• HOME
  • AWARDS
  • Search
  • Help
Current time: 29-07-2018, 11:54 PM
Hello There, Guest! ( Login — Register )
› XXX STORIES › Hindi Sex Stories v
« Previous 1 2 3 4 5 6 ..... 61 Next »

Desi DESI SCHOOL GIRL 18+

Verify your Membership Click Here

Pages ( 2 ): « Previous 1 2
Thread Modes
Desi DESI SCHOOL GIRL 18+
rajbr1981 Offline
en.roksbi.ru Aapna Sabka Sapna
****
Verified Member100000+ PostsVideo ContributorMost ValuableExecutive Minister Poster Of The YearSupporter of en.roksbi.ruBee Of The Year
Joined: 26 Oct 2013
Reputation: 4,404


Posts: 118,530
Threads: 3,631

Likes Got: 20,942
Likes Given: 9,112


db Rs: Rs 2,905.1
#11
23-07-2018, 08:22 PM
good start
[Image: 52.gif]
1 user likes this post1 user likes this post  • Incest lover
      Website Find
Reply


Incest lover Offline
Soldier Bee
**
Joined: 09 Jun 2018
Reputation: 0


Posts: 537
Threads: 175

Likes Got: 478
Likes Given: 55


db Rs: Rs 29.18
#12
24-07-2018, 01:08 PM
स्कूल गर्ल दो चूत एक साथ

दोस्तो, मैं अंकुश 22 साल का हूँ, मैं 5 फीट 10 इंच का हूँ। मेरी पर्सनैलिटी अब काफी खिल चुकी है, हट्टा कट्टा जवान हो चुका हूँ, लंड 7 इंच लम्बा और सवा दो इंच गोलाई का हो चुका है, कॉलेज की लड़कियाँ मुझे पर मरती हैं और एक दो लड़की तो मुझे पर स्वाहा हो चुकी है।
लेकिन मुझे अपनी 11वीं क्लास की मरियम नहीं भूलती है, जिसके साथ मैंने पहली बार इस खेल को खेला, मजे की बात तो ये है कि दोनों गाली खूब बक लेते थे, चुदाई के बारे में (जब वो मुझसे खुल गई तब की बात है) बातें भी खूब बढ़ा चढ़ा कर कर लिया करते थे, लेकिन जब सच से सामना हुआ तो हम दोनों ही मुख चोद (मुंह से बोलने वाले) ही निकले।


मेरे गाँव में ऐसा कोई अच्छा स्कूल नहीं था जहाँ मैं अपनी आगे की पढ़ाई को जारी रख पाता, इसलिये मुझे शहर आना पड़ा और शहर के एक अच्छे स्कूल में एडमिशन लेना पड़ा।
मेरे पापा ने स्कूल के पास ही एक लॉज में रहने का इंतजाम कर दिया।

मेरा पहला दिन तो ऐसे ही गुजर गया। एक लड़का मेरे साथ बैठा और उस दिन का स्कूल खत्म होते-होते वो मेरा दोस्त बन गया। उस स्कूल की पहले से पढ़ने वाली मरियम पर मेरी नजर पहले ही दिन गई तो मेरे अन्दर उसके प्रति एक अजीब सी कशिश सी होने लगी।
वो सांवली थी, थोड़ी लम्बी तोते जैसी लम्बी नाक, मोटी सी उसकी चोटी थी, बड़े-बड़े आँख वाली थी और उसकी आंखों पर चश्मा भी चढ़ा हुआ था जो काफी स्टाईलिश था।

उस स्कूल के काफी बच्चे अमीर परिवार से ताल्लुक रखते थे, उन्हीं में वो भी आती थी, जबकि मैं मीडियम क्लास फैमिली से आता था।
इतेफाक से वो मेरी आगे वाली सीट पर बैठ गई, उसके जिस्म से सेन्ट की खूशबू भी आ रही थी, मैं उसके बारे में लंच तक सोचता ही रहा, पढ़ने में मन नहीं लग रहा था, लेकिन मरियम ने एक बार भी मेरी तरफ नहीं देखा।

लंच में मैंने अपने उसी दोस्त, जिसका नाम रोहन था, उससे पूछा, तो वो बोला- पढ़ने में अच्छी है, हेल्प भी करती है लेकिन किसी ने उसको छेड़ा तो हरामी, कुत्ता और न जाने पूरी क्लास के सामने क्या-क्या बोल देती है, इसलिये लड़के उससे दूर की दोस्ती ही करते हैं।
जैसे-तैसे मेरा वो दिन बीता।
दूसरे दिन सुबह जब हम लोग स्कूल पहुंचे तो मेरी क्लास में मरियम, सुधा और मैं तीन ही लोग थे, हम लोग सुबह जल्दी स्कूल आ गये थे।
मैंने मरियम को देखा तो उसके पास हाथ बढ़ाते हुए बोला- हाय मैं अंकुश हूँ!
तुरन्त ही मुझको झिड़कते हुए बोली- तो अंकुश में ही रहो, ज्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश मत करो।

मुझे यह बात चुभ गई, तभी सुधा अपना हाथ बढ़ाते हुए अपना परिचय दिया और मरियम को हल्का झिड़कते हुए बोली- इन्ट्रोड्क्शन ही तो दे रहा था, क्यों बिगड़ती हो, नया है।
मैंने भी उसे चिढ़ाते हुए सुधा से बोला- क्यों सुधा जी, इनकी मम्मी इनको रोज स्कूल डाँट कर ही भेजती है क्या, जो ये इस तरह से बात करती है।
इससे पहले मरियम कुछ कहती, क्लास के दूसरे और बच्चे आ गये। वो भुनभुनाती रही, लेकिन कुछ बोल नहीं पाई।

लंच तक तो निकल गया, लेकिन लंच के बाद एक हादसा हो गया, मरियम उठी और मुझे कस कर एक रसीद कर दिया, मेरा हाथ मेरी गाल पर था, मुझे समझ में नहीं आया कि उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया.
बॉयो की क्लास चल रही थी, वो तुरन्त पलट कर मेरी तरफ देखने लगे, मुझसे मेरा नाम प्रीवियस स्कूल के बारे में पूछा और फिर मरियम से मुझे मारने का कारण पूछने लगे, तो मरियम बोली कि सर ये लड़का मेरे पीछे टच कर रहा है।
अब मेरी हवा तो सरक गई, टीचर मेरे पास आये और एक तमाचा और रसीद कर दिया, मैं लाख कहता रह गया लेकिन किसी ने भी मेरी बात नहीं सुनी, स्कूल के दूसरे दिन ही मेरी अच्छी बेईज्जती हो गई थी, मेरी आँखों से आँसू निकलने लगे.

हाँ जब स्कूल ओवर होने लगा तो रोहन ने सबको हकीकत बता दी, सभी बच्चे चले गये, सबसे पीछे में निकला, मैंने एक बार फिर क्लास में नजर दौड़ाई तो पाया की सुधा ने मरियम का हाथ पकड़ कर रोक रखा था, मैं तुरन्त ही दरवाजे के पास चिपक कर खड़ा हो गया ताकि दोनों की बात सुन सकूँ.
सुधा की आवाज मेरे कान में पड़ी वो मरियम को बोल रही थी कि उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया, तो बोली- सुबह जो उसने बोला, उसका सबक सिखाना था.
तभी सुधा बोली- देख नया लड़का है, उसके बारे में तू ठीक से जानती नहीं है, कहीं ऐसा न हो कि लेने के देने पड़ जाये?
‘उसकी !’ मरियम की आवाज आई.
तभी सुधा बोली- अपने ऊपर संयम रख, कही ऐसा न हो कि कोई तेरे से बदला निकालने के चक्कर में तेरे साथ मजा न ले ले।
‘किसी भोसड़ी वाले में हिम्मत नहीं है कि मेरी चूत को हाथ लगा सके, लंड न काट लूंगी उसका!’

मुझे उसकी बात से लगा, बहुत ही बिगड़ैल लड़की है।
तभी सुधा बोली- लंड तो बाद में काटेगी, चूत तेरी पहले चुदेगी।
तभी मरियम बोली- ठीक है ठीक है, चल अब घर चलना है।
वो दोनों निकलने लगी, मैं दरवाजे का ओट लेते हुए क्लास के अन्दर चला गया, मरियम बाहर निकलते हुए सुधा से बोली- कल जो वीडियो तूने भेजा था, बहुत ही मजेदार था।
मैं समझ नहीं पाया कि किस वीडियो की बात कर रही हैं।

खैर बाद में मामला रफा दफा हो गया। मेरी पढ़ाई और क्लास में विहेवियर देखकर टीचर मुझसे इम्प्रेस रहने लगे। अगर किसी को कोई प्रॉबल्म होती तो मेरे पास आता, लगभग क्लास के सभी बच्चे मेरे से डिस्कस करते थे, नहीं करती थी तो वो मरियम थी।
खैर उस दिन से मैं मरियम पर नजर रखने लगा, जैसे ही वो बाहर जाती तो मैं भी उसके पीछे चल देता, लेकिन वो गर्लज टॉयलेट में चली जाती और फिर कुछ देर में लौट आती.
अभी तक उसके खिलाफ मेरे पास कुछ नहीं था. पाँच-छः दिन ही हुए थे मुझे उस स्कूल में ज्वाईन किये हुए, इसलिये उसकी किसी ख़ास जगह के बारे में नहीं समझ पा रहा था।
पर आज का दिन मेरे लिये लकी साबित हुआ।

हुआं यूं कि जब स्कूल छूटने वाला था और सभी बच्चे क्लास से निकल रहे थे, मैं भी निकल ही गया था क्लास से, तभी मेरी नजर सुधा पर पड़ी जो बाकी सभी बच्चों की तरह घर जाने के लिये चल दी, लेकिन मरियम ने उसका हाथ पकड़ लिया और सभी का बाहर जाने का इंतजार करने लगे।
ये दोनों क्लास में क्यूं रूकी, इसकी वजह जानने के लिये जल्दी से दूसरे क्लास में जाकर छुप गया और जब बच्चे चले गये तो वो दोनों निकलकर जल्दी से बाथरूम की तरफ भागती हुई चली गई.

चूंकि इस समय सभी बच्चे एंव टीचर बिल्डिंग से बाहर जा चुके थे, इसलिये मुझे भी डर नहीं था, मैं भी सीधा उनके पीछे उनकी नजर को बचाकर दरवाजे के पास पहुंचा तो मरियम की आवाज आ रही थी, वो सुधा से सलवार और पैन्टी उतारने के लिये बोल रही थी.
सुधा बोली- नहीं मरियम, आज मेरा मन नहीं है, तू शाम को घर आ जाना तो वहीं मस्ती करेंगे!
‘मैं शाम को घर भी आऊँगी, बस अपनी मुनिया का रस दो मिनट चखा दो।’

‘ओह, तो ये बात है, दोनों लड़कियाँ ही आपस में मस्ती करती है और मरियम मादरचोद अच्छी बनने के लिये दूसरों को बुरा बना देती है!’
तभी सुधा बोली- ले बाबा, पर जल्दी कर ले कोई आ नहीं जाये?
‘कोई नहीं आयेगा!’

ठीक इसी समय मैं धड़ाक से अन्दर घुस गया, सुधा की सलवार और पैन्टी उसके पैरों में फंसी हुई जमीन में पड़ी थी और वो अपनी कुर्ती को हाथ से पकड़ कर ऊपर उठाई हुई थी, जबकि मरियम उसकी चूत में अपनी जीभ लगा चुकी थी और उसके मुख से उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकल गया.
मेरे सामने दो स्कूल गर्ल सेक्स कर रही थी लेकिन मैं इस समय बड़े गुस्से में था, तुरन्त ही मरियम को बोला- क्यों री मादरचोद, ऐसे तो बड़ी शरीफ बनती है और यहाँ पर सुधा की चूत को चाट रही है, बहन की लौड़ी देख अब कल से रोज तेरी गांड में उंगली न की तो कहना! और ये बात मैं सभी को बता दूंगा।

दोनों के हाथ पैर काँपने लगे।
सुधा रूँआसी सी होकर बोली- अंकुश प्लीज किसी को मत बताना!
‘क्यों नहीं बताऊँगा, तुम लोगों ने मुझे छोड़ा था, पूरे स्कूल में बेइज्जत किया था। अब मेरी बारी है!’
‘लेकिन मैंने तो नहीं बताया।’

तभी मरियम भी हाथ जोड़ते हुए बोली- अंकुश जाने दे यार, नहीं तो कोई आ जायेगा।
‘चल मादरचोद तेरे को जाने दूं, रंडी साली, आने दो सभी को पता तो चले कि तू साली चीज क्या है।’

अब दोनों लगभग रो चुकी थी। उनको रोती देखकर और वास्तव में कोई आ गया तो लड़का होने के कारण पहले मैं ही बलि का बकरा बनता, इन बातों को सोचकर मैं बोला- ठीक है, जाने देता हूँ, अपने पैन्ट की जिप खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल कर बोला- थोड़ा इसे प्यार कर लो और जाओ।
मरियम फिर बोली- अभी जाने दो!
‘नहीं ऐसे नहीं, अपने लंड के खाल को पीछे करते हुए कहा- चलो दोनों मेरे इस लाल वाले भाग को पुच्ची करो और चलती बनो।

दोनों मरती क्या न करती, दोनों ने बारी-बारी से मेरे लंड पर पुच्ची दी और जाने लगी.
मैंने पीछे से आवाज लगाई- रूको, एक बात और कहनी है तुम दोनों से!
दोनों क्लास के पास पहुंचते ही ठिठक कर रूक गई।
‘अपना फोन नम्बर दो, मुझे शाम को कुछ बात करनी है।’

पहले तो दोनों ने आनाकानी की लेकिन हल्की सी घुड़की से दोनों ने एक दूसरे को देखा और फिर चलते-चलते फोन नम्बर दे दिया।
फोन नम्बर लेते हुए हिदायत देते हुए कहा- फोन जरूर उठा लेना।

हम लोग बात करते हुए गेट तक पहुंच गये थे।
मैं घर आया और आधे घण्टे के बाद ही मैंने मरियम को फोन लगा दिया। दूसरी तरफ से ‘हैलो’ की आवाज आई, मैंने पूछा- कौन?
तो बोली- मैं मरियम बोल रही हूँ।
‘ओह…’ इतना कहने के बाद मैंने पूछा- क्या कर रही हो?
‘अभी-अभी आई हूँ और अपने कमरे में हूँ।’

मैंने फिर पूछा- कमरे के क्या कर रही हो?
तो बोली- कपड़े बदल रही हूँ।
‘इस समय क्या पहना है?’
‘इस समय ब्रा पैन्टी में हूँ।’
‘मैं तुम्हे देखना चाहता हूँ।’
‘नहीं’
‘क्या कहा?’ मैं थोड़ा तेज आवाज में बोला।

वो बोली- यार, प्लीज समझा करो।
ओ.के. कोई बात नहीं, अपनी साईज बता?’
‘मुझे नहीं मालूम…’ वो बोली.
‘तो पेन्टी ब्रा बिना साईज के ही पहनती हो?’
‘यार, मम्मी लाती है। नम्बर 28 पड़ा है।’
‘ठीक है, चल अब कल मिलते हैं।’

दूसरे दिन जब मैं स्कूल पहुंचा तो देखा दोनों क्लास के अन्दर पहले से ही पहुंची हैं, दोनों की सूरत उतरी हुई थी।
मैंने उनसे हाथ मिलाया, दोनों ने हाथ मिलाया, फिर मैं अपनी सीट पर बैठ गया।

अभी भी दोनों का उदास चेहरा देख मैंने उनसे कहा- अब हम दोस्त हो गये हैं। डरो मत, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगा और यह भी मत डरो कि मैं तुम दोनों को ब्लैक मेल करूंगा.
फिर मरियम की तरफ देखते हुए कहा- तुम्हारी हरकत के कारण ऐसा हुआ, नहीं तो तुम उसकी और वो तुम्हारी  या गांड चाटे, मुझे क्या करना है।
वो दोनों कुछ नहीं बोली, बस मेरी तरफ देखती रही।

‘अच्छा ये बताओ, ये कब से चल रहा है?’
‘दिसम्बर से…’ सुधा जल्दी बोली और अपनी बात आगे बढ़ाते हुए बोली कि एक दिन ये मेरे घर अपने पापा के साथ आई, इसको एक सब्जेक्ट में कुछ प्रॉबल्म थी। मरियम को छोड़कर उसके पापा चले गये और साथ में यह भी बोल गये कि वो एक पार्टी अटेन्ड करने जा रहे हैं, अगर ज्यादा देर न हुई तो मरियम को पिक अप कर लेंगे। नहीं तो रात में मरियम यही रूक जाये। मेरे परिवार को कोई ऐतराज नहीं था। मरियम वहीं रूक गई, हम लोग काफी देर तक पढ़ती रही।
रात होने लगी थी, इसके पापा नहीं आये तो मम्मी ने हम दोनों को खाना खिलाकर सोने के लिये बोल दिया और कहा कि इसके पापा अगर आ गये तो वो इसको उठा देगी।
हम बातें करती हुई कब सो गई, पता ही नहीं चला।

रात को अचानक मुझे लगा कि मेरी चूत में कुछ चल रहा है, मैंने अपनी चडडी के अन्दर हाथ डाला तो मरियम का हाथ मेरी फांकों के आस-पास हिस्से को सहला रहा था।
मैंने उसका हाथ हटाया और करवट बदल ली.
लेकिन यह क्या, ये तो मेरे चूतड़ को सहलाने लगी और गांड की छेद में अपनी उंगली रगड़ने लगी।
मैंने बीच में ही टोकते कहा- सुधा बस कर, लंड तन गया है। फिर मेरा मन पढ़ाई में नहीं लगेगा।

सुधा चुप हो गई लेकिन मरियम ने छेड़ते हुए कहा- सुन ले, पूरा मजा आयेगा।
‘तू चाहती है कि कहानी सुनने के बाद मैं तेरी गांड में उंगली करूँ?’
वो धीरे से बोली- लौड़े के… देख तो सही, अब हम सभी स्कूल में है, मरवायेगा क्या, भोसड़ी के?
उसके गाली देने के अंदाज में मुझे हंसी आई.

मैं इससे पहले मरियम से कुछ पूछता कि सुधा बोली- चल तू भी क्या याद रखेगा मेरी जान, तू जब चाहे मेरी गांड में उंगली कर लेना।
मैंने बात काटते हुए कहा- चल अब बस कर और भी बच्चे आने वाले हैं, किसी पीरियड में बता देना, मेरा लंड काफी कड़क हो गया है और मुझे दर्द महसूस हो रहा है।

फिर हमने अपनी बातें बंद कर दी।
उसके बाद कई दिन बीत गये, न उनकी कहानी सुनने का मौका आया और न ही किसी तरह के और सम्बन्ध बने।
हाँ बस इतना होता था कि जब भी कभी हम लोगों को मौका मिलता तो वो दोनों मेरे लंड पर पैन्ट के ऊपर से हाथ फेर लेती और मैं उनकी चूची वगैरह दबा दिया करता और हम तीनों के बीच में गाली-गलौज और तू-तड़ाक से बातें होती, लेकिन एक खास बात ये भी थी कि हम तीनों की संगत ऐसी हो गई थी कि बाकी क्लास हमेशा शक की नजर से देखती, यहाँ तक कि मेरा वो दोस्त रोहन भी।
 •
      Find
Reply


Incest lover Offline
Soldier Bee
**
Joined: 09 Jun 2018
Reputation: 0


Posts: 537
Threads: 175

Likes Got: 478
Likes Given: 55


db Rs: Rs 29.18
#13
24-07-2018, 01:12 PM
पर इसी बीच एक घटना हो गई, जिससे मुझे वो मिल गया जिसकी शायद मैंने कल्पना करनी भी छोड़ दिया था। एक दिन जिस हॉस्टल में मैं रहता था, कुछ बाहरी लड़कों और हॉस्टल के लड़कों में बवाल हो गया और हॉस्टल का काफी नुकसान हो गया था, मकान मालिक ने हम सभी को तत्काल हॉस्टल छोड़ने का हुकुम दे दिया, अब मेरे सामने मुसीबत थी कि मैं कहाँ जाऊँ।

मैंने अपनी बात सभी दोस्तों को बताई, मरियम के साथ-साथ दो-तीन ऑफर और मिल गये थे। मैंने तीनों कमरे देखे, मरियम वाला रूम मुझे ज्यादा पसन्द आया, एक तो उसका रूम काफी बड़ा था, दूसरा मरियम साथ थी जिसका मैं सपना देखा करता था और तीसरा रेन्ट भी काफी कम था और सबसे बड़ी बात मेरे खाने के आधे पैसे भी बच रहे थे क्योंकि मरियम के वजह से मुझे उसके घर का खाना भी खाने को मिल रहा था।
मैं शिफ्ट हो गया।

उसके घर में उसकी मां और उससे काफी छोटा एक भाई था जो शायद 7-8 साल का होगा। पिता उसके आर्मी में थे, इसलिये वो घर में कम ही रहते थे।
संडे का दिन था, मैं सामान शिफ्ट करके और खाना खाकर अपने कमरे में सेक्सी स्टोरी जो मैंने en.roksbi.ru.कॉम से प्रिन्ट आउट कर लिया था, उसी को पढ़ रहा था.
हवा आने के लिये मैंने दरवाजा खोल रखा था, कैपरी पहने हुए था। कहानी पढ़ने के कारण कैपरी में मेरा लंड तम्बू की तरह तना हुआ था.

तभी मरियम चुपचाप आई, मैं कहानी पढ़ने में इतना मग्न था कि मैं नहीं जान पाया कि कब मरियम कमरे में आ गई और मुझे स्टोरी पढ़ते हुए देखने लगी. स्टोरी पढ़ते हुए मैं बीच-बीच में अपने लंड को मसल लेता था कि तभी मरियम ने मुझसे वो पेज छीन लिया और मेरे बगल में लेटते हुए बोली- क्यों अंकुश, ऐसा क्या पढ़ रहे हो कि बार-बार अपने लंड को मसल रहे हो।
‘कुछ नहीं!

तभी मेरी तरफ घूमते हुए बोली- अबे भोसड़ी के, अगर कुछ नहीं पढ़ रहे हो तो लंड अपना क्यों मसल रहे हो?
मैंने बात को पलटते हुए कहा- अच्छा ये बताओ, तुम यहाँ क्या कर रही हो?
मम्मी ने कहा है कि ‘मेरा  आया हुआ है, जाओ उससे चुदवा लो।’
कह कर वो जोर-जोर से हँसने लगी।
‘यार मजाक मत कर… नहीं तो वस्तव में चोद दूंगा।’
‘अबे जा, गांड में नहीं है दम और किसी से नहीं है हम कम!’
‘अच्छा तो देख बहन की लौड़ी!’ कहकर मैंने उसे पटक दिया और उसके होंठ को चूसने लगा।

मरियम ने कस कर धक्का दिया और मुझसे अलग होते हुए बोली- क्या रे हरामी, आ गये न अपनी औकात पर?
‘देख अभी तू ही उकसा रही थी। अब बता, तू यहाँ क्यों आई?’
‘अरे यार, सब खाना खा कर सो गये, मुझे नींद नहीं आ रही थी तो सोचा चल कर तेरे पास ही बैठूँ।’ इतना कहने के साथ ही उसने मेरे हाथ को फैलाया और उस पर अपनी गर्दन टिका दी।

‘अब क्या करना है?’ मैंने पूछा तो वो बोली- ला देखूं, तू क्या पढ़ रहा था।
‘यार en.roksbi.ru par incest lover की एक सेक्सी कहानी पढ़ रहा था।’
‘मतलब?’ वो बोली।
‘तू पढ़ कर देख ले।’

उसने मुझसे पेज लिये और पढ़ने लगी।
कहानी वो जब पढ़ने लगी तो मेरे हाथ उसके गोलाइयों को दबाने लगे, उसने झट से एक चुटकी काटी, मेरा हाथ हट गया, थोड़ी देर बाद मेरे हाथ फिर उसकी गोलाइयों को दबाने लगे, इस बार वो कुछ नहीं बोली और अपनी एक टांग को मेरे ऊपर चढ़ा दी.

मैंने अपने हाथ को उसके गर्दन से निकाला और उसकी तरफ घूम गया और उसकी चूत को सलवार के ऊपर से ही सहलाने लगा.
वो थोड़ा कसमसाई लेकिन मेरी हरकत को नजर अंदाज कर दिया। मैं उसकी चूत को सहला रहा था तो मुझे लगा कि उसने नीचे कुछ पहना नहीं है।
‘मरियम…’ मैंने पूछा- ये बता कि कहानी कैसी लगी?
‘चुप रह, पढ़ रही हूँ।’

मैंने उसके गोलों को और जोर से मसलना शुरू किया।
तभी वो बोली- अंकुश, मेरा दूध पियोगे?
मैं उसकी तरफ देखने लगा तो वो बोली- मेरे मम्मे बाहर कर लो, और मेरा दूध पीओ।

मेरे मन की मुराद पूरी हो रही थी, मैंने उसके कुर्ती से उसके मम्मे को बाहर निकाला, हालाँकि मम्मे पूरे बाहर नहीं आये थे, लेकिन दाना बाहर आ चुका था, मैंने उसके दानो को अपने मुंह में रखा और चूसने लगा लेकिन कपड़े पहने होने के कारण दाना पूरी तरह मुंह में नहीं आ रहा था.
तो मरियम खुद ही बोली- चल आ मेरे कमरे में, वहाँ पर अच्छे से पीना।
कहकर उठी और अपने कमरे की तरफ चल दी।

मैं भी उसके पीछे-पीछे चल दिया।
कमरे में पहुंचकर उसने कमरे को अन्दर से बन्द किया और मेरी तरफ घूमी, उसकी आँखें लाल हो चुकी थी। उसने अपनी कुर्ती और सलवार उतार दिया, उसने कोई इनर वियर नहीं पहना हुआ था। वो बिस्तर पर लेट गई और अपने मम्मे को दबाते हुए बोली- आओ अंकुश, आओ इसे पियो!
मैंने भी अपने कपड़े उतारे और उसके बगल में लेट गया, मेरा लंड भी तन कर काठ हो चुका था। मैं उसके मम्मे को बारी-बारी से अपनी मुंह में लेता और वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर मसल रही थी।
हम लोग अपने प्रोग्राम में लगे थे कि सुधा का फोन आ गया, उसने फोन पर बताया कि वो मरियम के मकान के नीचे ही खड़ी है।
मैं उठा और अपने कपड़े पहनने लगा तो मरियम ने मुझे रोकते हुए कहा- तुम यहीं ठहरो, मैं उसको रफ दफा करके आती हूँ।

मैं उसके कहने पर वहीं रूक गया.
मरियम ने बाहर से दरवाजा बन्द कर दिया, मैं निश्चित होकर नंगा ही पड़ा रहा, हाँ बस अपने ऊपर चादर डाल ली।
थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला, तो मेरा मुंह भौचक्का रहा गया… ये क्या… मरियम के साथ-साथ सुधा भी थी।
मेरे काटो तो खून नहीं…
मैंने सोचा कि मरियम मुझे मरवाकर ही दम लेगी।

तभी मरियम मेरे पास आई और जमीन पर पड़ी हुई अपनी सलवार को उठाकर सुधा को दिखाते हुए बोली- देख, पहली बार बिना कुछ किए ही अंकुश ने मेरा पानी निकाल दिया।
मैं उठ कर बैठ गया, सुधा और मैंने दोनों ने एक दूसरे को हाय कहा, उसके बाद मैंने मरियम से पूछा तो वो बोली- मैंने सुधा को बहुत टरकाने की कोशिश की लेकिन आज इसको मेरी सहेली के साथ खेलने का बहुत मन हो रहा था और जब भी हमसे किसी को भी हमारी सहेली के साथ खेलने का मन होता तो हम पहुंच जाती हैं।
‘ये सहेली कौन?’ मैं आश्चर्य में था.
तभी सुधा बोली- गांडू, हमारी चूत और क्या!

मैं उठा और कपड़े पहनते हुए बोला- तब मैं चलता हूँ, तुम लोग अपनी सहेली के साथ खेलो।
सुधा मुझे रोकते हुए बोली- क्यों अंकुश क्या मैं तुम्हें अच्छी नहीं लगती?
मैं क्या बोलता… तो मैंने बोल दिया- ऐसी कोई बात नहीं है।
‘तो ठीक है, तब रूक जाओ, हमारी सहेलियों को एक दोस्त की भी अब जरूरत है।’

मुझे क्या, साला इतने बवाल के बाद दो-दो मिल रही थी।
तभी उसकी मम्मी की आवाज आई- मरियम, क्या हो रहा है?
वो बोली- मम्मी, सुधा आई है उसी के साथ पढ़ाई कर रही हूँ।

मन ही मन मैंने सोचा कि क्या पढ़ाई है।
अब तक दोनों अपने कपड़े उतार चुकी थी। सुधा के मम्मे मरियम से आकार में थोड़े बड़े थे। मैं दोनों स्कूल गर्ल की  देख रहा था, दोनों की चूत सफाचट थी।
अब हम तीनो ही कमरे के अन्दर नंगे थे।

दोनों मेरे पास आई और दोनों मेरे एक-एक पैर के पास बैठ गई और कभी मरियम मेरे लंड को पकड़ कर उसके सुपारे पर अपनी उंगली फेरती तो कभी सुधा… दोनों सुपारे के कट पर नाखून चलाती जाती.
मैं ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाया और मेरे लंड ने सफेद तरल पदार्थ (वीर्य) छोड़ दिया और ये वीर्य उनके हथेलियों के ऊपर गिर गया। दोनों लड़कियाँ अपने-अपने हाथ को चाटने लगी।
जब दोनों ने हथेली को चाट लिया तो सुधा बोली- इसके पानी का भी स्वाद तो हम लोगों के पानी की तरह है।

मेरा लंड इस बीच मुरझा चुका था।
 •
      Find
Reply


Incest lover Offline
Soldier Bee
**
Joined: 09 Jun 2018
Reputation: 0


Posts: 537
Threads: 175

Likes Got: 478
Likes Given: 55


db Rs: Rs 29.18
#14
24-07-2018, 01:17 PM
उसके बाद दोनों खड़ी हुई और दोनों ने मेरे एक-एक निप्पल को पकड़ लिया और चूसने लगी। मैंने भी दोनों की कमर में हाथ डालकर अपने से बिल्कुल सटा लिया और अपनी भावना को काबू में करते हुए बोला- तुम दोनों ने ये सब कहाँ से सीखा?
तो इस बार फिर सुधा बोली- ब्लू फिल्म से! तुम देखते हो?
‘हाँ, बिल्कुल मैं भी देखता हूँ।’
‘मजा मिलता है?’
‘हाँ, बहुत मिलता है!’
‘अंग्रेजी ब्लू फिल्म देखकर तो और मजा मिलता है। कई स्टाईल से करते हैं।’ मरियम बोली.


तभी मरियम बोली- हमारी तरह कितनी नंगी लड़कियाँ देख चुके हो?
‘दो… और वो भी तुम दोनों!’
‘हम दोनों की बुर चाटोगे?’

चूंकि मैंने काफी ब्लू फिल्म देखी थी इसलिये मुझे मालूम था, मैंने भी हामी भर दी।
सुधा बेड पर लेट गई और अपनी टांगों को जमीन पर लटका कर उनको फैला दिया, मरियम सुधा की दोनों टांगों के बीच आई और उसने भी अपनी टांगों को हल्का सा फैला लिया और सुधा की जाँघों को पकड़ते हुए थोड़ा झुक गई और अपनी जीभ सुधा की फांकों पर चलाने लगी।

मैं मरियम के पीछे आया, उसकी चूत दोनों टांगों के बीच कैद सी नजर आ रही थी, हालाँकि मुहाना हल्का सा खुला हुआ था, मैं घुटने के बल बैठ गया और उसकी चूत में अपनी उंगली चलाने लगा, कुछ लसलसा सा मेरी उंगली में लगा, सूंघने लगा तो मुझे समझ में नहीं आया कि ये कैसी गंध है। मैंने अपनी उंगली को मरियम की जांघ से साफ की.
तभी मरियम बोली- भोसड़ी के, चूत ही देखेगा कि चाटेगा भी?
मैं सोच नहीं पा रहा था कि क्या करूं कि तभी मरियम ने मेरे सर को थोड़ा सा पुश किया और अपनी चूत से सटाते हुए बोली- भोसड़ी के, अब अपनी जीभ चला कर मेरी चूत को चाट!
इतना कहने के साथ ही अपने कमर के हिस्से को हल्के सा हिलाई डुलाई.

ये मेरे मन की बात है कि मैं ब्लू फिल्म देखता था और सोचता भी था कि अगर चूत चाटने को मिली तो ऐसे चाटूंगा वैसे चाटूंगा, लेकिन चूत सामने थी तो मेरी गांड फटी पड़ी थी कि कैसे चाटूं।
मैं अभी भी सोच ही रहा था कि सुधा उठी और मेरे पास आई, जबकि मरियम वैसे ही पोजिशन में खड़ी रही, सुधा ने मरियम की टांगों को हल्का सा और चौड़ा किया और टांगों के बीच में घुटनों के बल बैठकर अपने दोनों हाथों का प्रयोग करते हुए मरियम की चूत फैलाई और फिर उसमें अपनी जीभ चलाने लगी.

थोड़ी देर चूत चाटने के बाद सुधा अपनी जीभ बाहर निकालते हुए बोली- आओ, मेरे पास आकर अपनी जीभ निकालो और मेरी जीभ से टच करो!
मैंने इस बार बिना किसी झिझक कर मैंने अपनी जीभ सुधा की जीभ से टच कर दी, सुधा ने मेरी जीभ को अपने होंठो के बीच फंसा लिया और जो मेरी लार थी उसको चूस ली, उसके बाद बोली- अब तुमको भी इसी तरह करना है!
और फिर उसने अपने दांतों से लार को जीभ के किनारे लाकर अपनी जीभ मेरी तरफ बढ़ा दी, मैंने भी सुधा की तरह से उसके लार को चूस लिया, फिर वो मरियम की टांगों के बीच से बाहर निकली और उसकी चूत की फांकों को फैलाते हुए बोली- लो अब चाटो!

सुधा के आदेश का पालन करते हुए मैंने मरियम की चूत को चाटना शुरू किया, जैसे ही मैंने अपनी जीभ मरियम की चूत में फिराई, मुझे कसैला सा स्वाद लगा, मैंने अपने मुंह को पौंछा और दुबार जीभ फिराई, करीब तीन-चार बार ऐसा ही करता रहा और फिर जब वो कसैला स्वाद मेरी जीभ में बैठ गया तो मुझे उसकी चूत चाटने में मजा आने लगा।
मैं उसकी चूत चाटता और अपना सिर उठाता, ऐसा करते समय मेरी नजर मरियम की लपलपाती हुई गांड के छेद पर पड़ी जो खुल बन्द हो रही थी, मेरी जीभ ने उस छेद के द्वार पर दस्तक दे दी और इधर उधर टहलने लगी.

मेरे ऐसा करने से मरियम अपने हाथ से अपनी गांड को और फैला दी ताकि मेरी जीभ उस छेद में अच्छे से घूम सके।
उसके बाद मरियम सुधा को बोली- ऐ बहन की लौड़ी, अब घूम, मुझे तेरी गांड भी चाटनी है।
‘गांड?’ सुधा बोली।
‘हाँ बहन की लौड़ी, सुन नहीं पाती है, क्या, चल घूम जा और अपने हाथों से अपनी गांड फैला ताकि मैं अच्छे से चाट सकूं।’

मजा तो दोनों को मिल रहा था, पर मैं अपने लंड की सेवा खुद ही कर रहा था। मरियम की चूत और गांड काफी गीली हो चुकी थी। मैं भी बीच-बीच में अपने थूक से अपने लंड को गीला कर रहा था।
मेरा लंड तन कर तम्बू हो चुका था, मैं खड़ा हुआ और मरियम की चूत को लंड से सहलाने लगा।

कुछ देर ऐसे ही चलता रहा। अपनी चूत पर लंड की गर्माहट पाकर मरियम अपनी चूत की फांकों को और फैलाने लगी और चूत को लंड की तरफ पुश करने लगी, थोड़ा जोर मैंने लगाया, दो तीन बार लंड फिसलकर जगह से हट गया, लेकिन अगली बार प्रयास करने से मेरा सुपारा उसकी चूत की गुफा में फंस गया था.
मरियम के मुंह से ‘आह…’ निकला, मुझे ऐसा लगा कि मेरा लंड किसी बहुत ही गर्म जगह पर जाकर फंस गया है, मेरे हाथ-पाँव काम्प रहे थे, मुझे लगा कि कोई चीज मेरे अन्दर से बाहर आना चाहती है।
उसके मुंह से बस वो हल्की सी आह निकली, मरियम ने मेरी तरफ देखा और फिर वो सुधा के मम्मों को पीने लगी.

इधर मैं अपने फंसे हुए सुपारे को चूत के और अन्दर डालने की कोशिश कर रहा था, पर मुझे ऐसा लगा कि मेरे लंड के खाल को कोई चाकू लेकर छील रहा है। तीव्र जलन और दर्द का अहसास हो रहा था, मैंने लंड को बाहर निकाल लिया।
लंड बाहर आते ही मुझे सकून सा लगा.

तभी मरियम घूमी और मुझसे बोली- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं!
‘तो फिर बाहर क्यों निकाल लिया?’
‘थोड़ा जलन होने लगी थी।’
‘कोई बात नहीं!’ कहकर वो मेरा लंड चूसने के लिये घुटने के बल बैठ गई और लंड को मुंह में ले लिया.

सुधा भी मरियम के बगल में बैठ गई और दोनों बारी-बारी से मेरे लंड को चूसने लगी। दोनों अपनी जीभ से मेरे सुपारे को ऐसे चाट रही थी जैसे आईसक्रीम चाट रही हों!
अब मेरे लंड की जलन और दर्द दोनों कम होने के साथ-साथ खत्म भी हो गया.

उसके बाद मरियम बिस्तर पर लेट गई, मैं उसकी जाँघों के बीच आ गया और सुधा बेड पर चढ़ गई और मरियम के मुंह में बैठ गई, मरियम की जीभ निकली और वो उसकी चूत को चाटने लगी, इधर मैंने भी एक बार हिम्मत की और लंड को मरियम की चूत को लंड से सहलाने लगा और ऐसा करते हुए एक बार फिर सुपारा चूत में जाकर फंस गया.
मैंने इस बार थोड़ा पुश किया तो मरियम चीख पड़ी.
इससे पहले की उसकी आगाज बाहर जाती, सुधा उसके मुंह में पूरी तरह बैठ गई, इससे उसकी आवाज गले में फंस कर रह गई, मुझे समझ में नहीं आया। मरियम के चीखने के कारण मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई और इस कारण एक जोर का धक्का और लग गया।
इस बार मरियम की चीख तो नहीं निकली लेकिन उसने सुधा को धक्का देकर एक किनारे कर दिया और मुझसे बोली- मादरचोद मेरी बुर में अपना लंड डाल रहा है कि चक्कू से मेरी चूत को काट रहा है।
तभी सुधा बोली- क्या कह रही हो, चक्कू कहाँ है? मरियम; लगता है तेरी सील फट गई है, इतनी कहानी पढ़ती हो और ब्लू फिल्म देखती हो, फिर भी समझ नहीं पाई।
चूंकि कहानी मैं भी पढ़ता था, तो मैं झट से मरियम के मम्मों को बारी-बारी से चूसने लगा। सुधा भी मरियम के बगल में लेट गई और मुझसे उसके भी मम्मे पीने को कहने लगी।
अब मेरे पास चार-चार मम्मे थे और मैं सभी को बारी-बारी पी भी रहा था और उन्हें मसल भी रहा था।

अचानक मुझे अहसास हुआ कि मुझे नीचे से धक्का दिया जा रहा है, मैंने पलट कर देखा तो पाया कि मरियम अपनी कमर उठा-उठा कर मेरे लंड को अपने अंदर लेने की कोशिश कर रही है।
मैं सीधा हो गया और धीरे-धीरे मरियम की चूत में धक्के मारने लगा। मेरा लंड अब चूत के अन्दर आसानी से अन्दर बाहर आ जा रहा था.

तभी सुधा उठी और मरियम की नाभि को चूमते हुए उसकी चूत के ऊपर अपनी जीभ चलाने लगी और मरियम का हाथ सुधा की चूत और गांड को सहला भी रहा था और गोद भी रहा था।
तभी सुधा मेरी तरफ देखते हुए बोली- मेरी चूत भी तुम्हारे लंड का इंतजार कर रही है!

मैंने एक बात जो नोटिस की थी कि जहाँ मरियम बिना गाली के कोई बात नहीं करती थी, वही सुधा गाली के प्रयोग करने से बचती थी।
इतना कहने के साथ सुधा सीधी होकर लेट गई और अपनी टांगों को मोड़ते हुए उसको फैला दी। इसी बीच मरियम बोली- अंकुश, बहुत मजा आ रहा है, मेरे अन्दर से कुछ निकलने को बेताब है; इतना कहने के साथ ही वो अपनी कमर और जोर-जोर से चलाने लगी और साथ ही ‘मादरचोद निकला आ… जल्दी निकल तेरी माँ की…’
फिर अचानक वो सुस्त हो गई अब मरियम में कोई उत्तेजना नहीं बची थी, मैंने भी अपना लंड बाहर निकाला, वो अभी भी तना हुआ था, लंड में खून लगा हुआ था।
मेरी नजर मरियम की चूत पर पड़ी, सफेद सा लिपलिसा उसका माल निकल रहा था और उसी के साथ खून भी आ रहा था।

सुधा अभी भी अपनी टांगों को फैलाये हुए थी और चूत को सहला रही थी और साथ ही अपनी उंगली को मुंह में भरती और गीली करके फिर अपनी चूत सहलाती।
मैंने अपने अधर उसकी  पर रख दिए।
उम्म्ह… अहह… हय… याह… करके वो गनगना सी गई थी, फिर उसने मेरे सिर को सहलना चालू कर दिया।

इधर मरियम अभी भी अपनी आंखें बन्द किये हुए पड़ी थी और अपनी चूत को सहला रही थी।
इस बीच मैंने अच्छे से सुधा की चूत गीला किया, फिर सुधा के ऊपर लेट गया और अपने लंड से उसकी चूत में लंड डालने की जगह को बनाने लगा।

सुधा ने नीचे से अपना हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत के मुहाने में सेट करती हुई अपनी कमर को उठाने लगी, मैंने हल्का सा जोर लगाया और सुपारे ने एक बार फिर अपना काम किया और जाकर सुधा की चूत में फंस गया।
दर्द और जलन हो तो रही थी लेकिन इस बार मैंने लंड बाहर नहीं निकाला और सुधा की चूत के अन्दर डालता चला गया, हालाँकि सुधा की चूत भी मरियम की चूत की तरह धधक रही थी, जिससे मुझे मेरे लंड के पिघलने का अहसास सा होने लगा था।

इधर सुधा अपने दाँत भींचे हुई थी, और दर्द को बर्दाश्त कर रही थी।
मेरे धक्के के दबाव के कारण लंड चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया। मैं सुधा के ऊपर लेट गया और उसके मम्मे को पीने लगा।

अभी भी मरियम अपनी आंखों को बन्द किये हुए थी और चूत को सहला रही थी, मैंने मरियम के निप्पल पर चुकोटी काट ली, वो झट में मेरे हाथ में चपत मारते हुए बोली- सुधा को चोद, अभी मुझे मत छू, मेरी चूत में खूब जलन हो रही है।
सुधा ने मेरे दोनों गालों को अपनी हथेलियों के बीच लिया और मेरे होंठ पीने लगी और साथ ही अपनी कमर उचकाते हुए बोली- अंकुश, तुम्हारे लिये मैं पूरा दर्द बर्दाश्त कर लूंगी, आओ अब मेरी भी खुजली मिटा दो।

उसका इतना कहना ही था, मैं जल्दी से उठा और लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और फिर जोर का धक्का लगाते हुए लंड को सुधा की चूत में पेल दिया.
वो ‘ऑक्…’ करके रह गई और मुस्कुराते हुए बोली- मजा आ गया।
मुझे भी अब लगने लगा कि मेरा लंड से भी कुछ बाहर आने वाला है, इस चक्कर में सुधा को जोर-जोर से चोदने लगा, सुधा भी आह-ओह करती जा रही थी, हम दोनों के शोर से मरियम की आँखें खुल गई और वो हम दोनों की चुदाई देखने लगी.

कुछ देर के बाद मेरे लंड से कुछ बाहर आने लगा, चूंकि सेक्सी कहानी पढ़ता था तो समझ गया कि मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया है, उसके बाद भी मैं धक्का लगाता रहा। मुश्किल से 10-15 धक्के और लगाए होंगे कि सुधा ने मेरी कमर को अपने पैरों से जकड़ लिया और बोली- मेरा भी पानी निकल रहा है।
हम दोनों साथ ही झड़ चुके थे। मैं औंधे मुंह सुधा के ऊपर गिर पड़ा।
काफी देर बाद मैं सुधा से अलग हुआ तो मुझे अहसास हुआ कि मेरा लंड चिपचिपा रहा है, मैं उठ बैठा और अपने लंड को देखा तो खून पहले से और भी गाढ़ा हो गया था। दो चूत एक साथ चुद चुकी थी और गवाही के रूप में दोनों चूतों का खून मेरे लंड पर लगा था।

सुधा और मरियम दोनों उठी और सामने बाथरूम में जाकर मूतने लगी और मैं बाहर से उनको मूतते हुए देखता रहा।
उसके बाद दोनों ने चादर उठाई और बाथ टब में डाल कर धोने लगी और सुधा बाहर आकर बिस्तर को सही करने लगी और उसके बाद अपने कपड़े पहनने लगी, उसको कपड़ा पहनते देखकर मरियम ने पूछा तो सुधा घर जाने की बात करने लगी।
मरियम ने मजे लेने के लिये उस रात को साथ में ही रूकने के लिये बोला, पर सुधा ने मना कर दिया.
इस पर मरियम बोली कि उसकी एक बार और लंड को चूत में लेने की इच्छा हो रही है और वो चाहती है कि इस बार भी सुधा साथ रहे.

अब मुझे भी आपत्ति नहीं थी पर सुधा के कहने पर मरियम ने गाउन पहना और नीचे जाकर कुछ मुआयना किया और आकर बोली- सभी लोग सोये हुए हैं।
मैं खड़ा उनकी बातें सुनता रहा, दोनों ने आपस में इशारा किया और मुझे धक्का देकर पलंग पर लेटा दिया और बारी-बारी से मेरे लंड को चूसने लगी। जब एक मेरा लंड चूसती तो दूसरी मेरे मुंह में बैठ जाती और अपनी चूत मुझसे चुसवाती!
उनके थोड़े से प्रयास से ही मेरा लंड तनकर एक बार फिर टाईट हो गया था।

लंड टाईट होने के बाद दोनों बिस्तर पर लेट गई और अपनी टांगें फैला दी, मैं बारी-बारी से दोनों की टांगों के बीच जाता और उनकी चूत को अपने लंड से पेलता जाता, इस बार मरियम और सुधा दोनों ही कुतिया पोजिशन में होकर चुदवाई और काफी देर तक मेरे लंड से खेलती रही.
इस बार जब मैं अपनी आखरी पोजिशन में पहुंचा तो दोनों मेरे लंड के नीचे आकर अपना मुंह खोल दी और मेरे लंड से निकलने वाले माल को बारी-बारी से लेकर पीने लगी।

इस तरह से मुझे एक ही दिन में दो कुंवारी विरजिन लड़कियों की चूत चोदने को मिली।
हाँ एक बात और, स्कूल में हम तीनों की केमेस्ट्री इतनी अच्छी हो गई थी कि जब भी मुझे उनको मूतते हुए स्कूल में देखना होता तो सबकी नजर बचाकर मेरे सामने मूतती और मैं उनके सामने, लेकिन ये बातें हमेशा छुट्टी के बाद होती ताकि किसी को पता न चले।
लेकिन मरियम कुछ थोड़ा सा ज्यादा एडवांस थी, जब भी उसको घर में मौका लगता तो वो मेरे कमरे में आ जाती और मुझे बाथरूम में खींचकर ले जाती और मेरे लंड पर वो मूतती और मैं उसकी चूत में मूतता।
यह खेल तब तक चलता रहा जब तक मैं उसका किरायेदार रहा।
 •
      Find
Reply


« Next Oldest | Next Newest »
Pages ( 2 ): « Previous 1 2


Possibly Related Threads...
Thread Author Replies Views Last Post
Mature  School's Junior became College girlfriend Kaustubh1262 4 3,647 08-05-2018, 08:52 PM
Last Post: rajbr1981
Romantic  Girl's Sex School {Devil} 51 175,953 25-12-2015, 06:50 PM
Last Post: vinayd
Incest  Chalti Train Main School Girl Ki Chut Phadi kunal56 4 11,878 29-08-2014, 02:14 PM
Last Post: arvindkrs39
Desi  School Ka Mast Tour rajbr1981 7 10,518 12-07-2014, 12:29 AM
Last Post: rajbr1981

  • View a Printable Version
  • Subscribe to this thread


Best Indian Adult Forum XXX Desi Nude Pics Desi Hot Glamour Pics

  • Contact Us
  • en.roksbi.ru
  • Return to Top
  • Mobile Version
  • RSS Syndication
Current time: 29-07-2018, 11:54 PM Powered By © 2012-2018
Linear Mode
Threaded Mode


doodh pilaya  vadina in telugu  desi pap  mamithanglish  mummy aur uncle  nudemujra  sex with bhabhi hindi story  dps school sex scandal  pornstar bunny de la cruz  sagi didi ne bathrum mr khudaya  hot indian saree photos  new tamil sex stories in tamil  telugu sex tories  indians hardcore  pakistani urdu fucking stories 2016 aisa bhi hota hai  pagtatalik stories  sex story in hinglish  mallu porm  malayalam sex stories read  elder sis sex  licking cream pies  sex story hindi bhabi  desi sex story hindi font  tamil dex stories  choti behan ki seal todi  suhagraat sex pic  sakshi tanwar boobs  grandma sexstories  vidiyos xxx  shaved desi pussy  மாமாவின் பால் வெறி  hindi sex story chudai  hindi sex stories maa ki chudai  tamil sez story  suhag raat xxx video  srilankan hot aunty  feer xxx video  Hindi Fantasy 2016 threadhindi sex story  rajasthani nude girls  aunty ne apna nichla honth dabake ishara kiya  hijra picture gallery  jetsons sex stories  bengali chat golpo  sakshi tanwar boobs  urdu sax stories  sexy stories in hindi font  shameless girls nude  hindi sex story baap beti  dps mms scandals  sex stories of suhagraat  lund muh me  Hindifontssexy storybooks  hindi hot kahaniyan  indian xpictures  desi pundai  malayam sex story  incest porn toon  new tamil akka sex stories  maa beta desi stories  desi port video  preity zinta bollywood sex  hinde sax stori  pakistani gay sex stories  real pinoy sex stories  indian prostitutes sex videos  didi kahani  kashmir girls images  mausi ne  big lun pic  वासना मुसल रतिक्रिया  exbii telugu sex stories  sister in law sex xxx  telugu sex clippings  hindi sexy reading story  bangla stories  exbii actress nude  tamil sex story in pdf  wives exhibitionist  hindi antervasana stories  old desi aunties  nude chubby selfies  sex kathalu in telugu  tagalog sexy stories  maan ki chut