने से पहले उसने अपनी छातियों को अच्छे से मालिश करवाई और सोनू को काफ़ी स्मूचेस दी...
फिर सोनू उसे घर छोड़ता हुआ अपने घर आ गया.
पर उसे पता नही था की घर पहुँचते ही तनवी ने आज का सारा किस्सा सोनिया को फोन करके सुना दिया था..
अब सोनिया के दिलो दिमाग़ में जो चल रहा था उसका आज बहुत बड़ा असर पड़ने वाला था उनके भाई बहन के रिश्ते पर..
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अब आगे
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सोनू जब घर पहुँचा तो सोनिया उसे गेट पर ही उसका इंतजार करते हुए मिल गयी...
उसके चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की वो कितनी देर से उसका इंतजार कर रही है...
अब वो भला क्या जानती थी की आज स्कूल से घर का रास्ता इतना लंबा कैसे हो गया था..
दोनो जब अंदर आए तो सोनिया का मोबाइल फोन बज उठा.
वो तनवी की कॉल थी.
सोनिया : "हाय ...कैसी है...आज इस वक़्त कैसे याद आ गयी तुझे..''
तनवी : "वो तुझे बताने के लिए कॉल किया था की मेरा एडमिशन सोनू के स्कूल में हो गया है..''
सोनिया ने जब ये सुना तो उसका पूरा शरीर झनझना उठा...
ये सोचकर की अब उसके भाई का क्या होगा..
उसका दिमाग़ तो सोचते हुए इतनी आगे तक पहुँच गया की वो दोनो स्कूल के बाद बंद क्लास में चुदाई कर रहे है...
वो अपनी बड़ी-2 आँखो से सोनू को देख रही थी... जो फ्रिज से पानी निकाल कर पी रहा था... इस बात से अंजान की उसकी बहन तनवी से बात कर रही है.
तनवी तो पहले से ही उसके भाई के बारे में बात करके उसके साथ खुल चुकी थी...
इसलिए अपनी आदत के अनुसार एक बार फिर से शुरू हो गयी और स्कूल में साक्षी के साथ क्लास वाला किस्सा और बाद में चर्च के पीछे वाला वाक्या भी उसे नमक मिर्च लगाकर सुना डाला..
सोनिया को तो विश्वास ही नही हो रहा था की उसके भाई में इतनी हिम्मत आ चुकी है की वो स्कूल में भी ऐसी हरकत करने की हिम्मत रखता है..
पर अंदर ही अंदर उसे ये सब सुनकर मज़ा भी आ रहा था और उसकी उत्तेजना भी बढ़ती जा रही थी..
वैसे वो उसकी उत्तेजना कल रात के बाद और भी बढ़ चुकी थी...
एक बार जिस बहन ने अपने भाई के लंड को चख लिया हो, उसे फिर और कुछ पसंद ही कहाँ आता है...
वही हाल सोनिया का भी था...
इसलिए वो उसके स्कूल से लोटने का इंतजार कर रही थी ताकि वो कुछ मौज मस्ती कर सके उसके साथ...
और अब तनवी की बातों ने उसके अंदर की आग को और भी भड़का दिया था..
उसके मन में बस यही चल र्हा था की जब दूसरों के साथ इतना ओपन हो सकता है तो मेरे साथ तो डबल ओपन होना चाहिए...
आख़िर बहन हूँ मैं उसकी...
मेरे भाई पर पहला हक मेरा है ना की उन भूतनियों का....
वैसे भी वो तनवी को तो अपने सामने कुछ नही समझती थी...
ना तो उसके पास चुचि थी और ना ही उसके जैसा हुस्न...
पर साक्षी के बारे में वो ऐसा नही बोल सकती थी, वो उसे पूरी तरह से टक्कर दे सकती थी...
हर बात में...
हर डिपार्टमेंट में.
पर अभी के लिए तो सोनू को कुछ दिखाने का टाइम था...जिसके लिए सो सुबह से मचल रही थी.
सोनू हमेशा स्कूल से आने के बाद नहाने चला जाता था, ये वो अच्छी तरह से जानती थी, और अंदर जाते हुए वो अक्सर टावल लेना भी भूल जाता था..
आज भी ऐसा ही हुआ, वो बाथरूम में गया और नहाने में मग्न हो गया.
कुछ देर बाद जब उसे ये रीयलाइज़ हुआ की टावाल नही है तो उसने सोनिया को आवाज़ दी...
और उसकी प्यारी बहन टावल लेकर हाजिर हो गयी...
सोनू ने जैसे ही टावल उसके हाथ से लेना चाहा,सोनिया उसे धक्का देती हुई अंदर घुस आई.
और उसे देखकर सोनू की आँखे फटी की फटी रह गयी....
वो एकदम नंगी थी.
कल रात को उसे नंगा देखने के बाद उसकी हिम्मत में इतना इज़ाफा हो चुका था की वो खुद ही अपने कपड़े उतारकर उसके साथ बाथरूम में घुस आई थी.
सोनू तो उसके गोरे जिस्म को उपर से नीचे तक आँखे फाड़े देख रहा रहा था..
रात के अंधेरे में और अब देखने मे कितना फ़र्क था, ये वो अब जान पा रहा था...
उसका एक-2 अंग अपनी सुंदरता बिखेरता हुआ उसके सामने था..
और सबसे बड़ी बात ये थी की वो बड़ी अकड़ के साथ उसे वो सब इतरा कर दिखा भी रही थी.
वो कुछ बोल पता , इससे पहले ही सोनिया बोल पड़ी : "सुना है आज बड़ी मौज मस्ती करी तुमने स्कूल में ...हम्म''
वो अपने मुम्मो पर शावर का पानी डालते हुए बोली.
पर वो तो भोंदू सा बनकर उसके मोम्मे देखने में बिज़ी था.
सोनिया थोड़ा आगे आई और उसके खड़े हुए लंड को हाथ में पकड़कर मरोड़ दिया
''आआआआईयईईईई...... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... क्या कर री हो दी.....''
वो अपनी नाराज़गी दिखा रही थी...
वो नाराज़गी जो उसमें तनवी की बाते सुनने के बाद आई थी.
वो बोली : "बोल ना... क्या-2 करा आज स्कूल में...''
सोनू ने सिसकारी मारते हुए कहा : "दी..तुमने अभी तनवी से बात की है ना...''
उसने हाँ में सिर हिला दिया...
सोनू तो पहले ही समझ गया था..
अब उसे तनवी पर गुस्सा आ रहा था...
वो जानता था की तनवी ने जो बोला होगा, उसे सुनकर उसकी बहन में थोड़ी जेलीसी वाली भावना ज़रूर आएगी...
पर अंदर ही अंदर उसे अपनी बहन की ये फीलिंग अच्छी भी लग रही थी.
सोनू : "जब आपको सब पता चल ही गया है तो मुझसे क्यो पूछ रही हो...''
ये कहते हुए उसने अपना सिर नीचे किया और उसके मोम्मे को मुँह में भरकर ज़ोर से चूस डाला...
वो चिल्लाई : "आअहह....... पर फिर भी..... तेरे मुँह से..... आह सुनना अच्छा लगता है....... उफफफफफफफफफ्फ़... धीरे कर कुत्ते....''
ये पहली बार था जब उसकी बहन ने उसे गाली दी थी....
और वो भी ऐसे मौके पर जब वो कुत्ते जैसी ही हरकत कर रहा था...
अपनी लंबी जीभ को वो उसके निप्पलों पर फेरकर उसके पूरे स्तन को मुँह में भरकर चूस रहा था वो कमीना...
सोनू : "सुनने से अच्छा होगा की सामने देख लेना .... एक बार फिर से तनवी को यहाँ बुला लो.... जैसे कल किया था, वैसे ही दोबारा कर दूँगा... देख लेना... छुपकर...स्टोर में से...... उम्म्म्ममम''
सोनिया की चूत में जबरदस्त कंपन हुआ ये सुनकर....
वो थरथराई और बोली : "नाआआआआआआआआ..... ऐसे नही.... चोरी छिपे क्यो..... सामने से दिखा... हिम्मत है तो..... उम्म्म्मममम''
सोनू ने झटके से अपना चेहरा उपर किया.....
और सोनिया की आँखो में देखा....
उसकी आँखो मे उसे वो चेलेंज करती हुई दिखी जैसे कह रही हो की है हिम्मत तो तनवी के साथ मेरे सामने करके दिखा..
सोनू : "पर वो कैसे मानेगी.... आई मीन... एक बहन के सामने वो उसी के भाई के साथ वो सब.... उसकी नज़रों में तो ग़लत होगा ना...''