22-06-2018, 06:46 PM (This post was last modified: 22-06-2018, 06:54 PM by Sagarshalini.)
हम दोनों घर की ओर चल दिए, रास्ते में शालिनी और मेरे बीच कोई बात नहीं हो रही थी, शायद वो गार्ड वाली घटना की वजह से,
घर के पास आकर किरानास्टोर वाले से सामान लेते हुए हम घर आ गए , मैंने बाइक बाहर ही रखी और हम अंदर आ गए, कमरे मे आते ही मैंने कूलर चलाया और फटाफट अपने कपड़े निकालकर मैं अपनी आरामदायक पोजीशन यानी चढ्ढी बनयान मे आ गया और शालिनी पीछे कमरे में जाकर सारे बैग रखकर मेरे पास आकर बेड पर बैठ गई, कूलर की हवा ठंडी थी, पांच मिनट ऐसे ही बैठे रहते हुए हो गए थे पर हम लोग कोई बात नहीं किए थे, मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था...
मै- शालिनी, नौ बज रहे हैं, खाने का क्या करना है।
शालिनी- जी, भाईजी, मैं अभी कुछ बनाती हूं,
मैं- ह़ां , चेंज कर लो फिर आराम से बनाना कोई जल्दी नहीं है
और कल से मुझे जाब पर भी जाना है.... इस बीच देखते हैं एडमिशन की लिस्ट जारी हो जायेगी तो फिर एक दो दिन की छुट्टी लेकर काम हो जायेगा।।
शालिनी- जी भाईजी
मैं- और हां, तुम आज इसी बेड पर सो जाना क्योंकि तुम्हारे रूम में तो अभी पंखा नहीं लग पाया है,, कल लगवा लेंगे।।
शालिनी- जी, यहीं सो जाऊंगी वैसे भी मैं कभी अकेली नहीं सोती...
मैंने टीवी चला दी और शालिनी चेंज करके नये कपडों मे से ही एक ब्लैक शार्ट निक्कर और व्हाइट टी पहनकर आयी और कूलर के आगे खड़ी हो गई, तो मैंने देखा कि शालिनी पूरी तरह पसीने मे भीगी हुई है,,,,
मैं- अरे तुम तो पूरा पसीने से नहाई लग रही हो, क्या हुआ ।।
शालिनी- वो कमरे में पंखा नहीं है तो बहुत गर्मी लग रही थी और मुझसे जींस भी जल्दी निकल नहीं रही थी ।
मै- ओ हो... इतनी गर्मी थी तो तुम यहीं चेंज कर लेती..और पसीने से नहाई हो फिर भी कपड़े पहन लिए ।।
शालिनी- जी... भाईजी... वो यहां आप थे इसलिए मैं पीछे चली गई थी....
मै- (थोड़ा सोच कर) हां, हां मैं यहां था तो... कौनसा तुम्हें सारे कपड़े निकालने थे,,, अब यहाँ हम ही दोनों को रहना है... इतनी शरम ठीक नहीं... और तुम अपने भाई के साथ ही अनकम्फरटेबल हो... ऐसे कैसे रहेंगे हम साथ में ... मुझे देखो मैं जैसे रहता था तुम्हारे आने से पहले वैसे ही हूं।।
शालिनी-- सारी भाईजी,,, मेरा वो मतलब नहीं था, पर मुझे लगा आपके सामने चेंज नहीं करना चाहिए, ,,,
(शालिनी का हाथ पकड़ कर अपने पास बेड पर बिठाते हुये)
मैं- देखो बेटा... बिल्कुल फ्री होकर रहो... हम लोग अब बड़े हो गए हैं और एक दूसरे के सामने चेंज नहीं करना चाहिए लेकिन कभी इस तरह की सिचुएशन हो तो कर सकते हैं और करना ही चाहिए, हम भाई बहन हैं और यहां इस शहर मे हमे ही एक दूसरे का खयाल रखना है... लड़ाई के लिए भी मैं ही हूँ और प्यार के लिए भी मैं ही मिलूंगा..., सो रिलैक्स ...
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(22-06-2018, 06:46 PM)Sagarshalini : हम दोनों घर की ओर चल दिए, रास्ते में शालिनी और मेरे बीच कोई बात नहीं हो रही थी, शायद वो गार्ड वाली घटना की वजह से,
घर के पास आकर किरानास्टोर वाले से सामान लेते हुए हम घर आ गए , मैंने बाइक बाहर ही रखी और हम अंदर आ गए, कमरे मे आते ही मैंने कूलर चलाया और फटाफट अपने कपड़े निकालकर मैं अपनी आरामदायक पोजीशन यानी चढ्ढी बनयान मे आ गया और शालिनी पीछे कमरे में जाकर सारे बैग रखकर मेरे पास आकर बेड पर बैठ गई, कूलर की हवा ठंडी थी, पांच मिनट ऐसे ही बैठे रहते हुए हो गए थे पर हम लोग कोई बात नहीं किए थे, मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था...
मै- शालिनी, नौ बज रहे हैं, खाने का क्या करना है।
शालिनी- जी, भाईजी, मैं अभी कुछ बनाती हूं,
मैं- ह़ां , चेंज कर लो फिर आराम से बनाना कोई जल्दी नहीं है
और कल से मुझे जाब पर भी जाना है.... इस बीच देखते हैं एडमिशन की लिस्ट जारी हो जायेगी तो फिर एक दो दिन की छुट्टी लेकर काम हो जायेगा।।
शालिनी- जी भाईजी
मैं- और हां, तुम आज इसी बेड पर सो जाना क्योंकि तुम्हारे रूम में तो अभी पंखा नहीं लग पाया है,, कल लगवा लेंगे।।
शालिनी- जी, यहीं सो जाऊंगी वैसे भी मैं कभी अकेली नहीं सोती...
मैंने टीवी चला दी और शालिनी चेंज करके नये कपडों मे से ही एक ब्लैक शार्ट निक्कर और व्हाइट टी पहनकर आयी और कूलर के आगे खड़ी हो गई, तो मैंने देखा कि शालिनी पूरी तरह पसीने मे भीगी हुई है,,,,
मैं- अरे तुम तो पूरा पसीने से नहाई लग रही हो, क्या हुआ ।।
शालिनी- वो कमरे में पंखा नहीं है तो बहुत गर्मी लग रही थी और मुझसे जींस भी जल्दी निकल नहीं रही थी ।
मै- ओ हो... इतनी गर्मी थी तो तुम यहीं चेंज कर लेती..और पसीने से नहाई हो फिर भी कपड़े पहन लिए ।।
शालिनी- जी... भाईजी... वो यहां आप थे इसलिए मैं पीछे चली गई थी....
मै- (थोड़ा सोच कर) हां, हां मैं यहां था तो... कौनसा तुम्हें सारे कपड़े निकालने थे,,, अब यहाँ हम ही दोनों को रहना है... इतनी शरम ठीक नहीं... और तुम अपने भाई के साथ ही अनकम्फरटेबल हो... ऐसे कैसे रहेंगे हम साथ में ... मुझे देखो मैं जैसे रहता था तुम्हारे आने से पहले वैसे ही हूं।।
शालिनी-- सारी भाईजी,,, मेरा वो मतलब नहीं था, पर मुझे लगा आपके सामने चेंज नहीं करना चाहिए, ,,,
(शालिनी का हाथ पकड़ कर अपने पास बेड पर बिठाते हुये)
मैं- देखो बेटा... बिल्कुल फ्री होकर रहो... हम लोग अब बड़े हो गए हैं और एक दूसरे के सामने चेंज नहीं करना चाहिए लेकिन कभी इस तरह की सिचुएशन हो तो कर सकते हैं और करना ही चाहिए, हम भाई बहन हैं और यहां इस शहर मे हमे ही एक दूसरे का खयाल रखना है... लड़ाई के लिए भी मैं ही हूँ और प्यार के लिए भी मैं ही मिलूंगा..., सो रिलैक्स ...
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(22-06-2018, 08:47 PM)doonchodu : Bhai Shalini Ki chudai bhi hogi ya nahi ya yahi drama chalta rahega?
Hi doonchodu, I dragged Shalini to bed and fucked her hard.... It's not like that... Wait... it's Not easy to make sexual relationship with siblings...