• HOME
  • AWARDS
  • Search
  • Help
Current time: 29-07-2018, 11:11 PM
Hello There, Guest! ( Login — Register )
› XXX STORIES › Hindi Sex Stories v
« Previous 1 2 3 4 5 6 7 8 ..... 61 Next »

Desi विधवा मा ओर दो बेटों की जीवन नइया

Verify your Membership Click Here

Pages ( 4 ): « Previous 1 2 3 4
Thread Modes
Desi विधवा मा ओर दो बेटों की जीवन नइया
jd195195 Offline
Soldier Bee
**
Joined: 30 Jan 2017
Reputation: 40


Posts: 448
Threads: 74

Likes Got: 323
Likes Given: 42


db Rs: Rs 56.61
#31
12-05-2018, 05:56 PM
अब रचना उठती है और अपने ब्लाउज को पहन कर उसके बटन लगाने लगती हैं तब सौरव उसके हाथों को पकड़ के रोक लेता है और कहता है माँ इन्हें ऐसे ही रहनेदो ना ....
रचना - पागल हो गया है क्या रवि घर पर ही है तो सौरव फटाक से कहता है कि मैं उसके दरवाजे की कुंडी बाहर से लगा देता हूं वो जब उठेगा तो तुम्हे या मुझे आवाज जरूर लगाएगा तब मैं उसे खोल दूंगा और फिर से जिद्द करने लगता है कि प्लीज मा । तब रचना कहती हैं कि ठीक है और वो वापिस से ब्लाउज उतार करऊपर से नंगी हो जाती है और किचन में चली जाती है और सौरव हॉल में बैठ कर अपनी माँ को नंगी काम करते हुए देखते रहता है........रचना की हिलती हुई चुचिया सौरव के लन्ड को अकड़ने पर मजबूर कर रही थी औरजब सौरव को बर्दाश्त नही हुआ तो वो अपने लन्ड को बाहर निकाल कर हिलाने लगा काम करते करते जब रचना अचानक से पलटी तो सौरव को और उसके लन्ड को देख के वो पिघलने लगी और कुछ देर तक वो उसे ऐसे ही नीहारती रही फिर सौरव उसे देख कर हस दिया तब रचना उसे अपनी आंखें दिखा कर वापिस अपने काम मे लग गयी.....।दोपहर का खाना तैयार करने के बाद रचना वापिस हॉल में आई तब तक सौरव वहीलन्ड निकले सोफे पे बैठ कर टीवी पे गाने देख रहा था मगर उसका ध्यान टीवी पर कम रचना पे ज्यादा था.....रचना जब उसके पास आई तो सौरव से बोली कि जा रवि को उठा दे और फिर खाना खाते है सब मिल कर....तब सौरव ने रचना को झुकने को कहा और उसके झुकते ही उसकी चुचियो को वापिस से मुह में भर लिया और रचना एक बार फिर से पागल होने लगी.....उससे खड़ाहोना मुश्किल हो रहा था तब उसने जबरदस्ती अपनी चुचिया सौरव के मुह से छुड़ा कर कहती है क्या है सौरव जा तेरे भाई को उठा दे उसे चोट लगी है खाना खिला दूंगी।
सौरव - मा तुम खुद जाओ ना मैं इसे ऐसे कैसे ले कर जाऊ....(उसका इशारा खड़े लन्ड की तरफ था)......
रचना - और मैं ऐसे जाऊ..... गधा....चल जा और वो सौरव के कमरे में जाति है जहाँ उसकी ब्लाउज उतरी हुई थी.....कमरे में आने के बाद वो सोची की वो कितनी गलत थी सौरव क्या था और क्या समझ बैठी थी और साथ ही साथ किचन में नंगी चुचिया हिला हिला कर काम की ये सब उस्की चूत को और भी गीली बना रहे थे....
 •
      Find
Reply


jd195195 Offline
Soldier Bee
**
Joined: 30 Jan 2017
Reputation: 40


Posts: 448
Threads: 74

Likes Got: 323
Likes Given: 42


db Rs: Rs 56.61
#32
12-05-2018, 05:57 PM
रचना वापिस सौरव के कमरे में आ कर अपना ब्लाउज पहनती है और कमरे से निकल जाती है तबतक रवि भी उठ चुका होता है और रचम सीधे उसके कमरे में जाति है और सौरव बाथरूम में जा कर अपने माँ को सोच सोच कर मुठ मारने लगता है जब रचना रवि के पास जाती है और उससे पूछती है ।
रचना - बेटा दर्द कैसा है.....रवि - अभी काफी आराम है माँ....तुंहरी मालिश ने काफी हद तक आराम दिलवाया....सौरव कहा है...रचना - वो शायद बाथरूम में गया है...तभी रवि जो चादर के नीचे अभी भी नंगा बैठा हुआ था वो अपना हाथ बढ़ा कर बोलता है माँ तुम्हारे ब्लाउज का एक बटन खुला हुआ है और माँ तुमने साड़ी भी अभी तक नही पहनी है.....रचना उसके इस सवाल से बहुत ही ज्यादा घबरा और शर्मा जाती है...उसके कुछ बोलते नही बन रहा था....रचना- वो बेटा वो....आज गर्मी बहुत है ना जब तुझे संभालते वक़्त साड़ी खुल गयी थी तो उससे वक़्त ध्यान ही नही रहा और उसके बाद कामो में इतनी उलझ गयी कि क्या बताऊँ वैसे मुझे गर्मी से काफी राहत मिल रही थी शायद इसलिए भी ध्यान नही रहा....मैं अभी पहन लेती हूं कह कर वो साड़ी उठाने के लिए बढ़ी ही रही थी किरवि ने उसका हाथ पकड़ कर रोक दिया और कहा.....रवि - रहने दो मा ऎसे ही ठीक है वैसे भी तुम्हे इन् कपड़ो में ज्यादा आराम है और मेरे और सौरव के अलावा है ही कौन....और उसका हाथ पकड़ कर बेड पे बैठा लेता है और फिर बोलता है ।रवि - मा तुम घर मे कैसे भी रह सकती हो मा तुम्हे हमसे घबराने की कोई जरूरत नही है वैसे भी पापा के जाने के बाद काफी दुख और तकलीफे उठायी है तुमने....अब जितना हो सके आराम और खुसी से रहा करो...उसकी नजर बार बार अपनी माँ के खुले हुए ब्लाउज के बटन पर जा रही थी जिसे रचना बखूबी देख रही थी मगर वो रवि की बाते चुपचाप सुन रही थी.... तभी कमरे में सौरव आया.....और आते के साथ बोला है माँ भइया बिल्कुल ठीक कह रहा है....तुम घर मे साड़ी मत पहना करो.....जब गर्मी लगती है तो उसको खुद में क्यों दबाये रखना और जबकि घर मे केवल हम दोनों ही रहते है....रचना - चुप करो तुम दोनों कैसे कहते हो मैं केवल ब्लाउज और पेटिकोट में रहू तुम दोनों मेरे बेटे हो इतना बोल ही रही थी रचना की रवि ने उसके मुह पे हाथ रख दिया और नाटकीय ढंग से बोला....रवि - मा मेरी इतनी तनख्वाह तो है नही की मैं एक ऐ.सी. लगवा दु और अगर तुम हमारे कारण खुद को ऐसे जलाओगी तो हमारा दिल दुखेगा.....रचना उसके कहने का मतलब साफ साफ समझ चुकी थी कि वो उसे क्या कहना चाहता है....और वो नही चाहती थी कि रवि या सौरव को उसके वजह से दिल दुखे या आंखों में आंसू आये.....उसने तुरंत रवि को बोला बेटा कैसी बाते करता है मैन कभी कहा क्या तुझे ऐसी किसी भी चीज केलिए......रवि - तुमने बोला नही तो क्या मा हमने महसूस किया है कि तुम कैसे एक छोटी सेछोटी चीज के लिये तड़पी हो.....और अब हम दोनो ये नही चाहते बिल्कुल भी....बस्स सौरव भी रचना का हाथ पकड़ता है और उसके सीने मे सिर सटा कर कहता है माँ तुम हमे समझने की कोसिस करो कुछ गलत नही है इसमें....तभी रवि भी रचना की छाती में सिर लगा देता है और रचना उन्न दोनो को अपने सिने में दबा लेती है..... और कहती है मेरे बच्चो मुझे गलत मत समझना मैं कुछ सोच समझ नही पाई थी और अब से मैं एक वादा करती हूं जब भी मुझे कली तकलीफ या किसी चीज की जरूरत होगी मैं तुमदोनो से बोला करूंगी...औरजोर से उन्न दोनो को अपने सीने में दबा लेती है ।उसके ब्लाउज के उससे एक खुले हुए बटन से सौरव ने बड़ी ही चालाकी से ब्लाउज के तीन और बटन खोल दिये अब केवल एक बटन पर उसका ब्लाउज उसके छातियों पर टिका हुआ था औऱ तभी सौरव ने उसकी एक चूची को पूरा का पुरा बाहर कर दिया औरनिप्पल को चूसने लगा जिसका आभास होते ही रचना ने सौरव को हटाया सौरव भी तुरंत हट गया मगर जब रवि हटा तो रचना शर्म से दोहरी हो गयी क्योकि उसकी दोनो चुचिया लगभग लगभग नंगी हालात में उसके दोनों बेटों के सामने उन्न दोनो के बीच केवल एक पेटिकोट में बैठी थी....रचना लगभग चिल्ल्लाते हुए सौरव को कहती है ये क्या करता है तू सौरव मेराब्लाउज क्यों खोल दिया....सौरव के बोलने से पहले रवि कहता है.....रवि - मा तुम्हारे दूध पिने की इच्छा हुई कई सालों के बाद तुमने हमे इस तरहअपने सीने से लगाया ना और तुम्हारे ब्लाउज के बटन भी खुले हुए थे इसलिए माँ..... और वो तुरत ग्लानि भाव से घूम जाता है और उठने लगता है मगर दर्द का नाटक करते हुए वो लरखरा जाता है जिसे रचना पकड़ती है और तभी रवि के हाथ से रचना का ब्लाउज का आखिरी बटन टूट जाता है और दोनों चुचिया लटक जाती है.... रवि - मुझे माफ़ करना मा मैं ने गलत किया मा मैं .....तभी रचना अपनी एक चूची रवि के मूह में दे देती है....जिसेरवि कुछ सेकण्ड्स तक ऐसे ही रखे रहता है और फिर चुसने लगता हैरवि जैसे ही चूची चुसने लगता है इधर सौरव भी दूसरी चूची को मुह में भर लेता है और साथ साथ अपना शॉर्ट्स को उतार देता है और पूरा नंगा हो जाता है.....
और अब आलम ये था कि एक कमरे में रचना ऊपर से अपने ब्लाउज को खोल कर अपनी दोनों चुचियो को अपने बेटों के मुह में दिए अपने दोनों हाथ उनके सरो पे रख कर आंखे बंद किये उसके दोनों बेटे जो भी पूरे तरह से नंगे था उनके साथ अधनंगी हालत में खड़ी थी.....तभी सौरव ऐसा कुछ करता है जिसकी कल्पना रचना ने की ही नही थी....
 •
      Find
Reply


jd195195 Offline
Soldier Bee
**
Joined: 30 Jan 2017
Reputation: 40


Posts: 448
Threads: 74

Likes Got: 323
Likes Given: 42


db Rs: Rs 56.61
#33
12-05-2018, 06:00 PM
सौरव अपनी माँ की चूची के निप्पल को काफी बेदर्दी से दांतों में ले कर चुभलाते हुए चूस भी रहा और काट भी रहाथा ठीक वैसा ही रवि भी कर रहा था और वो दोनों नंगे थे.....सौरव अपना लन्ड हाथो में पकड़े हुए था जबकि रवि का लन्ड चादर के अंदर था मगरपूरी तरह से अकड़ा हुआ और रचना टी चूचीचुसाई में मशगूल थीतभी सौरव रचना के पेटिकोट का नाड़ा खिंच देता है जिससे पेटिकोट एक पल में जमीन पे गिर जाता है....रचना भी पूरी की पूरी नंगी हो जाती है और सौरवअपने हाथ रचना की चुतरो पर ले जा कर कस कर दबाता है और उसके चुतरो की दरारमें अपनी उंगली को ऊपर से नीचे फिराने लगता है....इधर रवि का हाथ ज्योही रचना की चुतरो को छूता है वो झटके से पीछे होती है जिसका नतीजा ये होता है कि दोनों बेटों ने जो उसके निप्पल्स को दांतो में गड़ा कर चूसे जा रहे थे वो छिल जाते है औऱ रचना चिहुँक उठती है और वो वैसे ही नंगी हालत में सौरव को कहती है ये तुमने मेरी पेटिकोट को क्यों उत्तर दीया और वो अपने पेटिकोट को उठाती है मगर पहनती नही उसे केवल अपने बदन से चीपका लेती हैरचना का ब्लाउज पूरा खुला हुआ था और तो और वो नीचे से भी नंगी थी एक तरह से देखा जाए तो वक वो पूर्ण रूप से नंगी खड़ी थी अपने दोनों बेटों के सामने..... तभी सौरव के कहने से पहले रवि कहता है....माफ करना मा वो मैं जज्बातों में बह गया था तभी मेरी हाथो से तुम्हारा पेटिकोट का नाड़ा खुल गया और तुम नंगी हो गयी माँ.... रचना उसे देखती है ये तुम दोनों क्या कर दिए मुझे ही नंगी कर दिया पहले बोला दूध पीना है और अब इस हाल में नंगी कर के खड़ी कर रखा है मुझे....हालांकि रचना कह तो रही थी मगर वो अपनी पेटिकोट को पहन नही रही थी....सौरव - माँ ये तो नाइंसाफी है ना हमदोनो भाई नंगे है और तुम कपड़ो में क्यो रहोगी इसलिए शायद भाई ने इसे खोल दिया अब जब उतर ही गयी है तो रहने दो ऐसे ही वैसे भी हमसे क्या छुपा रह गया है तुम्हारा मा हम कोई गैर थोड़े है....
रचना - नही बिल्कुल नहीं मै नंगी नही रहूंगी तुमदोनो को रहना है रहो और रवि तुम्हे चोट लगी है ना आराम करो अब...खाना लगा देती हूं और ले कर आती हुतब खिलाऊंगी....ये सब बातें बोलते बोलते रचना के हाथ खुद ब खुद अलग हो जाते है और उसका पेटिकोट उसके हाथ मे था और जमीन पे रगड़ा रहा था उसका पूरा बदन उन्न दोनो के सामने था तभी सौरव रचना का हाथ पकड़ कर वापिस से बेड पे बैठा देता है और इस बार रचना का पेटिकोट वही गिर जाता है जहाँ वो खड़ी थीअब वो केवल एक खुले हुए ब्लाउज में दोनों के बीच पूरी की पूरी नंगी बैठी थी और रवि कहता है....मा अब जब हम नंगे है ही तो क्या दिक्कत है ऐसे रहने मेंयह हमारे अलावा और कौन है ही....औऱ तो और ऐसे में हमे जब मन करेगा तब तब हम तुम्हारे ये दूध पी सकते है और ऐसा कहकर वो झुकता है चुचियो की तरफ मगर वो देखता है कि उसकी माँ की चुचियो आए खून निकल रहा था....वो जोर से आवाज लगा कर कहता है माँ....ये क्या हुआ माँ... और उसकी चुचियो को हाथो में ले कर देखता है और सौरव भी वही करता है सामने से आकर उसकी दूसरी चूची को देखता है और सच में रोते हुए कहता है ओह्ह माँ हमेमाफ कर दो माँसौरव सच मे रो रहा था रचना को फिर से दुख होता है और खुशि भी की ये सौरव उससे कितना प्यार करता है....और वो दोनों उसके खून बहते हुए चुचियो को वापिस से मुह में भर लेते है और रचना फिर से दर्द और मजे के एहसास के समंदरमें गोते लगाने लगती है....कुछ देर के बाद रचना कहती है कि चलो चलो बहुत हो गया दूध पीना अब चलो खाना खाते है...और वो उठने लगती है और उठ कर सामने गिरे हुए पेटिकोट को उठाने लगती है तो रवि कहता है माँ रहने दो ना....हम भी तो ऐसे ही है...और तुम्हे ऐसे में गर्मी बिल्कुल भी नही लगेगी.....वो फिर भी पेटिकोट उठा लेती है....औऱ कहती है कि मैं माँ हु तुम्हारी दूध पिलाने की बात अलग थी नंगी रहना एक अलग बात है....2जवान बेटो के सामने उनकी माँ ऐसे नंगी घूमेगी और उनका ये (उसका इशारा लन्ड की तरफ था) ऐसे ही लहराता रहेगा जिससे तुम्हे तकलीफ होगी और ये मैं बिल्कुल नही चाहती.... और पेटिकोट पहन लेती है और वापिस से अपने ब्लाउज के हुक लगाने लगती है मैं साड़ी नही पहनूँगी ठीक है लेकिन नंगी नही रहूंगी....कतई नही....तभी अचानक सौरव रचना का पेटिकोट वापिस से खोल देता है वो उसे कहती है देख सौरव बदमाशी न कर वरना मैं फिर से गुस्सा हो जाऊंगी....तभी सौरव कहता है अच्छा तो फिर रहना रवि भैया के साथ मैं तो चल जाऊँगा....और अपना सिर घूम लेता है.....रचना फिर से वो सब सोच लेती है जो सौरव ने उसे अपने कमरे में बताया था....ओर वो तुरन्त अपना ब्लाउज भी उतार देती है और नंगी खड़ी हो कर कहती है दोनो से की अब ठीक है मेरे बच्चों.... और बेमन से मुस्कुरा देती है सौरव इसे भाप लेता है और रचना को पेटिकोट वापिस करते हुए कहता है माँ तुम उदास मत रहो मा पहन लो पेटिकोट येलो!....रचना सोचती है कि कितना प्यार करता है ये मगर वो रवि के सामने कैसे खुल कर बोलती तभी रवि कहता है कि माँ अब क्यों आप शर्मा रही हो अब हमदोनो ने आपको नंगी देखा छुआ है अभी भी आप नंगीही खड़ी हो बल्कि हम दोनों भी नंगे बैठे है...रचना को भी ये सही ही लगता हैकि दोनों से छुपाने के लिए बचा ही क्या है.....और वो फिर कहती है मैं उदास नही हु बस्स थोड़ा अजीब लग रहा है....ऐसेनंगी रहने में .....और घूम कर बाहर जाने लगती है ये कह कर की सौरव रवि की सहारा दे कर बाहर हॉल में ले आ खाना खाएंगे....औऱ वो चली जाती है...इधर दोनो भाई आपस में गले मिलते है औऱ कहते है मुबारक हो भाई आखिर हमें आधी सफलता मिल ही गयी....अब बाकी का आधा बड़े ही सोच समझ कर करना होगा....कह कर दोनो फिरसे गले मिलते है और रवि खरा होता है और अंगराई लेता है और सौरव उसे आराम से साथ ले कर हॉल में पहुचता है.....जब उनकी नजर उनकी नंगी मा पर जाती है तो उन्न दोनो के लन्ड बगावत पर उतर आए मगर अभी कोई भी जल्दबाजी काम बिगर सकती थी.....इसलिए वो आ कर खाने के टेबल पर बैठ जाते है....रचना खाना ले कर आती है और खुद अपने हाथों से दोनो नंगे बेटो को नंगी हो कर खिलाई और खुद भी खाई....खाना खाने के बाद दोनों भाई वही हॉल में ही सोफे ऑयर बैठ जाते है और रचना किचन में नंगी काम कर रही होती है...जिसको दोनो भाई बारी बारी से देख रहे थे और रचना भी जानती थी कि उनदोनोकी नजर उसपर ही चिपकी हुई है...काम खत्म करने के बाद वो नंगी ही हॉल में आती है और कहती है कि वो लेटने जा रही है और वो जब जाने लगती है तो रवि कहता है रुको माँ हम भी चलते है....आज से हम सब एक ही बिस्तर पर सोया करेंगे.... तुम्हारे दूधो को पीते हुए....जैसे बचपन मे सोते थे.... रचना हस कर कहती है ठीक है मेरे बच्चो जैसा तुम कहो....और वो रूम में आ जाती है और सौरव और रवि उसके पीछे पीछे कमरे में बेड पर पहले सौरव रवि को चढ़ाता है फिर रचना उसे सहारा दे कर आगे बढ़ाती है फिर सौरव भीचढ़ जाता है अब रचना पूरी नंगी उनदोनो के साथ बेड पर बैठी थी तभी सौरव कहता है माँ तुम अपने बालों की सफाई नही करती हो उसकी चूत पे हाथ रखते हुए और रवि भी सौरव की हा में हा मिलाते हुए वो भी हाथ रख देता है जिससे रचना के बदन मव सुरसुरी दौड़ जाती है वो केवल इतना ही कह पाती है कि ये सब मुझे नही आता और नाही कभी जरूरत पड़ी..... तब सौरव कहता है कोई बात नही मा मगर एक बात बताऊ ऐसे बाल रखने से इन्फेक्शन का खतरा बना रहता है और कभी कभी तो पसीनेके कारण खुजली भी हो जाती है और वही खुजली आगे चल कर घाव कर देती है....रचनाबोलती है मुझे इन् सब का ज्ञान नही है....मैं शुरू से ऐसी ही रही हु...रवि - तभी तो माँ तुम बराबर इसे खुजाती रहती थी अपने साड़ी के ऊपर से....सौरव ऐसा कर शेविंग किट ले आ आज मा की बालो की सफाई कर देते है....रचना - क्या तुम लोग भी अभी ये सब करनाजरूरी है बाद में करेंगे.... अभी रहने दो तभी सौरव कहता है नही मा करवा लो साफ और उठ कर शेविंग किट ले आता है और फिर एक बोतल ठंडा पानी.... और चादर तो थी ही.....ये सब होने तक रचना कुछ नही कहती और वैसे ही बैठी रहती है....उसके बाद सौरव कहता है माँ लेट जाओ भइया तुम्हारी बालो की सफाई कर देगा...वो चुपचाप लेट जाती है ऑयर सौरव खुद अपने हाथों से रचना की पैरो को फैला देता है जिससे रचना की चूत खुल जाती है....और उन्नदोनो कि आंखे चमक उठती है....रचना शर्मा जाती है....ये सोच कर की है भगवान ये वो कहा से कहा आ गयी एक ही दिन में....और रवि उसकी जांघोके बीच ठंडे पानी की कुछ छीटे उसकी चूत पर गिराता है रचना आह कर उठती हैउसके बाद रवि अपनी माँ की चूत पे शेविंग फोम लगाता है और कुछ ही सेकण्ड्स के बाद वो रेजर से बड़ी ही सावधानी से उसके बालो की सफाई करने लगता है.....कुछ ही पलों में रचना की चूत चमक उठती है....एकदम पावरोटी के तरह फूली हुई....बिना बालो वाली चूत उसके बेटो के सामने थी.....तभी सौरव रचना की चुत पर ठंडे पानी का छिड़काव करता है जिससे रचना बोल उठती हक़ी हाय बेटा ये क्या करते हो !!! उफ्फ मेरी जानलोगे क्या....
सौरव - नही माँ कैसी बाते करती है देखो तो अपनी चुत को कैसे निखर आयी है....और तभी रवि कहता है कि सौरव मा की पीछे भी काफी बाल है उन्हें भी साफ किये देता हूं...इतना कहना था कि सौरव रचना को उलटी कर देता है जिससे उसकी गाड़ उनके सामने आ जाती हैरचना हाथ पीछे ले जा कर कहती है यह कुछ नही है ये गंदी जगह है इसे छोर दो...सौरव - नही मा ऐसा कुछ नही है तुम बस्सलेटी रहो हमे अपना काम करने दो और अब उसकी गांड को सौरव दोनो हाथो से फैला कर रवि को दिखता है और कहता है भाई यहां भी करो और फ़ी रवि अपने काम मे लग जाता है जब तक सौरव रचना की गांड को दोनो हाथो से फैलाये रखता है जिससे रचना का गुलाबी छेद उन्न दोनो के सामने खुलता औऱ सिकुड़ता रहता है जिससे रचना के साथ साथ दोनो की भी हालत खराब हो रही थी.....सौरव का तो मन हो रहा था कि अभी वो अपना लन्ड रचना की गांड में ठूस दे....मगर वो ये स
 •
      Find
Reply


jd195195 Offline
Soldier Bee
**
Joined: 30 Jan 2017
Reputation: 40


Posts: 448
Threads: 74

Likes Got: 323
Likes Given: 42


db Rs: Rs 56.61
#34
12-05-2018, 06:01 PM
.मगर वो ये सब प्यार से करना चाहताथा इतनी मेहनत को वो बेकार नही करना चाहता था....वैसे भी सब्र का फल मीठा होता है.....गांड की भी सफ़ाई करने के बाद वो रचना को पलटते है और रचना का चेहरा देखने लायक था...पूरा लाल लाल हो गया था उसका चेहरा उत्तेजना के कारण....दोनो भाइयो ने उससे पूछा कि माँ अब देखो तुम्हारी ये चुत की हालत और अपने गांड की भी...रचना मुस्कुरा कर कहती है तुम दोनों को पसंद आई न तुम्हे ही किया तुमलोगो को पसंद आनी चाहिए....मेरी खुशि तुमदोनो में ही है....सौरव और रवि - ओह्ह मा कहते हुए उसे गालो पे चुम लेते है तभी सौरव शेविंग किट उठा कर रख आता है...और वापिस आ कर रचना से चिपक कर लेट जाता है जबकि उन्नदोनो के हाथ रचना की चुचियो और चूत से खिलवाड़ करते रहते है।।।जिससेरचना रोक कर कहती है अब थोड़ा आराम भी करने दो....जब से लगे पड़े हो....फिर दोनोंभाई हस कर अपने सिर रचना की चुचियो पेरख कर लेट जाते है....
 •
      Find
Reply


jd195195 Offline
Soldier Bee
**
Joined: 30 Jan 2017
Reputation: 40


Posts: 448
Threads: 74

Likes Got: 323
Likes Given: 42


db Rs: Rs 56.61
#35
12-05-2018, 06:03 PM
शाम के वक़्त जब रचना जब नींद से जागतीहै तब वो देखती है कि दोनो बेटे उसकी चुचियो पर सर रखे और हाथ उसकी चूत पर रखे सो रहे है....उसे उनदोनो पर बहुत हीप्यार आता है....कुछ देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद वो उनदोनो को उठाती है औरकहती है उठो बच्चो शाम हो गयी है.....और फिर वो दोनों नींद से जागते ही अपनी माँ की चूत को मुट्ठी में भर का भींच देते है जिससे रचना कराह उठती है और कहती है जगते ही शैतानी शुरू....और फिर वो उन्नदोनो के बीच से उठ कर बेहद ही कामुकता के साथ ये कहते हुए बाहर चली जाती है कि उठ कर मुह हाथ धो लो और सौरव तुम रवि की मदद कर देना....मैं चायबना कर लाती हु....और अपनी गांड मटकाती हुई बाथरूम चली जाती है वो आज पहली बार पूरी नंगी हालत में अपने घर मे घूम रही थी वो भी उसके दोनों बेटों केमौझुदगी में....उसे खुद में आश्चर्य होता हैतभी उसका ध्यान अपनी चिकनी चूत पर जाता है उस पर हाथ लगाते ही वो सिहर उठती है उसकी चूत काफी चिकनी हो गयी थी और इसका एहसास उसके लिए बिल्कुल नया था वो सोची की पता नही आगे ये क्या क्या करवाएंगे.....खैर वो मूतने के बाद वापिस नंगी हॉल में आती है जहाँ वो दोनों पहले से ही बैठे रहते है वो रचना को कहते है....
सौरव - मा बहुत ही अच्छी लग रही हो और तो और अब गर्मी भी नही लग रही होगी ।इनके ऐसे बात सुन कर वो शर्मा जाती हैऔर कहती है चुप करो सब तुमदोनो का किया धरा है....और फिर किचन में चली जाती है.... चाय बना कर लाती है और दोनो बेटो को झुक कर देती है तो उसकी चुचिया लटक जाती है उनके सामने जिससे उनके लन्ड में फिर से तनाव आने लगता है....वो बोलती है अभी सोचना भी मतअभी खाने की तैयारी करनी है कपडे रखे है धोने है....चुय चाप चाय पी कर टिवी देखो मैं चली काम निपटाने.... ये सब रातको....ये बात बोल कर वो फिर से शर्मा जाती है....की वो ये क्या बोले जा रही है और कितनी बेबाक तरीके से नंगी हो कर उनके सामने चाय दे रही है....तभी सौरव उसकी एक चुचि को चाय के गर्म कप में डूबा कर हटा लेता है जिससे रचना की चुचियो में गरम चाय का एहसास होते ही वो चिल्ला उठती है.....और कहती है ये क्या हरकत है सौरव इनको जला देगा तो चूसेगा किसे...और वो वही सोफे पे उनके बीच मे बैठ जाती है और रवि अपना हाथ रचना की चुतरो पे रख देता है और रचना के बैठते ही वो दब जाते है रचना कुछ नही बोलती और अपनी एक चुची को हाथो में लिए उसे फुकने लगती है तभी सौरव उसकी चुची को अपने हाथो में ले कर मुहमें ले लेता है और चुसने लगता है क्योंकि सुबह उन्नदोनो ने उसकी चुचियो को छील दिया था और अभी उसपे गर्म चाय उफ्फ क्या जुल्म किया था उसने....रचना की दूसरी चुची को रवि चुसने लगता है...5 मिनट की चुसाई के बाद सौरव सोचता है कि आगे बढ़ा जाए मगरतभी रचना खुद ब खुद अपने दोनों हाथ दोनो के लन्ड पर रख देती है और सहलानेलगती है और उसकी साँसे बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गयी थी....उन्नदोनो के खुसी का ठिकाना नही रहता दरअसल रचना जो है वो कब से अपने अंदर की कामाग्नि को दबाये हुए थी मगर आज वो सब बाहर आने को आतुर था अब वो भी अपने बदन की ज्वाला को बुझाना चाहती थी...लग ही नही रहा था कि वो दो जवान बेटो की माँ है....एक वासना की भूखी औरत की तरह व्यवहार कर रही थी तभी सौरव बिना वक़्त गवाए झटके से उठ कर सोफे के नीचे फर्श पर आ जाता है औऱ रचना की टांगो को फैला देता है.....और अपना मुह उसकी सालो से अनछुई चूत पर लगा देता है और चाटने लगता है रचना तोजैसे अब मरी तब मरी वालो हालत हो गयी थीं उसने रवि के लन्ड को इतनी जोर से रगड़ना चालू किया कि वो भी बेचारा आह आह माँ करने लगा पर रचना तो चूट चटवाईमें इतनी खो गयी थी कि उसे कुछ नही सूझ रहा था....वो आह सुरु मेरे बच्चे आहमार डाला रे आह क्या कर रहा है कहा मुह लगा दिया।।।।। ओह्ह माँ मैं मरी रे।।आह ओह्ह सौरव रचना की टांगे पूरी तरह से खोल कर चुत की गहराइयों तक चुसने लगा बीच बीच मे उसके दाने कोकाट भी ले रहा था ऊपर रवि उसकी दोनो चुचियो पे कब्जा जमाए हुए था जिससे रचना मजे ओर दर्द से दोहरी हो जा रही थी और 10 मिनट की लगातार चुत चटवाई और चुची चुसाई के बाद उसका बदन ऐंठने लगा और वो झरने लगी और उसका सारा रस सौरव पीने लगता है....1 मिनट तक झरने के बाद रचना हांफती हुई सोफे पे निढाल सी पड़ जाती है.....अब सौरव अपनी माँ को खड़े हो कर उसके होठो को चूम लेता है और ये देख कर रवि भी उसके होठ चुम लेता है....औऱ तभी रचना कहती है....शैतानों तुम्हारी वजह से आज मवरे शरीर का एक बहुत ही बड़ा बोझ हल्का हो गया ऐसा लगा जैसे कितनी दिनो कि कसर आज निकली हो.....मेरे प्यारे शैतानो....आज तुमने मुझे जो मजा दिया वो मैं कभी नही भुल पाऊंगी....तभी सौरव कहता है....मा अभी तो ये शुरुवात है....आगे आगे देखो तुम्हे तुम्हारे ये शैतान कैसेकैसे मजा देते है....बस्स तुम अपना प्यार हमे देना और कभी भी गलग मत समझना....हम दोनों भाई तुम्हे हमेशा खुश रखेंगे....दुनिया की हर खुशि तुम्हारे कदमो में ला कर रखेंगे माँ.... और वो हस्ते हुए दोनो को अपने सिने से वापस लगा लेती है....फिर वो कहती है तुम दोनो ने शाम की चाय भी नही पीने दी...बहुत ज्यादा बदमाश हो भाई....और हस देती है....तभी रविकहता है अब से हम घर मे नंगे ही रहेंगे.... सब काम तुम नंगी ही रह कर करोगी माँ अब से ये कपड़े की कोई जरूरतनही....और हा मा आज का खाना बाहर से आएगा वो भी तुम्हारी पसन्द का...रचना - मेरी पसंद वही है जो तुमदोनो कि है तुमदोनो जो लाओगे मैं खाऊँगी.... और एक बात अगर घर मव कोई आएगा तब भी ऐसे ही नंगे रहेंगे हम....सौरव कहता है कौन आता ही है यह मा हमारे पास.... ओर अगर गलती से आ भी गया तो तब की तब देखेंगे... फिलहाल तो हम नंगे ही रहेंगे... और रवि सौरव को कहता है खाना बाहर से लाने...तब वो कहता है भाई तुम भी साथ मे चलो....तब रचना कहती है इसको चोट लगी है ये कहा से जाएगा.... रवि सौरव को आंखों ही आंखों में इशारे से कहता है कि वो चला जाए अभी चोट का भेद खोलना सही नही रहेगा....तीनो एक साथ खड़े होते है और रवि और सौरव एक साथ उसकी चुतरो के दोनों पल्लो को अपने अपने एक हाथ मे दबा कर दूसरे हाथ से उसकी एक एक चुची को पकर कर कहते हैरवि - सौरव - आज रात को हम तुम्हे एक बार फिर से औरत बनानेवाले है माँ और उसके गालो के साथ साथ उसके गर्दन पर भी चुम लेते है.....रचना फिर से एक बार अंदर तक सिहर जाती है...वो कहती है अब मैं तुमदोनो की ही हु.....जैसे रखो बस मुझे कभी छोर कर मत जाना और ये बोल कर वो सौरव के कान पकड़ लेती है और कहती है.... खास कर तू समझा...सौरव - हा मा हा समझ गया...आह अब कान तो छोरो.....वो उसके कान छोर देती है और किचन में जाने लगती है चाय के कप्स कोउठा कर और दोनों भाई...अपने कमरे मे आ कर एक दूसरे से गले मिल कर खुसी जाहिरकरते है....की आखिर इस जंग में उनकी जीतहुई....अब आने वाले रात का इंतेजार था...
 •
      Find
Reply


jd195195 Offline
Soldier Bee
**
Joined: 30 Jan 2017
Reputation: 40


Posts: 448
Threads: 74

Likes Got: 323
Likes Given: 42


db Rs: Rs 56.61
#36
12-05-2018, 06:05 PM
रात का खाना सौरव बाहर से लाने चला जाता हैं और इधर रचना किचन का काम निपटाने में लग जाती है.... रवि हॉल मेंबैठा आने वाले चुदाई को ले कर सोच रहाथा आखिर उसने और उसके भाई ने जीत हासिल कर ही ली थी.... अब कोई नही था उनके बीच न शर्म न हया न पर्दा कुछ नही....तभी सौरव खाना ले आता है रचना भीउसकी आवाज सुन कर बर्तन ले कर टेबल परआती है वो नंगी घर मे घूमती हुई बहुत ही मादक दिख रही थी और खाना खाने के बाद वो तीनो कमरे में आये जहा रचना सोती थी....आज से सब मा बेटे वही सोने वाले थे....सौरव - मा आज हम तुम्हे खूब प्यार देंगे और लेंगे भी.....आज से एक नई जिंदगी की शुरुवात हो रही है हमारी....रवि - हॉ भाई सही बोले जीवन के इस पड़ावपर आ कर पता चला कि प्यार मिलना भी क्या होता है खास कर जब वो तुम्हारे जैसे औरत का हो माँ....वो तीनो नंगे ही थे कमरे में खरे थे....रचना - मेरे बच्चो आज से जैसा तुमलोग कहोगे वैसा मैं करूंगी आख़िर मेरे पास तुमदोनो के अलावा है ही कौन जिसको मैं अपना कह सकू......रवि रचना को एक चुची को पकड़ कर कहता है माँ अब इन्हें हमसे दूर मत करना कभी...हम सब अब एक है तीन शरीर एक जान. ....माँ हम तुम्हे बहुत प्यार करते है और करेंगे भी....रचना - अच्छा जब तुम दोनों की पत्नियां आ जाएंगी तब इस बुड्ढी औरत को भूल जाओगे....रवि - नही माँ ये ऐसा कभी हो ही नही सकता..... सौरव भो उसकी हा में हा मिलाता है.....और दोनो उसके गले लग जातेहै.....और रचना उन्न दोनो को कस कर दबा लेती है और तब सौरव कहता है चलो भाई अब सोने चलते है....और एक शरारत भरी मुस्कान हस देता है....जिसका मतलब रचना बखूबी समझती है....सौरव बेड पर चढ़ जाता है और रचना भी फट से बेड पर चढ़ जाती है...रवि अपनी माँ कीहरकतो को देख कर मन्द मन्द मुस्कुरा रहा था...वो भी बेड पर चढ़ जाता है और फिर दोनों भाई रचना को एकदम चिपका लेते है खुद से....रचना भी उनका साथ देती है....रचना के नंगे बदन ने तो उनके लन्ड मेंआग लगा रखी थी ही अब उसके बदन का स्पर्श ने उसमे आग में घी का काम कर दिया था....दोनो के लन्ड अकड़ कर उसकी चुत और गांड से टकरा रहे थे....कमरे की बत्ती अभी भी जल रही थी तो एक दूसरे को अच्छे से देख सकते थे जो माहौल को और रोमानी बना रह था....सौरव सबसे पहले रचना की पीठ पर चुम्मबन की बरसात कर देता है और रवि उसके गर्दन पर बस्स इतना ही काफी था रचना की आग को भड़काने के लिए....औऱ रचनाउनदोनो के लन्ड पकड़ कर सहलाने लगती है और तभी सौरव उठ कर रचना की एक चुची को मुह में भर लेता है और रवि भी ऐसा ही करता है....और उनके हाथ रचना कक चिकनी चुत पर आ जाते है और रचना उनका स्वागत खुले टांगो से करती है....सौरव फटाक से अपनी दो उंगली उसकी चुत में घुसा देता है जिससे रचना तड़प उठती है....रचना - आह.....बेटा आह....और वो अपनी कमर उठाने लगती है तभी रवि सौरव को हटा कररचना की टांगो के बीच आ कर उसकी चुत में मुह लगा देता है....औऱ सौरव भला कैसे पीछे रह सकता था उसने तुरंत रचना को ऐसे पलट जिससे रचना की गांड उपर आ गयी और रवि नीचे चला गया उसकी चुत को चाटते हुए और सौरव रचना की गांड को फैला कर उसके छेद को चाटने लगता है जिससे रचना तो लगभग पागल ही हो जाती है...रचना - आह बेटे...... ओह्हहहह....मा मरी मैं....उफ्फ बेटा रवि अब रचना की चूत को दांतों से ले कर चुभला रहा था जिससे रचना झरने के कगार पे आ रही थी तभी रवि उसकी चुत से मुह हटा लेता है और सौरव उसकी गांड सेरचना तड़प कर रह जाती है और उठ कर कहती है क्या हुआ रवि हट क्यों गए...दरअसल ये दोनों रचना को तड़पाना चाहता था जिससे उनकी पहली चुदाई में ओर मजा आने वाला था...तभी दोनो भाई अपने लन्ड रचना को दिखाते हुए कहते है माँ अगर तुम झर जाओगी तो इन् बेचारो का क्या होगा.....और इतना कहना था कि रचना फुर्ती के साथ झुक के उनके लन्ड को मुह में भर लेती है एक साथ दो दो लन्ड उसकी मुह में अट नही रहे थे फिर भी वो पूरी कोसिस कर रहीं थी कि दोनों को खुश कर सके क्योकि वो उनदोनो को अब दुखी नही करना चाहती थी....10 मिनट की चुसाई के बाद रचना की मुह थक गया था जिसे उनदोनो ने देख लिया था मगर फिर भी रचना उनके लन्ड चूसे जा रही थी और तभी सौरव अपनी माँ की गांड को सहलाते हुए उसे दबा देता है ओर रवि उसे उठा देता है और रचना लाल लाल चेहरा लिए उन्नदोनो की तरफ सवालिया नजरो से देखती है ....सौरव रचना की टांगो को पकड़कर बेड के किनारे कर देता है और रचना की जगह खुद लेट जाता है.....तभी रवि - माँ तुम सौरव के ऊपर आ जाओ....रचना बिना देर किये उसके ऊपर आ जाती है रचना की लटकती हुई चुचियो को देख कर सौरव का लन्ड एक झटका खाता है...और रवि कहता है कि माँ अपनी कमर कोउठाओ वो उठती है तभी रवि उसकी चुत को फिर आए चाटने लगता है....जिससे रचना फिर से पागल होने लगती है और उत्तेजना भरे स्वर में कहती है......तुमदोनो के ये काम मुझे समझ नही आते...आह...उह ओह.....आई.... कुछ ही मिनट के बाद जब रचना की चूत पूरी गीली हो जातीहै तब रवि सौरव के लन्ड को सीधा पकड़ कर रचना की चूत के मुहाने पे लगाता है...तभी सौरव एक करारे झटके में आधा से ज्यादा लन्ड माँ की चूत में पल देता है जिससे रचना सहन नही कर पाती है और जोर से चीख पड़ती है....जिसको रवि जल्दी से आगे आ कर उसके होठ चुसने लगता है...और रचना अपने आप को संभाले हुए उकड़ू सौरव के दोनों तरफ पैर किये बैठी थी तभी सौरव जब देखता है कि माँ का दर्द कम है तो एक और झटका देता है और पूरा का पूरा लन्ड पेल देता है....इसबार रचना को चीखने का मौका नही मिलता क्योकि रवि उसके होठो को चूस रहा था.....सौरव अपना लन्ड ऐस ही घुसाए रखताहै और जब रचना शांत होने लगती है तब्बरवि उसके होठ छोड़ देता है और तुरंत नीचे झुक कर रचना की चूत जिसमे सौरव का लन्ड घुसा पड़ा था उसे साइड साइड स चुसने लगता है.....जिससे रचना का दर्द कम होने लगता है और मजा आने लगता है.....जिसे सौरव देख कर अपनी कमर हिलाने लगता है औऱ रवि रचना को सौरव के ऊपर झुका देता है रचना की चुचियो उसके लन्ड को और भड़का रही थी नतीजतन ये की अब सौरव पूरी ताकत से अपना लन्डअंदर बाहर कर रहा था.....औऱ रचना उसके सीने पर लेटी गांड हवा मे उचकाए आह आहओह्ह ओह्ह करती हुई अपने बेटे के लन्ड का स्वाद अपनी चुत से चख रही थी....तभी रवि सौरव के टांगो के बीच आता है जहाँ रचना की गांड उसे न्योता दे रही थी....वो उधर आ कर सौरव को रुकने बोलता है सौरव रवि का इरादा समझ कर रचना के होंठ चुसने लगता है ...और इधर रवि अपने माँ की गांड को फैलाता है औऱ उसमे एक साथ दो उंगली डाल देता है...जिससे रचना को बहूत दर्द होता है मगर होठ चुसवाने के कारण वो चीख नही पाती पर अपने हाथों से उसे छिपाती है कि नही वहा नही मगर रवि को तो करना था और तभी रवि पास ही रखी वेसिलीन की डिबिया उठता है और पूरी की पूरी डिबिया उसके गांड के छेद पे रगड़ देता है रचना बहुतबार हाथो से उसे रोकने की कोसिस की मगर सब बेकार और अछि तरह से छेद को मलने के बाद रवि अपना लन्ड को उसके छेद पे रगड़ता है रचना आने वाले लम्हे को सोच कर थर्रा उठती है....उसकी सारी उत्तेजना गायब हो गयी थी...तभी सौरव उसके होठ छोर देता है....रचना अपनी साँसों को नियंत्रित करते हुए उससे कहती है....
1 user likes this post1 user likes this post  • dpmangla
      Find
Reply


jd195195 Offline
Soldier Bee
**
Joined: 30 Jan 2017
Reputation: 40


Posts: 448
Threads: 74

Likes Got: 323
Likes Given: 42


db Rs: Rs 56.61
#37
12-05-2018, 06:06 PM
रचना - नही बेटा नही वहां नही वो जगह पे मैं इसे नही ले पाऊंगी..... तू आगे से कर ले बेटा मैं तुझे नही रोकूंगी.... परबेटा वहा नही....मैं मर जाऊंगी....वो लगभग गिरगिराते हुए कहती हैं मगर रवि नही मानता ह
रवि - कुछ नही होगा माँ बस्स तुम हौसला रखना....तुम्हे पहले थोड़ा दर्द होगा मगर फिर बहुत मजा आएगा....अब भला जिसकी गांड फटने वाली हो उसे क्या मजा सूझेगारचना - नही बेटा वहां नही तू रवि के साथ आगे ही कर ले....मगर वहां नही बेटा....रवि - तुमने जो कहा मा एक साथ सौरव के लन्ड के साथ मैं भी डाल दु तुम्हारी चुत में वो भी करूँगा मगर इसके बाद ओररचना की गांड़ पर एक करारा थप्पर लगा देता है....रचना कराह उठती है.....और रवि अपना लन्ड उसके गांड़ की छेद पे रखता है और तभी सौरव अपनी माँ को होंठ दुबारा चुसने लगता है....और इधर रवि रचना की गांड में जैसे जैसे लन्ड का दबाव डाल रहा था वैसे वैसे उसकी गांड़ का छेद फैलता जा रहा था और साथ साथ रचना की आंखे भी....वो हाथों से रवि को रोकती है धकेलती है मगर नतीजा सिफर ही रहता हैं......तभी अपने लन्ड के सुपारे को उसके छेद पर बैठाने के बॉद एक करारा जानदार झटका मारता है और पूरा का पूरा लन्ड एक ही बार मे अंदर जड़ तक पेल देता है.....रचना की आंखे फैल के बाहर आने को होती है......उसकी कुँवारी गांड से खून बहने लगता है.....वो छटपटाने लगती है.....सौरव से अपने होठो को जबरदस्ती खिंच कर छुरा कर दर्द से कराहने लगती हैं लगभग लगभग उसकी गांड़ फट गयीं थी....जिसका असहनीय दर्द उसे हो रहा था रवि के लन्ड को रचना की गांड़ के छल्लेने एकदम कस कर पकड़ा हुआ था तुरंत सौरवऔर रवि उसकी एक एक चुची को मुह में भर लेते हैं और उसके दर्द को कम करने की कोशिस करते है तब रचना कहती है मार डाला तुमलोगों ने आह मेरी कुँवारी गांड़ ओह उफ्फ....ऎसे कोई करता है भला....अपनी माँ के साथ....सौरव उसकी चुची छोर कर कहता है... कोई मा तुम जैसे प्यार भी तो नही कर सकती ना अपने बेटो के साथ.....रचना का दर्द के मारे बुरा हाल था वो सुबकते हुए कहती है चुप कर तू...आह तब सौरव वापिस से उसकी चुची कक मुयः में भर लेता हैं....आलम ये था कि सौरव सबसे नीचे बीच मे रचना और उसके ऊपर रवि.....हर रचना की चूत और गांड़ दोनो में ही लन्ड.....जिसकेदर्द को दोनो भाई मिल कर कम करने की कोशिश में लगे थे......
1 user likes this post1 user likes this post  • dpmangla
      Find
Reply


dpmangla Online
Archer Bee
***
Joined: 22 Jul 2016
Reputation: 60


Posts: 4,861
Threads: 0

Likes Got: 212
Likes Given: 6,365


db Rs: Rs 59.79
#38
12-05-2018, 07:02 PM
Nice Post
 •
      Find
Reply


Mrroxy Offline
New Bee
*
Joined: 30 May 2018
Reputation: 0


Posts: 2
Threads: 0

Likes Got: 1
Likes Given: 9


db Rs: Rs 5.02
#39
31-05-2018, 06:44 AM
Nice post ..plz update next one
 •
      Find
Reply


« Next Oldest | Next Newest »
Pages ( 4 ): « Previous 1 2 3 4


Possibly Related Threads...
Thread Author Replies Views Last Post
Desi  मेरा गुप्त जीवन [Mera Gupt Jeewan] honey boy 413 280,724 24-10-2017, 12:34 PM
Last Post: kinjusattu
Mature  जीवन का सफ़र urpussysucker 25 33,504 09-10-2016, 12:20 AM
Last Post: urpussysucker
Incest  विधवा मौसी ने चुदवाया विधवा मौसी ने चुदवाया व suraj110 2 26,001 06-10-2016, 09:25 PM
Last Post: suraj110
Romantic  विधवा की सुहागरात kunal56 2 42,982 15-02-2015, 11:28 PM
Last Post: icecandy
Desi  विधवा की अगन rajbr1981 2 32,743 31-12-2014, 03:14 AM
Last Post: rajbr1981
Incest  विधवा भाभी kunal56 11 52,939 15-12-2014, 02:29 AM
Last Post: esexmaster
Incest  विधवा बनी फिर सुहागन kunal56 5 24,818 15-12-2014, 02:22 AM
Last Post: esexmaster
Incest  विधवा मौसी की कामाग्नि kunal56 3 24,989 15-12-2014, 12:18 AM
Last Post: esexmaster

  • View a Printable Version
  • Subscribe to this thread


Best Indian Adult Forum XXX Desi Nude Pics Desi Hot Glamour Pics

  • Contact Us
  • en.roksbi.ru
  • Return to Top
  • Mobile Version
  • RSS Syndication
Current time: 29-07-2018, 11:11 PM Powered By © 2012-2018
Linear Mode
Threaded Mode


उधार देके चुदाई की  readindinsexstories  boor me louda pelo madarchod  mummy ki gaand  sneha sucking  sexcomics pdf  भाभी भिगा बदन देवर ने छु लिया nude xvideos  anjali from tarak mehta  kajal agarwal fuck  fake nude wallpaper  didi ke saath  nangi sali  maa ko choda sex stories  shriya saran armpits  chavat zavazavi katha  armpit hairy photo  sexy aunt in saree  pyari mami  gand lund stories  exbii desi  malaysian boobs  fakes of bollywood actress  lactating porn pictures  pinay kantutan stories  maa ki sex story  moti woman photo  sexy saree stripping  chachi ke saath  telugukathalu.com  sex telugulo  madhuri bicchit kaha ka rahnr wali hna  real life navel pictures  saniya mirza porn images  Maina saree or bahiya na sarwani pahna tha  mallu chechi photos  group sex golpo  kuwari ladki ki kahani  hindi sex stories in hindi fonts  tamil aunties sex stories  genelia gif  sexy aunties navel  big tited asian girls  hindi desi kahaniyan  indian aunty boobs exbii  telugu mms scandals  rakhi ki chut  mast bhabi  aunties hot in saree  hot stories in malayalam  urdu font sex storey  andhra aunty hot  banglore sex scandal  सैकसी मेरी बहन के साथ नौकरकी चुदाई कहानी  masala story malayalam  mallu lesbian story  mallu auntys pics  bhai bhan sex story  maa ka doodh piya  tarak mehta ka oolta chasma daya  nude boobas  hindi sax khaniya  aunty story telugu  hindi sax stori  oriya sex stories  asha kumara hardcore  www.handi sex story.com  desi breast feeding pics  madhuri dixit ki shadi photo  actress exbii  sexy aunties boobs images  real life aunties outdoor assets (Boobs,ass,back everything...Last post - Desibees  telugu real kathalu  ma ki cudai  teacher sex video leaked  sexy urdu stories in urdu font  tarak mehta ka oolta chasma apni tv  aunties hot navel show  undressed pic  big bobs image  adult bangla choti  baltkar photo  pure cunt  punjabi porn stories  bollywood actress sexstories  shakila sex photos  ibcest stories  telugo sex  mallika sherawat new pics  शरीर का थरथरना बिमारी  BathingSexstories in telugu  maa aur bete ki prem kahani  desi school girl video  exbii moms  hot telugu sexstories  indian aunty masala images