03-06-2017, 03:14 PM
सोनू भला क्या जवाब देता , उसकी आँखों में तो कोई और ही पिक्चर चल रही थी.....
उसे इस वक़्त सोनिया की नंगी छातियाँ याद आ गयी, जिन्हे देखकर उसके लंड का बुरा हाल हो गया था....
हालाँकि साक्षी की ब्रेस्ट भी ऑलमोस्ट उतनी ही पर्फेक्ट थी, पर पता नही क्यो वो उसे सोनिया से कंपेयर करने में लगा था....
साक्षी ने अपनी ब्रा को भी उपर कर दिया और अपने दोनो चाँद उसके सामने उजागर कर दिए.
ये शायद साक्षी के लिए पहला मौका था की उसने अपनी कीमती ब्रेस्ट को किसी के सामने नंगा किया था...
इसलिए उसे शर्म भी आ रही थी....
पर उसे मालूम था की हर लड़का ब्रेस्ट का दीवाना होता है, और उसे पक्का विश्वास था की सोनू भी उसकी ब्रेस्ट को देखकर उसका पक्का वाला दीवाना बनकर रह जाएगा..
पर ऐसा हुआ नही..
सोनू भले ही साक्षी की नंगी छातियों को इतने करीब से देख रहा था,
पर उसकी आँखो के आगे तो सोनिया की ब्रेस्ट ही नाच रही थी....
चाहकर भी वो अपना ध्यान साक्षी के उपर नही लगा पा रहा था...
ये एक ऐसा पल था जिसके लिए हर लड़का मरता है.....
उसकी गर्लफ्रेंड खुद उसे अपनी ब्रेस्ट दिखा रही थी..
और वो उल्लू सा बनकर उसे सिर्फ़ देख रहा था..
उसे तो अपनी बहन और उसकी ब्रेस्ट नज़र आ रही थी इस वक़्त...
इसलिए उसके हाथ उठे ही नही उन्हे दबोचने के लिए...
वो तो बस बुत्त सा बनकर वहां खड़ा रहा...
उन्हे देखने का नाटक करता रहा..
साक्षी : "बोलो ना बेबी, कैसे हैं ये.....''
सोनू : "हम्म्म्म हाँ .... हन..... काफ़ी अच्छे है...''
इतना कहते हुए उसने उनपर अपना हाथ रख दिया...
साक्षी का शरीर थर्रा उठा सोनू का स्पर्श पाकर.....
उसके निचले होंठ काँप से गये जब उसने कहा : "सकक् करो सोनू..... प्लीज़ सकक् माय ब्रेस्टsssssss ....''
सोनू की हालत कुछ ऐसी थी की वो खुद ही समझ नही पा रहा था....
अभी कुछ देर पहले तक तो वो उसे चोदने तक की बातें सोचता हुआ उसके घर आया था, और अब जब खेल शुरू हुआ तो वो आगे ही नही बड़ रहा था...
पता नही क्या था जो उसे रोके हुए था....
पर साक्षी को अभी तक उसका आभास नही हुआ था...
हालाँकि उसे थोड़ा आशचर्य ज़रूर हुआ था जब उसने अपनी ब्रेस्ट खुद खोल कर उसे दिखाई और उसके बाद भी वो उसे दबाने या चाटने के लिए लपका नही...
पर जब सोनू ने उन्हे अपने हाथों में पकड़ा तो वो अपनी सुध-बुध खोती चली गयी और उसे कुछ भी होश नही रह गया की वो सोनू के बारे में क्या सोच रही थी अभी....
उसके पूरे शरीर में चींटियां सी रेंग रही थी, और ख़ासकर उसके निप्पल्स पर....
वो अंदर से चाह रही थी की सोनू उसके निप्पल्स को ज़ोर से दबा डाले.....
उन्हे चुभला कर ज़ोर से काट ले...
पर जब सोनू ने अपनी तरफ से कुछ नही किया तो उसने खुद उसका सिर पकड़ कर अपनी छाती की तरफ किया और अपना नुकीला निप्पल उसके मुँह में ठूस दिया...