प्रिया बनी दुल्हन पार्ट-2
सुहाग सेज पर बैठी प्रिया, दुल्हन के जोड़े में एक खूबसूरत गुड़िया की तरह लग रही थी। हाथों और पैरों में खूब गाढ़ी मेंहदीं, सलीके से सजाई हुई बालो की चोटी जिसमें बीच में हल्के से सिन्दूर की रेखा, माथे पे एक बड़ी सी बिंदिंयाँ जो उसके छोटे से माथे पर किसी लाल सूरज की तरह दिख रही थी, गले में एक बड़ा सा लटकता हुआ सोने का मंगलसूत्र जिसे प्रिया को उसकी भाभी अनामिका ने गिफ्ट किया था, छोटे-छोटे हाथों मेंचढ़ाई हुई लाल कलर की छोटी छोटी चूड़ीयाँपूरी कलाई भर, लाल रंग का ही एकदम फिटिंग बाडी से चिपका हुआ ब्लाउज, ब्लाउज के बाद से नाभि के नीचे तक पूरा खुला पेट, पेट मे एक काले रंग की करधन जो कि उसकी छोटी और पतली गोरे कमर पर किसी साँप कि तरह लग रहा था, नाभि के खूब नीचे से कढाँईदार लहंगाँ एड़ी तक और पैरो में दो जोड़ी खूब मोटी मोटी पायल जिससे चलने पर छम्म छम्म की आवाज निकलती थी ..कुल मिलाकर उस वक्त प्रिया एक छोटी सी, बला की खूबसूरत दुल्हन लग रही थी। हालांकि बाकी लड़कियों की तरह अभी वो जवान नही थी, अभी भी वो काफी छोटी थी और हाईट तो अभी भी बच्चो वाली ही थी, अब है ही बच्ची तो ये तो होना ही था.. लेकिन यही बात उसे और भी क्यूट बना रही थी ।
इधर अनामिका ने भी कोई कसर नही छोड़ रखी थी उसे एक परफेक्ट दुल्हन बनाने में.. अपनी पहचान की सबसे महंगे ब्यूटी पार्लर की सजाने वाली को घर बुलाया था । पूरे 5 घंटे लगे थे प्रिया को सजाने में। उसकी बाडी के हर एक पार्ट को अच्छी तरह से अनामिका ने जाँचा परखा था।
ऐज को लेकर कोई लफड़ा ना हो इसलिए उसने ये सब कार्यक्रम एक आलीशान होटल में अरेंज्ड कराया था.. और केवल खास मेहमानो को ही इन्वाईट किया गया था जिसमे अनामिका की कालेज की सहेलियाँ और अमन के फ्रेंड्स थे। गुड्डी और उसकी गाँव की कुछ सहेलियो भी शादी में मौजूद थी लेकिन गुड्डी के अलावा और किसी को भी इस शादी के बारे में नही पता था। होटल के पूरे मैनेजमेंट के एक एक स्टाफ को अनामिका ने जम के पैसे दिये थे पूरा कार्यक्रम सीक्रेट रखने के लिए..
प्रिया की मम्मी को भी अनामिका ने यही बताया था कि एक ड्रामा-रिहर्सल के लिए प्रिया को दुल्हन बनना है, पहले तो सुधा ने अनामिका की वजह से परमिशन नही दी लेकिन अमन के लण्ड की गुलाम बन चुकी वो भी ज्यादा विरोध नही कर पाई।
इस वक्त प्रिया एक बड़े से पलंग पर शादी के जोड़े में सिमटी हुई अपनी आँखे झुकाए अपने सुहाग के आने का इन्तजार कर रही थी। उसकी धड़कने अपनी पूरी रफ्तार से दौड़ रही थी, आज रोमांच चरम पर था, इतनी रोमांचिंत तो वो तब भी नही थी जब उसकी मम्मी सुधा उसकी फेवरेट ड्रेस मार्केट से लाई थी.. आखिर आज उसका सपना सच होने जा रहा था, जिस अमन भैया के वो दिन रात सपने देख रही थी आज वो उसके हो ही गये। अपनी मांग मे अमन भैया के नाम का सिन्दूर देखकर ही उसका दिल सातवें आसमान पर उछल रहा था। आज वो उसकी पत्नी बन ही गयी। अर्द्धागिनी.. अब अमन पर उसका पूरा हक था.. तभी तो जिस इंजेक्शन को दूर से ही देखकर वो रोने लगती थी, आज अमन के लिए हसते हसते उसे बरदाश्त कर लिया.. शबाना दीदी ने इंजेक्शन लगाते वक्त बताया कि इससे अमन का तुम्हारे लिए प्यार और भी ज्यादा बढ़ जायेगा.. और अमन को खुश करने के लिए तो वो किसी भी हद तक जा सकती थी।
इन सब चीजो के लिए वो अनामिका भाभी कि जिन्दगी भर के लिए
कर्जदार हो गयी थी आखिर ये सब सम्भव हो सका तो सिर्फ अनामिका भाभी की बदौलत, तभी तो वो सबसे ज्यादा उनको को ही पसन्द करती थी.. अमन भैया से भी ज्यादा। एक वही थी जो उसकी मन की बात जान जाती थी, उसकी हर एक इच्छा वही पूरी करती थी।
अभी प्रिया ये सब सोच ही रही थी की तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और दरवाजा खुल गया। प्रिया को लगा कि अमन अन्दर आ गया, उसका छोटा सा दिल अपने छोटे से पिंजड़े में धाड़ धाड़ करके बजने लगा.. वो मारे संकोच के और भी ज्यादा सिमट गयी। सुहागन बनने के बाद लड़की में बदलाव अपने आप ही आ जाते है ये बात प्रिया खुद महसूस कर रही थी.. आखिर इस तरह से शर्माना उसे किसी ने सिखाया तो नही था.. फिर भी वो पता नही क्यो आज वो लाज-शरम की नदी में डुबकिया लगा रही थी।
लेकिन जब उसने अनामिका की आवाज सुनी तब उसे राहत महसूस हुई। प्रिया ने अपनी नजर उठाकर देखा तो अनामिका ने लाल रंग का लंहगा पहन रखा था.. पूरा नेट वाला.. गौर से देखने पर उसके एक एक अंग को आसानी से निहारा जा सकता था.. उसे कोई अन्डरगार्मेन्टस नजर नही आ रहे थे। बेहद खूबसूरत.. गोरा रंग, खिला हुआ चेहरा, दुनिया की सबसे खूबसूरत स्माईल.. और फिगर.. वो तो ऐसा कि स्वर्ग की अप्सराएँ भी शर्मा जाए.. प्रिया, अनामिका को देखकर सोचने लगी क्या वो कभी इतनी सुन्दर बन पायेगी.. अपने अनामिका भाभी की तरह.. चेहरे पर हमेशा एक चमक,किसी को भी खींज लेने वाली लचक, साँचे में ढला बदन, और ये अदाएँ..
अनामिका ने धीरे से दरवाजा बन्द किया और प्रिया के पास आ गयी। उसके हाथ में दो ग्लास थे जिसे उसने पलंग के साईड में रख दिया और प्रिया के सामने बैठ गयी।
आहहहहह कितनी प्यारी लग रही है मेरी बच्ची, नजर ना लग जाए, अनामिका ने काजल का एक टीका उसके माथे पर लगा दिया।
प्रिया अचानक झटके से उठी और अनामिका से खूब कस कर चिपक गयी।
अरे क्या हुआ पागल.. रो क्यों रही है
I Love You भाभी
Love You Too My baby
लेकिन तू रो क्यो रही है.. कोई प्राब्लम है
नही भाभी.. आप प्राब्लम की बात कर रही है, मैने अपनी जिंदगी में
इससे ज्यादा खुशी का पल नही देखा
हा हा बड़ी-बड़ी बाते करने लगी है मेरी बच्ची.. और तेरी जिन्दगी हुई ही कितनी है.. अभी तो तेरी गुड्डे गुड़ियो से खेलने की उमर है.. जब बड़ी हो जाना तब जिन्दगी की बाते करना.. परसो तेरा रिजल्ट आया था.. फिर से आठवीं फेल हो गयी है तू.. पता है कैसे कैसे मैने तुझे पास कराया..
ये सुनते ही प्रिया के होठो पर प्यारी सी स्माईल आ गयी।
लेकिन यार.. मै अभी भी कन्फ्यूज हूँ कि अब मै तुझे किस रिश्ते से बुलाऊ, पहला रिश्ता तो ननद का है क्योकि मेरी तेरे भाई से शादी हुई, अब मेरे भाई से तेरी शादी होने के बाद, मै तेरी ननद हो गयी.. “
“ भाभी आप भी ना..” प्रिया मारे शर्म के गड़ी जा रही थी
1 बाकी तो सब ठीक है लेकिन जब तेरे बच्चे होंगे तब वो मुझे क्या बुलाऐगें य़ हाँ.. बुआ या बड़ी मम्मी.. 2
“ जो आपको पसन्द हो वो बोल देना वही मै उन्हे सिखा दूंगी..”
1 अच्छा बड़ी जल्दी है बच्चे पैदा करने की, पहले खुद तो बड़ी हो जा.. आठवीं तो पास हो नही पा रही, चली है बच्चे पैदा करने..
दोनो आपस में ही ठहाके मार कर हसने लगी
भाभी वो शाबाना दीदी ने मुझे किस चीज का इंजेक्शन लगाया है य़
अरे हाँ मै बताना ही भूल गयी ऍ वो फिमेल हारमोन्स बढ़ाने का इंजेक्शन है, ये जो तेरे ना के बराबर छोटे-छोटे नींबू है ना इसे रसदार बनाने के लिए..
प्रिया मारे आश्चर्य के अपने सीने की तरफ देखने लगी..
तो क्या सारी लड़कियाँ इसके लिए इंजेक्शन लेती है य़
हा हा अरे नही पगली ऍऍ पहले लड़की की माहवारी स्टार्ट होती है , फिर किसी लड़के से मिलन के बाद जब वो माँ बनती है तब उसकी छाती में दूध आता है ताकि बच्चे की पेट की भूख मिट सके और साथ ही साथ लड़को के सेक्स की ।
ही ही सच्ची भाभी.. क्या लड़के भी पीते है दुध्धू.. मैने तो देखा है मम्मी लोग सिर्फ छोटे बच्चो को ही पिलाती है..
अरे अभी तुझे नही पता.. बच्चे को दूध पिलाने के बाद भी काफी दूध बचता है जिसे लड़की को हमेशा अपने पति को पिला देना चाहिए इससे दूध भी काफी मात्रा मे बनता है, पति को पोषक तत्व भी मिलते है और दोनो को मजा भी आता है
“ अच्छा भाभी मैने सुना है किसी को भी दूध पिलाने में बड़ा मजा आता है..”
“ हा हा हा हाँ यार मजा तो उसमें भी बहुत आता है अब तूझे क्या बताऊ.. जब मै हाई स्कूल में थी.. तब तो मेरे भी निंबू जैसे थे तो रिस्ते की एक मामी जिनका था, उन्होने मुझको छेड़ने के लिए अपनी उसे मुझे दे दिया और मेरी शर्ट खोल कर उसे मेरे दूध पकड़ा दिये.. तुझे कैसे बताऊ इतना मजा आ रहा था कि मै उसे छोड़ ही नही पा रही थी लग रहा था कि बस वो ऐसे ही खींच खींच के पीता रहे और मै पिलाती रहूँ
लेकिन 1 घंन्टे में ही उस हरामखोर मामी ने उसे छुड़ा लिया..”
“ हा हा हा तब तो मैं सबसे पहले आपको ही दूंगी.. दूध पिलाने के लिए..”
“ हा हा अभी तो तू खुद मेरे पीने लायक है, और जो आज आ रहा है पहले उसका इन्तजाम करो फिर आगे कि सोचना..”
अनामिका ने प्रिया के जेवर से लदे बदन को थोड़ा अपने पास खींचा और उसके छोटे से ब्लाउज के अन्दर हाथ डालकर प्रिया के हल्के से उठे हुए छोटे दाने को अपनी पूरी ताकत से दबा दिया.. प्रिया को एक असहनीय दर्द हुआ और उसके मुँह से एक आह निकल गयी..
निप्पल दबाते ही अनामिका के हाथ थोड़ा सा गीला हो गया, देखने पर उसके हाथ में थोड़ा थोड़ा दूध लगा हुआ था।
अभी थोड़ा थोड़ा दूध आ रहा है.. इंजेक्शन का असर शुरू हो रहा है.. कुछ देर में काफी आ जाएगा..
“ भाभी कोई साईड ईफेक्ट तो नही होगा इसका.. रेखा आंटी कह रही थी कि मेरी उमर की लड़की को दूध नही आना चाहिए!! ”
“ तू इसकी टेन्शन मत ले.. शबाना मेरी बचपन की फ्रेंड है और यू.एस.ए. में डाक्टरी कि पढ़ाई कर के आई है..”
अनामिका चाहती थी कि अमन को अगर कच्ची कली का भोग लगाने के साथ दूध भी मिल जाए तो उसे अच्छा लगेगा.. प्राब्लम ये थी कि प्रिया का तो अभी सीना ही सपाट था.. बहुत हल्की सी उठान और वो भी ध्यान से देखने पर पता चलता था तो भला उसमें दूध कहा से आता.. यहाँ जवान औरतो को भी बच्चे होने के बाद ही दूध आता है.. इसी वजह से अनामिका ने शबाना से कान्टैक्ट किया था. शबाना उसकी कालेज की फ्रेन्ड थी और एक अच्छी डाक्टर भी। अनामिका और शबाना की आपस में खूब पटती थी। जब जब अनामिका को किसी मेडीसीन या हेल्प की जरूरत पड़ती थी वो तुरन्त शबाना से हेल्प मांगती थी.. शबाना अपने बैग में प्रेगनेंन्सी रोकने कि मेडीसीन्स, सेक्स की चाहत बढ़ाने की मेडीसीन्स, और ना जाने किस किस तरह के कंडोम्स, भर भर के लाती थी और अनामिका के बैग में डाल देती थी.. एक तरह से शबाना ने ही अनामिका को ना जाने कितनी बार कुवाँरी माँ बनने से बचाया था.. और जब जब अनामिका को 1-2 दिन लगातार चुदाई करने का चान्स मिलता था तब सेक्स पावर बढ़ाने कि दवाई भी शबाना ही देती थी।
कुछ दिन पहले जब प्रिया और अमन के शादी की बात चली तब अनामिका को टेन्शन हुई.. उसे शबाना कि याद आ रही थी.. और शबाना थी भी तो सात समुन्दर पार.. अनामिका जानती थी कि प्रिया अमन को दिल से प्यार करती है और उससे मिलन के लिए पूरी तरह से तैयार है लेकिन इस बार सिर्फ मन से काम नही चलने वाला था.. भले ही प्रिया कितनी भी तैयार हो जाए लेकिन थी तो अभी छोटी.. गुड्डी तो फिर भी उससे एक साल बड़ी थी लेकिन उसके साथ भी कितनी मुश्किल हुई थी.. हालांकि उस बार अनामिका ने मामला किसी तरह सम्हाल लिया था क्योकि वो यश था.. यश अभी कच्ची कलियों के मामले में नया था इसलिए बात ज्यादा नही बिगड़ी.. लेकिन इस बार तो खुद उसका भाई अमन था वही अमन जिसे उसने बचपन से ही इस खेल के महारथी बना दिया था.. और वो अच्छी तरह से जानती थी कि एक बार अमन शुरु हो जाता था तो फिर बड़ी से बड़ी रण्डी भी पानी मांगने लगती थी तो ये तो प्यारी सी.. मासूम और गुड्डी से भी छोटी प्रिया थी.. और उस पर खुद अमन की पसन्द..
यही सब सोचकर अनामिका ने अमेरिका मे रह रही अपनी फ्रेंड शबाना को फोन लगा दिया।
3-4 घंटी जाने के बाद उधर से किसी ने फोन उठाया