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Wife बारिस की थड़ी में भाभी की गर्म चुत की चुदाई

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Wife बारिस की थड़ी में भाभी की गर्म चुत की चुदाई
ravi3535 Offline
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#1
13-12-2017, 01:07 AM (This post was last modified: 20-12-2017, 08:11 PM by rajbr1981.)
हेलो दोस्तों मेरा नाम रवि है और आज में आप लोगो के सामने मेरी भाभी की चुदाई की कहानी ले कर आया हु। इस कहानी में आपको बतावुगा की कैसे बारिस के ठन्डे मौसम में  मुझे गरम भाभी की चुदाई करने का मौका मिला था ।

मेरी एक छोटी फॅमिली है जिस में मेरे आलावा मेरे भाई और भाभी भी शामिल है। मेरा भाई        अनिल की जो एक सरकारी दफ्तर में काम करता है और मेरी भाभी नीलिमा की जो एक  हाउसवाइफ है ।

में स्कूल के टाइम में भी अकसर चुदाई के सपने देखा करता था। कभी कबर भाभीयो की चुदाई की कहानी पड़ने मिलती इस कारन कभी सोचता रहता की भाई की शादी के बाद भाभी आयी तो उसे भी इस कहानी की तरह चोदुँगा।

समय बीतने के बाद भाई की शादी हो गई और भाभी घर आयी तो में भाभी की चुदाई के बारे मे चोचता रहता । अकसर भाभी को सोरी छुपे देखता। पर भाभी बहुत सीधी और संस्कारी थी। ये कुछ महीनो में समाज गया और अपनी भाभी की चुदाई का इरादा छोड़ दिया।

घर में हम दोनों एक छत के निचे होने के बजसे कभी कबर हम दोनों में छोटी मोती नोक जोक हो जाती और कभी कबर हम दोनों एक दूसरे की मस्ती भी किया करते। इस इस तरह २ साल बीत गये।

पर शायद मेरे नसीब में भाभी की चुदाई लिखी थी इस लिए एक दिन ऐसा आ ही गया की जब मुझे भाभी की चुदाई करने का मौका मिल गया।

उन दिनों बारिस का मौसम था और उन दिनों में भाई के दोस्त की शादी होने वाली थी और इस वजसे मेरे भाई को उसकी शादी में आने का आमंत्रण मिला।

मेरे भाई के दोस्त ने शादी के लिए हॉल बुक किया था और शादी से पहले रात को सब कार्यकम रखे थे इस वजसे हम लोग करीबन साम को हॉल पॉच गये। और फिर रात को सब कार्यकर्म का आनद उठाया और फिर रात को हॉल में ही सो गये।

सुबह में उठा तब मेने देखा की बारिश जोरो सोरो से हो रही थी। पर हॉल पेक होने की वजसे शादी में कोय दिकत नहीं आने वाली थी। इस लिए सब बिंदास हो कर शादी के लिए तैयार हो रहे थे।

में भी तैयार हो कर निचे वाले हॉल में पहुचा। वह भाई और भाभी साथ में खड़े थे तो में भी उनके पास गया। तब मेरी और भाभी पे पड़ी उस दिन भाभी बहुत सुन्दर दिख रही थी। 

में भाई के साथ बाते करते हुवे पता चला की रत से बहुत बारिस गिर रही है और न्यूज़ में भी बताया है की इन २-३ दिनों तक बहुत बारिस गिरने की सभावना है। थोड़ी देर हमने बात की फिर स्टेज पर दूल्हा आ गया। और फिर शादी की रस्मे सुरु हो गई और सब लोग वो देख ने के लिए खुर्ची पर बेथ गये।

करीबन डुपेर के १ बजे खाना शुरू हो गया इस लिए हम लोग खाने के लिए गये। खाने के दौरान मेरे भाई ने बताया की उनको ऑफिस से फ़ोन आया था की उनके अंडर में आने वाले गांव में से कुछ गांव में बारिस के वजसे नुकसान हुवा इस वजसे उनको जाना पड़ेगा। और उनोने कहा की अभी शादी ख़तम ही होने वाली है तो जैसे ही बारिस धीमी हो तो तुम्हारी भाभी को ले कर घर चले जाना।

मेने भी भाई की बात में हामी भरते हुवे खा की भाभी को बताया की आप जा रहे हो । तो उनोने खा की अभी बता देता हु। और फिर वो भाभी के पास चले गये।

खाने के बाद में भी बैग पैक कर के त्यार हो गया और फिर बारिश कम होने का इंतज़ार करने लगा। करीबन ४ बजे बारिस थोड़ी धीमी हुतो मेने बैग को प्लास्टिक से कवर करके मेरी बाइक के साइड में अछि तरह से बढ़ दिया।

और फिर भाभी को बुलाया की अभी बारिस थोड़ी कम हुवी है तो निकल जाते है और भाभी को ये सही लगा तो वो भी मेरे साथ चलने लगी।

भाभी ने साड़ी पहनी थी तो वो एक साइड हो कर बेथ गई और उनको एक हाथ मेरे खड़े पर रख दिया और फिर मुझे बाइक चलाने को कहा।

मेने कारबी १५ मिनट बाइक चली तब तक तो बारिस धीमी थी पर फिर बारिस फ़ास्ट होने लगी तो मेने बाइक एक जाड़ के निचे लगा दी और दोनों जाड़ के निचे आ गए पर इस दौरान हम दोनों भीग गये थे।

हम दोनों पेड़ के नीस खड़े थे उस दौरान मेने भाभी को देख तो एक नजर से देखता ही रह गया। बारिस के वजसे भाभी की साड़ी भी गयी थी और उनकी साड़ी उनके बदन से चिपक गई थी इस वजसे उनके दोनों बूब्स का उभार साफ दिख रहा था।

मेरा मन तो ऐसे ही भाभी को देख ने का कर रहा था पर फिर सोच की अगर बारिस और जयादा हो गई तो घर पोछने में दिकत होगी। इस लिए मेने भाभी से कहा की अभी और देर नहीं करनी चाहिए और हमें निकलना चाहिए। मेरी बात भाभी को भी सही लगी इस लिए हम फिर अपने घर की और निकल गये।

मेरे नजर के सामने तो अभी भी भीगी भाभी ही थी। फिर मेने सोच की कुना बाइक की ब्रेक मरी जाये जिसे भाभी मेरी और करीब आजाये और मेने जैसी ब्रेक का जतका दिया भाभी के मुलायम बूब्स मेरी पीठ पर आ गए। इस दौरान उनका दूसरा हाथ भी मेरे काढ़े पर आ गया।

उस थड़ी में मेरे कंधे पर भाभी के वो दो गर्म हाथ मुजमे अलग ही हल चल कर रहे थे। इस मज़े को जयादा समय तक लेने के लिए में बाइक स्लोव चला रहा था। ताकि भाभी मेरे साथ जयादा समय रे सके। और कभी कभी में ब्रेक भी मर देता था ताहि उनका बदन मेरी पीठ पर आ सके।

थोड़े समय भाभी को बारिस के बजसे थड़ी लग रही थी और उनके मुहमे से ठण्ड के वजसे कप कपाहट की आवज मेरे कानो में आरही थी।

बारिस की थड़ी के वजसे भाभी के हाथ मेरे काढ़े पर से धिरे धिरे निचे जाने लगे और फिर मेरे  पेट की और आने लगे।

मुझे अब महूस होने लगा था की भाभी मेरी और धिरे धिरे अपने बदन को जुका रही थी। और मेरे बदन की गर्मी से अपनी ठंडी को दूर कर रही थी। उस समय मेरे अंदर भी बहुत हलचल हो रही थी।

फिर थोड़ी देर बाद मुझे महसूस होने लगा की भाभी ने पाने दोनों हाथ को मेरे पेट की और रख कर उसके बदन को मेरी पीठ से लिपट रही थी। भाभी की जैसे मुझे भी थड़ी तो लग रही थी पर भाभी की इस हरकत से मुझे भी गर्मी मिल रही थी।

फिर तो भाभी ने अपने सर को भी मेरी पीठ पर रख कर मुझे पूरी तरह लिपट गई। भाभी की इस हरकत से में भी भाभी की गर्मी मरे पीठ पर मासूस कर पा रहा था । और मेरा लैंड भी अभी इन हरकतों से उठ कर सलामी देने की त्यारी में था।

इस हसीं लम्हे को में बिकुल गवाना नहीं चाहता था इस लिए में अपनी बाइक को बहुत ही धीमी चला रहा था की जिसे में इस हालत का पूरा मज़ा ले सकू।

कुछ समय में मुझे ऐसा लग रहा था की सायद भाभी भी अभी खुद पर काबू नहीं कर पा रही है। क्युकी मुझे ऐसा महसूस हो रहा था की भाभी अपने होतो को मेरे पीठ पर रगड़ रही है।
और कभी मेरे काढ़े पर भी किस कर देती। मेरे बदन को और कस के पकड़ रही थी ।

म अब समज गया था की भाभी अभी चुदाई के पुरे मूड में है और मेने भी तय कर लिया की जो होगा देखा जायेगा पर आज तो भाभी की चुदाई करनी ही है।

अब हम लोग घर पॉच ने ही आये थे। जो रास्ता सिर्फ १ घंटे का था उसे उस दिन मेरे २ घंटे में तय किया था।

अब जब हम घर पोछे तो भाभी ने मेरे बदन को छोड़ कर निचे उतर गई और फिर बिना कुछ बोले ही दवाजे की और जाने लगी। में भी जल्दीसे बाइक पे लटका सामान निकल कर भाभी के पीछे घर के अंदर चला गया .....

अब आगे कैसे मेने इस बारिस की थड़ी में भाभी की गरम चुत  की चुदाई की ....... ..
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ravi3535 Offline
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#2
13-12-2017, 05:15 PM
घर में अंदर जाते समय मेरी नजर भाभी के भीगे बदन पर थी। उनकी साड़ी पूरी तरह भीग गई थी इस वजसे उसकी साड़ी सुकि गांड से चिपक गई और उसकी गांड साफ नजर में आ रही थी।

मेने देखा की भाभी अपने कमरे की और जा रही है तो मेने भाभी को आवाज दिया तो वो मेरी और मुड़ी तो मेने कहा की भाभी आपके रूम से मुझे टोलिया देना मेरा टोलिया बालकनी में था इस लिए बिग गया होगा बारिस की वजसे और भाभी भी ठीक है बोल कर अपनी कमरे की और चली गई ।

अब में भी अपने शर्ट के बटन खोलते हुवे भाभी के पीछे उनके कमरे में जाने लगा। मेने देखा की भाभी कबोट मेसे टॉइलया निकल रही थी। अब मेरे सब्रका बाँध भी टूट गया था तो मेने भाभी को पीछे जा कर अपने हाथ को भाभी के कमर में दाल कर भाभी को अपनी बहो में ले लिया।

कुछ पल के लिए तो भाभी ऐसे ही शांत रही पर फिर वो मेरा विरोध करने लगी की ये सब गलत है ऐसा मत करो। में जानता था की आज तो उधर भी लगी है बस वो डर रही है इस वजसे मना कर रही है। मेने भी भाभी को और कस कर पकड़ लिया और उनकी गर्दन पर किस करने लगा।

उसके मुँह में से बस यही आवाज आ रही थी की रवि प्ल्ज़ मुझे छोड़ दो ....ये सब गलत है ...
पर में आज उसे छोड़ने के बारेमे सोच भी नहीं पारहा था।

मेने उसकी साड़ी का पलु हटा कर उसके बूब्स को उसके ब्लाउज में से ही दबाने लगा। उसके मुलायम बूब्स को हाथ में ले कर लग ही मज़ा आ रहा था ।

भाभी अंदर भी वासना की आग लगी थी इस वजसे वो अपने आप को रोक नहीं पारही थी ।
इस वजसे भाभी का विरोध भी मुझे कम होता दिखा। इस वजसे मेने भाभी भाभी की गर्दन पर किस करते हुवे उनके ब्लाउज की हुक पीछे से खोलने लगा और कुछ ही देर में मेने भाभी की पीठ को नागा कर दिया।

भाभी की गोरी पीठ को देख कर में उनकी पीठ को पागलो की जैसे चूमने लगा। और थोड़ी देर पहले भाभी की जिस जुबान से ना ना की आवज निकल रही थी वही जुबान से आप आह्ह्ह्ह....अह्ह्ह्हहआ...की गुज पुरे रूम में आने लगी।

मेने अब भाभी को अपनी और किया और फिर उनके गर्दन पर किस करने लगा और भाभी मेरे सर पर अपना हाथ फिरते हुवे अपने मूह में से से मादक आवजे निकल ने लगी ...अह्ह्ह्हहआ आह्हः अहहहह.....

अब में गर्दन से बढ़कर आ गया और उसके गालो को चूमते हुवे मेरे होठो से भाभी के कोमल होठो से मिला दिया और हम दोनों किस करने लगे। अपने हाथो से ब्लाउज भी निकल ने लगा और भाभी को ब्रा में कर दिया।

मेने देखा की बारिस की वजसे भाभी की ब्रा भी भीग गई थी और ब्रा भी उनके बूब्स के साथ सिपाक गई थी। मेने भाभी के बूब्स को अपने हाथो से मसल ते हुवे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही किस करने लगा।

अब मेरे भाभी को अपनी बहो में भरते हुवे गर्दन पर किस करने लगा और भाभी भी अब मेरी गर्दन पर किस करते हुवे मेरा शर्ट निकल ने लगी की जिसके बटन मेने पहले से ही खोले हुवे थे।में भी उस समय भाभी की ब्रा की हुक खोल दी और फिर भाभी की ब्रा निकल कर उनके दोनों बूब्स को ब्रा की कैद में से आजाद कर दिया।

अब हम दोनों ऊपर से नगे हो चुके थे और कुछ समय ऐसे ही एक दूसरे की बाहोंमे रह कर एक दूसरे को पागलो की तरह किस करने लगे। इस दौरान में भाभी बूब्स को भी मसल कर मज़ा ले रहा था।

भाभी के बूब्स के साथ खेलते हुवे में भाभी की निपल को अपने मुहमे ले कर चुचता और फिर अपने डटसे काट भी लेता। भाभी की मादक आवाज से पूरा घर गुज रहा था और हर बार जब में उनके निपल या बूब्स को काटता तो उनके मुमे से अअअअअ ..अअअअअह की आवजे निकल जाती।

अब में भाभी को चूमते हुवे निचे आने लगा और फिर भाभी की गीले घागरे को निकल दिया और भाभी अब सिर्फ उनकी काली अंडरवियर में ही आ गई वो भी गीली थी ।

अब मेने भाभी को बेड की और जाने कहा और वो बेड पर जा कर लेट गई और में भी अपना पेंट निकल कर अंडरवियर में आगया और बेड की और गया।

बेड पर नगली लेटी हुवी भाभी को देख कर में मन में सोच ने लगा की ये वही भाभी है की जिसे में २ साल से बहुत सस्कारी मंटा था। और आज वही भाभी बेड पर नागि हो कर मेरे लंड से चुदने का इंतज़ार कर रही है।

फिर क्या था में भाभी पास जा कर उसके नगे बूब्स को सहलाते हुवे उनके गालो को किस करते हुवे होठो पर किस करने लगा। भाभी भी अपनी जुबान को मेरे मुहमे दाल कर किस का पूरा मज़ा ले रही थी।

फिर गर्दन पर किस करते हुवे निचे आया और फिर थोड़ी देर तक उनके बूब्स के साथ खेलते हुवे उसके बूब्स को काटने लगा। अब भाभी के हाथ मुझे बूब्स से हटाते हुवे निचे की और धकेल ने लगी।

में भी समाज गया की भाभी की चुत की आग अब बहुत बाद चुकी थी। तो में भी धिरे धिरे निचे जाते हुवे उनके पेट पर किस करते हुवे चुत के पास पॉच गया और भाभी की चुत को अंडरवियर के ऊपर से ही सहलाने लगा।

फिर वो गीली अंडरवियर को भाभी के बदन से दूर कर के में अपने हाथ से चुत को सहलाते हुवे मेरी उंगलियों को भाभी की चुत के छेद में अंदर बहार करने लगा। उस समय भाभी भी अपने मुँह में से मादक आवाजे निकल ने लगी।

भाभी की चुत हलके हलके बालो से गिरी हुवी थी। तो मेने उस बालो को अपने साथ की मदद से हटाते हुवे अपनी जुबान से भाभी की चुत को चाटने लगा। भाभी भी अपने हाथ से मेरे सर को चुत की और धकेल ने लगी।

अब में अपनी ऊँगली दाल कर तेज़ी से चुत की चुदाई करने लगा और अपनी जुबान से चुत में से निकलता पानी चाटने लगा। और फिर में अपनी जुबान से ही चुत की चुदाई चालू कर दी थी। भाभी को चुदाई में बड़ा मज़ा आरहा था और वो अपनी आवाज भी बढ़ रही थी।

ऐसे ही जुबान से चुत की चुदाई से कुछ समय में चुत का पानी बहार आने लगा। मेने भाभी की गीली अंडरवियर से उनकी चुत साफ की और फिर अपनी अंडरवियर निकल कर भाभी के ऊपर आ गया।

मेने अब भाभी के दोनों पेरो को फैला कर अपने लंड को भाभी की चुत के आगे रख कर गुमाने लगा और धिरे धिरे चुत में डालने लगा। भाभी शायद रोज चुदती थी इस बजसे मेरा लंड भाभी की चुत में आसानी से चला गया।

पहले कुछ हल के ढको के बाद मेने भाभी की चुत में मेरा लंड तेजी से डालना चालू कर दिया और भाभी भी इस दौरान अपने मुँह में से आवाजे निकल कर मेरा पूरा साथ दे रही थी।

फिर में भाभी को किस करते हुवे चुदाई करने लगा। कभी भाभी के बूब्स को दबाता और कभी उस पर किस करता और साथ में चुदाई भी जारी ही थी।

मेरा सपना पूरा हो रहा था भाभी की चुदाई का इस लिए में पुरे मज़े से चुदाई कर रहा था भाभी की उस दिन।

में भाभी की चुदाई में इतना मग्न था की मुझे पता ही माहि चला और मेरे लंड ने पूरा पानी भाभी की चुत में दाल दिया। और फिर मेने अपना लंड चुत में से निकल दिया।

सायद भाभी को भी पता लग गया था की मेने अपने लंड का पानी चुत में दाल दिया पर भाभी ने कुछ आवज नहीं की तो में भी इस चुदाई का मज़ा नहीं बिगड़ना था। तो मेने बिना कुछ बोले भाभी को फिर से किस करते हुवे बूब्स के मज़े लेने लगा।

थोड़े समय ऐसे ही मज़े लेने के बाद मेरा लंड चुदाई के लिए फिर तैयार था। उस रत में भाभी की पूरी चुदाई करना चाहता था इस लिए मेने भाभी को एक साइड में कर के अपनी और भाभी गांड कर ली और भाभी की गांड को अपने हाथो से सहलाने लगा।

फिर मेने भाभी की गांड में मेरा लंड दाल ने लगा पर भाभी की गांड कासी हुवी थी इस लिए मुझे गांड में डालने के लिए लंड को थोड़ा जोर लगाना पड़ रहा था। और भाभी की चीखे भी तब जयादा निकल रही थी।

पर में भाभी की चीखो पर धयान ना देते हुवे भाभी की गांड में मेरा लंड धिरे धिरे दाल ने लगा। थोड़ी देर में भाभी की आवज दिमि होने पर मेने अपनी स्पीड बढ़ा दी और भाभी की चुदाई करने लगा।

भाभी की गांड की चुदाई करते हुवे भाभी के बूब्स को भी जोर जोर से मसलने लगा। भाभी दर्द में आवजे निकल रही थी और में उसे मज़े से चोद रहा था।

थोड़ी देर के बाद मेने भाभी को घोड़ी बनाया और फिर गांड मरने लगा इस दौरान मेरा लंड फिर अपना पानी निकल ने की तयारी में था तो मेंने पाना पूरा पानी भाभी की चुत में दाल दिया।

इस तरह चुदाई पूरी कर के थोड़ी देर में भाभी के बहो में पड़ा रहा। थोड़ी देर बाद भाभी मुझसे दूर हो कर अपने बाथरूम में चली गई अपने कपडे ले कर हो फिर में भी पाने गीले कपडे और टॉवल ले कर अपने रूम में फ्रेश होने के लिए निकल गया।

फ्रेश होने के बाद जब में रूम में कड़े पहन रहा था तब मुझे डोर बेल्ल की आवज आयी तो मेने जल्दी कपडे पहने और बहार आ के देखा तो मेरा भाई पूरी तरह गिला हो कर आया था।
और भाभी उनको टोलिया दे रही थी। भाभी ने अब नाईटी पहनी हुवी थी उस देख कर मेरा और एक बार भाभी की चुदाई करने का मन होने लगा।

उस वक् भाई अपने आप को टोल्ये से साफ करते हुवे भाभी से बोले की मेरा खाना मत लगा ना को की में खाना खा कर ही आया हु। ये सुन कर में और भाभी एक दूसरे को कुछ पालो के लिए एक दूसरे को देख ने लगे और फिर भाभी भाई के गीले कपडे ले कर उनके रूम में चली गई।

हम दोनों के दिमाग में यही बात थी की चुदाई करने में इतने बिजी थे की खाना नहीं बनाया और भाई बहार खा कर आया इस लिए टेंशन भी नहीं था। फिर कुछ देर भाई से बात करने के बाद में अपने रूम में सोने चला गया।

कुछ समय तो मुझे नींद ही नहीं आ रही थी को की आज मेरे लंड ने भाभी की चुदाई की थी। उस भाभी की चुदाई की जिसे में बहुत संस्कारी मानता था। और फिर भाभी के सपनो में कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला।

अब दोस्तों कैसे मेने सुबह ठन्डे मौसम में फिर से भाभी की चुदाई की वो जाने के लिए थोड़ा इंतजार कियजिये ....

और तब तक आप कमेंट में लिखये की किसी लगी मेरी बहभी की चुदाई और कोय और गर्म चुत मुझसे चुदवाना चाहती है तो मुझे मेल करे मेरा मेल id [email protected]
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13-12-2017, 05:19 PM
Rasprad kahani aage badhaye
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dpmangla Online
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13-12-2017, 05:24 PM
Nice Story
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Rohit patil Offline
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14-12-2017, 05:16 PM
nice story
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ravi3535 Offline
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18-12-2017, 03:01 PM (This post was last modified: 18-12-2017, 10:07 PM by rajbr1981.)
दोस्तों अब तक आप लोगो ने भाभी की रात की चुदाई तो पढ़ा ली होगी तो अब ते आगे बढाकर आपको सुबह की बात बताता हु।

रातको भाभी की चुदाई के बाद में भाभी के सपनो में ही सो गया और इसी वजसे मेरी नींद सुबह देर से खुली। सुबह मेरी नींद खुलने के बाद में थोड़ी देर बेड पर लेटे-लेटे रात की बात को याद कर के चोचने लगा की रात को जो कुछ हुवा था वो हकीकत थी या सपना।

जिस भाभी की चुदाई की मेने आशा छोड़दी थी। वो भाभी मेरे लंड से मज़े ले कर कल रात   अपनी चुत की गर्मी को शांत की थी  ।

यही सोच कर मेरी नजर घडी की और गई मेने देखा की सुबह के १० बज चुके है। में इतना देर तक कभी नहीं सोया था। बार उस बार मेरी बरसो की तमना पूरी हुवी थी इस कारन मुझे चेन की नींद आयी और सुबह का पता ही नहीं लगा ।

अब तो में यही सोच रहा था की अब तो भाभी को जब चाहे चोद कर मज़े ले सकता हु। इस सोच के बाद में ब्रश करने के बाद भाभी की रूम की और गया।

में भाभी की रूम में गया तो मुझे भाई नहीं दिखा तो में समज गया की भाई सुबह ऑफिस के लिए निकल चुके है और अब घर पर सिर्फ में और भाभी ही है।

में रूम के अंदर गया तब मुने बाथरूम में से आवाज सुनी तो में बाटरूम की और गया और देख तो भाभी कपडे धो रही थी।भाभी अब तक नाईटी में ही थी और  में थोड़ी देर भाभी को ऐसे ही देखता रहा और इसी बिच भाभी ने मुझे देखा तो बोली की रवि किचन पर नास्ता रखा है जा कर खालो।

में तब ये सोच में पड़ गया की भाभी ने कल रात की बात कुछ निकली नहीं और ऐसे जाता रही थी की कल कुछ हुवा ही नहीं था हम दोनों के बिच में और जैसे पहले बात करती उसी तहा मुझे नास्ते के लिए कहे दिया ।

वैसे भी रात से कुछ खाया नहीं था तो यही सोचते हुवे में किचन मेसे नास्ता ले कर अपने रूम में चला गया। नास्ता कहते हुवे भी यही सोच रहा था की अब भाभी चुदाई के लिए मानेगी ..?

यही सोचते हुवे में पूरा नास्ता ख़तम कर दिया और फिर थोड़ी हिम्मत कर के भाभी के रूम की और गया। भाभी के रूम जा कर देखा की भाभी ने अपने रूम का दरवाजा अंदर से बन कर दिया था।

फिर मेने किचेन में प्लेट रख कर फिर अपने रूम में जा कर सोच ने लगा की भाभी ने दवाजा को अंदर से बन कर दिया ..? क्या भाभी कल की चुदाई के बाद मुजसे मिलना नहीं चाहती।
क्या भाभी की चुदाई के सयम मेने कुछ ज्यादा दर्द दे दिया क्या ..? ऐसे बहुत सरे सवाल मेरे दिमाग में घूम ने लगे ..?

करीबन १ घंटे बाद मेने फिर चोंच की आखरी क्या हुवा है भाभी को तो दरवाजा बन कर के बैठी है .? ये सोचते हुवे में फिरसे भाभी के रूम की और गया। पर इस बार दरवाजा खुला था। और अंदर जा कर देखा तो भाभी भी अपने रूम में नहीं थी।

फिर में भाभी को ढूडते हुवे किचन में पोछा तो देखा की भाभी किचन में सब्जी साफ कर रही थी। उस वक्त भाभी नाईटी में नहीं पर अपनी साड़ी में थी। तब मुझे अपने आप पर हसी आने लगी की भाभी दरवाजा बन कर के नाहा रही होगी और में कुछ अलग ही सोचने लगा था।

भाभी की नजर किचन की और होने के कारन उनको ये नहीं पता था की में किचन के दरवाजे पर खड़ा था और उनकी और आ रहा था।

में धिरे धिरे भाभी की और जा कर भाभी कमर को अपने दोनों हाथो से समेत ते हुवे भाभी के गर्दन पर किस करने लगा।

भाभी ऐसे अचानक किये गयी मेरी हरकत के लिए त्यार नहीं थी। तो वो मुझे अपनी बाहों मे से छुड़ाते हुवे बोलने लगी की कोन हो तुम ..? छोड़ो मुझे ...

मेने भाभी कानो की और अपने हॉट लगा कर कहा की में हु भाभीजी रवि हु। भाभी ये सुन कर उनकी आवाज थोड़ी धीमी हुवी पर विरोध तो अभी जारी था।

मेने भी भाभी को अपनी बाहोंमे से दूर न होते हुवे गर्दन पर किस करना जारी रखा। तब भाभी के मुँह में से आवजे निकल ने लगी की ...रवि ये सब गलत है ....कल जो कुछ हुवा उसे एक गलती समज कर भूल जावा ....तुम्हारे भैया को पता चला तो प्रॉब्लम हो सकती है..

भाभी की बातो से में समज गया था की भाभी को चुदाई तो करवानी है पर वो किसीको पता चलने की बात से दर रही है। अब मेने भाभी के कमर पर से मेरे हाथ ले कर कंधे पर रख और भाभी को मेरी और घुमाया।

इस बार मेने भाभी के काढ़ो पर अपने हाथ हलके रेख हुवे थे। पर भाभी ने इस बार मुझे दूर नहीं किया बस मेरे सामने देखते हुवे बस इतना कहे जा रही थी की किसी को पता चल गया तो बहुत बदनामी होगी।

मेने भी फिर भाभी को समजते हुवे कहा की भाभी में आपसे प्यार करता हु और ये प्यार की बात किसी को भी नहीं पता चलेगी।

फिर मेने देरी न करते हुवे धिरे से अपना मुँह भाभी की और लेजाते हुवे भाभी के कोमल होतो को चूमने लगा। इस हरकत पे भाभी ने कोय विरोध नहीं किया बल्कि मेरे किस करने के कुछ समय में ही भाभी ने अपने हाथो को मेरे काढ़ो पर रखा और किस करने में मेरा साथ देने लगी।

किस करते हुवे मेने भाभी की साड़ी का पलु हटाते हुवे भाभी की गर्दन पर किस करने लगा।
भाभी भी अपने हाथो से मेरे सर को सहलाने लगी। अब मेरे हाथ भी भाभी के ब्लाउज पर आ गये थे और भाभी के दो मुलायम बूब्स को दबाना सुरु कर चुके थे।

मेरी इस हरकतों से भाभी भी अब गर्म हो चुकी थी और वो भी अपने मुहमे से मादक आवाजे निकल ना सुरु कर चुकी थी।थोड़ी देर बूब्स का मज़ा लेने के बाद मेने भाभी को गले लगा कर कुछ समय दोनों एक दूसरे की गर्दन को पागलो की तरह किस करते रहे।

अब मेने किचन प्लेटफार्म पर पड़ा सामन हटा कर मेने भाभी को कमर से पकड़ कर प्लेटफार्म पर बिठा दिया और फिर में भाभी के बूब्स को अपने हाथ में ले कर किस करने लगा।

थोड़ी देर बूब्स के मज़े लेने के बाद मेने अपना हाथ भाभी के जागो पर रख कर सहलाने लगा और भाभी का घागरा ऊपर करके उनकी गोरी जानगो को खुला कर के चूमने लगा।

अब मेने भाभी का घागरा पूरी तरहा से ऊपर कर दिया था तब मेने देखा की भाभी ने आज अंडरवियर नहीं पहनी है । भाभी की चुत एक दम साफ और चिकनी थी।

मेने देखा की भाभी की चुत पर कोय बाल नहीं थे। तब में मन ही मन हस्ते हुवे सोच ने लगा की रात चुदाई के वक्त भाभी चुत चुत पर जो बाल थे वो सुबह साफ हो गये। यानि की भाभी चुदाई की तयारी सुबहसे करके रखी हुवी थी। बस मना करने का नाटक कर रही थी।

अब भाभी की चिकनी चुत पर हाथ फिरते हुवे भाभी की और देख तो भाभी अपनी आखे बन करते हुवे अपने मुँह में से मादक आवाजे निकलते हुवे मेरी हरकत का मज़ा ले रही थी।

अब मेने भाभी की जागो अपने हाथो से पकड़ते हुवे भाभी की चुत की और मेरा हु ले जा कर चुत को चूमने लगा और हलके दातो से काट भी लेता। मेरी इन हरकतों से भाभी के मुँह से हसी भी निकल जाती तो साथ में आवजे भी निकल ना चालू ही था।

अब मेने भाभी की चुत का अपनी जुबान से चाटते हुवे चुत के अंदर जुबान डालने लगा और अंदर-बहार करने लगा। भाभी ने भी अपना हाथ मेरे सर पर रख कर सहेला ने लगी और हलके हाथ से सर को  चुत की और दबा रही थी।

कुछ समय में भाभी ने अपने हाथो से मेरे सर को थोड़ा जोर से दबाने लगी और फिर मेरे मुँह पर ही अपना पानी निकल कर शांत हुवी। और फिर मेरे मुँह को बाजु में पड़े कपडे से साफ करते हुवे प्लेटफ्रॉम से निचे उतर गई।

अब भाभी ने मेरे टी-शर्ट को निकल कर मुझे लिपट कर किस करने लगी और अपना एक हाथ को धिरे से निचे ले जाते हुवे मेरे लंड पर रख दिया और मेरे पेन्ट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहेला ने लगी।

अब वो धिरे धिरे मेरी छाती पर किस करते हुवे निचे आने लगी और फिर मेरे पेन्ट का बटन खोल कर जिब खोल दी और मेरा पेन्ट और अंडरवियर को साथ में ही निचे उतर कर मुझे नागा कर दिया।

अब तक मेरा लंड भी पूरी तरह खड़ा हो चूका था और उस लंड को मेरी भाभी ने अपने हाथ में पकड़ लिया था। भाभी के साथ मज़े लेते हुवे मारा लंड भी गिला हो चूका था तो भाभी ने अपनी जुबान से मेरे लंड के टॉप को चाटने लगी।

अपने हाथ से मेरे लंड को हिलाते हुवे थोड़ी देर में ही मेरे लंड को पूरी तरह मुहमे में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह मजे से चुचने लगी।

भाभी को देख कर में मन ही मन हस्ते हुवे सोच रहा था की अब तो रोज मेरी भाभी मेरे लंड की ऐसे ही खातिर दारी करने वाली है। और भाभी की उस हरकत का मज़ा ले रहा था।

कुछ समय बाद मेरे लंड ने अपना पानी निकना सुरु किया और भाभी के मुँह में दाल दिया।
थोड़ा कुछ पानी मुँह में पि गई और फिर भाभी ने मेरे लंड को बहार निकाल कर मेरे लंड को हिलाते हुवे मेरे लंड का पानी अपने मुँह पर और अपने ब्लाउज पर निकाल ने लगी।

फिर मेरे लंड को फिर मुँह में ले कर मेरे लंड को साफ कर दिया। अब वो खड़ी हो कर पास में पड़े कपडे को ले कर अपने मुँह पर लगे मेरे वीर्य को साफ कर ने लगी।

में भाभी को अपने बाहो में लू उसके पहले ही भाभी अपनी सेक्सी चाल में चलते हुवे किचन के दरवाजे के पास रुक कर मेरी और अपनी सेक्सी निगाहो से देखते हुवे मुझे उसके पास आने का इसरा दिया।

में भाभी के पास पोहचू इसके पहले वो दरवाजे से आगे जाने लगी तो में भी भाभी के पीछे जाते हुवे देखा तो भाभी अपने बैडरूम की और जा रही थी।

बैडरूम जाते हुवे मेने देखा की भाभी ने रास्ते में ही अपना घागरा निकाल दिया और आगे जाते हुवे अपना ब्लाउज भी निकाल ते हुवे बेड पर बेथ गई ।

मेने भी भाभी को पीछे से अपने बहो मेंने भाभी की पीठ पर किस करना सुरु किया और अपने दोनो हाथो को आगे ले जाते हुवे भाभी के दोनों बूब्स को अपने हाथो में ले लिया और मज़े से दबाना सुरु किया।

पीठ पर किस करते हुवे मेने अपने मुँह से भाभी की बार की हुक खोल ने की कोसिस की पर ना कुली तो अपने हाथो से खलते हुवे फिर भाभी के बूब्स को अपने हाथ में ले लिया और ब्रा को भी हटा कर भाभी के मुलायम बूब्स को आजद कर दिया।

अब में भाभी के भूले हुवे बूब्स को दबाते हुवे भाभी की पीठ पर और गर्दन पर किस कर रहा था और वूंका हाथ धिरे से मेरे लंड पर आया और वो मेरे लंड को अपने हातो से सहलाने लगी।

भाभी के प्यार से मेरा लंड थोड़ी ही देर में चुदाई के लिए खड़ा हो गया। फिर मेने गर्दन पर किस करते हुवे भाभी के काम में कहा की भाभी अब चुदाई सुरु करे तो भाभी की और से जवाब आया की किसने रोका है तुम जो करना है करो।

भाभी की ये बात सुनते हुवे मेने भाभी को अपनी बहो में से अलग किया और भाभी बेड पर लेट गई।लेती हुवी नगी भाभी को देख कर में सोच ने लगा की कल रात के जैसे आज भी मेरी संस्कारी भाभी मेरे सामने नगी होकर मेरे लंड से चुदवाने के लिए लेटी हुवी थी।

में भाभी को बेड पर ऐसे ही नगी देख रहा था उस समय  भाभी ने मेरा धयान खींचते हुवे कहा की अब और कितना टाइम लोगे। और ये सुनते हुवे मेने देरी ना की और भाभी के पास आगया।

अब में भाभी के ऊपर आ कर भाभी को किस करने लगा और भाभी ने भी अपना हाथ नीस लेजा ते हुवे मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत पर रगड़ने लगी और मेरे लंड को अपनी चुत में दाल दिया। मेने भी लंड से हलके धके मरने सुरु किये और मेरा आधा लंड भाभी की चुत में चला गया।

अब में भाभी के रसीले होतो को चूमते हुवे मेरे लंड के धके में तेजी लायी। भाभी भी अपने हाथ से मेरे सर को सहला ते हुवे मुझे किस में पूरा साथ दे रही थी और साथ में अपनी गांड को थोड़ी पर करते हुवे चुत चुदाई का मज़ा ले रही थी।

चुदाई के दौरान जोर जोर से लंड को अंदर बहार करने लगा इस में कल की तरह मेरे लंड का पानी भाभी की चुत में चला गया।भाभी ने वक्त मुझे कास कर पकड़ा हुवा था तो में सज गया नई भाभी का पानी भी मेरे साथ निकल गया था।

कुछ देर ऐसे ही हम एक दूसरे को किस करने लगे और फिर भाभी ने मुझे लिटा कर मेरे लंड को अपने होठो से मलने लगी। मेरा लंड पर अभी भी मेरे वीर्य लगा हुवा था तो भाभी ने मेरे लंड को चाटते हुवे मेरे लंड को साफ कर दिया और थोड़ी देर में मेरे लंड को फिर चुदाई के लिए तैयार कर दिया।

अब मुझे लेता कर भाभी मेरे लंड पर बैठ ने लगी और अपनी चुत में मेरे लंड को दाल कर उछालते हुवे मेरे लंड से चुदवाना सुरु किया। थोड़ी देर उछलने के बाद वो मेरे ऊपर लेट कर  मेरे होठो को किस करने लगी और अपनी गांड को हिलाते हुवे मरे लंड से चुदवा रही थी।

थोड़ी देर ऐसी पोज़ में चुदवा ने के बाद वो थक गई तो मेने फिर भाभी को निचे ले कर उनके दोनों पेरो को फैला कर भाभी की चुत चुदाई करना सुरु किया।

मेरा लंड ने बहुत वीर्य निकला था इस लिए इस बार चुत चुदाई करते हुवे बहुत टाइम के बाद मेरे लंड का वीर्य निकला। और इस बार भी भाभी की चुत में ही दाल दिया।

भाभी की ऐसी चुदाई करने के बाद हम दोनों थक गये थे। तो हम दोनों एक दूसरे की बहो में आ कर लिपट कर थोड़ी देर आराम किया।

फिर भाभी ने बात करते हुवे कहा की कल भी तुमने खाना नहीं बनाबे दिया और आज भी खाना नहीं बनाने दिया। तो मेने भी कहा कोय बात नहीं भाभी अभी होटल से मगवा लेते है और मेने होटल में फ़ोन कर ले खाना मगवाया।

आर्डर लिखवाते हुवे मुझे बायता गया की ४५ मिनट में खाना आ जाएगा। मेने भाभी को ये बताया तो बोली की तब अटक फ्रेश हो जाए है। फिर भाभी फ्रेश होने बाथरूम में जाने लगी तो में भी भाभी के पीछे पीछे बाथरूम में चला गया ।

भाभी मुझे आते हुवे देख कर कहने लगी की अब और किता करना है तुम तो मेने भी शॉवर चालू करते हुवे कहा की अभी तो तुम साफ भी तो करना है।

शॉवर के पानी से दोनों भीग रहे थे तब भाभी मेरी और आकर मुझे अपनी बहो में ले कर मेरे बदन को किस करने लगी। उस समय हम दोनों के नगे बदन भीगे रहे थे उस समय कुछ अलग ही ऐहसास हो रहा था।

पानी ठंडा था पर उस वक्त हम दोनों के बदन धिरे धिरे फिर गर्म हो रहे थे। भाभी ने अपने सेक्सी अंदाज से मुझे एक बार उसे चुदने के लिए मजबूर कर दिया।

मेने भी भाभी को दीवार की और धकेलते हुवे भाभी को बदन पर किस करने लगा और फिर भाभी का एक पैर उठा कर भाभी की चुत में लंड दाल कर भाभी की फिर चुदाई चालू की।

थोड़ी देर की चुदाई में भाभी तो शांत हो गई पर मेरा लंड तो अभी भी खड़ा था तो भाभी ने फिर मेरे लंड को अपने हाथो में ले लिया और हिलाते हुवे मेरे लंड के टॉप को चूमले लगी।
फिर अपने मुँह की और मेरे लंड को रख कर जोर जोर से हिलाते हुवे मेरे लंड का पानी निकाल दिया।

मेरा लंड का पानी भाभी के सहरे पर आ गया था। तभी मुझे पिसाब लगी तो मेने भाभी के बूब्स की और निशाना करते हुवे भाभी के बदन पर ही मूतने लगा। भाभी मेरी इस हरकत की उम्मीद नहीं थी। इस वजसे भाभी थोड़ा घुसे होते हुवे मुझे गन्दा कहने लगी और मुझे खा की अब तुम बहार जाव में अछि तरह से नाहा कर आती हु।

में बाथरूम में से बहार आ कर अपने रूम में जा कर कपडे पहन लिए। भाभी की रूम की और जा रहा था ता दूर बेल्ल बाजु मेने देखा तो वो होटल  से खाना ले कर आया था।
मेने सब खाना टेबल पे तैयार किया तब भाभी भी तैयार हो कर खाना खाने के लिए आगई और हम दोनों ने खाना खा लिया।

खाना खाने के बाद हम दोनों फिर बैडरूम में आ गए। पर इस बार हमने चुदाई करने के बदले एक दूसरे से प्यार की बाटे करने लगे । भाभी के साथ बात छूट करते हुवे भाभी ने बताया की कल रात की बारिस के वजसे ही तुम मेरी चुदाई करने में कामयाब हो सके।

उस दिन फिर कुछ घटे तक हम ऐसे ही बेड पर एक दूसरे की बहो में लेटे रहे। मेरा तो उस दिन सैम को भी भाभी की चुदाई करने का मन था पर मेरे दोस्त को कुछ काम था उस वजसे वो मेरे घर आया था और मुझे फिर उसके साथ जाना पड़ा इस लिए उस दिन में फिर से भाभी की चुदाई नहीं कर पाया था।

पर मुझे उस बात की बेफिक्री थी ककी भाभी तो घर पर ही है तो अब जब चाहे भाभी की चुदाई कर सकता हु । पर मुझे क्या पता था की मेरी ये खुसी जयादा दिन टिकने वाली नहीं थी।

आगे क्या हुवा वो जाने के लिए थोड़ा इंतज़ार करो .......
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dpmangla Online
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18-12-2017, 04:05 PM
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urc4me Offline
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18-12-2017, 04:35 PM (This post was last modified: 18-12-2017, 10:06 PM by rajbr1981.)
(18-12-2017, 03:01 PM)ravi3535 : दोस्तों अब तक आप लोगो ने भाभी की रात की चुदाई तो पढ़ा ली होगी तो अब ते आगे बढाकर आपको सुबह की बात बताता हु।

रातको भाभी की चुदाई के बाद में भाभी के सपनो में ही सो गया और इसी वजसे मेरी नींद सुबह देर से खुली। सुबह मेरी नींद खुलने के बाद में थोड़ी देर बेड पर लेटे-लेटे रात की बात को याद कर के चोचने लगा की रात को जो कुछ हुवा था वो हकीकत थी या सपना।

जिस भाभी की चुदाई की मेने आशा छोड़दी थी। वो भाभी मेरे लंड से मज़े ले कर कल रात   अपनी चुत की गर्मी को शांत की थी  ।

यही सोच कर मेरी नजर घडी की और गई मेने देखा की सुबह के १० बज चुके है। में इतना देर तक कभी नहीं सोया था। बार उस बार मेरी बरसो की तमना पूरी हुवी थी इस कारन मुझे चेन की नींद आयी और सुबह का पता ही नहीं लगा ।

अब तो में यही सोच रहा था की अब तो भाभी को जब चाहे चोद कर मज़े ले सकता हु। इस सोच के बाद में ब्रश करने के बाद भाभी की रूम की और गया।

में भाभी की रूम में गया तो मुझे भाई नहीं दिखा तो में समज गया की भाई सुबह ऑफिस के लिए निकल चुके है और अब घर पर सिर्फ में और भाभी ही है।

में रूम के अंदर गया तब मुने बाथरूम में से आवाज सुनी तो में बाटरूम की और गया और देख तो भाभी कपडे धो रही थी।भाभी अब तक नाईटी में ही थी और  में थोड़ी देर भाभी को ऐसे ही देखता रहा और इसी बिच भाभी ने मुझे देखा तो बोली की रवि किचन पर नास्ता रखा है जा कर खालो।

में तब ये सोच में पड़ गया की भाभी ने कल रात की बात कुछ निकली नहीं और ऐसे जाता रही थी की कल कुछ हुवा ही नहीं था हम दोनों के बिच में और जैसे पहले बात करती उसी तहा मुझे नास्ते के लिए कहे दिया ।

वैसे भी रात से कुछ खाया नहीं था तो यही सोचते हुवे में किचन मेसे नास्ता ले कर अपने रूम में चला गया। नास्ता कहते हुवे भी यही सोच रहा था की अब भाभी चुदाई के लिए मानेगी ..?

यही सोचते हुवे में पूरा नास्ता ख़तम कर दिया और फिर थोड़ी हिम्मत कर के भाभी के रूम की और गया। भाभी के रूम जा कर देखा की भाभी ने अपने रूम का दरवाजा अंदर से बन कर दिया था।

फिर मेने किचेन में प्लेट रख कर फिर अपने रूम में जा कर सोच ने लगा की भाभी ने दवाजा को अंदर से बन कर दिया ..? क्या भाभी कल की चुदाई के बाद मुजसे मिलना नहीं चाहती।
क्या भाभी की चुदाई के सयम मेने कुछ ज्यादा दर्द दे दिया क्या ..? ऐसे बहुत सरे सवाल मेरे दिमाग में घूम ने लगे ..?

करीबन १ घंटे बाद मेने फिर चोंच की आखरी क्या हुवा है भाभी को तो दरवाजा बन कर के बैठी है .? ये सोचते हुवे में फिरसे भाभी के रूम की और गया। पर इस बार दरवाजा खुला था। और अंदर जा कर देखा तो भाभी भी अपने रूम में नहीं थी।

फिर में भाभी को ढूडते हुवे किचन में पोछा तो देखा की भाभी किचन में सब्जी साफ कर रही थी। उस वक्त भाभी नाईटी में नहीं पर अपनी साड़ी में थी। तब मुझे अपने आप पर हसी आने लगी की भाभी दरवाजा बन कर के नाहा रही होगी और में कुछ अलग ही सोचने लगा था।

भाभी की नजर किचन की और होने के कारन उनको ये नहीं पता था की में किचन के दरवाजे पर खड़ा था और उनकी और आ रहा था।

में धिरे धिरे भाभी की और जा कर भाभी कमर को अपने दोनों हाथो से समेत ते हुवे भाभी के गर्दन पर किस करने लगा।

भाभी ऐसे अचानक किये गयी मेरी हरकत के लिए त्यार नहीं थी। तो वो मुझे अपनी बाहों मे से छुड़ाते हुवे बोलने लगी की कोन हो तुम ..? छोड़ो मुझे ...

मेने भाभी कानो की और अपने हॉट लगा कर कहा की में हु भाभीजी रवि हु। भाभी ये सुन कर उनकी आवाज थोड़ी धीमी हुवी पर विरोध तो अभी जारी था।

मेने भी भाभी को अपनी बाहोंमे से दूर न होते हुवे गर्दन पर किस करना जारी रखा। तब भाभी के मुँह में से आवजे निकल ने लगी की ...रवि ये सब गलत है ....कल जो कुछ हुवा उसे एक गलती समज कर भूल जावा ....तुम्हारे भैया को पता चला तो प्रॉब्लम हो सकती है..

भाभी की बातो से में समज गया था की भाभी को चुदाई तो करवानी है पर वो किसीको पता चलने की बात से दर रही है। अब मेने भाभी के कमर पर से मेरे हाथ ले कर कंधे पर रख और भाभी को मेरी और घुमाया।

इस बार मेने भाभी के काढ़ो पर अपने हाथ हलके रेख हुवे थे। पर भाभी ने इस बार मुझे दूर नहीं किया बस मेरे सामने देखते हुवे बस इतना कहे जा रही थी की किसी को पता चल गया तो बहुत बदनामी होगी।

मेने भी फिर भाभी को समजते हुवे कहा की भाभी में आपसे प्यार करता हु और ये प्यार की बात किसी को भी नहीं पता चलेगी।

फिर मेने देरी न करते हुवे धिरे से अपना मुँह भाभी की और लेजाते हुवे भाभी के कोमल होतो को चूमने लगा। इस हरकत पे भाभी ने कोय विरोध नहीं किया बल्कि मेरे किस करने के कुछ समय में ही भाभी ने अपने हाथो को मेरे काढ़ो पर रखा और किस करने में मेरा साथ देने लगी।

किस करते हुवे मेने भाभी की साड़ी का पलु हटाते हुवे भाभी की गर्दन पर किस करने लगा।
भाभी भी अपने हाथो से मेरे सर को सहलाने लगी। अब मेरे हाथ भी भाभी के ब्लाउज पर आ गये थे और भाभी के दो मुलायम बूब्स को दबाना सुरु कर चुके थे।

मेरी इस हरकतों से भाभी भी अब गर्म हो चुकी थी और वो भी अपने मुहमे से मादक आवाजे निकल ना सुरु कर चुकी थी।थोड़ी देर बूब्स का मज़ा लेने के बाद मेने भाभी को गले लगा कर कुछ समय दोनों एक दूसरे की गर्दन को पागलो की तरह किस करते रहे।

अब मेने किचन प्लेटफार्म पर पड़ा सामन हटा कर मेने भाभी को कमर से पकड़ कर प्लेटफार्म पर बिठा दिया और फिर में भाभी के बूब्स को अपने हाथ में ले कर किस करने लगा।

थोड़ी देर बूब्स के मज़े लेने के बाद मेने अपना हाथ भाभी के जागो पर रख कर सहलाने लगा और भाभी का घागरा ऊपर करके उनकी गोरी जानगो को खुला कर के चूमने लगा।

अब मेने भाभी का घागरा पूरी तरहा से ऊपर कर दिया था तब मेने देखा की भाभी ने आज अंडरवियर नहीं पहनी है । भाभी की चुत एक दम साफ और चिकनी थी।

मेने देखा की भाभी की चुत पर कोय बाल नहीं थे। तब में मन ही मन हस्ते हुवे सोच ने लगा की रात चुदाई के वक्त भाभी चुत चुत पर जो बाल थे वो सुबह साफ हो गये। यानि की भाभी चुदाई की तयारी सुबहसे करके रखी हुवी थी। बस मना करने का नाटक कर रही थी।

अब भाभी की चिकनी चुत पर हाथ फिरते हुवे भाभी की और देख तो भाभी अपनी आखे बन करते हुवे अपने मुँह में से मादक आवाजे निकलते हुवे मेरी हरकत का मज़ा ले रही थी।

अब मेने भाभी की जागो अपने हाथो से पकड़ते हुवे भाभी की चुत की और मेरा हु ले जा कर चुत को चूमने लगा और हलके दातो से काट भी लेता। मेरी इन हरकतों से भाभी के मुँह से हसी भी निकल जाती तो साथ में आवजे भी निकल ना चालू ही था।

अब मेने भाभी की चुत का अपनी जुबान से चाटते हुवे चुत के अंदर जुबान डालने लगा और अंदर-बहार करने लगा। भाभी ने भी अपना हाथ मेरे सर पर रख कर सहेला ने लगी और हलके हाथ से सर को  चुत की और दबा रही थी।

कुछ समय में भाभी ने अपने हाथो से मेरे सर को थोड़ा जोर से दबाने लगी और फिर मेरे मुँह पर ही अपना पानी निकल कर शांत हुवी। और फिर मेरे मुँह को बाजु में पड़े कपडे से साफ करते हुवे प्लेटफ्रॉम से निचे उतर गई।

अब भाभी ने मेरे टी-शर्ट को निकल कर मुझे लिपट कर किस करने लगी और अपना एक हाथ को धिरे से निचे ले जाते हुवे मेरे लंड पर रख दिया और मेरे पेन्ट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहेला ने लगी।

अब वो धिरे धिरे मेरी छाती पर किस करते हुवे निचे आने लगी और फिर मेरे पेन्ट का बटन खोल कर जिब खोल दी और मेरा पेन्ट और अंडरवियर को साथ में ही निचे उतर कर मुझे नागा कर दिया।

अब तक मेरा लंड भी पूरी तरह खड़ा हो चूका था और उस लंड को मेरी भाभी ने अपने हाथ में पकड़ लिया था। भाभी के साथ मज़े लेते हुवे मारा लंड भी गिला हो चूका था तो भाभी ने अपनी जुबान से मेरे लंड के टॉप को चाटने लगी।

अपने हाथ से मेरे लंड को हिलाते हुवे थोड़ी देर में ही मेरे लंड को पूरी तरह मुहमे में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह मजे से चुचने लगी।

भाभी को देख कर में मन ही मन हस्ते हुवे सोच रहा था की अब तो रोज मेरी भाभी मेरे लंड की ऐसे ही खातिर दारी करने वाली है। और भाभी की उस हरकत का मज़ा ले रहा था।

कुछ समय बाद मेरे लंड ने अपना पानी निकना सुरु किया और भाभी के मुँह में दाल दिया।
थोड़ा कुछ पानी मुँह में पि गई और फिर भाभी ने मेरे लंड को बहार निकाल कर मेरे लंड को हिलाते हुवे मेरे लंड का पानी अपने मुँह पर और अपने ब्लाउज पर निकाल ने लगी।

फिर मेरे लंड को फिर मुँह में ले कर मेरे लंड को साफ कर दिया। अब वो खड़ी हो कर पास में पड़े कपडे को ले कर अपने मुँह पर लगे मेरे वीर्य को साफ कर ने लगी।

में भाभी को अपने बाहो में लू उसके पहले ही भाभी अपनी सेक्सी चाल में चलते हुवे किचन के दरवाजे के पास रुक कर मेरी और अपनी सेक्सी निगाहो से देखते हुवे मुझे उसके पास आने का इसरा दिया।

में भाभी के पास पोहचू इसके पहले वो दरवाजे से आगे जाने लगी तो में भी भाभी के पीछे जाते हुवे देखा तो भाभी अपने बैडरूम की और जा रही थी।

बैडरूम जाते हुवे मेने देखा की भाभी ने रास्ते में ही अपना घागरा निकाल दिया और आगे जाते हुवे अपना ब्लाउज भी निकाल ते हुवे बेड पर बेथ गई ।

मेने भी भाभी को पीछे से अपने बहो मेंने भाभी की पीठ पर किस करना सुरु किया और अपने दोनो हाथो को आगे ले जाते हुवे भाभी के दोनों बूब्स को अपने हाथो में ले लिया और मज़े से दबाना सुरु किया।

पीठ पर किस करते हुवे मेने अपने मुँह से भाभी की बार की हुक खोल ने की कोसिस की पर ना कुली तो अपने हाथो से खलते हुवे फिर भाभी के बूब्स को अपने हाथ में ले लिया और ब्रा को भी हटा कर भाभी के मुलायम बूब्स को आजद कर दिया।

अब में भाभी के भूले हुवे बूब्स को दबाते हुवे भाभी की पीठ पर और गर्दन पर किस कर रहा था और वूंका हाथ धिरे से मेरे लंड पर आया और वो मेरे लंड को अपने हातो से सहलाने लगी।

भाभी के प्यार से मेरा लंड थोड़ी ही देर में चुदाई के लिए खड़ा हो गया। फिर मेने गर्दन पर किस करते हुवे भाभी के काम में कहा की भाभी अब चुदाई सुरु करे तो भाभी की और से जवाब आया की किसने रोका है तुम जो करना है करो।

भाभी की ये बात सुनते हुवे मेने भाभी को अपनी बहो में से अलग किया और भाभी बेड पर लेट गई।लेती हुवी नगी भाभी को देख कर में सोच ने लगा की कल रात के जैसे आज भी मेरी संस्कारी भाभी मेरे सामने नगी होकर मेरे लंड से चुदवाने के लिए लेटी हुवी थी।

में भाभी को बेड पर ऐसे ही नगी देख रहा था उस समय  भाभी ने मेरा धयान खींचते हुवे कहा की अब और कितना टाइम लोगे। और ये सुनते हुवे मेने देरी ना की और भाभी के पास आगया।

अब में भाभी के ऊपर आ कर भाभी को किस करने लगा और भाभी ने भी अपना हाथ नीस लेजा ते हुवे मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत पर रगड़ने लगी और मेरे लंड को अपनी चुत में दाल दिया। मेने भी लंड से हलके धके मरने सुरु किये और मेरा आधा लंड भाभी की चुत में चला गया।

अब में भाभी के रसीले होतो को चूमते हुवे मेरे लंड के धके में तेजी लायी। भाभी भी अपने हाथ से मेरे सर को सहला ते हुवे मुझे किस में पूरा साथ दे रही थी और साथ में अपनी गांड को थोड़ी पर करते हुवे चुत चुदाई का मज़ा ले रही थी।

चुदाई के दौरान जोर जोर से लंड को अंदर बहार करने लगा इस में कल की तरह मेरे लंड का पानी भाभी की चुत में चला गया।भाभी ने वक्त मुझे कास कर पकड़ा हुवा था तो में सज गया नई भाभी का पानी भी मेरे साथ निकल गया था।

कुछ देर ऐसे ही हम एक दूसरे को किस करने लगे और फिर भाभी ने मुझे लिटा कर मेरे लंड को अपने होठो से मलने लगी। मेरा लंड पर अभी भी मेरे वीर्य लगा हुवा था तो भाभी ने मेरे लंड को चाटते हुवे मेरे लंड को साफ कर दिया और थोड़ी देर में मेरे लंड को फिर चुदाई के लिए तैयार कर दिया।

अब मुझे लेता कर भाभी मेरे लंड पर बैठ ने लगी और अपनी चुत में मेरे लंड को दाल कर उछालते हुवे मेरे लंड से चुदवाना सुरु किया। थोड़ी देर उछलने के बाद वो मेरे ऊपर लेट कर  मेरे होठो को किस करने लगी और अपनी गांड को हिलाते हुवे मरे लंड से चुदवा रही थी।

थोड़ी देर ऐसी पोज़ में चुदवा ने के बाद वो थक गई तो मेने फिर भाभी को निचे ले कर उनके दोनों पेरो को फैला कर भाभी की चुत चुदाई करना सुरु किया।

मेरा लंड ने बहुत वीर्य निकला था इस लिए इस बार चुत चुदाई करते हुवे बहुत टाइम के बाद मेरे लंड का वीर्य निकला। और इस बार भी भाभी की चुत में ही दाल दिया।

भाभी की ऐसी चुदाई करने के बाद हम दोनों थक गये थे। तो हम दोनों एक दूसरे की बहो में आ कर लिपट कर थोड़ी देर आराम किया।

फिर भाभी ने बात करते हुवे कहा की कल भी तुमने खाना नहीं बनाबे दिया और आज भी खाना नहीं बनाने दिया। तो मेने भी कहा कोय बात नहीं भाभी अभी होटल से मगवा लेते है और मेने होटल में फ़ोन कर ले खाना मगवाया।

आर्डर लिखवाते हुवे मुझे बायता गया की ४५ मिनट में खाना आ जाएगा। मेने भाभी को ये बताया तो बोली की तब अटक फ्रेश हो जाए है। फिर भाभी फ्रेश होने बाथरूम में जाने लगी तो में भी भाभी के पीछे पीछे बाथरूम में चला गया ।

भाभी मुझे आते हुवे देख कर कहने लगी की अब और किता करना है तुम तो मेने भी शॉवर चालू करते हुवे कहा की अभी तो तुम साफ भी तो करना है।

शॉवर के पानी से दोनों भीग रहे थे तब भाभी मेरी और आकर मुझे अपनी बहो में ले कर मेरे बदन को किस करने लगी। उस समय हम दोनों के नगे बदन भीगे रहे थे उस समय कुछ अलग ही ऐहसास हो रहा था।

पानी ठंडा था पर उस वक्त हम दोनों के बदन धिरे धिरे फिर गर्म हो रहे थे। भाभी ने अपने सेक्सी अंदाज से मुझे एक बार उसे चुदने के लिए मजबूर कर दिया।

मेने भी भाभी को दीवार की और धकेलते हुवे भाभी को बदन पर किस करने लगा और फिर भाभी का एक पैर उठा कर भाभी की चुत में लंड दाल कर भाभी की फिर चुदाई चालू की।

थोड़ी देर की चुदाई में भाभी तो शांत हो गई पर मेरा लंड तो अभी भी खड़ा था तो भाभी ने फिर मेरे लंड को अपने हाथो में ले लिया और हिलाते हुवे मेरे लंड के टॉप को चूमले लगी।
फिर अपने मुँह की और मेरे लंड को रख कर जोर जोर से हिलाते हुवे मेरे लंड का पानी निकाल दिया।

मेरा लंड का पानी भाभी के सहरे पर आ गया था। तभी मुझे पिसाब लगी तो मेने भाभी के बूब्स की और निशाना करते हुवे भाभी के बदन पर ही मूतने लगा। भाभी मेरी इस हरकत की उम्मीद नहीं थी। इस वजसे भाभी थोड़ा घुसे होते हुवे मुझे गन्दा कहने लगी और मुझे खा की अब तुम बहार जाव में अछि तरह से नाहा कर आती हु।

में बाथरूम में से बहार आ कर अपने रूम में जा कर कपडे पहन लिए। भाभी की रूम की और जा रहा था ता दूर बेल्ल बाजु मेने देखा तो वो होटल  से खाना ले कर आया था।
मेने सब खाना टेबल पे तैयार किया तब भाभी भी तैयार हो कर खाना खाने के लिए आगई और हम दोनों ने खाना खा लिया।

खाना खाने के बाद हम दोनों फिर बैडरूम में आ गए। पर इस बार हमने चुदाई करने के बदले एक दूसरे से प्यार की बाटे करने लगे । भाभी के साथ बात छूट करते हुवे भाभी ने बताया की कल रात की बारिस के वजसे ही तुम मेरी चुदाई करने में कामयाब हो सके।

उस दिन फिर कुछ घटे तक हम ऐसे ही बेड पर एक दूसरे की बहो में लेटे रहे। मेरा तो उस दिन सैम को भी भाभी की चुदाई करने का मन था पर मेरे दोस्त को कुछ काम था उस वजसे वो मेरे घर आया था और मुझे फिर उसके साथ जाना पड़ा इस लिए उस दिन में फिर से भाभी की चुदाई नहीं कर पाया था।

पर मुझे उस बात की बेफिक्री थी ककी भाभी तो घर पर ही है तो अब जब चाहे भाभी की चुदाई कर सकता हु । पर मुझे क्या पता था की मेरी ये खुसी जयादा दिन टिकने वाली नहीं थी।

आगे क्या हुवा वो जाने के लिए थोड़ा इंतज़ार करो ........

Rasprad aur rochak kahani aage badhye
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ravi3535 Offline
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#9
18-12-2017, 08:36 PM
हेलो दोस्तों आप लोगो ने अब तक पढ़ा की मेने सुबह ही भाभी की चुदाई करने के बाद साम को मेरे दोस्त के साथ काम से बहार चला गया। मेरी जाने की इच्छा तो नहीं थी पर दोस्ती के वजसे जाना पढ़ा।

साम को में थोड़ा देरी से आया। में घर पोहचा तब मेने घर में देखा की मेरा भाई भी घर पर आ चूका था इस लिए में भाई से मिला और बाते की और रत का खाना खा कर सोने चला गया। सोते वक्त भी में वही सोच रहा था की भाभी अभी साथ होती तो जैम कर चुदाई करता।

ऐसे ही भाभी के खयालो में नींद कब आ गई पता ही नहीं चला। सुबह मेरे सो रहा था तब मेरा दरवाजा ठोकने की आवाज से उठा और देख तो भाभी अपनी नाईटी पहने कर मेरे सामने खड़ी थी।

में भाभी को देख कर अपनी बाहे फैला कर भाभी को अपनी बहो में लेने ही वाला था तब
भाभी ने मुझे अपने हाथ से ढका देते हुवे खा की जल्दी तैयार हो जाव कोलाज के लिए देर होजायेगी। और खा की तुम्हारे भाई अभी ही नहा कर बहार आने वाले है इस लिए तुम भी कोलाज के लिए जल्दी त्यार हो जाना।

में फिर जल्दी जल्दी त्यार हो कर नास्ते के लिए निचे आया और सब ने मिल कर नास्ता किया। नास्ते के बाद भाई अपनी बेग त्यार करके निकलने लगे और मुझे साथही आने को खा तो मेने कुछ बुक लेने के का बहाना कर के भाभी को आगे जाने को कहा और में अपने कमरे में बुक लेने के लिए चला गया।

में रूम से बहार निकला तब तक भाई निकल चूका था। और भाभी दवाजा बन करते हुवे किचन की और जा रही थी तो मेने बिच में जा कर उनका रास्त रोकते हुवे भाभी को बहो में लेने की टॉय की।

भाभी ने मुझे हटाते हुवे कहा की अभी नहीं और तुम कोलाज के लिए देर हो रही है इस लिए तुम जल्दी निकलो। मेरे मुहमे से सिर्फ प्ल्ज़ भाभी ऐसे ही शब्द निकल रहे थे। फिर में ने भाभी को कहा की जाने से पहले मीठा मुँह तो करवा दो। भाभी भी ये बात सुन कर सटे हुवे मेरे गलो पर अपने हाथ रख कर मेरे होठो को चूमने ने बाद मुझे दवाजा की और हल्का ढका देते हुवे मुझे कोलाज में जाने को कहा।

में फिर कोलाज के लिए तो निकल गया पर मेरा मन तो अभी भी भाभी के पास ही था। में कोलाज में लेक्चर के लिए तो बैठा था पर में तो साम को कैसे भाभी की चुदाई करू इसके बरमे में चोंच रहा था। इस सोच में पूरा दिन निकल गया।

साम को में जब कोलाज और टूशन ख़तम कर के घर पोछ कर घर की दूर बेल्ल बजाई। भाभी ने दवाजा खला और मेरे सामने मुस्कुरा कर देखते हुवे अपने रूम में चली गई। मेने भी दरवाजा बन करते हुवे अपने बेग को हॉल में ही फेक दिया और भाभी के कमरे की और चला गया।

भाभी अपने कमरे के कबोट के अंदर कपडे रख रही थी तो मेरे पीछे से जा कर भाभी को अपनी बहो में पकड़ लिया। मेरी उस हरकत से भाभी के मुहसे हसी वाली आवाज आई की रवि छोड़ो मुझे आज कल तुम बहु सेतान हो गए हो।

में भी भाभी को कमर से पकड़ते हुवे बेड की और ले गया और बेड पर लिटा दिया। भाभी बेड पर लिटी हुवी मेरे सामने सेक्सी नजरो से देखते हुवे हलकी हलकी मुसकुराहट दे रही थी।

में भी भाभी के ऊपर आते हुवे उनकी साड़ी का पलु हटाते हुवे भाभी की गर्दन पर किस करने लगा। भाभी के मुँह से आवाज आ रही थी की छोड़ो ना रवि प्ल्ज़ ऐसा क्या कर रहे हो..? तुम्हारे भैया आते ही होंगे ...बहुत काम बाकि है अब तक ...।

पर में इन बातो को अनदेखा करते हुवे भाभी की गर्दन पर किस करते हुवे होठो पर किस कर के भाभी की आवाज को दबा दिया। और अपने हाथ को भाभी के ब्लाउज पर रख कर बूब्स को दबा रहा था।

भाभी बस गरम हो ही रही थी की डोर बेल्ल की आवज आने पर भाभी थोड़ी दर गई और मुझे जोर से हटाते हुवे अपने कपडे बराबर करने लगी। मुझे भी बेडरूम में से निकलने को बोल दिया। उस वैट भाभी की आखो में मुझे बहुत ही डर दिख रहा था।

में भी तुरत भाग कर हॉल में से बेग ले कर अपने कमरे चला गया। फिर भाभी दवाजा खलने गई। मेने गौर से सुने की कोस की तो मुझे भ्या की ाब्ज सुनाई दी। मर भी अपने बेग में से बुक निकल कर पड़ने की एक्टिंग करने लगा।

उस वक् दिल की धड़कन तेज हो गई थी। मन में सोच ने लगा की आज तो बल बल बचे और फिर चोचने अगर भाभी की चुदाई करते वक्त भाई आगया होता तो संभालना मुश्किल हो जाता। मुझे पता था की भाभी भी शायद डर चुकी थी भयाके आने से।

जब तक मुझे खाने के लिए आवाज नहीं आयी में तब तक अपने कमरे मेसे बहार नहीं निकला। खाना खाने के बाद थोड़ी देर भाई भाभी के साथ बैठा उस समय भाभी ने मेरी और देखा भी नहीं।

थोड़ी देर बेथ ने के बाद में अपने रूम में चला आया फिर भाभी की याद में मुठ मर के सो गया। मुठ मरने से जल्दी नींद आ गई।

सुबह मेरी नींद जल्दी उड़ गई पर में कुछ समय वेट करने लगा की भाभी आकर मुझे अभी उठाएगी। पर मेरी कितनी देर तक रह देख ने पर भी भाभी ना आने पर में खुद ही उठ कर तयार होने लगा ।

तैयार हो कर किचन में गया तो भाई नास्ता कर रहा था तो में भी नास्ते करने बेथ गया। उस दिन भाई को जल्दी निकलना था तो जल्दी जल्दी नास्ता करके निकल गए। मेने भी जल्दी नास्ता कर के भाई के जाने के बाद तुरत भाभी के कर्मरे में गया जहा पर वो कुछ काम कर रही थी।

मेने भाभी को आवज देते हुवे भाभी के पास गया और मेरी आवज सुते ही भाभी अपना काम छोड़ कर मेरे सामने खड़ी हो गई। में उसके और नजदीक जाता उसके पहले मुझे कहने लगी की " रवि प्ल्ज़ अब से ऐसा कुछ नहीं करेंगे हम दोनों "

में भाभी की और आते हुवे भाभी के हाथो को अपने हाथो में लेने की कोसी करते हुवे भाभी को कहने लगा की " साल रत को गलती हो गई थी अगली बार से बहुत सावधानी रखगे "

तो भाभी ने खा की प्ल्ज़ रवि अब नहीं कल तो बल बल बचे अगर आगे ऐसा करते हुवे पकडे गई तो मेरे हस्ता खेलता परिवार बिखर जाएगा।

में भाभी की बाते अनसुनी करते हुवे भाभी के अपनी बहो में बाहरणे की कोसिस कर रहता की भाभी ने मुझे अपने से दूर करते हुवे मेरे गाल पर एक जार से थपड लगा दी। और रट हुवे अपने हाथ जोड़ कर मुझे कहने लगी की प्ल्ज़ अभी ऐसा पैट करना कभी।

में भी सज गया था की अब चुदाई होनी मुश्किल है और भाभी का दुखी चेहरा देख कर में कोलाज के लिए निकल गया। पुरे दिन मुझे भाभी का वही चेहरा मेरी नजरो के सामने दिख रहा था। में भाभी को फिर ऐसा दुखी नहीं करना चाहता था इस लिए उस दिन के बाद मेने भाभी की चुदाई ना करने का फिक्स किया।

उस दिन से मेरी और भाभी की बातचीत भी काम हो गई थी। पर मेने भाभी की चुत का मज़ा ले लिया था तो ऐसे ही थोड़ी में भाभी को अपने ख्यालो में से निकल सकता था। इस लिए भाभी की याद में रोज मुठ मरने लगा।

पर सायद मेरे नसीब में भाभी की चुदाई लिखी थी इस लिए मुझे एक और मौका मिला भाभी को मनाने का।

अब कैसे अगली बार मुझे भाभी की चुदाई का मौका मिला वो जाने के लिए थोड़ा वेट करो .....
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dpmangla Online
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19-12-2017, 10:51 PM
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