अपडेट-17
राहुल कालेज को निकलता है अपनी क्लासेस लेता है क्लास में राहुल का मन नही लगता फिर भी शाम तक वक़्त तो काटना ही है। राहुल शाम को कॉलेज से लौट रहा होता है तो उसे पीछे लता की आवाज़ आती है
लता- ओये जूनियर ज़रा रूकना।
राहुल - इस जूनियर को राहुल कहते है सीनियर जी
लता- ओह्ह में तुम्हारा नाम जानती हूं बस दिमाग से फिसल गया था तुम मुझे लता बुला सकते हो।
राहुल- थैंक्स लता जी तुम 5 बजे आ रही हो न मेरे घर
लता- वादा किया है तो आना पड़ेगा लेकिन मुझे रास्ता पता नही है तो सोचा तुम्हारे साथ चालू ।
राहुल- आओ मेरे साथ चलो
लता- मैं रात भर सोई नही सोच रही थी कही कोई तुम्हारे कोई चाल तो नही अपनी माँ का बदला लेने की इसलिए मैं अपनी सहेली को बता के आयी हु की में तुम्हारे घर जा रही हु अगर मुझे कुछ भी हुआ तो तुम्हारे खेर नही।
राहुल- यार मुझे बदला भी लेना हो तो तुमसे नही तुम्हारे डैड से लेता और इन सब से बढ़कर मुझे अपनी माँ प्यारी है उसके सपनो को पूरा करना है तुम्हे या तुम्हारे डैड से बदला ले के जेल जाने का मेरा कोई मूड नही है
लता- यार में तो बस कह रही थी मुझे लोगो पे भरोसा नही होता जल्दी
राहुल- तुम क्राइम सीरीज देखना बन्द करो लोग इन्हें देख के अलर्ट कम क्राइम ज्यादा कर रहे है
लता- हा हा हा नाइस जोक
राहुल- मेरे पास कोई व्हीकल नही है तुम्हारे पास है क्या
लता- हॉ मेरे स्कूटी है तुम आगे चल के बस स्टैंड के पास मिलोमसी तुम्हे वही से पिकअप करती हूं।
राहुल- यहां से क्यों नही ओह्ह आई सी मेरे साथ नही दिखना चाहती न ओके मैं बस स्टैंड पर मिलता हु।
राहुल बस स्टैंड पे लता का वैट करता है और लता अपनी स्कूटी ले आ जाती है
लता-सब लड़को पे बाइक या कार है तुम कैसे रह गए
राहुल- मेरे माँ की ने बड़ी मुश्किल से लोन ले के मेरा एडमिशन करवाया है ,बाइक लाने के लिए में पार्ट टाइम ट्यूशन पढ़ाता था लेकिन जब से माँ ने हॉस्पिटल जाना बन्द किया है सारे सेव मनी खर्च हो गयी है।
लता- ओह्ह मेरे बात का बुरा मत मानना
राहुल- कोई बुरा नही माना अब आगे से लेफ्ट ले लो सामने ही मेरा घर है।
राहुल घर के सामने लता से स्कूटी खड़ी करने को बोलता है राहुल घर की घंटी बजाता है। राहुल की माँ कुछ देर बाद दरवाजा खोलती है लता बहुत नर्वस होती है लेकिन राहुल की माँ को देख के परेशान हो जाती है आंखों के नीचे काले घेरे चेहरा बुझा हुआ पुराने कपडे राहुल की माँ की बहुत बुरी हालत थी।
रमा- आ गया बेटे तेरा ही वैट कर रही थी अरे अपनी किसी फ्रंड को लाया है क्या बडी सूंदर है
राहुल- मा ये मेरे कालेज की सीनियर है लता
रमा- अंदर आओ लता बेटा
राहुल- मा ये डॉक्टर जी की बेटी है
रमा शोक होने का दिखावा करती है और घर के अंदर चली जाती है
लता- तुम्हारे मा ने अपना क्या हाल बना रखा है
राहुल- सुनो मम्मी के कमरे में जा कर उन्हें समझाओ में भी चलता हूं तुम्हारे साथ
लता- आंटी जी मैं आपसे हाथ जोड़ के विनती करने आई हूं कि मेरे डेड को माफ कर दीजिये और उन्हें भूल जाइए मैं आपको मेरे परिवार का वास्ता देती हूं ऐसा कुछ भी न करे जिससे मेरे पिता को में एक बार फिर से खो दू।
रमा- तुम्हारे पिता से मेने प्यार किया था बेटी मैं उनके बिना कैसे जी रही हु मैं जानती हूं मुझे जिस तकलीफ में वो छोड़ गए है ना जी पा रही हु न मर पा रही हु
लता- मरने की बात न कीजिये आंटी आप राहुल के बारे में सोचिए उसके पढ़ाई और शादी का जिम्मा आप पे है उसे मत भूलिए मेरे बाप की गलती की सजा अपने बेटे और हमारे परिवार को मत दीजिये मैं आपके पैर पड़ती हु।
रमा- काश तुम्हारा बाप भी तुम्हारे जैसा होता बेटी मैं उसे कबका माफ कर देती लेकिन बेटा मेरी वजह से तेरे मा को जो तकलीफ पहुँची है और उसके लिए में तेरे से माफी मांगती हु। राहुल तू भी मुझे माफ़ कर दे मैं इतनी मस्तलबी हो गयी थी प्यार में की तेरे बारे में सोचना भूल गयी। तूने कितना दर्द झेला है मेरे वजह से आई एम सॉरी बेटा
राहुल रोते हुए- नही माँ बस तू मुझे छोड़ के मत जा मैं अकेला मर जाऊंगा मा एक तेरे सूरत देख के जीता हु तेरे खुशि के लिए मेने उस डॉक्टर को भी कुछ नही बोला।
राहुल और रमा दोनों आशू बहाते है ये देख के लता की आंखों में भी आंसू आ जाते है।
लता- मैं चलती हु आंटी जी मेरा काम हो गया यहां पे
रमा- ऐसे नही बेटी तुम्हारे लिए कुछ है मेरे पास
लता- ये क्या है आंटी जी
रमा- ये तुम्हारे पिता जी की कुछ निशानिया कुछ हमारे साथ मे तस्वीरे है इन्हें तुम नस्ट कर देना।
लता- थैंक यू आंटी जी आप चाहती तो मेरे पिता को ब्लैकमेल कर सकती थी
रमा- सच्चा प्यार ब्लैकमेल नही करता बेटी तुम्हारे पिता को मैने आज़ाद किया अब में अपने बेटे के लिए जीऊँगी।
लता- आपका बहूत शुक्रिया अब मूझे आज्ञा दीजिये
राहुल- आओ में तुम्हे स्कूटी तक छोड़ देता हूं
लता-राहुल तुम और तुम्हारे माँ वैसे बिल्कुल नही निकले जैसा मैंने सोचा था। अब में चलती हु बाई राहुल।
लता स्कूटी ले के निकल जाती है।
राहुल- अरे वाह मा तुमने तो कमाल कर दिया मुझे सरप्राइज कर दिया
रमा-बेटा मैं तो सुबह से तैयार थी अपना जादू चलाने को
राहुल-लेकिन तुमने उसे सारे सबूत क्यों दे दिए हम उस डॉक्टर को उंगलियों पर नाचा देते इससे
रमा- बेटा मुझे उसे कभी ब्लैकमेल नही करती में इतनी गिरी हुईं नही हु ये तो में लता का दिल जितने के लिये कर रही थी
राहुल- लेकिन वो कल पलट गई तो हम ये सबूत दिख के उससे कुछ भी करवा लेते
रमा-बेटा जबरदस्ती में वो मजा नही जो दिल जीतने में है मैं तुझे कभी किसी भी लडक़ी के साथ ऐसा न करने को बोलूंगी। हार के जीतने वाले को बाज़ीगर कहते है बेटा वो तेरे पास जरूर आएगी।
राहुल- आई डोंट रियली केअर अबाउट हर मैं तुमसे प्यार करता हु मेरे मा
राहुल रमा को जोरदार किस करता है दोनों एक दूसरे में लीन हो जाते है।