दूसरे दिन स्कूल में राहुल नीलू से आंखें नहीं मिला पा रहा था उसे शर्म सी महसूस हो रही थी लेकिन छुप छुप के नीलू को नजर भर के देख ले रहा था नीलू भी विनीत से नजरें बचाकर राहुल को देखकर मुस्कुरा दे रहीे थी।
नीलू बार बार राहुल को इशारे से रिसेस के समय ऊपर की क्लास में मिलने को समझा रही थी। लेकिन राहुल नीलु के इशारे को समझ नहीं पा रहा था।
आज राहुल विनीत से भी बातें करने में भी हीचकीचा रहा था। आंखों ही आंखों से इशारा करते हुए कब रीशेष की घंटी बज गई पता ही नहीं चला। रिषेश की घंटी बजते ही सभी विद्यार्थी क्लास के बाहर चले गए विनीत भी राहुल का हाथ पकडे हुए क्लास के बाहर आ गया। नीलू छिप छिप कर उन दोनों को देख रही थी नीलू राहुल को ऊपर की क्लास में ले जाना चाहती थी क्योंकि ऊपर की क्लास ज्यादातर खाली ही रहते थी।
लेकिन वो जानती थी कि विनीत के होते हुए व राहुल के साथ ऊपर नहीं जा सकती। और विनीत था की राहुल के साथ ही चिपका रहता था। राहुल विनीत बातें करते हुए एक पेड़ की छाया के नीचे बैठ गए। नीलू वो दोनो को देख ही रही थी वह समझ गई कि आज का प्लान सक्सेस नहीं हो पाएगा। इसलिए थक हारकर वह भी उन दोनों के पास पहुंच गई।
नीलू को देखते ही विनीत बोला।
वीनीत; हाय जान तुम तो दीन ब दीन फुल की तरह खीेलती जा रही हो।( इतना कहने के साथ ही विनीत ने सबकी नजरें बचाकर अपने हाथ से नीलू की गदराई गांड को दबा कर अपना हाथ पीछे खींच लिया । युँ एकाएक अपनी गांड पर राहुल के हाथ का स्पर्श पाकर नीलू चौक ते हुए बोली।)
नीलु: क्या करते हो विनीत कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा।।
( नीलू की बात सुनते ही विनीत ने नीलू का हाथ पकड़ कर अपने नजदीक बैठाते हुए बोला)
वीनीत: अरे जान कोई नहीं देखेगा और देख भी लीया तो क्या हुआ मैं तुमसे प्यार करता हुँ। ( विनीत की बात सुनकर नीरलु मुस्कुरा दी लेकिन वही बैठे राहुल को यह सब बातें अच्छी नहीं लग रही थी पता नहीं क्यों उसे विनीत से ईर्ष्या होने लगी थी। राहुल बखूबी जानता था कि नीलू और विनीत का काफी समय से चक्कर चल रहा है लेकिन कल नीलू से मिलने के बाद से राहुल नीलू का अपना समझने लगा था इसलिए विनीत पर उसे गुस्सा भी आ रहा था लेकिन जिस तरह से विनीत ने अपने हाथों से नीलू की नरम नरम गांड को दबाया था उसे देखते ही राहुल के लंड में झनझनाहट होने लगी थी
लेकिन राहुल विनीत को कुछ कह भी नहीं सकता था। तभी विनीत ने नीलू से कहा)
वीनीत: क्या जान आजकल तो तुम्हारी गांड बहुत ज्यादा गदराई जा रही है कहीं किसी और का तो नहीं ले रही हो? ( विनीत की बात सुनते हैं नीलू एकदम से सकपका गई लेकिन अपने आप को संभालते हुए बोली।)
नीलु; पागल हो गए हो क्या कैसी बातें कर रहे हो वो भी अपने दोस्त के सामने। वो क्या समझेगा।
वीनीत; ( राहुल की तरफ देख कर उसको आंख मारते हुए) कुछ समझ भी जाएगा तो क्या हुआ मेरी जान यह मेरा जिगरी दोस्त है किसी से कुछ भी नहीं कहेगा।( राहुल के कंधे पर हाथ रखकर अपने तरफ खींचते हुए)
क्यों राहुल सच कहा ना।
( राहुल क्या कहता वह तो मन ही मन जलभुन रहा था लेकिन फिर भी हंसते हुए हाँ मे सिर हीला दीया। तभी विनीत ने नीलू से कल के बारे में पूछा तो नीलू फिर से सक पका गई। क्या जवाब दे कुछ समझ में नहीं आ रहा था राहुल भी नीलु की तरफ सवालिया नजरों से देख रहा था। वह भी यही सोच रहा था कि नीलू क्या जवाब देती है लेकिन कुछ देर तक नीलु खामोश रही। उसकी खामोशी को देखकर विनीत फिर से उसे वही सवाल दोहराया। इस बार नीलू हड़बड़ाते हुए जवाब दी)
नीलु: वो वो ककककल मै .....हाँ। कल मैं मम्मी पापा के साथ रिश्तेदार के वहां गए थी। और रात को देर से लौटे थे।( इतना बोलने के साथ ही अपने नजरों को इधर-उधर घुमाने लगी। नीलू के जवाब से संतुष्ट होकर विनीत बोला।)
वीनीत; कल मुझे भी बहुत काम था इसलिए मैं तुमसे मिल नहीं सका।( विनीत अपनी बात पूरी किया ही था कि उसके मोबाइल की रिंग बज उठी। वह अपनी जेब से मोबाइल निकाल कर उसके स्क्रीन पर देखा तो उसकी भाभी का ही नंबर था। विनीत ने फोन पिक किया और बातें करने लगा। उसके फोन पर बात करने से पता चल रहा था कि उसकी भाभी को कोई जरूरी काम था उसे जाना पड़ रहा था। विनीत फोन को कट करके मोबाइल को जेब में रखते हुए बोला।)
वीनीत: यार मुझे जाना होगा घर पर जरुरी काम है।
( नीलू और राहुल को उसकी भाभी का यूं बार बार घर पर बुला लेना कुछ समझ में नहीं आ रहा था इसलिए नीलू विनीत से बोली)
नीलु; क्या यार जब देखो तब तुम्हारी भाभी बीच क्लास मे तो कभी रीशेष मे बुला लेती है .कभी भी बुला लेती है। आखिर ये सब चक्कर क्या है। ( राहुल भी विनीत की तरफ सवालिया नजरों से देख रहा था। नीलू के सवाल पर विनीत ने पहले नीलू की तरफ फिर राहुल की तरफ देखते हुए जवाब दिया।)
वीनीत; देखो यार तुम लोगों को तो पता ही है कि बचपन में ही मेरे सर से मां बाप का साया उठ चुका था भाई ने ही मेरी देखभाल की है। भाई की शादी के बाद भाभी ने भी मुझे अपने बेटे के जैसा ही प्यार दिया है मेरी हर जरूरतों का ध्यान रखतीे हैं। इसलिए तो मैं अपनी भाभी को अपनी मां की तरह मानता हूं। और इसलिए मैं उनकी हर आज्ञा मानता हूं। ( इतना कहकर विनीत खड़ा हो गया और जाते हुए बोला:-) अच्छा नीलू और राहुल अब कल मिलेंगे।।
( राहुल और नीलू विनीत को जाते हुए देखते रहे। विनीत के जाने के बाद राहुल और नीलू दोनों वहीं बैठे रहे . नीलू को पूरा मौका मिल गया था लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था क्यों क्या कह कर राहुल को ऊपर मंजिले की तरफ ले जाएं।। रिसेस का समय पूरा होने में सिर्फ 15 मिनट ही रह गए थे। नीलु की बेचैनी बढ़ती जा रही थी इसी कशमकश में उसकी बुर फुदकने लगी थी। राहुल नीलू से शर्मा रहा था इस वजह से वह भी नीलू से कुछ कह नहीं पा रहा था। तभी नीलू मन में कुछ सोच कर राहुल से बोली।)
नीलु: राहुल चलो कहीं एकांत में चलते हैं यहां काफी शोर शराबा है।( नीलू की मीठी मधुर आवाज सुनते ही राहुल प्रसन्न हो गया वह नीलू की तरफ देखते हुए बोला।)
राहुल: लेकिन जायेंगे कहां सब जगह तो शोर शराबा है।
नीलु: तुम चलो तो मैं जानती हूं ऐसी जगह( इतना कहने के साथ है वह चलने लगी पीछे मुड़कर देखी तो राहुल भी उसके पीछे पीछे आने लगा। राहुल को पीछे आता देख वह मुस्कुरा दी। मीनू राहुल को स्कूल के उपरी मंजिल ए पर ले जा रही थी जहां पर कोई भी क्लास अटेंड नहीं होती थी। ऊपरी मंजिले की सारी क्लास खाली ही रहती थी।
मीनू सीढ़ियां चढ़ रही थी रह-रहकर पीछे मुड़कर राहुल की तरफ भी देख ले रही थी। राहुल की नजर नी्लू पर ही टिकी थी खासकर के नीलू की गदराई गांड पर। जोकि सीढ़ीयाँ चढ़ने पर कुछ ज्यादा ही मटक रही थी।
जिसे देखकर राहुल के लंड में जान आना शुरु हो गया था। नीलू भी कुछ कम नहीं थी वह जानबूझकर अपनी बड़ी-बड़ी गदराई गांड को कुछ ज्यादा ही मटका कर चल रही थी । राहुल को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि नीलू उसे ऊपर की तरफ क्यों ले जा रही है। नीलू के आकर्षण ने उसे इतना ज्यादा मोह लीया था कि नीलू जहां कहती व जाने को तैयार था। इसलिए तो वह नीलू से बिना कुछ सवाल किए उसके पीछे पीछे खिंचा चला जा रहा था। राहुल को इस समय कुछ नहीं सुझ रहा था उसे तो बस नीलू की बड़ी बड़ी मटकती हुई गांड ही दिखाई दे रही थी जो की सीढ़ियां चढ़ने पर और भी ज्यादा मटक रही थी। राहुल के पेंट में तंबू बनना शुरू हो गया था। नीलु सीढ़ियां चढ़ चुकी थी और वह कोने वाली क्लास में जाने के लिए आगे बढ़ रही थी। यहां की सारी क्लास हमेशा खाली ही रहती थी। नीलू सबसे लास्ट की क्लास में ले जा रही थी। यह वही क्लास थी जिसमें नीलू ने बहुत बार विनीत से चुदवा चुकी थी। बहुत बार अपनी जवानी की प्यास विनीत के लंड से बुझाई थी। और आज उसकी इच्छा थी की राहुल के विशालकाय लंड को अपनी आंखों से एकदम नंगा देखना चाहती थी।
राहुल के जाघों के बीच बने तंबू को देखकर ही इतना तो जान ही गई थी नीलू की राहुल एक दमदार और तगड़े लंड का मालिक है।
अब तक मीनू राहुल के लंड की मन ही मन में ढेर सारी आकृतियां बना चुकी थी की जब राहुल का लंड ढिला होता होगा तो कैसा लगता होगा। जब उसमे तनाव अाना शुरु होता होगा तो कैसा लगता होगा और जब एकदम से टन टना के खड़ा होता होगा तब केसा लगता होगा । यही सब सोच सोच कर उसने ना जाने कितनी बार अपनी बुर को गीली कर चुकी थी और अपनी बुर की गर्मी को शांत करने के लिए उंगली बैंगन और ककड़ी केले का सहारा भी ले चुकी थी। लेकिन राहुल को लेकर के उसकी कामाग्नि ज्यों के त्यों बनी हुई थी। इसलिए तो आज स्कूल के ऊपरी मंजिले पर उसको लेकर के आई थी। उसके मन में यही था कि वह उसके लंड को नंगा देख कर थोड़ा बहुत सुकून पा लेगी और ज्यादा मौका मिला तो अपनी बुर मे लंड डलवाकर उसके लंड का उद्घाटन भी करवा देगी।
नीलू राहुल को क्लास में ले आई। यहां पर सिर्फ एक टेबल और कुर्सी ही थी। नीलू कुर्सी पर बैठते हुए राहुल को टेबल पर बैठने का इशारा की। राहुल भी टेबल पर बैठ गया दोनों आमने सामने बैठे थे। नीलू बड़े असमंजस में थी कि वह कैसे शुरू करें क्या कहे। राहुल को तो वैसे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था । खाली क्लास में यूं अकेले बैठना वो भी नीलु के साथ उसे बहुत शर्म आ रही थी। नीलू ही बातों का दौर शुरू करते हुए कही।
नीलु: क्या बात है राहुल तुम बहुत परेशान लग रहे हो
कोई परेशानी है क्या?
( नीलू की बात सुनकर वह क्या कहे उसे कुछ सुझा ही नहीं इसलिए हड़बड़ी में जवाब देते हुए बोला।)
राहुल: ककककककुछ नही ।। बस थोड़ा मैथ्स में परेशानी हो रही है। ( राहुल हड़बड़ाहट में कुछ का कुछ बोल गया और नीलू उसकी बात सुनकर बोली)
नीलु; बस इतनी सी बात मेरी मम्मी मुझे खुद ट्यूशन देती है। एक काम करना तुम भी मेरे घर पढ़ने आ जाया करो। मम्मी हम दोनों को साथ में पढ़ा देगी तुम्हें जिस में परेशानी हो रही वह सवाल भी हल कर देगी।