Click Here to Verify Your Membership
Desi पंजाबी आंटी को बिच पर चोदा

पंजाबी आंटी को बिच पर चोदा

छुट्टियों की आखिर में हम लोग दमन गए

वैसे तो हर समर वेकेशन में मेरा और गुरप्रीत अंकल का परिवार हमेंशा बहार घुमने जाता था. लेकिन इस साल दादी की तबियत पतली होने की वजह से वेकेशन के आखरी दिनों तक हम लोग बहार नहीं जा पायें. गुरप्रीत अंकल मेरे डेड के साथ ऑफिस में काम करते थे. वैसे वो पंजाब से थे लेकिन नौकरी की वजह से अभी सूरत में रहते थे. उनकी बीवी का नाम कुलदीप था. इस पंजाबी आंटी के तेवर वैसे देखने लायक थे, वोह कभी भी किसी से सीधे मुहं बात नहीं करती थी, उसे बहुत गुमान था अपने पति की 6 फिगर वाली नौकरी पर. छुट्टियां पूरी होने को थी, दादी की तबियत भी अब अच्छी थी इसलिए डेड और गुरप्रीत अंकल ने घुमने की बात कही. डेड और अंकल ने कहीं दूर जाने के बजाय यही पास दमन जाने का फैसला किया, क्यूंकि इतने दिन नहीं बचे थे अब छुट्टियों को खत्म होने में. मोम ने मना कर दिया साथ में आने के लिए क्यूंकि उन्होंने दमन बहुत बार देखा था. आखिर कार मैं पंजाबी आंटी कुलदीप, गुरप्रीत अंकल और डेड बस इतने लोग ही तैयार हुए दमन जाने के लिए. मित्रो यह सत्य घटना इसी पिकनिक में बनी थी जिस में मैंने नकचढ़ी पंजाबी आंटी की गांड मारी थी. मेरे 19 साल के जवान लंड का रस इस पंजाबी आंटी ने भरपूर पिया था. आइये देखे की यह सब कैसे हुआ.


पंजाबी आंटी की गांड मैं देखता ही रह गया

दमन पहुँचते ही गुरप्रीत अंकल और डेड पिने लगे, बल्कि दोनों ने रस्ते में ही ताड़ी लेना चालू कर दिया था. गाडी की पीछे की सिट पर मैं और पंजाबी आंटी कुलदीप बैठे हुए थे. पुरे रास्ते उसने मुझ से कोई बात नहीं की, वैसे भी वोह सुरत में भी कम ही बात करती थी. दमन आते ही हम लोगो ने एक होटल में दो रूम लिए. हमारी होटल बिच के बिलकुल सामने थी लेकिन बिच का यह हिस्सा बिलकुल उजड़ा हुआ सा था, यहाँ कोई आता जाता नहीं था. खाना खाने के बाद थकान मिटाने के लिए हम लोग होटल के अंदर के ही स्विमिंग पुल में नहाने चले गए. नहाते नहाते पुरे वक्त मेरी नजर इस पंजाबी आंटी की गांड के ऊपर ही थी. उसने भी मुझे एक दो बार उसकी गांड को देखते हुए देख लिया था. मैं सोच रहा था की इतनी बड़ी गांड में लंड देने के अपने ही मजे होंगे. शाम के खाने के बाद भी अंकल और मेरे डेड दारु के साथ डूबे रहे. इस बिच कुलदीप आंटी ने मेरे से थोड़ी बहुत बातचीत की और मुझे लगा की अब यह पंजाबी आंटी भी थोड़ी सॉफ्ट हुई थी. उसी शाम को मैं और आंटी बिच के ऊपर टहलने के लिए गए और रस्ते में मैंने जान बूझ के एक दो बार साथ चलते चलते आंटी की गांड के ऊपर हाथ जैसे की गलती से गिरा दिया. आंटी कुछ बोली नहीं और मेरी हिम्मत खुल गई. लेकिन इस टहलने के अंदर मेरा काम नहीं बना, काम तो मेरा अगले दिन बिच के ऊपर बना.


मैं और पंजाबी आंटी अकेले बिच पर गए

दुसरे दिन बड़ी सुबह आंटी ने हमारे दरवाजे के ऊपर नोक किया, मेरे डेड ने दरवाजा खोला और मैंने बिस्तर से देखा की पंजाबी आंटी स्विमस्यूट में थी. डेड उसे देख के चमके और बोले, भाभी अभी स्विमिंग करेंगी. पंजाबी आंटी हंस के बोली नहीं मुझे सुबह की हलकी धुप सेकनी हैं, आप आयेंगे. डेड बोले नहीं मैं नहीं आऊंगा. तभी में बेड से उछल के निकला और बोला मैंने आता हूँ आंटी. आंटी ने मेरी तरफ देखा, सुबह सुबह मेरा लंड पेशाब लगने की वजह से बरमुडे में टाईट हुआ था जिसकी वजह से उतना भाग उपस गया था. डेड देखे उसके पहले मैंने अपने लंड को दबा दिया. मैंने फट से ब्रश किया और चाय बना के पी ली. आंटी अंदर आ के सोफे पे बैठी थी, वो मेरी चाय ख़त्म होने की ही राह देख रही थी. मुझे बहुत जल्दी थी इस आंटी के साथ बहार जा के घुमने में. मेरी चाय खत्म होते ही हम लोग निकल पड़े. मैं मेरे आगे चल रही आंटी की मस्त गांड को देख के खुश हो रहा था. मेरे लंड में अभी भी मस्त तनाव बना हुआ था. कुलदीप आंटी बस अपनी चूत के फाटक खोल दें. मैं कब से ऐसी ही कोई बड़ी उम्र की चूत ढूंढ रहा था जो मुझे ख़ुशी भी दे और जेबखर्च भी.

तू मेरी गांड क्यों देख रहा था…???

आंटी आगे आगे चल रही थी और मैं वही मस्ती में उसकी मटकती गांड जो स्विमिंग स्यूट में मस्त लग रही थी उसे देख रहा था. थोड़ी देर में ही हम लोग बिच पर पहुँच गए और आंटी ने एक शीशी निकाली जिस में से उसने कोई तेल निकाला और वो अपने चुंचो के ऊपर के भाग, कंधे और गालो के उपर मलने लगी. बिच के उपर हम दोनों के अलावा दो कुत्ते ही थे. सुबह का वातावरण था और यह बीच वैसे भी इतना फेमश नहीं था की यहाँ लोग सुबह सवेरे भीड़ करे. आंटी ने अपनी गांड वाले हिस्से पे तेल लगाना चालू किया और मुझे पहली बार लगा की साली यह पंजाबी आंटी तो बेशर्म बनती जा रही हैं. तभी आंटी बोली, आजा ना मुझे तेल लगा दे..पीछे कमर पे मेरा हाथ नहीं जाएंगा. मैं थोडा रुका और कुछ सोचूं उसके पहले ही आंटी बोली, अरे वैसे तो तू मेरी गांड पीछे से बहुत देखता हैं और अब क्यों शर्मा रहा हैं. मैं सहम गया और मनोमन सोचने लगा तो क्या यह आंटी मेरे हिलचाल के ऊपर नजर बनाये हुए थी और उसे सब पता था की मैं क्या कर रहा हूँ. मुझे लगा की आंटी को भी चुदवाने की इच्छा जरुर होगी तभी तो उसने मुझे कुछ कहा नहीं और अब वो मुझे मालिश कर देने के बहाने अपने शरीर के स्पर्श करने का मौका दे रही थी. वैसे अगर आंटी शरीफ होती तो वो मुझ से दुरी रखती, लेकिन यहाँ तो खर्बुचा खुद छुरी के ऊपर गिरने के लिए तैयार था. मैंने तेल हाथ में निकाला और आंटी के कमर के ऊपर हाथ से सहलाना चालू कर दिया. आंटी की आँखे बंध होने लगी और वो मेरे प्रत्येक स्पर्श का मजा लेने लगी. आंटी की कमर बहुत मस्त थी और उसके ऊपर हाथ लगाते ही मुझे मस्त उत्तेजना होने लगी. मेरा लंड लपकार लेने लगा था और मैं आंटी की तरफ से सिर्फ सिग्नल मिलने की राह देख रहा था.

जरा आगे की तरफ हाथ कर ना

मेरे हाथ सेक्सी पंजाबी आंटी की कमर पे चल रहे थे तभी आंटी ने मुझे कहा की आगे की तरफ हाथ करो ना, उसका कहने का मतलब था की मैं उसके स्तन वाले हिस्से पे हाथ घुमाऊं. मैंने जैसे ही आंटी के चुंचे के ऊपर उसके स्विमस्यूट के ऊपर से हाथ घुमाया. आंटी के चुंचे कडक हो चुके थे और उसके निपल्स जैसे की लोहे के हो वैसे कड़े थे. आंटी मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही सहला रही थी. मैंने देखा की बिच के किनारे हम से 100 मीटर की दुरी पर एक टेकरी जैसा बना हुआ था और मैंने सोचा की यहाँ खुले में चोदने से बहतर हैं की मैं इस पंजाबी आंटी को वहाँ ले जाऊं ताकि हमें कोई देख ना सके. मैंने आंटी को टेकरी दिखाई और उसे भी मेरी बात में तथ्य लगा. हम दोनों कपडे सही करते हुए चल पड़े टेकरी की तरफ. टेकरी का हगने और मुतने के अलावा कोई उपयोग होता हुआ लगता नहीं था, हाँ चुदाई के बाद वीर्य के निशान पकड़ना मुश्किल हैं इसलिए शायद यहाँ चुदाई भी शायद होती होगी लेकिन जहाँ तहां गू और पेशाब की गंदगी दिख रही थी. मैं और आंटी टेकरी के पीछे वाली साफ़ जगह पर चले गए और वहाँ पहुँचते ही आंटी ने अपना स्यूट उतार फेंका. उसके तरबुच जितने बड़े स्तन हवा में झूल रहे थे. आंटी ने मेरे कपडे भी उतार दिए और वो मेरे लंड को हाथ में ले के मरोड़ने लगी. लंड बहुद अकड गया था और उसे भी चूत चाहिए थी. आंटी ने कुछ बोले बिना सीधे मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया और गले तक ले के चूसने लगी. आंटी मेरे लंड को जैसे की भूखा कुत्ता हड्डी चुस रहा हो वैसे जोर जोर से चूस रही थी. आंटी का थूंक मेरे लंड और गोटो के ऊपर बह रहा था, मैंने भी निचे झुक के आंटी के बूब्स को मसलना चालू कर दिया…..!!!

आंटी के स्तन को लंड से चोदा

अब मेरा लंड भी चुसाई के चलते भूखा होता जा रहा था. आंटी भी मेरे लंड को चूसने के बिच बिच अपने हाथ से मसलती थी. मेरे लंड से वीर्य निकल पड़ेगा ऐसा डर मुझे लगने लगा था. तभी सेक्सी पंजाबी आंटी ने अपने चुंचो के बिच में थूंक दिया और मेरे लंड को वहाँ रख के चुंचो को दोनों तरफ से जोर से दबा दिया. आंटी का इशारा मिलते ही मैं आंटी के दोनों सेक्सी स्तन के बिच अपने लंड को जोर जोर से अंदर बहार करने लगा. मेरा यह बूब्स फक का पहला अनुभव था लेकिन सच में आंटी के बूब्स चोदने की मजा किसी चूत में लंड देने से कम नहीं था. आंटी ने थूंक लगाया था इसलिए उसके बूब्स मस्त चिकने हो गए थे और वोह बहुत ही मुलायम थे इसलिए लंड फचफच उनके बिच अंदर बहार होने लगा था. मैंने ज्यादा देर तक आंटी की स्तन ठुकाई नहीं कर पाया क्यूंकि मेरा लंड अब बर्दास्त के बहार उत्तेजित हो चूका था और उसने वीर्य की धार निकाल दी थी. आंटी धीरे धीरे करते हुए मेरे सारे वीर्य को अपने मुहं में ले के पी गई. कुछ बुँदे इस सेक्सी पंजाबी आंटी ने अपने बूब्स के ऊपर भी मल दी और वीर्य की चिकनाहट से अपने बूब्स को और चिकना बना दिया. मुझे लगा की आंटी अब कहेंगी की चलो बिच में नहा के रूम पर जाते हैं…..!

आंटी ने सोये लंड में प्राण फूंके….!

लंड से वीर्य निकल जाने के कारण मेरा लंड सो गया और वोह किसी छोटी चुहिया जैसा लग रहा था, अभी थोड़ी देर पहले वो किसी बड़े चूहें जितना लम्बा था. आंटी ने मुझे निचे जमीन पर लेटने के लिए कहा, मुझे लगा की आंटी साली आज पूरा मजा लेगी. आंटी ने तेल की शीशी से थोडा तेल निकाला और दोनों हाथो से वो मेरे लंड को मालिश देने लगी. आंटी के हाथ लगाते ही जैसे की लंड में दुबारा जान आने लगी. लंड दो मिनिट के अंदर ही फिर से एक बार खड़ा हो गया और लंड के खड़े होने की चमक इस पंजाबी आंटी कुलदीप की आँखों में आसानी से देखि जा सकती थी. आंटी ने लौड़े के पुरे खड़े होते हुए अपनी चूत को लंड के बिलकुल सामने सेट किया और वो एक पाशे पर लेट गई. आंटी की बड़ी गांड के बिच भी उसकी बड़ी चूत का छेद देखा जा सकता था. आंटी शायद चाहती थी की मैं साइड से उसकी चूत में लंड दूँ. यह पोजीशन मेरे लिए भी काफी एक्साइटिंग थी इसलिए मैंने अपने लंड को धीमे से आंटी की चूत की तरफ बढाया. आंटी ने अपने हाथ से लंड को चूत के ऊपर सेट किया और मेरे एक झटके में तो लंड चूत में गोते खाने लगा. आंटी की चूत किसी सांप के छेद की तरह खुली थी और उसके अंदर मेरा लंड जैसे की नदी में लोटा तैरता हैं बिलकुल वैसे तैर रहा था. आंटी बिच बिच में अपनी चूत को दबाती थी जिस से मेरा लंड उसके अंदर अकड जाता था. इस अकडन के अलावा तो लगता ही नहीं था की मैं चूत में लंड डाले हूँ. सच में इस पंजाबी आंटी ने बहुत लंड लिए होंगे तभी तो उसकी चूत इतनी फैली हुई थी. लेकिन भिखारी को भीख जितनी मिली उतनी ठीक…ऐसा सोच के मैंने आंटी की हलके हलके चुदाई करना जारी रखा. तभी आंटी उलट गई और उसकी गांड वाला हिस्सा ऊपर कर लिया. मैं आंटी के ऊपर आ गया और उसकी गांड को पकड़ के उसकी चूत में लंड पेलने लगा.

गांड में हमारा लंड ले लो आंटी जी

चूत में लंड देते हुए मैं इस सेक्सी पंजाबी आंटी की गांड का काला छेद देख रहा था और मेरे मन में इस छेद में भी गोता लगाने को मन कर रहा था, मैंने चुदाई जारी रखते हुए एक हाथ में थोडा थूंक लिया और पंजाबी आंटी की गांड के ऊपर रगड़ने लगा. पंजाबी आंटी ने मेरी तरफ मुड के देखा और वो समझ गई की मेरा इरादा पीछे से हमला करने का था. आंटी कुछ बोली नहीं और मैंने गांड मारने का अब पक्का इरादा बना लिया था. मैंने चूत से लंड को बहार निकाला और मैंने एक बार और पंजाबी आंटी की गांड में थूंक दिया. आंटी की गांड मस्त चिकनी हो चुकी थी और लंड अब इसमें ज्यादा घर्षण के बिना जा सकता था. मैंने सीधे अपने लंड के सुपाड़े को आंटी की गांड के ऊपर रखा और एक जोर का धक्का दे दिया. मेरा लंड सीधा पंजाबी आंटी कुलदीप की गांड में घुस गया. आंटी जोर जोर से अपनी गांड हिलाने लगी और मैं भी अब जोर जोर से गांड में डंडा करने लगा था. आंटी की चूत से ज्यादा मजा उसकी गांड में थी इसलिए मैं जितना हो सके उतना वीर्यस्खलन टालना चाहता था. मैं जैसे ही मुझे लगता की स्खलन होने को हैं रुक जाता था और फिर धीरे धीरे गांड में दुबारा लंड अंदर बहार करता था. लेकिन फिर भी मैं अपने स्खलन को थोड़ी टाल सकता था. 5 मिनिट की गांड मराई के बाद मेरा वीर्य पंजाबी आंटी की गांड भरने लगा. आंटी गांड कस के सारा वीर्य अंदर समाने लगी. हम लोग तुरंत कपड़े पहन के रूम की तरफ चले गये, पुरे दमन की ट्रिप में मेरे डेड और अंकल दारु पीते रहे और मैं इस पंजाबी आंटी के साथ संभोग करता रहा……!!!

Quote

Bahut vadhiya story

Quote

nice story.....

Quote

(27-11-2014, 11:42 PM)rajbr1981 :
पंजाबी आंटी को बिच पर चोदा

छुट्टियों की आखिर में हम लोग दमन गए

वैसे तो हर समर वेकेशन में मेरा और गुरप्रीत अंकल का परिवार हमेंशा बहार घुमने जाता था. लेकिन इस साल दादी की तबियत पतली होने की वजह से वेकेशन के आखरी दिनों तक हम लोग बहार नहीं जा पायें. गुरप्रीत अंकल मेरे डेड के साथ ऑफिस में काम करते थे. वैसे वो पंजाब से थे लेकिन नौकरी की वजह से अभी सूरत में रहते थे. उनकी बीवी का नाम कुलदीप था. इस पंजाबी आंटी के तेवर वैसे देखने लायक थे, वोह कभी भी किसी से सीधे मुहं बात नहीं करती थी, उसे बहुत गुमान था अपने पति की 6 फिगर वाली नौकरी पर. छुट्टियां पूरी होने को थी, दादी की तबियत भी अब अच्छी थी इसलिए डेड और गुरप्रीत अंकल ने घुमने की बात कही. डेड और अंकल ने कहीं दूर जाने के बजाय यही पास दमन जाने का फैसला किया, क्यूंकि इतने दिन नहीं बचे थे अब छुट्टियों को खत्म होने में. मोम ने मना कर दिया साथ में आने के लिए क्यूंकि उन्होंने दमन बहुत बार देखा था. आखिर कार मैं पंजाबी आंटी कुलदीप, गुरप्रीत अंकल और डेड बस इतने लोग ही तैयार हुए दमन जाने के लिए. मित्रो यह सत्य घटना इसी पिकनिक में बनी थी जिस में मैंने नकचढ़ी पंजाबी आंटी की गांड मारी थी. मेरे 19 साल के जवान लंड का रस इस पंजाबी आंटी ने भरपूर पिया था. आइये देखे की यह सब कैसे हुआ.


पंजाबी आंटी की गांड मैं देखता ही रह गया

दमन पहुँचते ही गुरप्रीत अंकल और डेड पिने लगे, बल्कि दोनों ने रस्ते में ही ताड़ी लेना चालू कर दिया था. गाडी की पीछे की सिट पर मैं और पंजाबी आंटी कुलदीप बैठे हुए थे. पुरे रास्ते उसने मुझ से कोई बात नहीं की, वैसे भी वोह सुरत में भी कम ही बात करती थी. दमन आते ही हम लोगो ने एक होटल में दो रूम लिए. हमारी होटल बिच के बिलकुल सामने थी लेकिन बिच का यह हिस्सा बिलकुल उजड़ा हुआ सा था, यहाँ कोई आता जाता नहीं था. खाना खाने के बाद थकान मिटाने के लिए हम लोग होटल के अंदर के ही स्विमिंग पुल में नहाने चले गए. नहाते नहाते पुरे वक्त मेरी नजर इस पंजाबी आंटी की गांड के ऊपर ही थी. उसने भी मुझे एक दो बार उसकी गांड को देखते हुए देख लिया था. मैं सोच रहा था की इतनी बड़ी गांड में लंड देने के अपने ही मजे होंगे. शाम के खाने के बाद भी अंकल और मेरे डेड दारु के साथ डूबे रहे. इस बिच कुलदीप आंटी ने मेरे से थोड़ी बहुत बातचीत की और मुझे लगा की अब यह पंजाबी आंटी भी थोड़ी सॉफ्ट हुई थी. उसी शाम को मैं और आंटी बिच के ऊपर टहलने के लिए गए और रस्ते में मैंने जान बूझ के एक दो बार साथ चलते चलते आंटी की गांड के ऊपर हाथ जैसे की गलती से गिरा दिया. आंटी कुछ बोली नहीं और मेरी हिम्मत खुल गई. लेकिन इस टहलने के अंदर मेरा काम नहीं बना, काम तो मेरा अगले दिन बिच के ऊपर बना.


मैं और पंजाबी आंटी अकेले बिच पर गए

दुसरे दिन बड़ी सुबह आंटी ने हमारे दरवाजे के ऊपर नोक किया, मेरे डेड ने दरवाजा खोला और मैंने बिस्तर से देखा की पंजाबी आंटी स्विमस्यूट में थी. डेड उसे देख के चमके और बोले, भाभी अभी स्विमिंग करेंगी. पंजाबी आंटी हंस के बोली नहीं मुझे सुबह की हलकी धुप सेकनी हैं, आप आयेंगे. डेड बोले नहीं मैं नहीं आऊंगा. तभी में बेड से उछल के निकला और बोला मैंने आता हूँ आंटी. आंटी ने मेरी तरफ देखा, सुबह सुबह मेरा लंड पेशाब लगने की वजह से बरमुडे में टाईट हुआ था जिसकी वजह से उतना भाग उपस गया था. डेड देखे उसके पहले मैंने अपने लंड को दबा दिया. मैंने फट से ब्रश किया और चाय बना के पी ली. आंटी अंदर आ के सोफे पे बैठी थी, वो मेरी चाय ख़त्म होने की ही राह देख रही थी. मुझे बहुत जल्दी थी इस आंटी के साथ बहार जा के घुमने में. मेरी चाय खत्म होते ही हम लोग निकल पड़े. मैं मेरे आगे चल रही आंटी की मस्त गांड को देख के खुश हो रहा था. मेरे लंड में अभी भी मस्त तनाव बना हुआ था. कुलदीप आंटी बस अपनी चूत के फाटक खोल दें. मैं कब से ऐसी ही कोई बड़ी उम्र की चूत ढूंढ रहा था जो मुझे ख़ुशी भी दे और जेबखर्च भी.

तू मेरी गांड क्यों देख रहा था…???

आंटी आगे आगे चल रही थी और मैं वही मस्ती में उसकी मटकती गांड जो स्विमिंग स्यूट में मस्त लग रही थी उसे देख रहा था. थोड़ी देर में ही हम लोग बिच पर पहुँच गए और आंटी ने एक शीशी निकाली जिस में से उसने कोई तेल निकाला और वो अपने चुंचो के ऊपर के भाग, कंधे और गालो के उपर मलने लगी. बिच के उपर हम दोनों के अलावा दो कुत्ते ही थे. सुबह का वातावरण था और यह बीच वैसे भी इतना फेमश नहीं था की यहाँ लोग सुबह सवेरे भीड़ करे. आंटी ने अपनी गांड वाले हिस्से पे तेल लगाना चालू किया और मुझे पहली बार लगा की साली यह पंजाबी आंटी तो बेशर्म बनती जा रही हैं. तभी आंटी बोली, आजा ना मुझे तेल लगा दे..पीछे कमर पे मेरा हाथ नहीं जाएंगा. मैं थोडा रुका और कुछ सोचूं उसके पहले ही आंटी बोली, अरे वैसे तो तू मेरी गांड पीछे से बहुत देखता हैं और अब क्यों शर्मा रहा हैं. मैं सहम गया और मनोमन सोचने लगा तो क्या यह आंटी मेरे हिलचाल के ऊपर नजर बनाये हुए थी और उसे सब पता था की मैं क्या कर रहा हूँ. मुझे लगा की आंटी को भी चुदवाने की इच्छा जरुर होगी तभी तो उसने मुझे कुछ कहा नहीं और अब वो मुझे मालिश कर देने के बहाने अपने शरीर के स्पर्श करने का मौका दे रही थी. वैसे अगर आंटी शरीफ होती तो वो मुझ से दुरी रखती, लेकिन यहाँ तो खर्बुचा खुद छुरी के ऊपर गिरने के लिए तैयार था. मैंने तेल हाथ में निकाला और आंटी के कमर के ऊपर हाथ से सहलाना चालू कर दिया. आंटी की आँखे बंध होने लगी और वो मेरे प्रत्येक स्पर्श का मजा लेने लगी. आंटी की कमर बहुत मस्त थी और उसके ऊपर हाथ लगाते ही मुझे मस्त उत्तेजना होने लगी. मेरा लंड लपकार लेने लगा था और मैं आंटी की तरफ से सिर्फ सिग्नल मिलने की राह देख रहा था.

जरा आगे की तरफ हाथ कर ना

मेरे हाथ सेक्सी पंजाबी आंटी की कमर पे चल रहे थे तभी आंटी ने मुझे कहा की आगे की तरफ हाथ करो ना, उसका कहने का मतलब था की मैं उसके स्तन वाले हिस्से पे हाथ घुमाऊं. मैंने जैसे ही आंटी के चुंचे के ऊपर उसके स्विमस्यूट के ऊपर से हाथ घुमाया. आंटी के चुंचे कडक हो चुके थे और उसके निपल्स जैसे की लोहे के हो वैसे कड़े थे. आंटी मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही सहला रही थी. मैंने देखा की बिच के किनारे हम से 100 मीटर की दुरी पर एक टेकरी जैसा बना हुआ था और मैंने सोचा की यहाँ खुले में चोदने से बहतर हैं की मैं इस पंजाबी आंटी को वहाँ ले जाऊं ताकि हमें कोई देख ना सके. मैंने आंटी को टेकरी दिखाई और उसे भी मेरी बात में तथ्य लगा. हम दोनों कपडे सही करते हुए चल पड़े टेकरी की तरफ. टेकरी का हगने और मुतने के अलावा कोई उपयोग होता हुआ लगता नहीं था, हाँ चुदाई के बाद वीर्य के निशान पकड़ना मुश्किल हैं इसलिए शायद यहाँ चुदाई भी शायद होती होगी लेकिन जहाँ तहां गू और पेशाब की गंदगी दिख रही थी. मैं और आंटी टेकरी के पीछे वाली साफ़ जगह पर चले गए और वहाँ पहुँचते ही आंटी ने अपना स्यूट उतार फेंका. उसके तरबुच जितने बड़े स्तन हवा में झूल रहे थे. आंटी ने मेरे कपडे भी उतार दिए और वो मेरे लंड को हाथ में ले के मरोड़ने लगी. लंड बहुद अकड गया था और उसे भी चूत चाहिए थी. आंटी ने कुछ बोले बिना सीधे मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया और गले तक ले के चूसने लगी. आंटी मेरे लंड को जैसे की भूखा कुत्ता हड्डी चुस रहा हो वैसे जोर जोर से चूस रही थी. आंटी का थूंक मेरे लंड और गोटो के ऊपर बह रहा था, मैंने भी निचे झुक के आंटी के बूब्स को मसलना चालू कर दिया…..!!!

आंटी के स्तन को लंड से चोदा

अब मेरा लंड भी चुसाई के चलते भूखा होता जा रहा था. आंटी भी मेरे लंड को चूसने के बिच बिच अपने हाथ से मसलती थी. मेरे लंड से वीर्य निकल पड़ेगा ऐसा डर मुझे लगने लगा था. तभी सेक्सी पंजाबी आंटी ने अपने चुंचो के बिच में थूंक दिया और मेरे लंड को वहाँ रख के चुंचो को दोनों तरफ से जोर से दबा दिया. आंटी का इशारा मिलते ही मैं आंटी के दोनों सेक्सी स्तन के बिच अपने लंड को जोर जोर से अंदर बहार करने लगा. मेरा यह बूब्स फक का पहला अनुभव था लेकिन सच में आंटी के बूब्स चोदने की मजा किसी चूत में लंड देने से कम नहीं था. आंटी ने थूंक लगाया था इसलिए उसके बूब्स मस्त चिकने हो गए थे और वोह बहुत ही मुलायम थे इसलिए लंड फचफच उनके बिच अंदर बहार होने लगा था. मैंने ज्यादा देर तक आंटी की स्तन ठुकाई नहीं कर पाया क्यूंकि मेरा लंड अब बर्दास्त के बहार उत्तेजित हो चूका था और उसने वीर्य की धार निकाल दी थी. आंटी धीरे धीरे करते हुए मेरे सारे वीर्य को अपने मुहं में ले के पी गई. कुछ बुँदे इस सेक्सी पंजाबी आंटी ने अपने बूब्स के ऊपर भी मल दी और वीर्य की चिकनाहट से अपने बूब्स को और चिकना बना दिया. मुझे लगा की आंटी अब कहेंगी की चलो बिच में नहा के रूम पर जाते हैं…..!

आंटी ने सोये लंड में प्राण फूंके….!

लंड से वीर्य निकल जाने के कारण मेरा लंड सो गया और वोह किसी छोटी चुहिया जैसा लग रहा था, अभी थोड़ी देर पहले वो किसी बड़े चूहें जितना लम्बा था. आंटी ने मुझे निचे जमीन पर लेटने के लिए कहा, मुझे लगा की आंटी साली आज पूरा मजा लेगी. आंटी ने तेल की शीशी से थोडा तेल निकाला और दोनों हाथो से वो मेरे लंड को मालिश देने लगी. आंटी के हाथ लगाते ही जैसे की लंड में दुबारा जान आने लगी. लंड दो मिनिट के अंदर ही फिर से एक बार खड़ा हो गया और लंड के खड़े होने की चमक इस पंजाबी आंटी कुलदीप की आँखों में आसानी से देखि जा सकती थी. आंटी ने लौड़े के पुरे खड़े होते हुए अपनी चूत को लंड के बिलकुल सामने सेट किया और वो एक पाशे पर लेट गई. आंटी की बड़ी गांड के बिच भी उसकी बड़ी चूत का छेद देखा जा सकता था. आंटी शायद चाहती थी की मैं साइड से उसकी चूत में लंड दूँ. यह पोजीशन मेरे लिए भी काफी एक्साइटिंग थी इसलिए मैंने अपने लंड को धीमे से आंटी की चूत की तरफ बढाया. आंटी ने अपने हाथ से लंड को चूत के ऊपर सेट किया और मेरे एक झटके में तो लंड चूत में गोते खाने लगा. आंटी की चूत किसी सांप के छेद की तरह खुली थी और उसके अंदर मेरा लंड जैसे की नदी में लोटा तैरता हैं बिलकुल वैसे तैर रहा था. आंटी बिच बिच में अपनी चूत को दबाती थी जिस से मेरा लंड उसके अंदर अकड जाता था. इस अकडन के अलावा तो लगता ही नहीं था की मैं चूत में लंड डाले हूँ. सच में इस पंजाबी आंटी ने बहुत लंड लिए होंगे तभी तो उसकी चूत इतनी फैली हुई थी. लेकिन भिखारी को भीख जितनी मिली उतनी ठीक…ऐसा सोच के मैंने आंटी की हलके हलके चुदाई करना जारी रखा. तभी आंटी उलट गई और उसकी गांड वाला हिस्सा ऊपर कर लिया. मैं आंटी के ऊपर आ गया और उसकी गांड को पकड़ के उसकी चूत में लंड पेलने लगा.

गांड में हमारा लंड ले लो आंटी जी

चूत में लंड देते हुए मैं इस सेक्सी पंजाबी आंटी की गांड का काला छेद देख रहा था और मेरे मन में इस छेद में भी गोता लगाने को मन कर रहा था, मैंने चुदाई जारी रखते हुए एक हाथ में थोडा थूंक लिया और पंजाबी आंटी की गांड के ऊपर रगड़ने लगा. पंजाबी आंटी ने मेरी तरफ मुड के देखा और वो समझ गई की मेरा इरादा पीछे से हमला करने का था. आंटी कुछ बोली नहीं और मैंने गांड मारने का अब पक्का इरादा बना लिया था. मैंने चूत से लंड को बहार निकाला और मैंने एक बार और पंजाबी आंटी की गांड में थूंक दिया. आंटी की गांड मस्त चिकनी हो चुकी थी और लंड अब इसमें ज्यादा घर्षण के बिना जा सकता था. मैंने सीधे अपने लंड के सुपाड़े को आंटी की गांड के ऊपर रखा और एक जोर का धक्का दे दिया. मेरा लंड सीधा पंजाबी आंटी कुलदीप की गांड में घुस गया. आंटी जोर जोर से अपनी गांड हिलाने लगी और मैं भी अब जोर जोर से गांड में डंडा करने लगा था. आंटी की चूत से ज्यादा मजा उसकी गांड में थी इसलिए मैं जितना हो सके उतना वीर्यस्खलन टालना चाहता था. मैं जैसे ही मुझे लगता की स्खलन होने को हैं रुक जाता था और फिर धीरे धीरे गांड में दुबारा लंड अंदर बहार करता था. लेकिन फिर भी मैं अपने स्खलन को थोड़ी टाल सकता था. 5 मिनिट की गांड मराई के बाद मेरा वीर्य पंजाबी आंटी की गांड भरने लगा. आंटी गांड कस के सारा वीर्य अंदर समाने लगी. हम लोग तुरंत कपड़े पहन के रूम की तरफ चले गये, पुरे दमन की ट्रिप में मेरे डेड और अंकल दारु पीते रहे और मैं इस पंजाबी आंटी के साथ संभोग करता रहा……!!!

grt,..... maza aa gaya.

Quote






aurat ki gandbur ka nashamammi kichudaikim possible xxx comicslily thai 2013apni storymalayalm xxxponstar xxxlesbian kahaniadult hindi jokesWww,telugu ,heroinsshakela,xxx,videodesi beautiful auntiestamil akka sex videosamma magan sex storiessali ki mastiwww.sexhomo.comangela devi porn videoadult incest toonssax stores in hindisexystories hindisex kathalu in telugumarathi sex comicsmeena auntyundressing actressindian girl armpitmallu ammayi videorandi mamiporne comicssexy stories written in urduhindi sex ki storyhindi sex stories exbiichelli pukulokamala auntycartoon incest picsexey storiesindian aunty bellyhindi mastram storysambhog ki kahaniyakhara lundmumbai auntieschavat marathi pranay kathahindi real sex kahaniyareal life mallushakeela sexy imagesexy sotrieshidi sexy storiurdu writing sex storychut ko thappad dande belt se saza diindian mallu storiesகங்கா xnxxzarine masoodhot tamil housewifesindain xxx storiesarmpit hairy pictelugu sex kathalu in telugu lipichudai desi ki storytamil incest sex storieshindi erotic sex storiesgujarati sex story pdfonly tamil hot storiesstori xxx hindihindi sex stories maa ko chodahindi porn kahaniyaaunty ka burdps school sex scandalsexy shakeela hotcallgaralsexi kahaniansouth aunty blousepuja ko chodaexbii hot imagestelugu real life sex storiesdesi adult clipyaanha kewal chode chode kar rupye kamaoaunty desi storynew indian crossdressing storiesdesi swap storiesincestsexvideos.comoriya sex photostamil voice sexhot indian aunties picsexy stories urdu fountmarathi muli chawat kathaxxx dirty jokeswifelovers requestsadult hindi comicexbilimarathi sex jokesbhan bhan ke chudai apasemasexy storiyincest stories in hindi fontshyd sex videoswifey fucking