14-01-2018, 08:11 PM
"हाँ ! हाँ ! मुझे मालूम हैं वो . मेरे प्यारे भाई !!"
ऐसा कहके उसने मजाक में मेरा गाल पकड़कर खींच लिया और मुझे ऐसे उसका गाल खींचना अच्छा नहीं लगता .
" दीदी !! तुम्हें मालूम हैं ना मुझे ऐसे करना पसंद नहीं . मैं क्या छोटा बच्चा हूँ अभी ? अब मैं काफी बड़ा हो गया हूँ "
"ओहो , हो , हो !! तुम बड़े हो गए हो ? तुम सिर्फ बदन से बढ़ गए हो , सागर ! लेकिन अपनी इस दीदी के लिए तुम छोटे भाई ही रहोगे ."
ऐसा कहकर उसने मुझे बाँहों में भर लिया , "नन्हा सा . छोटा भाई ! एकदम मेरे बच्चे जैसा !"
"ओहो, दीदी ! तुम मुझे बहुत बहुत अच्छी लगती हो . तुम हमेशा खुश रहो ऐसा मुझे लगता हैं और उसके लिए मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ " ऐसा कहकर मैंने भी उसे जोर से आलिंगन किया .
"मुझे मालूम हैं वो , सागर ! मुझे मालूम हैं ! मुझे भी तुम बहुत अच्छे लगते हो . तुम मेरे भाई हो इस बात का मुझे हमेशा फक्र होता हैं "
उस समय अगर मुझे किसी चीज का अहसास हो रहा था तो वो चीज थी मेरे सीने पर दबी हुई , मेरी बड़ी बहन की बड़ी बड़ी चूचियां !!
जैसा हमने तय किया था वैसे ही तीसरे दिन सुबह हम मुंबई जाने के लिए तैयार हो गए . हमें ठीक तरह से जाने के लिए कह के और यात्रा की शुभकामनाएं दे के संगीता दीदी के पति हमेशा की तरह अपनी दुकान चले गए . सब काम निपटाने के बाद संगीता दीदी ने मुझे कहा बाहर जाकर अगले नुक्कड़ से रिक्शा ले के आओ तब तक वो साड़ी वगैरा पहन के तैयार होती है . मैं गया और रिक्शा लेकर आया . रिक्शावाले को बाहर रुका के मैं अंदर आया और संगीता दीदी को जल्दी चलने के लिए पुकारने लगा . वो तैयार होकर बाहर आयी और उसे देख कर मैं हैरान रह गया . संगीता दीदी ने शिफॉन की सुन्दर साड़ी पहन ली थी . चेहरे पर उसने हलका सा मेकअप किया था . उसने साड़ी अच्छी खासी लपेट के पहनी थी जिससे उसका अंग अंग उभर के दिख रहा था . कुल मिला के वो बहुत ही सुन्दर और सेक्सी लग रही थी .
"वाह ! ये साड़ी में कितनी अच्छी लग रही है , दीदी !. और आज तुम बहुत सुन्दर दिख रही हो , हमेशा से काफी अलग !"
"कुछ भी मत बोल , सागर ! ये साड़ी तो पुरानी है और मैंने हमेशा से कुछ भी अलग नहीं किया हैं ."
"मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ , दीदी ! सचमुच तुम बहुत आकर्षक लग रही हो . मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा हैं कि मेरी बहन इतनी सेक ..... सुन्दर दिखती है .."
"ओहो . यानी तुम कहना चाहते थे कि सेक्सी दिखती है . है ना , सागर ?" संगीता दीदी ने शरारती अंदाज में कहा .
"हाँ ?? न . नहीं . यानी .!" मैं उसे जवाब देते देते हड़बड़ा गया .
ऐसा कहके उसने मजाक में मेरा गाल पकड़कर खींच लिया और मुझे ऐसे उसका गाल खींचना अच्छा नहीं लगता .
" दीदी !! तुम्हें मालूम हैं ना मुझे ऐसे करना पसंद नहीं . मैं क्या छोटा बच्चा हूँ अभी ? अब मैं काफी बड़ा हो गया हूँ "
"ओहो , हो , हो !! तुम बड़े हो गए हो ? तुम सिर्फ बदन से बढ़ गए हो , सागर ! लेकिन अपनी इस दीदी के लिए तुम छोटे भाई ही रहोगे ."
ऐसा कहकर उसने मुझे बाँहों में भर लिया , "नन्हा सा . छोटा भाई ! एकदम मेरे बच्चे जैसा !"
"ओहो, दीदी ! तुम मुझे बहुत बहुत अच्छी लगती हो . तुम हमेशा खुश रहो ऐसा मुझे लगता हैं और उसके लिए मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ " ऐसा कहकर मैंने भी उसे जोर से आलिंगन किया .
"मुझे मालूम हैं वो , सागर ! मुझे मालूम हैं ! मुझे भी तुम बहुत अच्छे लगते हो . तुम मेरे भाई हो इस बात का मुझे हमेशा फक्र होता हैं "
उस समय अगर मुझे किसी चीज का अहसास हो रहा था तो वो चीज थी मेरे सीने पर दबी हुई , मेरी बड़ी बहन की बड़ी बड़ी चूचियां !!
जैसा हमने तय किया था वैसे ही तीसरे दिन सुबह हम मुंबई जाने के लिए तैयार हो गए . हमें ठीक तरह से जाने के लिए कह के और यात्रा की शुभकामनाएं दे के संगीता दीदी के पति हमेशा की तरह अपनी दुकान चले गए . सब काम निपटाने के बाद संगीता दीदी ने मुझे कहा बाहर जाकर अगले नुक्कड़ से रिक्शा ले के आओ तब तक वो साड़ी वगैरा पहन के तैयार होती है . मैं गया और रिक्शा लेकर आया . रिक्शावाले को बाहर रुका के मैं अंदर आया और संगीता दीदी को जल्दी चलने के लिए पुकारने लगा . वो तैयार होकर बाहर आयी और उसे देख कर मैं हैरान रह गया . संगीता दीदी ने शिफॉन की सुन्दर साड़ी पहन ली थी . चेहरे पर उसने हलका सा मेकअप किया था . उसने साड़ी अच्छी खासी लपेट के पहनी थी जिससे उसका अंग अंग उभर के दिख रहा था . कुल मिला के वो बहुत ही सुन्दर और सेक्सी लग रही थी .
"वाह ! ये साड़ी में कितनी अच्छी लग रही है , दीदी !. और आज तुम बहुत सुन्दर दिख रही हो , हमेशा से काफी अलग !"
"कुछ भी मत बोल , सागर ! ये साड़ी तो पुरानी है और मैंने हमेशा से कुछ भी अलग नहीं किया हैं ."
"मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ , दीदी ! सचमुच तुम बहुत आकर्षक लग रही हो . मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा हैं कि मेरी बहन इतनी सेक ..... सुन्दर दिखती है .."
"ओहो . यानी तुम कहना चाहते थे कि सेक्सी दिखती है . है ना , सागर ?" संगीता दीदी ने शरारती अंदाज में कहा .
"हाँ ?? न . नहीं . यानी .!" मैं उसे जवाब देते देते हड़बड़ा गया .