Click Here to Verify Your Membership
First Post Last Post
Desi मजबूर (एक औरत की दास्तान)

(07-01-2018, 09:29 PM)dpmangla : Nice One

(08-01-2018, 01:13 AM)Jittu029 : Nice one

(09-01-2018, 03:25 PM)virat singh12 : Nice one
Keep updating

(10-01-2018, 01:41 AM)me2work4u : वहुत अच्छा लिखा है

Thankyou Thank You.

1 user likes this post  • ShakirAli
Quote

अभी कुछ ही वक़्त गुजरा था कि डोर-बेल बजी। जब रुखसाना ने दरवाजा खोला तो बाहर उसकी सौतन अज़रा खड़ी थी। रुखसाना को देख कर उसने एक कमीनी मुस्कान के साथ सलाम कहा और अंदर चली आयी। रुखसाना ने दरवाजा बंद किया और ड्राइंग रूम में आकर अज़रा को सोफ़े पर बिठाया। “और सुनाइये अज़रा भाभी-जान कैसी है आप!” रुखसाना किचन से पानी लाकर अज़रा को देते हुए तकल्लुफ़ निभाते हुए पूछा।

अज़रा: “मैं ठीक हूँ... तू सुना तू कैसी है?”
 
रुखसाना: “मैं भी ठीक हूँ भाभी जान... कट रही है... अच्छा क्या लेंगी आप चाय या शर्बत?”
 
अज़रा: “तौबा रुखसाना! इतनी गरमी में चाय! तू एक काम कर शर्बत ही बना ले!”
 
रुखसाना किचन में गयी और शर्बत बना कर ले आयी और शर्बत अज़रा को देकर बोली, “भाभी आप बैठिये, मैं ऊपर से कपड़े उतार लाती हूँ...!” रुखसाना ऊपर छत पर गयी और कपड़े ले कर जब नीचे आ रही थी तो कुछ ही सीढ़ियाँ बची थी कि अचानक से उसका बैलेंस बिगड़ गया और वो सीढ़ियों से नीचे गिर गयी। गिरने की आवाज़ सुनते ही अज़रा दौड़ कर आयी और रुखसाना को यूँ नीचे गिरी देख कर उसने रुखसाना को जल्दी से सहारा देकर उठाया और रूम में ले जाकर बेड पर लिटा दिया। “हाय अल्लाह! ज्यादा चोट तो नहीं लगी रुखसाना! अगर सलाहियत नहीं है तो क्यों पहनती हो ऊँची हील वाली चप्पलें... मेरी नकल करना जरूरी है क्या!”
 
अज़रा का ताना सुनकर रुखसाना को गुस्सा तो बहोत आया लेकिन दर्द से कराहते हुए वो बोली, “आहहह हाय बहोत दर्द हो रहा है भाभी जान! आप जल्दी से डॉक्टर बुला लाइये!” ये बात सही थी कि रुखसाना की तरह अज़रा को भी आम तौर पे ज्यादातर ऊँची ऐड़ी वाले सैंडल पहनने का शौक लेकिन रुखसाना उसकी नकल या उससे कोई मुकाबला नहीं करती थी।
 
अज़रा फ़ौरन बाहर चली गयी! और गली के नुक्कड़ पर डॉक्टर के क्लीनिक था... वहाँ से डॉक्टर को बुला लायी। डॉक्टर ने चेक अप किया और कहा, “घबराने की बात नहीं है... कमर के नीचे हल्की सी मोच है... आप ये दर्द की दवाई लो और ये बाम दिन में तीन-चार दफ़ा लगा कर मालिश करो... आपकी चोट जल्दी ही ठीक हो जायेगी!”
 
डॉक्टर के जाने के बाद अज़रा ने रुखसाना को दवाई दी और बाम से मालिश भी की। शाम को फ़ारूक और सुनील घर वापस आये तो अज़रा ने डोर खोला। फ़ारूक बाहर से ही भड़क उठा। रुखसाना को बेडरूम में उसकी आवाज़ सुनायी दे रही थी, “भाभी जान! आपने क्यों तकलीफ़ की... वो रुखसाना कहाँ मर गयी... वो दरवाजा नहीं खोल सकती थी क्या?”

3 users like this post  • dpmangla, ShakirAli, saira
Quote

अज़रा: “अरे फ़ारूक मियाँ! इतना क्यों भड़क रहे हो... वो बेचारी तो सीढ़ियों से गिर गयी थी... चोट आयी है... उसे डॉक्टर ने आराम करने को कहा है!”

सुनील ऊपर जाने से पहले रुखसाना के कमरे में हालचाल पूछ कर गया। सुनील का अपने लिये इस तरह फ़िक्र ज़ाहिर करना रुखसाना को बहोत अच्छा लगा। रुखसाना ने सोचा कि एक उसका शौहर था जिसने कि उसका हालचाल भी पूछना जरूरी नहीं समझा। रात का खाना अज़रा ने तैयार किया और फ़ारूक सुनील को ऊपर खाना दे आया। फ़ारूक आज मटन लाया था जिसे अज़रा ने बनाया था। 
 
उसके बाद फ़ारूक और अज़रा दोनों शराब पीने बैठ गये और अपनी रंगरलियों में मशगूल हो गये। थोड़ी देर बाद दोनों नशे की हालत में बेडरूम में आये जहाँ रुखसाना आँखें बंद किये लेटी थी और चूमाचाटी शुरू कर दी। रुखसाना बेड पर लेटी उनकी ये सब हर्कतें देख कर खून के आँसू पी रही थी। उन दोनों को लगा कि रुखसाना सो चुकी है जबकि असल में वो जाग रही थी। वैसे उन दोनों पे रुखसाना के जागने या ना जागने से कोई फर्क़ नहीं पड़ता था।
 
“फ़ारूक मियाँ! अब आप में वो बात नहीं रही!” अज़रा ने फ़ारूक का लंड को चूसते हुए शरारत भरे लहज़े में कहा।
 
फ़ारूक: “क्या हुआ जानेमन... किस बात की कमी है?”
 
अज़रा: “हम्म देखो ना... पहले तो ये मेरी फुद्दी देखते ही खड़ा हो जाता था और अब देखो दस मिनट हो गये इसके चुप्पे लगाते हुए... अभी तक सही से खड़ा नहीं हुआ है!”
 
फ़ारूक: “आहह तो जल्दी किसे है मेरी जान! थोड़ी देर और चूस ले फिर मैं तेरी चूत और गाँड दोनों का कीमा बनाता हूँ!”
 
“अरे फ़ारूक़ मियाँ अब रहने भी दो... खुदा के वास्ते चूत या गाँड मे से किसी एक को ही ठीक से चोद लो तो गनिमत है...!” अज़रा ने तंज़ किया और फिर उसका लंड चूसने लगी।
 
थोड़ी देर बाद अज़रा फ़ारूक के लंड पर सवार हो गयी और ऊपर नीचे होने लगी। उसकी मस्ती भरी कराहें कमरे में गुँज रही थी। रुखसाना के लिये ये कोई नयी बात नहीं थी लेकिन हर बार जब भी वो अज़रा को फ़ारूक़ के साथ इस तरह चुदाई के मज़े लेते देखती थी तो उसके सीने पे जैसे कट्टारें चल जाती थी। थोड़ी देर बाद उन दोनों के मुतमाइन होने के बाद रुखसना को अज़रा के बोलने की आवाज़ आयी, “फ़ारूक मैं कल घर वापस जा रही हूँ!”

3 users like this post  • dpmangla, ShakirAli, saira
Quote

फ़ारूक: “क्यों अब क्या हो गया..?”

अज़रा: “मैं यहाँ तुम्हारे घर का काम करने नहीं आयी... ये तुम्हारी बीवी जो अपनी कमर तुड़वा कर बेड पर पसर गयी है... मुझे इसकी चाकरी नहीं करनी... मैं घर जा रही हूँ कल!”
 
रुखसाना को बेहद खुशी महसूस हुई कि चलो सीढ़ियों से गिरने का कुछ तो फ़ायदा हुआ। वैसे भी उसे इतना दर्द नहीं हुआ था जितना की वो ज़ाहिर कर रही थी। उसे गिरने से कमर में चोट जरूर लगी थी लेकिन शाम तक दवाई और बाम से मालिश करने कि वजह से उसका दर्द बिल्कुल दूर हो चुका था लेकिन वो अज़रा को परेशान करने के लिये दर्द होने का नाटक ज़ारी रखे हुए थी।
 
फ़ारूक: “अज़रा मेरे जान... कल मत जाना...!”
 
अज़रा: “क्यों... मैंने कहा नहीं था तुम्हें कि तुम मेरे घर आ जाओ... तुम्हें तो पता है तुम्हारे भाई जान दिल्ली गये हैं... दस दिनों के लिये घर पर कोई नहीं है!”
 
फ़ारूक: “तो ठीक है ना कल तक रुक जओ... मैं कल स्टेशान पे बात करके छुट्टी ले लेता हूँ... फिर परसों साथ में चलेंगे!”
 
उसके बाद दोनों सो गये। रुखसाना भी करवटें बदलते-बदलते सो गयी। अगली सुबह जब उठी तो देखा अज़रा ने नाश्ता तैयार किया हुआ था और फ़ारूक डॉयनिंग टेबल पर बैठा नाश्ता कर रहा था। फ़ारूक ने अज़रा से कहा कि ऊपर सुनील को थोड़ी देर बाद नाश्ता दे आये। दर असल उस दिन सुनील ने छुट्टी ले रखी थी क्योंकि सुनील को कुछ जरूरी सामान खरीदना था। फ़ारूक के जाने के बाद अज़रा ने नाश्ता ट्रे में रखा और ऊपर चली गयी। थोड़ी देर बाद जब अज़रा नीचे आयी तो रुखसाना ने नोटिस किया कि उसके होंठों पर कमीनी मुस्कान थी। पता नहीं क्यों पर रुखसाना को अज़रा के नियत ठीक नहीं लग रही थी।
 
रुखसाना की कमर का दर्द आज बिल्कुल ठीक हो चुका था लेकिन वो नाटक ज़ारी रखे हुए बिस्तर पे लेटी रही। अज़रा से उसने एक-दो बार बाम से मालिश भी करवायी। इस दौरान रुखसाना ने फिर नोटिस किया कि अज़रा सज-धज के ग्यारह बजे तक बार-बार किसी ना किसी बहाने से चार पाँच बार ऊपर जा चुकी थी। रुखसाना को कुछ गड़बड़ लग रही थी। फिर सुनील नीचे आया और रुखसाना के रूम में जाकर उसका हाल चल पूछा। रुखसाना बेड से उठने लगी तो उसने रुखसाना को लेटे रहने को कहा और कहा कि वो बाज़ार जा रहा है... अगर किसी चीज़ के जरूरत हो तो बता दे... वो साथ में लेता आयेगा। रुखसाना ने कहा कि किसी चीज़ की जरूरत नहीं है। सुनील बाहर चला गया और दोपहर के करीब डेढ़-दो बजे वो वापस आया। 

2 users like this post  • ShakirAli, saira
Quote

Nice Posts

Quote

Great going... keep updating

Quote

उसके बाद रुखसाना की भी बेड पे लेटे-लेटे आँख लग गयी। अभी उसे सोये हुए बीस मिनट ही गुजरे थे कि तेज प्यास लगने से उसकी आँख खुली। उसने अज़रा को आवाज़ लगायी पर वो आयी नहीं। फिर वो खुद ही खड़ी हुई और किचन में जाकर पानी पिया। फिर बाकी कमरों में देखा पर अज़रा नज़र नहीं आयी। बाहर मेन-डोर भी अंदर से बंद था तो फिर अज़रा गयी कहाँ! तभी उसे अज़रा के सुबह वाली हर्कतें याद आ गयी... हो ना हो दाल में जरूर कुछ काला है... कहीं वो सुनील पर तो डोरे नहीं डाल रही? ये सोचते ही पता नहीं क्यों रुखसाना का खून खौल उठा। वो धड़कते दिल से सीढ़ियाँ चढ़ के ऊपर आ गयी। जैसे ही वो सुनील के दरवाजे के पास पहुँची तो उसे अंदर से अज़रा की मस्ती भरी कराहें सुनायी दी, “आहहह आआहहह धीरे सुनील डर्लिंग... आहहह तू तो बड़ा दमदार निकला... मैं तो तुझे बच्चा समझ रही थी.... आहहह ऊहहह हायऽऽऽ मेरी फुद्दी फाड़ दीईई रे.... आआहहहह मेरी चूत... सुनीललल!”

ये सब सुन कर रुखसाना तो जैसे साँस लेना ही भूल गयी। क्या वो जो सुन रही थी वो हकीकत थी! रुखसाना सुनील के कमरे के दरवाजे की तरफ़ बढ़ी जो थोड़ा सा खुला हुआ था। अभी वो दरवाजे की तरफ़ धीरे से बढ़ ही रही थी कि उसे सुनील की आवाज़ सुनायी दी, “साली तू तो मुझे नामर्द कह रही थी... आहहह आआह ये ले और ले... ले मेरा लौड़ा अपनी चूत में साली... अगर रुखसाना भाभी घर पर ना होती तो आज तेरी चूत में लौड़ा घुसा-घुसा कर सुजा देता!”
 
अज़रा: “हुम्म्म्म हायऽऽऽ तो सुजा दे ना मेरे शेर...  ओहहह तेरी ही चूत है... और तू उस गश्ती रुखसाना की फ़िक्र ना कर मेरे सनम... वो ऊपर चढ़ कर नहीं आ सकती.... और अगर आ भी गयी तो क्या उखाड़ लेगी साली!”
 
रुखसाना धीरे- धीरे काँपते हुए कदमों के साथ दरवाजे के पास पहुँची और अंदर झाँका तो अंदर का नज़ारा देख कर उसके होश ही उड़ गये। अंदर अज़रा सिर्फ़ ऊँची हील के सैंडल पहने बिल्कुल नंगी बेड पर घोड़ी बनी हुई झुकी हुई थी और सुनील भी बिल्कुल नंगा उसके पीछे से अपना मूसल जैसा लौड़ा तेजी से अज़रा की चूत के अंदर-बाहर कर रहा था। अज़रा ने अपना चेहरा बिस्तर में दबाया हुआ था। उसका पूरा जिस्म सुनील के झटकों से हिल रहा था। “आहहह सुनील मेरी जान... मैंने तो सारा जहान पा लिया... आहहह ऐसा लौड़ा आज तक नहीं देखा... आहहह एक दम जड़ तक अंदर घुसता है तेरा लौड़ा... आहहह मेरी चूत के अंदर इस कदर गहरायी पर ठोकर मार रहा है जहाँ पहले किसी का लौड़ा नहीं गया... आहहह चोद मुझे फाड़ दे मेरी चूत को मेरी जान!”
 
रुखसाना ने देखा दोनों के कपड़े फ़र्श पर तितर-बितर पड़े हुए थे। टेबल पे शराब की बोतल और दो गिलास मौजूद थे जिससे रुखसाना को साफ़ ज़ाहिर हो गया कि सुनील और अज़रा ने शराब भी पी रखी थी। इतने में सुनील ने अपना लंड अज़रा की चूत से बाहर निकला और बेड पर लेट गया और अज़रा फ़ौरन सुनील के ऊपर चढ़ गयी। अज़रा ने ऊपर आते ही सुनील का लंड अपने हाथ में थाम लिया और उसके लंड के सुपाड़े को अपनी चूत के छेद पर लगा कर उसके लंड पर बैठ गयी... और तेजी से अपनी गाँड ऊपर नीचे उछलते हुए चुदाने लगी। सुनील का चेहरा दरवाजे की तरफ़ था। तभी उसकी नज़र अचानक बाहर खड़ी रुखसाना पर पड़ी और दोनों की नज़रें एक दूसरे से मिली। रुखसाना को लगा कि अब गड़बड़ हो गयी है पर सुनील ने ना तो कुछ किया और ना ही कुछ बोला। उसने रुखसाना की तरफ़ देखते हुए अज़रा के नंगे चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़ कर दोनों तरफ़ फ़ैला दिया।

1 user likes this post  • saira
Quote

अज़रा की गाँड का छेद रुखसाना की आँखों के सामने नुमाया हो गया जो अज़रा की चूत से निकले पानी से एक दम गीला हुआ था। सुनील ने रुखसाना की तरफ़ देखते हुए अपनी कमर को ऊपर की तरफ़ उछालना शुरू कर दिया। सुनील का आठ इंच का लंड अज़रा की गीली चूत के अंदर बाहर होना शुरू हो गया। सुनील बार-बार अज़रा की गाँड के छेद को फैला कर रुखसाना को दिखा रहा था। रुखसाना के पैर तो जैसे वहीं जम गये थे। वो कभी अज़रा की चूत में सुनील के लंड को अंदर-बाहर होता देखती तो कभी सुनील की आँखों में!

सुनील: “बोल साली... मज़ा आ रहा है ना?”
 
अज़रा: “हाँ सुनील मेरी जान! बहोत मज़ा आ रहा है.... आहहह दिल कर रहा है कि मैं सारा दिन तुझसे अपनी चूत ऐसे ही पिलवाती रहूँ... आहहहह सच में बहोत मज़ा आ रहा है...!”
 
सुनील अभी भी रुखसाना की आँखों में देख रहा था। फिर रुखसाना को अचानक से एहसास हुआ कि ये वो क्या कर रही है और वहाँ से हट कर नीचे आ गयी। उसकी सलवार में उसकी पैंटी अंदर से एक दम गीली हो चुकी थी। उसे ऐसा लग रहा था कि जिस्म का सारा खून और गरमी चूत की तरफ़ सिमटते जा रहे हों! वो बेड पर निढाल सी होकर गिर पड़ी और अपनी टाँगों के बीच तकिया दबा लिया और अपनी चूत को तकिये पर रगड़ने लगी पर चूत में सरसराहट और बढ़ती जा रहा थी। रुखसाना की खुली हुई आँखों के सामने अज़रा की चूत में अंदर-बाहर होता सुनील का आठ इंच लंबा और बेहद मोटा लंड अभी भी था। अपनी सलवार का नाड़ा ढीला करके उसका हाथ अंदर पैंटी में घुस गया। वो तब तक अपनी चूत को उंगलियों से चोदती रही जब तक कि उसकी चूत के अंदर से लावा नहीं उगल पढ़ा। रुखसाना का पूरा जिस्म थरथरा गया और उसकी कमर झटके खाने लगी। झड़ने के बाद रुखसाना एक दम निढाल सी हो गयी और करीब पंद्रह मिनट तक बेसुध लेटी रही। फिर वो उठ कर बाथरूम में गयी और अपने कपड़े उतारने शुरू किये। उसने अपनी सलवार कमीज़ उतार कर टाँग दी और फिर ब्रा भी उतार कर कपड़े धोने की बाल्टी में डाल दी और फिर जैसे ही उसने अपनी पैंटी को नीचे सरकाने की कोशिश की पर उसकी पैंटी नीचे से बेहद गीली थी और गीलेपन के वजह से वो चूत की फ़ाँकों पर चिपक सी गयी थी। रुखसाना ने फिर से अपनी पैंटी को नीचे सरकाया और फिर किसी तरह उसे उतार कर देखा। उसकी पैंटी उसकी चूत के लेसदार पानी से एक दम सनी हुई थी। उसने पैंटी को भी बाल्टी में डाल दिया और फिर नहाने लगी। नहाने से उसे बहुत सुकून मिला। नहाने के बाद उसने दूसरे कपड़े पहने और बाथरूम का दरवाज़ा खोला तो उसने देखा कि अज़रा बेड पर लेटी हुई थी और धीरे-धीरे अपनी चूत को सहला रही थी।
 
रुखसाना को बाथरूम से निकलते देख कर अज़रा ने अपनी चूत से हाथ हटा लिया। रुखसाना आइने के सामने अपने बाल संवारने लगी तो अज़रा ने उससे कहा,  “रुखसाना मैं कल घर वापस जाने की सोच रही थी लेकिन अब सोच रही हूँ कि तुम्हारी कमर का दर्द ठीक होने तक कुछ दिन और रुक जाऊँ!” रुखसाना के दिल में तो आया कि अज़रा का मुँह नोच डाले। बदकार कुत्तिया साली पहले तो उसके शौहर को अपने बस में करके उसकी शादीशुदा ज़िंदगी नरक बना दी और ज़िंदगी में अब जो उसे थोड़ी सी इज़्ज़त और खुशी उसे सुनील से मिल रही थी तो अज़ारा सुनील को भी अपने चंगुल में फंसा रही थी। रुखसाना ने कुछ नहीं कहा। कमर में दर्द का नाटक जो उसने अज़रा को जल्दी वापस भेजने के लिये किया था अब अज़रा उसे ही यहाँ रुकने का सबब बना रही थी। अब उसे यहाँ पर तगड़ा जवान लंड जो मिल रहा था।

1 user likes this post  • saira
Quote

badiya jaa rahe ho

Quote

Jabardast kahani.

Quote






lesbian sex ki kahanimilky bobesnokrani ko sanama dakaya vedeoadult story in hindi fontsasu ko chodasexy kahaniansaalitamil kathaikal sexebony hairy armpitsbaap beti ki sexy storyhindi bhai bahan sex storiessexy bahentamil sexy stories in tamil languagemarathi chavatmarathi hot katha in pdfnetcafe scandelssexy rap story in hinditelugu hot boothu storiesreal life aunties hot photosdesipornvideos videosindian hairy armpitspundai mudipron malayalamnew hot hindi sex storiestamil aunty dirty storytelugu insect storiesdesiporn videoelder sister brother sexindian mms video scandalgooa xxxdesi aunty changingmaihindisexnangi salinude girls undresstamil dirty storeysnude amateur setsnaked mujra videolite erocticareal mms scandalsdidi gandseducing in sareekashmir fucking videosbangla choti 01mother exbiiladki ki bursex kathaluyang pusiindianhomemadesex tamil auntieschuth picsrajasthani hot girldesi hairy armpitsgirls striping nackedtamilsex.vomaunty ka burmalayalam stories hothindi sex story hindi fontsex stories in hindi wordsindian sex 4youdesi milk storiesmarathi sexstoryaunt ki chudaichalo ab meri gand chatobrandy ryder pornsneha tamil sex story42d boobssexy kahani in hindi fontspinky and rakeshpuja ki chutmeri pantybhabhi ki chuअश्लीलसाहित्य written by mastrammastram ki sexy storytelugu xxx storiesnri lesbianslund choot hinditypes of vaginas with picturestelugu xxx stories in telugusasur sex storydesi bikini exbiigand maartelugu family sex stories in teluguhindi sex katha in hindi fontdesi prono videotamil actress shakilapink nipplskama unarchi kathaigal tamililtamil fuckerजबरदस्त मजाfucking stories in urdu fontbeti aur baaptamil amma kamakathaikal in tamil language with photos