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Incest Teen Ghodiya Ek Ghudsawaar

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Incest Teen Ghodiya Ek Ghudsawaar
kunal56 Offline
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#1
10-07-2014, 08:57 PM
Teen Ghodiya Ek Ghudsawaar

तीन घोड़िया एक घुड़सवार
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kunal56 Offline
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#2
10-07-2014, 08:57 PM
सुबह सुबह गीता ने अजय को बिस्तेर से जगाते हुए कहा बेटा उठ सुबह के 9 बज रहे है तू अभी तक सो रहा है आज तेरे भैया की शादी की शापिंग के लिए भी जाना है …अजय कसमसाते हुए उठता हू मा आप भी ना सोने भी नही देती क्या मा और अपनी आँखे मलते हुए अजय उठ बैठा और सीधा बाथरूम मे घुस गया. तभी रश्मि नेकिचन से मा को पुकारा मा पापा का बॅग दे दो वो ऑफीस जा रहे है गीता अभी लाई तभी अजय बाथरूम से मूह पोछते हुए सीधे किचन मे दीदी चाइ दे दो, दीदी उठ गये लाड़ साहिब 9-9 बजे तक पड़े रहते हो विजय भैया की शादी के लिए शापिंग करने नही चलेगा क्या तू अरे दीदी मे क्यो नही चलूँगा मेरे बिना शापिंग हो सकती है क्या पर विजय भैया को देखो उनकी शादी है फिर भी उन्हे ऑफीस के काम से फ़ुर्सत ही नही मिलती है. 8 दिन बाद उनकी शादी है और वो ऑफीस के काम से देल्ही गये है 3 दिनो के लिए. उधर गीता ने राजेश को बॅग देते हुए लो जी आपका बॅग और हम लोग आज शापिंग करने जा रहे है ठीक है भाई जाओ मुझे तो मेरी डूटी बजानी पड़ेगी अच्छा मे चला.




दरअसल राजेश उम्र 48एक प्राइवेट कंपनी मे मॅनेजर है और काम के बोझ मे समय से पहले ही बूढ़ा हो गया है जब की उसकी बीबी गीता उम्र 45 साल एक भरे और गदराए बदन की औरत है उसके दूध और गंद का साइज़ 40, 42 है और काफ़ी गोरी मजबूत कद काठी की लगती है उसके बड़े बेटे की मार्केटिंग मे जॉब है और उसकी उम्र लगभग 25 साल की है दूसरे नंबर पर उसकी बेटी रश्मि बिल्कुल मा पर गयी है 23 की हो चुकी है पर अगर साडी पहना दो तो अपनी मा की बहन नज़र आती है क्यो कि उसके भी दूध और चूतड़ उसकी मा पर ही गये है. इस घर का सब से सीधा दिखने वाला बेटा अजय 21 साल सब से चुड़क्कड़ किस्म का लड़का है और दिन रात उसके दिमाग़ मे सिर्फ़ औरतो के नंगे जिस्म की ही कल्पना रहती है. अजय 18 साल की उम्र से ही अपनी मा और बहन के नाम की मूठ मारता आ रहा है उसे अपनी मा गीता और बहन रश्मि के मोटे मोटे चूतड़ और दूध की कल्पना से ही लंड खड़ा हो जाता है और वह दिन रात अपनी मा और बहन को चोदने के सपने देखा करता है. वह उपर से घर के लोगो के सामने काफ़ी भोला बन कर बच्चा होने का एहसास कराता है और अपनी मा और बहन की मस्त भरी हुई जवानी का रस पान करता रहता है.




अजय चाइ पीते पीते अपनी मा गीता को झाड़ू लगाते हुए नशीली और कामुक नज़रो से उसके मोटे मोटे चूतड़ देख देख कर अपना लंड पाजामे के उपर से मसल रहा था. गीता झाड़ू लगाने के बाद सोफे पर बैठते हुए अजय तू क्या खरीदेगा शापिंग पर. अजय अपनी मा के पास सोफे पर बैठते हुए मा के गले मे बाहे डालकर, मा इस बार तो मे बहुत सारी शापिंग करूँगा आख़िर मेरे भाई की शादी जो है और मा के मोटे दूध मे अपना मूह लगा कर मा से चिपक कर मस्त मोटे दूध को महसूस करने लगा और अपना हाथ अपनी मा की मोटी जाँघो पर रख कर सहलाने लगा. गीता ने उसका गाल अपने हाथो से खिचते हुए अरे सारी शापिंग अभी कर लेगा तो अपनी शादी मे क्या खरीदेगा. अजय मा से और चिपकटे हुए मा मेरी शादी की शापिंग तो आप करना. गीता क्यो अपनी दुल्हन के लिए तू कुछ नही खरीदेगा, अजय मा मुझे क्या पता उसे क्या पसंद होगा. दूसरी और से रश्मि आते हुए क्या बाते हो रही है दोनो मा बेटे मे और सोफे पर अजय से सॅट कर बैठ गई. रश्मि ने केवल टी शर्ट पहना हुआ था और अंदर ब्रा नही पहनी थी और अजय की पीठ से चिपकते हुए मेरे प्यारे भाई की शादी मे तो मैं ढेर सारी शापिंग करूँगी और दोनो मा बेटी ने अजय को दोनो और से दबोच लिया. इस सब से अजय का लंड डंडे की तरह खड़ा हो गया और दोनो मा बेटी के गदराते जिस्म की मादक गंध ने उसे पागल कर दिया. यही वजह थी कि अजय दिन भर अपनी मा और बहन के गदराए बदन के संपर्क मे रहता था और उसका लंड अपनी मा और बहन को चोदने के लिए पागल रहता था. वह रात को जब सोता तो बस यही कल्पना करता था कि दोनो मस्त रंडियो को नंगी करके, दोनो से नंगा होकर खूब चिपक रहा है, एक के उपर चढ़ कर चोद रहा है और दूसरी की गंद और चूत को चाट रहा है.


इधर रश्मि भी भरपूर जवानी की स्टेज पर थी अपने कमरे मे पूरी नंगी होकर लंड याद करके मूठ मारती थी यह उसका रोज का रुटिन था लेकिन वह ये नही जानती थी कि अजय दरवाजे के छेद से रोज उसको नंगी देख कर मूठ मारता है और ना ही ये बात गीता को मालूम थी कि जब वह अपने पति से चुद्ती है तो उसका अपना बेटा उसके नंगे बदन को देख कर अपना लंड हिलाता है. अजय ने बाथरूम के दरवाजे पर भी एक सुराख कर रखा था और मोका मिलने पर अपनी मा और बहन को नहाने देखने से नही चुकता था. उसे अपनी मम्मी की और अपनी दीदी की पैंटी देखने और सुघने मे बहुत मज़ा आता था जब वह अपनी मा और बहन की पैंटी सुन्घ्ता तो उसे ऐसा लगता था कि वह अपनी मा और दीदी दोनो की चूत को एक साथ सूंघ रहा है और पैंटी सूंघते सूंघते अपनी मा और बहन की मस्त फूली हुई चूत की कल्पना करके पागल हो जाता था और फिर मूठ मार कर मस्त हो जाता था.


इधर राजेश काम से थका हरा आता था और हमेशा खा पी कर सो जाता था, कभी गीता के कहने पर ही उसका चोदने का मूड होता था लेकिन वह चुदाई भी 5-7 मिनिट की होती थी जब कि यह कोई नही जानता था कि गीता कितनी चुदासी है जैसे जैसे उसकी उमर बढ़ रही थी वैसे वैसे वह और चुदासी होती जा रही थी उसे एक मोटे तगड़े लंड से चुदवाने की बहुत तमन्ना होती थी लेकिन अपनी उमर का लिहाज कर के मन मार कर रह जाती थी. और अपने हाथ से अपनी चूत रगड़ कर सो जाती थी.


सभी लोग तैयार होकर शापिंग करने चल दिए दिनभर शापिंग करने के बाद घर लोटे तो गीता बोली मैं तो बहुत थक गई हू मेरे तो पैरो मे दर्द और सूजन महसूस हो रहा है, रश्मि से बोलते हुए देख तो बेटी पाँव मे सूजन आ गई है क्या रश्मि मा मे नहाने जा रही हू अजय से बोलकर तेल से मालिश करवा लो आराम मिलेगा. अजय मा के बगल मे बेड पर लेट कर मा के मोटे दूध से चिपकता हुया… क्या हुआ मा थक गई क्या. मा हा बेटा लगता है पूरे पैरो मे सूजन आ गया है. अजय दिखाओ ज़रा और झट से मा के पैरो की तरफ जाकर साडी घुटनो तक कर देता है और मा की गोरी पिंदलियो पर हाथ फेरते हुए झूठे ही बोला हाँ मा बहुत ज़्यादा सूजन लग रही है आपके पैरो मे गीता पड़े पड़े हाँ बेटा ज़रा पैर दबा दे. अजय ..अरे मा दबाने से सूजन नही जाएगा मे आप के पैर मे तेल लगाके मालिश कर देता हू और तेल लेने के लिए अलमारी की तरफ जाता है. और मन ही मन खुश होता है कि आज मा की मोटी जाँघो को खूब मसलेगा. अजय फटाफट तेल लेकर बिस्तेर पर चढ़ गया और मा की नंगी टांगो को अपनी जाँघ पर रख कर बोला मा मे तैल लगा रहा हू तुम पैर सीधे रखना नही तो कपड़े खराब हो जाएगे गीता ठीक है बेटा अच्छी मालिश कर्दे बहुत दर्द हो रहा है.अजय मन ही मंसोचता हुआ मा आज तेरी ऐसी मालिश करूँगा कि तेरी चूत से पानी बहने लगेगा और अपने हाथो मे तेल लेकर अपनी मा के पैर के पंजो से तेल लगाना शुरू किया, पंजो पर तेल लगाते लगाते धीरे धीरे अपनी मा की गोरी गोरी पिंडलीओ पर तेल लगाकर तेज़ी से मालिश करने लगा फिर धीरे धीरे हाथ उपर बढ़ा कर घुटनो के उपर तक मालिश करने लगा और पैरो को थोड़ा मोड़ दिया जिससे गीता की लाल कलर की पॅंटी नज़र आने लगी, अब अजय का लंड खड़ा होने लगा अजय ने थोड़ा साडी को धीरे से और उपर किया तो गीता की चिकनी और मोटी गुदज झांगे चमकने लगी ऐसी मस्त झंगो को सहलाने से अजय का लंड फंफनाने लगा और वह मा की मोटी गदराई जाँघो को दोनो हाथो से दबोचने लगा गीता ने अपनी आँखे बंद कर ली और धीरे धीरे कराहने लगी अजय मा कैसा लग रहा है, गीता बहुत अच्छा लग रहा है बेटा ऐसे ही मालिश करते रहो, अजय ने मा की मोटी जाँघो को नीचे से हाथ डाल कर कस कर दबोचा, गीता आह.. आह.. बेटा ऐसे ही आह.. बहुत आराम मिल रहा है. अजय ने दूसरे पैर को भी मोड़ दिया जिससे गीता की साडी पॅंटी की झाड़ तक सरक गई गीता ने झट से साडी को उपर चढ़ने का प्रयास किया अजय मा तुम लेटी रहो मे ठीक कर देता हू नही तो तेल लग जाएगा और मा को दिखाने के लिए थोड़ा साडी को उपर घुटनो तक कर दिया लेकिन मा की दोनो पैरो को थोड़ा फैला दिया जिससे गीता का पैर अजय के खड़े लंड पर लगा और गीता को अचानक अहसास हो गया कि अजय का लंड खड़ा है और उसने धीरे से आँखे खोल कर अजय के पाजामे की ओर देखा तो काफ़ी बड़ा तंबू बना हुया था और अजय का लंड काफ़ी बड़ा महसूस हो रहा था गीता यह देखकर सिहर गई और उसने चुपके से अजय की तरफ देखा तो वह बड़ी गोर से मा की जाँघो की मालिश करते हुए उसकी दोनो जाँघो की जड़ो को बहुत वासना भरी नज़रो से देख रहा था और मालिश के नाम पर उसकी मोटी गुदाज जाँघो को सहला रहा था गीता समझ गई कि उसका बेटा उसकी मदमस्त फूली हुई कचोरी सी बुर को पैंटी के उपर से बिल्कुल खा जाने वाली नज़रो से देख रहा है, गीता ने सोचा उसका बेटा अपनी मा की ही नंगी जवानी को बड़े प्यार से देख और सहला रहा है, इन सब से गीता की चूत भी फूलने लगी और उसे अपने बेटे को अपना मदमस्त योवन दिखाने का मन करने लगा और उसकी फूली हुई चूत मे कीड़े रेंगने लगे और वह ना चाह कर भी सोचने लगी कि मेरे बेटे का लंड कितना बड़ा नज़र आ रहा है अगर ये मुझे नंगी कर के मेरी चूत मे अपना लंड पेले तो कैसा लगेगा यह सोचते ही उसकी चूत से पानी रिसना शुरू हो गया उसकी सोई भावना जाग चुकी थी और उसे अपना बेटा एक जवान मर्द लगने लगा था वह अपनी मोटी गुदाज जाँघो पर अपने बêते के हाथ के स्पर्श से मस्ताने लगी और अपनी आँख बंद कर के अपने बेटे के मोटे लंड की कल्पना करने लगी और उसका मन अपने बेटे को अपनी जवानी दिखाने का होने लगा और उसने जनभुज कर अपनी जंघे और चौड़ी कर ली जिससे अजय का अपनी मा की पॅंटी मे कसी हुई मस्त फूली चूत का उभार देख कर लंड झटके मारने लगा और उसका मन हुआ की अभी अपना मूह मा की दोनो जाँघो के भिच घुसा कर दबोच ले लेकिन वह ऐसा नही कर सकता था उसका लंड झटके मार रहा था गीता ने धीरे से अपने बेटे की ओर देखा तो वह अपना लंड पाजामे मे मसलता हुआ आँखे फाड़ फाड़ के मा की चूत देख रहा था और जाँघो को सहला रहा था तभी बाहर से किसी की आहट सुनाई दी अजय समझ गया दीदी नाहकार इधर ही आ रही है उसने झट से मा की साडी घुटने के नीचे पिंडालीओ तक कर दी और मा की पिंडलीओ के नीचे मालिश करने लगा. रश्मि अरे मा सो गई क्या नही बेटा जाग रही हू अजय बेटा अब रहने दे तेरी मालिश से बड़ा आराम मिला है चल अब बस कर बेटा अजय अच्छा मा .
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kunal56 Offline
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#3
10-07-2014, 08:57 PM
अजय मा के रूम से बाहर आ कर जल्दी से बाथरूम मे गया और अपनी बहन की उतरी हुई पॅंटी को हाथ मे लेकर सूंघने लगा और मदहोश हो गया और पैंटी देख कर सोचने लगा कैसे ये पॅंटी दीदी की मोटी जाँघो और चूत पर कसी होती होगी वह कभी मा की फूली हुई चूत कभी बहन की चूत की कल्पना कर के मूठ मारने लगा और बहुत ही मस्त तरीके से झाड़ा. रश्मि ने नहाने के बाद छोटी सी टी-शर्ट और स्कर्ट डाल के बाहर आ गई अजय सोफे पर बैठा टीवी देख रहा था रश्मि अजय से सॅट कर बैठ गई और वह भी टीवी देखने लगी उधर गीता पड़े पड़े सोचने लगी क्या अजय सचमुच मुझे चोदने की नज़र से देखता है क्या वह मेरे नाम की मूठ भी मारता होगा, वह बीते दिनो को सोचने लगी कैसे अजय उससे आकर चिपक जाता था उसके मोटे मोटे दूध मे अपना मूह दबा कर उससे लिपट जाता था कभी कभी मा मा कहकर पीछे से उसकी मोटी गंद से अपना लंड चिपका कर लिपट जाता था, तो क्या अजय मुझे चोदना चाहता है, क्या अपनी मा को नंगी देखना और उसको चोदना चाहता है यह सब सोच कर वह बहुत ज़्यादा पनिया गई और उसकी चूत अपने बेटे के लंड की कल्पना से पूरी चिकनी हो गई और उसने अपनी चूत मे उंगली डाल कर आँखे बंद करके बेटे के मोटे लंड से चुदवाने की कल्पना करने लगी और उसकी प्यास बढ़ने लगी. तभी फोन की घंटी बजी रश्मि ने दौड़ कर फोन उठाया दूसरी ओर से विजय की आवाज़ आई अरे रश्मि कैसी है तू… रश्मि मे ठीक हू भैया आप कब आ रहे हो आज हमने शापिंग भी कर ली है..विजय मेरा काम हो चुक्का है आज रात तक आ जाउन्गा. अच्छा मा और पापा कैसे है और अजय कहाँ है .. रश्मि सब ठीक है भैया ,, विजय चल ठीक है रखता हू ओके भैया. तब तक गीता भी उठ कर बाहर आ चुकी थी .. गीता क्या कह रहा था विजय .. रश्मि मा वो आज रात तक आ जाएँगे.




मा अच्छा चल मे चाइ बना लाती हू अजय दीदी चलो भैया की एंगेज्मेंट की तस्वीरे देखते है रश्मि चल ठीक है और दोनो बही बहन फोटो आल्बम देखने लगे. जैसे ही आरती का फोटो दिखा …रश्मि देख अजय भाभी कितनी सुंदर है अजय ललचाई नज़रो से आरती के गुलाबी होठ और गाल देखने लगा और सोचने लगा क्या मस्त पटका है मेरी होनेवाली भाभी. दरअसल आरती भी 24 साल की एक गदराई हुई बहुत ही कामुक लड़की थी उसकी गंद और चुचिया रश्मि से थोड़े भारी लेकिन गीता से कम थे लेकिन थी वह बिल्कुल रश्मि और गीता जैसी गदराई और भरे बदन की मालकिन हलकी वह खूबशुर्ती मे गीता और रश्मि से थोडा ज़्यादा सुंदर थी लेकिन गंद के मामले मे गीता रश्मि और आरती दोनो को मात देती थी अगर गीता की नंगी गंद देख ले तो किसी का भी पानी छूट सकता था. अजय मन ही मन सोचने लगा ये तीनो गीता, रश्मि और आरती एक साथ नंगी हो जाए तो यही जन्नत नज़र आ जाएगी.




रात को विजय भी घर आ चुक्का था. अगले दिन से शादी की भी तैयारिया शुरू हो गई फिर वह दिन भी आ गया जब अजय आरती को ब्याह कर घर ले आया रश्मि और अजय बारात मे खूब नाचे, शादी के महॉल के बहाने अजय ने भी अपनी दीदी को खूब दबोचा लेकिन रश्मि ने कोई ध्यान नही दिया क्यो की अजय से उसका चिपकना और एक दूसरे को छूना नॉर्मल था यहा तक कि कई बार तो दोनो अपने घर पर एक दूसरे से चिपक कर भी सो जाते थे तब अजय अपनी बहन के मोटे दूध को अपनी छाती से कई बार दबा चुक्का था और उसके मोटे मोटे चुतदो पर भी हाथ फेर चुक्का था. रात को सभी विजय की सुहागरात की तैयारी कर के विजय को उसके कमरे मे भेज दिया. गीता राजेश के साथ पलंग पर पड़ी हुई. राजेश आज विजय की सुहागरात है तुम्हे अपनी सुहागरात याद है राजेश हा जानेमन वह मे कैसे भूल सकता हू. तो चलो हम भी आज फिर से सुहागरात मना लेते है राजेश अरे डार्लिंग आज तो शादी की काफ़ी थकावट है हम कल अपनी सुहागरात मना लेंगे लेकिन गीता की चूत बहुत दिन से ना चुदने के कारण जल रही थी वह नही मानी और राजेश का लंड निकाल कर चूसने लगी राजेश भी गीता के दूध दबाने लगा फिर गीता ने जल्दी से सारे कपड़े उतार दिए राजेश भी अल्साता हुआ गीता के उपर आ गया और उसे चोदने लगा लेकिन जब गीता ने अपनी मस्त चूत से उसके लंड को दबोचना शुरू किया तो राजेश ज़्यादा नही ठहर सका और झरने लगा. गीता कस कस के लंड चाह रही थी लेकिन राजेश का लंड सिकुड चुक्का था और राजेश एक तरफ होकर लेट गया गीता कुछ ना बोली लेकिन उसकी चूत बहुत फदाक रही थी वह चुप चाप पड़ी रही और राजेश सो चुक्का था.


रश्मि अपने कमरे मे पड़ी पड़ी बोर होने लगी तो उसने सोचा की चलो अजय से बाते करेगे और वह अजय के कमरे की तरफ जाने लगी तभी उसने सोचा धीरे से देखती हू अजय क्या कर रहा है जब उसने खिड़की देखा तो दंग रह गई अजय उसकी पिंक कलर की और उसकी मम्मी की रेड कलर की पैंटी अपने हाथ मे लेकर बिस्तेर पर पड़ा पड़ा बुरी तरह से चूम रहा था और बारी बारी से दोनो की पैंटी को सूंघ रहा था रश्मि का दिमाग़ यह देख कर चकरा गया तभी अजय ने अपना पाजामा निकाला और पूरा नंगा हो गया उसका लॅंड 8 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा बिल्कुल मोटे डंडे की तरह तन कर खड़ा था रश्मि अपने छोटे भाई का इतना मोटा लंड देख कर चकित रह गई और उसकी चूत मे सुरसूराहट होने लगी उसने पहली बार अजय का लंड देखा था उसे यकीन नही आ रहा था कि अजय का लंड इतना तगड़ा और मोटा होगा वह यह सोच कर सिहर गई कि अगर यह लंड मुझे चोदे तो मस्त कर देगा उसने अपनी चूत मे हाथ फैरना शुरू कर दिया इधर अजय ने दोनो पैंटी को हाथ मे लेकर सूंघते हुए लंड मुठियाना शुरू कर दिया.


गीता बिस्तर पर पड़ी पड़ी सोच रही थी कि विजय आज बहू की चूत मार रहा होगा तभी उसे अजय के उस दिन के तंबू बने लंड का ख्याल आ गया और वह सोचने लगी कि अजय का लंड भी काफ़ी बड़ा दिखाई दे रहा था और मे तो उसे बच्चा ही समझ रही थी वह तो पूरा मर्द बन चुक्का है , कितना मोटा लंड लग रहा था उसका. गीता की चूत पनिया चुकी थी उससे रहा नही जा रहा था उसने सोचा चलो बाथरूम मे जा कर थोड़ा चूत रगड़ ले तो थोड़ी शांति मिलेगी यह सोच कर वह धीरे से बाहर आई तभी उसकी नज़र रश्मि पर अजय के कमरे की खिड़की से अंदर झाँकते हुए पड़ी और उसके कदम वही रुक गये और वह छुप कर देखने लगी, रश्मि अजय का मोटा लंड देख कर पानी पानी हो चुकी थी उसके पैर काँपने लगे थे उससे अब रहा नही जा रहा था उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसका अपना भाई उसकी पैंटी नही उसकी चूत सूंघ सूंघ कर अपना लंड हिला रहा है अपने भाई का लंड अपनी चूत मे लेने की कल्पना से वह सिहर उठी और उसकी चूत ने ढेर सारा रस छोड़ दिया, अब उससे खड़ा नही रहा जा रहा था और वह चुपचाप लोट कर अपने कमरे मे आ गई और दरवाजा बंद करके पूरी नंगी हो गई और मूतने के अंदाज मे बैठ कर अपनी चूत मे तेज़ी से उंगली डालने लगी और अपने भाई के लंड से चुदने की कल्पना कर के झड़ने लगी.






रश्मि के जाते ही गीता जल्दी से अजय की खिड़की के पास जा कर देखने लगी कि आख़िर रश्मि इतनी देर से क्या देख रही थी जैसे ही गीता ने अंदर झाँक कर देखा अजय को नंगा अपना मोटा लंड सहलाते देख कर उसके रोंगटे खड़े हो गये इतना लंबा और मोटा डंडे जैसा लंड देख कर उसकी बर बहुत जोरो से खुजलाने लगी, तभी उसकी नज़र भी अपनी और रश्मि की पैंटी पर पड़ी जिसको अजय बारी बारी से चूम रहा था और सूंघ रहा था गीता अजय के हाथ मे अपनी और अपनी बेटी की पैंटी देख कर सनसना गई और उसका ख्याल यकीन मे बदल गया कि वह अपनी ही मा को चोदना चाहता है और साथ मे अपनी बहन को भी चोदना चाहता है. यह देख कर गीता की मस्तानी बुर और ज़्यादा फूल गई और वह यह सोच सोच कर पागल हुई जा रही थी कि कैसे उसका अपना बेटा अपनी मा की पैंटी सूंघ रहा है और अपनी आँखे बंद करके अपनी खुद की मा को नंगी कर के चोदने की कल्पना कर रहा है. रश्मि मन ही मन सोचने लगी कैसा मोटा खूटे जैसा लंड तना है मेरे बेटे का यह तो मेरी चूत फाड़ के रख देगा क्या बालिश्ट शरीर है मेरे बेटे का अजय ने अपनी मा की पैंटी अपने सीने से लगा कर खड़े खड़े अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया और अपनी आँखे बंद कर ली. रश्मि सोचने लगी ये अपनी आँखे बंद कर के ज़रूर मेरी ही कल्पना कर रहा है लेकिन क्या कल्पना कर रहा होगा यह सोच रहा होगा कि अपनी मा को नंगी करके इस खूटे जैसे मोटे लंड पर चढ़ा लेगा और और पीछे से मेरी गंद को दबोच दबोच के खूब कस कस के चोद रहा होगा. यह सोच कर गीता की चूत उसके रस से भीगने लगी और वह खड़ी खड़ी अपनी चूत मे उंगली डाल के तेज़ी से आगे पीछे करने लगी उसे ऐसा लग रहा था कि उसका बेटा उसकी खूब कस कस के चूत मार रहा है वह अपने बेटे का लंड लेने के लिए पागल हुई जा रही थी और कस कस के अपनी चूत मे उंगली पेल रही थी और एक हाथ से अपने मोटे मोटे चुचो को दबा रही थी गीता की कमर खड़े खड़े ही हिलने लगी और वह मन ही मन चूत मे उंगली पेलते हुए बुदबुदाने लगी चोद मेरे बेटे चोद अपनी मा को पूरी नंगी करके के खूब कस कस के चोद खूब हुमच हुमच के चोद फाड़ दे अपनी मा की चूत को, बहुत प्यासी है तेरी मा की चूत, उधर अजय कस कस के लंड हिला रहा था और मन ही मन बोलता जा रहा था मेरी प्यारी मम्मी कितनी मस्त चूत है तेरी कितने मस्त चूतड़ है तेरे, खूब कस कस के तेरी चूत मारूँगा मम्मी चोद चोद के तेरा भोसड़ा फाड़ दूँगा हे मेरी नंगी मम्मी तू नंगी कितनी मस्त लगती है ले ले अपने बेटे का लंड अपनी चूत मे मेरे लंड पर चढ़ कर खूब चुद ले मेरी रानी और फिर ये सोचता सोचता अजय का पानी एक लंबी पिचकारी के साथ छूटने लगा उधर गीता की चूत ने भी ढेर सारा पानी छोड़ दिया.
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10-07-2014, 08:57 PM
काफ़ी देर तक आरती और विजय बात करने के बाद विजय ने आरती के गुलाबी गालो को अपने होटो से रगड़ना शुरू कर दिया और फिर आरती के रसीले होंठो को अपना मूह खोल कर अपने होटो मे दबा कर चूसने लगा आरती ने अपना बदन विजय की बाँहो मे ढीला छोड़ दिया विजय ने आरती के होंठो को चूस्ते हुए थोड़ा आरती के मूह को खोला और आरती की रसीली जीभ को अपने मूह मे भर कर पीने लगा और एक हाथ से ब्लाउज के उपर से आरती के मोटे मोटे गदराए चुचो को दबोचने लगा.. आरती आह ..आह विजय उसकी मोटी मस्त गोलैयो को दबाते हुए उसके नंगे पेट और कमर को अपने हाथो से दबाते हुए उसे थोड़ा अपने उपर खीच कर पीछे हाथ ले जा कर आरती के मस्ताने चुतदो को दबाने लगा और दोनो चुतदो की दरार मे साडी के उपर से ही अपनी उंगली से मसलने लगा आरती सिसकिया भरने लगी विजय आरती कितना भारी और मस्त जिस्म है तुमहरा तुमने तो मुझे पागल कर दिया है और आरती के ब्लाउस के बटन खोल कर उसकी ब्रा के उपर से ही उसकी मोटी चुचियो को दबाने लगा. फिर धीरे धीरे विजय ने आरती को पूरी नंगी कर दिया और उसके पूरे बदन को उपर से नीचे तक चूसने चाटने लगा उसने जब आरती की चूत के उपर हाथ फेरा तो आरती उससे चिपक गई अजय ने अपने कपड़े उतरे और आरती के नंगे बदन को अपने नंगे बदन से चिपका लिया और एक हाथ से मोटे मोटे चूचो और एक हाथ से आरती के मोटे और भारी चूतादो को सहला सहला कर उसकी चूत से लेकर उसकी गंद की फैली हुई दरार मे अपना पूरा हाथ फेरने लगा, आरती लंड खाने के लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी थी तभी विजय आरती के उपर आके उसकी फूली हुई चिकनी चूत मे अपना लंड का निशाना लगा कर एक झटका मारा लंड आधा आरती की चूत को भेदता हुया अंदर घुस गया आरती दर्द से तड़प गई विजय ने आरती की चुचियो को मूह मे भर कर चूसना चालू कर दिया और दूसरी चुचि को हाथो से मसलने लगा और दूसरे झटके मे पूरा लंड अंदर पेल दिया . आरती आह.आह करके कराहने लगी धीरे धीरे विजय उसे चोदने लगा आरती अपनी टाँगे पायला कर हर धक्का सहने लगी उस रात विजय ने आरती को दो बार चोदा.


सुबह सुबह गीता ने आरती का दरवाजा बजाया आरती ने बाहर आई बेटी चाइ बन गई है पी लो और विजय को भी जगा दो, आरती जी मम्मी और गीता वापस आ गई. आज आरती की शादी को पूरा एक महीना हो चुक्का था लेकिन उसकी चूत की कसक और खुजली पूरी तरह ख़तम नही हो पाती थी वैसे भी आरती काफ़ी ब्लू फ़िल्मे देख कर काफ़ी खुले तरीके से चुदवाना पसंद करती थी और खास कर उसकी एक इच्छा बहुत ज़्यादा थी कि उसका पति उसकी फूली चूत और गंद को नंगी करके खूब चूमे और चाते और अपना लंड खूब चूसाए मतलब आरती को ओरल सेक्स फ़िल्मो मे देख देख कर काफ़ी अच्छा लगता था और वह शादी के पहले से ही ओरल सेक्स करने के लिए तरस रही थी लेकिन यहा उसका अरमान पूरा नही हुया क्यो कि विजय सिर्फ़ सदा सिंपल सेक्स ही करता था और शर्म के मारे आरती अपने पति को बोल भी नही पाती थी इस लिए महीना भर चुदने के बाद भी उसकी प्यास बढ़ती ही गई कम नही हुई.


सुबह का नाश्ता करके विजय और उसके पापा अपने अपने काम पर चले गये गीता नहाने बाथरूम मे घुस गई, रश्मि और आरती किचन मे थे और अजय सोफे पर बैठा अपनी किताब पढ़ रहा था आरती जल्दी ही घर के सभी लोगो से घुल मिल गई खास कर रश्मि, गीता और अजय से, रश्मि भाभी आज आपकी शादी को एक महीना हो गया है अब आपको कैसा लग रहा है.. आरती क्यो ऐसा क्यो पूछ रही हो रश्मि मतलब जब कुवारे और शादीशुदा होने पर कुछ तो अलग लग रहा होगा, आरती अलग तो कुछ नही है बस एक चीज़ का फ़ायदा हो जाता है, रश्मि तपाक से वह क्या अरे सब्जियो का जैसे बेगन, मूली, केले आदि का खर्चा बच जाता है, रश्मि झेप्ते हुए तुम भी ना भाभी, आरती अरे मे क्या ग़लत कह रही हू बता, बोल ना, मुझे नही पता भाभी अच्छा क्या तूने कच्ची सब्जिया कभी नही खाई.. तुम भी ना भाभी कहाँ की बात कहाँ ले गई. मे जाती हू अरे रुक ना रश्मि भाग कर अपने कमरे मे आ जाती है थोड़ी देर बाद आरती भी रश्मि के कमरे मे आकर अरे रश्मि तू चली क्यो आई, बस ऐसे ही भाभी, आरती क्यो मेरी बात अच्छी नही लगी, रश्मि नही वो बात नही है भाभी, तो तेरा मतलब है तुझे मेरी बात अच्छी लगी, भाभी तुम बहुत मज़ाक करती हो, भाई इसमे मज़ाक की कोन सी बात है मेने तो बहुत बेगन और केले खाए है क्या तू नही खाती, क्या भाभी आप भी, अच्छा सच सच बता, रश्मि मे नही जानती, तू अपनी भाभी से सर्माती है, और माल इतने मोटे मोटे छुपा रखे है रश्मि के टी-शर्ट के उपर से चुचे मसलती हुई, रश्मि आह भाभी क्या कर रही हो जाओ मे तुमसे बात नही करती, अरे मेरी प्यारी ननद तो बुरा मान गई चल अच्छा अब नही करती और दोनो मुस्कुराने लगी. तभी अजय अंदर आते हुए अरे भाभी एक कप चाइ मिलेगी क्या, आरती अरे मेरे प्यारे देवेर जी चाइ के बजाय दूध पिया करो तो तुम्हे ताक़त मिलेगी, अरे भाभी मे तो वैसे ही बहुत ताकतवर हू बताओ कहाँ ताक़त लगाना है, अरे देवेर जी जब मोका आएगा तो दूध की ताक़त ही काम आएगी यह कह कर रश्मि और आरती दोनो खिलखिला कर हस पड़ी.




गीता सुबह सुबह जब अजय को जगाने उसके रूम मे गई तो अजय गहरी नीद मे सो रहा था गीता की नज़र अजय के पाजामे पर पड़ी जहा काफ़ी बड़ा तंबू बना हुआ था गीता चुदास से भर गई और अपनी रसीली चूत को मसल्ने लगी और धीरे से पाजामे के उपर से अजय के लंड को अपने हाथो से पकड़कर उसकी मोटाई का जयजा लेने लगी अजय के लंड की मोटाई के एहसास ने उसे पागल कर दिया..बाप रे कितना मोटा डंडा है मेरे बेटे का, अजय कसमसाता हुआ गीता ने जल्दी से उसका लंड छोड़ा और बोली बेटा उठो सूरज सर पर चढ़ चुक्का है और फिर नहाने के लिए बाथरूम मे घुस गई, अजय के मोटे लंड के एहसास से गीता की चूत मे पानी आ चुक्का था वह चुदास से भर चुकी थी उसने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई और अपने गदराए बदन को शीशे मे देखने लगी और अपने हाथो से अपनी चूत और चुचिया मसल्ने लगी, आज वह बहुत मस्ती मे आ चुकी थी उसने अपनी चूत के बाल साफ कर चूत को बिल्कुल चिकना कर लिया वह मन ही मन सोच रही थी कि अजय को आज अपनी फूली हुई चिकनी चूत के दर्शन करवाएगी यह सोच कर वह फटाफट नाहकार साडी ब्लाउज पहनने लगी और उसने साडी अपने उठे हुए पेट की चौड़ी और गहरी नाभि के काफ़ी नीचे से बाँधी और जानबूझ कर पैंटी नही पहनी. गीता जब बाहर निकली तो अजय सोफे पर बैठा था, अजय की नज़र अपनी मा के उठे हुए पेट और गहरी नाभि पर पड़ी तो वह देखता ही रह गया, मन ही मन वह मा कितनी मस्तानी घोड़ी लग रही है तू दिल करता है तेरी गहरी नाभि और गुदाज पेट मे अपना मूह डाल कर पी जाउ, गीता वाकई इतनी मस्त और सेक्सी लग रही थी कि अजय एक टक उसके मासल पेट को देखता ही रह गया, गीता अजय की नज़रो को समझ गई कि अजय अपनी मा को चोदने की नज़र से उसके नंगे रूप को देख रहा है, उसकी चूत तो पहले से ही पानी छोड़ रही थी फिर उसकी नज़र भी अजय के पाजामे मे सर उठाए उसके मोटे लंड पर पड़ी और वह सनसना गई और अपने बेटे के पास जाने लगी, अजय अपनी मा को धीरे धीरे अपनी और आते देख उसका लंड तन्तनाने लगा, गीता अजय के पास आकर सोफे पर बैठ गई, आज पहली बार दोनो मा बेटे के लंड और चूत एक दूसरे मे समा जाने के लिए मचल रहे थे, गीता जानती थी कि अजय अब उससे रोज की तरह चिपक कर मा से प्यार का बहाना करके उसके मस्ताने जिस्म के मज़े लेगा और हुआ भी ऐसा ही, गीता उठ गया मेरा राजा बेटा, अजय मा के मोटे मोटे चुचियो मे अपना मूह डाल के क्या मा तुम सोने भी नही देती हो, अरे मेरे राजा कितना सोएगा और गीता ने भी अजय को अपने बदन से कस कर चिपका लिया और एक जवान मर्द का जिस्म महसूस करके अपने बेटे के गाल और गर्देन को चूमने लगी, मेरा प्यारा बेटा,,,अजय ने भी अपनी मा के गुलाबी गालो और गर्देन पर अपना मूह रगड़ते हुए गीता को पूरी अपने बाहो मे भर लिया और अपने हाथ को मा की मोटी गंद पर ले जाकर उसकी गंद को सहलकर महसूस करने लगा, दोनो मा बेटे के चूत और लंड पानी पानी हो चुके थे, दोनो ओर वासना पूरे उफान पर थी दोनो ही आनंद के सागर मे डूबे एक दूसरे के बदन को कस कर दबोच रहे थे, कोई भी किसी को छोड़ने का मन नही कर रहा था, अजय अपनी मा के जिस्म की मादक खुश्बू से मदहोश हो रहा था. मा आप बहुत अच्छी हो और अपनी मा का मूह पकड़ कर उसके गालो को चूम लिया, मन तो कर रहा था कि अपनी मा के रसीले होटो को पी जाए लेकिन वह कर नही सकता था, गीता तू भी तो मेरा प्यारा बेटा है और अजय को अपनी मोटी छातियो से लगा लिया और मन ही मन सोचने लगी ले ले बेटा अपनी मम्मी की मदमस्त जवानी का मज़ा, दूसरी ओर किचन से आरती ने दोनो मा बेटे का मिलाप देख लिया उसे थोड़ा अजीब लगा क्यो कि अजय एक जवान हॅटा कॅटा मर्द लगता था लेकिन फिर उसने माइंड नही किया और चाइ लेकर बाहर आ गई, मा जी चाइ, और फिर अजय को चाइ देते समय आरती की नज़र अजय के पाजामे पर पड़ी तो उसका मूह खुला का खुला ही रह गया और उसे अजय पर कुछ शंका सी हो गई, आरती भी अपना चाइ का कप लेकर सामने बैठ गई और सोचने लगी क्या अजय का लंड अपनी मा के लिए खड़ा है, क्या अजय अपनी ही मा को चोदना चाहता है यह सब सोच के आरती भी बैठे बैठे ही सन्सनाने लगी और उसकी चूत मे कुलबुलाहट होने लगी. वह चोर नज़रो से अजय के लंड के उठाव को देख रही थी उसे लगा अजय का लंड उसके पति विजय से भी काफ़ी मोटा तगड़ा लगता है, अजय भी उसे कामदेव की तरह नज़र आने लगा आरती ने अपनी शंका के चलते अजय पर नज़र रखना शुरू कर दिया. और सोचा शायद उसका कुछ फ़ायदा हो जाए, दोनो सास बहू खाना बनाने संबंधी बाते करते करते चाइ की चुस्किया लेने लगी उधर अजय चोर नज़ारो से अपनी भाभी की मोटी गोलैयो को ललचाई नज़रो से देख रहा था यह बात भी आरती ने नोटीस कर ली, चाइ पीने के बाद आरती चाइ के कप उठा कर जनभुज कर अपनी मोटी गंद हिलाते हुए किचन की ओर जाने लगी और अजय टकटकी लगा कर आरती के मतवाले चूतादो को घूर्ने लगा तभी आरती ने पलटकर अजय की ओर देखा वह समझ गई कि अजय उसके मोटे चूतादो को देख रहा है और अजय की ओर देख कर मुस्कुरा दी जिसके कारण अजय एक दम से सकपका गया.




रात को अजय अपने बिस्तर मे पड़ा पड़ा अपनी भाभी के चूतादो को याद कर के उत्तेजित होने लगा उसे अपनी भाभी को नंगी देखने की चाहत होने लगी उसकी आँखो के सामने उसकी भाभी के मोटे मोटे चूतड़ नंगे होकर थिरकने लगे और वह बेचैन हो गया और उसने अपनी भाभी के कमरे के दरवाजे से अंदर झाँका, अंदर आरती और विजय नंगे एक दूसरे को सहला रहे थे आरती पूरी नंगी थी और उसकी पीठ दरवाजे की ओर थी अजय अपनी भाभी की मोटी गंद देखकर पागल हो गया क्या गोरी गोरी मोटी गंद थी आरती की और बीच की गहरी दरार जहाँ उसका भाई अपनी उंगलिया चला रहा था अजय ने अपनी भाभी को चोदने की कल्पना करते हुए तबीयत से मूठ मारी और आकर बेड पर लेट गया तभी उसकी नज़र अपनी मा और बहन की पैंटी पर पड़ी और उसका मूसल फिर खड़ा हो गया और वह अपनी मा और बहन की पैंटी को शुंघ कर अपना मोटा लंड मसलने लगा .




इधर विजय से चुदने के बाद आरती बाथरूम की ओर जाने लगी तभी उसे अजय के कमरे की खिड़की खुली दिखी उसने चुपके से अंदर झाँक कर देखा तो वह देख कर दंग रह गई क्यो कि अजय उसकी सास और ननद की पैंटी को को शुंघ शुंघ कर अपना मोटा लंड सहला रहा था उसका शक यकीन मे बदल गया और वह सोचने लगी कि अजय अपनी मा और बहन दोनो को चोदना चाहता है उसका मोटा लंड देख कर आरती की चूत मे सुरसूराहट होने लगी काफ़ी मोटा लंड था उसके पति के मुक़ाबले बहुत ही ज़्यादा बड़ा मोटे डंडे जैसा दिखाई दे रहा था. आरती ऐसे मोटे लंड से चुदने के लिए बैचन होने लगी. वह यह भी समझ चुकी थी कि अजय की नीयत उसके चूतादो पर भी खराब है वह ज़रूर उसके चूतादो को अपनी मा और बहन की तरह ही चाटना और चोदना चाहता है यह सोच कर उसकी चूत ने काफ़ी पानी छोड़ दिया और अपने कमरे मे आ कर सोचने लगी. और मोके की तलाश मे जुट गई.


अजय की भाभी जब से उसके घर आई थी अजय को अपनी मा और बहन को बाथरूम मे नंगी नहाते देखने का मोका नही मिल पा रहा था कोई ना कोई घर पर रहता ही था और अजय मोके की तलाश मे रहता था एक दिन रश्मि सुबह सुबह नाहकार अपनी किसी सहेली के यहाँ चली गई उसकी भाभी अपने कमरे मे पड़ी हुई थी शायद MC की वजह से उसकी कमर मे और पेट मे दर्द हो रहा था अजय सोफे पर बैठा टीवी देख रहा था तभी गीता झाड़ू लेकर झाड़ू लगाने लगी उसके झुकने की वजह से उसके मोटे मोटे फैले हुए चूतड़ और पैंटी की लकीर नज़र आने लगी अजय पीछे से गीता के मासल मोटे मोटे चुतदो की थिरकन देखने लगा और अपना लंड सहलाने लगा . गीता समझ गई कि उसका बेटा उसके मोटे चूतादो पर अपनी आँखे गढ़ाए हुए है और वह जानबूझ कर अजय की ओर अपने चूतड़ निकालकर धीरे धीरे झाड़ू मारने लगी अजय का मन कर रहा था कि जाके मा के चूतादो मे अपना मूह डाल के खूब चाते तभी गीता ने जनभुज के झाड़ू लगाते लगाते एक हाथ से अपनी मोटी गंद की दरार मे खुजली की जिसे देख के अजय का लंड पाजामा फाड़ के बाहर आने को बेताब हो गया फिर गीता ने झाड़ू लगा कर नहाने के लिए बाथरूम मे घुस गई, आज अजय के पास अच्छा मोका था अपनी मा को नंगी देखने का वह चुपचाप भाभी के कमरे मे उनको देखने गया जहाँ आरती सो रही थी,
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#5
10-07-2014, 08:57 PM
बहन अपनी सहेली के यहाँ गई हुई थी अजय जल्दी से बाथरूम के दरवाजे मे आँख लगाकर देखने लगा अंदर गीता पूरी नंगी हो चुकी थी उसकी मोटी नंगी गंद दरवाजे की तरफ थी अजाया अपनी मा की गोरी गोरी मोटी और गदराई गंद देख कर अपना लंड मसल्ने लगा, और मन ही मन बुदबुदाने लगा क्या मस्त गंद है मेरी मम्मी की ऐसी मोटी गंद को तो रात भर नंगी कर के चोदने मे मज़ा आ जाएगा, गीता कपड़े बाल्टी मे गलाने के लिए झुकी तो उसकी गंद और मोटा भोसड़ा पूरा खुल कर अजय के सामने आ गया, अजय कितना बड़ा और गहरा छेद है मा की गंद का और चूत की मोटी मोटी फांके कितनी फूली हुई है और चूत का छेद एक दम गुलाबी आह मम्मी कितनी मस्त गंद और चूत है तेरी एक बार अपने बेटे को अपनी चूत का रस पिला दे मम्मी तुझे रात भर नंगी करके तेरी चूत खूब अपने मूसल से कुतूँगा एक बार मुझसे गंद मरा ले मेरी प्यारी मम्मी यह कहते कहते अजय के हाथो की गति तेज हो गई तभी अचानक अजय की पीठ पर कोई हाथ पड़ा और अजय ने पलटकर देखा तो उसकी साँसे थम गई क्यो कि आरती उसके पीछे खड़ी थी, डरके मारे उसके पाँव काँपने लगे उसे यह भी होश नही रहा कि उसका मोटा लंड आरती की ओर तन कर खड़ा है आरती कभी अजय को कभी अजय के लंड को देख रही थी, आरती धीरे से ताकि आवाज़ बाथरूम के अंदर ना जा सके क्या कर रहा था, अजय अपना लंड अपने पाजामे मे छुपाता हुआ कुछ नही भाभी,


आरती ने अजय को हटाते हुए दरवाजे के छेद से बाथरूम मे देखा उसे अपनी सास की मोटी गंद और चूत नज़र आए और उसके मूह मे हल्की सी मुस्कान आ गई पर चेहरे पर बनावटी गुस्सा दिखाते हुए तुझे शर्म नही आती ये सब करते हुए, अजय ने अपनी गर्देन नीचे झुका ली थी उसकी चोरी रंगे हाथो पकड़ी जा चुकी थी, उसने अजय का हाथ पकड़ा और बोली चल इधर आ मेरे साथ अभी बताती हू तुझे और अजय का हाथ पकड़ कर अपने रूम मे लेकर आ गई और काफ़ी गुस्सा दिखाती हुई बोली क्या देख रहा था दरवाजे के छेद से, अजय चुप चाप खड़ा था उसके मूह से शब्द नही निकल रहे थे वह काफ़ी डरा हुआ था,




अब आरती को अजय अपने जाल मे फस्ता हुआ नज़र आ गया था, उसने अजय का हाथ पकड़ कर अपने बेड पर बैठाया और बोली देख अजय अगर तूने मुझे सब सच सच नही बताया तो मे ये बात तेरे भैया से और तेरे पापा दोनो को बता दूँगी, यह सुनते ही अजय भाभी के पैरो मे गिर गया भाभी मुझे माफ़ कर दो मुझसे ग़लती हो गई अब ऐसी हरकत कभी नही करूँगा, आरती अजय को उठा कर अपने पास बैठाती हुई, देख अजय मे तुझे एक ही शर्त पर माफ़ कर सकती हू और किसी को कुछ नही बताउन्गि यदि तू मेरे हर सवाल का जवाब बिल्कुल सही सही देगा, अजय…भाभी मुझे आप की हर बात मंजूर है पर मुझे माफ़ कर दो, आरती अच्छा तो ठीक है मे जो पुच्छू वो सच सच बताना, जी भाभी,अजय बहुत शातिर था वह भाभी की इन बतो से समझ गया था कि उसकी भाभी भी चुदास से भारी है ज़रूर अपना कोई उल्लू सीधा करना चाहती है और फिर मेरा लंड देख कर भी शायद पनिया गई है, भाभी अच्छा बता तू बाथरूम के अंदर क्या देख रहा था, अजय.. भाभी वो वो, अरे वो वो मत कर सच सच बता नही तो तू जानता है कि मे तेरे भाई और पापा को तेरी हरकत बताने मे देर नही करूँगी. नही नही भाभी ऐसा मत करना मे बताता हू वो मे मम…मम्मी को देख रहा था, क्यो देख रहा था, वो वो भाभी, बोल ना सच सच बोल मे किसी से नही कहूँगी, वो भाभी मम्मी को नंगी देख रहा था, आरती… क्यो तेरा मन तेरी मम्मी को नंगी देखने का करता है, वो भाभी, अरे क्या वो वो लगा रखा है ठीक से पूरी बात खुल के बता, अजय ने सोचा अब इस रंडी की चूत मे पानी भर ही देता हू,


भाभी मुझे मम्मी को नंगा देखने का मन कर रहा था, आरती क्या अच्छा लगता है तुझे अपनी मम्मी मे, भाभी उनके बड़े बड़े दूध और मोटे मोटे चूतड़ नंगे देखने का खूब मन करता है, और क्या मन करता है तेरा अपनी मम्मी के लिए, अजय…मन करता है की उनको नंगे बदन से चिपक जाउ और उनके बूब्स और गंद को खूब सहलाऊ, आरती तो क्या तू अपनी मम्मी को चोदना चाहता है जी भाभी, हाय राम क्या बेटा है अपनी मा पर ही चढ़ना चाहता है, अच्छा तो तू अपना लंड हिलाकर मूठ भी मारता होगा, जी भाभी,, और क्या सोचता है मूठ मारते हुए यही कि मे अपनी मम्मी को नंगी करके चोद रहा हू, आरती अब बहुत गरम हो चुकी थी उसका हाथ बार बार साडी के उपर से अपनी चूत पर जा चुका था जिसे अजय ने देख लिया था, आरती अच्छा मम्मी को ही चोदने का मन करता है या रश्मि को भी, अजय ने सोचा आज मोका अच्छा है इसकी बुर मारने का और बोला भाभी मुझे तो दीदी को चोदने का भी मन करता है और दीदी को भी कई बार मे नंगी देख चुक्का हू, रश्मि और क्या मन करता है तेरा अपनी मा और बहन के बारे मे,




भाभी मेरा दिल करता है कि मे मम्मी और रश्मि दोनो को नंगी कर के ईक साथ दोनो को चोदु क्यो कि मेरे लंड की भी आदत हो गई है दो बार मूठ मारने की एक बार पहले रश्मि के नाम की मूठ मारता हू और फिर दूसरी बार अपनी मा के नाम की मूठ मारता हू मेरा लंड एक बार के मूठ मारने से शांत ही नही होता फिर खड़ा हो जाता है. आरती गोर से अजय के मूह की तरफ देख रही थी और उसका हाथ अनायास ही खुद की चुचि को दबाने के लिए उठ जाता था. आरती अब काफ़ी गरम हो चुकी थी, अच्छा ये बता फिर तो तेरी नीयत मुझ पर भी खराब होगी, अजय..नही भाभी ये आप क्या कह रही हो, आरती बनो मत.. सच सच बताओ….नही नही भाभी ऐसा नही है,


अच्छा ऐसा नही है तो फिर मेरे चूतादो और दूध को क्यो घूरता रहता है, घूरता है कि नही, अजय ने अपनी गर्देन नीचे झुका ली, आरती अजय से सतते हुए अजय के कान के पास अपने रसीले होटो को ले जाकर धीरे से बोली अजय… जी भाभी…. अपनी भाभी को चोदेगा और अजय का लंड कस कर पकड़ लिया, बस फिर क्या था अजय ने अपनी भाभी को अपनी बाँहो मे दबोच कर उसके रसीले होटो को अपने होटो से चूसने लगा , और दूसरे हाथ से आरती की मदमस्त चुचियो को कस कस के दबाने लगा, ओह भाभी कितना गदराया और मखमली जिस्म है तुम्हारा मे तुम्हे कब से चोदने के लिए तड़प रहा था, तभी देवेर जी रूको ज़रा अभी यह सब नही अभी मा जी घर पर ही है, ओ भाभी फिर कब मे तो तुम्हे नंगी देखने के लिए मरा जा रहा हू, देवेर जी मे भी तुम्हारे मोटे लंड से अपनी चूत कुटवाने के लिए तरस रही हू और तुमसे खूब खुल कर चुदवाना चाहती हू पर घर पर मज़ा नही आ पाएगा यहाँ कोई ना कोई रहता ही है, तो फिर भाभी हम कैसे कर पाएगे, आरती एक काम करते है मैं मा जी से कुछ शापिंग का बहाना कर के तुम्हे अपने साथ ले जाने के लिए कहूँगी फिर हम किसी होटेल मे चल कर खुल कर 3-4 घंटे मज़ा करेगे और शाम तक वापस आ जाएगे, जी भाभी यह ठीक रहेगा, और फिर दोनो ने एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे.


उधर रश्मि अपनी सहेली नेहा के बेडरूम मे, अरे रश्मि तूने कभी सेक्स की किताबे पढ़ी है, रश्मि नही यार क्यो तेरे पास है क्या, नेहा हाँ है तो और एक किताब देते हुए ले तू पढ़ तब तक मे चाइ लेकर आती हू और नेहा रूम से बाहर जाने लगी, रश्मि ने किताब पढ़ना शुरू की दरअसल वह राज शर्मा की एक इंसेंट स्टोरी की बुक थी जिसमे अपने रीलेशन मे चुदाई की काफ़ी गरम कहानिया थी, रश्मि उसमे से एक भाई बहन की चुदाई की कहानी पढ़ने लगी, स्टोरी काफ़ी गरम थी जिसमे एक छोटे भाई ने अपनी जवान बहन को बड़ी बुरी तरह से नंगी करके खूब चोदा था, रश्मि कहानी पढ़ते पढ़ते उसे अपने भाई अजय का लंड ध्यान आने लगा और उसकी पैंटी गीली होने लगी, कहानी को पढ़ कर उसे एसा लग रहा था जैसे उसका भाई उसे ही चोद रहा हो, रश्मि कहानी पढ़ते पढ़ते कभी अपनी मोटी फूली हुई चुचिया दबाती कभी अपनी चूत पैंटी के उपर से मसल देती, रश्मि काफ़ी गरम हो चुकी थी और उसका चेहरा लाल हो चुक्का था, तभी नेहा चाइ लेकर आई और रश्मि को देखते ही समझ गई कि वह गरम हो चुकी है, दरअसल नेहा काफ़ी चुड़क्कड़ लोंड़िया थी और कई बार अपनी चूत मरवा चुकी थी,


रश्मि अपने आप को अड्जस्ट करते हुए, नेहा अरे क्या हुआ मेरी जान तेरा चेहरा इतना लाल क्यो हो गया, रश्मि यार यह तो बहुत गरम कहानी की किताब है, नेहा तुझे अच्छी लगी तो तू उसे ले जा आराम से घर पर पढ़ लेना, रश्मि अच्छा ठीक है, और नेहा ने चाइ का कप आगे बढ़ा दिया, नेहा अच्छा बता कोन सी कहानी पढ़ी अभी तूने, रश्मि वो एक भाई और बहन के बारे मे, नेहा अच्छा तो अब तेरा क्या मन कर रहा है, रश्मि कुछ भी नही, नेहा झूठ मत बोल क्या तेरा मन चुदने का नही कर रहा है और रश्मि की मोटी चुचियो को दबा देती है, अरे नेहा तू भी ना अपनी हर्कतो से बाज नही आएगी, सच सच बता पढ़ते पढ़ते ऐसा लगता है ना कि अपनी ही चुदाई हो रही है, रश्मि हाँ, नेहा तो तू किससे चुदने के ख्याल से पढ़ रही थी, रश्मि किसी से नही, नेहा कही तू अपने भाई अजय से ही ख्यालो ख्यालो मे तो नही चुद रही थी, रश्मि तू भी नेहा क्या बात करती है वो मेरा भाई है मे ऐसा कैसे सोच सकती हू, कहानी पढ़ना एक अलग बात है,


नेहा भाई मुझसे तो नही रहा जाता मुझे तो अपने भाई का लंड बड़ा प्यारा लगता है, रश्मि हाय राम तो क्या तू अपने भाई के साथ, नेहा क्या करू मेरा भाई भी मेरी मस्त जवानी को देख कर अपना हथियार मसलता रहता था सो मुझे उस पर दया आ गई और मैने ईक दिन अपनी चूत का रस उसे भी चखा दिया, रश्मि क्या बात कर रही है नेहा, नेहा रश्मि की चुचियो को दबाते हुए अरे मेरी जान इस दुनिया मे अपने भाई के लंड से चुदने मे जो मज़ा आता है वो और किसी के लंड से नही आता है मे तो कहती हू तू भी अजय को अपनी जवानी कपड़े खोल कर दिखा दे फिर देख वो कैसे तेरी चूत चाटने के लिए कुत्ते की तरह तेरी गंद के पीछे घूमने लगेगा और रश्मि के मोटे आमो को कस कर दबा देती है, रश्मि अंदर ही अंदर नेहा की बातो को सुन कर पूरी पानी पानी हो जाती है, नेहा अच्छा रश्मि सच सच बता कुछ महीनो से तेरी चुचिया और गंद कुछ ज़्यादा ही मोटी हो गई है कही तू अजय से अपनी चुचिया दब्वाती तो नही है, रश्मि अरे नेहा क्या उल्टा सीधा बोले जा रही है, नेहा अच्छा क्या तुझे मेरी बातो मे मज़ा नही आ रहा है, रश्मि आ रहा है पर, अरे पर क्या एक बार अपने भाई से चुद कर देख फिर तुझे मज़ा ही मज़ा मिलेगा और रश्मि के गालो को चूम लिया, रश्मि का चेहरा शर्म से लाल हो गया, और मन ही मन अपने भाई के लंड से चुदने के लिए उसकी चूत तड़प उठी. रश्मि अच्छा नेहा मे चलती हू तेरी किताब मे पढ़ कर लोटा दूँगी, नेहा अरे लोटाने की ज़रूरत नही है अपने पास ही रख लेना. ओके बाइ.


गीता अरे बहू खाना तैयार हो गया क्या, आरती हाँ माजी, अच्छा माजी मुझे थोड़ी शापिंग करनी थी क्या मे अजय को अपने साथ मार्केट तक ले जाउ 2-3 घंटे मे आ जाएगे, क्यो कि अभी रश्मि भी नही है, गीता हाँ बेटी ज़रूर ले जाओ और हाँ मेरे लिए भी थोड़ा समान लेते आना, क्यो नही माजी बोलिए क्या लाना है, बेटी मेरे अंडरगार्मेंट काफ़ी पुराने हो चुके है तो 2-3 ब्रा और पैंटी लेते आना और ज़रूरत हो तो अपने लिए भी ले लेना, आरती जी माजी और आरती अजय को लेकर चली गई.
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#6
10-07-2014, 08:58 PM
अजय बाइक स्टार्ट करके अपनी भाभी को बैठाने के बाद मार्केट की ओर चल पड़ा, बोलो भाभी कहाँ चलना है. आरती पहले मार्केट चलते है तुम्हारी मम्मी के लिए कुछ लेना है. अजय क्या लेना है भाभी, रश्मि पनती और ब्रा, अच्छा तू तेरी मम्मी को किस कलर की पॅंटी मे पसंद करता है, भाभी मुझे तो मम्मी नंगी ही ज़्यादा पसंद आती है, रश्मि अच्छा दिन रात अपनी मा को नंगी ही रखना चाहता है क्या, अरे भाभी मेरा बस चले तो मे अपनी मा बहन और तुम्हे तीनो को दिन भर नंगी करके ही चिपका रहू, अरे मेरा चोदु देवेर जी कितना चुड़क्कड़ है तू तेरी और मेरी जोड़ी मस्त जमेगी काश मेरी शादी तुझसे ही हुई होती, अरे भाभी बिना शादी के ही तुम मेरी बीबी से बढ़ कर हो और दोनो मुस्कुराने लगे, मार्केट मे एक दुकान पर अजय और आरती ब्रा और पॅंटी खरीदने लगे, अजय अपनी मम्मी के लिए ब्रा और पॅंटी पसंद कर लो, और फिर अजय ने अपनी मा के लिए मस्त फॅषियनबल ब्रा और पॅंटी खरीद ली रश्मि ने भी मा जी को बताने के लिए थोड़ा बहुत समान और खरीद लिया और फिर सीधे एक होटेल मे पहुच गये और रूम बुक करके रूम के अंदर आ गये.


अजय …अब बोलो भाभी क्या इरादा है…आरती अजय मैं आज तुझसे अपनी हर इच्छा पूरी करवाना चाहती हू बोलो करोगे ना, अजय आरती के मोटे चुचो को दबाता हुआ भाभी तुम जैसा जैसा कहोगी मे वेसा ही करूँगा. अजय आज तुम मुझे धीरे धीरे लेकिन काफ़ी देर तक खूब गहराई से चोदो और मेरे हर अंग को खूब प्यार करो, अजय ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और आरती को भी पूरी नंगी कर दिया, आरती का भरा हुआ गदराया बदन देख कर अजय का लंड डंडे की तरह खड़ा हो गया, आरती ने झट से अजय का लंड पकड़ कर अपने मूह मे लेकर खूब प्यार से चाटने लगी, और आइसेकरीम की तरह चूसने लगी अजय आरती की मोटी मोटी चुचियो को बेरहमी से मसल्ने लगा, करीब 10 मिनूट तक आरती अजय का लंड चूस चुस्के उसे लाल कर दिया, अजय भाभी अब मेरा रस बाहर आने वाला है, आरती अजय मुझे तुम्हारा सारा रस पीना है उसे मेरे मूह मे ही निकाल दो और फिर लंड चूसने लगी अजय ने अपना सारा रस आरती के मूह मे निकाल दिया और आरती उसके रस की एक एक बूँद को चाट चाट कर पी गई, आज आरती के चेहरे पर एक अलग ही सन्तुस्ति नज़र आ रही थी उसका मर्द के लंड का रस पीने का सपना पूरा हो चुक्का था वह अजय की बाहो से चिपक गई और अजय ने आरती को अपनी गोद मे उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और धीरे धीरे उसकी फूली हुई चूत अपने हाथो से सहलाने लगा, आरती भी अपने हाथो से अजय का लंड सहला रही थी, आरती अच्छा अजय तुम सबसे पहले किसको चोदना चाहते हो अपनी मम्मी को या दीदी को,


भाभी मे तो दोनो को चोदना चाहता हू तुम कुछ आइडिया बताओ ना कि कैसे मे मम्मी को और रश्मि दीदी को चोदु, आरती कुछ सोच कर अजय मे तुम्हे रश्मि की चूत जल्दी ही दिलवा दूँगी लेकिन मम्मी के बारे मे थोड़ा मुझे सोचना पड़ेगा, अजय भाभी कैसे भी कर के मुझे दोनो को चोदना है, दोनो घोड़ियो को नंगी देख देख कर मे पता नही कितनी बार मूठ मार चुक्का हू और खास कर मम्मी की मोटी गंद तो मे दिन रात चोदना चाहता हू, आरती क्यो तुम्हे अपनी मम्मी की गंद इतनी पसंद है क्या, अजय अरे भाभी मम्मी के मोटे मोटे चूतादो का तो मे दीवाना हू और दिन रात मेरे सामने मम्मी के गदराए चूतड़ घूमते रहते है बहुत ही मस्त गंद ही उसकी और अजय का लंड झटके मारने लगा,


अरे मेरे प्यारे देवेर जी अपनी मा की गंद के नाम पर तो तुम्हारा लंड झटके मारने लगा, कही मा की चूत पाकर अपनी भाभी को मत भूल जाना, अजय ने भाभी की मोटी जाँघो को दबोचते हुए मेरी प्यारी भाभी तेरी मस्तानी जवानी को मे कैसे भूल जाउन्गा और अजय ने अपनी भाभी की दोनो मोटी जाँघो को फैला दिया और एक उँचा सा तकिया भाभी की गंद के नीचे रख कर भाभी के दोनो घुटनो को उपर की तरफ़ उसके कंधो से सटा दिया जिससे आरती की मस्तानी चूत और गंद का छेद दोनो अजय के सामने आ गये और अजय ने बिना देर किए अपनी लपल्पटि जीभ को अपनी प्यारी भाभी की गंद के छेद से चाटते हुए उपर की तरफ चूत को उसके भज्नसे तक चाटने लगा आरती ने अपने दोनो हाथो से अपनी फूली हुई चूत की फांको को और ज़्यादा फैला दिया और अजय और मस्त फूली हुई चूत और गंद के छेद को चाटने लगा,








आरती सिसकिया लेने लगी आह आह मेरे राजा ऐसे ही चतो अपनी भाभी की मस्तानी चूत को, आह खा जाओ पूरी चूत को मे कब से अपनी गंद और चूत चाटने के लिए तरस रही थी और चतो मेरे राजा और ज़ोर से चतो आह आह बस चाटते रहो, सी सी आह आह… शाबाश मेरे राजा ऐसे ही खूब चूसो फिर मे तुम्हे तुम्हारी मम्मी की चूत भी ऐसे ही चटवाउंगी, आह मेरी चूत को अपनी मम्मी की चूत समझ के खूब चूसो, अजय आरती की बातो को सुन कर और ज़ोर से उसकी फूली हुई बुर चाटने लगा और उसे ऐसा लगने लगा जैसे वह अपनी मा को ही नंगी करके उसकी रसीली चूत का रस पी रहा है तभी अजय ने आरती के उठे हुए भज्नसे को अपने दोनो होंठो के बीच दबा कर कस के चूसना शुरू कर दिया और आरती उसका सर अपनी मस्तानी भोसड़ी पर दबाने लगी और सीसीयाने लगी आह आह ..सी ..सी..आरती अब ज़ोर ज़ोर से अपनी गंद उपर की ओर उठाने लगी और अपना रस अजय के मूह मे छोड़ने लगी उसका नमकीन रस के स्वाद ने अजय को पागल कर दिया और वह आरती के चूत के छेद पर अपनी चीभ लगा कर उसका रस चूसने लगा और आरती ने अपना सारा रस अजय के मूह मे छोड़ दिया जिसे अजय बड़े चाव से पूरा का पूरा चाट गया और आरती झाड़ गई अजय ने जब अपना मूह हटाकर अपनी भाभी की चूत देखी तो वह एक दम लाल हो चुकी थी अब अजय से ऐसी लाल फूली हुई भोसड़ी देख कर रहा नही गया और उसने अपना लंड आरती की चूत मे लगा कर एक ज़ोर का झटका मारा और पूरा लंड आरती की मस्तानी चूत मे उतार दिया.


आरती का बदन उस झटके से आकड़ गया और अजय ने आरती की मोटी गंद के नीचे अपपने दोनो हाथ लेजा कर उसके मोटे चुतदो को दबोच कर तगड़े धक्के मारना शुरू कर दिया आरती मज़े से अजय का लंड लेकर अपनी गंद हिलाने लगी. करीब दस मिनिट तक आरती को चोदने के बाद अजय ने आरती को उल्टा करके झुका दिया और उसकी मोटी गंद को देखते ही पागलो की तरह आरती की गंद और चूत को पीछे की तरफ़ से बुरी तरह चाटने लगा, आरती ज़ोर ज़ोर से सीसीयाने लगी अजय आरती की गंद और चूत की मदहोश कर देने वाली महक को शुंघ कर पागलो की तरह उसकी गंद के छेद और बुर को अपनी जीभ दबा दबा कर चाटने और चूसने लगा करीब 5 मिनिट तक चूत और मोटी गंद की चटाई के बाद अजय ने फिर अपने मोटे लंड को आरती की चूत मे एक तगड़े झटके के साथ अंदर पेल दिया आरती के मूह से एक घुटि हुई चीख निकल गई और अजय सतसट अपना लंड आरती की चूत मे पीछे से ठोकने लगा करीब 10 मिनिट की तगड़ी ठुकाई ने आरती की चूत को बिल्कुल लाल कर दिया.


अजय अब और ज़ोर ज़ोर से कस कस कर धक्के मारने लगा और आरती हाय हाय करने लगी पूरे कमरे मे उनकी ठुकाई से ठप ठप का संगीत गूंजने लगा अबा जे ने एक जोरदार झटका आरती की चूत मे मारा और आरती अकड़ गई और उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया और इसी के साथ अजय के लंड से भी फव्वारा फुट पड़ा और वह अपनी भाभी की चूत मे झाड़ गया. आरती बिस्तर पर पड़ी पड़ी हाफने लगी और अजय भी उसकी गंद के उपर लेट कर साँसे लेने लगा. कुछ देर बाद आरती अजय का गाल चूमते हुए आज चुदाई मे इतना मज़ा मिला जैसे मे पहली बार चुदी हू. वाकई मे तुम्हारे लंड मे गजब की ताक़त है तुमने मुझे मस्त कर दिया है. तुम्हारी मा को ऐसे ही तगड़े लंड की चाहत है जबही वह तुमसे जब देखो चिपकी रहती है, ओह भाभी क्या सच मे मा मेरे लंड से चुदना चाहती होगी, हाँ मेरे राजा मेने कई बार तुम्हारी मा को तुम्हारे पाजामे मे उठे लंड को देख कर अपनी चूत रगड़ते देखा है. उसने ज़रूर तुम्हारा लंड देख होगा और वह तुम्हारे लंड को सोच कर मूठ भी मारती होगी. अरे भाभी अगर ऐसा हुआ तो मा को चोदने का मेरा ख्वाब पूरा हो सकता है लेकिन यह कैसे कन्फर्म हो कि वह मुझसे अपनी मस्तानी चूत कुटवाना चाहती है.


आरती देखो अजय मे तुम्हे एक तरकीब बताती हू जब तुम अपनी मा को मा मा कहते हुए उसके गले लगते हो तब तुम अपने सीने को उसकी मोटी चुचियो से कस कर दबाना और उसकी गोरी सुरहिदार गर्देन पर एक दो मिनिट तक अपने होटो से चूमना वह भी तुम्हे अपनी बाँहो मे भर लेगी फिर तुम धीरे से अपना एक हाथ लेजा कर हल्के हाथो से उसकी चूत को साडी के उपर से सहला कर जल्दी से हाथ हटा लेना. अगर तुम्हारी मा तुमसे चुदना चाहती होगी तो तुमसे अलग होकर तुम्हारे चेहरे को देखेगी तब तुम थोड़ा सा मुस्कुरा देना अगर वह भी मुस्कुरा देती है तब तुम समझ जाना कि वह भी तुमसे चुदना चाहती है और फिर मोका देख के तुम आगे बढ़ सकते हो. ओ भाभी क्या आइडिया दिया है आपनी मा की चूत को मे एक बार क्या दो बार सहला दूँगा, हा अजय लेकिन थोड़ा ध्यान से. अपनी भाभी की मस्त प्लानिंग को सुन कर अजाय का लंड फिर से तन चुक्का था और उसने अपनी नंगी पड़ी भाभी को अपने उपर खीच कर अपने लंड पर चढ़ा लिया और दोनो मे चुदाई का एक लंबा दौर फिर शुरू हो गया जो कि इस बार काफ़ी लंबा चला. शाम तक दोनो पूरे मस्ती मार कर वापस घर लॉट आए.


रश्मि अपने कमरे मे नेहा की दी हुई बुक पढ़ रही थी और एक हाथ अपनी सलवार के अंदर डाल कर अपनी चूत भी सहला रही थी लेकिन वह ग़लती से दरवाजा बंद करना भूल गई तभी आरती चुपके से कमरे मे आ गई और रश्मि को अपनी चूत मसल्ते देख लिया तो सीधे जाकर रश्मि के हाथो से बुक छीन ली. रश्मि एक दम से सकपका गई और अपना हाथ सलवार से निकाल लिया, आरती ने किताब के पन्ने खोल कर देखा तो रश्मि भाई और बहन की चुदाई की कहानी पढ़ रही थी, आरती ओहो तो हमारी प्यारी नंद रानी ऐसे गुल खिला रही है रश्मि शर्म से लाल हो चुकी थी और अपनी गर्देन नीचे झुकाए बैठी थी, आरती ने मोके की नज़ाकत देखते हुए रश्मि के पास बैठते हुए उसकी मोटी मोटी चुचियो को अपने हाथो से मसल दिया, रश्मि कसमसा कर रह गई, अरे मेरी लाजो रानी इतना क्यो शर्मा रही है, तू क्या सोचती है कि तू अकेली ऐसी कितबे पढ़ती है अरे मैं तो इनसे भी गंदी कितबे पढ़ चुकी हू जिसमे कही बेटी अपने बाप से चुद रही है मा अपने बेटे से चुड रही है और सच पूछो तो ऐसी कहानिया पढ़ कर चूत सहलाने मे बहुत मज़ा आता है क्यो मे सही कह रही हू ना, ओह भाभी तुम भी ना, आरती अच्छा सच सच बता मे तो तेरी भाभी कम सहेली ज़्यादा हू मुझसे मत छुपा तेरा मन एक मोटे लंड से चुदने का कर रहा है ना, अरी बोल ना नही तो मे ये किताब मा जी को बता देती हू,


रश्मि -अरे नही भाभी ऐसा गजब मत करना,
आरती- तो फिर बता तेरा मन चुदने का कर रहा है कि नही, हा कर रहा है, अच्छा मुझे अपनी सलवार उतार कर दिखा और रश्मि का नाडा खोलने लगी, रश्मि भाभी आप ये क्या कर रही हो, अरे पागल मैं भी तो देखु मेरी ननद कितना पानी छोड़ रही है और एक झटके मे नाडा खोल दिया और रश्मि की मोटी गंद से सलवार नीचे सरका दी, रश्मि की मोटी मोटी केले के तने जैसी गुदज जंघे और मोटे मोटे चूतड़ गुलाबी पॅंटी मे समा नही रहे थे, आरती ने रश्मि की पॅंटी खिच कर उसे भी उतार दिया और उसकी दोनो जंघे फैलाकर उसकी चूत देखने लगी रश्मि शर्म से लाल होने लगी आरती ने उसकी फूली हुई चिकनी चूत पर हाथ फर्टे हुए, तेरी चूत तो बहुत रस छोड़ रही है सच सच बता किताब पढ़ते पढ़ते किसके लंड की कल्पना कर रही थी, और उसकी चूत के खड़े दाने को अपनी दो उंगलियो से मसलने लगी, रश्मि ओह भाभी किसी के लंड की कल्पना नही कर रही थी बस कहानी पढ़ के ही मेरा मन करने लगा, आरती झूठ मत बोल मे जानती हू तू किसके लंड से चुदने की कल्पना कर रही थी, रश्मि आश्चर्या से भाभी को देखते हुए किसके लंड की, आरती अजय के लंड की और किसके लंड की, रश्मि ये क्या बोल रही हो भाभी भला मे ऐसा क्यो सोचूँगी वो मेरा भाई है, आरती अच्छा मेरी गुड़िया रानी जब तुम भाई बहन की चुदाई की कहानी पढ़ोगी तो अपने भाई के लंड से चुदने की ही कल्पना करोगी या अपने पापा के लंड की कल्पना करोगी, रश्मि ऐसा कुछ नही है भाभी आप ग़लत सोच रही है, आरती ने रश्मि की चूत मे एक उंगली पेल दी जिससे रश्मि छटपटाने लगी, अरे ननद रानी तुम मुझे चोदना मत सिख़ाओ मे सब समझती हू और वैसे भी अजय भी तुझे चोदने के लिए मरा जा रहा है, अब रश्मि बुरी तरह चौंकते हुए क्या कह रही हो भाभी आप को शर्म नही आती, आरती अरे मे सच कह रही हू, रश्मि क्या सबूत है आपके पास कि अजय मुझे चोदना चाहता है, आरती अरे कल रात को मेने अजय को तेरी पॅंटी की महक शुंघते और तेरा नाम ले ले कर लंड हिलाते हुए अपनी आँखो से देखा है,


रश्मि समझ गई कि भाभी ने भी मेरी ही तरह अजय के रूम मे झाँक कर यह सब देखा होगा, अब की बार रश्मि को ज़्यादा चकित होते ना देख आरती ने रश्मि से पूछा क्या हुया तुझे मेरी बात पर यकीन नही आ रहा और रश्मि का एक मोटा थन पकड़ कर मसल्ने लगी रश्मि काम अग्नि मे जल रही थी और अपने दिल की बात भाभी से कह गई, भाभी जो आप कह रही है वो मे पहले से जानती हू पर, आरती अरे पर क्या, रश्मि भाभी कोई बहन अपने भाई से कैसे कहे कि वो उसे चोदे, आरती उसकी चूत के छेद मे दो उंगलिया डालते हुए अरे पगली तू पहले मुझे बोल तो सही कि तू अजय का लंड लेना चाहती है बाकी सब मुझ पर छोड़ दे, रश्मि सीस्यते हुए और कामुकता भरी आवाज़ मे हाँ भाभी मैने जब से अजय का लंड देखा है मे उसकी दीवानी हू उसका मोटा डंडा दिन रात मुझे पागल करता रहता है एक बार मुझे उसके तगड़े लंड से चुदवा दो भाभी मे आपका एहसान जिंदगी भर नही भूलूंगी.


आरती अच्छा बता अभी कहानी पढ़ते पढ़ते जब तू अपनी चूत सहला रही थी तब क्या सोच रही थी, और आरती ने रश्मि के मोटे मोटे आमो को मसलना शुरू कर दिया, ओह भाभी क्या बताऊ मैं सोच रही थी कि मे अजय के मूह पर अपनी जंघे खोल कर बैठी हू और वह मेरी चूत का रस फैला फैला कर चाट रहा है, ओह भाभी कहानी और फ़िल्मो मे देख देख कर मैं मरी जा रही हू, भाभी कैसा लगता होगा जब कोई मर्द अपनी चूत खोल कर चाटता है, आरती बड़ा मज़ा आता है मेरी रानी लेकिन उससे भी ज़्यादा मज़ा तब आता है जब अपना खुद का भाई अपनी बहन को नंगी करके उसकी चूत खोल खोल के चाते और फिर उसे हुमच हुमच कर चोदे, और रश्मि के होंठो को चूम लेती है, रश्मि भी अपनी भाभी से चिपक जाती है और आरती रश्मि के हाथ पकड़कर अपने मोटे मोटे चुचो पर रख देती है तब रश्मि भी अपनी भाभी के मोटे मोटे दूध दबाने लग जाती है.


अब आरती अपनी उंगली रश्मि की चूत मे तेज तेज चलाने लगी और रश्मि झड़ने लगी ओह भाभी मे गई आह आह आह कितना मज़ा आ रहा है आपने मुझे पागल कर दिया ओह ओह ओह….और रश्मि की चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया, और रश्मि अपनी भाभी की बाहो से चिपक गई और भाभी के रसीले होटो को चूम लिया ओह मेरी प्यारी भाभी आप कितनी अच्छी हो, आप ने तो मुझे आसमान मे उड़ा दिया. आरती अरे मेरी बन्नो जब उंगली से आसमान मे उड़ने लगी तो अपने भाई के मोटे लंड से तेरा क्या होगा. ओह भाभी पर ये सब होगा कैसे. आरती सुन आज रात को टॉप और केवल स्कर्ट पहन कर सोना और पॅंटी मत पहनना और अपने टॉप के नीचे ब्रा नही पहनना और टॉप के दो बटन खोल लेना फिर रात को अजय के कमरे मे जाना और उससे कहना अजय मुझे नींद नही आ रही है चल मेरे कमरे मे थोड़ी देर बात करेंगे जब अजय तेरे कमरे मे आ जाए तो थोड़ी देर उससे हसी मज़ाक कर भाई बहन जैसे एक दूसरे से चिपक कर झप्पी देते है इस तरीके से करना जैसे तू कुछ नही जानती है लेकिन अपने अंगो को अजय को ऐसे दिखाना और अजय के बदन से ऐसे सटना कि उसका लंड खड़ा हो जाए फिर अजय को कहना कि तुझे नींद आ रही है और अजय की गोद मे सर रखने का बोलना और कहना अजय थोड़ा मेरा सर दबा दे तो मे सो जाती हू और तू चाहे तो तू भी यही सो जाना और फिर तू सोने का नाटक करना जब तक की अजय तेरे टॉप के अंदर हाथ डाल कर्टेरी चुचियो को मसल्ने ना लग जाए और फिर कसमसाते हुए अजय का खड़ा लंड पकड़ लेना बस तेरा काम हो जाएगा. लेकिन भाभी मुझसे यह सब हो पाएगा आरती अरे तू बिना डरे यह सब करना देखना अजय कैसे एक अग्यकारी भाई की तरह तेरी सब बात मानेगा और रात भर मे तुझे मस्त कर देगा. भाभी की कामुकता भरी बाते सुन कर रश्मि की चूत फिर से पानी छोड़ने लगी.
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kunal56 Offline
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10-07-2014, 08:58 PM
आरती अब बाहर जा चुकी थी और रश्मि अजय के लंड की कल्पना मे डूबी अपनी चूत सहलाकर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी और रात की कल्पना से ही उसका पूरा जिस्म मस्ताने लगा था. इधर आरती ने अजय को सब समझा दिया और उससे कहा जब तक आरती सोने का नाटक करे तब बिना डरे उसकी टॉप मे हाथ डाल कर कस कस कर उसकी चुचिया को मसलना शुरू कर्दे और केवल बनियान और पाजामा पहनकर ही रश्मि के कमरे मे जाए अंडरवेर भी ना पहने. अजय स्मार्ट था वह भाभी की सारी प्लॅनिंग समझ गया. दिन भर घर मे अजय और रश्मि जब भी एक दूसरे से टकराते तो नर्मोल बिहेव करते लेकिन मन ही मन एक दूसरे के लंड और चूत की कल्पना करते रहते. रात के करीब 10 बजे जब सब अपने कमरे मे सोने चले गये तब रश्मि ने अजय के कमरे की ओर कदम बढ़ा दिया. अजय भी रश्मि के इंतजार मे ही बैठा था. रश्मि जैसे ही दरवाजा खोलकर अजय के कमरे मे आई अजय बुक पढ़ने का नाटक करने लगा आज रश्मि ने सिर्फ़ एक टॉप और स्कर्ट पहना था उसकी चूत बिल्कुल फूल गई थी अजय का लंड भी पाजामे मे तना हुआ था. अरे दीदी आप अभी तक सोई नही, अजय मुझे नींद रही आ रही थी सोचा तुम्हे बुलाकर कुछ बाते ही करते है इसलिए तुम्हे बुलाने आ गई चलो मेरे रूम मे बैठ कर थोड़ी देर बाते करेगे, अजय क्यो नही दीदी और अजय रश्मि के साथ उसके रूम मे चल दिया रश्मि ने अपने रूम का दरवाजा बंद कर लिया और दोनो भाई बहन बिस्तर पर चढ़ कर बैठ गये. दीदी नींद तो मुझे भी नही आ रही थी अच्छा हुआ आपने मुझे बुला लिया.




अजय अच्छा दीदी आपकी सहेली नेहा के क्या हाल है, रश्मि ठीक है लेकिन तुझे अचानक नेहा की याद कहाँ से आ आई, कुछ नही दीदी बस ऐसे ही पुंछ लिया, रश्मि अच्छा ये बता तुझे नेहा कैसी लगती है, अजय अच्छी लगती है, और तुझे मे अच्छी नही लगती दिखावटी गुस्सा दिखाते हुए, रश्मि के पीछे से हाथ डाल कर उसकी कमर और गुदाज पेट पकड़ कर अपनी बाँहो मे भरते हुए अरे दीदी आपसे सुंदर भला दुनिया मे कोई है, रश्मि चल झूठे कही के, अजय सच दीदी मे आपको को बहुत प्यार करता हू और रश्मि के गोरे गालो को चूम लेता है, इन सब हर्कतो से अजय और रश्मि के चूत और लंड बहुत ज़्यादा गरमा जाते है, अजय धीरे धीरे रश्मि की कमर मे हाथ फेरता रहता है और रश्मि अपने जिस्म का भार अजय के उपर डाल कर पड़ी होती है. रश्मि अच्छा अजय मेरे सर मे थोड़ा दर्द सा लग रहा है मे तेरी गोद मे सर रख लेती हू तू थोड़ा दबा दे.


अजय क्यो नही दीदी, रश्मि अगर मेरी नींद लग जाए तो तू भी यही सो जाना, अजय अच्छा दीदी और रश्मि अजय के गोद मे सर रखती है लेकिन उसे एक ज़ोर का झटका लगता है क्यो कि अजय का लंड फुल एरेक्ट होता है और वह अंडरवेर भी नही पहने होता है. रश्मि अजय की एक जाँघ पर अपना सर कर करवट ले कर लेट जाती है अब अजय का लंड ठीक उसकी आँखो के सामने पाजामे को फाड़ देने वाले अंदाज मे उसके होटो को छू रहा था और लंड की मादकता की महक उसकी नाक से उसकी सांसो मे समा रही थी, अजय ने अपना एक हाथ रश्मि के सर पर दबाना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से रश्मि की पीठ और पीठ से होते हुए उसके गुदाज पेट और गहरी नाभि पर फेरने लगा चुकी रश्मि के टॉप के दो बटन खुले होने से उसकी मासल चुचिया आधी से ज़्यादा बाहर आ रही थी और उसका पेट पूरा नंगा था, स्कर्ट से चिकनी केले के तने जैसी जंघे दूधिया रोशनी मे अजय को पागल बना रही थी.धीरे धीरे अजय रश्मि का सर दबाने लगा कभी कभी उसके गोरे गालो को भी सहलाने लगा, रश्मि ने अपना मूह अजय के लंड से बिल्कुल सटा रखा था और उसका मन कर रहा था कि इस डंडे को पकड़ कर अपने मूह से चूस डाले. इधर अजय सोच रहा था कि मेरी दीदी का गदराया जिस्म भाभी से किसी भी तरह कम नही है बल्कि रश्मि के चूतड़ और दूध तो आरती से भी थोड़ा ज़्यादा गदराए नज़र आ रहे थे.






करीब 10 मिनिट की खामोशी के बाद अजय से अब रहा नही जा रहा था चुकी वह जानता था कि रश्मि चुदने के लिए ही सोने का नाटक कर रही है तब अजय ने सोचा अब इसे पूरी तरह गरम कर देता हू ताकि यह खुद ही मुझे अपनी बाँहो मे लेकर चूमना शुरू कर दे, अजय दीदी सो गई क्या, रश्मि चुपचाप पड़ी रही तब अजय ने अपना हाथो से रश्मि के गुलाबी गालो को सहलाते हुए कहा आइ लव यू दीदी मे सबसे ज़्यादा तुम्हे ही प्यार करता हू और रश्मि की मसल छातियो पर हाथ रखते हुए उसके होटो का एक गहरा चुंबन ले लिया. उसकी इस हरकत से रश्मि सिहर उठी और उसकी चूत का भज्नशा फड़कने लगा. अब अजय ने अपनी दीदी के मोटे दूध को अपने हाथो के पंजे मे पूरा भरते हुए उसे कस कर दबाने लगा, उसकी इस हरकत से रश्मि पागल हो गई और अपना मूह अजय के लंड पर दबा दिया.


अजय रश्मि की मोटी चुचियो को टॉप के अंदर हाथ डाल कर मसल्ने लगा, कितने मोटे मोटे दूध थे उसकी दीदी के अजय मस्ती से भर गया, रश्मि का अब बर्दास्त करना मुश्किल हो गया और उसने अपने भाई का मोटा लंड अपने हाथो मे पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया, और उठ कर बैठ गई और उसकी ओर देखते हुए अजय ये क्या कर रहा है वो भी अपनी सग़ी बहन के साथ, क्या तू अपनी बहन को चोदना चाहता है, हाँ दीदी मैं तुम्हे पूरी नंगी कर के चोदना चाहता हू, तुम्हारी रसीली बुर का रस पीना चाहता हू, अजय तुझे अपनी बड़ी दीदी के साथ यह सब करते शर्म नही आएगी, अजय अपनी दीदी की जाँघो को अपने हाथो से दबाते हुए, नही दीदी तुम क्या जानो जो मज़ा अपनी सग़ी बहन को नंगी देखने और उसे चोदने मे आता है वो मज़ा और किसी मे नही आता है, अजय क्या तुझे मे इतनी अच्छी लगती हू, हाँ दीदी आप मुझे सबसे ज़्यादा नंगी अच्छी लगती हो, दीदी जब तुम एक बार मेरे लंड से चुद लॉगी तब तुम भी यही कहोगी कि अपने सगे भाई से चूत मराने का आनंद दुनिया मे सबसे निराला है, दीदी दूसरी औरतो को नंगी देखने की तुलना मे अपनी सग़ी बहन को नंगी देख कर लंड 10 गुना ज़्यादा झटके मारता है अपनी बहन की चूत मे घुसने के लिए, चाहे तो तुम खुद ही देख लो और अपनी दीदी का हाथ पकड़ कर अजय ने अपने खड़े मोटे लंड पर रख दिया, अब रश्मि की चूत पूरी रसीली हो चुकी थी, रश्मि अपने भाई के लंड को दबाते हुए तो क्या तू इसे मोटे डंडे को अपनी दीदी की चूत मे डालेगा, हाँ दीदी, रश्मि अच्छा हाथ लगा के बता कहाँ डालेगा, अजय ने झट से अपनी बहन की मस्तानी भोसड़ी को अपने हाथो के पंजो से दबोच लिया. और दोनो भाई बहन अपने अपने हाथो से एक दूसरे की चूत और लंड सहलाने लगे.


अजय तेरा लंड तो बहुत मोटा और बड़ा है रे, तू तो बड़ी बड़ी औरतो की चूत मारने लायक हो गया है, तू तो बड़ी बड़ी मस्तानी घोड़ियो को चोदने लायक हो गया है, दीदी तुम्हारी भी फूली हुई चूत , मोटे मोटे दूध और गंद के छेद मे उंगली से दबाता हुया, ये मस्तानी गंद को मोटे डंडे से ही ठोका जा सकता है, छ्होटा मोटा चुड़क्कड़ तुम्हारी चूत नही चोद पाएगा, रश्मि तो क्या तू मुझे चोद लेगा, दीदी रश्मि की बुर मे उंगली पेलते हुए मैं तो तुम्हारी चूत की आज ऐसी कस कस कर ठुकाई करूँगा कि तुम जिंदगी भर अपने भाई के लंड को नही भूल पावगी, तो ठोक ना मेरे राजा देख तेरी दीदी तेरे सामने अपना मस्त भोसड़ा खोले पड़ी है आज अपनी बहन को चोद चोद के उसकी चूत फाड़ दे मेरे प्यारे भैया और यह कह कर दोनो भाई बहन पागलो की तरह एक दूसरे को चूमने लगे एक दूसरे के जिस्म से इस कदर चिपक गये जैसे एक दूसरे मे पूरा समा जाना चाहते हो.


अजय ने रश्मि को उपर खीच कर अपनी बहन के होटो से होठ लगा कर उसके रसीले होंठो का रस बुरी तरह पीने लगा, रश्मि बेसूध होकर अपने भाई से चिपक कर अपना मूह खोलकर अजय के होंठो को चूसने लगी तभी अजय ने रश्मि की जीभ को अपने मूह मे भरकर उसकी रसीली जीभ का रस पीते हुए उसके मोटे चुचो को कस कर मसलने लगा और फिर अपना हाथ सीधे रश्मि की फूली हुई रस छोड़ती चूत पर लेजा कर उसकी चूत को अपने हाथो के पंजो मे भरकर दबोचने लगा, रश्मि ने अपने भाई के मोटे लंड को अपने हाथो मे कस लिया, अब अजय ने रश्मि के सारे कपड़े उतार कर खुद का लंड पाजामे से आज़ाद कर दिया रश्मि अपने भाई के मस्ताने लंड को देख कर पागल हो गई और उसको मूह मे भर कर चूसने लगी, अजय ने भी रश्मि के दोनो जाँघो के भीच आकर उसकी फूली हुई रसीली चट मे अपना मूह लगाकर अपनी बहन की चूत को चाटने लगा दोनो भाई बहन 69 की पोज़िशन मे एक दूसरे के लंड और चूत को पागलो की तरह चूसने लगे.


अजय ने अपने दोनो हाथो से रश्मि की चूत को फैलाकर देखा कितनी गुलाबी और फूली हुई बुर थी उसकी बहन की वह अपनी बहन की बुर को खूब फैला फैला कर चाटने लगा और लंबी लंबी चुस्कियामारने लगा अपनी कमर हिला हिला कर अपनी मस्तानी चूत अपने भाई के मूह मे देने लगी और अपने भाई के लंड के सूपदे को अपने मूह से दबोच दबोच कर चूसने लगी जैसे वह लंड से सारा जहर चूस लेना चाहती हो करीब 10 मिनिट तक दोनो भाई बहन एक दूसरे के लंड और चूत को चाटते चूस्ते रहे और फिर एक दूसरे के मूह मे ही अपना अपना रस छोड़ दिया जिसे दोनो बड़े चाव से पूरा चाट गये.


और करीब दो मिनिट तक दोनो एक दूसरे के पैरो की तरफ मूह करके पड़े रहे, फिर अजय उठ कर रश्मि के मूह की ओर लेट गया. रश्मि अभी भी अपनी आँखे बंद किए गहरी साँसे ले रही थी फिर अजय ने उसके होंठो को चूमा तो उसने आँखे खोल कर अपने भाई को देखा और एक मुश्कूराहट के साथ शर्मा कर अजय के सीने मे अपना मूह छुपा लिया. अजय दीदी तुम कितनी सेक्सी हो और तुम्हारी चूत का रस कितना नसीला है मुझे आज पता चला नही तो मे कब का तुम्हारी रसीली चूत का रस पी चुक्का होता. रश्मि ने अजय का मूह चूमते हुए मेरे प्यारे भैया मे तो कब से तुझसे नंगी होकर चुदवाने के लिए तरस रही हू. अजय दीदी आज मे तुमाहरी हर इच्छा पूरी कर दूँगा और अपनी दीदी के नंगे बदन को अपने नंगे बदन से चिपका कर उसके रसीले होटो और जीभ को चूसने लगा. रश्मि अजय के लंड पर अपना हाथ फेर कर उसे सहलाने लगी. रश्मि अच्छा अजय तुझे मुझमे सबसे ज़्यादा क्या पसंद है.


अजय रश्मि के मोटे और फैले हुए चूतादो पर हाथ फेरता हुआ मुझे अपनी दीदी के इन चूतादो पर सबसे ज़्यादा प्यार आता है. रश्मि क्या मन करता है तेरा, अजय दीदी मुझे तुम्हारे मस्ताने चूतादो को खूब दबोच दबोच कर चाटने का खूब मन करता है. जब तुम अपनी मोटी गंद हिलाकर चलती हो तो लगता है कि इस मोटी मोटी गंद मे अपना मूह डाल कर इन्हे खूब चुसू खूब प्यार करू, रश्मि पेट के बल लेट कर अपनी मोटी गंद उचकाते हुए ले मेरे प्यारे भाई चाट ले अपनी बहन की मोटी गंद को, अजय ने दो मोटे तकिये रश्मि के पेट के नीचे रख दिए जिससे उसकी तरबूज जैसी उछलती गंद और खुल कर उभर आई और अजय पागलो की तरह अपनी दीदी की मोटी गंद को दोनो हाथो से फैला फैलाकर चाटने लगा और अपना मूह अपनी दीदी की मोटी गंद मे दबाने लगा,




फिर अजय ने अपनी दो उंगलिया पीछे से रश्मि की फूली चूत के गुलाबी छेद मे डाल कर उसके गंद के छेद को अपनी जीभ से चाटने लगा रश्मि ज़ोर ज़ोर से सिसकारिया लेने लगी आह भैया आह .. ऐसे ही आह आह ओह भैया चाट और चाट खूब कस कस कर चाट अपनी बहन की गंद और चूसो और चूसो मेरे राजा आह आह सी सी आ. अब रश्मि की चूत ने काफ़ी पानी छोड़ना शुरू कर दिया तब अजय ने अपना मोटा लंड पीछे से गंद सहलाते हुए अपनी बहन की मस्तानी चूत के छेद मे लगाया और एक जोरदार झटका मारा जिससे अजय का आधा लंड उसकी बड़ी बहन की चूत मे फँस गया और रश्मि के मूह से एक घुटि हुई चीख निकल गई और वह तड़पने लगी. अजय सीधा रश्मि की मोटी गंद पर लेट कर नीचे हाथ डाल कर एक हाथ से उसके दूध पकड़कर और दूसरे हाथ से उसके पेट के नीचे हाथ लेजा कर दूध दबाते हुए एक जोरदार झटके के साथ अपना पूरा 8 इंच का लंड अपनी बहन की फूली हुई गुलाबी चूत मे उतार दिया और रश्मि दर्द से तड़पने लगी ओह अजय मार डाला रे कितना मोटा मूसल है तेरा मेरी तो चूत फॅट गई आह आह हाई रे,


अजय ने अब धीरे धीरे लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया उसका लंड अपनी बहन की मस्तानी भोसड़ी मे बहुत कसा हुआ अंदर बाहर हो रहा था, फिर अजय अपनी दीदी के मोटे थनो का दूध निचोड़ते हुए कस कस कर गहरे धक्के मार मार कर अपनी मस्तानी बहन को चोदने लगा, रश्मि आँखे बंद किए हुए मस्ती से अपने भाई का लंड अपनी चूत मे ले रही थी. फिर अजय के झटके और तेज तेज अपनी बहन की चूत मे पड़ने लगे और रश्मि स्वर्ग के आनंद लेने लगी करीब 15 मिनिट तक अजय कभी बैठ कर कभी उसके उपर लेट कर अपनी प्यारी दीदी की चूत मारता रहा, फिर उसने अपनी बहन को अपने उपर आने को कहा रश्मि अब अजय के लंड के उपर बैठ कर अपनी मोटी गंद हिला हिला कर उपर नीचे होने लगी, अजय उसके आमो को बेरहमी से अपने हाथो से कुचलने लगा फिर रश्मि जब धीरे होने लगी तो अजय ने उसकी गंद पकड़ कर नीचे से अपनी कमर के धकके मारना शुरू कर दिया रश्मि अपनी गंद के बल अपने भाई के लंड पर कूदने लगी जब रश्मि से नही सहा गया तो वह अजय के उपर लेट गई अजय समझ गया अब उसकी दीदी झड़ने के करीब है तो उसने रश्मि को पीठ के बल लिटा कर उसकी दोनो जाँघो को फैलाकर रश्मि के कंधो से सटा दिया और कस कस कर अपनी बहन को चोदने लगा पूरे कमरे मे फ़चफच की आवाज़ गुजने लगी अजय तेज झटके मार मार के अपनी बहन की मस्तानी चूत को अपने लंड से बुरी तरह कूटने लगा रश्मि भी अपने भाई के झटको के जवाब मे नीचे से अपनी गंद और चूत उठा उठा कर अपने भाई के लंड पर मारने लगी अजय का लंड सतसट अपनी दीदी की चूत मार रहा था और फिर दोनो ने एक जोरदार झटके के साथ अपने अपने चूत और लंड को एक दूसरे से चिपकाकर बुरी तरह घिसने लगे और दोनो के रस का मिलन हो गया और दोनो ने अपने चूत और लंड को इतनी ताक़त से एक दूसरे से चिपका लिया कि उनके पेडू की हड्डिया तक एक दूसरे से चिपक गई और दोनो गहरी साँसे लेते हुए झाड़ गये. और दोनो नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर सो गये.


सुबह करीब 5 बजे अजय की नीद खुली तो वो रश्मि को भी जगाने लगा जो की पूरी नंगी पड़ी हुई थी, रश्मि एक दम से उठ बैठी और क्या हुआ अजय, अरे दीदी सुबह होने वाली है रश्मि अभी कितना बजा है, अजय 5 बज चुके है रश्मि डॉन’ट वरी सब 7 बजे तक उठेंगे. और अजय के गले मे अपनी बाहे डाल कर उसे अपनी ओर खींच लिया, दीदी रात को तुम्हे मज़ा आया कि नही, हा अजय जिंदगी मे पहली बार मुझे इस अनोखे सच का एहसास हुआ. अच्छा अजय एक बात बता तू मुझे कब से चोदना चाहता था, दीदी मैने जब तुम्हे पहली बार नंगी देखा था, रश्मि तो ऐसे तू मुझे कितनी बार नंगी देख चुक्का है, दीदी ये सवाल तो ऐसा है कि इसका जवाब मेरे पास नही है क्यो कि मैं तुम्हे अनगिनत बार नंगी देख चुक्का हू, रश्मि वो भला कैसे, दीदी तुम जितनी बार बाथरूम मे नहाती हो उतनी बार मैं तुम्हे नंगी देख चुक्का हू, और कई बार तो मैने तुम्हे सोते मे तुम्हारी ये मोटी मोटी चुचिया, रश्मि के मोटे मोटे दूध दबाते हुए भी दबा चुक्का हू यहाँ तक की मैं तुम्हारे सोते टाइम तुम्हारी इस प्यारी चूत को तुम्हारी पॅंटी के उपर से सूंघ सूंघ कर पप्पी भी ले चुक्का हू, रश्मि आश्चर्या से अजय का मूह देखती हुई,


तभी रश्मि को वो बात याद आ गई जब अजय उसकी और उसकी मम्मी गीता की पनती को सूंघ सूंघ कर अपना लंड हिला रहा था, अजय एक बात पुँच्छू सच सच बताएगा, हाँ दीदी पुछो, अजय अच्छा ये बता, कोई लड़का किसी औरत की पॅंटी को सूँघे तो इसका क्या मतलब होता है, दीदी सिंपल सी बात है कोई लड़का किसी की पॅंटी सुन्घ्ता है मतलब वह उस औरत की चूत सूंघने की कल्पना करता है क्यो कि वह पॅंटी तो औरत की चूत को ही कसे होती है ना, और वह उस औरत को चोदना चाहता है इसीलिए उसकी पॅंटी को सूंघ कर उसकी चूत की खूशबू को महसूस करता है, रश्मि अजय से तो इसका मतलब ये हुआ कि तू मम्मी को भी चोदना चाहता है, रश्मि के मूह से यह सुनते ही अजय का मूह खुला का खुला ही रह गया, हड़बड़ा कर ये तुम क्या कह रही हो दीदी, मैं ऐसा क्यो सोचूँगा, रश्मि तो फिर तू उस दिन मम्मी की पॅंटी को अपने कमरे मे अपना लंड हिला हिला कर क्यो सूंघ रहा था, अब तो अजय की बोलती बंद हो चुकी थी, और वह बात को संभालने की कोशिश करता हुआ अरे दीदी वो तो मैं तुम्हारी पॅंटी समझ कर सूंघ रहा था , रश्मि अजय बनो मत तुम्हारे हाथ मे दो पॅँतिया थी एक मम्मी की और एक मेरी, अब अजय समझ गया कि दीदी को सब पता चल चुक्का है और वह अपनी खुद की बातो मे फस चुक्का है.
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#8
10-07-2014, 09:44 PM
सॉरी दीदी तुम ठीक कह रही हो मैं मम्मी की पॅंटी भी सूंघ रहा था, रश्मि मतलब तुम मम्मी को चोदने की नज़र से देखते हो, हाँ दीदी, अजय तुम्हे ऐसा नही सोचना चाहिए वो हमारी मा है, अजय मैं क्या करू दीदी इसमे भी मेरी ग़लती नही है, एक दिन जब मैं तुम्हे नंगी देखने के चक्कर मे बाथरूम के छेद से अंदर देखा तो वहाँ तुम नही थी बल्कि मम्मी पूरी नंगी होकर खड़ी खड़ी अपनी फूली हुई चूत के बाल बना रही थी , लगभग वह अपनी चूत के बाल बना चुकी थी और फिर मग से पानी डाल कर अपनी फूली हुई गोरी गोरी चूत को रगड़ने लगी जब मम्मी की चूत पूरी चिकनी हो गई तो मम्मी ने अपनी चूत मे अपनी दो उंगलिया डाल कर अपनी मोटी मोटी गंद खड़े खड़े हिलाने लगी, दीदी यह सब देख कर मुझसे रहा नही गया और मेरा लंड खड़ा हो गया, रश्मि ने अजय के लंड को अपने हाथो से दबाते हुए अजय लंड तो तुम्हारा अभी भी मम्मी का नाम लेते ही खड़ा हो गया है और अजय के लंड को कस कर दबा दिया, रश्मि फिर क्या हुआ, फिर दीदी मम्मी ने मूह दूसरी तरफ घुमा कर शायद मिरर मे अपनी चूत देखने लगी अब मम्मी की मोटी फुटबॉल जैसी गंद मेरी तरफ थी , रश्मि अजय का लंड लगातार सहलाए जा रही थी और बड़े गोर से उसकी बाते सुन रही थी अब अजय ने भी रश्मि की चूत की फांको की दरार मे अपनी उंगली चेलाते हुए, क्या बताऊ दीदी मम्मी के मोटे मोटे चूतड़ देख कर मुझसे रहा नही गया और मैने वही अपने पाजामे से अपना लंड निकाल लिया और मम्मी के मोटे मोटे चूतादो को देखते देखते मैं यह सोचने लगा कि मैं मम्मी की मोटी गंद को अपने लंड से चोद रहा हू और अपना पानी वही खड़े खड़े निकाल दिया, उस दिन मैने पहली बार अपनी मम्मी को पूरी नंगी देखा था, और पहली बार मम्मी के नाम की मूठ मारी थी,


रश्मि अजय की बातो को सुन कर गरमाने लगी थी और ज़ोर ज़ोर से अजय का लंड मसल रही थी, रश्मि तो अजय क्या तुम्हे मम्मी की चूत और चूतड़ इतने पसंद आए, हाँ दीदी मैने आज तक इतने मोटे मोटे चूतड़ और इतनी फूली हुई चूत कभी नही देखी, उस दिन से मैं मम्मी को रोज नंगी नहाते हुए देखने लगा, रश्मि तो क्या अजय मम्मी बाथरूम मे रोज नंगी ही नहाती है, अजय हाँ दीदी तुम जानती नही हो हमारी मम्मी बहुत चुदासी औरत है और वह एक तगड़ा लंड अपनी चूत मे चाहती है, क्यो कि मैने मम्मी को हर दूसरे दिन अपनी चूत को रगड़ रगड़ कर मूठ मारते देखा है, पापा के लंड से अब मम्मी की प्यास नही बुझ पाती है,


रश्मि तो क्या अगर मम्मी तुझे चोदने को दे तो तू मम्मी को चोद देगा और अजय का लंड कस कर अपने हाथो से दबा देती है, अजय अपनी दीदी की चूत मे दो उंगलिया पेलता हुआ उसे अपने सीने से लगाते हुए, अरे दीदी तुम तो मम्मी को चोदने की बात करती हो मैं तो अपनी कल्पनाओ मे तुम्हे और मम्मी दोनो को एक साथ नंगी करके हज़ारो बार चोद चुक्का हू, उस चुदाई मे तुम मेरे लंड पर चढ़ कर चुद्ती हो और मम्मी पूरी नंगी होकर मेरे मूह पर बैठ कर चुद्ती है और मैं नीचे से तुम्हारी चूत मे अपना लंड पेलता हू और मम्मी की चूत मे अपनी जीभ पेल पेल कर चोद्ता हू,






रश्मि अजय की इन सब बातो को सुन कर पानी पानी हो चुकी थी और अजय का लंड मुठियाते हुए, अजय एक काम करेगा, हाँ दीदी बोलो, रश्मि सीसियाते हुए अजय मैने ये देखा है कि मम्मी के नाम पर तेरा लंड खूब झटके खाने लगता है, लगता है तू मम्मी की चूत और गंद फाड़ देना चाहता है, मम्मी को नंगी करके खूब हुमच हुमच के चोदना चाहता है, अजय रश्मि की चूत और दूध मसल्ते हुए हाँ दीदी तुमने बिल्कुल मेरे मन की बात कह दी है, रश्मि अच्छा अजय तो फिर एक काम कर तू मुझे मम्मी समझ कर मुझे भी अपने मूह पर बैठा ले और मेरी मस्तानी भोसड़ी को अपनी मम्मी की रसीली फूली हुई भोसड़ी समझ कर उसका रस चूस डाल और रश्मि यह कह कर बेड पर नंगी ही खड़ी हो गई


अजय सीधा लेट गया तब रश्मि ने अजय के आजू बाजू दोनो टाँगे रख कर सीधी अजय के मूह मे अपनी रस से भरी चूत को रख दिया और अजय अपनी बहन की चूत को चाटने लगा, अब रश्मि ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत अजय के मूह मे दबाती हुई, ले बेटा चाट ले अपनी मम्मी की मस्तानी भोसड़ी को, चूस हा चूस ऐसे ही चूस आह ऐसे ही चूस बेटा अपनी मम्मी की चूत खा जा बेटा आह आह पूरी खा जा बेटा अपनी मा की चूत, खूब चूस अजय अपनी मम्मी की चूत चूस चूस कर लाल कर दे मेरे लाल, अजय रश्मि के मूह से इन कामुक बातो को सुन कर अपना हाथ अपनी बहन की गंद के नीचे रख कर पागलो की तरह अपनी प्यारी दीदी की चूत को चाटने लगा, वह अपनी दीदी की चूत की दोनो फांको को अपने हाथो से अच्छी तरह फैला कर ऐसे कस कस के चाट रहा था जैसे बच्चे चॉकलेट के रेपर पर लगी चॉकलेट चाटते है, उसकी इस तरह की चूत चटाई से रश्मि जल्दी ही अपने छोटे भाई के मूह मे अपनी चूत का सारा पानी छ्चोड़ने लगी और उसका भाई अपनी बहन के सारे चूत रस को चाट चाट कर पीने लगा,


अब रश्मि से बर्दास्त नही हो रहा था और वह लुढ़क कर बेड पर गिर गई और अजय के लंड को पकड़ कर अपनी ओर खिचने लगी अजय उसका इशारा समझते ही अपनी बहन की दोनो मोटी जाँघो को फैला कर अपने लंड को अपनी बहन की चूत मे एक झटके मे अंदर तक पेल दिया जिससे रश्मि च्चटपटाने लगी अजय ने अपनी दीदी की गंद के नीचे हाथ ले जाकर उसकी चूत मे अपने लंड से जबरदस्त हमले शुरू कर उसे हचक हचक कर चोदने लगा, उसकी रफ़्तार इतनी तेज थी की पूरा बेड चरमरा उठा और पूरे कमरे मे फ़चा फ़च फ़चा फ़च की आवाज़ गूंजने लगी, रश्मि उन्ह उन्ह की आवाज़ निकाल रही थी और अजय अपनी बहन को कस कस कर चोदे जा रहा था, अजय उपर से झटका चूत मे मारता तब रश्मि नीचे से झटका लंड मे मारती, दोनो और से पूरी ताक़त से एक दूसरे की जाँघो की जड़ो मे कस कस कर ठोकर पड़ रही थी और दोनो स्वर्ग के झूले मे झूल रहे थे, एक लंबी घमासान चूत लंड की ठुकाई के बाद दोनो ने अपना अपना रस उगलना शुरू कर दिया और एक दूसर को कस कर पूरी ताक़त से जाकड़ लिया और कुछ पल के बाद दोनो शांत हो गये और एक दूसरे के होंठो को चूमते हुए एक दूसरे की ओर मुस्कुराने लगे, अजय ने घड़ी देखी तो 6:30 समय हो चुक्का था दोनो ने अपने अपने कपड़े पहने और अजय रूम से बाहर निकल गया.




आरती सुबह उठते ही सबसे पहले रश्मि के रूम मे पहुच गई, रश्मि अपने बेड पर पड़ी पड़ी पंखे की ओर देख रही थी और भाभी को देखते ही उठ बैठी और एक चुदास से थॅकी हुई मुस्कान उसके चेहरे पर बिखर गई, आरती ने आते ही अपनी प्यारी ननद के मोटे दूध को दबाते हुए क्यो मेरी ननद रानी रात भर सोई नही क्या, रश्मि अपनी भाभी के गले मे हाथ डाल कर उसका गाल चूमते हुए ओ भाभी ऐसा मज़ा मुझे जिंदगी मे कभी नही मिला और ये सब आप के कारण संभव हो सका, और आरती के गालो को एक बार फिर चूम लेती है, आरती अच्छा सारी रात अजय ने तुझे चोदा है क्या, हाँ भाभी बस ये ही समझ लो अजय का लंड नही मूसल है, मेरी तो नस नस मे एक मीठा सा दर्द उठ रहा है, आरती बनते हुए क्या इतना मस्त है अजय का लंड, हाँ भाभी, उसे आप अजय का नही घोड़े का लंड कह सकती है, पूरी रात उस घोड़े ने मुझे कस कस कर चोदा है, बन्नो रानी जब एक भाई अपनी बहन को चोद्ता है तो ऐसी जबरदस्त चुदाई ही होती है, तुझे इसी लिए ज़्यादा मज़ा आया है क्यो कि तू अपने सगे भाई से जो चुद रही थी,

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#9
10-07-2014, 09:44 PM
अच्छा भाभी मैं आपको एक बात बताना चाहती हू पर आप यह बात किसी को बोलना नही, अरे पगली तेरे मेरे बीच की बात किसी को बोलने वाली होती है क्या, तू बिंदास बोल क्या बात है, भाभी अजय है ना, आरती हाँ, भाभी अजय बहुत ज़्यादा चुड़क्कड़ है वह मम्मी को भी चोदना चाहता है, आरती बनते हुए, तू ये क्या कह रही है, हाँ भाभी मुझे अजय ने ही ये बात बताई है, क्या अजय ने खुद तुमसे कहा कि वह अपनी मम्मी की चूत भी मारना चाहता है, नही भाभी उसने खुद नही कहा बल्कि मैने ही उसकी चोरी पकड़ ली थी तो आख़िर उसे मेरे सामने सच्चाई बताना ही पड़ी, आरती तूने कौन सी चोरी पकड़ ली थी अजय की , वो भाभी मैने अजय को मम्मी की पॅंटी को सूंघ सूंघ कर अपना लंड हिलाते हुए देखा था,


आरती क्या अजय अपनी मम्मी की पॅंटी सुन्घ्ता है, हाँ भाभी और ये तो कुछ भी नही वो तो मम्मी को रोज नंगी नहाते हुए भी देखता है, आरती बनते हुए तू क्या कह रही है, अजय इतना चुड़क्कड़ है कि अपनी ही मम्मी को नंगी नहाते हुए देखता है, और अपनी मम्मी की ही चूत मारना चाहता है, हाँ भाभी और मुझे तो लगता है कि वह जब मम्मी सो जाती होगी तो मम्मी की चूत भी सहला देता होगा, वैसे भी भाभी मैने देखा है वह दिन रात मम्मी की गंद के पीछे ही लगा रहता है, पहले मैं सोचती थी कि मा बेटे का प्यार है, पर अब मेरी समझ मे आया कि अजय दिन भर मम्मी से इतना चिपकता क्यो है, और जब देखो तब मम्मी के मोटे मोटे दूध मे अपना मूह क्यो छुपा लेता है, वह ज़रूर मम्मी के मोटे दूध का मज़ा लेने के इरादे से ही ऐसा करता है, और तो और दिनभर किसी ना किसी बहाने से मम्मी के गालो पे कभी हाथ फेरेगा और कभी मम्मी के गालो को चूम लेगा, ज़रूर मम्मी के गालो को चूमते हुए उसका लंड खड़ा हो जाता होगा, अच्छा और क्या क्या बताया अजय ने, भाभी वो तो बड़ा बेशर्म है, आरती क्यो, भाभी वो कह रहा था कि दीदी मैं तुम्हे और मम्मी दोनो को एक साथ नंगी करके अपने ख्यालो मे जाने कब से चोद्ता आ रहा हू, भाभी उसकी तो ये हालत है कि मम्मी की चूत और गंद के नाम पर उसका लंड तुरंत झटके मारने लगता है.


अच्छा रश्मि कही ऐसा तो नही कि तुम्हारी मम्मी भी उससे अपनी चूत मरवाना चाहती हो, रश्मि अपनी चूत अपनी सलवार के उपर से मसल्ते हुए हो सकता है भाभी, क्यो कि मम्मी भी आजकल उसको कुछ ज़्यादा ही अपनी चूचियो से चिपकाने लगी है और जब अजय मम्मी से चिपकता है तो मम्मी भी उसको अपनी बाहो मे कसे पड़ी रहती है, मुझे तो लगता है मम्मी ने ज़रूर अजय का लंड देख लिया है तभी अजय का चिपकना उसे अच्छा लगता है और उसकी चूत पानी छोड़ने लगती होगी, आरती हाँ रश्मि ये बात तू बिल्कुल सही कह रही है, एक बार मैने भी देखा था कि अजय तेरी मम्मी से चिपका उनके गालो को चूम रहा था और तेरी मम्मी अजय की जाँघो पर हाथ फेर रही थी फिर अचानक तेरा आना हुया और मम्मी उठ कर बालकनी की तरफ चली गई तब मैने देखा वह साडी के उपर से ही अपनी चूत का पानी पोछने की कोशिश कर रही थी, भाभी अजय बता रहा था कि मम्मी बहुत चुदासी है वह रोज बाथरूम मई नंगी होकर अपनी चूत रगड़ रगड़ के मूठ मारती है, रश्मि भाभी मुझे तो लगता है कि मम्मी अजय के लंड से ज़रूर चुद के रहेगी, आरती रश्मि के दूध दबाते हुए हाँ जैसे मेरी बन्नो रानी अपने भैया के लंड से चुद चुकी है और दोनो हँसने लगी,


अच्छा रश्मि अगर अजय इतना चुड़क्कड़ है तो ज़रूर मेरे बारे मे भी कुछ ना कुछ सोचता होगा, तुझे उसने मेरे बारे मे कुछ नही कहा, नही भाभी उसने आपके बारे मे कोई बात नही की, आरती तूने भी उससे कुछ नही पुंच्छा मेरे बारे मे, रश्मि नही भाभी मैने कुछ भी बात आपके बारे मे नही की, पर भाभी ये बात आपने बिल्कुल ठीक कही है, मुझे उससे आपके बारे मे पुच्छना चाहिए था, मुझे तो लगता है भाभी वो आपको भी चोदना चाहता होगा, क्योकि जो अपनी बहन चोद चुक्का हो और अपनी मा को चोदना चाहता हो वो भला अपनी भाभी को कैसे छ्चोड़ सकता है, आरती हाँ ये तो तू बिल्कुल ठीक कह रही है, जब उसकी नीयत अपनी मा और बहन पर खराब है तो भला भाभी पर क्यो नही होगी, आरती अच्छा तुझे कभी उसकी किसी बात से ऐसा लगा है कि वह मुझे भी चोदना चाहता है, नही भाभी ऐसा तो मुझे कुछ नही लगा लेकिन, आरती लेकिन क्या, लेकिन भाभी मैने हमेशा उसकी आपकी मोटी गंद को घूरते ज़रूर देखा है, शायद वह आपकी गंद को बहुत पसंद करता है, आरती हो सकता है,


रश्मि अच्छा भाभी एक बात पुंच्छू, आरती हा पुंच्छो, भाभी क्या आप अजय से चुदना चाहती हो सच सच बताना भाभी आपको मेरी कसम, आरती अब तूने कसम दे दी है तो मैं सच ही बोलूँगी दरअसल तेरे मूह से अजय के लंड की तारीफ सुन कर मेरा भी दिल चुदने को करने लगा है लेकिन डरती हू कही किसी को पता चल गया तो, अरे भाभी आप क्यो चिंता करती हो किसी को कुछ पता नही चलेगा, आरती लेकिन यह सब होगा कैसे, रश्मि आप कहे तो मैं अजय से बात करू, रश्मि ना बाबा ना ऐसे सीधे अजय से बात करना ठीक नही होगा, तो फिर कैसे क्या करे भाभी, एक काम करते है कल रात को तुम अपने रूम मे अजय को बुलाकर उससे चुदाई करवाती रहना और दरवाजा खुला रखना मैं तुम दोनो को रंगे हाथो पकड़ लूँगी, फिर अजय से हम दोनो मिलकर जो चाहेगी वो करवायगे और वो मना नही कर पाएगा, गुड आइडिया भाभी, आरती लेकिन तुम अजय से कुछ नही कहना हमारे प्लान के बारे मे. और फिर आरती रूम से बाहर आ गई.
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kunal56 Offline
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10-07-2014, 09:44 PM
दरअसल आरती की इच्छा थी कि वह दोनो भाई बहन के साथ खुद भी नंगी होकर चुदे और अजय भी यहा चाहता था कि भाभी और बहन को एक साथ नंगी करके बारी बारी से दोनो मस्तानी घोड़ियो की चूत मारे , आरती अगर सीधे सीधे रश्मि को बोलती कि तीनो मिलकर चुदाई करे तो शायद वह हाँ नही कह पाती इसलिए आरती को यह योजना बनाना पड़ी. आरती ने अजय को अपने रूम मे बुलाया और सारी बाते समझा दी तब अजय ने अपनी भाभी के होंठो को चूम लिया, यू आर ग्रेट भाभी, भाभी तुम और दीदी दोनो एक साथ नंगी कैसी लगोगी मेरा तो अभी से लंड आकड़ा जा रहा है, अजय हमारे इस प्लान की एक कड़ी तो मैं तुमसे बताना भूल गई, वह क्या भाभी, अजय इस खेल मे हमे एक रिश्कि कदम उठना होगा तभी तुम अपनी मम्मी की चूत मार पाओगे नही तो तुमाहरी मम्मी तुमसे चुदवाने के लिए कभी खुद नही कहेगी, क्यो की भले ही वह जान चुकी है कि तुम उसको चोदना चाहते हो लेकिन उसके दिल मे बैठे डर की वजह से वो तुमसे कभी नही कह पाएगी की बेटा मेरी चूत मार दे, तो फिर हमे क्या करना होगा भाभी,


देखो अजय यह तभी हो पाएगा जब घर मे रात को तुम्हारे भैया और पापा ना हो, लेकिन ये कैसे होगा भाभी, आरती उसकी भी मैने ईक तरकीब सोच ली है, तुम्हारे भैया कल ऑफीस के काम से तीन दिनो के लिए बाहर जा रहे है, अब तुम्हे किसी तरह अपने पापा के रात के दूध मे एक दो नींद की गोलिया डालनी होगी ताकि तुम्हारे पापा आराम से सो जाए और बिल्कुल भी रिस्क ना रहेगा, भाभी ये काम आप मुझ पर छ्चोड़ दीजिए, ओके अब कल जब तुम रश्मि के रूम मे जाओगे तो दरवाजा के कुण्डी खोलकर ओर खिड़की खोल कर खिड़की मे केवक परदा लगा देना, और रूम की लाइट ऑन करके रश्मि और तुम दोनो नंगे हो कर चुदाई करना, और हाँ रश्मि को हमारी प्लॅनिंग के बारे मे पता नही चलना चाहिए ओके भाभी, बस यू समझ लो अब तुम्हारी मा की चूत तुमसे ज़्यादा दूर नही है, अजय ओह भाभी, और अजय ने अपनी भाभी के होंठो को चूम लिया और उसके मोटे दूध को अपने हाथो से दबा दिया, अजय लेकिन भाभी इन सब मे मम्मी कैसे मुझसे चुदेगि, आरती वो सब तुम वक्त पर छ्चोड़ दो, यह मेरा चलाया हुआ तीर है ग़लती से अगर तुम्हारी मम्मी की चूत पर लग गया तो समझो वह अपनी चूत का दर्द तुमसे ही मिटवाएगी. ओह भाभी आइ लव यू मेरी जान और अजय ने भाभी की चुचियो को कस कस कर मसलना शुरू कर दिया, और फिर आरती रूम से बाहर आ गई.


सुबह सुबह रश्मि, अजय, आरती और गीता चाइ पीते हुए एक दूसरे से बाते कर रहे थे, आरती ने इशारे से अजय की ओर प्रश्नावाचक तरीके से अपनी गर्देन हिलाई तो अजय ने मुस्कुरा कर हाँ मे गर्देन हिला दी तब आरती भी मुश्कुरा कर रश्मि की और देखने लगी वह बिल्कुल सुहागरात मे दुल्हन चुदने के बाद जैसी दिखाई देती है ऐसी दिख रही थी. आरती के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान फैल गई. रश्मि नहाने के लिए बाथरूम मे जा चुकी थी और गीता बाहर सब्जी वाले से सब्जिया लेने चली गई, आरती किचन मे खड़ी होकर काम कर रही थी अजय पीछे से जाकर अपनी भाभी के मोटे चूतादो को मसल्ते हुए उसकी चूतादो की दरार मे अपना हाथो से सहलाते हुए चिपक गया..ओह भाभी रात को दीदी को चोद कर मज़ा आ गया.


आरती - रात को अपनी बहन को चोद कर मन नही भरा देवेर जी जो अपनी भाभी की गंद मसल रहे हो. ओह भाभी क्या करू मेरे घर की तीनो औरतो की गंद ने मुझे पागल कर दिया है मेरा लंड इन मोटी मोटी गंद को देख कर बैठने का नाम ही नही लेता है. आरती तो फिर देवेर जी आपने मेरी गंद क्यो नही मारी, अरे भाभी गंद तो मे अपनी मम्मी की मारूँगा उसकी गंद देख कर तो खड़े खड़े अपनी मा की गंद मे लंड फसाने का मन करता है, बात तो सही है देवेर जी सासू जी की गंद इतनी मोटी है कि कोई भी उनकी गंद ही मारना चाहेगा, पर भाभी क्या हमारा प्लान सक्सेस हो जाएगा. देवेर जी बिल्कुल सक्सेस होगा बस तुम कल की प्लानिनिग से पहले मेरे बताए अनुसार थोड़ी तैयारी और कर लो, तब सो फीसदी तुम्हारा काम हो जाएगा, वह क्या भाभी, आरती बस तुम अपनी मम्मी को थोड़ा अपनी बाहो मे लेकर उसकी चूत गीली कर दो और एक बार उसकी चूत किसी बहाने से सहला दो तो उसे भी इशारा मिल जाएगा की उसका बेटा उसे चोदना चाहता है.


और यह काम तुम्हारे लिए कोई मुश्किल नही है क्यो कि मेने देखा है तुम तो बात बात मे अपनी मम्मी के गथिले बदन को दबोच लेते हो और उसके मोटे मोटे दूध मे अपना मूह डाल देते हो और उस समय सासू जी की चूत मे भी कीड़े रेंगने लगते है क्यो कि उनके चेहरे पर चुदस पन के भाव उभर आते है, पर भाभी आपने यह कब नोटीस किया, अरे कल जब तुम सोफे पर अपनी मम्मी से चिपक कर अपना मूह उसके दूध से रगड़ रहे थे और अपना हाथ उसकी मोटी जाँघो पर फेर रहे थे और जब तुम उठ कर बाहर गये तो मेने देखा तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारी मम्मी अपनी चूत का पानी अपनी साडी के उपर से ही पोछ रही थी. मुझे लगता है तुम्हारी मम्मी ने भी तुम्हारा लंड देख लिया है इसी लिए जब तुम उससे चिपकते हो तो तुम्हारे मर्दाना आगोश मे उसकी चूत भी गीली हो जाती है, तुम एक बार किसी बहाने से अपनी मम्मी से कुछ देर चिपक जाओ मेरी गारंटी है वह गरम हो जाएगी फिर तुम अपनी मम्मी की चूत पर कैसे भी कर के अपने हाथो से उसकी चूत पर एक थपकी मार दो, वह समझ जाएगी ऑरा आगे का रास्ता खुद ही खोल देगी.
क्रमशः......................



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