दोस्तों, कहानी लिखने से मेरा दूर-दूर का कोई वास्ता नहीं है. मैं तो सिर्फ इधर का माल उधर और उधर का माल इधर करता हूँ. यहाँ जो कहानियां आप पढेंगे वे इधर-उधर से मारी हुई हैं. इनमे से कोई आपकी या आपके किसी परिचित की लिखी हुई भी हो सकती है. यदि ऐसा हो तो कृपया मुझे सूचित करें ताकि मैं मूल लेखक को श्रेय दे सकूं – आखिर इस तरह की कहानियां लिखने वालों को कोई पुरस्कार या पैसा तो मिलता नहीं है. उन्हें कम से कम श्रेय तो मिलना ही चाहिए.
५५ साल की बंगालिन
बाबा का आशीर्वाद
समधी-समधन
सावधानी नहीं बरती
मालकिन और सेठजी
अब पेश है पहली कहानी.
Story Index
अब पेश है पहली कहानी.