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घर लौटने पर प्रिया ने अपना बैग कमरें में फेंका और दौड़कर बाथरूम में घुस गयी.. अपनी स्कूल ड्रेस निकाल कर बाथरूम में ही फेंका और शॉवर के नीचे खड़ी हो गयी। शावर के ठंन्डे पानी से उसको बड़ी राहत मिल रही थी। नहाते हुए उसे आज दिन भर का घटनाक्रम याद आने लगा। बजाय परेशान होने के उसके होंठो पर एक शरारती मुस्कुराहट खेल रही थी।
बाथरूम से बाहर निकलने के बाद प्रिया को याद आया कि उसकी अन्डरवियर तो अभी भी अनामिका भाभी के पास ही पड़ा है, वैसे तो प्रिया के पास कई अन्डरवियर थी लेकिन सुबह रिशभ के लंड का नजारा अभी भी उसकी आँखो के सामने ऩाच रहा था जो उसे किसी चुम्बक की तरह अनामिका के कमरे तक खींच रहा था।
और अन्दर जाने की जल्दी में वो ये भी भूल गयी कि अभी अभी वो बाथरूम से नहाकर निकली है और उसके बदन पे सिर्फ एक छोटी सी टावेल है,
“ भाभी “
अनामिका को बुलाते बुलाते प्रिया अन्दर चली गयी.. और अन्दर जाने पर जो नजारा देखा उससे तो होश ही उड़ गये उसके।
सामने बेड पर गुड्डी घोड़ी बनकर झुकी हुई थी और पीछे रिशभ और यश अपना अपना लंड पकड़े गुड्डी के पीछे बैठे थे..
अनामिका हाथ में नास्ते की थाली लिए हुए गुड्डी के सामने खड़ी थी। शायद प्रिया के रूम में आने का एहसास किसी को नही हुआ.. प्रिया की छोटी-छोटी आँखे बड़े ध्यान से पूरा नजारा अपनी निगाह में कैद करने लगी।
गुड्डी का पूरा शरीर राहुल और अमन के प्यार के निशान से भर गया था.. उसके गाल और आँख के नीचे दाँत काटने के निशान साफ साफ दिख रहे थे..जैसे किसी ने खूब अच्छे से और काफी देर तक अपने दाँत में फसाकर काटा हो.. गला तो पूरा लाल था ही.. सबसे ज्यादा निशान वहीं पर थें। कमर और पेट की भी हालत लगभग गले के बराबर ही थी.. नाभि के आस-पास के हिस्से में नाखून के निशान साफ-साफ दिख रहे थें.. कुल-मिलाकर गुड्डी का पूरा जिस्म प्यार के खंरोच और घाँव से भरा हुआ था.. वही खरोंच जिसे जवान लड़कियाँ लव-बाइट्स का नाम देती है और चाहती है कि उनके ब्वायफ्रेंड और हसबैंड ये घाँव उनके शरीर के हर हिस्से में करें.. एक सुहागन जब सुबह सेज पर अपनी पहली अँगड़ाई लेती है तो उसके शरीर पर बने यही घाँव उसके पति के प्यार कि निशानी दिखाती है..और गुड्डी तो इतनी कम उमर में ही अपने जिस्म में प्यार कि इतनी निशानियाँ लेकर चल रही थी। लेकिन ये सब इतना आसान काम नहीं था.. ये अनामिका का ही अनुभव था जो इतनी कम उमर की लड़की को भी वो सेक्स के लिए तैयार कर देती थी.. अगर अनामिका का साथ ना होता तो गुड्डी जैसी कच्ची कलीं इतने खतरनाक और वाइल्ड सेक्स को बरदाश्त भी ना कर पाती.. और उस पर जिस तरह से राहुल और अमन उसे वैश्या कि तरह एक साथ-एक लय में चोदते है वो तो किसी 20-35 साल की औरत के लिए भी बहुत ही दर्द भरा और कष्टदायी होता है.. तो गुड्डी तो फिर भी अभी स्कूल में गुणा और भाग सीख रही थी.. लेकिन अनामिका के साथ और सेक्स के मामले में अपार ज्ञान ने ही गुड्डी को धीरे धीरे यौन-क्रिया के मामले में इतना पारंगत कर दिया। अनामिका ने जिस तरह से शुरूआत में गुड्डी का कौमार्य नशे के सहारे यश से भंग कराया वो तो सिर्फ वही जानती थी.. जब जवान लड़की पहली बार दर्द के डर से इतना परेशान करती है तो गुड्डी तो होश में यश को छूने भी नही देती। और फिर धीरे-धीरे उसे सेक्स का आदी बनाना.. पहले तो नार्मल सेक्स में ही गुड्डी को मज़ा आता था लेकिन अनामिका ने उसे सेक्स में दर्द का महत्व बताया.. सबसे पहला निशान अनामिका ने ही तो दिया था उसके गले पर थोड़ा सा दाँत से काटकर.. गुड्डी को इतना दर्द हुआ था की वो वही रोने लगी लेकिन फिर 1-2 दिन के बाद वो जब जब अपनी गर्दन पर हाथ लगाती उसे अपनी अनामिका भाभी के प्यार का अहसास महसूस होता था.. धीरे धीरे अनामिका ने उसे बिल्कुल अपनी तरह वाईल्ड सेक्स का आदी बना दिया.. अब तो नार्मल सेक्स में गुड्डी को मजा ही नही आता था.. जब तक उसे सेक्स में कोई रूला ना दे, उसकी आँखो से आँसू ना निकाल दे..
अनामिका उसे अपने हाथ में ब्रेड का टुकड़ा लिए गुड्डी के मुँह में डालने की कोशिश कर रही थी..
“ नही पहले थोड़ा खा लो उसके बाद..”
“ प्लीज भाभी अभी बिल्कुल भी भूख नही है..”
“ नही पहले नाश्ता खत्म करों तब ये सब.. कितनी दुबली हो गयी है
तू पता भी है.. तेरी मम्मी मुझसे शिकायत कर रही थी..”
“ प्लीज भाभी.. उनसे बोल दिजीए कि अब मैं बच्ची नही रहीं..”
“ अच्छा जी.. बहुत बड़ी हो गयी आप तो.. 2 लंड क्या लील लिया खुद को औरत समझने लगी..”
“ क्या भाभी.. गड्डी का चेहरा मारे शर्म के लाल हो गया.. उसी घोड़ी की पोजीशन में अनामिका से बात कर रही थी..”
“ हाय मेरी प्यारी गुड्डी.. तू शर्माते हुए कितनी प्यारी लगती है.. अनामिका ने उसकी बलाए लेते हुए कहा..”
“ दीदी अब बस भी करों.. ऐसी हालत में भी भला कोई खाना खाता है.. अब मुझसे बरदाश्त नहीं हो रहा है.. अमन ने पीछे से अपने खड़े लंड पर हाथ से सहलाते हुए कहा..”
“ अच्छा बाबा ठीक है,, लेकिन पहले इधर तो आ तेरे बाल खुले है.. चोटी तो बना दूँ..”
अनामिका ने गुड्डी को सेक्स के दौरान अपने बाल खोलकर रखने से मना किया था.. जब भी गुड्डी सेक्स के लिए तैयार होती थी अनामिका उसके बालो कि खूब लम्बी चोटी गूंथ देती थी.. और गुड्डी के बाल थे भी बहुत लम्बे.. चोटी बनाने पर वो गुड्डी के कमर तक आती थी। जैसे कोई घुड़सवार घुड़सवारी करते समय अपने घोड़े की लगाम खीचता है ठीक वैसे ही जब वो घोड़ी बनकर चुदती थी तो उसे अपनी चोटी खूब कसकर खींचा जाना बहुत अच्छा लगता था..
जैसे ही अनामिका थाली रखकर गुड्डी के बालो की तरफ मुड़ी उसे दरवाजे पर प्रिया खड़ी दिख गयी
“ अरे प्रिया तुम..आओ अन्दर आओं..”
“ म...मु..मुझे..मै थोड़ी देर बाद आती हुँ..“
प्रिया को ऐसे लगा जैसे वो कोई चोरी करते हुए पकड़ी गयी हो..वो
बाहर जाने लगी तभी अनामिका ने उसे रोक दिया
“ प्रिया यहाँ मेरे पास आओ..”
प्रिया मारे शर्म के सर झुकाए धीरे धीरे अनामिका के पास चली आयी..
“ कुछ लेने आयी थी तू “
“ हाँ वो मेरी च.. कुछ नही भाभी..” सर झुकाए प्रिया कुछ बोल ही नही पा रही थी। अमन तो लगातार उसे घूरे जा रहा था.. वो ये भी भूल गया कि अभी उसके सामने गुड्डी घोड़ी बनकर उसके चढ़ने का इन्तजार कर रही है.. प्रिया के टावेल ने तो आग में घी का काम कर दिया था..
“ अच्छा मेरी बात ध्यान से सुन.. यहाँ अभी जो तुने देखा है वो किसी से बतायेगी तो नही “
“ नही भाभी “
“ पक्का “
“ हाँ भाभी.. अब मैं चलूँ “
“ नही.. अनामिका की आवाज में एक अधिकार था जिसे प्रिया अच्छी तरह से महसूस कर सकती थी.. “
“ अब तू भी बड़ी हो गयी है.. प्यार व्यार के बारे में कुछ तुझे भी तो पता रहना चाहिए..”
अब अनामिका को क्या पता कि जिसे वो अभी तक अनछूई और नादान समझ रही है वो स्कूल में सर को अपना कामरस अर्पित कर के आई है।
“ लेकिन भाभी..? “
“ लेकिन वेकिन कुछ नही.. .यही खड़ी रह और सिर्फ देख..”
अब और बेचारी कर भी क्या सकती थी... अनामिका को वो नाराज करने की हिम्मत जुटा भी नही पा रही थी..
अब अनामिका ने गुड्डी की चोटी गूँथ कर प्रिया की तरफ एक टक घूरते अमन को इशारा किया कि गुड्डी तैयार है..
अमन अब पूरे जोश में था आखिर प्रिया को दिखाना भी था कि उसके आशिक में प्यार करने का कितना दम है..
" प्रिया वो आँलमंड आँयल की सीसी देना तो.. "
अनामिका जानबूझ कर प्रिया को इनवाल्व कर रही थी इस खेल में.. प्रिया ने टेबल पर रखी सीसी अनामिका को पकड़ा दिया..
अनामिका ने सीसी खोलकर अमन के लंड के पूरे शाफ्ट को तेल से नहला दिया जैसे किसी लोहे की रॉड पर शहद गिरा दिया हो.. अमन ने लंड गुड्डी को पिछवाड़े के होल पर सटा रखा था जिससे तेल उसके लिंग से होता हुआ गुड्डी के गुदा द्वार पे भी लग रहा था..
प्रिया चाहकर भी अपनी आँखे उस सीन से नही हटा पा रही थी.. उसका छोटा सा दिल अपनी पूरी ताकत से धड़क रहा था,, लग रहा था अभी ब्लास्ट ना हो जाए कहीं.. थोड़ा बहुत लड़कपन में मस्ती कर लेना अलग चीज थी लेकिन ये वास्तविक सेक्स सामने देखकर तो उसकी हालत खराब हो रही थी.. लड़की कितनी भी छोटी और नासमझ भले ही क्यो ना हो.. सेक्सुअल हरकते और क्रियाओं का उसे नेचुरली पता चल जाता है और उसका शरीर एक औरत की तरह ही रिस्पांस देता है..
ये तो फिर भी प्रिया का पहला रियल अनुभव बनने वाला था तो उसका शरीर अपनी सीमा से ज्यादा रिस्पांस दे रहा था..
इधर अमन ने भी गुड्डी की कमर को अपने हाथ में जकड़ लिया था बेचारी की कमर भी अमन के बड़े बड़े हाथो में किसी छोटे पेड़ के तने की तरह पतली लग रही थी.. और अभी तो उसके शरीर का विकास भी नही हुआ था।
उसकी उमर की लड़कियाँ एसे ही तो होती है। पतली कलाईयाँ, छोटी-छोटी उँगलियाँ, एकदम पतली कमर, सीने पर नाम मात्र का उठान, पूरे शरीर पर बालो का नामोनिशान नही.. गुड्डी से जवानी तो अभी कोसो दूर थी लेकिन सेक्स की आग ने उसके मन को तो जवान कर ही दिया था, तन भले ही साथ ना दे।
ये तो अनामिका ने अमन और यश को कच्ची कलियों को तोड़ने का तरीका खूब अच्छे से समझाया था तब जाकर ये दोनो गुड्डी का भोग लगा पाए थे..
जब अनामिका हाई-स्कूल में थी तभी से उसने अमन को सेक्स ज्ञान देना शुरु कर दिया था.. अनामिका और अमन दोनो अपने स्टडी रूम में जब होमवर्क करने के लिए बैठते थे तभी आपस में बाते करते थे.. मम्मी पापा अपने अपने काम में लग जाते थे और इधर अनामिका अमन को सेक्स का ट्यूशन देना स्टार्ट कर देती थी..
आज भी अमन किसी प्रॉब्लम में फसता था अनामिका से ही सलाह मांगता था.. खासकर जब किसी कम उमर की लड़की का मामला आता तो अनामिका झट से उसे साल्व कर देती थी.. चाहो फोन पे उस लड़की की मम्मी से बात करना हो, या पढ़ाने के बहाने उसे अपने घर बुलाना हो, या सेक्स होने को बाद मामला सम्हालना हो.. इन सब में अनामिका का दिमाग बहुत तेज चलता था.. ना जाने कितनी लड़कियॉ को तो खुद अनामिका ने अमन से चुदावाई थी.. अनामिका की तो सारी सहेलियाँ अमन के लिंग का स्वाद चख चुकी थी.. उसकी एक बेस्ट फ्रेंड भी अनामिका ने अमन से फसवाँ कर चुदवा दी थी..
यहाँ तक की अनामिका की एक सहेली की भतीजी चिंकी जो कि अनामिका को बहुत पहले से जानती थी, भी अनामिका ने अमन के बेडरूम में लेटा दिया था। उस लड़की की उमर गुड्डी से 1 साल छोटी थी और प्रिया से 1 साल बड़ी ही थी उसकी उमर काफी कम होने के कारण अनामिका ने अमन को पहले अच्छी तरह से समझाया.. क्याकि वो जानती थी की एक बार अमन चोदने पे आता है तो फिर सामने कौन है भूल जाता है।
देख अमन.. उमर के हिसाब से लड़कियों को चोदने का तरीका अलग अलग होता है। अगर लड़की जवान है तो उसे बड़ी आसानी से सेक्स के लिए तैयार किया जा सकता है ये तो तू अच्छी तरह से जानता ही है उनका शरीर सेक्स के लिए बिल्कुल फिट रहता है और वो पूरी तरह से परिपक्व रहती है। औरतो का मामला भी इसी तरह रहता है, उन्हे एक्सीपीरियन्स बन्दे ज्यादा पसन्द रहते है.. लेकिन चिंकी की उमर की लड़कियों के बारे में थोड़ा सावधानी बरतनी पड़ती है.. उन्हे बड़े प्यार से शुरुआत में सम्हालना पड़ता है नहीं अगर एक बार बिदक गयी तो फिर कभी भी पास नही आयेगी और अगर उन्हे अच्छा लग गया तो जिन्दगी भर तुम्हारी गुलाम बन के रहेगी..
“ लेकिन आप तो जानती है दीदी.. मुझे किस तरह से लड़कियों को करने में ज्यादा इन्टरेस्ट रहता है और ये चिंकी तो बिल्कुल मेरे मन की है..” अमन ने आँख मारते हुए अनामिका से कहा
“ दुष्ट सुधर जा नही तो किसी दिन लात खायेगा मुझसे ! ” अनामिका ने अमन का कान पकड़ते हुए कहा
“ आऊ दीदी.. कान छोड़ो.. दर्द हो रहा है.. प्लीज !! “ अमन अनामिका का हाथ अपने कान से छुड़ाते हुए चिल्लाने लगा.. अनामिका उसका कान छोड़कर प्यार से उसके सर को सहलाने लगी।
“ सच्ची में दीदी.. मुझे कच्ची कलियाँ तोड़ने में जितना मजा आता है
उतना किसी लड़की के साथ नही आता.. एकदम से कसी हुई चूत, मखमल सी मुलायम.. “
“ हाँ ये तो है.. “
अनामिका भी जानती थी को मर्द को लड़कियों कि योनि में कसाव कितना पसन्द होता है.. इसीलिए तो लड़के चूत कि जगह गांड मारना ज्यादा पसन्द करते है क्योकि लड़कियों कि गांड चूत के मुकाबले ज्यादा टाईट होती है और समय के साथ कभी भी उसका कसाव कम नही होता।
“ लेकिन दीदी ये चिंकी मेरा ले पायेगी.. कम उमर की लड़की का शरीर तो सेक्स के लिए भी नही तैयार नही रहता..”
“ ये सब सिर्फ अफवाह है, केवल झूठ.. कीसी भी उमर की लड़की सेक्स के लिए हमेशा तैयार रहती है, जरूरत है तो बस उसे तैयार करने की, उसे सेक्स के बारे में बताने की और कमसिन उमर की लड़कियाँ तो पागल रहती है.. उनका शरीर सेक्स के लिए जवान होने की स्टेज में होता है अगर उस वक्त कोई थोड़ी सी भी चिन्गारी लगा दे तो फिर आग ही लग जाती है। यही उमर होती है जब लड़की किसी तरफ बहक सकती है.. जरूरत है तो किसी अच्छे बहकाने वाले की.. “
“ लेकिन क्या चिंकी मेरा ले पायेगी.. आपकी सहेली शबाना तो मेरा देखकर ही डर गयी थी.. और डालते समय तो रोने ही लगी. जबकि ना जाने कितनो से चुदवा चुकी थी वो.. तो क्या ये चिंकी....”
अमन का सवाल अनामिका अच्छी तरह से समझ रही थी वो प्यार से अमन के बालों में उंगली करते हुए बोली..
“ अगर लड़की एक बार अच्छे से गरम हो जाए तो वो किसी का भी लिंग अपने योनि में ले सकती है.. चाहे वो एक गधे का ही लिंग क्यो ना हो और तु तो फिर भी इन्सान है.. “
ये सुनते ही अमन अपनी हंसी नहीं रोक पाया और जोर से हसने लगा अनामिका भी उसके साथ खिलखिला पड़ी..
“ और उमर से कोई मतलब नही होता.. एक 18 साल की लड़की भी तुम्हारा आराम से ले लेगी और चिंकी जैसी कच्ची कली भी.. बस लड़की अच्छी तरह से गरम होनी चाहिए और उसके साथ जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए.. उसकी अपनी इच्छा हो तभी ये होगा.. “