बाहर से कोई आवाज़ नही आई.... वो समझ गया की ज़रूर वो अपनी शरारतों को अंजाम देने में लगी है... पर बेचारा अंदर खड़ा हुआ कुछ कर ही नही सकता था...
सोनिया बाहर उसके मोबाइल से मैसेज करने में लगी रही
और करीब 2 मिनट के बाद दरवाजा खुला तो सोनू लपककर बाहर निकला... और वो सोनिया को धक्का देते हुए उससे अपना मोबाइल छीनने की कोशिश करने लगा... और उस छीना झपटी में दोनो के जिस्म कई बार छुए पर इस वक़्त सोनू को उन सबसे कोई मतलब नही था... वो बस अपना मोबाइल वापिस पाना चाहता था...
और आख़िरकार उसने मोबाइल ले ही लिया...
सोनिया हंस-हंसकर पागल हुए जा रही थी उसका उतावलापन देखकर....
सोनू ने तुरंत साक्षी वाली चैट खोलकर देखी .... सोनिया ने तो अच्छी ख़ासी बातचीत कर ली थी उसके साथ (सोनू बनकर)
सोनिया : "घबरा मत ..... तेरी सेटिंग करवा रही थी... मैने सोचा तुझसे तो होगा नही, इसलिए मैने ही हेल्प कर दी तेरी... अब देखना कल तुझे देखकर क्या बोलेगी....''
सोनू उसे गुस्से से देखता हुआ कमरे से बाहर आया... अपनी टी शर्ट पहन कर वो बाहर निकल गया और घर के सामने बने पार्क में पहुँच गया... और वहाँ जाकर उसने मोबाइल के मैसेज पढ़ने शुरू किए
साक्षी : "हाय .... कल मेरी बुक याद से ले आना.... 2 दिन से भूल रहा है....''
सोनू (यानी सोनिया) : "ओके .... ले आऊंगा .... उसके लास्ट पेज पर एक लेटर भी होगा... वो भी पढ़ लेना ...''
साक्षी : "लेटर ? कैसा लेटर ?"
सोनू : "लव लेटर ''
साक्षी : "आर यू सीरीयस ?''
सोनू : "यस आई एम ....''
साक्षी : "और मुझे लगा की तुम कभी बोलॉगे ही नही...''
सोनू : "इट मीन्स.. की तुम भी .. वाव...... पर कब से...''
साक्षी : "डफर ..... ऐसे नहीं .... कल मिल ज़रा स्कूल में , बताती हूँ तुझे ... बाय...''
और लास्ट वाली लाइन के बाद उसकी तरफ से एक धड़कता हुआ दिल भी आ चुका था...
यानी जो काम वो पिछले एक साल से करना चाह रहा था वो सोनिया ने 5 मिनट में ही कर दिया.... और वो उसे कितना बुरा भला कह रहा था..
वो तुरंत घर की तरफ चल दिया... उसे अपनी सिस्टर को थेंक्स जो कहना था... जाते हुए उसने उसकी फ़ेवरेट चॉक्लेट कोन वाली आइस्क्रीम भी ले ली..
दरवाजा उसी ने खोला.... और दोनो के चेहरे पर एक ब्रॉड वाली स्माइल थी...
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